रियल लाइफ बेस्ड फिल्म "अब दिल्ली दूर नहीं" 12 मई को देश भर के सिनेमा घरों में रिलीज़ होगी, फिल्म का नॉलेज पार्टनर है चाणक्य आईएएस एकेडमी
पटना : काफी वक्त से चर्चा में रहे मेहनतकश युवाओं के संघर्ष पर आधारित रियल लाइफ बेस्ड फिल्म "अब दिल्ली दूर नहीं" का इंतजार खत्म होने वाला है। आगामी 12 मई को यह फिल्म देश भर के सिनेमा घरों में रिलीज होने जा रही है। इमरान जाहिद व श्रुति सोढ़ी जैसे सितारों से सजी इस फिल्म का ट्रेलर लॉन्च सह प्रेस वार्ता समारोह राजधानी पटना के बेली रोड स्थित चाणक्य आईएएस एकेडमी सभागार में किया गया, जिसमें फिल्म के मुख्य किरदार निभाने वाले बिहार के इमरान जाहिद, चाणक्य आईएएस एकेडमी के चेयरमैन व सक्सेस गुरू एके मिश्रा व संस्थान के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह मौजूद रहे।
बता दें कि चाणक्य आईएएस एकेडमी के चेयरमैन व सक्सेस गुरू एके मिश्रा की प्रस्तुतिकरण फिल्म "अब दिल्ली दूर नहीं" एक इमोशनल-ड्रामा फिल्म है, जो एक मोटिवेशनल कहानी पर आधारित है। इस फिल्म की ज्यादातर शूटिंग दिल्ली के मुखर्जी नगर, चाणक्य आईएएस एकेडमी के दिल्ली के सभी शाखाओं में, दिल्ली विश्वविद्यालय, कमलानगर, राजेंद्रनगर, कनॉटप्लेस, तिहाड़जेल और गोविंदपुरी पुलिस स्टेशन जैसी जगहों पर की गई है। फिल्म के कुछ हिस्सों को नोएडा में भी फिल्माया गया है। इस फिल्म की कहानी दिनेश गौतम ने लिखी है। वहीं फिल्म का निर्देशन कमल चंद्रा ने किया है और इस फिल्म का निर्माण शाइनिंग सन स्टूडियो के विनय भारद्वाज और संजय भवर ने किया है साथ ही इस फिल्म का नॉलेज पार्टनर UPSC /BPSC की तैयारी करवाने वाली देश की प्रसिद्ध संस्थान चाणक्य आईएएस एकेडमी है।
दरअसल फिल्म “अब दिल्ली दूर नहीं” एक रिक्शा चालक के बेटे की कहानी है। इनका चयन सिविल सेवा परीक्षा में 2007 में बतौर आईएएस के रूप में हो चूका है उस वक्त देशभर में इनकी चर्चा भी रही थी। उक्त जानकारी प्रेस वार्ता के दौरान इस फिल्म के अभिनेता इमरान जाहिद ने दी।
उन्होंने बताया कि दरअसल यह फिल्म चाणक्य आईएएस एकेडमी के चेयरमैन व सक्सेस गुरू एके मिश्रा की अपने 30 वर्षों के संघर्षों की अवधारणा पर आधारित है, जो युवाओं को प्रेरित करने के साथ साथ काफी प्रभावित करेगी। श्री जाहिद ने बताया कि इस फिल्म के जरिए सक्सेस गुरू के लंबे अनुभव को भी साझा किया गया है, जो फिल्म को और भी खास बना देती है।
वहीं चाणक्य आईएएस एकेडमी के चेयरमैन व सक्सेस गुरू एके मिश्रा ने बताया कि 30 वर्षों के संघर्षों के उतार- चढ़ाव के बाद सफलता की लंबी लकीर वाकई युवाओं के लिए प्रेरणादायी हो सकता है। लेकिन यह भी सच है कि जब फिल्म रिलीज होगी और इसे आप देखेंगे तो "अब दिल्ली दूर नहीं" हर एक मेहनतकश परिवार में जन्मे एक मेधावी विद्यार्थी की कहानी महसूस होगी। दरअसल यह फिल्म ऐसे तमाम युवाओं की कहानी को जोड़ पाएगा, जो एक छोटे से इलाके से जाकर दिल्ली जैसे महानगर में संघर्ष करता है और अपनी मंजिल हासिल करता है। सक्सेस गुरू ने बताया कि यह फिल्म साबित करती है कि हमारी नियति तय करने की क्षमता सितारों में नहीं बल्कि खुद में होती है। इसलिए इस फिल्म को लेकर यह कहा जा सकता है कि यह फिल्म मेहनतकश युवाओं के संघर्ष से लेकर सफलता हासिल करने तक की कहानी है।
फिल्म में चाणक्य आईएएस एकेडमी के चेयरमैन सक्सेस गुरू ऐके मिश्रा के संघर्ष की कहानी की झलक भी दिखेगी
चाणक्य आईएएस एकेडमी के रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह बताते हैं कि संघर्ष से सफलता तक के सफर की मोटिवेशनल कहानी, जो "अब दिल्ली दूर नहीं" फिल्म में दर्शायी गयी है, इस फिल्म में चाणक्य आईएएस एकेडमी के संस्थापक एके मिश्रा के संघर्ष की कहानी भी महसूस की जा सकेगी।
बता दें कि झारखंड के हजारीबाग जिला स्थित बड़कागांव प्रखंड के एक छोटे से गांव लंगातु में शिक्षक के घर एक बालक का जन्म हुआ, जिसका नाम अरूण रखा गया। ग्रामीण माहौल में परवरिश पाए अरूण ने विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए स्कूली पढ़ाई गांव में ही पूरी की। इसके बाद अपने कॉलेज की पढ़ाई हजारीबाग के संत कोलंबस महाविद्यालय में पूरी करने के बाद मन में आईएएस बनने का सपना संजोए देश की राजधानी दिल्ली की ओर रूख करता है। विभिन्न चुनौतियों का सामना करते हुए संघर्ष के दिनों में ही समाज में क्रांतिकारी परिवर्तन को लेकर आईएएस बनने के बजाय युवाओं को आईएएस बनाने का ख्याल अरूण के मन में आता है और इसी उद्देश्य को लक्ष्य मानकर अरूण के द्वारा चाणक्य आईएएस एकेडमी की स्थापना राजधानी दिल्ली में वर्ष 1993 में की जाती है। अपने उद्देश्य को पूरा होता हुआ देख अरूण कुमार देश के विभिन्न हिस्सों में संस्थान की शाखाएं खोलते हैं।
इसी दौरान अरुण कुमार की मुलाक़ात बिहार से आये डॉ कृष्णा सिंह से होती है जो इस संस्थान को देश के प्रमुख हिंदी भाषी राज्यों बिहार व उत्तर प्रदेश में विस्तार देने में मुख्य भूमिका अदा करते हैँ और आगे चलकर संस्थान के रीजनल हेड बनते हैँ, विभिन्न सेमिनारों के माध्यम से इन राज्यों के छोटे से छोटे गांव तक संस्थान की पहुँच बनाने में रीजनल हेड डॉ. कृष्णा सिंह अभूतपूर्व भूमिका अदा करते हैं। अपने अथक प्रयास से एवं सक्सेस गुरु के मार्गदर्शन में डॉ. कृष्णा सिंह आज बिहार के अग्रिम पंक्ति के शिक्षाविदों में से एक माने जाते हैं, आज बिहार व उत्तर प्रदेश मे संस्थान को इस मुकाम पर पहुँचा चुके हैं कि UPSC, UPPSC एवं BPSC द्वारा ली जाने वाली हर परीक्षा परिणाम में संस्थान एक के बाद एक कीर्तिमान रचती नजर आती है।
इस तरह संस्थान के 30 वर्षों के सफर के बाद चाणक्य आईएएस एकेडमी से तैयारी किए 5000 से भी अधिक युवा आईएएस, आईपीएस, आईएफएस जैसे महत्वपूर्ण पदों पर रहकर देश सेवा में अहम योगदान दे रहे हैं। इस खास उपलब्धि के साथ साथ अरूण कुमार मिश्रा देश ही नहीं बल्कि विश्व भर में बतौर मोटिवेशनल स्पीकर भी ख्याति प्राप्त कर चुके हैं। यही वजह है कि एक समय का छोटे से गांव में जन्म लेने वाला अरूण अब सक्सेस गुरू एके मिश्रा के नाम से पूरे विश्व में जाने जाते हैं।
कार्यक्रम का शुभारम्भ विनय कुमार, पुलिस महानिदेशक सह अध्यक्ष सह प्रबंध निदेशक , बिहार् पुलिस भवन निर्माण निगम लिमिटेड के कर कमलों से बतौर मुख्य अतिथि किया गया।
बता दें कि श्री विनय कुमार जी कि कहानी भी कम रोचक नहीं है, एक छोटे से गांव से निकलकर आईपीएस ऑफिसर बनने तक का सफ़र काफी चुनौतीपूर्ण रहा पर इनके हौसले ने इन्हें एक अतिप्रतिष्ठित पद पर लाकर खड़ा किया। श्री विनय कुमार जी का आमजन के बीच में रहकर उनकी समस्याओं को सुनकर और उनके साथ मिलकर अपराध नियंत्रण का अपना एक अनोखा ही अंदाज रहा है । श्री विनय कुमार जी ने इस फिल्म से जुड़े सभी लोगों को ढेरो शुभकामनाएं दी।
क्या है फिल्म की कहानी
यह फिल्म जिंदगी में कामयाबी और नाकामयाबी की कहानी की पड़ताल करती नजर आती है। बिहार के एक छोटे से गांव का भोला भाला लड़का अभय शुक्ला, जो अपने घरेलू आर्थिक स्थिति को लेकर चिंतित रहता है, आईएएस का सपना संजोए दिल्ली आ जाता है। यहां पढ़ाई कर वह आईएएस की परीक्षा में शामिल होकर कामयाब होना चाहता है और वह ऐसा अपने घर की मुफलिसी दूर करने के लिए करना चाहता है। लक्ष्य को आधार बनाकर लगन से की गई अभय की मेहनत रंग लाती है और आगे चलकर अभय आईएएस की परीक्षा टॉप कर जाता है। हालांकि अभय के इस सफलता की राह काफी मुश्किलों से भरा है। उसका सामना चुनौतीपूर्ण सामाजिक मानदंडों से होता है। वह राजनीतिक से लेकर सांस्कृतिक विडंबनाओं का सामना करता है, जिसे इस फिल्म में बखूबी दर्शाया गया है। वहीं दूसरी ओर फिल्म में समानांतर रूप से एक लव स्टोरी भी चलती रहती है। अभय की गर्लफ्रेंड की किरदार में अभिनेत्री श्रुति सोढ़ी ने शानदार काम किया है। फिल्म में वह एमबीबीएस की पढ़ाई कर रही है और एक पंजाबी लड़की की भूमिका में है।
तो इस तरह देखा जाए तो "अब दिल्ली दूर नहीं" एक कंप्लीट इमोशनल ड्रामा फिल्म है, जिसे दर्शकों से भरपूर प्यार मिलने की उम्मीद है।
अभिनेता व अभिनेत्री का परिचय
बिहार के इमरान जाहिद की प्रारंभिक शिक्षा बोकारो के सेक्टर 4 डीएवी पब्लिक स्कूल में हुई और उसके बाद उन्होंने दिल्ली विश्वविद्यालय से बीकॉम की पढ़ाई पूरी की। आगे अभिनय की दुनिया में अपना रुख किया और थिएटर आर्टिस्ट अरविंद गौड़ के साथ अभिनय की बारीकियां सीखीं, जिसके दम पर कहा जाता है इमरान जाहिद कमाल के कलाकार हैं। वह द लास्ट सैल्यूट जैसे प्रतिष्ठित नाटक में भी काम कर चुके हैं। यह नाटक इराकी पत्रकार मुंतधर अल जैदी की किताब द लास्ट सैल्यूट टू प्रेसिडेंट बुश पर आधारित है। इसके साथ ही इमरान ने महेश भट्ट की फिल्म अर्थ, डैडी और हमारी अधूरी कहानी पर बेस्ड कई नाटकों में भी काम किया है। फिल्म अब दिल्ली दूर नहीं में इमरान जाहिद ने अभय शुक्ला के चरित्र और कहानी को जीवंत कर दिया है। इमरान में किरदार को लेकर गहरी समझ दिखती है, जिससे उनका किरदार नेचुरल लगता है। वहीं अभिनेत्री श्रुति सोढ़ी ने जनवरी 2015 में रिलीज तेलुगू फिल्म "पटास" से अपने फिल्मी करियर की शुरुआत की थी और अब तक हैप्पी गो लकी, मिस्टर एंड मिसेज 420, वैशाखी लिस्ट और दिल विल प्यार व्यार जैसे पंजाबी फिल्म फिल्मों में काम कर चुकी हैं।
क्या है इस फिल्म की खासियत
इस फिल्म की एक सबसे बड़ी खासियत है कि फिल्म का कॉस्टयूम तिहाड़ जेल के कैदियों ने डिजाइनर विक्की सिंह के देखरेख में तैयार की है। वहीं दूसरी ओर फिल्म इंडस्ट्री के वर्तमान दौर में जब सुपर हीरो की खूब तारीफ होती है और एक आम इंसान को नजरअंदाज कर दिया जाता है, तो ऐसे में इस फिल्म की कहानी बताती है कि किस तरह एक साधारण गांव का लड़का पूरे समाज को कैसे चौंका जाता है। या यूं कहें कि वह समाज की सोच को ही बदल देता है। वह साबित करता है कि कैसे विफलता और अपमान से भरी जिंदगी में भी संघर्ष के रास्ते मंजिल के शिखर पर पहुंचा जा सकता है।
Apr 29 2023, 18:28