मोतिहारी में 24 – 28 मार्च तक लोक नाट्य समारोह का किया जा रहा आयोजन
मोतिहारी: ज्ञात हो कि उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र, प्रयागराज तथा कला, संस्कृति एवं युवा विभाग, बिहार सरकार के संयुक्त तत्वावधान में जिला प्रशासन, पूर्वी चम्पारण, मोतिहारी के सहयोग से राजेन्द्र नगर भवन, मोतिहारी में 24 – 28 मार्च तक लोक नाट्य समारोह का आयोजन किया जा रहा है।
उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केन्द्र (NCZCC), प्रयागराज देश के सात क्षेत्रीय सांस्कृतिक प्रतिष्ठानों में से एक है, जिसे तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्रालय, भारत सरकार की पहल पर बनाया गया था।
इसकी स्थापना का उद्देश्य क्षेत्रीय सीमाओं के परे जाकर एक बड़े जनसमूह को सांस्कृतिक संबंधों में बांधना है, ताकि लोक और जनजातीय कलाओं के विशेष साहित्यिक एवं रचनात्मक विकास के लिए सुविधाएँ प्रदान की जा सके।
इसके अंतर्गत बिहार, दिल्ली, हरियाणा, मध्य प्रदेश, राजस्थान, उत्तर प्रदेश एवं उत्तराखंड राज्य शामिल है।
इस 5 दिवसीय नाट्य समारोह की रूपरेखा उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र के निदेशक प्रो. सुरेश शर्मा की है। कार्यक्रम के सफल आयोजन हेतु श्री अजय गुप्ता, कार्यक्रम अधिकारी, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र तथा श्री मनोज कुमार, कार्यक्रम समन्वयक, उत्तर मध्य क्षेत्र सांस्कृतिक केंद्र की प्रमुख भूमिका रही।
इनके अलावा मोतिहारी जिला प्रशासन से श्री गौरव कुमार (वरीय उपसमाहर्ता), पवन कुमार सिन्हा (अपर समाहर्ता) एवं श्री गुप्तेश्वर कुमार (जिला सूचना जनसंपर्क पदाधिकारी, पूर्वी चंपारण) की उक्त कार्य को कार्यरूप देने में समस्त भूमिका रही। मंच संचालन का कार्य गुलरेज़ शहजाद ने किया।
आज समारोह के दूसरे दिन 25-03-23 को सायं 6 बजे से सुन्दर सांस्कृतिक माच समिति, उज्जैन द्वारा सुन्दरलाल मालवीय निर्देशित नाटक “शहीद भगत सिंह" की प्रस्तुति हुई।
नाटक का कथासार इस प्रकार है:
शहीद भगतसिंह माच खेल मालवी बोली में है। शहीद भगतसिंह लायनपुर लाहौर में जन्मे एक नवयुवक की कहानी है, जो अपनी क्रांतिकारी गतिविधियों के द्वारा देश की जनता को अंग्रेजों के विरुद्ध आजादी प्राप्त करने के लिए प्रेरित करते हैं व मात्र 23 वर्ष की उम्र में देश की खातिर शहीद हो जाते हैं।
भगतसिंह असेम्बली में बम फेंकते हैं व खुद को बटुकेश्वर दत्त के साथ स्वयं को गिरफ्तार करवा देते हैं। अंग्रेज अधिकारी भगतसिंह, सुखदेव और राजगुरु को फांसी की सजा सुनाते हैं। तीनो वीर सपूत हंसते-हंसते भारत की आजादी के लिए फांसी पर झूल जाते हैं।
Apr 02 2023, 19:28