आलू उत्पादकों के लिए सरकार कर रही है नई नई पहल ,भारत में उत्तर प्रदेश का आलू उत्पादन में पहला स्थान
लखनऊ। भारत में उत्तर प्रदेश का आलू उत्पादन में प्रथम स्थान है। प्रदेश में उपभोक्ताओं के लिए पोषणीय आवश्यकता, रोजगार सृजन एवं आर्थिक दृष्टि से नकदी फसल के रूप में आलू का महत्वपूर्ण योगदान है। देश के कुल उत्पादन का लगभग 35 प्रतिशत आलू का उत्पादन उत्तर प्रदेश में उत्पादित होता है। वर्ष 2017 से पूर्व आलू का क्षेत्रफल 6.14 लाख हेक्टेयर तथा उत्पादन 155.43 लाख मी0टन था, प्रदेश सरकार के अथक प्रयास से आलू के क्षेत्रफल एवं उत्पादन में वृद्धि हुई। प्रदेश में इस वर्ष लगभग 6.94 लाख हेक्टेयर क्षेत्रफल में आलू के आच्छादन के सापेक्ष लगभग 242.93 लाख मी0टन उत्पादन सम्भावित है।
इसी प्रकार वर्ष 2017 तक कुल 1708 शीतगृह, जिनकी भण्डारण क्षमता मात्र 130.26 लाख मी0टन थी। सरकार के प्रयास एवं लागू नीतियों के माध्यम से शीतगृहों की संख्या एवं भण्डारण क्षमता में वृद्धि हुई है। इस वर्ष आलू भण्डारण के लिए 1971 शीतगृह संचालित है, जिनकी भण्डारण क्षमता 162.62 लाख मी0टन है। अभी तक मात्र 88.14 लाख मी0टन आलू भण्डारित हुआ है एवं 74.48 लाख मी0टन (45.80 प्रतिशत) की क्षमता भण्डारण हेतु अवेशष है।
वर्ष 2012 से 2017 की अवधि में आलू के औसत बाजार भाव माह जनवरी, फरवरी व मार्च में क्रमशः रु0 603.20 प्रति कुन्तल, रु0 566.20 प्रति कुन्तल व रु0 655.20 प्रति कुन्तल थे, जबकि 2017 से 2022 की अवधि में आलू के औसत बाजार भाव माह जनवरी, फरवरी व मार्च में क्रमशः रु0 810.40 प्रति कुन्तल, रु0 726.80 प्रति कुन्तल व रु0 828.20 प्रति कुन्तल रहे हैं।गत वर्ष में आलू के औसत थोक बाजार भाव रु0 831 प्रति कुन्तल से रु0 1644 प्रति कुन्तल के मध्य रहे हैं। जनवरी, 2023 में आलू के औसत बाजार भाव रु0 845 प्रति कुन्तल थे।
उल्लेखनीय है कि आलू उत्पादक जनपद विशेषकर कन्नौज एवं फर्रूखाबाद में आलू की अगेती फसल (कच्ची खोद का आलू) अधिक क्षेत्रफल में लगाई जाती है, जो माह दिसम्बर के प्रथम सप्ताह से बाजार में आना प्रारम्भ हो जाता है। सितम्बर, 2022 के अन्तिम सप्ताह एवं अक्टूबर, 2022 के प्रथम सप्ताह में हुई अधिक वर्षा से अगेती फसल की बुवाई देर से हुई, जिसके कारण आलू की अगेती फसल, आलू की मुख्य फसल के साथ तैयार हो गयी एवं बाजार में आवक बढ़ गयी। इस वर्ष आलू फसल के लिए अनुकूल मौसम भी था, जिससे उत्पादन अच्छा हुआ है।
प्रदेश की प्रमुख आलू मण्डियों में आलू के अधिक आवक के कारण फरवरी, 2023 में आलू के औसत बाजार भाव रु0 683 प्रति कुन्तल हो गये। मार्च, 2023 के प्रथम सप्ताह में प्रदेश के विभिन्न मण्डियों में आलू के थोक बाजार भाव में कमी के दृष्टिगत प्रदेश सरकार द्वारा किसानों के हित में प्रभावी कार्यवाही की गयी।
किसानों का आलू सुगमता से शीतगृह में भण्डारित कराना।प्रदेश से बाहर आलू का विपणन कराना।किसानों को लागत का मूल्य दिलाना।भारत सरकार की योजना का किसानों को भण्डारण एवं विपणन पर लाभ दिलाना।मण्डी में ई-नैम व्यवस्था।
आलू उत्पादकाें की समस्याओं के निराकरण हेतु प्रदेश सरकार के शीर्षस्थ अधिकारी एवं कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन द्वारा दिनांक 06 मार्च, 2023 को प्रमुख आलू उत्पादक क्षेत्रों के किसानों से सीधे मुलाकात कर भण्डारण एवं विपणन सम्बन्धी समस्याओं के सम्बन्ध में जानकारी प्राप्त की, जिससे स्पष्ट हुआ कि प्रमुख आलू व्यापारी/आढ़ती एवं शीतगृह स्वामी मिलकर आलू की खरीद कम दामों पर कर रहे हैं एवं किसानों के आलू को भण्डारित कराने में अवरोध डालने का प्रयास कर रहे हैं।
फर्रूखाबाद में आलू के विपणन, भण्डारण तथा मण्डी सम्बन्धी समस्याओं के सम्बन्ध में सम्बन्धित अधिकारियों के विरूद्ध अनुशासनिक कार्यवाही करने के निर्देश दिये गये। कृषि उत्पादन आयुक्त, उ0प्र0 शासन सुझावों से संज्ञानित होते हुए उद्यान विभाग एवं उ0प्र0 राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद के वरिष्ठ अधिकारियों को कठोर एवं प्रभावी कार्यवाही के निर्देश दिये गये हैं और प्रतिदिन मध्यान्ह 12ः00 बजे समीक्षा बैठक की जा रही है।
आलू उत्पादकों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाये जाने के लिए राज्य सरकार द्वारा प्रदेश के समस्त शीतगृहों पर उद्यान विभाग के अधिकारियों एवं कर्मचारियों की ड्यूटी लगाई गयी है, जो आलू भण्डारण में किसानों की सहायता कर रहे हैं, जिसके फलस्वरूप आलू उत्पादक सुगमता से शीतगृहों में अपने आलू का भण्डारण कर रहे हैं।
उत्तर प्रदेश की मण्डियों में आलू की आवक के उचित मूल्य उपलब्ध कराये जाने हेतु अन्य प्रदेशों में, जहां आलू मूल्य अधिक है, वहां ई-नैम के माध्यम से ई-ट्रेड व्यवस्था तत्काल आरम्भ करने की त्वरित कार्यवाही की गयी है।
प्रथम चरण में आलू बाहुल्य क्षेत्र विशेषकर फर्रूखाबाद, कन्नौज, इटावा, औरैया, बाराबंकी आदि जनपदों में ई-नैम से नीलामी हेतु लाॅट लगवाये जाने की कार्यवाही शुरू कर दी गयी है। दिनांक 11 मार्च, 2023 को फर्रूखाबाद, औरैया, इटावा में 2856.80 कुन्तल आलू का विपणन किया गया और गुणवत्ता के आधार पर रु0 470 से 600 प्रति कुन्तल की दर से मूल्य प्राप्त हुआ, जबकि दिनांक 06 मार्च, 2023 को मण्डी का भाव रु0 450 प्रति कुन्तल था।प्रदेश से 15000 टन आलू का निर्यात उप्र राज्य औद्यानिक सहकारी विपणन संघ (हाॅफेड) के माध्यम से नेपाल को निर्यात करने का अनुबन्ध हो चुका है, जिसके क्रम में पहली खेप फर्रूखाबाद से दिनांक 11 मार्च, 2023 को रवाना की जा चुकी है।
जनपद आगरा से 600 टन आलू का निर्यात मलेशिया, दुबई एवं कतर के लिए दिनांक 11 मार्च, 2023 को भेजा जा चुका है।प्रदेश सरकार किसानों को उनके उत्पाद का उचित मूल्य दिलाने के लिए कटिबद्ध है और प्रत्येक आवश्यक संसाधनों का उपयोग कर यथोचित योजनायें लागू की गयी है। इस निमित्त बाजार हस्तक्षेप योजना इस वर्ष लागू कर दी गयी है और और किसानों के औसत गुणवत्ता के आलू का रु0 650 प्रति कुन्तल की दर से क्रय किया जायेगा। प्रथम चरण में जनपद मैनपुरी, एटा, कासगंज, फर्रूखाबाद, कौशाम्बी, उन्नाव एवं बरेली में हाॅफेड के क्रय केन्द्र खोले जा रहे हैं। हाॅफेड के स्तर से आलू निर्यात की ठोस कार्यवाही आरम्भ कर दी गयी है और निर्यातकों से मांग भी प्राप्त हो रही है।
उप्र राज्य कृषि उत्पादन मण्डी परिषद द्वारा भी बाजार हस्तक्षेप योजना के अन्तर्गत सभी आलू उत्पादक जनपदों में क्रय केन्द्र खोले जायेंगे। खाद्य प्रसंस्करण उद्योग मंत्रालय, भारत सरकार द्वारा संचालित ‘‘आपरेशन ग्रीन योजना’’ के तहत आलू के भण्डारण एवं विपणन हेतु कृषकों, एफ.पी.ओ., खाद्य प्रसंस्करणकर्ता, लाइसेन्सशुदा कमीशन एजेण्ट, फुटकर व्यवसायी, सहकारी समितियां, विपणन संघ एवं निर्यातकों को 50 प्रतिशत तक अनुदान सम्बन्धी निर्देश जारी किये गये हैं, यह सुविधा प्रदेश के आलू क्लस्टर के 17 जनपद यथा- प्रयागराज, बाराबंकी, जौनपुर, फिरोजाबाद, फर्रूखाबाद, मथुरा, कन्नौज, अलीगढ़, मैनपुरी, आगरा, हाथरस, कानपुर नगर, शाहजहांपुर, हरदोई, बदायूं, इटावा, सम्भल में प्रभावी होगी। अन्तर्राज्यीय एवं अन्तर्राष्ट्रीय आलू निर्यातकों के साथ आगरा में आलू के लिए बायर सेलर मीट का आयोजन प्रस्तावित है।प्रदेश सरकार आलू उत्पादकों के हितों की रक्षा के लिए प्रतिबद्ध है और इस दिशा में आगे भी सतत प्रयास जारी रखे जायेंगे।
Mar 12 2023, 17:53