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अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप गिरफ्तारी के बाद हुए रिहा, बोले-बोले- नर्क में जा रहा है अमेरिका

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एडल्ट स्टार स्टॉर्मी डैनियल्स केस में अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप आरोपों का सामना कर रहे हैं। डोनाल्ड ट्रंप एडल्ट फिल्मों की एक्ट्रेस को मुंह बंद रखने के लिए पैसे देने के आरोपों से जुड़े केस की सुनवाई के लिए मैनहट्टन की कोर्ट पहुंचे थे। पेशी से पहले मैनहैटन जिला अटॉर्नी के कार्यालय में उन्हें गिरफ्तार किया गया था।हालांकि, करीब एक घंटे की सुनवाई के बाद उन्हें रिहा कर दिया गया। अब इस मामले में ट्रंप की व्यक्तिगत पेशी के साथ अगली सुनवाई चार दिसंबर को होगी।

कोर्ट में पेशी के दौरान ट्रंप ने अपने उपर लगे सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खुद को बेकसूर बताया।ट्रंप ने पॉर्न स्टार स्टॉर्मी डेनियल्स को पैसे देने के संबंध में कुछ भी गलत करने से इंकार किया है। कोर्ट ने दलीलें सुनने के बाद ट्रंप को करीब 1.22 लाख डॉलर का जुर्माना भरने का आदेश दिया। 

अदालती कार्यवाही का सामना करने के बाद वो फ्लोरिडा में अपने समर्थकों के सामने पेश हुए और कहा कि वास्तव में हमारा देश नर्क की ओर जा रहा है। पूरी दुनिया हम पर हंस रही है। उन्होंने कभी नहीं सोचा था कि अमेरिका में ऐसा कुछ हो सकता है। मैंने अपने देश की निडरता से रक्षा करने के लिए एकमात्र अपराध किया है। उन्होंने अभियोजक अल्विन ब्रैग की कड़ी आलोचना की। 

ट्रंप न्यूयॉर्क के मैनहट्टन कोर्ट में कड़ी सुरक्षा के बीच पेश हुए थे। न्यूयॉर्क की सड़कों पर 35 हजार से ज्यादा पुलिस वाले और सीक्रेट सर्विस के एजेंट तैयार थे। हालांकि उन्हें आरोप बताने के बाद छोड़ दिया गया था। अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति ट्रंप 8 कारों के काफिले से अदालत पहुंचे और सीधे कोर्ट के अंदर चले गए।

बता दें कि अमेरिका के इतिहास में, 234 सालों में पहली बार ऐसा हो हुआ है कि किसी पूर्व राष्ट्रपति को गिरफ्तार किया गया है।डोनाल्ड ट्रंप के सपोर्टर पूरे देश में सड़कों पर उतर आए हैं और उनकी गिरफ्तारी और उनके खिलाफ चलाए जा रहे अभियोग का विरोध कर रहे हैं।

वहीं, अदालत में पेश होने से पहले ट्रंप ने अपने समर्थकों के नाम एक ईमेल जारी करते हुए कहा कि आज मेरी गिरफ्तारी से पहले यह मेरा आखिरी संदेश है। ट्रंप ने अपने संदेश में लिखा कि आज हम अमेरिका में न्याय के खत्म होने का शोक मनाते हैं। आज वह दिन है जब एक सत्तारूढ़ राजनीतिक दल अपने प्रमुख प्रतिद्वंद्वी को कोई अपराध नहीं करने के लिए गिरफ्तार करता है। ट्रंप ने आगे लिखते हुए कहा कि हमारा देश एक थर्ड वल्र्ड कम्युनिस्ट देश बनता जा रहा है, जो असहमति को अपराधी बना देता है और अपने राजनीतिक विरोध को जेल में डाल देता है।

कांग्रेस से बगावत करने वाले गुलाम नबी ने की पीएम की तारीफ, कहा-नरेंद्र मोदी ने कभी बदले की भावना से काम नहीं किया

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कांग्रेस से बगावत कर अपनी डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाने वाले गुलाम नबी आजाद ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की तारीफ की है. इसके साथ ही उन्होंने कांग्रेस नेतृत्व पर भी निशाना साधा है।गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी उनके साथ बदले की भावना से काम नहीं किया। संसद में नेता विपक्ष रहने के दौरान वह भाजपा के विरोध में कई मुद्दों पर मुखर रहे, लेकिन पीएम मोदी ने फिर भी उनके साथ राजनेता के जैसे ही व्यवहार किया।

बुधवार को गुलाम नबी की ऑटोबायोग्राफी 'आजाद' लॉन्च होने वाली है। कांग्रेस नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कर्ण सिंह इसकी लॉन्चिंग करेंगे। आजाद ने इसमें अपने 55 साल के राजनीतिक अनुभवों का जिक्र किया है। बुक लॉन्च से पहले आजाद का बयान आया है।

उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया-आजाद

पूर्व राज्यसभा सांसद एवं डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी के संस्थापक ने गुलाम नबी आजाद ने मंगलवार को कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कभी उनके साथ बदले की भावना से काम नहीं किया। आजाद ने कहा, ' मैंने उनके साथ जो किया उसके लिए मुझे मोदी को श्रेय देना चाहिए। वह बहुत उदार हैं। नेता विपक्ष के रूप में मैंने उन्हें किसी भी मुद्दे पर नहीं बख्शा चाहें वह धारा 370 हो या सीएए या हिजाब का मामला। लेकिन उन्होंने एक राजनेता की तरह व्यवहार किया, उसका बदला नहीं लिया।

मैं कांग्रेस को पूरी तरह से एक्सपोज नहीं करना चाहता-आजाद

न्यूज एजेंसी एएनआई को दिए इंटरव्यू में उन्होंने कांग्रेस की वर्तमान स्थिति पर कहा कि जवाहर लाल नेहरू, राजीव गांधी और इंदिरा गांधी इस आघात को सहन कर सकते थे। उनमें सहनशक्ति थी, उन्हें जनता का समर्थन हासिल था और उनका सम्मान था। वर्तमान में कांग्रेस लीडरशिप का लोगों पर कोई प्रभाव नहीं है।उन्होंने कहा कि मैं कांग्रेस को पूरी तरह से एक्सपोज नहीं करना चाहता हूं। मेरे कांग्रेस नेतृत्व के साथ कुछ मतभेद हो सकते हैं, लेकिन कांग्रेस पार्टी और उसकी विचारधारा से मुझे कोई दिक्कत नहीं है।

जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी के समर्थन का दिया जवाब

कांग्रेस के जी-23 ग्रुप के नेताओं के बीजेपी करीबी होने का आरोप पर गुलाम नबी आजाद ने कहा कि ये बकवास है. अगर जी-23 बीजेपी के प्रवक्ता थे तो उन्हें कांग्रेस ने सांसद क्यों बनाया? उन्हें सांसद, महासचिव और पदाधिकारी क्यों बनाया है? मैं अकेला हूं जिसने पार्टी बनाई है, बाकी लोग अभी वहीं हैं. ये दुर्भावनापूर्ण, अपरिपक्व और बचकाना आरोप है।

बता दें कि पिछले साल कांग्रेस से अलग होकर आजाद ने डेमोक्रेटिक प्रोग्रेसिव आजाद पार्टी बनाई। जानकारी सामने आई है कि अपनी नई किताब में आजाद ने कांग्रेस नेता जयराम रमेश पर निशाना साधा है। उन्होंने लिखा है कि जब गृह मंत्री अमित शाह ने 5 अगस्त 2019 को संसद में आर्टिकल 370 हटाने की घोषणा की थी और जम्मू-कश्मीर को केंद्र शासित प्रदेश घोषित किया था, तब विपक्ष धरने पर बैठा, लेकिन जयराम रमेश उस प्रदर्शन में शामिल नहीं हुए।

सिक्किम के नाथुला में भीषण हिमस्खलन, 7 की मौत, 150 से ज्यादा फंसे, बचाव में जुटी सेना

#sikkim_avalanche_7_tourists_died_and_feared_trapped_in_avalanche_in_nathu_la

सिक्किम नाथू ला में भारी हिमस्खलन की खबर आ रही है।इस घटना में 7 पर्यटकों की मौत हो गई है और 11 घायल हुए हैं।150 से अधिक पर्यटक अभी भी 15 मील से आगे फंसे हुए हैं।बाकी लोगों की तलाशी के लिए बचाव अभियान सेना, राज्य आपदा प्रबंधन टीम और पुलिस द्वारा चलाया जा रहा है।

सिक्किम में गंगटोक को नाथुला से जोड़ने वाले जवाहरलाल नेहरू रोड पर ये हादसा हुआ है।ये हादसा दोपहर 12:20 बजे का है।सेना के अधिकारियों ने ये जानकारी दी है कि मृतकों में चार पुरुष, एक महिला और एक बच्चा शामिल है। हिमस्खलन के बाद गंगटोक को नाथू ला से जोड़ने वाले 15वें मील जवाहरलाल नेहरू मार्ग पर बचाव अभियान जारी है।राहत बचाव के काम में सिक्किम पुलिस, सिक्किम के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, पर्यटन विभाग के अधिकारियों और वाहन चालक जुटे हुए हैं। बर्फ में फंसे 30 पर्यटकों को रेस्क्यू किया गया है। उन्हें गंगटोक के एसटीएनएम अस्पताल और सेंट्रल रेफरल अस्पताल में भर्ती करवाया गया है।

चेकपोस्ट के महानिरीक्षक सोनम तेनजिंग भूटिया ने बताया कि पास केवल 13वें मील के लिए जारी किए जाते हैं, लेकिन पर्यटक बिना अनुमति के 15वें मील की ओर जा रहे हैं. ये घटना 15वें मील में हुई। फिलहाल सिक्किम पुलिस, सिक्किम के ट्रैवल एजेंट्स एसोसिएशन, पर्यटन विभाग के अधिकारियों और वाहन चालकों की ओर से बचाव अभियान चलाया जा रहा है।

देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी की पत्नी वसुधा रोहतगी ने दिल्ली के पॉश गोल्फ लिंक इलाके में 2160 स्क्वायर यार्ड का 160 करोड़ रुपए में खरी


देश के पूर्व अटॉर्नी जनरल और सीनियर एडवोकेट मुकुल रोहतगी की पत्नी वसुधा रोहतगी ने हाल ही में दिल्ली क पॉश गोल्फ लिंक इलाके में शानदार बंगला खरीदा है। 2160 स्क्वायर यार्ड के इस बंगले के लिए उन्होंने 160 करोड़ की भारी-भरकम रकम चुकाई। फाइनेंशियल एक्सप्रेस की रिपोर्ट के मुताबिक वसुधा रोहतगी के बंगले का रजिस्ट्रेशन पिछले महीने ही हुआ है। स्टांप ड्यूटी के रूप में 6.4 करोड रुपए चुकाए हैं।

बंगले की खासियत

मुकुल रोहतगी और वसुधा रोहतगी के नए बंगले का प्लॉट एरिया 1806.35 स्क्वायर मीटर और पूरी बिल्डिंग का कवर्ड एरिया 1869.7 स्क्वायर मीटर है। गोल्फ लिंक दिल्ली के सबसे महंगे और पॉश इलाकों में गिना जाता है। यह खान मार्केट से वाकिंग डिस्टेंस पर है। वसुधा रोहतगी के पड़ोसियों की बात करें तो Rategain के भानु चोपड़ा, मैक्सोप इंजीनियरिंग के शैलेश अरोड़ा और डीबी ग्रुप के पवन अग्रवाल भी यहीं रहते हैं।

कौन हैं वसुधा रोहतगी

वसुधा रोहतगी की गिनती भी देश के दिग्गज वकीलों में होती है। सुप्रीम कोर्ट की सीनियर एडवोकेट वसुधा ने कुछ वक्त पहले परिवार की देखभाल के लिए वकालत छोड़ दी थी। वसुधा रोहतगी, देश के दिग्गज वकील रहे दिवंगत जीएल सांघी की बेटी है।

वसुधा रोहतगी ने दिल्ली कॉलेज ऑफ इंजीनियरिंग से कंप्यूटर साइंस की पढ़ाई की है। बाद में दिल्ली यूनिवर्सिटी में दाखिला लिया और कानून की पढ़ाई की। मूल रूप से नागपुर की रहने वालीं वसुधा रोहतगी और मुकुल रोहतगी के दो बेटे हैं और दोनों ही वकील हैं।

लग्जरी गाड़ियों की भी हैं शौकीन

वसुधा रोहतगी और मुकुल

 रोहतगी लग्जरी कारों के शौकीन भी हैं। दोनों के पास बीएमडब्ल्यू 7 सीरीज और बेंटले है। दोनों को लॉन्ग ड्राइव का शौक है और अक्सर नई जगहों को एक्सप्लोर करते रहते हैं।

कौन हैं मुकुल रोहतगी

वसुधा गुप्ता के पति और पूर्व अटॉर्नी जनरल मुकुल रोहतगी Biography की बात करें तो साल 2021 में उनकी कुल नेटवर्थ 100 करोड़ से ज्यादा की आंकी गई थी। फाइनेंशियल एक्सप्रेस के मुताबिक मुकुल रोहतगी सुप्रीम कोर्ट में एक हियरिंग के 35 लाख रुपये तक चार्ज करते हैं। 17 अगस्त 1955 को जन्मे मुकुल रोहतगी दिल्ली हाई कोर्ट के पूर्व जज अवध बिहारी रोहतगी के बेटे हैं। मुकुल रोहतगी ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से कॉमर्स (ऑनर्स) की पढ़ाई की है। इसके बाद साल 1975 में उन्होंने गवर्नमेंट लॉ कॉलेज, मुंबई से लॉ की पढ़ाई की थी।

राहुल गांधी ने सांसदी वापस पाने के लिए इन पिता पुत्री पर किया भरोसा, जज का ऑफर ठुकरा चुके हैं आरएस चीमा


आरएस चीमा की गिनती देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में, बाप-बेटी की जोड़ी सिख दंगों से लेकर 2 जी जैसे हाईप्रोफाइल केस लड़ चुकी 

सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा राहुल गांधी का मुकदमा लड़ रहे हैं। कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने सूरत के सेशन कोर्ट में अपनी सजा को चुनौती देते हुए याचिका दायर की है। कुछ दिन पहले ही आपराधिक अवमानना से जुड़े मामले में सूरत की मजिस्ट्रेट कोर्ट ने राहुल गांधी को दोषी ठहराते हुए 2 साल की सजा सुनाई थी। राहुल गांधी को यह सजा ‘मोदी सरनेम’ से जुड़ी टिप्पणी के मामले में हुई थी।

बाप-बेटी की जोड़ी लड़ रही राहुल गांधी का मुकदमा

सूरत के सेशन कोर्ट में राहुल गांधी की तरफ से जो वकील मुकदमा लड़ रहे हैं, उनमें सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा, एडवोकेट तरन्नुम चीमा और किरीट पनवल शामिल हैं। ‘बार एंड बेंच’ की एक रिपोर्ट के मुताबिक दिग्गज एडवोकेट अभिषेक मनु सिंघवी टीम इस टीम की स्ट्रैटेजिक एडवाइजर के तौर पर मदद कर रहे हैं।

जज का ऑफर ठुकरा चुके हैं आरएस चीमा

राहुल गांधी की तरफ से पेश वकीलों की अगुवाई कर रहे आरएस चीमा की गिनती देश के टॉप क्रिमिनल लॉयर्स में होती है। पंजाब और दिल्ली में प्रैक्टिस करने वाले चीमा साल 1977 से वकालत कर रहे हैं और कोलगेट स्कैम से लेकर सिख दंगों से जुड़ा केस लड़ चुके हैं। चीमा, सीबीआई के लिए भी तमाम हाई-प्रोफाइल मुकदमे लड़ चुके हैं।

आरएस चीमा दिल्ली हाई कोर्ट में सीबीआई की तरफ से बतौर स्पेशल पब्लिक प्रॉसिक्यूटर (SPP) पेश हुए थे और सज्जन कुमार को बरी करने के फैसले को पलटवा दिया था। उन्होंने और चर्चित कोलगेट स्कैम में भी कई आरोपियों को सजा दिलवाई थी।

सीनियर एडवोकेट आरएस चीमा इकोनॉमिक्स के प्रोफेसर रह चुके हैं। इसके अलावा पंजाब सरकार के एडवोकेट जनरल (AG) भी रहे हैं। वह इस पद पर 2 साल तक रहे। चीमा को जज बनने का ऑफर भी मिला था, लेकिन उन्होंने ऑफर ठुकरा दिया था।

पहले भी लड़ चुके हैं राहुल का मुकदमा

यह पहली बार नहीं है जब आरएस चीमा राहुल गांधी के लिए मुकदमा लड़ेंगे। इससे पहले वह नेशनल हेराल्ड केस में राहुल गांधी और सोनिया गांधी के लिए मुकदमा लड़ चुके हैं और बीजेपी नेता सुब्रमण्यम स्वामी को क्रॉस एग्जामिन किया था। स्वामी ही इस मामले के शिकायतकर्ता हैं।

कौन हैं तरन्नुम चीमा?

राहुल गांधी की दूसरी वकील तरन्नुम चीमा हैं, जो आरएस चीमा की बेटी हैं। बाप-बेटी की जोड़ी क्रिमिनल केसेज के लिए खासी मशहूर है तरन्नुम, एक दशक से ज्यादा वक्त से वकालत कर रही हैं। आरएस चीमा और तरन्नुम चीमा की बाप-बेटी की जोड़ी 2G ट्रायल में डिफेंस टीम का हिस्सा थी। तरन्नुम चीमा ने 1984 के सिख दंगे और कोलगेट मामले में अपने पिता की मदद की थी। तरन्नुम चीमा, तमाम नेताओं का PMLA से जुड़ा मुकदमा भी लड़ चुकी हैं।

1600 मुकदमें लड़ चुके हैं किरीट पनवल

राहुल गांधी के तीसरे वकील एडवोकेट किरीट पनवल हैं। पनवल, चार दशक से ज्यादा वक्त से वकालत कर रहे हैं और उनकी गिनती सूरत के मशहूर क्रिमिनल लॉयर्स में होती है। किरीट पनवल अब तक मर्डर से जुड़े 1600 मुकदमें लड़ चुके हैं। वह आसाराम बापू के बेटे नारायण साईं से जुड़े एक रेप केस में भी अपीयर हो चुके हैं।

गुजराती फिल्म ‘नर्मदा तारा वही जाता पानी’ के प्रोड्यूसर पनवल, नवयुग लॉ कॉलेज और वीटी चोकसी लॉ कॉलेज में लेक्चरर भी रहे हैं और उन्होंने ‘सत्या माहिती’ नाम से किताब भी लिखी है, जो उनके अनुभवों पर आधारित है।

उत्तरप्रदेश सरकार के मंत्री दयाशंकर सिंह और स्वाति सिंह का तलाक, 22 साल बाद रिश्ता खत्म, काफी दिनों से चल रही थी अनबन, पढ़िए, क्या था विवाद का क

यूपी सरकार में मंत्री दयाशंकर सिंह और पूर्व मंत्री स्वाति सिंह का तलाक हो गया। लखनऊ के अपर प्रधान न्यायाधीश देवेन्द्र नाथ सिंह ने तलाक की अर्जी पर ये फैसला सुनाया है। दरअसल, मंत्री दयाशंकर और पत्नी स्वाति में काफी दिनों से अनबन चल रही थी। स्वाति सिंह ने साल 2012 में भी तलाक की अर्जी दाखिल की थी। 18 मई 2001 को हुई शादी आज टूट गई।

बता दें कि यूपी चुनाव से ठीक पहले स्वाति सिंह का एक ऑडियो वायरल होने के बाद पति-पत्नी का विवाद चर्चाओं में आ गया था। इसी के बाद भाजपा ने स्वाति सिंह का टिकट काट दिया और दयाशंकर सिंह को बलिया नगर से मैदान में उतारा। दयाशंकर सिंह चुनाव जीतकर विधायक भी बन गए हैं। इसके बाद मंत्री बन गए । इस बीच स्वाति सिंह फिर से फैमिली कोर्ट पहुंच गई। इससे पहले स्वाति सिंह ने 2012 में दयाशंकर से तलाक लेने की अर्जी कोर्ट में दी थी। लेकिन मंत्री बनने के बाद केस की पैरवी बंद कर दी। 2018 में फैमिली कोर्ट ने दोनों पक्षों के कोर्ट नहीं पहुंचने पर केस ही बंद कर दिया था। इसके बाद स्वाति सिंह दोबारा केस खोलने के लिए फैमिली कोर्ट पहुंचीं। उनकी अर्जी पर एडिशनल प्रिंसिपल जज फैमिली कोर्ट ने आर्डर रिजर्व कर लिया

 विवाद का कारण

भाजपा ने इस बार स्वाति सिंह के बदले पति दयाशंकर को मैदान में उतारा था। दयाशंकर सिंह चुनाव में बलिया से जीते हैं और मंत्री बनने की रेस में हैं। पहले दयाशंकर सिंह और स्वाति लखनऊ की सरोजनीनगर सीट से चुनाव लड़ने का टिकट मांग रहे थे। एक ही सीट पर पति-पत्नी के दावे पर पार्टी ने स्वाति का टिकट काटकर सरोजनीनगर से राजेश्वर सिंह को उम्मीदवार बनाया था। जबकि दयाशंकर को बलिया सदर सीट से मैदान में उतारा गया था।

*ममता बनर्जी का बीजेपी पर जोरदार हमला, कहा-बाहर से लाकर हिंसा कर रहे, दंगा बंगाल की संस्कृति नहीं*

#cm_mamata_banerjee_accused_bjp

पश्चिम बंगाल में हिंसा पर राज्य की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बीजेपी पर तीखा प्रहार किया है।ममता बनर्जी ने बीजेपी पर दंगा लगाने का आरोप लगाया।ममता बनर्जी ने कहा है कि भाजपा राज्य में दंगा भड़का सकती है, इसलिए उन्हें चौकन्ना रहना पड़ेगा। ममता बनर्जी ने कहा कि भाजपा, वामपंथियों की राह पर है।

ममता बनर्जी ने आरोप लगाया कि वो जुलूस में हथियार और कारतूस लाए। क्या भगवान राम ने हथियार लाने को कहा था। ये लोग समझते नहीं हैं बंगाल के लोग दंगा पसंद नहीं करते। दंगा करना बंगाल की संस्कृति नहीं है। आम लोग दंगा नहीं करते हैं। बीजेपी से नहीं हो पाता तो दंगा भड़काने के लिए वे किराए के लोगों को लाते हैं।दंगाइयों का कोई धर्म नहीं होता, वे सिर्फ राजनीतिक गुंडे होते हैं।

बंगाला की सीएम ने कहा कि वामपंथी भी पहले ऐसा करते थे। क्या आप लोग वामपंथियों की ज्यादतियों को भूल गए हैं? नंदीग्राम, खेजुरी, कोलाघाट, तामलुक में क्या हुआ, क्या आप भूल गए? सीपीआई (एम) बड़े बड़े दावे करती थी, आज भाजपा भी सीपीआई (एम) से सीखकर उसी की राह पर है।  

 

ममता बनर्जी ने कहा कि जो लोग दंगा कर रहे हैं, उनके खिलाफ कार्रवाई की जाएगी। सीबीआई और ईडी को जितना भी लगा दें, पुलिस दंगा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई करेगी। उन्होंने कहा कि वह किसी से नहीं डरती हैं। उसे कोला कर पाएंगे। जो बदनाम करेगा। दंगा करके और राज्य का पैसा बंद कर रहे हैं, तो लोग खुद ही विदा दे देंगे। उन्होंने कहा कि परसो एक कोयला माफिया मारा गया, बतायें कि उसकी मृत्यु कैसे हुई। कौन-कौन लोग उसकी सहायता करते थे। एक दिन ऐसा आएगा, जिस तरह से गाय के मुंह में जाल बांधा जाता है,उसी तरह से उनके मुंह में भी जाल बांध दिया जाएगा। उन्होंने कहा कि दंगा करने नहीं दें। किसी को दंगा करने नहीं देंगे। घर की महिलाएं दंगा करने वालों को खदेड़ दें। उन्होंने इस अवसर पर नारा नहीं दिया कि दंगाबाज दूर हटा, दंगा नहीं शांति चाहिए।

चीन ने अरुणाचल की जगहों के नाम बदलने, भड़की कांग्रेस का बड़ा हमला, खड़गे ने कहा-पीएम मोदी की क्लीन चिट का नतीजा

#mallikarjun_kharge_attacked_the_center

चीन ने अरुणाचल प्रदेश की 11 जगहों के नए नाम जारी किए हैं।चीन की इस कार्रवाई के बाद कांग्रेस ने केंद्र सरकार और प्रधानमंत्री मोदी पर तीखा हमला बोला है। चीन की कार्रवाई पर प्रधानमंत्री की चुप्पी पर भी कांग्रेस ने सवाल खड़े किए है।कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने इसके लिए केंद्र की नीतियों को जिम्मेदार बताया है।

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अरुणाचल प्रदेश के मुद्दे को लेकर केंद्र सरकार पर हमला बोला है। खरगे ने कहा कि यह तीसरी बार है जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश के हमारे इलाकों का नाम बदलने का दु्स्साहस किया है। गलवान की घटना के बाद चीन को क्लीन चिट देने का यह नतीजा है।

खड़गे का पीएम पर निशाना

कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने अपने ट्वीट में लिखा कि 'तीसरी बार चीन ने हिमाकत की है कि वह अरुणाचल प्रदेश में हमारे इलाकों का नामकरण कर रहा है। 21 अप्रैल 2017 को छह जगहों, 30 दिसंबर 2021 को 15 जगहों और तीन अप्रैल 2023 को 11 जगहों के नाम रखे गए। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न हिस्सा है और हमेशा रहेगा। गलवान घटना के बाद प्रधानमंत्री मोदी ने जो चीन को क्लीन चिट दी, उसी का परिणाम देश भुगत रहा है।

11 जगहों के नए नामों की लिस्ट जारी 

दरअसल, चीन ने एक बार फिर अरुणाचल प्रदेश के 11 जगहों के नए नामों की लिस्ट जारी की है। ये लिस्ट चीनी, तिब्बती और पिनियन भाषा में जारी हुई है। इन 11 जगहों में से दो नदियां, पांच पार्वती चोटियां, दो रिहायशी इलाके और दो भूमि क्षेत्र शामिल हैं। 

चीन को भारत का जवाब

चीन की इस हरकतों पर भारत ने भी पलटवार किया है। भारतीय विदेश मंत्रालय ने कहा कि वो अरुणाचल प्रदेश को लेकर चीन की ओर से उठाए गए कदमों को सिरे से खारिज करता है। विदेश मंत्रालय ने कहा कि चीन अरुणाचल प्रदेश के 11 इलाकों का नाम बदलकर वास्तविकता को नहीं बदल सकता है। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है और रहेगा।

देश में कोरोना का खौफ फिर बढ़ा, 24 घंटे में कोरोना के आए 3038 नए केस, 7 की मौत

#india_records_3038_fresh_cases_and_7_deaths

कोरोना का भारत में पिछले कुछ दिनों से एकबार फिर से खौफ बढ़ने लगा है। पिछले कई दिनों से देश में कोरोना के मामलों में लगातार इजाफा देखने को मिल रहा है।कोरोना मामलों में बढ़ोतरी पिछले 8 हफ्तों से लगातार बढ़ रही है। आलम यह है कि देश में पिछले कई दिनों से कोरोना के 3000 से ज्यादा नए केस सामने आ रहे हैं।

देश में आज कोरोना के 3038 नए केस सामने आए हैं। इस दौरान कोरोना संक्रमण की वजह से 7 लोगों की मौत की खबर है। कोरोना से पंजाब में 2 मौतें, उत्तराखंड में 1, महाराष्ट्र में 1, जम्मू में 1 और दिल्ली में 2 मौतें दर्ज की गईं हैं। इससे पहले सोमवार को देश में कोरोना के 3641 नए केस सामने आए थे जबकि 11 लोगों की मौत हुई थी। इस तरह पिछले 24 घंटे में कोरोना के नए मामले में 503 की गिरावट दर्ज की गई है।

देश में पॉजिटिविटी रेट में बड़ा उछाल देखा गया है।इस समय एक्टिव मामले कुल संक्रमणों का 0.05 प्रतिशत हैं। मंत्रालय के आंकड़ों के मुताबिक कोविड-19 से ठीक होने वालों की राष्ट्रीय रिकवरी दर 98.76 प्रतिशत दर्ज की गई है। जबकि कोविड मरीजों की मृत्यु दर 1.19 दर्ज की गई।

बता दें कि देश में पिछले एक महीने में एक्टिव केस में साढ़े 7 गुना की बढ़ोतरी हुई है। 3 मार्च को एक्टिव मरीजों की संख्या 2 हजार 686 थी, जो सोमवार को बढ़कर 21 हजार 179 हो गई है। यह संख्या अक्टूबर के बाद सबसे ज्यादा है। इससे पहले 23 अक्टूबर को एक्टिव केस 20 हजार 601 थे। इसके साथ ही देश में कुल कोरोना संक्रमितों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 47 लाख 29 हजार 284 हो गई है। जबकि ठीक होने वाले लोगों का आंकड़ा बढ़कर 4 करोड़ 41 लाख 77 हजार 204 हो गया है। वहीं देश में अब तक कुल 5 लाख 30 हजार 899 लोग कोरोना वायरस संक्रमण की वजह से दम तोड़ चुके हैं।

चालबाजी से बाज नहीं आ रहा चीन, अरुणाचल के 11 जगहों के नाम बदल फिर ठोका दावा, भारत ने दी तीखी प्रतिक्रिया

#china_released_list_of_11_places_in_arunachal_pradesh_renamed 

चीन अपनी चालबाजियों से बाज आने वाला नहीं है। चीन ने अरुणाचल प्रदेश पर अपने दावे को फिर मज़बूत करने की कोशिशों के तहत राज्य में 11 स्थानों के लिए नए नामों का सेट जारी किया है।उन्होंने तीन भाषाओं चीनी, तिब्बती और पिनयिन में अरुणाचल प्रदेश के नामों की लिस्ट जारी की है। इन 11 स्थानों में दो भूमि क्षेत्र, दो रिहायशी इलाके, पांच पर्वती चोटियां और दो नदियां शामिल हैं।यह तीसरा मौका है, जब चीन ने अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदला है।

द ग्लोबल टाइम्स के अनुसार, जो चीन में सत्तारूढ़ कम्युनिस्ट पार्टी के मुखपत्र पीपुल्स डेली समूह के प्रकाशनों का हिस्सा है, चीनी अधिकारी इस कदम को 'मानकीकृत भौगोलिक नाम' कह रहे हैं।जिन जगहों के नाम बदले गए हैं, वे सभी इलाके जेंगनेनमें आते हैं, जो चीन के दक्षिण राज्य शिजियांग का हिस्सा है। इनमें से एक इलाका अरुणाचल की राजधानी ईटानगर से बेहद करीब है, जबकि 4 रिहायशी इलाके हैं। वहीं, 5 पहाड़ी क्षेत्र और दो नदियां है।

चीन द्वारा अरुणाचल प्रदेश में स्थानों का नाम बदलने के संबंध में मीडिया के सवालों के जवाब में, विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता अरिंदम बागची ने कहा, हमने इस तरह की रिपोर्ट देखी है। यह पहली बार नहीं है जब चीन ने इस तरह का प्रयास किया है। हम इसे सिरे से खारिज करते हैं। अरुणाचल प्रदेश भारत का अभिन्न अंग है, और रहेगा। ऐसे प्रयास से वास्तविकता नहीं बदलेगी।

इस तरह की पहली दो सूचियां 2018 और 2021 में जारी की गई थीं। चीन ने पहले छह नामों की सूची जारी की थी, जबकि 2021 में उसने अरुणाचल प्रदेश में 15 स्थानों का 'नाम बदला' था। नई दिल्ली ने दोनों मौकों पर चीन के दावों को मजबूती से खारिज कर दिया था।