पटना:- शक्तिधाम में महिलाओं ने की गणगौर पूजा
आज बैंक रोड शक्तिधाम दादीजी मंदिर में प्रातः से हीं गणगोर पूजन के लिए महिलाओं का तांता लगा रहा । सैकड़ों की संख्या में महिलायें राजस्थानी वेशभूषा में सुबह छह बजे से ही पूजा अर्चना के लिए सज धज कर प्रसाद की थाली में खीर, पूरी, गुड़ , गेहूं , जौ ,दूब , रोली आदि पूजन सामग्री लेकर भक्ति भाव से गणगौर माता की पूजा अर्चना किया । नजारा ऐसा मानो पूरी राजस्थानी संस्कृति शक्तिधाम में उतर आयी हो . आज ही संध्या में हीं गणगोर माता का विसर्जन किया जाएगा.
मौके पर मुख्य संस्थापक अमर कुमार अग्रवाल ने गणगौर पूजा के सम्बन्ध में बताया कि नवरात्री के तीसरे दिन यानी की चैत्र मास के शुक्ल पक्ष की तीज को गणगौर माता याने की माँ पार्वती की पूजा की जाती है |
पार्वती के अवतार के रूप में गणगौर माता व भगवान शंकर के अवतार के रूप में ईशर जी की पूजा की जाती है।प्राचीन समय में पार्वती ने शंकर भगवान को पति ( वर) रूप में पाने के लिए व्रत और तपस्या की | शंकर भगवान तपस्या से प्रसन्न हो गए और वरदान माँगने के लिए कहा |
पार्वती ने उन्हें वर रूप में पाने की इच्छा जाहिर की | पार्वती की मनोकामना पूरी हुई और उनकी शादी शंकर भगवान से हो गयी । बस उसी दिन से कुंवारी लड़कियां मन इच्छित वर पाने के लिए ईशर और गणगौर की पूजा करती है | सुहागिन स्त्री पति की लम्बी आयु के लिए पूजा करती है |गणगौर की पूजा चैत्र मास के कृष्ण पक्ष की तृतीया तिथि से आरम्भ की जाती है |
सोलह दिन तक सुबह जल्दी उठ कर बाड़ी बगीचे में जाती है तथा दूब एवं फूल लेकर घर आती है उस दूब से दूध के छींटे मिट्टी की बनी हुई गणगौर माता को देती है | थाली में दही पानी सुपारी और चांदी का छल्ला आदि सामग्री से गणगौर माता की पूजा की जाती है |
आठवे दिन ईशरजी पत्नी (गणगौर ) के साथ अपनी ससुराल पधारते है | उस दिन सभी लड़कियां कुम्हार के यहाँ जाती है और वहा से मिट्टी की झाँवली ( बरतन) और गणगौर की मूर्ति बनाने के लिए मिट्टी लेकर आती है |
उस मिट्टी से ईशर जी ,गणगौर माता, मालन,आदि की छोटी छोटी मूर्तिया बनाती है |
जहा पूजा की जाती उस स्थान को गणगौर का पीहर व जहाँ विसर्जित की जाती है वह स्थान ससुराल माना जाता है |
आज की पूजा में शकुंतला अग्रवाल, रेखा मोदी, सरिता बंका, प्रेमलता गोयल, सरिता चौधरी, रिमझिम सर्राफ सहित सैकड़ों की संख्या में महिलाओं ने गणगौर माता की पूजा की।
एम पी जैन ने बताया कि इस पूजन समारोह को सफल बनाने में मुख्य संस्थापक अमर अग्रवाल, ओम पोद्दार, रमेश मोदी, अक्षय अग्रवाल, संतोष अग्रवाल, निर्मल अग्रवाल आदि सक्रिय थे।
Mar 25 2023, 14:02