झारखंड विधानसभा बजट सत्र:1 लाख 16 हजार 418 करोड़ का बजट हुआ पेश,जाने बजट में क्या है खास...?
रांची: झारखंड विधानसभा में आज वित्तीय वर्ष 2023- 24 का राज्य का बजट पेश किया जा रहा है। यह बजट 1 लाख 16 हजार 418 का है। बजट से पहले वित्तं मंत्री रामेश्वर उरांव ने धरती आबा को नमन किया। बजट को लेकर लोगों के अहम सुझावों का भी जिक्र किया।राज्य की आर्थिक विकास दर 7.4 प्रतिशत रहने का अनुमान लगाया गया है।
13 लाख किसानों के खाते में सरकार ने योजना के तहत 416 करोड़ रुपए की आर्थिक मदद पहुंचाई है। किसानो को राहत देना ऋण मुक्त करना लक्ष्य रखा गया है। किसानों के आर्थिक विकास के लिए नई योजना लाई जा रही है साथ ही सरकार मोटे अनाज के उत्पादन पर भी जोर दे रही है। खाद का इस्तेमाल कम से कम हो इसका प्रयास भी सरकार कर रही है।
सरकार पशुधन विकास योजना के तहत किसानों की आय बढ़ाने पर भी जोर दे रही है। दुग्ध उत्पादन के लिए प्रोत्साहन राशि बढ़ाई जा रही है। गिरिडीह और जमशेदपुर में डेयरी प्लांट लगाया जाएगा।
बजट पेश करने के दौरान अब तक की स्थिति विकास दर का जिक्र भी रामेश्वर उरांव ने किया। योजना की राशि में तीन गुना वृद्धि का लक्ष्य रखा गया है। तीन सालों में राज्य की स्थिति मजबूत हुई है। राजस्व आय में सरकार ने वृद्धि की है।
इस बार के बजट में हर वर्ग पर जोर दिया गया।पॉलिटिकल एक्सपर्ट की मानें तो इस बार का वजट साल 2024 में होने वाले विधानसभा चुनाव को ध्यान में रखते हुए पेश किया जा सकता है।
इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर
बजट में इंफ्रास्ट्रक्चर पर जोर है । इसके लिए लंबित योजनाओं को पूरा करने के लिए बजट अलॉट किए जाएंगे। वहीं 10 से अधिक घोषणाएं भी की जा सकती हैं। बीते साल की तुलना में इस साल का बजट 10 फीसदी अधिक होगा।
वित्त मंत्री रामेश्वर उरांव चौथी बार विधानसभा में बजट पेश करे रहे हैं । यह भी एक रिकॉर्ड है। इससे पहले सबसे ज्यादा बजट पेश करने का रिकार्ड पूर्व मुख्यमंत्री रघुवर दास के पास था। उन्होंने पिछली सरकार में लगातार 5 बार बजट पेश किया था। बताया जा रहा है कि इस बार के बजट में स्वरोजगार ऐसा क्षेत्र होगा, जिसे ज्यादा पैसे दिए जा सकते हैं। स्वरोजगार के लिए विभिन्न योजनाओं के तहत मिलने वाी राशि में भी बढ़ोत्तरी हो सकती है। स्वरोजगार को बढ़ाने पर सरकार जोर देगी।
विधानसभा में इससे पहले आर्थिक सर्वेक्षण रिपोर्ट पेश किया गया। रिपोर्ट में कहा गया है कि अगले वित्तीय वर्ष (2023-24) में राज्य की विकास दर, देश की विकास दर से ज्यादा रहेगी। मुद्रास्फीति की वजह से अगस्त 2021 से दिसंबर 2022 तक की अवधि में ईंधन, प्रकाश, कपड़े और जूते आदि की कीमत में तेजी से वृद्धि हुई। राज्य गठन के बाद से 2021-22 तक की अवधि में बजट आकार करीब 13 गुना बढ़ा। राज्य में गरीबी का प्रतिशत गिर कर 36.6 तक पहुंची। प्रति व्यक्ति आय बढ़ कर 86060 रुपये हो गयी। राज्य पर कर्ज का बोझ बढ़ कर 126353.2 करोड़ रुपये हो गया।
Mar 04 2023, 11:32