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गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

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2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে

#Travel, #Online _registration _for Chardham _Yatra starts today এসবি নিউজ ব্যুরো: চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে। পর্যটন দফতর সূত্রে খবর, সারা দেশ ও বিশ্ব থেকে আগত ভক্তরা আজ থেকে চারধাম যাত্রার জন্য নিবন্ধন করতে পারবেন। সকাল ৭টা থেকে রেজিস্ট্রেশনের জন্য ওয়েবসাইট খুলবে। এছাড়াও মোবাইল অ্যাপ, হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর এবং টোল ফ্রি নম্বরের রেজিস্ট্রেশন সুবিধা রয়েছে। কেদারনাথ, বদ্রীনাথ, গঙ্গোত্রী এবং যমুনোত্রী ধামে আসা ভক্তদের জন্য নিবন্ধন বাধ্যতামূলক হবে। চারধামের দরজা খোলার তারিখ ঠিক হওয়ার পর রেজিস্ট্রেশনের প্রস্তুতি সম্পন্ন করেছে পর্যটন বিভাগ। এ বার চারধাম যাত্রা শুরুর ২৫ দিন আগে তীর্থযাত্রীদের রেজিস্ট্রেশনের সুবিধা দেওয়া হচ্ছে, যাতে রাজ্যের বাইরে থেকে আগত তীর্থযাত্রীরা তাদের ভ্রমণের পরিকল্পনা করতে এবং সহজেই নিবন্ধন করতে পারেন। এছাড়াও এবারও দেশের যে কোন প্রান্ত থেকে হজযাত্রীরা ৪টি মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারবেন। নিবন্ধনের জন্য নাম, মোবাইল নম্বর এবং থাকার জায়গার ঠিকানা সহ ভ্রমণকারী সদস্যদের বিশদ বিবরণের জন্য আইডি প্রদান করতে হবে। এভাবে নিবন্ধন করুন পর্যটন বিভাগের ওয়েবসাইট, registrationandtouristcare.uk.gov.in-এ লগইন করে নিবন্ধন করা যেতে পারে। এছাড়াও, আপনি হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর-8394833833-এ যাত্রা (ভ্রমণ) লিখে একটি বার্তা পাঠিয়েও নিবন্ধন করতে পারেন। যে সমস্ত ভ্রমণকারীরা ওয়েবসাইটে নিবন্ধন করতে অক্ষম, তাদের জন্য পর্যটন বিভাগ টোল ফ্রি প্রদান করেছে0135-1364 নম্বরে কল করে রেজিস্ট্রেশন সুবিধা প্রদান করা হয়েছে ।এছাড়াও, আপনি স্মার্ট ফোনে ট্যুরিস্টকারেরতারখন্ড মোবাইল অ্যাপের মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারেন। গত বছর ৭৪ লাখ তীর্থযাত্রী নিবন্ধন করেছিলেন।এর মধ্যে পুরো যাত্রা সময়কালে ৫৬ লাখ তীর্থযাত্রী ৪ধাম দর্শন করেছিলেন।
*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
করণদিঘী পুকুরে স্নান করে পূর্ণ অর্জন
#Bathing _in the _Karandighi pond is a _complete achievement
এসবি নিউজ ব্যুরো: রাত পোহালে করণদিঘী সহ আশপাশের এলাকার মানুষ করণদিঘীর পুকুরে স্নান করে পূর্ন অর্জন করবেন সবাই। এই স্নানকে ঘিরে বসেছে বিরাট মেলা । ইতিমধ্যে দোকানিরা পসরা সাজিয়ে মেলায় বসে পড়েছে। লোকসভা ভোটের কারণে এবারে মেলার দিন কমিয়ে আনা হয়েছে।
কথিত আছে কর্ন রাজা এই করণদিঘী পুকুরে স্নান করতে আসতেন ।

রাজা কর্ন বিহারের পূর্নিয়ার বাসিন্দা ছিলেন। করণদিঘী ব্লকে বিহারের সঙ্গে যুক্ত ছিল। পরবর্তীকালে করণদিঘী ব্লক বিহার থেকে বিচ্ছিন্ন হয়ে বাংলার সঙ্গে যুক্ত হয়।রাজা কর্ণ করণদিঘী পুকুর স্নান করে পূর্ণ অর্জন করতেন। রাজাও নেই রাজ্যপাট নেই। শুধু থেকে গেছে রাজা কর্ণের তৈরী করা বিশাল দিঘি।করণদিঘী ব্লক বাংলার সঙ্গে যুক্ত হবার পর রাজবংশী সম্প্রদায়ের মানুষ ১ বৈশাখের শুভক্ষনে স্নান করে পূর্ণ অর্জন করতেন। কথিত আছে নতুন বছরের প্রথম দিনে কর্ণ রাজার দিঘিতে স্নান করলে মনস্কামনা পূর্ণ হয়। পূর্ণার্থিদের মনস্কামনা পূর্ণ হলে দিঘিতে পাঠা, পায়রা, স্বর্ণলঙ্কার দিঘিতে ভাসিয়ে দেয়।দীর্ঘদিন ধরে এই প্রথা চলে আসছে ।

আগে শুধুমাত্র করণদিঘী এলাকার মানুষই এই স্নানে অংশ নিতেন। দিঘির মাহাত্ব দিকে দিকে ছড়িয়ে পড়ায় কয়েক'শ বছর যাব এই শুভ দিনে লাখো লাখো পূর্ণার্থী  উত্তরবঙ্গ সহ পার্শ্ববর্তী বিহার রাজ্যের এই স্নানে অংশ নিচ্ছেন। লাখো লাখো পূর্ণার্থী স্নানে অংশ নেওয়ায় সেখানে ৭ দিনের বিশাল মেলা বসছে । শুধু কেনাকাটার দোকানই নয় বিনোদনের ব্যাবস্থা করা হয়েছে যেমন - নাগর দোলনা, ব্রেক ডান্স, ট্রেন গাড়ি , অক্টোপাস, টোরাটোরা, খাওয়া দাওয়া ইস্টল ।

বিগত বছর গুলোতে পনেরো দিনের মেলা বসত। লোকসভা নির্বাচন দোড়গোড়ায় থাকায় এবারে মেলার দিন কমিয়ে আনা হয়েছে । এবারে ৭ দিনের মেলা বসবে।।কর্ণ রাজার দিঘিতে লাখো মানুষ স্নানে অংশ নেয়ায় নিরাপত্তা ব্যাবস্থা জোরদার করা হয়েছে, পুকুরের চার দিকে সাজিয়ে তোলা হয়েছে।

মালদহের দক্ষিণ কেন্দ্রের আসনের জন্য প্রচার বিজেপি প্রার্থীর

# BJP_ candidate  _campaigning _for _Malda South _Central _seat এসবি নিউজ ব্যুরো: গত বিধানসভা নির্বাচনে ইংরেজবাজার আসনে তৃণমূল কংগ্রেসের দাপুটে নেতা তথা প্রাক্তণ মন্ত্রী কৃষ্ণেন্দু নারায়ণ চৌধুরীকে পরাজিত করে চমক দিয়েছিলেন বিজেপি প্রার্থী শ্রীরুপা মিত্র চৌধুরী।তাই মোদী-শাহ জুটি  আসন্ন লোকসভা নির্বাচনে সেই  শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর উপর ভরসা করেছেন। মালদা দক্ষিণ কেন্দ্রের বিজেপির প্রার্থীও করেছেন শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীকে।

উত্তরবঙ্গের বিজেপির  একমাত্র মহিলা প্রার্থী তিনি।প্রায় প্রতিদিনই ভোটারদের কাছে পৌঁছাতে  নির্বাচনী প্রচারেও  চমক দিচ্ছেন তিনি। সকাল থেকেই তাকে জনসংযোগে ব্যস্ত থাকতে দেখা যাচ্ছে  বিজেপি প্রার্থীকে। কখনো টোটো চালিয়ে প্রচার। আবার কখনো জেলার একমাত্র বড়  পাইকারি রথবাড়ি বাজারের ক্রেতা  বিক্রেতার কাছে গিয়ে জনসংযোগ করতে।

বিজেপির মালদা দক্ষিণ লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর দাবি হাটে বাজারে তিনি রয়েছেন। শুধু ভোটের সময় নয় , সারা বছরই এলাকার মানুষের পাশে থাকেন তিনি। তার অভিযোগ, ১৫৩ বছরের পৌরসভায় এখনও অনেক পিছিয়ে। এলাকাবাসীও সেই অভিযোগ তুলছেন। প্রচারে ব্যপক সাড়া  পাচ্ছেন জানান তিনি।

गाजा युद्ध विराम और अमेरिकी दूत मार्को रुबियो की पहल

#us_officials_lands_in_gaza_for_ceasfire_conversation

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2023 के अक्टूबर में इजरायल पर हमास के हमले ने गाजा में स्थिति को गंभीर बना दिया। इस संघर्ष में बड़ी संख्या में नागरिकों की मौत हुई, और दोनों पक्षों के बीच हिंसा का दौर बढ़ा। युद्धविराम के प्रयास जारी रहे, और अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो ने इस स्थिति में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाई। रुबियो ने हाल ही में इजरायल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू से गाजा युद्ध विराम पर बातचीत की, जो अमेरिकी-इजरायल संबंधों के संदर्भ में महत्वपूर्ण था।

अमेरिकी विदेश मंत्री की यात्रा: मार्को रुबियो का यह दौरा उनके पहले मध्य पूर्व दौरे के रूप में था। यह यात्रा विशेष रूप से गाजा युद्ध विराम और अमेरिका की भूमिका के संदर्भ में अहम थी। इस दौरान, रुबियो ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की योजना को आगे बढ़ाने का प्रयास किया, जिसमें गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और वहां के दो मिलियन से अधिक निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था। हालांकि, यह योजना अंतरराष्ट्रीय समुदाय द्वारा आलोचना का शिकार हुई है।

ट्रम्प का प्रस्ताव: ट्रम्प ने गाजा पर इजरायल का नियंत्रण और फिलिस्तीनियों को विस्थापित करने का प्रस्ताव रखा। उन्होंने गाजा को "मध्य पूर्व का रिवेरा" बनाने की बात की, जिससे वहाँ के आर्थिक पुनर्विकास की संभावना जताई गई थी। नेतन्याहू ने इस विचार का स्वागत किया, लेकिन कई देशों ने इसे अस्वीकार कर दिया। वे मानते हैं कि यह समाधान अस्थिरता को बढ़ाएगा और फिलिस्तीनी समुदाय के लिए अस्वीकार्य होगा।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय: गाजा में युद्धविराम के लिए कतर और मिस्र की मध्यस्थता में एक समझौता हुआ, जिसके तहत 369 फिलिस्तीनी कैदियों के बदले में 3 इजरायली बंधकों को रिहा किया गया। यह छठी अदला-बदली थी, जो एक नाजुक युद्ध विराम के तहत की गई थी। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद कई लोग चिंतित हैं कि लड़ाई फिर से शुरू हो सकती है। दक्षिणी गाजा के खान यूनिस में एक सेवानिवृत्त शिक्षक नासिर अल-अस्तल ने कहा, "हमें उम्मीद है कि शांति बनी रहेगी, लेकिन यह कभी भी टूट सकती है।"

अमेरिका का रुख: अमेरिका ने स्पष्ट किया है कि फिलहाल ट्रम्प की योजना ही "एकमात्र योजना" है, और वह फिलिस्तीनी राज्य के लिए किसी भी अन्य प्रस्ताव को स्वीकार नहीं करेगा। जनवरी 2024 में अमेरिकी विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन ने गाजा के युद्ध के बाद के रोडमैप का प्रस्ताव किया, जिसमें इजरायल से फिलिस्तीनी राज्य के लिए रास्ता स्वीकार करने की बात की गई थी। नेतन्याहू की सरकार ने इस प्रस्ताव को खारिज किया, क्योंकि वह फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के खिलाफ है। मिस्र के राष्ट्रपति अब्देल फत्ताह अल-सिसी ने फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना को स्थायी शांति के लिए जरूरी बताया है, और सऊदी अरब जैसे देशों ने इसका समर्थन किया है।

वर्तमान स्थिति और भविष्य की चुनौतियां: गाजा में युद्धविराम के पहले चरण के तहत, 19 जनवरी 2024 से युद्धविराम लागू किया गया था, लेकिन यह पिछले सप्ताह लगभग टूट गया था। इजरायल ने हमास को चेतावनी दी थी कि अगर वे 3 जीवित बंधकों को रिहा नहीं करते, तो नई लड़ाई शुरू हो सकती है। इसके बाद, 3 इजरायली बंधक रिहा हुए, जिनमें इजरायली-अमेरिकी सागुई डेकेल-चेन, इजरायली-रूसी साशा ट्रुपानोव और इजरायली-अर्जेंटीना यायर हॉर्न शामिल थे। इन बंधकों की रिहाई के साथ, इजरायल ने 369 फिलिस्तीनी कैदियों को रिहा किया, जिनमें अधिकतर गाजा के नागरिक थे। हालांकि, युद्धविराम के बावजूद स्थिति स्थिर नहीं हुई और स्थानीय लोग चिंता व्यक्त कर रहे हैं कि यह संघर्ष फिर से भड़क सकता है।

ट्रम्प की योजना पर विवाद: ट्रम्प की योजना, जिसमें गाजा के निवासियों को स्थानांतरित करने का प्रस्ताव था, को फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों ने नकारा। मिस्र और जॉर्डन को चेतावनी दी गई थी कि अगर वे गाजा से विस्थापित फिलिस्तीनियों को स्वीकार नहीं करते, तो उन्हें इसके गंभीर परिणाम भुगतने होंगे। फिलिस्तीनी अधिकारियों ने इस योजना को पूरी तरह से खारिज कर दिया है। अमेरिकी राजनयिक रुबियो ने कहा है कि हमास का भविष्य में कोई भी भूमिका नहीं होनी चाहिए और अरब देशों को इस प्रस्ताव पर विचार करने के लिए प्रेरित किया जा रहा है।

गाजा में मानवाधिकारों की स्थिति: गाजा में युद्ध विराम के बावजूद, मानवाधिकारों का उल्लंघन जारी है। इजरायल द्वारा गाजा पर किए गए हवाई हमलों में हजारों नागरिकों की जानें गई हैं, जबकि हमास के हमले में भी इजरायल के नागरिक मारे गए हैं। इजरायली अधिकारियों के अनुसार, हमास द्वारा संचालित क्षेत्र में अब तक 48,264 लोगों की मौत हो चुकी है, जिनमें अधिकांश नागरिक थे। वहीं, 7 अक्टूबर 2023 के हमले में इजरायल में 1,211 लोग मारे गए थे, जिनमें से अधिकांश नागरिक थे।

भविष्य की दिशा: गाजा में युद्धविराम और बंधक-विनिमय की स्थिति को स्थिर करने के लिए बातचीत जारी है। कुछ रिपोर्टों के अनुसार, युद्धविराम के दूसरे चरण पर बातचीत इस सप्ताह दोहा में शुरू हो सकती है। हालांकि, हमास और इजरायल के बीच तनाव अभी भी बरकरार है और भविष्य में संघर्ष फिर से शुरू हो सकता है। अमेरिकी, मिस्र, और अन्य क्षेत्रीय देशों के प्रयासों के बावजूद, गाजा के संकट का समाधान आसान नहीं होगा। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास के लिए भविष्य में और भी कड़े निर्णयों की आवश्यकता होगी।

गाजा में युद्धविराम और बंधक विनिमय के प्रयास एक सकारात्मक कदम हैं, लेकिन स्थिति अभी भी नाजुक बनी हुई है। अमेरिकी विदेश मंत्री मार्को रुबियो की पहल और ट्रम्प की योजना इस संकट के समाधान के लिए महत्वपूर्ण हो सकती है, लेकिन उनका कार्यान्वयन फिलिस्तीनी और क्षेत्रीय देशों के विरोध का सामना कर रहा है। युद्धविराम के बाद भी, गाजा में स्थिरता लाने के लिए लंबे समय तक और कठिन बातचीत की आवश्यकता होगी। फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना और गाजा के पुनर्विकास की दिशा में गंभीर और दूरगामी कदम उठाने की आवश्यकता है।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

না মাটি, না পাথর, না কাঠ.. 8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলীর মূর্তি বসছে গুজরাটের গোধরায়
#Bajrangbali _idol _in _Godhra Gujarat

এসবি নিউজ ব্যুরো: মধ্যপ্রদেশের ইন্দোরের শিল্পী স্ক্র্যাপ মেটাল থেকে হনুমানজির অনন্য মূর্তি তৈরি করছেন। গতকাল  সারাদেশে পালিত হয়েছে হনুমান জন্মোৎসব। সকাল থেকেই হনুমানজির মন্দিরে ভক্তদের উপচে পড়া ভিড় লক্ষ্য করা যায়। জানা গিয়েছে,8.5 ফুট উঁচু এবং 350 কেজি ওজনের বজরংবলী মূর্তি তৈরি হচ্ছে সম্পূর্ণ স্ক্র্যাপ মেটালে। ইন্দোরের শিল্পী দেবল ভার্মার তৈরি এঈ মূর্তিটি আগামী মাসে গুজরাটের গোধরায় স্থাপন করা হবে। দেবাল ভার্মা বলেন, 'আমরা গত 7-8 বছর ধরে স্ক্র্যাপ-মেটাল আর্ট নিয়ে কাজ করছি। আমরা স্ক্র্যাপ ধাতু থেকে প্রত্নবস্তু তৈরি সহ অর্ডার অনুযায়ী মূর্তি তৈরি করুন। গোধরা থেকে একটা অর্ডার এসেছিল। সাধারণত ক্লায়েন্ট আমাদের স্থান দেখায় এবং সেখানে কী থাকা উচিত সে সম্পর্কে পরামর্শ চায়।তাকে ঈশ্বরের মূর্তি স্থাপন করতে বলা হয়েছিল। তারা আমাদের কাছে জানতে চেয়েছিল কোন মূর্তি তৈরি করা উচিত এবং কীভাবে তৈরি করা উচিত। আমরা তাকে হনুমানজির মূর্তি বসানোর পরামর্শ দিয়েছিলাম। তারপর হনুমানজির মূর্তির নকশা করি।" দেবল ভার্মা আরও বলেন, 'প্রথমত, এটি বজরঙ্গবলীর মূর্তি এবং আমরা স্ক্র্যাপ থেকে কাজ করছি। মানে এটি শুধুমাত্র স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা উচিত ছিল। কিন্তু এটি এমন ছিল, আমরা সাধারণত যা করি তার থেকে ভিন্ন কিছু করতে হয়েছে ।তার মানে আমরা মূর্তিটা একটু অন্যরকম করব। আমরা এটিতে প্রচুর পিতল এবং স্টেইনলেস স্টিল রাখি। ডিজাইন করতে  2-3 মাস লেগেছে বজরঙ্গবলীজির এই মূর্তিটি ডিজাইন করতে আমাদের 2-3 মাস লেগেছে। প্রস্তাবনা-মাত্রা নকশা সেট. নকশা চূড়ান্ত হওয়ার পর, আমরা মূর্তিটি যে উপাদান থেকে তৈরি করা হবে তা অনুসন্ধান শুরু করেছি। স্ক্র্যাপ খুঁজে পেতে অনেক সময় লাগে। মূর্তিটিতে আছে পিতলের প্যান, প্লেট এবং স্টেইনলেস স্টিলের পাইপ। এসএস শিটও স্থাপন করা হয়। গাড়ির স্প্রিং এবং গিয়ার বিয়ারিং বিভিন্ন ধরনের স্ক্র্যাপ থেকে তৈরি করা হয়। হনুমান চালিসা হনুমানজির মূর্তি বানাতে আমরা হনুমান চালিসার অনুবাদও করেছি। তাদের বৈশিষ্ট্য কি? যেমন, 'কান্ধে মুঞ্জ জেনেউ সাজাই', অর্থাৎ কীভাবে পবিত্র সুতো পরানো হয়। তাহলে কানে দুল কেন? সে রকম ডিটেইলিং করা হয়েছে। প্রায়ই বলেন কথিত আছে, শ্রী রাম জানকী বজরঙ্গবলী জির বুকে বসে আছেন। তাই আমরা একটি অনুরূপ স্কেচ তৈরি করেছি, ডিজিটালভাবে এটি পিতলের মধ্যে খোদাই করেছি, একটি দুল তৈরি করে তার বুকে স্থাপন করেছি। এই ধরনের ডিটেইলিং করা হয়েছে। হনুমানজির মূর্তি তৈরির ক্ষেত্রে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জটি হল বজরঙ্গবলী জির শরীর একেবারে সুস্থ। হনুমানজি শক্তিশালী। সেই সঙ্গে হনুমানজির মুখও খুব কোমল। মুখে সেই স্নিগ্ধতা ওভদ্রতা আনা ছিল একটি বড় চ্যালেঞ্জ। স্টেইনলেস স্টিল, ব্রাস, মাইল্ড স্টিল ব্যবহার করা হয়েছে। উদাহরণস্বরূপ, যদি এটি একটি পিতলের প্লেট হয় তবে এটি কোথায় ব্যবহার করা হবে এবং কীভাবে এটি ব্যবহার করা হবে তা কেটে কেটে লাগানো হয়েছে। মূর্তিটি তৈরি করতে কত সময় লেগেছে? বজরংবলী জির এই মূর্তিটি তৈরি করতে মোট 1 বছর সময় লেগেছে। ডিজাইন থেকে উপাদান সংগ্রহ থেকে চূড়ান্ত উত্পাদন পর্যন্ত। অর্ডারটি গত ফেব্রুয়ারিতে আমাদের কাছে এসেছিল এবং চলতি বছরের মার্চে মূর্তিটি তৈরি হয়। এই মূর্তি তৈরিতে আমাদের ৪ জনের দল কাজ করেছে। আমি দেবল ভার্মা, চিফ মেকানিক্যাল ইঞ্জিনিয়ার ফাইজান খান, চিফ ওয়েল্ডার রাজেশ ঝা এবং হেল্পার অর্জুন। ইন্দোরে আমাদের ডিজাইন স্টুডিওতে এই মূর্তিটি তৈরি করা হয়েছে। গোধরায় বাসস্ট্যান্ডের কাছে শ্রীসারভাত রেস্তোরাঁয় এই মূর্তি স্থাপন করা হবে। এই মূর্তি তৈরি করার সময় হনুমানজির সামনে সবচেয়ে বড় চ্যালেঞ্জ ছিল আবেগ আনতে হয়েছে। কারণ, স্ক্র্যাপ উপাদান থেকে কিছু তৈরি করা এবং তার মধ্যে অভিব্যক্তি আনা সবচেয়ে চ্যালেঞ্জিং কাজ। লোকেরা যখন এই মূর্তিটি দেখে, তখন তাদের মনে হয় যেন বজরঙ্গবলী জি তাদের দেখছেন। মানুষ আমাদের তাই বলেছে। প্রিভিউ দেখে অনেকেই বজরঙ্গবলীজির মূর্তির সামনে কেঁদেছিলেন। হনুমানজির দাড়িতে স্টেইনলেস স্টিলের তার লাগানো আছে। গদাটি পিতলের মাথা দিয়ে তৈরি। মুকুট উপর ঘূর্ণিত। নিচে চশমা পিতলের তৈরি। মুকুটের পিছনে সেলাই মেশিনের চাকা।
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya *আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল*

#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

এসবি নিউজ ব্যুরো: অযোধ্যায় রামনবমীতে রামলালের রামলালার সূর্যাভিষেক হল। ভগবান রামের মাথার অলৌকিক দৃশ্য দেখে সারা দেশের মানুষ আবেগাপ্লুত।আধ্যাত্মিকতা ও বিজ্ঞানের মিলনের এক মনোরম দৃশ্য আজ দেখা গেল অযোধ্যায়। রামনবমীর বিশেষ দিন উপলক্ষ্যে, অযোধ্যার রাম মন্দিরে যখন ভগবান শ্রীরামের কপালে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছিল তখন একটি অপূর্ব দৃশ্য দেখা যায়। এই সূর্যাভিষেক দুপুর ১২.০১ মিনিটে শুরু হয়ে প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলে। এই ঘটনাসারা বিশ্ব কৌতূহল নিয়ে দেখছে, আজ ৫০০ বছর পর অযোধ্যা ও দেশের মানুষের জন্য এই বিশেষ সুযোগ এসেছে। রাম মন্দির প্রতিষ্ঠার পর এটাই প্রথম রাম নবমী। অযোধ্যায় রামনবমী উপলক্ষ্যে, সূর্যের রশ্মি দ্বারা রামলালার তিলক করা হয়। এই উপলক্ষ্যে রামলালার বিশেষ মেকআপও করা হয়েছিল। 500 বছর পর, এই সূর্যাভিষেকের সময় রামলালা মূর্তির সূর্যাভিষেক হয়েছিল প্রায় 4 থেকে রামলালার মূর্তির মাথায় সূর্য তিলক লাগানো হয় ৬ মিনিটের জন্য। সূর্যের আলো রামলালার ওপর এমনভাবে পড়ল যেন ভগবান রামের গায়ে সূর্য তিলক লাগানো হয়েছে। এই দৃশ্যটি সকলের মনকে মোহিত করেছে ।বিজ্ঞানীরা বহু মাস ধরে এই সূর্য তিলকের জন্য প্রস্তুতি নিচ্ছিলেন। এর জন্য অনেক ট্রায়াল করা হয়েছিল। আজ দুপুরে ঘড়ির কাঁটা 12:01 বাজতেই সূর্যের রশ্মি সরাসরি রামের কপালে এসে পৌঁছায়। 12:01 থেকে 12:06 পর্যন্ত সূর্যাভিষেক চলতে থাকে। পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে এই প্রক্রিয়া। বিজ্ঞানীরা গত 20 বছরে অযোধ্যার আকাশে সূর্যের গতিবিধি অধ্যয়ন করেছেন। সঠিক দিকনির্দেশ ইত্যাদি নির্ধারণের পর মন্দিরের উপরের তলায় প্রতিফলক ও লেন্স স্থাপন করা হয়েছে। সূর্যের রশ্মি ঘূর্ণায়মান হয়ে রামলালার কপালে পৌঁছে গেল। উপরের সমতলের লেন্সে সূর্যের রশ্মি পড়ল। এর পরে, এটি তিনটি লেন্সের মধ্য দিয়ে যায় এবং দ্বিতীয় তলায় আয়নার কাছে আসে। শেষেসূর্যের রশ্মি রাম লালার কপালকে 75 মিমি বুলেটের আকারে আলোকিত করতে থাকে এবং এটি প্রায় পাঁচ মিনিট ধরে চলতে থাকে। সূর্য তিলকের পরে, ভগবান শ্রী রামের বিশেষ পূজা এবং আরতি করা হয়।রাম নবমীতে ভক্তদের ভিড়ের পরিপ্রেক্ষিতে প্রায় 25 লাখ ভক্তের আগমনের সময়টি 19 ঘন্টা করা হয়েছে।মঙ্গলা আরতি থেকে শুরু হয়ে রাত ১১টা পর্যন্ত খোলা থাকবে মন্দির। এর মধ্যেই রামলালকে ভোগ প্রদান ও আরতি করা হবে।
আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল
#:Today Ramlala's_ Suryaavishek _took _place _in Ayodhya

*আজ অযোধ্যায় রামলালার সূর্যাভিষেক হল।*

চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে

#Travel, #Online _registration _for Chardham _Yatra starts today এসবি নিউজ ব্যুরো: চারধাম যাত্রার জন্য অনলাইন রেজিস্ট্রেশন আজ থেকে শুরু হচ্ছে। পর্যটন দফতর সূত্রে খবর, সারা দেশ ও বিশ্ব থেকে আগত ভক্তরা আজ থেকে চারধাম যাত্রার জন্য নিবন্ধন করতে পারবেন। সকাল ৭টা থেকে রেজিস্ট্রেশনের জন্য ওয়েবসাইট খুলবে। এছাড়াও মোবাইল অ্যাপ, হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর এবং টোল ফ্রি নম্বরের রেজিস্ট্রেশন সুবিধা রয়েছে। কেদারনাথ, বদ্রীনাথ, গঙ্গোত্রী এবং যমুনোত্রী ধামে আসা ভক্তদের জন্য নিবন্ধন বাধ্যতামূলক হবে। চারধামের দরজা খোলার তারিখ ঠিক হওয়ার পর রেজিস্ট্রেশনের প্রস্তুতি সম্পন্ন করেছে পর্যটন বিভাগ। এ বার চারধাম যাত্রা শুরুর ২৫ দিন আগে তীর্থযাত্রীদের রেজিস্ট্রেশনের সুবিধা দেওয়া হচ্ছে, যাতে রাজ্যের বাইরে থেকে আগত তীর্থযাত্রীরা তাদের ভ্রমণের পরিকল্পনা করতে এবং সহজেই নিবন্ধন করতে পারেন। এছাড়াও এবারও দেশের যে কোন প্রান্ত থেকে হজযাত্রীরা ৪টি মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারবেন। নিবন্ধনের জন্য নাম, মোবাইল নম্বর এবং থাকার জায়গার ঠিকানা সহ ভ্রমণকারী সদস্যদের বিশদ বিবরণের জন্য আইডি প্রদান করতে হবে। এভাবে নিবন্ধন করুন পর্যটন বিভাগের ওয়েবসাইট, registrationandtouristcare.uk.gov.in-এ লগইন করে নিবন্ধন করা যেতে পারে। এছাড়াও, আপনি হোয়াটসঅ্যাপ নম্বর-8394833833-এ যাত্রা (ভ্রমণ) লিখে একটি বার্তা পাঠিয়েও নিবন্ধন করতে পারেন। যে সমস্ত ভ্রমণকারীরা ওয়েবসাইটে নিবন্ধন করতে অক্ষম, তাদের জন্য পর্যটন বিভাগ টোল ফ্রি প্রদান করেছে0135-1364 নম্বরে কল করে রেজিস্ট্রেশন সুবিধা প্রদান করা হয়েছে ।এছাড়াও, আপনি স্মার্ট ফোনে ট্যুরিস্টকারেরতারখন্ড মোবাইল অ্যাপের মাধ্যমে নিবন্ধন করতে পারেন। গত বছর ৭৪ লাখ তীর্থযাত্রী নিবন্ধন করেছিলেন।এর মধ্যে পুরো যাত্রা সময়কালে ৫৬ লাখ তীর্থযাত্রী ৪ধাম দর্শন করেছিলেন।
*উত্তরবঙ্গ সফর পথে দমদম বিমানবন্দরে শুভেন্দু অধিকারী জানালেন*
#Shuvendu_ Adhikari _is _the Leader of the Opposition _in the _BJP _Legislative Assembly


*এসবি নিউজ ব্যুরো:*

*চপারে আয়কর হানা প্রসঙ্গে*

যেদিন কমিশনের ফুল বেঞ্চ দিল্লিতে প্রেসমিট করেছিল সেদিনই তারা বলেছিল, রাজনৈতিক নেতারা যে চাটার্ড ফ্লাইট বা চপার ব্যবহার করবেন সেখানে তল্লাশি করা হবে। সেই দায়িত্ব আয়কর বিভাগ কে দেওয়া হয়েছিল। একবার মনে করে দেখুন। স্বাভাবিক ভাবেই দেশের আইন সবার জন্য সমান। আইন আলাদা হতে পারেনা। এখানে পিসি ও ভাইপোর জন্য আলাদা আইন হবে না। আপনারও একটা ভোট। দেশের রাষ্ট্রপতিরও একটা ভোট। তিনি ভিডিওগ্রাফি করেছেন, করতে পারেন।

*জোর করে বয়ান আদায়ের চেষ্টা : শেখ শাহাজাহান*
আমি বলতে পারব না। ওটা ওদের অভ্যন্তরীণ বক্তব্য। তদন্তকারী সংস্থার অভ্যন্তরীণ বিষয়। তবে শেখ শাহাজাহান যে অভিযুক্ত এটা সন্দেশখালির লোকেরাই বলেছে। গতকালও আমার পদযাত্রা ছিল ওখানে। মা বোনেরা বলেছেন তারা নতুন করে পয়লা বৈশাখ পালন করেছেন। স্বাভাবিকভাবেই প্রমাণিত, যা যা অভিযোগ হয়েছে তাতে শেখ শাহাজাহান যুক্ত‌

*উত্তরবঙ্গের ত্রাণ বিতর্ক*
ওরা মিথ্যাবাদী। পিসি মিথ্যাবাদী। ভাইপো মিথ্যাবাদী।৯ তারিখ অনুমতি পেয়ে গেছে। ১২ তারিখ হাওয়া গরম করছে যে অনুমতি দেওয়া হয়নি। পিসি ভাইপো দুজন মিলে বাজার গরম করছে। আমাকে নবান্ন থেকে লোক কাল এটা পাঠিয়ে দিয়েছে। আমি ট্যুইট করে দিয়েছি। সব অফিসাররা এখনও পিসি ভাইপোর পে রোলে যায়নি। এখনও মেরুদন্ড অনেকের সোজা আছে।
করণদিঘী পুকুরে স্নান করে পূর্ণ অর্জন
#Bathing _in the _Karandighi pond is a _complete achievement
এসবি নিউজ ব্যুরো: রাত পোহালে করণদিঘী সহ আশপাশের এলাকার মানুষ করণদিঘীর পুকুরে স্নান করে পূর্ন অর্জন করবেন সবাই। এই স্নানকে ঘিরে বসেছে বিরাট মেলা । ইতিমধ্যে দোকানিরা পসরা সাজিয়ে মেলায় বসে পড়েছে। লোকসভা ভোটের কারণে এবারে মেলার দিন কমিয়ে আনা হয়েছে।
কথিত আছে কর্ন রাজা এই করণদিঘী পুকুরে স্নান করতে আসতেন ।

রাজা কর্ন বিহারের পূর্নিয়ার বাসিন্দা ছিলেন। করণদিঘী ব্লকে বিহারের সঙ্গে যুক্ত ছিল। পরবর্তীকালে করণদিঘী ব্লক বিহার থেকে বিচ্ছিন্ন হয়ে বাংলার সঙ্গে যুক্ত হয়।রাজা কর্ণ করণদিঘী পুকুর স্নান করে পূর্ণ অর্জন করতেন। রাজাও নেই রাজ্যপাট নেই। শুধু থেকে গেছে রাজা কর্ণের তৈরী করা বিশাল দিঘি।করণদিঘী ব্লক বাংলার সঙ্গে যুক্ত হবার পর রাজবংশী সম্প্রদায়ের মানুষ ১ বৈশাখের শুভক্ষনে স্নান করে পূর্ণ অর্জন করতেন। কথিত আছে নতুন বছরের প্রথম দিনে কর্ণ রাজার দিঘিতে স্নান করলে মনস্কামনা পূর্ণ হয়। পূর্ণার্থিদের মনস্কামনা পূর্ণ হলে দিঘিতে পাঠা, পায়রা, স্বর্ণলঙ্কার দিঘিতে ভাসিয়ে দেয়।দীর্ঘদিন ধরে এই প্রথা চলে আসছে ।

আগে শুধুমাত্র করণদিঘী এলাকার মানুষই এই স্নানে অংশ নিতেন। দিঘির মাহাত্ব দিকে দিকে ছড়িয়ে পড়ায় কয়েক'শ বছর যাব এই শুভ দিনে লাখো লাখো পূর্ণার্থী  উত্তরবঙ্গ সহ পার্শ্ববর্তী বিহার রাজ্যের এই স্নানে অংশ নিচ্ছেন। লাখো লাখো পূর্ণার্থী স্নানে অংশ নেওয়ায় সেখানে ৭ দিনের বিশাল মেলা বসছে । শুধু কেনাকাটার দোকানই নয় বিনোদনের ব্যাবস্থা করা হয়েছে যেমন - নাগর দোলনা, ব্রেক ডান্স, ট্রেন গাড়ি , অক্টোপাস, টোরাটোরা, খাওয়া দাওয়া ইস্টল ।

বিগত বছর গুলোতে পনেরো দিনের মেলা বসত। লোকসভা নির্বাচন দোড়গোড়ায় থাকায় এবারে মেলার দিন কমিয়ে আনা হয়েছে । এবারে ৭ দিনের মেলা বসবে।।কর্ণ রাজার দিঘিতে লাখো মানুষ স্নানে অংশ নেয়ায় নিরাপত্তা ব্যাবস্থা জোরদার করা হয়েছে, পুকুরের চার দিকে সাজিয়ে তোলা হয়েছে।

মালদহের দক্ষিণ কেন্দ্রের আসনের জন্য প্রচার বিজেপি প্রার্থীর

# BJP_ candidate  _campaigning _for _Malda South _Central _seat এসবি নিউজ ব্যুরো: গত বিধানসভা নির্বাচনে ইংরেজবাজার আসনে তৃণমূল কংগ্রেসের দাপুটে নেতা তথা প্রাক্তণ মন্ত্রী কৃষ্ণেন্দু নারায়ণ চৌধুরীকে পরাজিত করে চমক দিয়েছিলেন বিজেপি প্রার্থী শ্রীরুপা মিত্র চৌধুরী।তাই মোদী-শাহ জুটি  আসন্ন লোকসভা নির্বাচনে সেই  শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর উপর ভরসা করেছেন। মালদা দক্ষিণ কেন্দ্রের বিজেপির প্রার্থীও করেছেন শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীকে।

উত্তরবঙ্গের বিজেপির  একমাত্র মহিলা প্রার্থী তিনি।প্রায় প্রতিদিনই ভোটারদের কাছে পৌঁছাতে  নির্বাচনী প্রচারেও  চমক দিচ্ছেন তিনি। সকাল থেকেই তাকে জনসংযোগে ব্যস্ত থাকতে দেখা যাচ্ছে  বিজেপি প্রার্থীকে। কখনো টোটো চালিয়ে প্রচার। আবার কখনো জেলার একমাত্র বড়  পাইকারি রথবাড়ি বাজারের ক্রেতা  বিক্রেতার কাছে গিয়ে জনসংযোগ করতে।

বিজেপির মালদা দক্ষিণ লোকসভা কেন্দ্রের প্রার্থী শ্রীরূপা মিত্র চৌধুরীর দাবি হাটে বাজারে তিনি রয়েছেন। শুধু ভোটের সময় নয় , সারা বছরই এলাকার মানুষের পাশে থাকেন তিনি। তার অভিযোগ, ১৫৩ বছরের পৌরসভায় এখনও অনেক পিছিয়ে। এলাকাবাসীও সেই অভিযোগ তুলছেন। প্রচারে ব্যপক সাড়া  পাচ্ছেন জানান তিনি।