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निलंबन के बाद के कविता ने पिता की पार्टी बीआरएस से दिया इस्तीफा, भाई केटीआर को किया आगाह

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तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। कविता को सस्पेंड करने का निर्णय उनके पिता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने लिया है। पार्टी से सस्पेंड होने के एक दिन बाद ही कविता ने एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने अपने चचेरे भाई एवं पूर्व मंत्री टी. हरीश राव पर निशाना साधा। उन्होंने हरीश राव पर केसीआर परिवार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीआरएस से निलंबित की गई के कविता ने आज हैदराबाद में पार्टी और एमएलसी पद छोड़ने का एलान किया है। अपने समर्थकों के साथ यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 47 वर्षीय पूर्व सांसद ने हरीश राव पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ मौन सहमति रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं रखी। मैं (विधान परिषद) अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज रही हूं। मैं केसीआर को बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा भेज रही हूं।

चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर लगाए गंभीर आरोप

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा निलंबन पूरे बीआरएस को नियंत्रित करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने अपने चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर भी गंभीर आरोप लगाए। दोनों पर हमला तेज करते हुए उन्होंने कहा कि चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच हो रही है। कविता ने आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर केसीआर के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच उनके चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी।

पूछा-पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या हैं?

कविता ने कहा कि तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद, मैंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और बीआरएस का झंडा पहनकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ पिछड़ा वर्ग आरक्षण और अन्य पहलों के लिए काम किया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये गतिविधियां पार्टी विरोधी गतिविधियां कैसे हैं। कुछ पार्टी सदस्यों ने टिप्पणियां कीं, और मैंने उनका जवाब दिया। मैंने हरीश राव और संतोष के बारे में बात की और कहा कि जब उनके घरों में सोना होता है तो सुनहरा तेलंगाना नहीं होता।

साजिशों से ‘सावधान’ रहने की सलाह

कविता ने कहा कि उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव को हरीश राव की कथित साजिशों से ‘सावधान’ रहना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने पहले अपने भाई केटीआर से मेरे खिलाफ साजिश रचने वाले लोगों के बारे में बात की थी और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दावा किया कि जब उनके खिलाफ ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ चलाया गया, तो उनके भाई ने उनका साथ नहीं दिया।

झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को बड़ी राहत, एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

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शराब घोटाला मामले में आरोपी आइएएस विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को डिफॉल्ट बेल की सुविधा प्रदान की है। 91 दिनों बाद विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी है।

चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर मिली जमानत

एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने विनय चौबे को सशर्त जमानत दे दी है। 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत मिली है। विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है। बता दें किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी। इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं। जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है।

20 मई को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक एफआईआर में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला?

बता दें कि विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया। जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

औरंगजेब की तारीफ कर बुरे फंसे सपा विधायक अबू आजमी, महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित

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मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ कर सपा नेता अबू आजमी विवादों में घिर गए। उनके बयान को लेकर लगातार विरोध के बीच उन्हें विधानसभा के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी का निलंबन पूरे सत्र के लिए किया गया है। तीन मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 26 मार्च तक चलेगी। निलंबन की कार्यवाही के बाद अब अबू आजमीन विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे। अबू आजमी के ऊपर विधानसभा के स्पीकर ने परिसर में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

सपा विधायक को विधानसभा से निलंबित रखने का प्रस्ताव विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने रखा था। इससे पहले मंगलवार को अबु आसिम आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में छाया रहा। सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी.।इस मुद्दे पर हंगामा इतना बढ़ गया था कि दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था।

अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी। सपा विधायक अबू आजमी ने रविवार को कहा था कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था। उसके शासनकाल में भारत "सोने की चिड़िया" था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए थे और उसका छत्रपति संभाजी महाराज से युद्ध धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता का संघर्ष था।

सपा विधायक ने कहा था कि उस समय के राजा सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन ये कुछ भी धार्मिक नहीं था। औरंगजेब ने 52 साल तक शासन किया, और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान बनाना चाहते, तो सोचिए कि कितने हिंदू कनवर्ट हो जाते। अगर औरंगजेब ने मंदिरों को नष्ट किया, तो उन्होंने मस्जिदों को भी नष्ट किया अगर वह हिंदुओं के खिलाफ थे, तो 34% हिंदू उनके साथ नहीं होते, और उनके सलाहकार हिंदू नहीं होते। हमें इसे हिंदू-मुस्लिम कोण देने की जरूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा, और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। सपा नेता ने कहा कि मैंने जो कहा, वह तथ्यों पर आधारित है। इतिहास को राजनीतिक एजेंडे से नहीं, बल्कि सच के आधार पर देखना चाहिए। मैं संविधान और समानता में विश्वास रखता हूं।

నిఖేష్‌ కుమార్‌ బాగోతం

సింగిల్‌ విండో అవినీతి గురించి ఎప్పుడైనా విన్నారా.. ఇరిగేషన్‌ శాఖలో ఏఈఈగా పని చేస్తూ సస్పెండైన ఓ వ్యక్తి.. దీనికి తెర తీశాడు. తన పై అధికారుల తరఫున కూడా ఆయనే రేటు మాట్లాడి అనుమతులు మంజూరు చేయించేవాడు. ఏసీబీ సోదాల్లో ఈ వివరాలు వెల్లడయ్యాయి. అవినీతి కేసులో రెడ్‌హ్యాండెడ్‌గా పట్టుబడిన ఇరిగేషన్‌ విభాగం అసిస్టెంట్‌ ఎగ్జిక్యూటివ్‌ ఇంజనీర్‌ (ఏఈఈ) నిఖేశ్‌కుమార్‌పై అవినీతి నిరోధక శాఖ (ఏసీబీ) తాజాగా, ఆదాయానికి మించిన ఆస్తుల కేసు నమోదు చేసింది.

సస్పెండ్ (Suspended) అయిన ఇరిగేషన్ ఏఈఈ (Irrigation AEE) నిఖేష్‌ కుమార్‌ (Nikesh Kumar) బాగోతం వెలుగులోకి వచ్చింది. ఆదాయానికి మించిన ఆస్తులు కలిగి ఉన్నట్లు ఏసీబీ (ACB) అధికారులు గుర్తించారు. శనివారం తెల్లవారుజాము నుంచి సాయంత్రం వరకు ఆయన నివాసంతోపాటు అతడి బంధువులు, స్నేహితుల నివాసాలు, కార్యాలయాల్లో కలిపి మొత్తం 19 ప్రాంతాల్లో సోదాలు నిర్వహించారు. ఆస్తులకు సంబంధించిన పలు పత్రాల్ని స్వాధీనం చేసుకున్నారు. ఈ క్రమంలో నిఖేష్‌ను అదుపులోకి తీసుకున్న అధికారులు ఆదివారం ఉదయం 6 గంటలకు ఏసీబీ జడ్జి నివాసంలో నిఖేష్‌ను హాజరపరిచారు. విచారణ జరిపిన న్యాయమూర్తి ఈనెల 13 వరకు జ్యుడీషియల్ రిమాండ్ విధించారు. దీంతో నిఖేష్‌ను పోలీసులు చంచల్ గూడ జైలుకు తరలించారు.

సింగిల్‌ విండో అనుమతుల మంజూరు గురించి విని ఉంటాం.. కానీ, సింగిల్‌ విండో అవినీతి గురించి ఎప్పుడైనా విన్నారా? ఇరిగేషన్‌ శాఖలో ఏఈఈగా పని చేస్తూ సస్పెండైన ఓ వ్యక్తి.. దీనికి తెర తీశాడు. తన పై అధికారుల తరఫున కూడా ఆయనే రేటు మాట్లాడి అనుమతులు మంజూరు చేయించేవాడు. ఏసీబీ సోదాల్లో ఈ వివరాలు వెల్లడయ్యాయి. అవినీతి కేసులో రెడ్‌హ్యాండెడ్‌గా పట్టుబడిన ఇరిగేషన్‌ విభాగం అసిస్టెంట్‌ ఎగ్జిక్యూటివ్‌ ఇంజనీర్‌ (ఏఈఈ) నిఖేశ్‌కుమార్‌పై అవినీతి నిరోధక శాఖ (ఏసీబీ) తాజాగా, ఆదాయానికి మించిన ఆస్తుల కేసు నమోదు చేసింది. గండిపేట జోన్‌లో ఏఈఈగా విధులు నిర్వహిస్తున్న హేరూర్‌ నిఖేష్‌ కుమార్‌.. ఇంటి నిర్మాణానికి అనుమతి ఇవ్వటానికి ఓ వ్యక్తి నుంచి రూ.లక్ష లంచం తీసుకుంటుండగా ఏసీబీ అధికారులు ఈ ఏడాది మే 30న పట్టుకున్నారు. ప్రస్తుతం సస్పెన్షన్‌లో ఉన్న నిఖేష్‌ ఆదాయానికి మించిన ఆస్తులు కలిగి ఉన్నట్లు ఏసీబీ అధికారులు గుర్తించారు. శనివారం తెల్లవారుజాము నుంచి సాయంత్రం వరకు నిఖేష్‌ నివాసంతోపాటు అతడి బంధువులు, స్నేహితుల నివాసాలు, కార్యాలయాల్లో కలిపి మొత్తం 19 ప్రాంతాల్లో సోదాలు నిర్వహించారు. ఆస్తులకు సంబంధించిన పలు పత్రాల్ని స్వాధీనం చేసుకున్నారు. ఐదు ప్రాంతాల్లో ఇంటి స్థలాలు, 6.5 ఎకరాల వ్యవసాయ భూమి, ఖరీదైన అపార్ట్‌మెంట్లలో ఆరు ఫ్లాట్లు, రెండు వ్యాపార సముదాయాలు నిఖేష్‌ కుమార్‌కు ఉన్నట్లు ఏసీబీ అధికారులు గుర్తించారు. స్వాధీనం చేసుకున్న పత్రాల ప్రకారం స్థిర, చర ఆస్తులు కలిపి మొత్తం రూ.17.74 కోట్ల వరకు ఉంటుందని అధికారులు తెలిపారు. మార్కెట్‌ ధర ప్రకారం వీటి విలువ రూ.150 కోట్లకుపైగా ఉంటుందని భావిస్తున్నారు. సోదాల్లో గుర్తించిన ఆస్తులు కాకుండా బంగారం, బ్యాంకు లాకర్లు, బ్యాంకు ఖాతాల్లో నగదు నిల్వలపైనా ఏసీబీ విచారణ కొనసాగుతోంది.

పదేళ్ల క్రితం ఇరిగేషన్‌ శాఖలో చేరిన నిఖేష్‌ కుమార్‌ 2021 నుంచి గండిపేట జోన్‌లో విధులు నిర్వహిస్తున్నారు. గండిపేట జోన్‌ హైదరాబాద్‌ శివారుప్రాంతం కావడంతో అక్కడ రియల్‌ ఎస్టేట్‌ వ్యాపారం జోరుగా సాగుతోంది. చెరువులు, కుంటల సమీపంలో రియల్‌ ఎస్టేట్‌ వ్యాపారులు నిర్మాణాలు చేపట్టేందుకు ఎఫ్‌టీఎల్‌, బఫర్‌ జోన్‌ నిబంధనలు ఆటంకంగా ఉండటంతో.. వారి నుంచి పెద్ద మొత్తంలో వసూలు చేసి ఎన్‌ఓసీ ఇచ్చేలా నిఖేష్‌ డీల్‌ కుదుర్చుకునేవాడని ఏసీబీ దర్యాప్తులో వెల్లడైంది. పేరుకే ఏఈఈగా విధులు నిర్వహిస్తున్నా.. తన పై అధికారుల్ని సైతం ఒప్పించి ఫైల్‌ ఓకే చేయించేలా ఏకమొత్తంలో బేరం కుదుర్చుకునేవాడని తేలింది. కొన్ని సందర్భాల్లో ఒక్కో ఎన్‌ఓసీకి రూ.50 లక్షల వరకు కూడా వసూలు చేసినట్లు సమాచారం. వసూలు చేసిన మొత్తంలో సగానికిపైగా తాను తీసుకుని మిగిలిన దాంట్లో పైఅధికారులకు వాటాలు ఇచ్చేవాడని తెలుస్తోంది. కొత్తూరు మండలం సిద్దాపూర్‌లో రూ.2.50 కోట్ల విల్లాను నిఖేష్‌ కొన్నట్లు ఏసీబీ గుర్తించింది. ఇరిగేషన్‌ విభాగంలో ఆయనతోపాటు పనిచేసే మరో ఐదుగురికి కూడా ఇక్కడే విల్లాలు ఉన్నాయి. దీనిపైనా ఏసీబీ విచారణ జరుపుతోంది.

అక్రమంగా సంపాదించిన మొత్తాన్ని కాపాడుకోవడానికి నిఖేష్‌ బినామీలను పెట్టుకున్నట్లు ఏసీబీ గుర్తించింది. దీంట్లో భాగంగా, ఆర్థికంగా ఇబ్బందుల్లో ఉన్న తన చిన్ననాటి స్నేహితులను, బంధువులను ఎంచుకునేవాడు. వారికి రూ.5-10 లక్షల వరకు సహాయం చేసి వారి పేరుతో విలువైన ఆస్తులు రిజిస్ట్రేషన్‌ చేయించినట్లు ఏసీబీ సోదాల్లో వెల్లడైంది. స్వాధీనం చేసుకున్న ఆస్తుల పత్రాల ఆధారంగా బినామీలకు నోటీసులు జారీ చేసి విచారించి స్టేట్‌మెంట్‌ రికార్డు చేయనున్నారు. 2021 నుంచి ఇప్పటి వరకు గండిపేట జోన్‌లో ఇరిగేషన్‌ విభాగం జారీ చేసిన అన్ని ఎన్‌ఓసీలపైనా ఏసీబీ దృష్టి సారించింది. నిఖేశ్‌తోపాటు ఉన్నతాధికారుల ప్రమేయంపైనా లోతుగా విచారణ జరుపుతోంది.

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल से पहले लगा बड़ा झटका, इस खिलाड़ी पर लग गया बैन

#amit_rohidas_suspended_india_defender_ahead_of_semi_final_against_germany

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया है। टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। सेमीफाइनल मुकाबला 6 अगस्त को है, जहां भारत का मुकाबला जर्मनी से होगा। हालांकि, उस बड़े मुकाबले से पहले भारतीय टीम के लिए खबर अच्छी नहीं है। दरअसल, भारत के अमित रोहिदास पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया है जिससे वह मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ होने वाले पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल मुकाबले में नहीं खेल सकेंगे।

भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रेड कार्ड दिखाया गया था। दरअसल, मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी के मुंह पर जा लगी थी, जिसके एवज में उन्हें रेड कार्ड मिला था। रेड कार्ड मिलने के बाद अमित रोहिदास उस पूरे मैच से तो बाहर रहे ही। अब सेमीफाइनल मुकाबले में भी नहीं खेलेंगे।

इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन मैच के दौरान एफआईएच कोड आचरण के उल्लंघन के लिए एक मैच के लिए निलंबित कर दिया गया था। वह जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भाग नहीं लेंगे। भारत केवल 15 प्लेयर्स के साथ खेलेगा। 

अब, हॉकी इंडिया ने उनके फैसले को चुनौती दे दी है। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में रोहिदास के सेमीफाइनल मैच में खेलने पर संशय है। माना जा रहा है कि एफआईएच इस अपील पर सोमवार को सुनवाई करेगा और अपना जवाब दाखिल करेगा।

I'm confident you'll allow the opposition to speak in the house- Rahul Gandhi

And at the same time his alliance govt in Tamilnadu suspended the leader of opposition for the whole session...

The Irony!!!
देवगौड़ा के पोते पार्टी से सस्पेंड, सेक्स स्कैंडल मामले में फंसे प्रज्‍वल रेवन्ना पर जेडी(एस) ने की कार्रवाई

#mp_prajwal_revanna_suspended_from_jds

कर्नाटक के हासन से सांसद और लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी-जेडीएस के संयुक्त उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगने की शिकायतें सामने आने के बाद कर्नाटक में राजनीतिक तूफान मच गया है। इस बीच कई महिलाओं से यौन शोषण के आरोप झेल रहे प्रज्ज्वल रेवन्ना को जेडी-एस से निलंबित कर दिया गया है।जद (एस) कोर कमेटी के अध्यक्ष जीटी देवगौड़ा ने इसकी जानकारी दी। 

प्रज्वल रेवन्ना के निलंबन की जानकारी देते हुए जेडीएस कोर कमेटी के अध्यक्ष जीटी देवेगौड़ा ने कहा कि पार्टी ने वीडियो प्रकरण को लेकर रेवन्ना को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा, हमने जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा से निलंबित करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि हम प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ एसआईटी का स्वागत करते हैं। हमने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को एसआईटी जांच पूरी होने तक उन्हें पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है। 

उनके चाचा और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि निलंबन की अवधि एसआईटी जांच पूरी होने तक है। उन्होंने कहा, अगर उनकी भूमिका साबित हो जाती है तो उन्हें स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, इस निर्णय का कारण यह है कि जेडीएस ऐसे मामले में किसी भी महिला या परिवार के साथ अन्याय नहीं होने देगी। इस मुद्दे का इस्तेमाल कर हमारे परिवार का नाम खराब करने की साजिश की जा रही है। उनका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना नहीं है। इस मामले का उपयोग करते हुए, एचडी देवेगौड़ा का नाम और कुमारस्वामी का नाम बार-बार उछालने से है। इसमें देवगौड़ा जी या मेरा क्या किरदार है? हम उन चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं है। यह प्रज्ज्वल रेवन्ना का व्यक्तिगत मामला है। मैं उनके संपर्क में नहीं हूं। उन्हें कानून के सामने लाना सरकार की जिम्मेदारी है। नैतिक रूप से हमने कुछ निर्णय लेने का फैसला किया है।

कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एच.डी. रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख एच.डी. देवेगौड़ा के बेटे हैं।प्रज्ज्वल रेवन्ना की घरेलू सहायिका की शिकायत के आधार पर जिले के होलेनरासीपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह प्रज्ज्वल रेवन्ना की पत्नी भवानी की रिश्तेदार हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया कि काम शुरू करने के चार महीने बाद प्रज्ज्वल रेवन्ना उनका यौन उत्पीड़न करने लगे जबकि प्रज्वल उनकी बेटी को वीडियो कॉल करके ‘अश्लील बातें’ करते थे। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों की जान को भी खतरा है।

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

विपक्ष के 3 और सांसद निलंबित, अब तक कुल 146 सांसदों पर एक्शन

#3_more_mps_suspended_number_mps_increased_146 

लोकसभा से 3 और सांसद निलंबित कर दिए गए हैं। लोकसभा स्पीकर ने सदन की अवमानना को लेकर कांग्रेस के सांसद नकुलनाथ, डीके सुरेश और दीपक बैज को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया। इससे पहले सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इस तरह संसद के दोनो सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 146 हो गई है। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 सांसद हैं।  

दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रश्नकाल समाप्त होते ही तीनों सांसदों का नाम लेते हुए कहा कि आप बार-बार सदन की कार्रवाई बाधित कर रहे हैं, तख्तियां दिखा रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कागज फाड़कर लोकसभा कर्मियों पर फेंक रहे हैं, यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध है।

बता दें कि डीके सुरेश डीके शिवकुमार के भाई हैं, नकुलनाथ कमलनाथ के बेटे हैं। दरअसल संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों द्वारा खूब हंगामा किया जा रहा है। विपक्ष की मांग है इस मामले पर अमित शाह सदन में बयान दें और इसपर चर्चा की जाए। इस बाबत विपक्षी सांसद लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी मामले पर बीते दिनों लोकसभा और राज्यसभा से भी कई सांसदों को निलंबित किया गया है।सबसे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इसके बाद सोमवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया। इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। मंगलवार को लोकसभा से 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया।इसके बाद बुधवार को 2 और सांसदों पर एक्शन लिया गया और आज तीन और पर गाज गिरी। इस तरह इस सत्र में अब तक 146 सांसद निलंबित हो चुके हैं।

विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदों ने इस बाबत संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस मार्च के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि सदन सही तरीके से चले। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सरकार ये नहीं चाहती कि सदन चले। लेकिन मैं माफी चाहता हूं कि चेयरमैन साहब ने एक मुद्दा उठाकर हम सारे सांसद को जातिवाद पर लाया है। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावना को सदन में बताना पार्लियामेंट के मेंबर का कर्तव्य है। संसद में जो घटना घटी उसी मुद्दे को हम लोकसभा और राज्यसभा में उठाना चाहते थे। हम ये सवाल उठा रहे था कि क्यों संसद की सुरक्षा में ऐसी सेंध लगी? इसके लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं? लेकिन न तो गृह मंत्री ने बताया और न ही प्रधानमंत्री ने सदन में कुछ कहा।

निलंबन के बाद के कविता ने पिता की पार्टी बीआरएस से दिया इस्तीफा, भाई केटीआर को किया आगाह

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तेलंगाना में भारत राष्ट्र समिति (बीआरएस) की नेता के. कविता को पार्टी से सस्पेंड कर दिया गया है। कविता को सस्पेंड करने का निर्णय उनके पिता के. चंद्रशेखर राव (केसीआर) ने लिया है। पार्टी से सस्पेंड होने के एक दिन बाद ही कविता ने एमएलसी के पद से भी इस्तीफा दे दिया। इस्तीफे की घोषणा के साथ ही उन्होंने अपने चचेरे भाई एवं पूर्व मंत्री टी. हरीश राव पर निशाना साधा। उन्होंने हरीश राव पर केसीआर परिवार के खिलाफ साजिश रचने का आरोप लगाया।

बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा

पार्टी विरोधी गतिविधियों के आरोप में बीआरएस से निलंबित की गई के कविता ने आज हैदराबाद में पार्टी और एमएलसी पद छोड़ने का एलान किया है। अपने समर्थकों के साथ यहां संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए 47 वर्षीय पूर्व सांसद ने हरीश राव पर मुख्यमंत्री ए. रेवंत रेड्डी के साथ मौन सहमति रखने का आरोप लगाया। उन्होंने कहा कि मैंने कभी किसी पद की आकांक्षा नहीं रखी। मैं (विधान परिषद) अध्यक्ष को अपना त्यागपत्र भेज रही हूं। मैं केसीआर को बीआरएस की प्राथमिक सदस्यता से भी इस्तीफा भेज रही हूं।

चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर लगाए गंभीर आरोप

इस दौरान उन्होंने कहा कि मेरा निलंबन पूरे बीआरएस को नियंत्रित करने की साजिश का हिस्सा है। उन्होंने अपने चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव पर भी गंभीर आरोप लगाए। दोनों पर हमला तेज करते हुए उन्होंने कहा कि चचेरे भाई हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण केसीआर के खिलाफ सीबीआई जांच हो रही है। कविता ने आरोप लगाया कि कालेश्वरम सिंचाई परियोजना में कथित अनियमितताओं को लेकर केसीआर के खिलाफ केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) की जांच उनके चचेरे भाइयों हरीश राव और संतोष राव के भ्रष्टाचार के कारण हुई थी।

पूछा-पार्टी विरोधी गतिविधियां क्या हैं?

कविता ने कहा कि तिहाड़ जेल से रिहा होने के बाद, मैंने विभिन्न कार्यक्रमों में भाग लिया और बीआरएस का झंडा पहनकर कांग्रेस सरकार के खिलाफ पिछड़ा वर्ग आरक्षण और अन्य पहलों के लिए काम किया। मुझे समझ नहीं आ रहा कि ये गतिविधियां पार्टी विरोधी गतिविधियां कैसे हैं। कुछ पार्टी सदस्यों ने टिप्पणियां कीं, और मैंने उनका जवाब दिया। मैंने हरीश राव और संतोष के बारे में बात की और कहा कि जब उनके घरों में सोना होता है तो सुनहरा तेलंगाना नहीं होता।

साजिशों से ‘सावधान’ रहने की सलाह

कविता ने कहा कि उनके भाई और बीआरएस के कार्यकारी अध्यक्ष के. टी. रामाराव को हरीश राव की कथित साजिशों से ‘सावधान’ रहना चाहिए। उन्होंने कहा, मैंने पहले अपने भाई केटीआर से मेरे खिलाफ साजिश रचने वाले लोगों के बारे में बात की थी और उनसे कार्रवाई करने का अनुरोध किया था। उन्होंने दावा किया कि जब उनके खिलाफ ‘दुर्भावनापूर्ण अभियान’ चलाया गया, तो उनके भाई ने उनका साथ नहीं दिया।

झारखंड शराब घोटाला मामले में जेल में बंद निलंबित आईएएस विनय चौबे को बड़ी राहत, एसीबी कोर्ट ने दी जमानत

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शराब घोटाला मामले में आरोपी आइएएस विनय कुमार चौबे को बड़ी राहत मिली है। एसीबी कोर्ट ने विनय कुमार चौबे को डिफॉल्ट बेल की सुविधा प्रदान की है। 91 दिनों बाद विनय चौबे को एसीबी के स्पेशल कोर्ट से सशर्त जमानत मिल गयी है।

चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर मिली जमानत

एसीबी के स्पेशल कोर्ट ने विनय चौबे को सशर्त जमानत दे दी है। 90 दिनों की समय सीमा पूरी होने के बाद भी चार्जशीट दाखिल नहीं होने पर जमानत मिली है। विनय चौबे की ओर से अधिवक्ता देवेश आजमानी ने कोर्ट में पैरवी की। कोर्ट ने बीएनएसएस की धारा 187(2) के तहत विनय चौबे को डिफॉल्ट बेल दी है। बता दें किसी भी मामले में आरोपी के जेल में रहते हुए जांच अधिकारी को 60 या 90 दिनों में जांच पूरी कर चार्जशीट दाखिल करनी होती है।

कोर्ट ने रखी ये शर्तें

कोर्ट ने शर्त रखी है कि जमानत पर रहने के दौरान उन्हें राज्य से बाहर जाने से पहले अदालत को सूचना देनी होगी। इसके अलावा वे ट्रायल के दौरान अपना मोबाइल नंबर नहीं बदल सकते हैं। जमानत के लिए अदालत ने 25-25 हजार रुपये के दो निजी मुचलके भरने की शर्त भी लगाई है।

20 मई को हुई थी गिरफ्तारी

बता दें कि एंटी करप्शन ब्यूरो ने 20 मई 2025 को करीब छह घंटे की पूछताछ के बाद विनय चौबे को गिरफ्तार किया था। इस घोटाले से संबंधित प्रारंभिक एफआईआर में चौबे समेत कुल 13 लोगों को नामजद किया गया था। अब तक झारखंड, छत्तीसगढ़ और महाराष्ट्र से 10 आरोपियों को गिरफ्तार कर जेल भेजा जा चुका है।

क्या है मामला?

बता दें कि विनय चौबे झारखंड के उत्पाद विभाग के सचिव, मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन के सचिव और कई अन्य अहम पदों पर कार्य कर चुके हैं। झारखंड में शराब घोटाले की शुरुआत वर्ष 2022 में हुई थी, जब छत्तीसगढ़ की तर्ज पर नई एक्साइज पॉलिसी लागू की गई थी। इस पॉलिसी को लागू करने के लिए छत्तीसगढ़ स्टेट मार्केटिंग कॉरपोरेशन लिमिटेड से करार किया गया। जांच में सामने आया कि नीति लागू करने की प्रक्रिया के दौरान बड़े पैमाने पर अनियमितताएं हुईं।

आरोप है कि विशेष सिंडिकेट को लाभ पहुंचाने के लिए टेंडर की शर्तों में मनमाना बदलाव किया गया। इस सिंडिकेट ने छत्तीसगढ़ की एक कंसल्टेंट कंपनी के सहयोग से झारखंड में शराब सप्लाई और होलोग्राम सिस्टम के ठेके हासिल किए। जांच में यह भी पाया गया कि टेंडर प्रक्रिया के दौरान जमा की गई बैंक गारंटियां फर्जी थीं, जिससे राज्य सरकार को भारी आर्थिक नुकसान हुआ।

अब “डिजिटल स्ट्राइक”, भारत में पाकिस्तान का एक्स अकाउंट सस्पेंड, पहलगाम अटैक के बाद एक और एक्शन

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पहलगाम में पर्यटकों पर हुए हमले के बाद केंद्र सरकार लगातार एक्शन में हैं। भारत सरकार ने पाकिस्तान के खिलाफ कड़े कदम उठाने शुरू कर दिए हैं। भारत ने पाकिस्तान सरकार के आधिकारिक एक्स (पूर्व में ट्विटर) अकाउंट की देश में पहुंच को रोक दिया है यानी पाकिस्तान सरकार का एक्स हैंडल भारत में नहीं दिखेगा और ना ही उसके कोई पोस्ट नजर आएंगे। हालांकि पाकिस्तान और भारत के बाहर अन्य देशों में यह अकाउंट एक्टिव दिखेगा। इसे भारत की तरफ से “डिजिटल स्ट्राइक” माना जा रहा है।

इससे एक दिन पहले यानी बुधवार को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में सुरक्षा संबंधी कैबिनेट समिति (सीसीएस) की बैठक हुई। इसमें इस कायरतापूर्ण हमले के प्रति भारत के जवाबी कदमों को अंतिम रूप दिया गया। इस बैठक में भारत ने पाकिस्न पर पांच कड़े प्रहार किए है।

सीमा पार आतंकवाद के लिंकेज सामने आने के बाद सरकार ने बड़ा फैसला लेते हुए पाकिस्तानी नागरिकों को 48 घंटे में भारत छोड़ने का आदेश दिया गया है, उनका वीजा रद्द कर दिया गया है। सार्क के तहत वीजा सुविधा भी खत्म कर दी गई है। इसके अलावा, भारत ने सिंधु जल संधि के तहत पाकिस्तान को दी जाने वाली पानी की सप्लाई रोक दी है और अटारी चौकी को बंद किए जाने का फैसला लिया। साथ ही, भारत अपने राजनयिकों को पाकिस्तान से वापस बुला रहा है।

इस बीच सरकार ने सर्वदलीय बैठक बुलाई है। इसमें केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह शामिल होंगे।सर्वदलीय बैठक बुलाने का निर्णय बुधवार को लिया गया और राजनाथ सिंह और अमित शाह ने विभिन्न दलों से संपर्क किया। राष्ट्रीय सुरक्षा पर गंभीर असर डालने वाली किसी भी घटना के बाद सर्वदलीय बैठक बुलाने की परंपरा रही है, जैसा कि 2019 में पुलवामा आतंकवादी हमले के बाद या 2020 में भारत-चीन गतिरोध के दौरान देखा गया था। इससे संकट के समय में राष्ट्रीय एकता की तस्वीर पेश होती है और विपक्षी नेताओं को सरकार तक अपने विचार पहुंचाने और आधिकारिक स्थिति के बारे में विस्तार से जानकारी प्राप्त करने का अवसर मिलता है।

औरंगजेब की तारीफ कर बुरे फंसे सपा विधायक अबू आजमी, महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित

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मुगल शासक औरंगजेब की तारीफ कर सपा नेता अबू आजमी विवादों में घिर गए। उनके बयान को लेकर लगातार विरोध के बीच उन्हें विधानसभा के पूरे सत्र के लिए निलंबित कर दिया है।महाराष्ट्र विधानसभा से अबू आजमी का निलंबन पूरे सत्र के लिए किया गया है। तीन मार्च से शुरू हुआ बजट सत्र 26 मार्च तक चलेगी। निलंबन की कार्यवाही के बाद अब अबू आजमीन विधानसभा की कार्यवाही में भाग नहीं ले पाएंगे। अबू आजमी के ऊपर विधानसभा के स्पीकर ने परिसर में प्रवेश करने पर भी प्रतिबंध लगा दिया है।

सपा विधायक को विधानसभा से निलंबित रखने का प्रस्ताव विधानसभा में संसदीय कार्य मंत्री चंद्रकांत पाटिल ने रखा था। इससे पहले मंगलवार को अबु आसिम आजमी के मुगल बादशाह औरंगजेब की तारीफ वाले बयान का मुद्दा मंगलवार को महाराष्ट्र विधानमंडल के दोनों सदनों में छाया रहा। सत्तारूढ़ गठबंधन ‘महायुति’ के सदस्यों ने आजमी को महाराष्ट्र विधानसभा से निलंबित करने और उनके खिलाफ राजद्रोह का मामला दर्ज करने की मांग की गई थी.।इस मुद्दे पर हंगामा इतना बढ़ गया था कि दोनों सदनों की कार्यवाही को स्थगित करना पड़ा था।

अबू आजमी ने औरंगजेब की तारीफ की थी। सपा विधायक अबू आजमी ने रविवार को कहा था कि औरंगजेब क्रूर शासक नहीं था। उसके शासनकाल में भारत "सोने की चिड़िया" था। उन्होंने यह भी दावा किया था कि औरंगजेब ने कई मंदिर बनवाए थे और उसका छत्रपति संभाजी महाराज से युद्ध धार्मिक नहीं, बल्कि सत्ता का संघर्ष था।

सपा विधायक ने कहा था कि उस समय के राजा सत्ता और संपत्ति के लिए संघर्ष करते थे, लेकिन ये कुछ भी धार्मिक नहीं था। औरंगजेब ने 52 साल तक शासन किया, और अगर वह सच में हिंदुओं को मुसलमान बनाना चाहते, तो सोचिए कि कितने हिंदू कनवर्ट हो जाते। अगर औरंगजेब ने मंदिरों को नष्ट किया, तो उन्होंने मस्जिदों को भी नष्ट किया अगर वह हिंदुओं के खिलाफ थे, तो 34% हिंदू उनके साथ नहीं होते, और उनके सलाहकार हिंदू नहीं होते। हमें इसे हिंदू-मुस्लिम कोण देने की जरूरत नहीं है। यह देश संविधान से चलेगा, और मैंने हिंदू भाइयों के खिलाफ एक शब्द भी नहीं कहा है। सपा नेता ने कहा कि मैंने जो कहा, वह तथ्यों पर आधारित है। इतिहास को राजनीतिक एजेंडे से नहीं, बल्कि सच के आधार पर देखना चाहिए। मैं संविधान और समानता में विश्वास रखता हूं।

నిఖేష్‌ కుమార్‌ బాగోతం

సింగిల్‌ విండో అవినీతి గురించి ఎప్పుడైనా విన్నారా.. ఇరిగేషన్‌ శాఖలో ఏఈఈగా పని చేస్తూ సస్పెండైన ఓ వ్యక్తి.. దీనికి తెర తీశాడు. తన పై అధికారుల తరఫున కూడా ఆయనే రేటు మాట్లాడి అనుమతులు మంజూరు చేయించేవాడు. ఏసీబీ సోదాల్లో ఈ వివరాలు వెల్లడయ్యాయి. అవినీతి కేసులో రెడ్‌హ్యాండెడ్‌గా పట్టుబడిన ఇరిగేషన్‌ విభాగం అసిస్టెంట్‌ ఎగ్జిక్యూటివ్‌ ఇంజనీర్‌ (ఏఈఈ) నిఖేశ్‌కుమార్‌పై అవినీతి నిరోధక శాఖ (ఏసీబీ) తాజాగా, ఆదాయానికి మించిన ఆస్తుల కేసు నమోదు చేసింది.

సస్పెండ్ (Suspended) అయిన ఇరిగేషన్ ఏఈఈ (Irrigation AEE) నిఖేష్‌ కుమార్‌ (Nikesh Kumar) బాగోతం వెలుగులోకి వచ్చింది. ఆదాయానికి మించిన ఆస్తులు కలిగి ఉన్నట్లు ఏసీబీ (ACB) అధికారులు గుర్తించారు. శనివారం తెల్లవారుజాము నుంచి సాయంత్రం వరకు ఆయన నివాసంతోపాటు అతడి బంధువులు, స్నేహితుల నివాసాలు, కార్యాలయాల్లో కలిపి మొత్తం 19 ప్రాంతాల్లో సోదాలు నిర్వహించారు. ఆస్తులకు సంబంధించిన పలు పత్రాల్ని స్వాధీనం చేసుకున్నారు. ఈ క్రమంలో నిఖేష్‌ను అదుపులోకి తీసుకున్న అధికారులు ఆదివారం ఉదయం 6 గంటలకు ఏసీబీ జడ్జి నివాసంలో నిఖేష్‌ను హాజరపరిచారు. విచారణ జరిపిన న్యాయమూర్తి ఈనెల 13 వరకు జ్యుడీషియల్ రిమాండ్ విధించారు. దీంతో నిఖేష్‌ను పోలీసులు చంచల్ గూడ జైలుకు తరలించారు.

సింగిల్‌ విండో అనుమతుల మంజూరు గురించి విని ఉంటాం.. కానీ, సింగిల్‌ విండో అవినీతి గురించి ఎప్పుడైనా విన్నారా? ఇరిగేషన్‌ శాఖలో ఏఈఈగా పని చేస్తూ సస్పెండైన ఓ వ్యక్తి.. దీనికి తెర తీశాడు. తన పై అధికారుల తరఫున కూడా ఆయనే రేటు మాట్లాడి అనుమతులు మంజూరు చేయించేవాడు. ఏసీబీ సోదాల్లో ఈ వివరాలు వెల్లడయ్యాయి. అవినీతి కేసులో రెడ్‌హ్యాండెడ్‌గా పట్టుబడిన ఇరిగేషన్‌ విభాగం అసిస్టెంట్‌ ఎగ్జిక్యూటివ్‌ ఇంజనీర్‌ (ఏఈఈ) నిఖేశ్‌కుమార్‌పై అవినీతి నిరోధక శాఖ (ఏసీబీ) తాజాగా, ఆదాయానికి మించిన ఆస్తుల కేసు నమోదు చేసింది. గండిపేట జోన్‌లో ఏఈఈగా విధులు నిర్వహిస్తున్న హేరూర్‌ నిఖేష్‌ కుమార్‌.. ఇంటి నిర్మాణానికి అనుమతి ఇవ్వటానికి ఓ వ్యక్తి నుంచి రూ.లక్ష లంచం తీసుకుంటుండగా ఏసీబీ అధికారులు ఈ ఏడాది మే 30న పట్టుకున్నారు. ప్రస్తుతం సస్పెన్షన్‌లో ఉన్న నిఖేష్‌ ఆదాయానికి మించిన ఆస్తులు కలిగి ఉన్నట్లు ఏసీబీ అధికారులు గుర్తించారు. శనివారం తెల్లవారుజాము నుంచి సాయంత్రం వరకు నిఖేష్‌ నివాసంతోపాటు అతడి బంధువులు, స్నేహితుల నివాసాలు, కార్యాలయాల్లో కలిపి మొత్తం 19 ప్రాంతాల్లో సోదాలు నిర్వహించారు. ఆస్తులకు సంబంధించిన పలు పత్రాల్ని స్వాధీనం చేసుకున్నారు. ఐదు ప్రాంతాల్లో ఇంటి స్థలాలు, 6.5 ఎకరాల వ్యవసాయ భూమి, ఖరీదైన అపార్ట్‌మెంట్లలో ఆరు ఫ్లాట్లు, రెండు వ్యాపార సముదాయాలు నిఖేష్‌ కుమార్‌కు ఉన్నట్లు ఏసీబీ అధికారులు గుర్తించారు. స్వాధీనం చేసుకున్న పత్రాల ప్రకారం స్థిర, చర ఆస్తులు కలిపి మొత్తం రూ.17.74 కోట్ల వరకు ఉంటుందని అధికారులు తెలిపారు. మార్కెట్‌ ధర ప్రకారం వీటి విలువ రూ.150 కోట్లకుపైగా ఉంటుందని భావిస్తున్నారు. సోదాల్లో గుర్తించిన ఆస్తులు కాకుండా బంగారం, బ్యాంకు లాకర్లు, బ్యాంకు ఖాతాల్లో నగదు నిల్వలపైనా ఏసీబీ విచారణ కొనసాగుతోంది.

పదేళ్ల క్రితం ఇరిగేషన్‌ శాఖలో చేరిన నిఖేష్‌ కుమార్‌ 2021 నుంచి గండిపేట జోన్‌లో విధులు నిర్వహిస్తున్నారు. గండిపేట జోన్‌ హైదరాబాద్‌ శివారుప్రాంతం కావడంతో అక్కడ రియల్‌ ఎస్టేట్‌ వ్యాపారం జోరుగా సాగుతోంది. చెరువులు, కుంటల సమీపంలో రియల్‌ ఎస్టేట్‌ వ్యాపారులు నిర్మాణాలు చేపట్టేందుకు ఎఫ్‌టీఎల్‌, బఫర్‌ జోన్‌ నిబంధనలు ఆటంకంగా ఉండటంతో.. వారి నుంచి పెద్ద మొత్తంలో వసూలు చేసి ఎన్‌ఓసీ ఇచ్చేలా నిఖేష్‌ డీల్‌ కుదుర్చుకునేవాడని ఏసీబీ దర్యాప్తులో వెల్లడైంది. పేరుకే ఏఈఈగా విధులు నిర్వహిస్తున్నా.. తన పై అధికారుల్ని సైతం ఒప్పించి ఫైల్‌ ఓకే చేయించేలా ఏకమొత్తంలో బేరం కుదుర్చుకునేవాడని తేలింది. కొన్ని సందర్భాల్లో ఒక్కో ఎన్‌ఓసీకి రూ.50 లక్షల వరకు కూడా వసూలు చేసినట్లు సమాచారం. వసూలు చేసిన మొత్తంలో సగానికిపైగా తాను తీసుకుని మిగిలిన దాంట్లో పైఅధికారులకు వాటాలు ఇచ్చేవాడని తెలుస్తోంది. కొత్తూరు మండలం సిద్దాపూర్‌లో రూ.2.50 కోట్ల విల్లాను నిఖేష్‌ కొన్నట్లు ఏసీబీ గుర్తించింది. ఇరిగేషన్‌ విభాగంలో ఆయనతోపాటు పనిచేసే మరో ఐదుగురికి కూడా ఇక్కడే విల్లాలు ఉన్నాయి. దీనిపైనా ఏసీబీ విచారణ జరుపుతోంది.

అక్రమంగా సంపాదించిన మొత్తాన్ని కాపాడుకోవడానికి నిఖేష్‌ బినామీలను పెట్టుకున్నట్లు ఏసీబీ గుర్తించింది. దీంట్లో భాగంగా, ఆర్థికంగా ఇబ్బందుల్లో ఉన్న తన చిన్ననాటి స్నేహితులను, బంధువులను ఎంచుకునేవాడు. వారికి రూ.5-10 లక్షల వరకు సహాయం చేసి వారి పేరుతో విలువైన ఆస్తులు రిజిస్ట్రేషన్‌ చేయించినట్లు ఏసీబీ సోదాల్లో వెల్లడైంది. స్వాధీనం చేసుకున్న ఆస్తుల పత్రాల ఆధారంగా బినామీలకు నోటీసులు జారీ చేసి విచారించి స్టేట్‌మెంట్‌ రికార్డు చేయనున్నారు. 2021 నుంచి ఇప్పటి వరకు గండిపేట జోన్‌లో ఇరిగేషన్‌ విభాగం జారీ చేసిన అన్ని ఎన్‌ఓసీలపైనా ఏసీబీ దృష్టి సారించింది. నిఖేశ్‌తోపాటు ఉన్నతాధికారుల ప్రమేయంపైనా లోతుగా విచారణ జరుపుతోంది.

पेरिस ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम को सेमीफाइनल से पहले लगा बड़ा झटका, इस खिलाड़ी पर लग गया बैन

#amit_rohidas_suspended_india_defender_ahead_of_semi_final_against_germany

पेरिस ओलंपिक 2024 में भारतीय हॉकी टीम ने कमाल का प्रदर्शन किया है। टीम ने ग्रेट ब्रिटेन को पेनाल्टी शूटआउट में 4-2 से हराकर सेमीफाइनल में जगह पक्की कर ली है। सेमीफाइनल मुकाबला 6 अगस्त को है, जहां भारत का मुकाबला जर्मनी से होगा। हालांकि, उस बड़े मुकाबले से पहले भारतीय टीम के लिए खबर अच्छी नहीं है। दरअसल, भारत के अमित रोहिदास पर एक मैच का प्रतिबंध लगाया है जिससे वह मंगलवार को जर्मनी के खिलाफ होने वाले पेरिस ओलंपिक के सेमीफाइनल मुकाबले में नहीं खेल सकेंगे।

भारतीय डिफेंडर अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन के खिलाफ क्वार्टर फाइनल मुकाबले में रेड कार्ड दिखाया गया था। दरअसल, मैच के दौरान उनकी हॉकी स्टिक ग्रेट ब्रिटेन के खिलाड़ी के मुंह पर जा लगी थी, जिसके एवज में उन्हें रेड कार्ड मिला था। रेड कार्ड मिलने के बाद अमित रोहिदास उस पूरे मैच से तो बाहर रहे ही। अब सेमीफाइनल मुकाबले में भी नहीं खेलेंगे।

इंटरनेशनल हॉकी फेडरेशन ने अपनी प्रेस रिलीज में बताया है कि अमित रोहिदास को ग्रेट ब्रिटेन मैच के दौरान एफआईएच कोड आचरण के उल्लंघन के लिए एक मैच के लिए निलंबित कर दिया गया था। वह जर्मनी के खिलाफ सेमीफाइनल मैच में भाग नहीं लेंगे। भारत केवल 15 प्लेयर्स के साथ खेलेगा। 

अब, हॉकी इंडिया ने उनके फैसले को चुनौती दे दी है। लेकिन मौजूदा परिस्थिति में रोहिदास के सेमीफाइनल मैच में खेलने पर संशय है। माना जा रहा है कि एफआईएच इस अपील पर सोमवार को सुनवाई करेगा और अपना जवाब दाखिल करेगा।

I'm confident you'll allow the opposition to speak in the house- Rahul Gandhi

And at the same time his alliance govt in Tamilnadu suspended the leader of opposition for the whole session...

The Irony!!!
देवगौड़ा के पोते पार्टी से सस्पेंड, सेक्स स्कैंडल मामले में फंसे प्रज्‍वल रेवन्ना पर जेडी(एस) ने की कार्रवाई

#mp_prajwal_revanna_suspended_from_jds

कर्नाटक के हासन से सांसद और लोकसभा क्षेत्र से बीजेपी-जेडीएस के संयुक्त उम्मीदवार प्रज्वल रेवन्ना के खिलाफ कई महिलाओं के यौन शोषण का आरोप लगने की शिकायतें सामने आने के बाद कर्नाटक में राजनीतिक तूफान मच गया है। इस बीच कई महिलाओं से यौन शोषण के आरोप झेल रहे प्रज्ज्वल रेवन्ना को जेडी-एस से निलंबित कर दिया गया है।जद (एस) कोर कमेटी के अध्यक्ष जीटी देवगौड़ा ने इसकी जानकारी दी। 

प्रज्वल रेवन्ना के निलंबन की जानकारी देते हुए जेडीएस कोर कमेटी के अध्यक्ष जीटी देवेगौड़ा ने कहा कि पार्टी ने वीडियो प्रकरण को लेकर रेवन्ना को निलंबित कर दिया है। उन्होंने कहा, हमने जद (एस) के राष्ट्रीय अध्यक्ष एचडी देवेगौड़ा से निलंबित करने की सिफारिश की है। उन्होंने कहा कि हम प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ एसआईटी का स्वागत करते हैं। हमने अपनी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष को एसआईटी जांच पूरी होने तक उन्हें पार्टी से निलंबित करने की सिफारिश करने का निर्णय लिया है। 

उनके चाचा और पूर्व मुख्यमंत्री एचडी कुमारस्वामी ने कहा कि निलंबन की अवधि एसआईटी जांच पूरी होने तक है। उन्होंने कहा, अगर उनकी भूमिका साबित हो जाती है तो उन्हें स्थायी रूप से निलंबित कर दिया जाएगा। उन्होंने आगे कहा, इस निर्णय का कारण यह है कि जेडीएस ऐसे मामले में किसी भी महिला या परिवार के साथ अन्याय नहीं होने देगी। इस मुद्दे का इस्तेमाल कर हमारे परिवार का नाम खराब करने की साजिश की जा रही है। उनका उद्देश्य महिलाओं की सुरक्षा करना नहीं है। इस मामले का उपयोग करते हुए, एचडी देवेगौड़ा का नाम और कुमारस्वामी का नाम बार-बार उछालने से है। इसमें देवगौड़ा जी या मेरा क्या किरदार है? हम उन चीजों के लिए जिम्मेदार नहीं है। यह प्रज्ज्वल रेवन्ना का व्यक्तिगत मामला है। मैं उनके संपर्क में नहीं हूं। उन्हें कानून के सामने लाना सरकार की जिम्मेदारी है। नैतिक रूप से हमने कुछ निर्णय लेने का फैसला किया है।

कर्नाटक के पूर्व मंत्री एच.डी. रेवन्ना और उनके बेटे प्रज्ज्वल रेवन्ना के खिलाफ यौन उत्पीड़न और पीछा करने के आरोप में प्राथमिकी दर्ज की गई है। एच.डी. रेवन्ना पूर्व प्रधानमंत्री एवं जनता दल (सेक्युलर) प्रमुख एच.डी. देवेगौड़ा के बेटे हैं।प्रज्ज्वल रेवन्ना की घरेलू सहायिका की शिकायत के आधार पर जिले के होलेनरासीपुर पुलिस थाने में मामला दर्ज किया गया है। शिकायतकर्ता ने कहा कि वह प्रज्ज्वल रेवन्ना की पत्नी भवानी की रिश्तेदार हैं। पीड़िता ने आरोप लगाया कि काम शुरू करने के चार महीने बाद प्रज्ज्वल रेवन्ना उनका यौन उत्पीड़न करने लगे जबकि प्रज्वल उनकी बेटी को वीडियो कॉल करके ‘अश्लील बातें’ करते थे। शिकायतकर्ता ने यह भी आरोप लगाया कि उनके साथ-साथ उनके परिवार के अन्य सदस्यों की जान को भी खतरा है।

Courier Services Suspended for Vihaan Direct Selling Amid Fraud Allegations.

The courier services of India Post as well as Blue Dart have dealt a huge blow to the Indian franchisee of the controversial multi-level marketing (MLM) scheme, QNet, called Vihaan Direct Selling (India) Pvt Ltd. The MLM entity is facing numerous allegations of fraud and legal scrutiny. These challenges are further complicated by a recent decision by India Post and Blue Dart to withhold their services from Vihaan Direct Selling.

There was a directive from Registrar of Companies (ROC), ordering that courier services be suspended for Vihaan Direct Selling due to its engagement in numerous criminal cases and legal actions. This development signifies growing anxiety over company operations and likely consequences affecting consumers.

At the heart of the controversy are some severe fraud allegations amounting to an astounding ₹1 billion against this firm, Vihaan Direct Selling, and its affiliates. Consequently, the Enforcement Directorate (ED) has moved in by blocking any financial transactions via 36 bank accounts linked with Vihaan Direct Selling valued at above Rs 90 crores as part of money laundering probe. Legal actions however including cases filed by ED have addressed issues related to fraud against Vihaan Direct Selling particularly on Rs425 crore scam which is known as QNet case.

Government bodies have tightened the screws on Vihaan Direct Selling; consumer affairs and corporate affairs have commenced winding-up proceedings against this company. The extent of fraud committed by Vihaan Direct Selling has significantly been emphasized through judicial observations, especially by Judge Mridula Bhatkar of Bombay High Court.

In spite of legal and regulatory interventions, Vihaan Direct Selling continues to operate in multi-level marketing (MLM), which hampers consumer protection efforts. The company also suffered a major blow when courier services were halted. With increasing fraud allegations and hardening regulatory actions, the destiny of its operations hangs in balance, making it a milestone moment for MLM industry and initiatives aimed at safeguarding customers.

विपक्ष के 3 और सांसद निलंबित, अब तक कुल 146 सांसदों पर एक्शन

#3_more_mps_suspended_number_mps_increased_146 

लोकसभा से 3 और सांसद निलंबित कर दिए गए हैं। लोकसभा स्पीकर ने सदन की अवमानना को लेकर कांग्रेस के सांसद नकुलनाथ, डीके सुरेश और दीपक बैज को शीतकालीन सत्र से निलंबित कर दिया। इससे पहले सदन में तख्तियां लहराने और नारे लगाने के आरोप में 143 सांसदों को लोकसभा और राज्यसभा से निलंबित कर दिया गया था। इस तरह संसद के दोनो सदनों से निलंबित किए गए सांसदों की संख्या 146 हो गई है। इनमें लोकसभा के 100 और राज्यसभा के 46 सांसद हैं।  

दरअसल, विपक्षी गठबंधन ‘इंडियन नेशनल डेवलपमेंटल इन्क्लूसिव अलायंस’ (इंडिया) के सांसद 13 दिसंबर को संसद की सुरक्षा में हुई चूक की घटना को लेकर गृह मंत्री अमित शाह से बयान की मांग कर रहे हैं। लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला ने आज प्रश्नकाल समाप्त होते ही तीनों सांसदों का नाम लेते हुए कहा कि आप बार-बार सदन की कार्रवाई बाधित कर रहे हैं, तख्तियां दिखा रहे हैं, नारेबाजी कर रहे हैं और कागज फाड़कर लोकसभा कर्मियों पर फेंक रहे हैं, यह सदन की मर्यादा के विरुद्ध है।

बता दें कि डीके सुरेश डीके शिवकुमार के भाई हैं, नकुलनाथ कमलनाथ के बेटे हैं। दरअसल संसद की सुरक्षा में हुई चूक के बाद से लोकसभा और राज्यसभा में विपक्षी दलों द्वारा खूब हंगामा किया जा रहा है। विपक्ष की मांग है इस मामले पर अमित शाह सदन में बयान दें और इसपर चर्चा की जाए। इस बाबत विपक्षी सांसद लगातार विरोध प्रदर्शन कर रहे हैं। इसी मामले पर बीते दिनों लोकसभा और राज्यसभा से भी कई सांसदों को निलंबित किया गया है।सबसे पहले शुक्रवार को दोनों सदनों से कुल 14 सांसदों को निलंबित कर दिया गया है।इसके बाद सोमवार को स्पीकर ओम बिरला ने विपक्ष के 33 सांसदों को पूरे सत्र के लिए सस्पेंड कर दिया। वहीं राज्यसभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने 45 सांसदों को निलंबित कर दिया। इस तरह राज्यसभा और लोकसभा में सोमवार को कुल 78 विपक्षी सांसदों को निलंबित कर दिया गया। मंगलवार को लोकसभा से 49 सांसदों को सस्पेंड किया गया।इसके बाद बुधवार को 2 और सांसदों पर एक्शन लिया गया और आज तीन और पर गाज गिरी। इस तरह इस सत्र में अब तक 146 सांसद निलंबित हो चुके हैं।

विपक्षी गठबंधन इंडिया के सांसदों ने इस बाबत संसद भवन से विजय चौक तक मार्च निकाला। इस मार्च के दौरान कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने केंद्र सरकार पर जमकर हमला बोला। उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार नहीं चाहती कि सदन सही तरीके से चले। मल्लिकार्जुन खरगे ने कहा, सरकार ये नहीं चाहती कि सदन चले। लेकिन मैं माफी चाहता हूं कि चेयरमैन साहब ने एक मुद्दा उठाकर हम सारे सांसद को जातिवाद पर लाया है। लोकतंत्र में बात करना हमारा हक है। हम चुने हुए सदस्य हैं और लोगों की भावना को सदन में बताना पार्लियामेंट के मेंबर का कर्तव्य है। संसद में जो घटना घटी उसी मुद्दे को हम लोकसभा और राज्यसभा में उठाना चाहते थे। हम ये सवाल उठा रहे था कि क्यों संसद की सुरक्षा में ऐसी सेंध लगी? इसके लिए जिम्मेदार कौन लोग हैं? लेकिन न तो गृह मंत्री ने बताया और न ही प्रधानमंत्री ने सदन में कुछ कहा।