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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने पीएफआई को बताया धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा देने वाला संगठन, कहा-पूर्वोतर को मिली नई पहचान

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केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने न्यूज एजेंसी एएनआई के साथ स्पेशल इंटरव्यू के दौरान कई मुद्दों पर बातचीत की। इंटरव्यू में केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अडानी मामले को लेकर कांग्रेस के आरोपों का जवाब दिया। तो वहीं पीएफआई पर बैन, कई राज्यों में नक्सलवाद और पूर्वोतर भारत के राज्यों को लेकर खुलकर अपनी बात रखी।

वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठकर पीएफआई पर बैन लगाया-अमित शाह

एएनआई के साथ बातचीत के दौरान पीएफआई को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा, पीएफआई कैडर पर कई मामले थे उन्हें समाप्त करने का काम कांग्रेस ने किया, जिसे कोर्ट ने रोका, हमने पीएफआई को सफलतापूर्वक बैन किया। केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा, यह एक ऐसा संगठन था जो देश में धार्मिक कट्टरता को बढ़ावा दे रहा था। मिले सबूतों से पता चलता है कि उनकी गतिविधियां देश की एकता और अखंडता के खिलाफ थीं। हम वोट बैंक की राजनीति से ऊपर उठे और पीएफआई पर प्रतिबंध लगाया।

छत्तीसगढ़ में भी शांति बहाल करने में जल्द होंगे सफल-अमित शाह

इसके अलावा बिहार और झारखंड में नक्सलवाद को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, बिहार और झारखंड में नक्सवादी उग्रवाद लगभग समाप्त हो चुका है। मुझे विश्वास है कि छत्तीसगढ़ में भी कुछ ही समय में शांति बहाल करने में हम सफल होंगे। जम्मू-कश्मीर में भी आतंकवाद से संबंधित सभी प्रकार के आंकड़े सबसे अच्छी स्थिति में हैं।

आठ सालों में 51 बार पीएम ने किया पूर्वोतर का दौरा-अमित शाह

पूर्वोत्तर के लिए केंद्र के विकास पर जोर देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कई बातें कही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पिछले आठ वर्षों के दौरान 51 बार इस क्षेत्र का दौरा किया और पूर्वोत्तर में पनपी अलगाव की भावना को समाप्त कर दिया। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा, पीएम मोदी के सत्ता में आने के बाद हमने पूरे पूर्वोत्तर को बदलने के लिए बहुत कुछ किया है। पहली बात यह है कि आज पूर्वोत्तर में शांति है। यहां कई कई उग्रवादी संगठन थे। हमने ऐसे कई संगठनों के साथ समझौतों को अंतिम रूप दिया है। गृह मंत्री ने कहा कि ब्रू और रियांग समुदायों के लगभग 40,000 परिवार अमानवीय परिस्थितियों में 25 वर्षों से त्रिपुरा में रह रहे हैं और भाजपा सरकार के सत्ता में आने के बाद ही उन्हें बसने दिया गया है। अमित शाह ने कहा कि यहां नेशनल लिबरेशन फ्रंट ऑफ त्रिपुरा (एनएलएफटी) के साथ भी समझौतों पर हस्ताक्षर किए गए थे।

भाजपा सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत बनाया है- अमित शाह

केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछले 9 वर्षों में, पूर्वोत्तर की स्थानीय भाषाएं मजबूत हुई हैं, प्राथमिक शिक्षा भी क्षेत्रीय भाषाओं में दी जा रही है। बीजेपी सरकार ने पूर्वोत्तर की पहचान को मजबूत किया है। जबकि पहले अफवाह फैलाया जाता था कि भाजपा आएगी तो स्थानीय लोगों की पहचान छीन जाएगी। जबकि उनकी पहचान और बढ़ी है। पीएम मोदी ने उत्तर-पूर्व के लोगों और देश के बाकी हिस्सों के लोगों की बीच की मन की दूरी को खत्म कर दिया है।

मुगल इतिहास को मिटाने के आरोपों से केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने किया इनकार

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने मुगल इतिहास को मिटाने के आरोपों से इनकार किया है। मुगलों के इतिहास को मिटाने और उनसे जुड़े शहरों के नाम बदलने के आरोपों पर तीखी प्रतिक्रिया देते हुए केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने कहा है कि भाजपा की राज्य सरकारों ने भली-भांति सोचकर फैसले लिए हैं, जो उनके वैधानिक अधिकारों के दायरे में हैं। हालांकि अमित शाह ने कहा कि भाजपा इतिहास में किसी के योगदान को हटाना नहीं चाहती है।

अदानी मुद्दे पर केरल में बोले राहुल गांधी, मेरा अपमान करने व भाषण हटाने से सच बदल नहीं जाएगा, एक ना एक दिन पीएम को जवाब देना ही पड़ेगा

संसद के बजट सत्र के दौरान विपक्षी नेताओं मल्लिकार्जुन खरगे और राहुल गांधी के भाषण के कुछ अंशों को हटाने को लेकर विपक्षी नेता लगातार आलोचना कर रहे हैं। इसी क्रम में केरल के वायनाड से सांसद राहुल गांधी ने सोमवार को अपने संसदीय क्षेत्र में पीएम मोदी पर भी हमला बोला। राहुल गांधी ने कहा कि मुझे उम्मीद नहीं है कि मेरे शब्दों को रिकॉर्ड पर जाने दिया जाएगा। देश के पीएम सीधे तौर पर मेरा अपमान करते हैं लेकिन उनकी बातों को ऑफ द रिकॉर्ड नहीं किया जाता। राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री के भाषण का जिक्र करते हुए कहा कि पीएम मोदी ने कहा कि आपका नाम गांधी क्यों है, नेहरू क्यों नहीं। ऐसा बोलकर उन्होंमे मेरा अपमान किया, लेकिन मेरे अपमान से सच नहीं छिपेगा। एक ना एक दिन आपको जवाब देना ही पड़ेगा।

कहा कि संसद में मेरे भाषण के कुछ अंश हटा दिए गए। बावजूद इसके कि मैंने किसी का अपमान नहीं किया। मैंने जो कहा उसके संबंध में मुझे सबूत दिखाने के लिए कहा गया था और मैंने लोकसभा अध्यक्ष को एक पत्र लिखा है। कांग्रेस नेता ने आगे कहा कि सच्चाई हमेशा सामने आती है।

कांप रहे थे पीएम मोदी के हाथ

इस दौरान उन्होंने सदन में पीएम मोदी के संबोधन को दोबारा देखने के लिए आग्रह करते हुए कहा कि आपको बस इतना करना है कि जब मैं बोल रहा था तो मेरे चेहरे और उनके चेहरे को देखना था। देखिए कितनी बार पीएम ने पानी पिया और कैसे पानी पीते हुए उनके हाथ कांप रहे थे। मैने जो कहा था वह सच कहा था इसलिए मेरे मन में किसी तरह का कोई डर नहीं था। 

पीएम मोदी को लगता है सब उनसे डर जाएंगे- राहुल गांधी

ने आगे कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को लगता है कि वह बहुत ताकतवर हैं, सब उनसे डर जाएंगे। लेकिन उन्हें इस बात का एहसास नहीं है कि भले ही वह प्रधानमंत्री हों, लेकिन वह आखिरी व्यक्ति होंगे जिनसे मुझे कोई डर हो। एक दिन उन्हें भी अपनी सच्चाई का सामना करने के लिए मजबूर किया जाएगा।

संसदीय कार्यवाही देखना हर किसी के लिए महत्वपूर्ण  

 वायनाड में अपने संबोधन में उन्होंने आगे कहा कि इस देश में हर किसी के लिए संसद की कार्यवाही देखना कि देश में क्या हो रहा है, महत्वपूर्ण है। इस दौरान राहुल गांधी ने यह भी कहा कि पीएम और अदाणी के बीच सांठगांठ को समझना महत्वपूर्ण है। 

लोकसभा सचिवालय ने मांगा था जवाब

इससे पहले रविवार को लोकसभा सचिवालय ने कांग्रेस सांसद राहुल गांधी से जवाब मांगा था। दरअसल, 7 फरवरी को राष्ट्रपति के अभिभाषण पर चर्चा के दौरान 'भ्रामक, अपमानजनक, असंसदीय और भड़काऊ बयान' देने के लिए राहुल गांधी के खिलाफ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे और प्रल्हाद जोशी ने विशेषाधिकार हनन को लेकर लोकसभा सचिवालय को पत्र लिखा था।

राहुल के बयान पर जताई थी आपत्ति

इससे पहले लोकसभा में मंगलवार को 'राष्ट्रपति के अभिभाषण पर धन्यवाद प्रस्ताव' पर चर्चा के दौरान राहुल गांधी के भाषण के बाद निशिकांत दुबे और प्रह्लाद जोशी ने उनके खिलाफ विशेषाधिकार हनन का नोटिस दिया था। गांधी ने हिंडनबर्ग-अदाणी के मुद्दे पर टिप्पणी की थी।

महंगाई से अभी राहत नहीं, खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंची


खुदरा मुद्रास्फीति जनवरी में बढ़कर तीन महीने के उच्चतम स्तर 6.52 प्रतिशत पर पहुंच गई। इससे पहले जनवरी महीने में सरकार की ओर से जारी आंकड़ों के मुताबिक दिसंबर में खुदरा महंगाई दर एक साल के सबसे निचले स्तर 5.72 फीसदी पर आ गई थी।

दिसंबर लगातार दूसरा महीना था जिसमें जिसमें खुदरा मुद्रास्फीति आरबीआई के 4 (+/- 2) फीसदी के टॉलरेंस बैंड के भीतर आ गई थी। दो महीने की गिरावट के बाद जनवरी महीने में यह फिर इस टॉलरेंस बैंड के बाहर पहुंच गई। उपभोक्ता मूल्य सूचकांक (सीपीआई) आधारित खुदरा मुद्रास्फीति अक्टूबर 2022 में 6.77 प्रतिशत और नवंबर में 5.88 प्रतिशत थी।

दिसंबर में ग्रामीण क्षेत्रों में सीपीआई आधारित मुद्रास्फीति नवंबर के 6.09% से घटकर दिसंबर में 6.05% हो गई थी। वहीं, शहरी क्षेत्रों में यह 5.39% रही थी। खुदरा महंगाई दर लगातार 40 महीने से मध्यम अवधि के लक्ष्य चार प्रतिशत से ऊपर रही है।

ग्रामीण और शहरी भारत में खुदरा मुद्रास्फीति क्रमश: 6.85 प्रतिशत और 6.00 प्रतिशत रही। समूहों में अनाज और उत्पादों, अंडे, मसालों सहित अन्य सामग्री ने जनवरी में खुदरा मुद्रास्फीति में वृद्धि में योगदान दिया है। पिछले साल मई से रिजर्व बैंक ने मुद्रास्फीति पर काबू पाने के लिए अल्पकालिक ब्याज दर में 250 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की है। इसी महीने रेपो दर में 25 बेसिस प्वाइंट की बढ़ोतरी की गई है। रेपो दर बढ़ाने से अर्थव्यवस्था में मांग को कम करने में मदद मिलती है और इस प्रकार मुद्रास्फीति के प्रबंधन में मदद मिलती है।

अडानी मुद्दे पर बोले शाह- भाजपा के लिए छिपाने और डरने जैसा कुछ नहीं

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अडानी ग्रुपर्स को लेकर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक तरफ बाजार में हलचल मची हुई है, तो दूसरी तरफ सियासी गलियारे में खींचतान जारी है। इस रिपोर्ट के बाद अदानी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। वहीं कांग्रेस समेत अन्य विपक्षी पार्टियों ने इस मुद्दे पर सरकार को कटघरे में खड़ा किया। विवाद को लेकर विपक्ष की ओर से भाजपा को निशाना बनाए जाने पर अमित शाह ने अपनी प्रतिक्रिया दी है। केंद्रीय गृह मंत्री ने कहा कि इस मामले पर बोलने के लिए कुछ है भी नहीं। 

न्यूज एजेंसी ANI के साथ एक स्पेशल इंटरव्यू में अमित शाह ने कहा कि सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है। अगर सुप्रीम कोर्ट ने मामले का संज्ञान लिया है तो एक मंत्री के रूप में मेरे लिए टिप्पणी करना सही नहीं है। उन्होंने कहा कि इसमें बीजेपी के लिए छिपाने के लिए कुछ भी नहीं है और डरने की कोई बात नहीं है।कांग्रेस के हमलावर होने पर केंद्रीय मंत्री ने कहा कि विपक्ष केवल शोर मचाना जानता है। अगर उनके पास गड़बड़ी के सबूत हैं तो उन्हें कोर्ट जाना चाहिए।

बीते दिनों हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर पूरे देश में सियासी बवाल छिड़ा था। संसद में राहुल गांधी ने केंद्र सरकार और पीएम मोदी पर खूब हमले किए थे।राहुल गांधी ने बीजेपी और पीएम मोदी पर अदानी से मित्रता का आरोप लगाया है। कांग्रेस का आरोप है कि पीएम से मित्रका के कारण अदानी को सारे कॉन्ट्रैक्ट मिल रहे हैं।

कांग्रेस समेत विपक्ष ने संसद के बजट सत्र के दौरान संयुक्त संसदीय समिति की जांच की मांग करते हुए इस मुद्दे को उठाया। विपक्षी दलों ने इस मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भी निशाना साधा है। विपक्ष ने अडानी समूह में एलआईसी और कुछ सार्वजनिक क्षेत्र के बैंकों के निवेश पर सवाल उठाए हैं।

बता दें कि हिंडनबर्ग रिसर्च की एक रिपोर्ट में अदानी समूह के संबंध में शेयरों में गड़बड़ी करने और वित्तीय धोखाधड़ी करने के दावे किए गए थे। इस रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के शेयरों में बड़ी गिरावट दर्ज की गई है। रिपोर्ट के बाद अदाणी समूह के मुखिया गौतम अदाणी जो पिछले महीने 24 जनवरी तक दुनिया के तीसरे सबसे धनवान व्यक्ति थे उनकी संपत्ति में भी बड़ी गिरावट दर्ज की गई वे दुनिया के अमीरों की टॉप 10 लिस्ट से बाहर हो गए।

राहुल का प्रयागराज दौरा रद्द, प्लेन को लैंड करने की नहीं मिली इजाजत, कांग्रेस बोली-राहुल गांधी की लोकप्रियता से घबराई बीजेपी

#rahul_gandhi_prayagraj_visit_canceled_congress_targets_bjp

कांग्रेस नेता राहुल गांधी का प्रयागराज आने का कार्यक्रम निरस्त कर दिया गया है। कांग्रेस सांसद राहुल गांधी सोमवार को प्रयागराज में अपने एक निजी कार्यक्रम में शामिल होना था लेकिन उनका यह दौरा रद्द हो गया। कांग्रेस का आरोप है कि राहुल गांधी का चार्टेड प्लेन वायनाड से यहां के लिए निकला था, लेकिन उसे वाराणसी के लाल बहादुर शास्त्री अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे (बाबतपुर एयरपोर्ट) पर उतरने की अनुमति नहीं दी गई। जिसके कारण दौरा रद्द हो गया।

राहुल को कमला नेहरू ट्रस्ट की वार्षिक बैठक में शामिल होना था। ट्रस्ट द्वारा संचालित अस्पताल के संचालन को लेकर हर साल बैठक होती है। राहुल गांधी और पूरा गांधी परिवार कमला नेहरू ट्रस्ट के ट्रस्टी हैं। हर साल ट्रस्ट की बैठक में गांधी परिवार का कोई न कोई सदस्य जरूर आता है। इस दौरे में कांग्रेस के चुनिंदा नेताओं से भी स्वराज भवन में राहुल गांधी के मिलने का कार्यक्रम था।राहुल को रात 10:30 बजे वाराणसी एयरपोर्ट पर उतरना था, लेकिन वाराणसी में प्लेन नहीं उतरने की वजह से कार्यक्रम रद्द करना पड़ा।

कांग्रेस ने कहा-सरकार के दबाव में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजाजत नहीं दी

प्लेन को लैंड करने की इजाजत नहीं दिए जाने पर कांग्रेस की ओर से हमला भी किया गया। अजय राय ने कहा कि सरकार के दबाव में एयरपोर्ट अथॉरिटी ने इजाजत नहीं दी है। राहुल की लोकप्रियता से बीजेपी सरकार घबराई हुई है।

दूसरी ओर एयरपोर्ट अथॉरिटी का कहना है कि रात 9.30 बजे उन्हें ये सूचना मिली कि राहुल गांधी ने कुन्नूर से नई दिल्ली के लिए उड़ान भरी। वाराणसी आने का कार्यक्रम कैंसिल कर दिया गया।

पाकिस्तान में महंगाई से टूटी कमर पर एक और झटका, दूध 210 रुपए प्रति लीटर तो चिकन 700 रुपये प्रति किलो के पार

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पाकिस्तान भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है।बेतहाशा बढ़ती महंगाई के कारण वहां के लोगों की हालत बद से बदतर होते जा रही है। महंगाई से कमर टूट चुकी पाकिस्तान की आम जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। आलम ये है कि आम आदमी की रसोई से अब दूध भी दूर होती दिख रही है। दरअसल यहां पर दूध के दाम 210 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं।

किचन से दूध हो रहा दूर

पाकिस्तान में हर रोज महंगाई एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है। उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए गंभीर कीमतों का सामना करना पड़ रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दुकानदारों ने खुले दूध की कीमत 190 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 210 पाकिस्तानी रुपये कर दिया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कराची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी वहीद गद्दी ने कहा कि कुछ दुकानदार दूध को बढ़ी हुई कीमत पर बेच रहे हैं। ये दुकान थोक विक्रेताओं और डेयरी किसानों के हैं। उन्होंने कहा कि यदि डेयरी किसानों और थोक विक्रेताओं ने इसी बढ़ी हुई कीमत पर दूध को बेचना जारी रखा तो खुदरा विक्रेताओं को खरीद मूल्य में 27 रुपये प्रति लीटर अधिक देने होंगे। इसके बाद वो ग्राहकों से एक लीटर दूध के लिए 210 के बजाय 220 पाकिस्तानी रुपये लेने को मजबूर होंगे। 

चिकन बिक रहा 700 रुपए से 780 रुपये प्रति किलो

रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले तक चिकन की कीमत 620 रुपये से लेकर 650 रुपये प्रति किलोग्राम थी लेकिन अब मुर्गे का मांस 700 रुपए से 780 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है। वहीं, बोनलेस चिकन 150-200 रुपये प्रति किलोग्राम की छलांग दिखाते हुए 1,000-1,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।बोनलेस पोल्ट्री मीट का रेट भी बढ़ाया गया है। वर्तमान में 900-1,000 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि हड्डियों वाले मांस की कीमत 800-850 रुपये प्रति किलो हो गई है।

पेट्रोल को लेकर भी मचा है हाहाकार

पाकिस्तान में पेट्रोल को लेकर हाहाकार मचा है। यहां 15 फरवरी तक पेट्रोल संकट की आशंका है। पिछले शुक्रवार को पाकिस्तान की रिफाइनरियों ने फरवरी के मध्य तक पेट्रोल संकट की चेतावनी दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के शहरों में कई पेट्रोल पंपों बंद कर दिए गए हैं। लाहौर, गुजरांवाला और फैसलाबाद में स्थिति बेहद खराब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर के 450 पेट्रोल पंपों में से करीबन 70 पेट्रोल पंप पूरी तरह से सूखे पड़े हुए हैं। इससे पहले शाहदरा, वाघा, लिटन रोड और जैन मंदार के पेट्रोल पंप बंद किए गए थे।

आईएमएफ की सख्त शर्ते के आगे पाकिस्तान मजबूर

कहा जा रहा है कि 1975 के बाद के महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गंभीर आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान आईएमएफ से भीख मांग रहा है। ताकि वो महंगाई पर काबू पा सके, लेकिन आईएमएफ की शर्ते इतनी सख्त हो गई हैं कि अब पाकिस्तान को लोन तो मिलना मुश्किल हो गया है।आईएमएफ ने लोन देने को लेकर जो शर्तें रखी हैं, उनमें सब्सिडी खत्म करना भी शामिल है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान सब्सिडी को कम करे और अपने राजस्व में बढ़ोतरी करे। आईएमएफ स्थायी राजस्व उपायों पर जोर दे रहा है, जिसमें जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18 फीसदी करना, पेट्रोलियम तेल उत्पादों पर जीएसटी लगाना जैसे उपाय शामिल हैं।

कानपुर में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के सामने जिंदा जलीं मां और बेटी, गुस्साएं ग्रामीणों ने लेखपाल पर कुल्हाड़ी से किया हमला

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में अवैध कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह पूरी दर्दनाक घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने हुआ। इसी दौरान, एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से दरवाजा बंद कर देती है। पुलिस भी दौड़कर वहां पहुंचती है। वह दरवाजा तोड़ देती है। इसी बीच, झोपड़ी में आग लग जाती है। महिला और उसकी बेटी अंदर थीं। पुलिस फोर्स और अफसरों के सामने दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश भड़क गया और जमकर हंगामा किया।आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। देर रात देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम के समझाने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा। 

डीएम के आदेश पर एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम कब्जा हटाने पहुंची

सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटना शुरू किया। तभी अचानक वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साएं परिवार व गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कब्जा हटाने पहुंची टीम के अन्य लोगों ने अपने वाहनों को वहीं छोड़कर मौके से भागकर जान बचाई। इसके बाद लोगों ने एसडीएम मैथा, तहसीलदार लेखपाल व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग शुरू कर दी। 

एसडीएम, लेखपाल और सीओ समेत दर्जन भर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज 

पुलिस को मां-बेटी के शव नहीं उठाने दिए। मंडलायुक्त डॉ.राजशेखर, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम नेहा जैन व एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने लोगों को मामले में कार्रवाई का भरोसा देकर समझाने का प्रयास किया। लेकिन देर रात तक लोगों ने शव नहीं उठने दिया। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। देर रात 12 बजे तक ग्रामीण हंगामा करते रहे शवों को उठाने नहीं दिया। कानपुर कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, एडीजी आलोक कुमार समेत अन्य अफसर मौके पर देर रात तक डटे रहे। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी पहुंचीं। परिजनों से बात की। फिर रात 1 बजे मां-बेटी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।परिजनों की शिकायत पर एसडीएम मैथा ज्ञानेंश्वर प्रसाद, रुरा एसएचओ दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत कई पुलिस कर्मियों और राजस्व कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

मृतक के परिजनों का आरोप- अफसरों ने झोपड़ी में आग लगाई

मां-बेटी की मौत के बाद मामला बिगड़ गया। ग्रामीण आक्रोशित हो गए। परिवार का आरोप है कि अफसरों ने झोपड़ी में आग लगाई है। वहीं, दूसरी तरफ आग लगाने को लेकर अफसर कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं। वह जांच की बात कर रहे हैं।कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के अनुसार एसडीएम व अन्य कर्मचारी अवैध कब्जा हटाने गए थे। इस दौरान कुछ लोग विरोध कर रहे थे। महिला और उनकी बेटी भी प्रदर्शन में शामिल थीं। विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई। इसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण पता लगाया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने दी सफाई- मां-बेटी ने खुद को बंद कर झोपड़ी में लगाई आग

जिलाधिकारी नेहा जैन के अनुसार कृष्ण गोपाल का ग्राम समाज की गाटा संख्या 1642 की जमीन पर कब्जा था। गांव के लोगों की शिकायत पर एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम पुलिस की टीम के साथ कब्जा हटवाने गए थे। तभी मां-बेटी वहां बनी झोपड़ी में भीतर गईं और खुद को आग लगा ली। झोपड़ी से लपटें निलकती देख रुरा इंस्पेक्टर व कृष्ण गोपाल ने दोनों को बचाने के प्रयास में दोनों झुलस गए। पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। 

परिवार के लोग तत्काल सीएम योगी से मिलने की कर रहे मांग 

इस पूरी घटना के बाद मृतक का परिवार लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा। इसमें 50 लाख परिवार के लिए मुआवजा, घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभाव से मुलाकात और साथ ही परिवार को आजीवन पेंशन की मांग रखी है। वहीं कानपुर देहात पुलिस ने 11 नामजद लोगों के साथ-साथ एक कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है. इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है।

जोधपुर में साइबर ठगी करने का आरोपी झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार, KYC अपडेट करने की बात कहकर ठगे थे चार लाख रुपये

राजस्थान में जोधपुर की मथानिया थाना पुलिस ने चार लाख रुपये की साइबर ठगी और जालसाजी के आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार किया है। इस ठगी के संबंध में मथानिया निवासी एक युवक ने एक महीने पहले 4.32 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मामले में डीसीपी ईस्ट डॉ अमृता दुहन ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी पना लाल तुरी पुत्र भास्की झारखंड के गिरिडीह जिले में थाना मुफसिल क्षेत्र के गांधीनगर बनियाडीह का रहने वाला है। 

साइबर ठगी के संबंध में नौ जनवरी को थाना मथानिया निवासी सुमेर पवार ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि योनो एप की केवाईसी अपडेट करने की कहकर उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया। ई-केवाईसी के दौरान अज्ञात व्यक्ति ने उसके मोबाइल का एक्सेस प्राप्त कर रिमोट सिस्टम से चार लाख 32 हज़ार 498 रुपये का ट्रांजेक्शन कर लिया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्जकर उसी समय थाना पुलिस ने साइबर पोर्टल और 1930 पर कंप्लेंट दर्ज करवाकर सभी ट्रांजेक्शन फ्रिज करवा दिए। 

डीसीपी डॉ दुहन ने बताया कि थानाधिकारी मथानिया राजीव भादू के नेतृत्व में प्रोबेशनर एसआई महेंद्र कुमार, कांस्टेबल मंगतूराम और बलवंत राम की एक विशेष टीम गठित की गई। गठित टीम ने लाभान्वित विभिन्न बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारी कर इनके नोडल ऑफिसर से संपर्क कर ट्रांजैक्शन होल्ड कराया गया। तकनीकी अनुसंधान के आधार पर आरोपी पना लाल तुरी को झारखंड से दस्तयाब कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। 

आरोपी ने करीब दो लाख का ट्रांजेक्शन अपने क्रेडिट कार्ड में किया था। आरोपी से वह क्रेडिट कार्ड भी बरामद किया गया। इनके गिरोह के व्यक्ति लोगों को मैसेज के जरिए लिंक भेज कर उनके मोबाइल को रिमोट सिस्टम पर लेकर क्रेडिट कार्ड का बिल भरते हैं। बाद में क्रेडिट कार्ड स्वाइप कर नकद रकम प्राप्त कर लेते हैं। इसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

*‘काउ हग डे’ पर ममता का तंज, बोलीं- अगर गाय सींग मार दे तो...क्या 10 लाख मुआवजा देगी सरकार

#cm_mamata_banerjee_to_bjp_on_cow_hug_day 

14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के दिन काउ हग डे मनाने की अपील पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तंज कसा है। सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाबी भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने कटाक्ष किया।ममता ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा कि हमें वैलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने के लिए कहा गया है। लेकिन अगर गाय सींग मार दे तो क्या होगा?

काउ हग डे विवाद पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमें वे वैलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या होगा जब गाय हमें अपने मार दे तो? उन्होंने कहा कि उन्हें इसे करने में कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन बीजेपी को साहसिक काम करने से पहले 10 लाख रुपये का बीमा देना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि साथ ही केंद्र सरकार को भैंस को गले लगाने के लिए 20 लाख रुपए का बीमा देना चाहिए।

दरअसल, केंद्र के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन और डेयरी विभाग के अंतर्गत आने वाले एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को काउ हग डे के रूप में मनाने की अपील की थी। इस अपील के बाद सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ी थी। बाद में पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने इस अपील को वापस ले लिया था।

अडानी-हिंडनबर्ग मामलाःजांच समिति बनाने के लिए केंद्र राजी, सरकार बंद लिफाफे में सौंपेगी नाम

#centre_agreed_to_form_committee_on_adani_hindenburg_issue 

केंद्र सरकार हिंडनबर्ग-अदानी मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच समिति बनाने पर सहमत हो गई है। सोमवार को अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांचकी मांग से संबंधी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शेयर बाजार के कामकाज में बेहतरी के लिए कमेटी बनाने में उसे आपत्ति नहीं है। 

अदानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति नियुक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है और सेबी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार, 17 फरवरी को फिर आने और समिति बनाने के बारे में जानकारी देने को कहा है। मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र ने कहा कि वह नियामक तंत्र पर प्रस्तावित पैनल के लिए डोमेन विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को देना चाहता है।

इसके पहले चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने सुनवाई के दौरान, शेयर बाजार नियामक सेबी से भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, इस पर सुझाव देने को कहा था। इसके बाद अब सोमवार को सरकार के तरफ से ये प्रस्ताव आया है। जिसमें केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।

बता दें कि 24 जनवरी को शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट भी आई।