झारखंड में बढ़ा हीट वेव का असर,तापमान 37 डिग्री पार,30 अप्रैल तक कोई राहत की उम्मीद नहीं,जानिए हीट वेव से बचने के उपाय
रांची: झारखंड में हीट वेव का असर लगातार बढ़ता जा रहा है। राजधानी रांची में तापमान 37 के पार चला गया है। मौसम विज्ञान केंद्र ने हीट वेव को लेकर अलर्ट तक जारी किया है।
नए अपडेट के अनुसार 30 अप्रैल तक विशेष राहत की उम्मीदें नहीं है। मई के पहले सप्ताह में राजधानी समेत राज्य के पूर्वी हिस्सों में गर्जन के साथ बारिश होने की संभावना है। इसके साथ ही, 40-50 किमी की रफ्तार से हवा चलने की भी संभावना जताई जा रही है। जिससे राहत कम आफत की संभावना अधिक है।
सतही हवा चलने से वायुमंडलीय गर्म हवा का प्रकोप और अधिक बढ़ जाएगा। जिससे गर्मी और उमस के बढ़ने की संभावना है। वहीं, राजधानी रांची के अलावा गिरिडीह, पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम, गढ़वा, पलामू, चतरा, कोडरमा, बोकारो, धनबाद जिलों में 30 अप्रैल तक हीट वेव का असर कायम रहेगा।
अगले तीन से चार दिनों तक अधिकतम तापमान में कोई बड़े बदलाव का पूर्वानुमान नहीं है। हालांकि, इसके अगले दिन तीन दिनों में राज्य के पूर्वी व पश्चिमी सिंहभूम सिमडेगा और सरायकेला खरसावां में आंशिक बादल छाए रहने की संभावना है।
झारखंड में कब होगी बारिश
बता दें कि पश्चिम विक्षोभ यानी देश के पश्चिमी हिस्से से गर्म हवाओं के असर ने झारखंड के लातेहार, पलामू, चतरा, गढ़वा समेत आसपास के जिलों में तापमान बढ़ा दिया है। मौसम विज्ञानी अभिषेक आनंद ने बताया कि 16 और 17 अप्रैल को आंशिक बादल छाए रहेंगे और मौसम शुष्क रहेगा। जबकि 18 को शाम के वक्त आंशिक बादल छाए रहेंगे। वहीं 19 और 20 अप्रैल को राज्य के दक्षिणी भागों में कहीं कहीं गर्जन के साथ हल्की वर्षा की संभावना है।
भले ही राजधानी और आसपास के इलाके का तापमान 37 डिग्री के पार चला गया हो और तालाब, कुआं और चुआ का नामोनिशां मिट गया हो लेकिन ग्रामीण क्षेत्रों में तपती गर्मी में भी बच्चे मस्ती का कोई मौका जाने नहीं देते। राजधानी से सटे बुढ़मू इलाके में स्थित तालाब में तेज धूप के बाद भी बच्चे मस्ती करते दिखे।
गर्मी के कहर से कैसे बचें जाने विशेषज्ञ की राय
रांची पर्यावरणविद नीतीश प्रियदर्शी ने कहा कि हमें हर हाल में प्राकृतिक संसाधनों को बचाना होगा। इनका दोहन बंद करने के बाद ही हीट वेव के असर को कम किया जा सकता है। जलाशयों को फिर से जागृत करना होगा।
उन्होंने कहा कि नदियों में बढ़ रहे प्रदूषण कम करना होगा। गर्मियों में यहां की अधिकांश नदियां सूख जाती हैं या मैली हो जाती है। वहीं, हमें शहर में हरियाली को बढ़ाना होगा, तब ही गर्मी के कहर से हम अपनी आने वाली पीढ़ी को बचा सकते हैं।
Apr 16 2023, 12:32