*सामुदायिक शौचालय - कागजों में चालू, मौके पर ताला*
नवाबगंज (गोंडा)। विकास खंड के लगभग सभी गांवों में सामुदायिक शौचालय अर्से से बन कर तैयार हैं, स्थानीय अधिकारियों के अनुसार इन शौचालयों पर केयर टेकर नियुक्त हैं जिन्हें मानदेय भी दिया जा रहा है। लेकिन मौके पर वस्तुस्थिति बिल्कुल भिन्न है जो स्थानीय अधिकारियों और ग्राम प्रधानों को कटघरे में खड़ा करती है। क्षेत्र के किशुंदासपुर गाँव में सामुदायिक शौचालय का निर्माण हुए लगभग 03 वर्ष हो चुके हैं ।
इस शौचालय पर ग्राम प्रधान आशाराम पाल ने सचिव की मिलीभगत से केयर टेकर श्रीमती की नियुक्ति भी कर दी । कागज में शौचालय संचालित होने लगा लेकिन, वहां पर मौजूद ग्रामीण देवकीनंदन पांडेय, रीता देवी ने कहा शौचालय निर्माण होने के बाद आज तक इसका ताला लाभार्थियों के लिए नहीं खुला । हम लोग इसके शुरू होने का इंतजार कर रहे हैं।
बगल के गांव हरिवंशपुर में बना सामुदायिक शौचालय गड्ढा भरने के नाते लगभग पांच महीने से बंद मिला। ग्रामीण रामलाल ने कहा शौचालय का गड्ढा भरा हुआ है। शिकायत के बाद कोई सुनवाई नहीं हुई।यहां की केयर टेकर संगीता के पति राजेश ने कहा दो साल से तनख्वाह नहीं मिली है। ग्राम प्रधान दुर्गेश पांडेय कहते हैं काम करो या न करो पैसा नहीं दे पाऊंगा। जब प्रधान से बात करने का प्रयास किया गया तो घंटी जाने पर उन्होंने मोबाइल स्विच आफ कर लिया।
ग्राम पंचायत सरायखत्री में बना सामुदायिक शौचालय अव्यवस्था का शिकार है यहां ग्रामीणों का आरोप है हर तीसरे दिन सफाईकर्मी आते हैं शौचालय की फोटो खींचकर चले जाते हैं। बाहर से प्लास्टर करा दिया गया है अंदर शौचालय में कोई काम नहीं हुआ है। ग्राम प्रधान विनोद चौहान ने फोन पर बातचीत में पहले कहा शौचालय संचालित है फिर बाद में बोले कि कल जाकर देखूंगा। केयर टेकर की तनख्वाह समूह के माध्यम से निकाल रहें हैं किसकी तैनाती है इसकी जानकारी नहीं है। विकास खंड की सभी ग्राम पंचायतों में हालात कमोबेश ऐसे ही हैं।
प्रधान और सचिव की सांठगांठ कर सरकार को चूना लगाने का काम कर रहे हैं, लाभार्थियों तक लाभ नहीं पंहुच रहा है। विकास खंड के तमाम गाँवों को ओडीएफ घोषित करा कर खंड विकास अधिकारी भी अपनी पीठ थपथपा रहे हैं।
May 08 2023, 19:42