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पाकिस्तान में महंगाई से टूटी कमर पर एक और झटका, दूध 210 रुपए प्रति लीटर तो चिकन 700 रुपये प्रति किलो के पार

#pakistan_crisis_continues_as_milk_price_hits_rs_210

पाकिस्तान भीषण आर्थिक संकट से गुजर रहा है।बेतहाशा बढ़ती महंगाई के कारण वहां के लोगों की हालत बद से बदतर होते जा रही है। महंगाई से कमर टूट चुकी पाकिस्तान की आम जनता को एक और बड़ा झटका लगा है। आलम ये है कि आम आदमी की रसोई से अब दूध भी दूर होती दिख रही है। दरअसल यहां पर दूध के दाम 210 रुपये प्रति लीटर तक पहुंच गए हैं।

किचन से दूध हो रहा दूर

पाकिस्तान में हर रोज महंगाई एक नया रिकॉर्ड कायम कर रही है। उपभोक्ताओं को दूध और चिकन सहित दैनिक उपयोग की वस्तुओं के लिए गंभीर कीमतों का सामना करना पड़ रहा है। डॉन की रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दुकानदारों ने खुले दूध की कीमत 190 पाकिस्तानी रुपये प्रति लीटर से बढ़ाकर 210 पाकिस्तानी रुपये कर दिया है।मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक कराची मिल्क रिटेलर्स एसोसिएशन के मीडिया प्रभारी वहीद गद्दी ने कहा कि कुछ दुकानदार दूध को बढ़ी हुई कीमत पर बेच रहे हैं। ये दुकान थोक विक्रेताओं और डेयरी किसानों के हैं। उन्होंने कहा कि यदि डेयरी किसानों और थोक विक्रेताओं ने इसी बढ़ी हुई कीमत पर दूध को बेचना जारी रखा तो खुदरा विक्रेताओं को खरीद मूल्य में 27 रुपये प्रति लीटर अधिक देने होंगे। इसके बाद वो ग्राहकों से एक लीटर दूध के लिए 210 के बजाय 220 पाकिस्तानी रुपये लेने को मजबूर होंगे। 

चिकन बिक रहा 700 रुपए से 780 रुपये प्रति किलो

रिपोर्ट के मुताबिक, कुछ दिनों पहले तक चिकन की कीमत 620 रुपये से लेकर 650 रुपये प्रति किलोग्राम थी लेकिन अब मुर्गे का मांस 700 रुपए से 780 रुपये प्रति किलोग्राम बेचा जा रहा है। वहीं, बोनलेस चिकन 150-200 रुपये प्रति किलोग्राम की छलांग दिखाते हुए 1,000-1,100 रुपये प्रति किलोग्राम पर पहुंच गई।बोनलेस पोल्ट्री मीट का रेट भी बढ़ाया गया है। वर्तमान में 900-1,000 रुपये प्रति किलो बिक रहा है, जबकि हड्डियों वाले मांस की कीमत 800-850 रुपये प्रति किलो हो गई है।

पेट्रोल को लेकर भी मचा है हाहाकार

पाकिस्तान में पेट्रोल को लेकर हाहाकार मचा है। यहां 15 फरवरी तक पेट्रोल संकट की आशंका है। पिछले शुक्रवार को पाकिस्तान की रिफाइनरियों ने फरवरी के मध्य तक पेट्रोल संकट की चेतावनी दी है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, पंजाब प्रांत के शहरों में कई पेट्रोल पंपों बंद कर दिए गए हैं। लाहौर, गुजरांवाला और फैसलाबाद में स्थिति बेहद खराब है। एक रिपोर्ट के अनुसार, लाहौर के 450 पेट्रोल पंपों में से करीबन 70 पेट्रोल पंप पूरी तरह से सूखे पड़े हुए हैं। इससे पहले शाहदरा, वाघा, लिटन रोड और जैन मंदार के पेट्रोल पंप बंद किए गए थे।

आईएमएफ की सख्त शर्ते के आगे पाकिस्तान मजबूर

कहा जा रहा है कि 1975 के बाद के महंगाई अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गंभीर आर्थिक संकट के बीच पाकिस्तान आईएमएफ से भीख मांग रहा है। ताकि वो महंगाई पर काबू पा सके, लेकिन आईएमएफ की शर्ते इतनी सख्त हो गई हैं कि अब पाकिस्तान को लोन तो मिलना मुश्किल हो गया है।आईएमएफ ने लोन देने को लेकर जो शर्तें रखी हैं, उनमें सब्सिडी खत्म करना भी शामिल है। आईएमएफ का कहना है कि पाकिस्तान सब्सिडी को कम करे और अपने राजस्व में बढ़ोतरी करे। आईएमएफ स्थायी राजस्व उपायों पर जोर दे रहा है, जिसमें जीएसटी को 17 से बढ़ाकर 18 फीसदी करना, पेट्रोलियम तेल उत्पादों पर जीएसटी लगाना जैसे उपाय शामिल हैं।

कानपुर में पुलिस व प्रशासनिक अधिकारियों के सामने जिंदा जलीं मां और बेटी, गुस्साएं ग्रामीणों ने लेखपाल पर कुल्हाड़ी से किया हमला

उत्तर प्रदेश के कानपुर देहात के मड़ौली पंचायत के चाहला गांव में अवैध कब्जा हटाने के दौरान मां-बेटी की जिंदा जलकर मौत हो गई। यह पूरी दर्दनाक घटना पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों के सामने हुआ। इसी दौरान, एक महिला चिल्लाते हुए दौड़कर झोपड़ी में जाती है। वह अंदर से दरवाजा बंद कर देती है। पुलिस भी दौड़कर वहां पहुंचती है। वह दरवाजा तोड़ देती है। इसी बीच, झोपड़ी में आग लग जाती है। महिला और उसकी बेटी अंदर थीं। पुलिस फोर्स और अफसरों के सामने दोनों की जिंदा जलकर मौत हो गई। वहीं, दोनों को बचाने के प्रयास में गृहस्वामी कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर भी झुलस गए। इसके बाद ग्रामीणों में आक्रोश भड़क गया और जमकर हंगामा किया।आक्रोशित लोगों ने आग लगाने का आरोप लगाते हुए हंगामा शुरू कर दिया। लेखपाल पर कुल्हाड़ी से हमला कर घायल कर दिया। अफसरों की टीम को दौड़ा लिया। देर रात देर रात तक मंडलायुक्त और आईजी, डीएम के समझाने के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम को भेजा। 

डीएम के आदेश पर एसडीएम के नेतृत्व में राजस्व विभाग की टीम कब्जा हटाने पहुंची

सोमवार को जनसुवाई में डीएम नेहा जैन से मड़ौली गांव के कुछ लोगों ने ग्राम समाज की भूमि पर गांव के ही कृष्ण गोपाल दीक्षित उर्फ राघव का कब्जा होने की शिकायत की। इस पर डीएम ने एसडीएम को कार्रवाई के निर्देश दिए। दोपहर तीन बजे एसडीएम मैथा ज्ञानेश्वर प्रसाद, लेखपाल अशोक, राजस्व व रुरा इंस्पेक्टर के साथ मौके पर पहुंचे। राजस्व विभाग की टीम ने बुलडोजर से कब्जा हटना शुरू किया। तभी अचानक वहां बनी कृष्ण गोपाल की झोपड़ी में आग लग गई। घर में मौजूद कृ्ष्ण गोपाल की पत्नी प्रमिला (54) और बेटी शिवा (22) लपटों के बीच फंस गईं। उन्हें बचाने दौड़े कृष्ण गोपाल व रुरा इंस्पेक्टर दिनेश गौतम झुलस गए। इस बीच मां-बेटी के जिंदा जलने से गुस्साएं परिवार व गांव के लोगों ने हंगामा शुरू कर दिया। लेखपाल अशोक सिंह पर कुल्हाड़ी से हमला कर दिया। कब्जा हटाने पहुंची टीम के अन्य लोगों ने अपने वाहनों को वहीं छोड़कर मौके से भागकर जान बचाई। इसके बाद लोगों ने एसडीएम मैथा, तहसीलदार लेखपाल व गांव के 10 लोगों पर हत्या की रिपोर्ट दर्ज किए जाने की मांग शुरू कर दी। 

एसडीएम, लेखपाल और सीओ समेत दर्जन भर के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज 

पुलिस को मां-बेटी के शव नहीं उठाने दिए। मंडलायुक्त डॉ.राजशेखर, आईजी प्रशांत कुमार, डीएम नेहा जैन व एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति ने लोगों को मामले में कार्रवाई का भरोसा देकर समझाने का प्रयास किया। लेकिन देर रात तक लोगों ने शव नहीं उठने दिया। गांव में तनाव को देखते हुए भारी पुलिस फोर्स तैनात कर दी गई है। देर रात 12 बजे तक ग्रामीण हंगामा करते रहे शवों को उठाने नहीं दिया। कानपुर कमिश्नर राज शेखर, डीएम नेहा जैन, एडीजी आलोक कुमार समेत अन्य अफसर मौके पर देर रात तक डटे रहे। राज्यमंत्री प्रतिभा शुक्ला भी पहुंचीं। परिजनों से बात की। फिर रात 1 बजे मां-बेटी के शव को पोस्टमॉर्टम के लिए भेजा गया।परिजनों की शिकायत पर एसडीएम मैथा ज्ञानेंश्वर प्रसाद, रुरा एसएचओ दिनेश गौतम, लेखपाल अशोक सिंह समेत कई पुलिस कर्मियों और राजस्व कर्मियों के खिलाफ हत्या का मुकदमा दर्ज किया गया है।

मृतक के परिजनों का आरोप- अफसरों ने झोपड़ी में आग लगाई

मां-बेटी की मौत के बाद मामला बिगड़ गया। ग्रामीण आक्रोशित हो गए। परिवार का आरोप है कि अफसरों ने झोपड़ी में आग लगाई है। वहीं, दूसरी तरफ आग लगाने को लेकर अफसर कुछ स्पष्ट नहीं बोल रहे हैं। वह जांच की बात कर रहे हैं।कानपुर देहात के एसपी बीबीजीटीएस मूर्ति के अनुसार एसडीएम व अन्य कर्मचारी अवैध कब्जा हटाने गए थे। इस दौरान कुछ लोग विरोध कर रहे थे। महिला और उनकी बेटी भी प्रदर्शन में शामिल थीं। विरोध करते-करते उन दोनों ने खुद को झोपड़ी के अंदर बंद कर लिया। थोड़ी देर के बाद झोपड़ी के अंदर आग लग गई। इसमें महिला और उनकी बेटी की मौत हो गई है। आग लगने का कारण पता लगाया जा रहा है।

जिलाधिकारी ने दी सफाई- मां-बेटी ने खुद को बंद कर झोपड़ी में लगाई आग

जिलाधिकारी नेहा जैन के अनुसार कृष्ण गोपाल का ग्राम समाज की गाटा संख्या 1642 की जमीन पर कब्जा था। गांव के लोगों की शिकायत पर एसडीएम को मामले की जांच कर कार्रवाई के निर्देश दिए थे। एसडीएम पुलिस की टीम के साथ कब्जा हटवाने गए थे। तभी मां-बेटी वहां बनी झोपड़ी में भीतर गईं और खुद को आग लगा ली। झोपड़ी से लपटें निलकती देख रुरा इंस्पेक्टर व कृष्ण गोपाल ने दोनों को बचाने के प्रयास में दोनों झुलस गए। पूरे मामले की जांच कराकर कार्रवाई की जाएगी। 

परिवार के लोग तत्काल सीएम योगी से मिलने की कर रहे मांग 

इस पूरी घटना के बाद मृतक का परिवार लगातार अपनी मांगों को लेकर अड़ा रहा। इसमें 50 लाख परिवार के लिए मुआवजा, घर के दो बेटों के लिए सरकारी नौकरी, उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से तत्काल प्रभाव से मुलाकात और साथ ही परिवार को आजीवन पेंशन की मांग रखी है। वहीं कानपुर देहात पुलिस ने 11 नामजद लोगों के साथ-साथ एक कई अज्ञात लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कर दिया है. इस मुकदमे में कानपुर देहात के मैथा तहसील के एसडीएम ज्ञानेश्वर प्रसाद लूंगा, थाना प्रभारी दिनेश गौतम और लेखपाल अशोक सिंह को मुख्य आरोपी बनाकर 307, 302 जैसी गंभीर धाराओं में मुकदमा दर्ज कर दिया है।

जोधपुर में साइबर ठगी करने का आरोपी झारखंड के गिरिडीह से गिरफ्तार, KYC अपडेट करने की बात कहकर ठगे थे चार लाख रुपये

राजस्थान में जोधपुर की मथानिया थाना पुलिस ने चार लाख रुपये की साइबर ठगी और जालसाजी के आरोपी को झारखंड से गिरफ्तार किया है। इस ठगी के संबंध में मथानिया निवासी एक युवक ने एक महीने पहले 4.32 लाख रुपये की धोखाधड़ी की रिपोर्ट दर्ज कराई थी।

मामले में डीसीपी ईस्ट डॉ अमृता दुहन ने बताया कि पकड़ा गया आरोपी पना लाल तुरी पुत्र भास्की झारखंड के गिरिडीह जिले में थाना मुफसिल क्षेत्र के गांधीनगर बनियाडीह का रहने वाला है। 

साइबर ठगी के संबंध में नौ जनवरी को थाना मथानिया निवासी सुमेर पवार ने एक रिपोर्ट दर्ज कराई थी। रिपोर्ट में बताया गया कि योनो एप की केवाईसी अपडेट करने की कहकर उसके मोबाइल पर एक लिंक भेजा गया। ई-केवाईसी के दौरान अज्ञात व्यक्ति ने उसके मोबाइल का एक्सेस प्राप्त कर रिमोट सिस्टम से चार लाख 32 हज़ार 498 रुपये का ट्रांजेक्शन कर लिया। रिपोर्ट पर मुकदमा दर्जकर उसी समय थाना पुलिस ने साइबर पोर्टल और 1930 पर कंप्लेंट दर्ज करवाकर सभी ट्रांजेक्शन फ्रिज करवा दिए। 

डीसीपी डॉ दुहन ने बताया कि थानाधिकारी मथानिया राजीव भादू के नेतृत्व में प्रोबेशनर एसआई महेंद्र कुमार, कांस्टेबल मंगतूराम और बलवंत राम की एक विशेष टीम गठित की गई। गठित टीम ने लाभान्वित विभिन्न बैंक खातों और क्रेडिट कार्ड की जानकारी कर इनके नोडल ऑफिसर से संपर्क कर ट्रांजैक्शन होल्ड कराया गया। तकनीकी अनुसंधान के आधार पर आरोपी पना लाल तुरी को झारखंड से दस्तयाब कर पूछताछ के बाद गिरफ्तार किया गया। 

आरोपी ने करीब दो लाख का ट्रांजेक्शन अपने क्रेडिट कार्ड में किया था। आरोपी से वह क्रेडिट कार्ड भी बरामद किया गया। इनके गिरोह के व्यक्ति लोगों को मैसेज के जरिए लिंक भेज कर उनके मोबाइल को रिमोट सिस्टम पर लेकर क्रेडिट कार्ड का बिल भरते हैं। बाद में क्रेडिट कार्ड स्वाइप कर नकद रकम प्राप्त कर लेते हैं। इसके अन्य साथियों की तलाश की जा रही है।

*‘काउ हग डे’ पर ममता का तंज, बोलीं- अगर गाय सींग मार दे तो...क्या 10 लाख मुआवजा देगी सरकार

#cm_mamata_banerjee_to_bjp_on_cow_hug_day 

14 फरवरी को वैलेंटाइन डे के दिन काउ हग डे मनाने की अपील पर बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने तंज कसा है। सोमवार को विधानसभा में राज्यपाल के अभिभाषण पर जवाबी भाषण के दौरान ममता बनर्जी ने कटाक्ष किया।ममता ने सोमवार को बंगाल विधानसभा में कहा कि हमें वैलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने के लिए कहा गया है। लेकिन अगर गाय सींग मार दे तो क्या होगा?

काउ हग डे विवाद पर ममता बनर्जी ने कहा कि हमें वे वैलेंटाइन डे पर गायों को गले लगाने के लिए कह रहे हैं. उन्होंने सवाल किया कि क्या होगा जब गाय हमें अपने मार दे तो? उन्होंने कहा कि उन्हें इसे करने में कोई आपत्ति नहीं होगी, लेकिन बीजेपी को साहसिक काम करने से पहले 10 लाख रुपये का बीमा देना चाहिए। उन्होंने इसके साथ ही कहा कि साथ ही केंद्र सरकार को भैंस को गले लगाने के लिए 20 लाख रुपए का बीमा देना चाहिए।

दरअसल, केंद्र के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के पशुपालन और डेयरी विभाग के अंतर्गत आने वाले एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया ने वैलेंटाइन डे यानी 14 फरवरी को काउ हग डे के रूप में मनाने की अपील की थी। इस अपील के बाद सोशल मीडिया पर खूब मजाक उड़ी थी। बाद में पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने इस अपील को वापस ले लिया था।

अडानी-हिंडनबर्ग मामलाःजांच समिति बनाने के लिए केंद्र राजी, सरकार बंद लिफाफे में सौंपेगी नाम

#centre_agreed_to_form_committee_on_adani_hindenburg_issue 

केंद्र सरकार हिंडनबर्ग-अदानी मामले में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में जांच समिति बनाने पर सहमत हो गई है। सोमवार को अडानी समूह पर हिंडनबर्ग रिपोर्ट की जांचकी मांग से संबंधी दो जनहित याचिकाओं पर सुनवाई हुई। सुनवाई के दौरान केंद्र ने सुप्रीम कोर्ट में कहा कि शेयर बाजार के कामकाज में बेहतरी के लिए कमेटी बनाने में उसे आपत्ति नहीं है। 

अदानी-हिंडनबर्ग विवाद पर सुनवाई के दौरान सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि केंद्र सरकार को भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए एक समिति नियुक्त करने पर कोई आपत्ति नहीं है और सेबी स्थिति से निपटने के लिए सक्षम है। सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र से शुक्रवार, 17 फरवरी को फिर आने और समिति बनाने के बारे में जानकारी देने को कहा है। मेहता ने आशंका जताई कि पैनल की स्थापना पर किसी भी ‘अनजाने’ संदेश का धन प्रवाह पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है। केंद्र ने कहा कि वह नियामक तंत्र पर प्रस्तावित पैनल के लिए डोमेन विशेषज्ञों के नाम सीलबंद लिफाफे में सुप्रीम कोर्ट को देना चाहता है।

इसके पहले चीफ जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ और जस्टिस पीएस नरसिम्हा और जेबी पारदीवाला ने सुनवाई के दौरान, शेयर बाजार नियामक सेबी से भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा के लिए क्या उपाय किए जा सकते हैं, इस पर सुझाव देने को कहा था। इसके बाद अब सोमवार को सरकार के तरफ से ये प्रस्ताव आया है। जिसमें केंद्र सरकार ने मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डी. वाई. चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ को बताया कि व्यापक हित को देखते हुए वह सीलबंद लिफाफे में समिति के लिए विशेषज्ञों के नाम और उसके कार्यक्षेत्र की जानकारी देना चाहती है।

बता दें कि 24 जनवरी को शॉर्ट सेलर हिंडनबर्ग ने अडानी ग्रुप पर एक रिपोर्ट पेश की थी। जिसमें ग्रुप पर मनी लॉन्ड्रिंग से लेकर शेयर मैनिपुलेशन जैसे आरोप लगाए गए थे। हालांकि, अदाणी समूह ने सभी आरोपों को खारिज करते हुए कहा था कि वह सभी कानूनों और सूचना सार्वजनिक करने संबंधी नीतियों को पालन करता है।रिपोर्ट के बाद ग्रुप के शेयरों में भारी गिरावट भी आई।

काशी विश्वनाथधाम पहुंचीं राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू का प्रथम काशी आगमन हो चुका है। उत्तर प्रदेश के वाराणसी एयरपोर्ट पर राज्यपाल आनंदीबेन पटेल और मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने उनकी अगवानी की। राष्ट्रपति मुर्मू करीब चार घंटे तक शहर में रहेंगी।शाम सवा सात बजे के लगभग राष्ट्रपति विशेष विमान से दिल्ली लौट जाएंगी

कालभैरव मंदिर में दर्शन-पूजन के बाद राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू काशी विश्वनाथ धाम पहुंच गई हैं। डमरू निनाद, शंख ध्वनि और वैदिक मंत्रोच्चार से उनका स्वागत हो रहा है। बाबा धाम से निकलकर राष्ट्रपति दशाश्वमेध घाट पर मां गंगा की आरती में शामिल होंगी। राष्ट्रपति मां गंगा की आरती उतारेंगी और षोडशोपचार पूजन करके देशवासियों के कल्याण की कामना करेंगी। मंच पर बैठकर मां गंगा की आरती भी देखेंगी। गंगा सेवा निधि के नौ अर्चक आरती उतारेंगे। 21 कन्याएं भी मां गंगा को चंवर डुलाएंगी। घाट का कोना-कोना दीपों से जगमगाएगा। घाट को फूल-मालाओं से सजाया गया है।

सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका, दिल्ली एमसीडी मेयर के चुनाव में मनोनीत पार्षद नहीं डाल पाएंगे वोट, चौथी फिर टला मेयर चुनाव

 दिल्ली नगर निगम के मेयर चुनाव को लेकर सुप्रीम कोर्ट से भाजपा को झटका लगा है। सुप्रीम कोर्ट ने कहा संविधान में स्पष्ट है कि मनोनीत पार्षद (एल्डरमैन) मेयर चुनाव में वोट नहीं डाल सकते हैं। साथ ही 16 फरवरी को होने वाले दिल्ली मेयर का चुनाव भी टल गया है। उपराज्यपाल की तरफ से अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (ASG) संजय जैन ने कहा मामले में विस्तृत सुनवाई होनी चहिए। सुप्रीम कोर्ट में मामले की सुनवाई 17 फरवरी को होगी।

दिल्ली मेयर चुनाव मामले में आम आदमी पार्टी की ओर से दिल्ली मेयर की उम्मीदवार शैली ओबेरॉय ने सुप्रीम कोर्ट ने याचिका दायर की थी। जिसमें उन्होंने कहा कि एमसीडी मेयर चुवाव में मनोनीत पार्षद वोट नहीं कर सकते हैं। इसी मामले में मुख्य न्यायाधीश डीवाई चंद्रचूड़ की अध्यक्षता वाली पीठ ने सुनवाई करते हुए कहा कि संविधान के प्रविधान के अनुसार, मनोनीत सदस्य महापौर और उपमहापौर चुनाव के लिए वोट नहीं कर सकते हैं।

मामले में अगली सुनवाई 17 फरवरी को होगी। एलजी कार्यालय की ओर से एएसजी संजय जैन ने कहा कि दिल्ली मेयर का चुनाव भी 17 फरवरी की सुनवाई के बाद की तारीख के लिए स्थगित कर दिया है। शीर्ष अदालत ने आठ फरवरी को शैली ओबेरॉय की याचिका पर उपराज्यपाल कार्यालय, दिल्ली नगर निगम (एमसीडी) के प्रोटेम पीठासीन अधिकारी सत्या शर्मा और अन्य से जवाब मांगा था।

बागेश्वर धाम पहुंचे कांग्रेस नेता कमलनाथ, कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से भी की मुलाकात

#kamal_nath_reached_bageshwar_dham 

बागेश्वर धाम और उसके पीठाधीश धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री बीते कुछ समय से काफी चर्चा में हैं। इस बीच मध्यप्रदेश के पूर्व सीएम कमलनाथ सोमवार को बागेश्वर धाम पहुंचे। बागेश्वर धाम में उन्होंने कथावाचक पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से मुलाकात कर आशीर्वाद लिया।

पूर्व मुख्यमंत्री कमलनाथ सुबह 11 बजे बागेश्वर धाम पहुंचे। वहां भगवान हनुमान की पूजा-अर्चना की। उसके बाद पंडित धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री से बंद कमरे में मुलाकात की। काफी देर तक बागेश्वर धाम में रुकने के बाद कमलनाथ वहां से पन्ना के लिए रवाना हो गए।कमलनाथ ने बागेश्वर धाम बालाजी मंदिर में माथा टेककर इसी साल होने वाले विधानसभा चुनाव के प्रचार-प्रसार की अनौपचारिक शुरुआत कर दी। 

बागेश्वर धाम के दर्शन करने के बाद कमलनाथ ने कहा कि मैंने छिंदवाड़ा में सबसे बड़ा 101 फीट से भी ऊंचा हनुमान मंदिर बनवाया है। मैं हनुमानजी से यहां प्रार्थना करने आया था कि मध्य प्रदेश का भविष्य सुरक्षित रहे।कमलनाथ ने ये बी कहा कि महाराज जी से भी मुलाकात हुई है।

बता दें कि पिछले कुछ समय से धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री चर्चा में हैं और सुर्खियां बने हुए हैं। नागपुर में अंधश्रद्धा निर्मूलन समिति के पदाधिकारियों से चमत्कारों को लेकर हुई तकरार के बाद विवादों में भी घिर गए थे। धीरेंद्र कृष्ण शास्त्री कुछ लोगों का धर्मांतरण कर चर्चा में आए थे। ऐसे में कमलनाथ का बागेश्वर धाम पहुंचना एक बड़ा सियासी कदम बताया जा रहा है।

सरकार चाहती है की कोई भी समाज पीछे नहीं रहेः राष्ट्रपति

लखनऊ। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने कहा कि यूपी में 25 करोड़ लोग निवास करते हैं, लेकिन क्यों सिर्फ बुक्सा समाज को ही बुलाया गया है। क्योंकि सरकार चाहती है कि कोई भी समाज पीछे न रह जाए।

सभी आगे बढ़ें। हर बच्चे को पढ़ने की सुविधा मिले, शिक्षित व आर्थिक रूप से उन्नति करें। बुक्सा समाज शिक्षा, सामाजिक व आर्थिक समेत सभी क्षेत्रों में पीछे है, सरकार चाहती है कि वे भी कदम से कदम मिलाकर चलें। राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने सोमवार को सूबे की बुक्सा जनजाति के लोगों को वनाधिकार पत्र वितरित कर उनसे संवाद के दौरान यह बातें कहीं।  

राष्ट्रपति ने कहा कि मैं राज्यपाल थी तो सरकार से बोली कि जनजातियों को आगे लाना है। उनके लिए बहुत काम हो रहे हैं। स्कूल-कॉलेज खुल रहे हैं। शुरुआत अच्छी हुई है तो सारी समस्याओं को दूर भी किया जाएगा। अभी टेक्नोलॉजी का जमाना है। विडियो से जाना कि छात्राओं के लिए हॉस्टल है, घर से आने-जाने वालों के लिए साइकिल की व्यवस्था कराई गई। मुसहर जनजातिय के लोग जंगलों में रहते हैं। उनकी खुद की जमीन न होने से वे पीएम आवास योजना से नहीं जुड़ पाते। उन्होंने समाज के लोगों को नसीहत दी कि सीखना बहुत जरूरी है। बेटा हो या बेटी, दोनों को पढ़ाना चाहिए।  

सिर्फ सरकार से सहारा न लें, आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए

राष्ट्रपति ने कहा कि जिंदगी जीने के लिए घर जरूरी है। आपमें से कोई पंचायत मुखिया बन गया, कोई समिति सदस्य, हर क्षेत्र में बच्चियां बढ़ रही हैं। यह शुरुआत है, जनजातीय भी जरूर आगे बढ़ेंगे। सिर्फ गवर्नमेंट से ही सहारा न लें, बल्कि आगे बढ़ने का जुनून होना चाहिए। मानसिकता मजबूत होनी चाहिए। मनोबल को सशक्त करना चाहिए। बेटा-बेटी दोनों को पढ़ाइए, सरकार से बात करूंगी कि जरूरत पर नजदीक स्कूल खोले जाएं। अभी एकलव्य विद्यालय खोले गए हैं। बच्चों को भी कंप्टीशन में भाग लेना चाहिए। यह सोच आनी चाहिए कि दूसरे समुदाय के बच्चों के साथ आपके बच्चे भी आगे आ पाएं। आपको भी उस रास्ते पर दौड़ना चाहिए। हम जनजातिय हैं, पीछे नहीं रहेंगे, हम भी सशक्त होंगे, हम भी कुछ बनेंगे। यह सोच होनी चाहिए। राष्ट्रपति ने बताया कि आपकी राज्यपाल गांव-गांव घूमती हैं। कई गांवों, आंगनबाड़ी केंद्रों को गोद ले चुकी हैं। मुख्यमंत्री व मंत्रियों से बात हुई है। जो समाज पीछे है, उसे आगे लाने के लिए वे प्रयासरत हैं। आगे का रास्ता बहुत अच्छा होगा। 

आप भी कदम से कदम और कंधे से कंधा मिलाकर चलेंगे

राष्ट्रपति ने कहा कि आपको अपना पारंपरिक कार्य (खेती-बाड़ी, पशुपालन) भी करते रहना चाहिए। आर्थिक उन्नति के लिए सरकार सहयोग देती है। बेहतर के लिए हमें प्रयास करना चाहिए और प्रयास करने से ही आगे बढ़ सकते हैं। आपका भविष्य उज्ज्वल होगा, आपको भी कदम से कदम और कंधे से कंधे मिलाकर बढ़ना चाहिए। सरकार प्रयास कर रही है पर आपको भी प्रयास जारी रखना चाहिए। राज्यपाल आनंदी बेन पटेल और समाज कल्याण राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) असीम अरुण ने जनजातीय समूहों द्वारा संचालित समूहों की ओर से निर्मित स्मृति चिह्न राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू को दिया। कार्यक्रम में निदेशलाय, जनजातीय विकास विभाग की तरफ से बुक्सा जाति पर डॉक्यूमेंट्री भी प्रदर्शित की गई। 

5 लोगों को राष्ट्रपति ने दिए वनाधिकार प्रमाण पत्र

बिजनौर के कोतवाली, अफजलगढ़ व नजीबाबाद ब्लॉक में निवास करती है। यूपी के बिजनौर में वनाधिकार अधिनियम के तहत 21 लोगों को वन भूमि पर पट्टे दिए गए हैं। इसमें से 5 लोगों को राष्ट्रपति ने वनाधिकार पट्टा अभिलेख के प्रमाण पत्र दिए। बाला पत्नी श्री चिरंजी, श्री धन सिंह, शिव सिंह, वीरेंद्र व वीरमती के स्थान पर पति पारेन ने प्रमाण पत्र प्राप्त किए। बुक्सा जनजाति की प्रतिनिधि सीमा (ग्राम प्रधान, बावन सराय) व धन सिंह ने अपनी बातें भी रखीं।

जम्मू-कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देने वाली याचिका खारिज, सुप्रीम कोर्ट ने प्रकिया को ठहराया सही

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जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन को सुप्रीम कोर्ट ने सही ठहराया है। इस प्रक्रिया को चुनौती देने वाली याचिका कोर्ट ने खारिज कर दी है। कोर्ट ने केंद्र सरकार द्वारा जम्मू कश्मीर के परिसीमन की प्रकिया को सही ठहराया है। इसके साथ ही जम्मू-कश्मीर में अब चुनावों का रास्ता साफ हो गया है। 

बता दें कि श्रीनगर के रहने वाले हाजी अब्दुल गनी खान और मोहम्मद अयूब मट्टू ने जम्मू कश्मीर में परिसीमन को चुनौती देते हुए उसे रद्द करने की मांग की थी। याचिका में कहा गया था कि परिसीमन में सही प्रक्रिया का पालन नहीं किया गया है। जबकि केंद्र सरकार, जम्मू-कश्मीर प्रशासन और चुनाव आयोग ने इस दलील को गलत बताया था। जस्टिस संजय किशन कौल और जस्टिस अभय एस ओक की बेंच ने इस मामले पर सुनवाई पूरी कर फैसला सुरक्षित किया था। पिछले साल 1 दिसंबर को जस्टिस संजय किशन कौल और अभय एस ओका की बेंच ने फैसला सुरक्षित रखा था। आज ये फैसला जस्टिस अभय एस ओक ने सुनाया।

याचिकाकर्ता की दलील

याचिकाकर्ताओं ने दलील दी थी कि जम्मू-कश्मीर में विधानसभा सीटों के परिसीमन के लिए आयोग का गठन संवैधानिक प्रावधानों के हिसाब से सही नहीं है। परिसीमन में विधानसभा क्षेत्रों की सीमा बदली गई है. उसमें नए इलाकों को शामिल किया गया है। साथ ही सीटों की संख्या 107 से बढ़ाकर 114 कर दी गई है, जिसमें पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर की भी 24 सीटें शामिल हैं। यह जम्मू और कश्मीर पुनर्गठन अधिनियम की धारा 63 का उल्लंघन है 

केंद्र सरकार ने कहा

केंद्र सरकार की तरफ से जवाब देते हुए सॉलिसीटर जनरल तुषार मेहता ने कहा था कि संविधान के अनुच्छेद 2, 3 और 4 के तहत संसद को देश में नए राज्य या प्रशासनिक इकाई के गठन और उसकी व्यवस्था से जुड़े कानून बनाने का अधिकार दिया गया है। इसी के तहत पहले भी परिसीमन आयोग का गठन किया जाता रहा है। इसके अलावा, याचिकाकर्ता का यह कहना भी गलत है कि परिसीमन सिर्फ जम्मू कश्मीर में ही लागू किया गया है। इसे असम, अरुणाचल प्रदेश, मणिपुर और नगालैंड के लिए भी शुरू किया गया है।

परिसीमन पर बवाल क्यों

बता दें कि आर्टिकल 370 हटाए जाने से पहले जम्मू और कश्मीर की लोकसभा सीटों का परिसीमन केंद्र करता था। विधानसभा सीटों का परिसीमन राज्य सरकार द्वारा जम्मू-कश्मीर रिप्रेजेंटेशन ऑफ पीपुल एक्ट, 1957 के तहत होता था। 2019 में आर्टिकल 370 हटाए जाने के बाद अब जम्मू-कश्मीर विधानसभा और लोकसभा दोनों सीटों का परिसीमन का अधिकार केंद्र के पास चला गया है।