संत आइएएस अधिकारी के रूप में प्रख्यात पूर्व आयुक्त स्व.रमाकांत मिश्र की जयंती सदाचार दिवस के रूप में मनाया गया
मिर्जापुर। आज प्रबोधिनी शक्ति धाम विंध्याचल में पूर्व आयुक्त काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक संत आईएएस अधिकारी के रूप में प्रख्यात रहे स्व. रमाकांत मिश्र की 92वीं जयंती सदाचार दिवस के रूप में प्रत्येक वर्ष की भांति मनाई गई।
इस अवसर पर अखिल भारत रचनात्मक समाज के राष्ट्रीय अध्यक्ष विभूति कुमार मिश्र ने स्व. रमाकांत मिश्र के व्यक्तित्व एवं कृतित्व पर प्रकाश डालते हुए कहा कि स्व. रमाकांत मिश्र जी अपने सादगीपूर्ण, एवम् सात्विक जीवन शैली के लिए जाने जाते थे।
कर्तव्य परायणता, निष्ठा तथा सदाचार की तपोमूर्ति स्व. मिश्र जी प्रशासनिक अधिकारी के साथ ही साथ उच्च कोटि के विद्वान् थे तथा संस्कृत, हिन्दी , बंगला अंग्रेजी,फ्रेंच, जर्मन , चाइनीज सहित 22 देशी विदेशी भाषाओं के मर्मज्ञ थे।
उन्होंने प्रशासनिक अधिकारी के रूप में सर्वप्रथम मीरजापुर से ही अपनी जीवन यात्रा प्रारंभ की थी। उत्तर प्रदेश गजेटियर निर्माण में उनकी महत्त्वपूर्ण भूमिका थी। उनकी सादगी पूर्ण जीवन शैली के प्रति आम जनमानस की बड़ी श्रद्धा थी उन्हें जनता धर्माधिकारी कहकर बुलाती थी।
महिला प्रबोधिनी फाउंडेशन की अध्यक्ष तथा स्व.रमाकांत मिश्र की छोटी पुत्री नंदिनी मिश्रा ने कहा कि बाबू जी प्रशासनिक अधिकारी के संग ही संग बहुत एक धर्म निष्ठ आध्यात्मिक व्यक्ति थे। उनकी मां गंगा तथा मां विंध्यवासिनी देवी के प्रति अगाध श्रद्धा थी। काशी विश्वनाथ मंदिर के प्रथम प्रशासक के रूप में उनके द्वारा किए गए कार्य उन्हें विश्व पटल पर एक संत आईएएस के रूप में प्रसिद्धि दिलाई। उन्हें इस बात की खुशी है कि बाबू जी द्वारा बनाई गई सारी योजनाएं आज मूर्त रूप ले रही है।
इस अवसर पर स्वयं सेवी संस्थाओं के प्रतिनिधि महिला समूहों की प्रतिनिधि भी स्व. रमाकांत मिश्र जी को अपनी श्रृद्धांजलि अर्पित की।इस अवसर पर, विनायक मिश्र, मंजू लता विश्वकर्मा, सायरा बानो, नसरीन आरा, तथा सरावती देवी ने भी श्रृद्धांजलि अर्पित की।
May 13 2023, 17:28