सरायकेला : दलमा सेंचुरी से हाथी कर रहे पलायन ,वन विभाग के सही प्रबंधन के अभाव में हो रहा यह समस्या
:सरायकेला : जिला के एक मात्र सेंचुरी चांडिल अनुमंडल क्षेत्र के दलमा वन्य प्राणी आश्रयणी में 193.22 वर्ग क्षेत्रफल में फैले हैं। जहां आसपास जल स्रोत है।
भोजन की तलाश में हाथी की झुंड इस भीषण गर्मी में चले आते परंतु एक दो दिनों के बाद हाथी वापस फिर उसी राज्य में चले जाते हैं। विगत दो , तीन ,वर्षो से हाथी की झुंड दलमा सेंचुरी में देखने को नहीं मिल रहा है।
स्थानीय ग्रामीणों का कहना है कि दो वर्षो से हाथी जंगल छोड़कर गांव की तरफ पहुंच जाते क्योंकि जंगल में पौष्टिक भोजन की कमी देखा गया । जंगल में प्रति वर्ष आग लगने के कारण से हाथी के खाने वाले पेड़ पौधे नष्ट हो जाते हैं । हाथी के भोजन में पौष्टिक आहार में गलगल का पेड़, डका का पेड़, चिहड़पात लता, पाजन का पेड़ ,आम पेड़ , साथ ही बांस की इस जंगलों में कमी हो गयी है।
जिसके कारण हाथी जंगल में घूमकर पलायन करते हैं सेंचुरी के रास्ते में हाथी द्वारा पेड़ पौधे गिराकर अवरोध कर देते जिसे पर्यटकों के लिए खतरा है ।जिसके लिए विभाग के पास से गाइड लेना जरूरी है नही तो खतरा होगा ।
एक दशक पूर्व इस जंगल को रॉयल बंगाल टाईगर बहुल क्षेत्र माना जाता था । आज इस सेंचुरी में भालू की कमी तेंदुआ पेड़ नही होने कारण लुप्त होते जा रहे हैं । भालू की प्रिय भोजन में केंदुआ पेड़ का फल , भूखू (दीमक कीड़ा) दोनो की कमी होने कारण भालू पलायन किया हे।
स्थानीय बाईला माझी ने बताया की 10 वर्षो से पहले रॉयल बंगाल टाईगर ,चिता , तेंदुआ भालू देखने को मिलता था ।अब के दर्शक में जंगल में आग लगना ओर पेड़ पौधे की कटाई और चोरी छुपे शिकार होने के कारण जंगल से हिरण और सुअर इस जंगल से विलुप्त होते देखा गया ।
कई प्रकार के वन्य पंछी भी दिखाई नही दे रहा है। पहले इस जंगल में विभिन्न प्रकार के प्रजाति देखने को मिलता था ।
सुखलाल पहाड़िया ने बताया की दो तीन वर्षो से सेंचुरी से हाथी कर रहे पलायन । पश्चिम बंगाल छत्तीस गड़ झारखंड के कोने कोने हाथी पहुंचे है।और दो चार दिनों के बाद जंगल छोड़कर वापस चले जाते । प्रतिवर्ष सरकार वन एवं पर्यावरण विभाग को करोड़ों रुपया मुहैया कराते है।यह राशि जंगल और जंगली वन्य जीवजंतु की सुरक्षा के लिए मुहैय्या कराया जाता।
सेंचुरी में स्थानीय झारखंड राज्य के पर्यटक के साथ देश विदेश पश्चिम बंगाल उड़ीसा ,बिहार आदि राज्यों से पर्यटक दलमा सेंचुरी में वन्य जीव जंतु देखने पहुंचते हैं।
दलमा गज परियोजना के नाम से जाना जाता आज घंटो भर घूमने के बाद किसी भी जलस्रोत में हाथी का झुंड देखने को नहीं मिला है।जिसे पर्यटक में मायूस देखा गया ।हाथी देखने लिए बड़का बाध,छोटका बांध, माझला बांध,निचला बांध, माकड़ जाल,चिपिंग धाड़ी,कोई जगह पर हाथी देखने लिए हाईडाउट, वॉच टावर बनाए गए जिसके अंदर घुसकर सुरक्षा होकर हाथी देखने का आनंद उठा पाए ।
Apr 21 2023, 15:13