नीमडीह थाना के लकड़ी ग्राम में सेंगेल सभा का हुआ आयोजन
सरायकेला :जिला के नीमडीह थाना के अंतर्गत लकड़ी ग्राम में सेंगेल सभा का आयोजन हुआ। सेंगेल ज़िला अध्यक्ष कलिपदो टुडू ने अध्यक्षता किया तथा सेंगेल सिंगर उमेश चंद्र टुडू ने स्वागत भाषण दिया ।
सभा में मुख्य अतिथि के रुप में उपस्थित पूर्व सांसद सालखन मुर्मू ने संदेश दिया की झारखंड में आदिवासी समाज की बर्बादी के लिए तीन प्रमुख तीन कथित तीन कराण है। 1)
वंश परंपरागत आदिवासी स्वशासन व्यवस्था के माझी- परगना, मानकी- मुंडा आदि
 2) झारखंड मुक्ति मोर्चा और उसके अंधभक्त - असेका, माझी महाल, कुछ एक संताली लेखकः आदि 3) ईसाई मिशनरी। इस तिकड़ी का फोकस और प्रयास सरना धर्म कोड की मान्यता, मरांग बुरु बचाने, संताली भाषा ( ओलचिकि) को झारखंड की प्रथम राजभाषा बनाने और अन्य आदिवासी भाषाओं को समृद्ध करने, झारखंड प्रदेश को आबोआग दिशोम आबोआग राज बनाने, आदिवासी स्वशासन व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार लाने, असम अंडमान के झारखंडी आदिवासियों को एसटी बनाने के लिए नहीं हैं। उल्टा कुर्मी महतो जाति को एसटी बनाने का अनुशंसा कर असली आदिवासियों को फांसी के फंदे में लटकाने का काम करता है।
आदिवासी सेंगेल अभियान, झारखंड और आदिवासी समाज को बचाने के लिए उपरोक्त तिकड़ी का सर्वत्र विरोध जारी रखेगा। जबतक वे नहीं सुधरेंगे। जगह-जगह लगातार पुतला दहन कर इनको बेनकाब करता रहेगा। अन्यथा आदिवासी का सर्वनाश तय है।
2) सेंगेल, विश्व सरना धर्म कोड जनसभा : 30 जून 2023 का आयोजन कोलकाता ब्रिगेड परेड ग्राउंड में करेगा। सालखन मुर्मू के नेतृत्व में लाखों आदिवासी जमा होकर गुलामी से आज़ादी के लिए आदिवासी क्रांति का आगाज करेंगे। यह जनसभा अमेरिका में काले नीग्रो लोगों के 300 सालों की गुलामी से आज़ादी के लिए डॉक्टर मार्टिन लूथर किंग जूनियर द्वारा 28 अगस्त 1963 को आहूत वाशिंगटन क्रांति जनसभा से प्रेरित है। कोलकाता में आदिवासी समाज को सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक गुलामी से आजादी के संघर्ष को मंजिल तक पहुंचाने का शपथ लेंगे। 2023 में सरना धर्म कोड लेकर रहेंगे। मरांग बुरु की रक्षा करेंगे। संविधान कानून के मार्फत शहीदों का सपना अबोआग दिशोम अबोआग राज को पुनर्स्थापित करेंगे।
3) आज की बैठक में सबने
सहमति जाहिर किया की जब तक माझी परगना व्यवस्था में जनतांत्रिक और संवैधानिक सुधार नहीं होगा आदिवासी गांव समाज में सामाजिक गुलामी खत्म नहीं होगा। उसी प्रकार जब तक सरना धर्म कोड को मान्यता नहीं मिलेगी तब तक धार्मिक गुलामी से आजादी भी मुश्किल है। राजनीतिक गुलामी से आजादी के लिए वोट क्यों देना है,किसको देना चाहिए और वोट के बदले क्या मांगना चाहिए? पर गांव गांव में चिंतन मंथन अनिवार्य है। झामुमो से आदिवासी गांव समाज को मुक्त करना होगा। पढ़े लिखे लोग बेवजह राजनीति से एलर्जी रखकर आदिवासी गांव समाज को धोखा देने का काम कर गलत कर रहे हैं।
4) आज आदिवासी समाज में सुधार लाने के लिए कुछएक जुझारू व्यक्तियों को सेंगेल माझी और सेंगेल परगाना नियुक्त किया गया। सेंगेल के राष्ट्रीय अध्यक्ष सालखन मुर्मू ने उन्हें नियुक्ति सर्टिफिकेट प्रदान किया।
May 11 2023, 20:54