सेंदरा के नाम पर बेजुवान वन्य जीवों की हुई हत्या,विभाग करता रहा पेट्रोलिंग ,शिकार करके नीचे उतरने लगे सेंदरा वीर
सरायकेला : चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वाइल्डलाइफ सेंचुरी में दो दिनों से चल रहे विशु सेंदरा पर्व को देखते सेंदरा वीरों ने हिरण सुअर आदि वन्य जीवजंतु का किया सेंदरा। सेंचुरी क्षेत्र में आदिवासी द्वारा कल से जंगल में डेरा डालकर शिकार करते नजर आए ।
सेंदरा वीरों ने बताया की यह हमारी परंपरा है और प्राचीन काल से यह परम्परा चला आ रहा है ।उन्होंने कहा कि यह पर्व हमारे पूर्वजों द्वारा मनाए जा रहे । जिसको बरकरार रखने के लिए ,आज हम सभी सेंदरा वीरों हाथ में तीर धनुष ,बल्ला,टोटा ,तलवार लेकर शिकार करने पहुंचे और शिकार कर रहे हैं ।
इस दौरान जंगल में गादा बंदूक के गोली की आवाज से जंगल गूजने लगी। सरायकेला खरसावां जिला के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी के गज परियोजना में दो दिनों तक विशु शिकार को देखते हुए चांडिल वाइल्डलाइफ सेंचुरी के पदाधिकारी सिसीएफ,पीसीएफ, आर सी एफ , ए सी एफ , डी एफ ओ, रेंजर द्वारा सेंचुरी के विभिन्न जगह पर पेट्रोलिंग किया गया।
एक तरफ विभाग के लोगो द्वारा वन्य जीवजंतु की सुरक्षा को देखते हुए सेंदरा वीरो को ,शिकार करने में रोकथाम में लगे रहे ,दूसरी ओर सेंदरा वीरों ने चोरी छुपे वन्य जीवजंतु का शिकार करके निकल गए।
वन एवं पर्यावरण विभाग द्वारा विशु शिकार व सेंदरा पर्व को कड़ी सुरक्षा के बीच तैनात किया गया था ।रात्रि से हीं जंगल में पेट्रोलिंग किया जा रहा था।आज सुबह भी सेंचुरी के अंदर गाड़ी से पेट्रोलिंग चल रही थी ।ओर दूसरी ओर सेंदरा वीर लुकछुपी का खेल करते हुए ।विभाग के पदाधिकारी के सामने शिकार करते रहे ।
जंगल के कोई जगह पर सेंदारा वीरों ने फंदा लगाकर जानवरों की भगाने लगा ।ओर फंदे में जानवर फसने का इंतजार करने लगा ।
वन विभाग का मानना है कि शिकरी जंगल में प्रवेश किया परंतु शिकार नही हुआ । इस जेनरेशन में शिकार के प्रति नए पीढ़ी लोगो का रुचि नही रहा । हम लोगो द्वारा जागरूकता अभियान के लोगो को जागरूकता का प्रयास का प्रतिफल है।जो वन्य जीवजंतु के प्रति प्रेम करते देखा गया।
कहाँ से कहाँ पहुंचे सेंदरा वीर..?
पूर्वी सिंहभूम जिला के घाटशिला ,धालभूमगढ़ ,मुसावानी जादूगोड़ा, राखा माइंस,पुरुलिया जिला के अयोध्या घाटदूलमी , बलरामपुर एवं पटमदा ,बोड़ाम ,कोयरा , खोकरों ,झोजरा , डाहुबेड़ा , सासंगडीह, मुंगाठाड़, समाडीह, गोलबेड़ा, लाइलम,मुचीडीह , बॉटा, बांधडीह, टेगाडीह, शालगाडीह ,चाकुलिया , कांदरबेड़ा आदि जगह से सेंदरा वीर पहुंचे सभी सेंदरा वीरो के आधुनिक संस्कृति परंपरागत हातियार ,साथ ही फंदा , गादा बंदूक के साथ पहुंचे और जमकर शिकार किया ।
वन की डर से सेंदरा वीर शिकार को लेकर साम ढलने के बाद उतरने लगेगा ।कही विभाग के लोगो ने उनके द्वारा शिकार को छीन न ले।
May 01 2023, 18:48