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पूरी दुनिया में फैले और बिखरे पड़े हैं मानव के डीएनए, वैज्ञानिकों ने जताई चिंता कि इन डीएनए का कोई गलत इस्तेमाल न कर ले, पढ़िए, पूरी रिपोर्ट

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क्या हो अगर आपके डीएनए से आपकी पूरी डिटेल कोई निकाल कर ब्लैक मार्केट में बेंच दे? ये संभव भी है। क्योंकि हम इंसान पूरी धरती पर अपने डीएनए छोड़ते जा रहे हैं। हमारे गिरते बाल, त्वचा से निकलती परतें और थूक आदि। इन सब में केमिकल कोड लिखे होते हैं, जो हमारे शरीर को चलाने में मदद करते हैं।

वैज्ञानिकों को इसी बात की चिंता है कि दुनियाभर में फैले डीएनए का कोई गलत इस्तेमाल न कर लें। एक नई स्टडी के मुताबिक टेक्नोलॉजी इतनी एडवांस हो चुकी है कि इंसानों के डीएनए को हवा, पानी या जमीन कहीं से भी उठाया जा सकता है। लोगों की पर्सनल डिटेल्स का गलत हाथों में जा सकते हैं।

इस तरह की बड़ी चोरी के लिए पूरी दुनिया और इंसानियत तैयार नहीं है। यूनिवर्सिटी ऑफ फ्लोरिडा के जूलॉजिस्ट डेविड डफी कहते हैं कि हम तकनीक को ज्यादा एडवांस कर रहे हैं। यह समाज के फायदे के लिए ही होती हैं। लेकिन अगर ये गलत हाथों में पड़ जाएं तो इनका नुकसान सबको उठान पड़ सकता है।

डेविड डफी ने कहा कि हम दुनियाभर में फैले डीएनए को लेकर बढ़ रही चिंता को समय से काफी पहले सबके सामने लाना चाहते हैं। ताकि इसे लेकर नीतियां और नियम बनाए जा सकें। धरती की सतह पर पेड़-पौधों, जानवरों और इंसानों के डीएनए विभिन्न माध्यमों से फैले हुए हैं। जिसे वैज्ञानिक 'e' DNA यानी एनवायरमेंटल डीएनए कहते हैं।

तकनीक इतनी विकसित हो चुकी है कि अगर एक eDNA का छोटा सा टुकड़ा भी हाथ लग जाए तो उसकी सिक्वेंसिंग करके पूरे इकोलॉजी के जीवों का इतिहास निकाला जा सकता है। साथ ही यह भी पता किया जा सकता है कि उस जगह पर किस तरह के जीव मौजूद हैं।

यह भी पता चल सकता है कि यह डीएनए जिस जीव का है उसके आसपास की आबादी में किस तरह की बीमारी फैली है। आबादी का बीमारी के साथ किस तरह का रिश्ता है। कितनी बार बीमार हुए हैं लोग या जीव। किस तरह की संक्रामक बीमारियां टिकी हुई हैं।

 

इसका बड़ा उदाहरण है पौराणिक समुद्री शैतान लॉच नेस का डीएनए खोजने की कोशिश की थी। हालांकि उसे खोजने के चक्कर में कई और बड़े खोज हो गए। लोग जेनेटिक सीक्रेट्स जान गए. डीएनए सिक्वेसिंग के पुरानी पद्धत्तियां बेहद जटिल थी। लेकिन अब eDNA की सिक्वेंसिंग को शॉटगन सिक्वेंसिंग कहते हैं।

इस काम में डेविड डफी और उनकी टीम मास्टर है। इन लोगों ने आयरलैंड से पानी और रेत का सैंपल लिया। सैंपल को फ्लोरिडा यूनिवर्सिटी के व्हीटनी लेबोरेटरी फॉर मरीन बायोसाइंसेस एंड सी टर्टल हॉस्पिटल लेकर गए। जहां से सैंपल लिए गए वहां पर इंसान नहीं रहते। ये बेहद सुदूर इलाके से लाया गया सैंपल था।

लेकिन जब डेविड और उनकी टीम ने स्टडी की तो सैंपल में इंसानी डीएनए के टुकड़े पाए गए। फिर उन्होंने अपने जीन्स की जांच की, कहीं ये टुकड़े उनके शरीर से तो नहीं गिरे थे। लेकिन ये उनके भी नहीं थे। सी टर्टल हॉस्पिटल में हवाओं से लिए गए सैंपल में भी eDNA मिला।

डेविड कहते हैं कि सैंपल जहां से भी जुटाए गए। उनकी गुणवत्ता ठीक वैसी ही थी जैसे हम किसी इंसान से उसका डीएनए लेते हैं। सोचिए कि अगर इस तरह से कोई डीएनए सैंपल जुटाकर उसका दुरुपयोग करे तो कितना नुकसान होगा। समाज को भी और पूरी धरती को भी। यह स्टडी हाल ही में नेचर इकोलॉजी एंड इवोल्यूशन में छपी है।

नया संसद भवन बनकर हो चुका है तैयार, इसी महीने के अंत तक उद्घाटन करेंगे पीएम मोदी

#parliament_inauguration_likely_near_30_may

नया संसद भवन बनकर तैयार हो चुका है। उम्मीद हैं कि नव निर्मित संसद भवन का औपचारिक उद्घाटन इस महीने के अंत तक किया जाएगा। इसका उद्घाटन 30 मई को हो सकता है, जिस दिन प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने नौ साल पहले 2014 में पद की शपथ ली थी।हालांकि, इसके उद्घाटन को लेकर अब तक कोई आधिकारिक बयान नहीं दिया गया है।

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लोकसभा सचिवालय के सूत्रों ने बताया कि नए संसद भवन के उद्घाटन की तैयारी युद्धस्तर पर की जा रही है। निर्देश है कि इसी हफ्ते तक भवन से जुड़े सभी जरूरी तैयारियां हर हाल में पूरी कर ली जाएं। इस महीने के अंत तक उद्घाटन के लिए तैयार रहने का निर्देश दिया गया है। इसके लिए अभी से जरूरी सुरक्षा इंतजाम किए गए हैं। गौरतलब है कि कोरोना महामारी और यूक्रेन युद्ध के कारण नए संसद भवन के निर्माण के लक्ष्य को बीते साल पूरा नहीं किया जा सका था। परियोजना को पूरा करने की मूल समय सीमा पिछले साल नवंबर थी।

मीडिया रिपोर्टों के अनुसार, जुलाई में शुरू होने वाला आगामी मानसून सत्र नए भवन में आयोजित होने की संभावना नहीं है। इस मामले से जुड़े सूत्रों ने बताया कि ऐसी अटकलें हैं कि जी20 देशों की संसदों के अध्यक्षों की बैठक इस साल के अंत में नए भवन में हो सकती है। भारत 2023 के लिए जी20 की अध्यक्षता कर रहा है।

नई इमारत राष्ट्र के शक्ति केंद्र सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास का हिस्सा है। राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक तीन किलोमीटर की सड़क का नवीनीकरण, एक सामान्य केंद्रीय सचिवालय का निर्माण, प्रधानमंत्री का एक नया कार्यालय और आवास, और एक नया उपराष्ट्रपति एन्क्लेव भी केंद्रीय लोक निर्माण विभाग द्वारा पूरी की जा रही इस परियोजना का हिस्सा हैं।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दिसंबर 2020 में नए संसद भवन की आधारशिला रखी थी, जिसमें आधुनिक सुविधाएं होंगी। संसद की नई इमारत का निर्माण टाटा प्रोजेक्ट्स लिमिटेड द्वारा किया जा रहा है। इस इमारत में भारत की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए एक भव्य संविधान कक्ष, संसद सदस्यों के लिए एक लाउंज, एक पुस्तकालय, कई समिति कक्ष, भोजन क्षेत्र और पर्याप्त पार्किंग स्थान होगा। 64,500 वर्ग मीटर के क्षेत्र में निर्मित, नई चार मंजिला इमारत में 1,224 सांसद बैठ सकते हैं। नए संसद भवन में तीन मुख्य द्वार हैं, जिनका नाम ज्ञान द्वार, शक्ति द्वार और कर्म द्वार रखा गया है। भवन में सांसदों, वीआईपी और आगंतुकों के लिए अलग-अलग प्रवेश द्वार होंगे। इमारत का एक अन्य आकर्षण संविधान हॉल है, जिसे देश की लोकतांत्रिक विरासत को प्रदर्शित करने के लिए बनाया गया है। हॉल में भारत के संविधान की मूल प्रति रखी गई है।

पश्चिमी उत्तरप्रदेश मे नगर निकाय के चुनाव 2023 में आप का जलवा : सरकार से नाराज हिंदू व सपा से खफा मुस्लिम वोटरों ने फेर दी झाड़ू, बड़ी पार्टियों

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 यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 जिसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है वह रंग बिरंगे नतीजों के साथ संपन्न हो गया। यूपी में प्रवेश करने की जद्दोजहद में लगी आम आदमी पार्टी को पश्चिमी उप्र में अच्छी कामयाबी मिली है। अब तक सामने आए विशलेषणों से साफ होता है कि आप को सपा से खफा मुसलमानों ने और सरकार से खफा हिंदुओं ने वोट दिया है। हालांकि मुरादाबाद शहर में टिकट बंटवारे में पक्षपात और खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी को नकारकर फिर मुसलमानों ने कांग्रेस पर दांव लगाया है। नतीजों से खुश अरविंद केजरीवाल अब यूपी में अपनी ताकत और बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं। खबर है कि वह जल्दी ही यूपी आएंगे और विजेताओं के साथ एक कार्यक्रम करेंगे।

तीन पालिका व छह पंचायतों पर कब्जा

निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। चुनावों में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल की और सभी सत्रह महापौर के पद पर कब्जा जमाने के साथ नगर पालिका और नगर पंचायत में भी सर्वाधिक सीटें जीती हैं। इस चुनाव में एआईएमआईंएम के साथ आाम आदमी पार्टी का भी इम्तेहान था। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आप की कोशिश यूपी में दाखिल होने की रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी थी। निकाय चुनाव के नतीजे आने से साफ हो गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तीन नगर पालिका, और छह नगर पंचायत में अब झाड़ू का कब्जा रहेगा। उल्लेखनीय है कि रामपुर जैसी नगर पालिका में आप ने जीत का परचम फहराया है। इसके अलावा भाजपा के कब्जे से पाकबड़ा नगर पंचायत भी आप ने छीन ली है। रामपुर से सना मामून, पाकबड़ा से मोहम्मद याकूब ने जीत हासिल की है। इसी तरह स्योहारा नगर पालिका से फैसल वारसी, अलीगढ़ जिले की खैरनगर पालिका से संजय शर्मा ने जीत हासिल की है। कौशांबी की सराय अकिल नगर पंचायत से अनूप सिंह पटेल, मुजफ्फरनगर की शाहपुर नगर पंचायत से हाजी अकरम, रामपुर की कैमरी नगर पंचायत से रफत जहां, अमरोहा की जोया नगर पंचायत से हाजी जुबैर और मथुरा की बरसाना नगर पंचायत से श्रीमति विजय सिंह ने जीत हासिल की है।

सपा व भाजपा के लिए नई चुनौती

आप के रुहेलखंड प्रांत के उपाध्यक्ष राशिद सैफी ने बताया कि मुरादाबाद, बिजनौर, अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, अमेठी, कौशांबी, कुशीनगर, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, बांदा, कानपुर, बदायं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बहराइच आदि जिलों में आप का प्रदर्शान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है। देश में सिर्फ आप की नीतियां ही जनकल्याणकारी हैं। आप जो कहती है वह करती है और जनता को अधिकाधिक सुविधा देती है। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त आम आदमी पार्टी का है। आप सभी को साथ लेकर चलती है और बगैर पक्षपात और भेदभाव के विकास कार्य करा रही है। जानकार मानते हैं कि जिल तरह जनता ने आप पर विशवास जताया है अब उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती आप नेतृत्व पर है। बहरहाल, आप ने पश्चिमी उप्र में सपा, रालोद और भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है।

पश्चिमी उत्तप्रदेश में नगर निकाय के चुनाव 2023 में आप का जलवा : सरकार से नाराज हिंदू व सपा से खफा मुस्लिम वोटरों ने फेर दी झाड़ू, बड़ी पार्टियों

 यूपी नगर निकाय चुनाव 2023 जिसे लोकसभा चुनाव का सेमीफाइनल माना जा रहा है वह रंग बिरंगे नतीजों के साथ संपन्न हो गया। यूपी में प्रवेश करने की जद्दोजहद में लगी आम आदमी पार्टी को पश्चिमी उप्र में अच्छी कामयाबी मिली है। अब तक सामने आए विशलेषणों से साफ होता है कि आप को सपा से खफा मुसलमानों ने और सरकार से खफा हिंदुओं ने वोट दिया है। हालांकि मुरादाबाद शहर में टिकट बंटवारे में पक्षपात और खरीद-फरोख्त के आरोपों से घिरी को नकारकर फिर मुसलमानों ने कांग्रेस पर दांव लगाया है। नतीजों से खुश अरविंद केजरीवाल अब यूपी में अपनी ताकत और बढ़ाने की तैयारी करने लगे हैं। खबर है कि वह जल्दी ही यूपी आएंगे और विजेताओं के साथ एक कार्यक्रम करेंगे।

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तीन पालिका व छह पंचायतों पर कब्जा

निकाय चुनाव के नतीजे सामने आ गए हैं। चुनावों में भाजपा ने बड़ी कामयाबी हासिल की और सभी सत्रह महापौर के पद पर कब्जा जमाने के साथ नगर पालिका और नगर पंचायत में भी सर्वाधिक सीटें जीती हैं। इस चुनाव में एआईएमआईंएम के साथ आाम आदमी पार्टी का भी इम्तेहान था। दिल्ली और पंजाब में सरकार चला रही आप की कोशिश यूपी में दाखिल होने की रही है, लेकिन अभी तक कामयाबी नहीं मिल सकी थी। निकाय चुनाव के नतीजे आने से साफ हो गया कि पश्चिमी उत्तर प्रदेश की तीन नगर पालिका, और छह नगर पंचायत में अब झाड़ू का कब्जा रहेगा। उल्लेखनीय है कि रामपुर जैसी नगर पालिका में आप ने जीत का परचम फहराया है। इसके अलावा भाजपा के कब्जे से पाकबड़ा नगर पंचायत भी आप ने छीन ली है। रामपुर से सना मामून, पाकबड़ा से मोहम्मद याकूब ने जीत हासिल की है। इसी तरह स्योहारा नगर पालिका से फैसल वारसी, अलीगढ़ जिले की खैरनगर पालिका से संजय शर्मा ने जीत हासिल की है। कौशांबी की सराय अकिल नगर पंचायत से अनूप सिंह पटेल, मुजफ्फरनगर की शाहपुर नगर पंचायत से हाजी अकरम, रामपुर की कैमरी नगर पंचायत से रफत जहां, अमरोहा की जोया नगर पंचायत से हाजी जुबैर और मथुरा की बरसाना नगर पंचायत से श्रीमति विजय सिंह ने जीत हासिल की है।

सपा व भाजपा के लिए नई चुनौती

आप के रुहेलखंड प्रांत के उपाध्यक्ष राशिद सैफी ने बताया कि मुरादाबाद, बिजनौर, अलीगढ़, अमरोहा, अयोध्या, अमेठी, कौशांबी, कुशीनगर, रामपुर, मुजफ्फरनगर, मेरठ, मथुरा, गाजियाबाद, झांसी, बांदा, कानपुर, बदायं, फिरोजाबाद, फर्रुखाबाद, बहराइच आदि जिलों में आप का प्रदर्शान उल्लेखनीय रहा है। उन्होंने कहा कि जनता अब समझ चुकी है कि सभी दल एक ही थाली के चट्टे-बट्टे है। देश में सिर्फ आप की नीतियां ही जनकल्याणकारी हैं। आप जो कहती है वह करती है और जनता को अधिकाधिक सुविधा देती है। उन्होंने कहा कि आने वाला वक्त आम आदमी पार्टी का है। आप सभी को साथ लेकर चलती है और बगैर पक्षपात और भेदभाव के विकास कार्य करा रही है। जानकार मानते हैं कि जिल तरह जनता ने आप पर विशवास जताया है अब उनकी अपेक्षाओं को पूरा करने की चुनौती आप नेतृत्व पर है। बहरहाल, आप ने पश्चिमी उप्र में सपा, रालोद और भाजपा की बैचेनी बढ़ा दी है।

पाक पुलिस का दावा- इमरान खान के घर में छिपे हैं 30-40 आतंकवादी, कमांडो ने इलाके को घेरा, दिया 24 घंटे का अल्टीमेटम

#imran_khan_s_house_surrounded_by_police_claim_input_of_terrorists_hiding

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान के लाहौर स्थित घर को पुलिस ने घेर लिया है। पुलिस का दावा है कि इमरान खान के घर में आतंकियों के छिपे होने का इनपुट मिला है। पाकिस्‍तान की मीडिया के मुताबिक उनके लाहौर स्थित जमान पार्क वाले घर में 30-40 आतंकवादियों ने शरण ले ली है। इस पर पंजाब प्रांत की सरकार ने पुलिस को भेजा है। पुलिस ने इमरान के घर को घेर लिया है तो सरकार ने आतंकियों को सौंपने के लिए 24 घंटे की सीमा दी है।

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बुधवार को पंजाब प्रांत की अंतरिम सरकार ने इमरान खान की पार्टी पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) को 24 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए इमरान खान के घर छिपे 30-40 आतंकवादियों को सौंपने का फरमान जारी किया है। पंजाब प्रांत के सूचना मंत्री आमिर मीर ने लाहौर में एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित किया। उन्‍होंने कहा, 'पीटीआई को इन आतंकवादियों को सौंप देना चाहिए नहीं तो कानून अपना काम करेगा। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार इन आतंकियों की मौजूदगी के बारे में जानती थी क्योंकि उसके पास विश्वसनीय खुफिया जानकारी थी। मीर ने कहा, जो इंटेलिजेंस रिपोर्ट मिली, वह हैरान कर देने वाली थी।उन्होंने कहा कि एजेंसियां जियोफेंसिंग के जरिए जमान पार्क में आतंकियों की मौजूदगी की पुष्टि कर सकती है

मीर ने कहा कि पीटीआई अब एक 'आतंकियों' की तरह बर्ताव कर रही है। उनका कहना था कि पीटीआई प्रमुख इमरान एक साल से ज्‍यादा समय से सेना को निशाना बना रहे हैं। मीर का दावा है कि इमरान खान की गिरफ्तारी से पहले हमले की योजना बनाई थी। मीर ने बताया कि आर्मी इंस्‍टीट्यूट पर नौ मई को हमले एक निर्धारित योजना के तहत किए गए थे।

इस बीच इमरान के घर की पुलिस द्वारा घेराबंदी की खबर मिलते ही बड़ी संख्या में इमरान के समर्थक भी उनके घर के बाहर जमा होने लगे हैं। इमरान के घर के बाहर भारी पुलिस बल और उनके समर्थकों के जमा होने के बाद झड़प की आशंका भी बढ़ गई है। 

बता दें कि पिछले एक हफ्ते से देश में राजनीति उथल-पुथल का माहौल है और इस नई घटना ने अस्थिरता को बढ़ा दियर है।

*फिर बेघर हुए पाकिस्तान से आए हिंदू, जैसलमेर में कलेक्टर टीना डाबी के आदेश के बाद घरों पर चला बुलडोजर*

#ias_tina_dabi_orders_eviction_of_pakistan_hindu_migrants_from_govt_land_in_jaisalmer

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चर्चित आईएएस टीना डाबी के एक आदेश ने दर्जनों पाक विस्तापित हिन्दुओं के आशियाने उजाड़ दिए हैं। टीना डाबी जैसलमेल कलेक्टर हैं और उन्होंने यूआईटी के अधिकारियों को आदेश दिए कि अमर सागर इलाके में डेरा डाले बैठे लोगों की बस्ती को हटा दिया जाए। फिर क्या था, यूआईटी के सहायक अभियंता की अगुवाई में दस्ता जैसलमेर के अमर सागर इलाके में पहुंचा और दर्जनों आशियानों पर बुलडोजर चला दिया। जिसके बाद महिलाएं और बच्चों समेत सैंकड़ों लोग इस भीषण गर्मी में सड़क पर आने के लिए मजबूर हो गए।

पाकिस्तान में उत्पीड़न से परेशान होकर राजस्थान के जैसलमेर पहुंचे हिंदुओं की मुश्किलों का अंत नहीं हुआ है। यहां अतिक्रमण की कार्रवाई में इनका आशियाना गिरा दिया गया है।। पाकिस्तान में आतंक और सरकार के दमन से बचकर किसी तरह भारत आए ये लोग काफी वक्त से अमर सागर में रह रहे थे, लेकिन जिला कलेक्टर टीना डाबी के आदेश पर इनके घरों को जमीदोज़ कर दिया गया। प्रशासन की इस कार्रवाई का इन हिंदू परिवारों की महिलाओं ने विरोध भी किया, लेकिन भारी पुलिसबल के साथ पहुंची प्रशासन की टीम ने इनके घरों को गिरा दिया। अब इस भीषण गर्मी में इन लोगों के सिर पर कोई छाया नहीं है।

आईएएस टीना डाबी के निर्देश पर अस्थायी बस्तियों के 28 मकानों को अतिक्रमण बताकर प्रशासन ने बुलडोजर से ढहा दिया। जिसके बाद बच्चों समेत 150 से ज्यादा लोग बेघर हो गए हैं। अब वे सब खुले आसमान के नीचे तपती धूप में रहने को मजबूर हैं। मई के महीने में जैसलमेर सहित पश्चिमी राजस्थान के कई इलाकों में भीषण गर्मी पड़ रही है। तापमान 45 डिग्री के पार पहुंच गया। इस भीषण गर्मी में जिला कलेक्टर के एक आगेश से पाक विस्तापित परिवारों के आशियाने ध्वस्त कर दिए। कार्रवाई के दौरान पीड़ित परिवार रोते बिलखते रहे लेकिन किसी को इन पर तरस नहीं आया।

इस कदम का बचाव करते हुए आईएएस टीना डाबी ने कहा कि कार्रवाई अमरसागर सरपंच और स्थानीय निवासियों से मिली शिकायतों के आधार पर की गई है। शिकायतकर्ताओं ने दावा किया था कि हिंदू प्रवासियों ने कथित रूप से राज्य सरकार शहरी सुधार ट्रस्ट (यूआईटी) से संबंधित भूमि पर अवैध रूप से कब्जा कर लिया है। उन्होंने कहा कि प्रवासियों को जमीन खाली करने के लिए पहले भी नोटिस भी दिया गया था, लेकिन उन्होंने हटने से इनकार कर दिया। अब तक 28 अतिक्रमण हटाए जा चुके हैं। डाबी ने जोर देकर कहा कि राज्य सरकार ने अभी तक उन प्रवासियों के पुनर्वास के संबंध में कोई दिशानिर्देश जारी नहीं किया है, जिन्हें भारत की नागरिकता नहीं दी गई है।

अडानी-हिंडनबर्ग मामले में सेबी को सुप्रीम कोर्ट ने दिया 3 महीने का समय, 14 अगस्त तक रिपोर्ट सौंपने का आदेश

#sc_orders_sebi_to_submit_its_probe_report_before_august_14_in_adani_hindenburg_row

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हिंडनबर्ग रिसर्च के अडानी समूह के खिलाफ जांच के लिए सुप्रीम कोर्ट ने बाजार नियामक सेबी को तीन महीने का समय और दे दिया है। 14 अगस्त तक सेबी के जांच पूरी कर कोर्ट को अपनी रिपोर्ट सौंपनी होगी।बता दें कि सेबी ने हिंडनबर्ग रिसर्च रिपोर्ट की अपनी जांच पूरी करने के लिए शीर्ष अदालत से छह महीने का समय मांगा था। सेबी की इस अर्जी पर अपनी सुनवाई पूरी करने के बाद सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को अपना फैसला सुरक्षित रख लिया था।

अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग और अडानी मामले की जांच की मांग वाली याचिका पर आज फिर से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई हुई।सेबी ने इससे पहले कोर्ट ने मामले की जांच के लिए 6 महीने का वक्त मांगा था। सेबी ने कोर्ट के सामने दलील दी है कि मामला बहुत जटिल है इसलिए मामले की जांच के लिए उन्हें कुछ और वक्त चाहिए। हालांकि कोर्ट ने छह महीने के बजाए तीन महीने का वक्त दिया है। कोर्ट ने कहा है कि वो तीन महीने में अडानी मामले की पूरी जांच कर रिपोर्ट सौंपे।

न्यायाधीश डी वाई चंद्रचूड़ ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से सवाल किया कि हमें बताए आपने अब तक क्या किया है। हमने आपको दो महीने का समय पहले ही दिया था और अब उसे अगस्त तक के लिए बढ़ा दिया है जो पांच महीने हो जाता है।प्रधान न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अगुवाई वाली पीठ ने सेबी को अपनी जांच पर स्टेटस रिपोर्ट दाखिल करने का भी निर्देश दिया।

मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि बताया कि कोर्ट द्वारा गठित एक्सपर्ट कमिटी ने टाइमलाइन को ध्यान में रखते हुए कोर्ट के आदेश के मुताबिक अपनी रिपोर्ट दो महीने में सौंप दी। कोर्ट ने कहा कि अब इस मामले की सुनवाई 11 जुलाई 2023 को होगी। चीफ जस्टिस ने कोर्ट की मदद करने के लिए एक्सपर्ट कमिटी को बने रहने के लिए कहा है। तब तक उन्होंने कमिटी से आपसी चर्चा करने करने का अनुरोध किया है जिससे अगली सुनवाई के दौरान कोर्ट की आगे मदद की जा सके। मुख्य न्यायाधीश ने एक्सपर्ट कमिटी की रिपोर्ट सभी पक्षों और उनके वकीलों को उपलब्ध कराने के भी निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि अमेरिकी रिसर्च फर्म हिंडनबर्ग ने अडानी समूह पर गंभीर आरोप लगाए। 88 पन्नों की अपनी रिपोर्ट में हिंजनबर्ग ने अडानी पर अकाउंट में हेरफेर, शेयरों की ओवर प्राइसिंग समेत कई गंभीर आरोप लगाए।

हवा में हिचकोले खाने लगी दिल्ली-सिडनी एयर इंडिया फ्लाइट, कई यात्रियों को आईं चोटें

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एयर इंडिया के विमान के साथ मंगलवार को बड़ा हादसा हो सकता था। दिल्ली से ऑस्ट्रेलिया के सिडनी जा रहा एयर इंडिया का यह विमान आसमान में तेज हवा के झोंके में हिचकोले खाने लगा। हवा के झोंके (एयर टर्बुलेंस) इतने तेज थे कि फ्लाइट में अचानक तेज झटके लगने लगे। विमान के तेज हिल-डोल से कई यात्री जख्मी हो गए।विमान के सिडनी एयरपोर्ट पहुंचने पर घायल यात्रियों का इलाज किया गया। गनीमत यह है कि किसी यात्री को इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती नहीं होना पड़ा।

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जैसे ही फ्लाइट झटके लेने लगी तो यात्री घबरा गए. लेकिन क्रू मेंबर्स ने लोगों को समझाया। फ्लाइट में टर्बुलेंस इतना तेज था कि कई यात्री चोटिल हो गए।। हालांकि किसी को भी गंभीर चोटें नहीं आई है। आमतौर पर ऐसा तब होता है जब मौसम में खराबी आ जाए।

विमानन कंपनियों की नियामक संस्था डीजीसीए ने मंगलवार को घटना की जानकारी देते हुए कहा कि यह घटना मंगलवार (16 मई) को उड़ान के दौरान हुई। घटना में घायल यात्रियों को सिडनी हवाई अड्डे पर पहुंचने पर चिकित्सा सहायता मिली। डीजीसीए के अनुसार किसी भी यात्री को अस्पताल में भर्ती नहीं कराया गया है।

डीजीसीए ने बताया है कि एयर इंडिया का बी787-800 एयरक्राफ्ट VT-ANY फ्लाइट संख्या एआई-302 के रूप में दिल्ली से सिडी जा रहा था। उसी दौरान हवा में विमान तेज एयर टर्बुलेंस में फंस गया। इस दौरान विमान में सवार सात यात्रियों को मामूली चोटें आई। विमान के चालक दल के सदस्यों ने घायलों को प्राथमिक उपचार की सुविधा उपलब्ध कराई।

सिद्धारमैया को फिर कर्नाटक की कमान, कल ले सकते हैं शपथ

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कर्नाटक के सीएम को लेकर चार दिन से जारी कयासों का दौर अब खत्म हो गया है। सिद्धारमैया ही कर्नाटक के नए मुख्यमंत्री होंगे। वे कल सीएम पद की शपथ ले सकते हैं। वहीं, डीके शिवकुमार को अहम मंत्रालयों के साथ डिप्टी सीएम पद का ऑफर दिया गया है।हालांकि अभी सीएम के नाम को लेकर आधिकारिक घोषणा बाकी है

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कर्नाटक विधानसभा चुनाव के नतीजे सामने आने के करीब चार दिन बाद कर्नाटक के नए सीएम का नाम फाइनल हो गया है। पार्टी ने आज 10 जनपथ पर बैठक करने के बाद फैसला किया है कि कर्नाटक के अगले सीएम सिद्धारमैया होंगे। 18 मई को शपथ ग्रहण का कार्यक्रम होगा। इस दौरान सीएम और डिप्टी सीएम के साथ 10 मंत्री शपथ लेंगे।

कर्नाटक में सीएम बनने की रेस में सिद्धारमैया और डीके शिवकुमार के बीच कड़ा मुकाबला था लेकिन बाजी सिद्धारमैया के हाथ लगी। हालांकि, यह इतना आसान नहीं था। दोनों के बीच सीएम चुनने को लेकर कांग्रेस में किस तरह से उहापोह की स्थिति थी, इसका अंदाजा इस बात से लगा सकते हैं कि नाम फाइनल होने में कांग्रेस को चार दिन लग गए।

*सौरव गांगुली को अब 'Y' की बजाय मिलेगी 'Z' श्रेणी की सुरक्षा, पश्चिम बंगाल सरकार का फ़ैसला*

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भारतीय टीम के पूर्व कप्‍तान सौरव गांगुली की सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बढ़ाया जा रहा है। दादा पहले ही 'Y' श्रेणी की सुरक्षा के घेरे में रहते थे। अब इसे बढ़ाकर 'Z' श्रेणी की सुरक्षा दी जा रही है।रिपोर्ट्स के मुताबिक सौरव गांगुली की तरफ से सुरक्षा व्‍यवस्‍था बढ़ने के संबंध में कोई अनुरोध नहीं किया गया है। बंगाल सरकार ने स्‍वयं संज्ञान लेते हुए सुरक्षा व्‍यवस्‍था को बढ़ाने का निर्णय लिया है।

पूर्व बीसीसीआई अध्यक्ष को पहले 'Y' श्रेणी की सुरक्षा मिली हुई थी। इसकी अवधि समाप्त होने के बाद मंगलवार (16 मई) को सरकार ने गांगुली की सुरक्षा को अपग्रेड करने का फैसला किया गया। समाचार एजेंसी पीटीआई से बंगाल सरकार ने एक अधिकारी ने बताया, ''वीवीआईपी की सुरक्षा खत्म होने के बाद प्रोटोकॉल के मुताबिक समीक्षा की गई। उसके बाद गांगुली की सुरक्षा को 'Z' श्रेणी तक बढ़ाने का फैसला किया गया।''

नई सुरक्षा व्यवस्था के तहत गांगुली की सुरक्षा में अब 8 से 10 पुलिसकर्मी तैनात होंगे। अभी तक उनके साथ तीन पुलिसकर्मी रहते थे।गांगुली फिलहाल अपनी टीम दिल्ली कैपिटल्स के साथ यात्रा कर रहे हैं और 21 मई को कोलकाता लौटेंगे। उसी दिन से उन्हें जेड श्रेणी की सुरक्षा मिलनी शुरू हो जाएगी।

बता दें कि सौरव गांगुली पहले केंद्र सरकार के काफी करीब थे। सत्‍ताधारी दल की तरफ से दादा को अपनी पार्टी में शामिल होने का ऑफर भी दिया गया। हालांकि पूर्व भारतीय कप्‍तान इसके लिए तैयार नहीं हुए। इसके बाद एकाएक दोनों के बीच खटास की खबरें भी सामने आई। सौरव को बीसीसीआई अध्‍यक्ष पद से हटना पड़ा। अब बंगाल सरकार की तरफ से दादा को जेएड श्रेणी की सुरक्षा देना नए राजनीतिक समीकरण की ओर इशारा करता है।