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पहले दिन 18,643 एमओयू हुए साइन, सीएम योगी का दावा ,इस निवेश से यूपी में 92 लाख लोगों को मिलेगा राेजगार


लखनऊ में ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट के पहले दिन 18,643 एमओयू साइन हुए। यह 32 लाख 92 हजार करोड़ के यानी करीब 33 लाख करोड़ के हैं। यह अमाउंट यूपी के बजट से 5 गुना ज्यादा है। प्रदेश का सालाना बजट 6 लाख करोड़ का है। सीएम योगी आदित्यनाथ ने दावा किया कि समिट प्रदेश की $1 ट्रिलियन इकोनॉमी के लक्ष्य को पूरा करने वाला होगा। उन्होंने कहा कि इस निवेश से प्रदेश में 92 लाख लोगों को रोजगार मिलेगा।

समिट में सबसे ज्यादा निवेश प्रस्ताव पश्चिमांचल को मिले हैं। इसके बाद पूर्वांचल और फिर मध्यांचल और बुंदेलखंड का नंबर है। पश्चिमांचल को 14 लाख 81 हजार करोड़ के प्रस्ताव मिले हैं। यह कुल निवेश का 45 प्रतिशत है। इसमें सबसे ज्यादा नोएडा, ग्रेटर नोएडा, गाजियाबाद और मेरठ के हैं। इसके अलावा, लखनऊ और वाराणसी में 1-1 लाख करोड़ का निवेश आया है।संस्कृति विभाग उत्तर प्रदेश की ओर से मेहमानों के स्वागत में जगह-जगह सांस्कृतिक कार्यक्रम के लिए मंच बनाए गए हैं। दुल-दुल घोड़ी डांस कर कलाकारों ने मेहमानों का वेलकम किया। वहीं लड़कियों ने एक ओर मयूर नृत्य किया तो वहीं लड़कों ने भी लोगों का मन मोहा। पूरे शहर में उत्सव जैसा माहौल देखने को मिला।

पिछली सरकार में निवेशक लखनऊ आने को नहीं थे तैयार : अमित शाह 

इन्वेस्टर्स समिट में भाग लेने के लिए गृह मंत्री अमित शाह शुक्रवार को लखनऊ पहुंचे। इस दौरान यूपी में हो रहे विकास का जिक्र किया।गृहमंत्री ने कहा कि यूपी में विकास की अपार संभावनाएं हैं। देश को फाइव ट्रिलियन की अर्थव्यवस्था बनाने में राज्य की अहम भूमिका हो सकती है। यूपी की संभावना को देखते हुए बड़ी संख्या में निवेशक राज्य में निवेश कर रहे हैं। गृहमंत्री अमित शाह ने कहा कि पिछली सरकार में लखनऊ में निवेशक आने को तैयार नहीं थे, इस वजह से दिल्ली में इन्वेस्टर्स समिट की गई थी। उन्होंने कहा कि एमएसएमई ही वो बीज है जो भारत की सबसे बड़ी विकास की कारक होती है। 

आज की एमएसएमई में ही कल की सबसे बड़ी कंपनी इंडस्ट्री छिपी है। यूपी में कानून व्यवस्था की स्थिति ठीक हुई है। कई सारी नीतियां बजट के अनुसार बनाई गई हैं। यूपी सरकार पर एक भी आरोप नहीं हैं। हर दृष्टि से यूपी का महत्व है। उत्तर प्रदेश को आगे बढ़ाने का मतलब है, देश के विकास को गति देना। यूपी ग्लोबल इंवेस्टर्स समिट में आए निवेश से भारत के विकास में मदद मिलेगी। उन्होंने कहा कि आज उत्तर प्रदेश का इंफ्रास्ट्रक्चर और यहां की कानून-व्यवस्था पूरे देश में एक मिसाल की तरह हैं।

*अमेरिका का बड़ा बयान, कहा-पीएम मोदी रोक सकते हैं रूस-यूक्रेन युद्ध*

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रूस और यूक्रेन के बीच पिछले करीब 1 साल से जंग जारी है। इस बीच रूस-यूक्रेन युद्ध को लेकर अमेरिका का बड़ा बयान आया है। व्हाइट हाउस ने शुक्रवार को फिर दोहराया कि अमेरिका रूस और यूक्रेन के बीच युद्ध को रोकने के लिए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के किसी भी प्रयास का स्वागत करेगा। 

न्यूज एजेसी एएनआई के मुताबिक व्हाइट हाउस के राष्ट्रीय सुरक्षा परिषद के प्रवक्ता जॉन किर्बी ने कहा, ‘मुझे लगता है कि पुतिन के पास युद्ध रोकने के लिए अभी भी समय है। पीएम मोदी मना सकते हैं। मैं पीएम मोदी को बोलने दूंगा जो भी प्रयास करने को तैयार हैं। अमेरिका किसी भी प्रयास का स्वागत करेगा जिससे यूक्रेन में शत्रुता समाप्त हो सके।

पीएम मोदी इस बयान का किया जिक्र

इस दौरान जॉन किर्बी ने प्रधानमंत्री मोदी के उस बयान का जिक्र किया जो उन्होंने रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन के साथ बातचीत के दौरान कही थी कि यह युद्ध का युग नहीं है। किर्बी ने कहा कि इस बयान का अमेरिका ने स्वागत किया था और यूरोप में यह बहुत सकारात्मक रुप में देखा गया। बता दें कि प्रधानमंत्री मोदी ने उज्बेकिस्तान के समरकंद में द्विपक्षीय बैठक के दौरान यह बात कही थी।

युद्ध के लिए पुतिन को ठहराया पुतिन जिम्मेदार

इस दौरान जॉन किर्बी ने पुतिन पर भी हमला बोला। किर्बी ने रूस-यूक्रेन युद्ध के लिए राष्ट्रपति पुतिन को जिम्मेदार ठहराया। उन्होंने कहा,यूक्रेनी लोगों के साथ जो हो रहा है उसके लिए एकमात्र व्यक्ति व्लादिमीर पुतिन जिम्मेदार हैं और वह इसे अभी भी रोक सकते हैं। युद्ध को रोकने की बजाय वो क्रूज मिसाइलों के जरिए यूक्रेन में ऊर्जा और बुनियादी ढांचे को तहस नहस करने में लगे हैं, ताकि वहां के लोगों की परेशानियां और बढ़ें।

छह वर्षों में राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आया, वह जमीनी धरातल पर भी दिखायी दे रहा : सीएम योगी


उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 समारोह को सम्बोधित करते हुए कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में विगत 06 वर्षों में राज्य के औद्योगिक परिदृश्य में सकारात्मक परिवर्तन आया है और वह जमीनी धरातल पर भी दिखायी दे रहा है। यह निवेश महाकुम्भ उसकी एक झलक प्रस्तुत कर रहा है। इस निवेश महाकुम्भ में अब तक 18,643 एमओयू प्रदेश सरकार के साथ वर्तमान में हुए हैं। इनसे प्रदेश में अब तक 32 लाख 92 हजार करोड़ रुपये के निवेश प्रस्ताव प्राप्त हो चुके हैं। इससे राज्य में 92 लाख 50 हजार से अधिक नौकरियां एवं रोजगार की सम्भावनाएं बनी हैं। इस निवेश महाकुम्भ में प्रमुख वैश्विक और भारतीय कम्पनियों के माध्यम से सेक्टरवार प्रस्तावित निवेश ग्रीन हाइड्रोजन, रीन्यूएबल एनर्जी, एजुकेशन, इण्डस्ट्रियल पार्क, इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग, रियल स्टेट, आई0टी0 एनेबल्ड सर्विसेज, पावर जनरेशन, हेल्थकेयर, बायोफ्यूल, टूरिज्म, टेक्सटाइल, हाउसिंग, फूड एण्ड सिविल सप्लाई, डिफेंस एण्ड एयरोस्पेस, हेल्थ, फूड प्रोसेसिंग, डेयरी, फॉर्मा, वेयर हाउसिंग, लॉजिस्टिक्स आदि सेक्टरों में हुआ है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश ने विगत छह वर्षां में जो भी उपलब्धियां हासिल की हैं, वह प्रधानमंत्री के रिफॉर्म, परफॉर्म और ट्रांसफॉर्म के मूल मंत्र को अंगीकार करते हुए उनके नेतृत्व और मार्गदर्शन में सम्भव हुई हैं। देश की आजादी के अमृत काल के प्रथम वर्ष में उत्तर प्रदेश अपनी दूसरी इन्वेस्टर्स समिट व प्रथम ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के माध्यम से वैश्विक निवेशक समुदाय, नीति निर्धारकों, कॉरपोरेट लीडरशिप, बिजनेस डेलीगेशन्स, शिक्षाविदों, पॉलिटिकल एण्ड गवर्न्मेन्ट लीडरशिप को एक साझा मंच उपलब्ध करा रहा है। यह आयोजन प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप राज्य की अर्थव्यवस्था को एक ट्रिलियन डॉलर बनाये जाने के प्रयासों का अभिन्न अंग है।सीएम ने कहा कि उत्तर प्रदेश सरकार ने 25 सेक्टोरियल पॉलिसीज बनायी हैं। सभी सेक्टर्स में निवेश के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। प्रदेश सरकार ने निवेशकों की सुविधा के लिए 04 पिलर्स तय किये हैं। इनमें ऑनलाइन सिंगल विण्डो पोर्टल ‘निवेश मित्र’ के माध्यम से 33 विभागों की 406 सेवाएं उपलब्ध करायी जा रही हैं। इन्वेस्टर्स रिलेशनशिप मैनेजमेन्ट पोर्टल ‘निवेश सारथी’ निवेशकों की जिज्ञासाओं के समाधान, समस्या निवारण और निवेश परियोजनाओं के अनुश्रवण की सुविधा दे रहा है। नीतियों में प्राविधानित इन्सेंटिव को प्राप्त करने के लिए ऑनलाइन इन्सेंटिव मैनेजमेन्ट सिस्टम विकसित किया गया है। इसके साथ ही, प्रदेश के अन्दर हर एक निवेशक के साथ एक उद्यमी मित्र की तैनाती की व्यवस्था की गयी है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन में उत्तर प्रदेश ने विगत 06 वर्षां में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में अच्छी सफलता प्राप्त करते हुए लीड्स रैंकिंग में ‘अचीवर्स’ श्रेणी प्राप्त की है। विगत 05 वर्षां में प्रदेश ने अपने निर्यात को दोगुना करने में सफलता प्राप्त की है। आज हमारे यहां अच्छा इन्फ्रास्ट्रक्चर है। प्रदेश की कानून व्यवस्था बेहतरीन हुई है। उत्तर प्रदेश भारत की फूड बास्केट के रूप में जाना जाता है। प्रदेश खाद्यान्न, दूध, गन्ना, आलू तथा एथेनॉल उत्पादन में देश में प्रथम स्थान पर है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि भदोही के कालीन क्लस्टर तथा वाराणसी के सिल्क क्लस्टर के प्रमुख टेक्सटाइल उत्तर प्रदेश में हैं। अन्य सभी सेक्टर्स में प्रदेश की सम्भावनाओं को आगे बढ़ाने में सेक्टोरियल पॉलिसीज महत्वपूर्ण भूमिका का निर्वहन कर रही हैं। प्रदेश में मेडिकल डिवाइस पार्क, फिल्म सिटी, टॉय सिटी, अपैरल पार्क, हैण्डीक्राफ्ट पार्क, मेगाफूड पार्क, गारमेन्ट पार्क, इण्टीग्रेटेड इण्डस्ट्रियल टाउनशिप, लॉजिस्टिक हब, ट्रांस गंगा सिटी तथा कई फ्लैटेड फैक्ट्री कॉम्प्लेक्स के विकास की कार्यवाही युद्धस्तर पर चल रही है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि इस ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में नीदरलैण्ड्स, डेनमार्क, सिंगापुर, जापान, दक्षिण कोरिया, ऑस्ट्रेलिया, इटली, संयुक्त अरब अमीरात, यूनाइटेड किंगडम और मॉरीशस पार्टनर कण्ट्री के रूप में योगदान दे रहे हैं। दुनिया के तमाम देशों के प्रतिनिधियों ने आयोजन में शामिल होकर ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट को निवेश के महाकुम्भ का स्वरूप प्रदान किया है। आयोजन की सफलता के लिए राज्य सरकार द्वारा नियोजित प्रयास किये गये। प्रदेश सरकार के मंत्रिमण्डल के समूहों ने दुनिया के 16 देशों के 21 शहरों में रोड शो किये थे। सभी देशों में भारतीय मिशन के राजदूतों ने भरपूर सहयोग प्रदान करते हुए प्रधानमंत्री के विजन के अनुरूप उत्तर प्रदेश में ट्रेड, टूरिज्म और टेक्नोलॉजी के अभियान को आगे बढ़ाने के लिए अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया। साथ ही, देश के 10 बड़े महानगरों में भी रोड शो का आयोजन किया गया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि देश-दुनिया से यहां पर 10 हजार से अधिक निवेशकों, उद्योगपतियों तथा बिजनेस डेलीगेशन्स की उपस्थिति के साथ-साथ प्रदेश के सभी 75 जनपदों में भी यह कार्यक्रम एक साथ संचालित हो रहा है। जिसे हम सभी 75 जनपदां में आगे बढ़ाने का कार्य कर रहे हैं। सम्पूर्ण कार्यक्रम को आगे बढ़ाने के लिए प्रदेश सरकार को यू0एस0-इण्डिया स्ट्रैटेजिक पार्टनरशिप फोरम, यू0के0 इण्डिया बिजनेस काउंसिल, ऑस्ट्रेलिया इण्डिया बिजनेस काउंसिल, फेडरेशन ऑफ इण्डियन चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री (फिक्की), कंफेडेरेशन ऑफ इण्डियन इण्डस्ट्री (सीआईआई), सदर्न इण्डिया चैम्बर ऑफ कॉमर्स एण्ड इण्डस्ट्री, इण्डियन इण्डस्ट्रीज एसोसिएशन, जीएसटी चैम्बर्स ऑफ कॉमर्स जैसे प्रमुख बिजनेस पार्टनर्स ने सहयोग प्रदान किया है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश का पूर्वी क्षेत्र और बुन्देलखण्ड क्षेत्र आर्थिक दृष्टि से पिछड़ा माना जाता था। प्रदेश में पिछले 06 वर्षाें में हुए परिवर्तन से जो निवेश प्रस्ताव आएं हैं उनमें महत्वपूर्ण बात यह है कि पूर्वी उत्तर प्रदेश के लिए 09 लाख 55 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव प्राप्त हुए हैं। बुन्देलखण्ड क्षेत्र के लिए भी 04 लाख 28 हजार करोड़ रुपये के प्रस्ताव इस अवसर पर प्राप्त हुए हैं। प्रधानमंत्री के विजनरी नेतृत्व में उत्तर प्रदेश बीमारू राज्य के दंश से मुक्त होकर विकास की बुलन्दियों की ओर अग्रसर हो रहा है। उत्तर प्रदेश को देश के ग्रोथ इंजन के रूप में स्थापित करने के लिए प्रदेश सरकार और प्रदेशवासियों को प्रधानमंत्री ने जो दायित्व दिया है उस दिशा में उत्तर प्रदेश तेजी के साथ आगे बढ़ रहा है।

मुख्यमंत्री ने सभी इन्वेस्टर्स को प्रदेश में बेहतर प्रशासन और सर्वात्तम ईज ऑफ डूइंग बिजनेस की सुविधाएं प्रदान करने का आश्वासन देते हुए उन सभी का आभार व्यक्त किया। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार सभी निवेशकों के हित के लिए तथा अपनी नीतियों के अन्तर्गत हर सम्भव सहयोग प्रदान करने के लिए पूरी तत्परता के साथ कार्य करेंगी।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी ने सशक्तिकरण का जो मार्ग दिखाया था, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के नेतृत्व में राष्ट्र आज उस पर मजबूती के साथ आगे बढ़ रहा है। प्रधानमंत्री के रूप में देश को एक मार्गदर्शक, अभिभावक तथा प्रेरणा पुरुष मिला है। प्रधानमंत्री ने व्यक्तिगत और राजनैतिक विश्वसनीयता का प्रतिमान स्थापित किया है, वह देश को प्रेरित करता रहेगा। आज दुनिया भारत को आशा व सम्भावना की दृष्टि से देख रही है। नागरिकों में देश के नेतृत्व तथा देश की क्षमता पर नया भरोसा उत्पन्न हुआ है।

दुनिया के विकास की धुरी भारत की अर्थव्यवस्था बनेगी और इसमें उत्तर प्रदेश प्रभावी ग्रोथ इंजन की भूमिका निभाएगा : राजनाथ सिंह

रक्षा मंत्री ने कहा कि पिछले कुछ वर्षां में राष्ट्र में हुए आर्थिक सुधारों तथा बिजनेस कम्युनिटी को प्रेरित करने के प्रयास दिखाते हैं कि बिजनेस कम्युनिटी के प्रति सरकार ने नई एप्रोच रखी है। भारत की बढ़ती साख में बिजनेस कम्युनिटी का बहुत बड़ा योगदान है। पिछले कुछ समय में उत्तर प्रदेश निवेशकों के लिए भरोसेमन्द गन्तव्य के रूप में उभरा है। प्रदेश के कर्मठ मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में उत्तर प्रदेश ने अपने नाम यानी ‘अप’ को सार्थक किया है। यूपी का मतलब हेल्थ ‘अप’, एजुकेशन ‘अप’, स्किल ‘अप’, इन्फ्रास्ट्रक्चर ‘अप’, इन्वेस्टमेन्ट ‘अप’ और इन्वेस्टमेन्ट का रिटर्न ‘अप’ हो गया है। आज यूपी में इन्वेस्टमेन्ट ‘बेस्ट’ समझा जाने लगा है। दुनिया के विकास की धुरी भारत की अर्थव्यवस्था बनेगी और इसमें उत्तर प्रदेश प्रभावी ग्रोथ इंजन की भूमिका निभाएगा।

प्रदेश के औद्योगिक विकास मंत्री नन्द गोपाल गुप्ता ‘नंदी’ ने कहा कि प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत को जी-20 के देशों की अध्यक्षता करने का गौरव प्राप्त हुआ है। आज यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट के मंच से विकास की नई सम्भावनाओं का हम स्वागत करते हैं। हम सांस्कृतिक विकास तथा आर्थिक तरक्की दोनों ही मोर्चां पर आगे बढ़ रहे हैं। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन व मुख्यमंत्री के नेतृत्व में वर्ष 2017 से 2022 तक उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बना है और अब सर्वाच्चतम प्रदेश बनने की ओर अग्रसर है।इससे पूर्व, प्रधानमंत्री ने कार्यक्रम स्थल पर प्रदर्शनी का उद्घाटन तथा पार्टनर कण्ट्रीज के पेवेलियन एवं स्टेट पेवेलियन का अवलोकन किया। मुख्यमंत्री ने प्रधानमंत्री को भगवान गणेश की प्रतिमा भेंटकर उनका स्वागत किया। समारोह में एक लघु फिल्म का प्रदर्शन किया गया।

कार्यक्रम को आदित्य बिड़ला ग्रुप के चेयरमैन कुमार मंगलम बिड़ला, रिलायंस ग्रुप के चेयरमैन मुकेश अंबानी, टाटा संस के चेयरमैन एन. चन्द्रशेखरन, ज्यूरिख एयरपोर्ट एशिया के सीईओ डेनियल बिरचर तथा डिक्सन टेक्नोलॉजीज के चेयरमैन सुनील वचनानी ने भी सम्बोधित किया।कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कुमार मंगलम बिड़ला ने कहा कि भारत विश्व में तेजी से विकास कर रही अर्थव्यवस्था है। हमारे प्रधानमंत्री पर 140 करोड़ भारतवासियों का अटूट विश्वास है। अमृतकाल में भारत की प्रगति वैश्विक समृद्धि की नींव बनेगी। भारत की इस प्रगति का हृदय स्थल उत्तर प्रदेश है। प्रधानमंत्री के मार्गदर्शन तथा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में विगत कुछ वर्षां में उत्तर प्रदेश ने बहुत प्रगति की है। प्रदेश में आदित्य बिड़ला ग्रुप की अनेक क्षेत्रों में उपस्थिति है।

मुकेश अंबानी ने कहा कि यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट विकास का महाकुम्भ है। उत्तर प्रदेश पुण्य भूमि तथा प्रभु श्रीराम की भूमि है। प्रधानमंत्री के नेतृत्व में भारत अमृतकाल में प्रवेश कर गया है। भारत दुनिया के लिए आशा का केन्द्र बना है। उसी प्रकार उत्तर प्रदेश नये भारत के लिए आशा केन्द्र बन गया है। कानून व्यवस्था तथा ईज ऑफ डूइंग बिजनेस में उत्तर प्रदेश उत्तम प्रदेश बनकर उभर रहा है। हम एक साथ मिलकर भारत के सर्वाधिक आबादी के राज्य को भारत के सबसे समृद्ध राज्य के रूप में बदल सकते हैं।इस अवसर पर राज्यपाल श्रीमती आनंदीबेन पटेल , विधान परिषद के सभापति कुंवर मानवेन्द्र सिंह, विधान सभा अध्यक्ष सतीश महाना, उप मुख्यमंत्री केशव प्रसाद मौर्य तथा ब्रजेश पाठक सहित प्रदेश सरकार के मंत्रिगण, यूएई तथा डेनमार्क राष्ट्र के मंत्रिगण, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, देश व दुनिया के बिजनेस डेलीगेशन, निवेशक, उद्योगपति, राजदूत तथा उच्चायुक्तगण सहित शासन-प्रशासन के वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित थे।

पीएम मोदी बोले, यूपी में गंगा जी के किनारे दोनों तरफ पांच किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि उत्तर प्रदेश की धरती अपने सांस्कृतिक वैभव, गौरवशाली इतिहास और समृद्ध विरासत के लिए जानी जाती है। पिछले 5-6 साल में उत्तर प्रदेश ने अपनी एक नई पहचान स्थापित कर ली है। अब उत्तर प्रदेश को सुशासन से पहचाना जा रहा है। प्रदेश की पहचान बेहतर कानून-व्यवस्था, शांति और स्थिरता से है। अब यहां वेल्थ क्रिएटर्स के लिए नित्य नए अवसर बन रहे हैं। बीते कुछ वर्षों में प्रदेश में आधुनिक इंफ्रास्ट्रक्चर की पहल के परिणाम नजर आ रहे हैं। बिजली से लेकर कनेक्टिविटी तक हर क्षेत्र में सुधार आया है। बहुत जल्द उत्तर प्रदेश देश के उस इकलौते राज्य के तौर पर भी जाना जाएगा, जहां पांच इण्टरनेशनल एयरपोर्ट्स हैं। डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर से उत्तर प्रदेश सीधे समुद्र से जुड़ रहा है और गुजरात तथा महाराष्ट्र के पोर्ट्स से कनेक्ट होता जा रहा है। इंफ्रास्ट्रक्चर के साथ-साथ उत्तर प्रदेश में सरकारी सोच और अप्रोच में ईज ऑफ डूइंग बिजनेस के लिए सार्थक बदलाव आया है।

प्रधानमंत्री ‘यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023’ का उद्घाटन करने के बाद इस अवसर पर आयोजित कार्यक्रम को सम्बोधित कर रहे थे। उन्होंने समारोह में उपस्थित देश-विदेश के निवेशकों तथा उद्यमियों को सम्बोधित करते हुए कहा कि भारत अगर आज दुनिया के लिए ब्राइट स्पॉट है, तो उत्तर प्रदेश भारत की ग्रोथ को ड्राइव करने वाला एक अहम नेतृत्व दे रहा है। प्रदेश की आबादी लगभग 25 करोड़ है। दुनिया के बड़े-बड़े देशों से भी ज्यादा सामर्थ्य अकेले उत्तर प्रदेश में है। पूरे भारत की तरह ही आज राज्य में एक बहुत बड़ी एस्पिरेशनल सोसाइटी आपका इंतजार कर रही है। नई वैल्यू और सप्लाई चेन विकसित करने के लिए उत्तर प्रदेश आज एक नया चैम्पियन बनकर उभर रहा है। परंपरा और आधुनिकता से जुड़े उद्योगों, एमएसएमई का एक बहुत ही सशक्त नेटवर्क आज उत्तर प्रदेश में वाइब्रेन्ट है। यहां भदोही के कालीन और बनारसी सिल्क की वजह से उत्तर प्रदेश भारत का टेक्सटाइल हब है। 

आज भारत के कुल मोबाइल मैन्युफैक्चरिंग का 60 प्रतिशत से भी ज्यादा अकेले उत्तर प्रदेश में होता है। मोबाइल कम्पोनेन्ट की सबसे ज्यादा मैन्युफैक्चरिंग भी उत्तर प्रदेश में ही होती है। अब देश के दो डिफेंस कॉरिडोर्स में से एक उत्तर प्रदेश में बन रहा है। प्रधानमंत्री ने कहा कि यूपी में डेयरी, मत्स्य, कृषि तथा फूड प्रोसेसिंग सेक्टर में अनेक संभावनाएं हैं। फल और सब्जियों की यूपी में बहुत डायवर्सिटी है। ये एक ऐसा सेक्टर है, जिसमें अभी भी प्राइवेट सेक्टर की हिस्सेदारी बहुत सीमित है। आज भारत का फोकस क्रॉप डायवर्सिफिकेशन, छोटे किसानों को ज्यादा साधन देने और उनकी इनपुट कॉस्ट घटाने पर है। इसलिए नैचुरल फार्मिंग की तरफ हम तेजी से बढ़ रहे हैं। यहां उत्तर प्रदेश में गंगा जी के किनारे दोनों तरफ 5 किलोमीटर क्षेत्र में नैचुरल फार्मिंग शुरु हो गई है। इस वर्ष के बजट में हमने किसानों की मदद के लिए 10 हजार बायो इनपुट रिसोर्स सेंटर्स बनाने की घोषणा की है। ये नैचुरल फार्मिंग को और अधिक प्रोत्साहित करेगा। इसमें भी निजी उद्यमियों के लिए इन्वेस्टमेंट की अनेक संभावनाएं हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि हमने मिलेट्स या मोटे अनाज को एक नया नाम दिया है-‘श्री अन्न’। इसमें न्यूट्रीशन वैल्यू बहुत अधिक है, ये सुपर फूड है। हमारा ये प्रयास है कि भारत का ‘श्री अन्न’ ग्लोबल न्युट्रिशन सिक्योरिटी को एड्रेस करे। दुनिया इस वर्ष को अन्तर्राष्ट्रीय मिलेट्स वर्ष के रूप में भी मना रही है। इसलिए एक तरफ हम किसानों को ‘श्री अन्न’ के उत्पादन के लिए मोटिवेट कर रहे हैं, वहीं दूसरी तरफ इसके लिए ग्लोबल मार्केट का भी विस्तार कर रहे हैं। फूड प्रोसेसिंग सेक्टर से जुड़े साथी रेडी टू ईट और रेडी टू कुक ‘श्री अन्न’ के प्रोडक्ट्स में संभावनाएँ तलाश सकते हैं और मानव जाति की बड़ी सेवा भी कर सकते हैं।

प्रधानमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश में एजुकेशन और स्किल डेवलपमेंट में प्रशंसनीय कार्य हुए हैं। महायोगी गुरु गोरखनाथ आयुष यूनिवर्सिटी, अटल बिहारी वाजपेयी हेल्थ यूनिवर्सिटी, राजा महेन्द्र प्रताप सिंह यूनिवर्सिटी, मेजर ध्यानचन्द स्पोटर्स यूनिवर्सिटी जैसे अनेक संस्थान अलग-अलग स्किल्स के लिए युवाओं को तैयार करेंगे। प्रधानमंत्री जी ने कहा कि उन्हें अवगत कराया गया है कि स्किल डेवलपमेंट मिशन के तहत अभी तक उत्तर प्रदेश के 16 लाख से अधिक युवाओं को अलग-अलग स्किल्स में प्रशिक्षित किया गया है। उत्तर प्रदेश सरकार ने पीजीआई लखनऊ तथा आईआईटी कानपुर में आर्टिफिशियल इंटेलीजेंस से जुड़े कोर्सेज भी शुरु किए हैं। देश के स्टार्ट अप रेवोल्यूशन में भी उत्तर प्रदेश की भूमिका लगातार बढ़ रही है। आने वाले कुछ वर्षों में 100 इनक्यूबेटर्स और 03 स्टेट ऑफ द आर्ट सेन्टर्स स्थापित करने का लक्ष्य उत्तर प्रदेश सरकार ने रखा है। इससे यहां आने वाले इंवेस्टर्स को टैलेंटेड और स्किल्ड युवाओं का एक बहुत बड़ा पूल भी मिलने जा रहा है।

प्रधानमंत्री ने कहा कि एक तरफ डबल इंजन सरकार का इरादा, और दूसरी तरफ संभावनाओं से भरा उत्तर प्रदेश, इससे बेहतर पार्टनरशिप हो ही नहीं सकती। हमें यह समय गंवाना नहीं चाहिए। भारत की समृद्धि में दुनिया की समृद्धि निहित है। भारत के उज्ज्वल भविष्य में दुनिया के उज्ज्वल भविष्य की गांरटी है। समृद्धि की इस यात्रा में आप सबकी भागीदारी बहुत ही महत्वपूर्ण है। उत्तर प्रदेश के एम0पी0 के नाते मैं आपको भरोसा देता हूं कि उत्तर प्रदेश की आज की सरकार और ब्यूरोक्रेसी प्रगति की राह पर दृढ़ संकल्प होकर के चल पड़ी है वो आपके सपनों को साकार करने के लिए, आपके संकल्पों को सिद्ध करने के लिए पूरे सामर्थ्य के साथ अग्रदूत बनकर के आपके साथ खड़ी है।

बीबीसी का एक और “बम”, गुजरात दंगों पर डॉक्यूमेंट्री के बाद बनाई 'जिहादी दुल्हन', जानें क्या है मामला

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2002 के गोधरा दंगों पर बीबीसी की डॉक्यूमेंट्री पर विवाद अबी थमा नहीं है। इसी बीच बीबीसी ने एक और बम फोड़ा है।गुजरात दंगों को लेकर पीएम मोदी डॉक्यूमेंट्री बनाने के बाद 'जिहादी दुल्हन' पर डॉक्यूमेंट्री बनाई है। जिसको लेकर विवाद शुरू हो गया है। इस डॉक्यूमेंट्री का नाम 'द शमीमा बेगम स्टोरी' रखा गया है। यहां तक की बीबीसी के दर्शकों ने धमकी दी है कि वह अपने सब्सक्रिप्शन का रिन्यू नहीं करेंगे।

जानें क्या है मामला?

दरअसल, 2015 में यूके में रहने वाली शमीमा बेगम नाम की एक 15 वर्षीय किशोरी भाग कर सीरिया चली गई थी। जहां वो इस्लामिक स्टेट में शामिल हो गई। उसने सीरिया पहुंचने के तुरंत बाद एक डच आईएस लड़ाके से शादी कर ली थी। सीरिया में रहने के दौरान ही वह जिहादी दुल्हन के नाम से कुख्यात हो गई। अब 8 साल बाद बीबीसी ने को उसके प्रति सहानभूति हो गई है और बीबीसी की ‘द शमीमा बेगम स्टोरी’ डॉक्यूमेंट्री बना डाली है। जिसपर विवाद शुरू हो गया है।

बीबीसी ने बताया-शमीमा को सीरिया जाने के फैसले पर दुख

बीबीसी ने शमीमा बेगम पर 90 मिनट की डॉक्यूमेंट्री जारी की है। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, डॉक्यूमेंट्री बीबीसी के 10-भाग के पॉडकास्ट ‘आई एम नॉट ए मॉन्स्टर’ के बाद आई है। यह स्टोरी शमीमा बेगम की यूके से सीरीया तक की यात्रा को रीट्रेस करती है, और उसके प्रति सहानुभूति पैदा करने की कोशिश करती है। रिपोर्ट में बताया गया है कि उसको अपने सीरिया जाने के फैसले पर दुख है। 

बीबीसी को शमीमा से क्यों हो रही सहानुभूति?

बता दें कि शमीमा बेगम जो ब्रिटेन में रहती थी, 15 साल की उम्र में वह अपनी दो सहेलियों कदीजा सुल्ताना और अमीरा अबासे के साथ फरवरी 2015 में ब्रिटेन से भागकर सीरिया चली गई। यहां तीनों ने आईएस के लड़ाकों से शादी कर ली थी। तीन साल से भी अधिक समय तक शमीमा सीरिया में आईएस लड़ाकों के साथ ही रही। इसी दौरान वह जिहादी दुल्हन के नाम से भी मशहूर हो गई थी। आईएस में जाने के बाद 2019 में शमीमा बेगम से यूके सरकार ने उसकी नागरिकता छीन ली थी। इसी बीच सीरिया में आईएस का खात्मा शुरू हो गया। अब 23 साल की हो चुकी शमीमा बेगम वापस यूके लौटना चाहती हैं लेकिन सरकार इसकी इजाजत नहीं दे रही है। उसके ब्रिटेन में लौटने को लेकर कोर्ट में एक मामला भी चल रहा है। 

इसलिए ब्रिटेन के लोगों में हैं गुस्सा

अब चूंकी यूके की सरकार राष्ट्र की सुरक्षा को लेकर शमीमा की नागरिकता छीन चुकी है। ऐसे में बीबीसी ने शमीमा के प्रति सहानुभूति दिखाई है। जिससे ब्रिटेन में लोग भड़क गए हैं। ब्रिटेन के लोगों का कहना है कि एक आतंकवादी के समर्थन में इस तरह की डॉक्यूमेंट्री बनाकर बीबीसी हिंसा को बढ़ावा देना चाहती है। यूके में दर्शकों ने धमकी दी है कि वे अपने बीबीसी सब्सक्रिप्शन को रिन्यू नहीं करेंगे।

सीएम योगी ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में यूएई व डेनमार्क के प्रतिनिधिमण्डलों के साथ अलग-अलग बैठक की, कई महत्वपूर्ण हुए फैसले

लखनऊ। उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट-2023 में आये संयुक्त अरब अमीरात (यूएई) व डेनमार्क के प्रतिनिधि मण्डलों के साथ अलग-अलग बैठक की।सीएम ने यूएई के प्रतिनिधि मण्डल का स्वागत करते हुए कहा कि यूएई भारत का करीबी मित्र है। प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी इस देश की हमेशा प्रशंसा करते हैं। इस निवेशक सम्मेलन में यूएई ने महत्वपूर्ण प्रतिनिधि मण्डल भेजा है। प्रदेश का बड़ा मैनपावर यूएई में कार्य करता है। उत्तर प्रदेश के लोगों का इस देश से आत्मीय सम्बन्ध है। इन सम्बन्धों को नई ऊंचाइयों तक पहुंचाया जाएगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि उत्तर प्रदेश भारत की सबसे बड़ी आबादी वाला राज्य एवं देश का हृदय स्थल है। प्रदेश में पर्याप्त कृषि योग्य भूमि है। देश की कुल कृषि योग्य भूमि में 11 प्रतिशत हिस्सेदारी उत्तर प्रदेश की है, जबकि कुल खाद्यान्न उत्पादन में राज्य 20 प्रतिशत का योगदान करता है। गन्ना, दूध, आलू, एथेनॉल आदि के उत्पादन में प्रदेश का देश में प्रथम स्थान है। 

यूएई के निवेशकों ने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र, शॉपिंग मॉल की स्थापना में निवेश की इच्छा जतायी

मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में निवेश की अपार सम्भावनाएं हैं। राज्य में इन्फ्रास्ट्रक्चर का निरन्तर विकास किया जा रहा है। प्रदेश में अच्छी कनेक्टिविटी है। 06 एक्सप्रेस-वे का निर्माण हो चुका है। प्रदेश में 09 एयरपोर्ट क्रियाशील हैं। 10 अन्य एयरपोर्ट विकसित किए जा रहे हैं। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश में स्वास्थ्य सुविधाओं में निरन्तर सुधार किया जा रहा है। प्रदेश के सभी 75 जनपदों में सरकारी या निजी क्षेत्र द्वारा मेडिकल कॉलेज की स्थापना की जा रही है। राज्य के दूर-दराज के क्षेत्रों में टेलीमेडिसिन एवं हेल्थ एटीएम की स्थापना करने की कार्यवाही की जा रही है। इस अवसर पर यूएई के निवेशकों ने प्रदेश में स्वास्थ्य क्षेत्र, शॉपिंग मॉल की स्थापना सहित अन्य क्षेत्रों में अपने निवेश की इच्छा प्रकट की। मुख्यमंत्री ने कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगी। 

प्रदेश सरकार निवेशकों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगी

सीएम योगी ने कहा कि उत्तर प्रदेश खाद्यान्न उत्पादन में प्रथम स्थान पर है। प्रदेश में शिक्षा को बढ़ावा दिया जा रहा है। उच्च शिक्षा के विकास हेतु प्रदेश में विभिन्न विश्वविद्यालयों की स्थापना की जा रही है। प्रदेश में कौशल विकास एक बड़ा क्षेत्र है। अब तक प्रदेश के 16 लाख युवाओं को कौशल विकास मिशन के तहत प्रशिक्षण प्रदान किया गया है, जिसमें से 06 लाख युवाओं को रोजगार प्राप्त हो चुका है। डेनमार्क के निवेशकों ने कौशल विकास सहित अन्य क्षेत्रों में प्रदेश में निवेश की इच्छा जतायी। मुख्यमंत्री ने निवेशकों से कहा कि प्रदेश सरकार निवेशकों को सभी प्रकार की सुविधाएं प्रदान करेगी। 

इस अवसर पर नगर विकास एवं ऊर्जा मंत्री अरविन्द कुमार शर्मा, एमएसएमई मंत्री राकेश सचान, मुख्य सचिव दुर्गा शंकर मिश्र, पुलिस महानिदेशक देवेन्द्र सिंह चौहान, अपर मुख्य सचिव मुख्यमंत्री एसपी गोयल, अपर मुख्य सचिव खेल नवनीत सहगल, प्रमुख सचिव मुख्यमंत्री, गृह एवं सूचना संजय प्रसाद, सचिव मुख्यमंत्री अमित सिंह उपस्थित थे। इससे पूर्व, डेनमार्क के प्रतिनिधिमण्डल के साथ बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रतिनिधिमण्डल के सदस्यों का स्वागत करते हुए कहा कि डेनमार्क और भारत के बहुत मधुर सम्बन्ध हैं। डेनमार्क के प्रतिनिधियों के यूपी ग्लोबल इन्वेस्टर्स समिट में आगमन से डेनमार्क एवं भारत विशेषकर उत्तर प्रदेश से सम्बन्धों में निकटता आएगी।

*अब 14 फरवरी को नहीं मनेगा 'काउ हग डे, सरकार ने वापस ली अपील

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सोशल मीडिया पर बने मजाक और विपक्ष के विरोध के बाद 14 फरवरी को 'काउ हग डे' के रूप में मनाए जाने की अपील को वापस ले लिया गया है। इससे पहले पशु कल्याण बोर्ड (एडब्ल्यूबीआई) ने14 फरवरी यानी वैलेंटाइन डे को 'काउ हग डे' के रूप में मनाने की अपनी अपील की थी। इससको लेकर नोटिस भी जारी किया गया था।

बोर्ड के सचिव एसके दत्ता ने एक बयान में कहा, ‘सक्षम प्राधिकारी और मत्स्य पालन, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देश के अनुसार, भारतीय पशु कल्याण बोर्ड द्वारा 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ मनाने के लिए जारी की गई अपील वापस ले ली जाती है।

इसे पहले भारत सरकार के मत्स्य, पशुपालन और डेयरी मंत्रालय के निर्देशानुसार पशु कल्याण बोर्ड की ओर से शुक्रवार को जारी की गई नोटिस में 14 फरवरी को ‘काउ हग डे’ के रूप में मनाने की अपील की गई थी। बोर्ड द्वारा जारी नोटिस में कहा गया है, ‘‘सभी गाय प्रेमी गौ माता की महत्ता को ध्यान में रखते हुए तथा जिंदगी को खुशनुमा और सकारात्मक ऊर्जा से परिपूर्ण बनाने के लिए 14 फरवरी को काउ हग डे मना सकते हैं। अपील में आगे कहा गया है, हमारे समय में पश्चिमी संस्कृति की प्रगति के कारण वैदिक परंपराएं लगभग विलुप्ति की कगार पर हैं। पश्चिमी सभ्यता की चकाचौंध ने हमारी भौतिक संस्कृति और विरासत को भूला हुआ बना दिया है।

एनिमल वेलफेयर बोर्ड ऑफ इंडिया की ओर से 14 फरवरी को वैलेंटाइन डे की बजाए काउ हग डे के रूप में मनाने की अपील के बाद सोशल मीडिया पर काफी मजाक उड़ाया गया था। इस फैसले के बाद सोशल मीडिया पर सैकड़ों मीम्स और जोक्स बने थे।

महाराष्ट्र को मिली दो वंदे भारत ट्रेन, पीएम ने दिखाई हरी झंडी

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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को मुंबई में दो वंदे भारत ट्रेनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया। महाराष्ट्र में मुंबई-सोलापुर और मुंबई-साईनगर शिरडी मार्गों पर वंदे भारत एक्सप्रेस ट्रेनों को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हरी झंडी दिखाई। इसके अलावा उन्होंने दो सड़क परियोजनाओं-सांताक्रूज चेंबूर लिंक रोड और कुरार अंडरपास परियोजना का भी उद्घाटन किया।

मुंबई रेल विकास के लिए 13 हजार 500 करोड़ का आवंटन

पीएम मोदी ने इस मौके पर अपने भाषण की शुरुआत मराठी से की। उन्होंने कहा कि आज का दिन भारतीय रेलवे और मुंबई के कनेक्टिविटी के लिए एक बड़ा दिन है। ये वंदे भारत मुंबई और पुणे- इन दो बड़े शहरों को जोड़ेगी। ये दोनों वंदे भारत ट्रेनें महाराष्ट्र में पर्यटन और विकास को बढ़ावा देगी। ये ट्रेनें नासिक के त्र्यंबकेश्वर, शिरड, पंढरपुर, अक्कलकोट, तुलजापुर जैसे तीर्थस्थानों में जाना सुलभ करेगी। पीएम ने कहा कि एक वक्त था जब लोग केंद्र को चिट्ठी लिखा करते थे कि हमारे यहां ट्रेन को रुकने की इजाजत दी जाए और काम होते-होते होता था। लेकिन आज तेज रफ्तार का समय है। पीएम ने कहा कि देश के 17 राज्य के 108 जिले वंदे भारत से जुड़े हैं। इस बार बजट में 10 लाख करोड़ सिर्फ इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए रखे गए हैं। इनमें भी सबसे ज्यादा हिस्सा रेलवे का है। महाराष्ट्र को मुंबई रेल विकास के लिए 13 हजार 500 करोड़ का आवंटन किया गया है।

जाने कितना होगा किराया

ट्रेनों को रवाना किए जाने से पहले मध्य रेलवे ने इनके किराये की घोषणा की। मध्य रेलवे (सीआर) के एक अधिकारी ने कहा कि सीएसएमटी (छत्रपति शिवाजी महाराज टर्मिनस)-सोलापुर वंदे भारत ट्रेन में कैटरिंग सेवा के बिना एक तरफ का किराया चेयर कार के लिए 1,000 रुपये और एक्जीक्यूटिव चेयर कार के लिए 2,015 रुपये होगा, जबकि खानपान के साथ दोनों श्रेणियों का किराया क्रमशः 1,300 रुपये और 2,365 रुपये होगा

बता दें कि अब तक जितनी वंदे भारत ट्रेनें शुरू हुई हैं वे एक राज्य से दूसरे राज्यों तक जाया करती हैं। लेकिन ये दोनों वंदे भारत ट्रेनें महाराष्ट्र के ही दो हिस्सों को जोड़ेंगी। उद्घाटन के दौरान प्रधानमंत्री मोदी के साथ केंद्रीय रेल मंत्री अश्विनी वैष्णव, केंद्रीय मंत्री नारायण राणे, केंद्रीय राज्य मंत्री रामदास आठवले, महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस मौजूद रहे।

सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सेबी से 13 फरवरी तक मांगा जवाब, कहा, निवेशकों की सुरक्षा अहम

 सुप्रीम कोर्ट ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट से संबंधित याचिकाओं पर सोमवार, 13 फरवरी तक सेबी से जवाब मांगा है। शीर्ष अदालत ने सेबी से कोर्ट को यह बताने के लिए कहा है कि भविष्य में निवेशकों की सुरक्षा कैसे सुनिश्चित की जाए और मौजूदा ढांचा क्या है। कोर्ट ने यह भी कहा कि सेबी बताए कि नियामक ढांचे को कैसे मजबूत किया जाए।

सुप्रीम कोर्ट का कहना है कि सेबी की प्रतिक्रिया में मौजूदा नियामक ढांचा शामिल है और निवेशकों की सुरक्षा के लिए मजबूत तंत्र स्थापित करने की आवश्यकता है।

बता दें, हिंडनबर्ग-अदाणी मामले में शीर्ष अदालत ने भारतीय निवेशकों को हुए लाखों करोड़ रुपये के नुकसान पर चिंता जताई है। अदालत ने भविष्य में ऐसी स्थिति से बचने के लिए व्यवस्था में सुधार के लिए सेबी से सुझाव मांगे हैं। उसने एक विशेषज्ञ कमिटी बनाने का भी संकेत दिया। अगली सुनवाई सोमवार, 13 फरवरी को होगी।

सफलता, एसएसएलवी-डी2 ने आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, पृथ्वी की निचली कक्षा में किया स्थापित 


भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (ISRO) ने शुक्रवार को अपने नए और सबसे छोटे रॉकेट SSLV-D2 (Small Sataellite Launch Vehicle) को अंतरिक्ष में लॉन्च कर दिया। आंध्र प्रदेश के श्रीहरिकोटा में सतीश धवन स्पेस सेंटर से यह लॉन्चिंग की गई। अब खबर आई है कि एसएसएलवी-डी2 ने सफलतापूर्वक तीनों सैटेलाइट्स को पृथ्वी की निचली कक्षा में स्थापित कर दिया है। इसरो चीफ एस सोमनाथ ने तीनों सैटेलाइट को ऑर्बिट में सही जगह पहुंचाने के लिए टीमों को बधाई दी। उन्होंने कहा कि एसएसएलवी-डी1 के दौरान जब दिक्कतें आईं, हमने उनका विश्लेषण किया और जरूरी कदम उठाए और यह सुनिश्चित किया कि इस बार लॉन्चिंग सफल रहे।

इससे पहले एसएसएलवी-डी2 ने अपने साथ तीन सैटेलाइट लेकर अंतरिक्ष की उड़ान भरी, जिनमें अमेरिकी की कंपनी अंतारिस की सैटेलाइट Janus-1, चेन्नई के स्पेस स्टार्टअप स्पेसकिड्ज की सैटेलाइट AzaadiSAT-2 और इसरो की सैटेलाइट EOS-07 शामिल थी। ये तीनों सैटेलाइट्स 450 किलोमीटर दूर सर्कुलर ऑर्बिट में स्थापित किए गए।

लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाएगा

इसरो के अनुसार, एसएसएलवी 500 किलोग्राम तक की सैटेलाइट को लोअर ऑर्बिट में लॉन्च करने में काम में लाया जाता है। यह रॉकेट ऑन डिमांड के आधार पर किफायती कीमत में सैटेलाइट लॉन्च की सुविधा देता है। 34 मीटर लंबे एसएसएलवी रॉकेट का व्यास 2 मीटर है। इस रॉकेट का वजन 120 टन है।

बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी उड़ान

इस रॉकेट की पहली उड़ान बीते साल अगस्त में असफल हो गई थी। बीते साल एसएसएलवी की पहली उड़ान के दौरान रॉकेट के दूसरे चरण के पृथक्करण के दौरान कंपन महसूस होने के कारण लॉन्चिंग सफल नहीं हो सकी थी। साथ ही रॉकेट का सॉफ्टवेयर उपग्रहों को गलत कक्षा में लॉन्च कर रहा था, जिसके चलते इसरो ने एसएसएलवी की लॉन्चिंग को रद्द कर दिया था। 

कुल वजन 175.2 किलोग्राम

एसएसएलवी-डी2 का कुल वजन 175.2 किलोग्राम है, जिसमें ईओस सैटेलाइट का वजन 156.3 किलोग्राम, Janus-1 का वजन 10.2 किलोग्राम और AzaadiSat-2 का वजन 8.7 किलोग्राम है। इसरो के अनुसार, एसएसएलवी रॉकेट की लागत करीब 56 करोड़ रुपए है

इस साल कई मिशन को अंजाम देगा इसरो

इसरो चीफ एस सोमनाथ ने बताया कि फिलहाल हम जीएसएलवी मार्क 3 की लॉन्चिंग की तैयारी कर रहे हैं। जीएसएलवी मार्क 3 वन वेब इंडिया की 236 सैटेलाइट को एकसाथ लॉन्च करेगा। यह लॉन्चिंग मार्च महीने के मध्य में होगी। इसके अलावा इसरो पीएसएलवी-सी55 के प्रक्षेपण की भी तैयारियों में जुटा है। मार्च के अंत तक यह लॉन्चिंग हो सकती है। इसरो चीफ ने बताया कि हम रियूजेबल लॉन्च व्हीकल की लैंडिंग पर भी काम कर रहे हैं। वर्तमान में एक टीम चित्रदुर्ग में लैंडिंग साइट पर मौजूद है। हम उम्मीद कर रहे हैं कि सबकुछ ठीक रहा तो अगले कुछ दिनों में हम लैंडिंग की प्रैक्टिस शुरू कर देंगे। एस सोमनाथ ने कहा कि इस साल कई सारे मिशन होने हैं। खासकर गगनयान कार्यक्रम को लेकर भी तैयारियां चल रही हैं।