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पाकिस्तान में दिखा एस जयशंकर का स्वैग, काला चश्मा और चेहरे पर दिखी आत्मविश्वास भरी मुस्कान

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भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी मौजूद था। उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई। इस दौरान जयशंकर के अंदाज ने भी लोगों का ध्यान खींचा। यहां एस. जयशंकर का स्वैग देखने को मिला। भारतीय विदेश मंत्री ने पहले तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाथ मिलाया। उनका दिखा गुलदस्ता स्वीकार किया और फिर जेब से काला चश्मा निकालकर लगाया।जयशंकर इस दौरान आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराते हुए दिखे।

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री 9 साल में पहली बार पाकिस्तान पहुंचे हैं। भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आखिरी बार दिवंगत नेता और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की यात्रा की थी। वो अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं।

पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। हालांकि, अपने हाव-भाव से विदेश मंत्री ने बता दिया कि वो पाकिस्तान को किस तरह से भाव देने वाले हैं। रावलपिंडी एयरबेस पर सबसे पहले वो विमान से उतरे तो बच्चों ने उनका बुके देकर स्वागत किया। फिर उन्होंने पाकिस्तान अधिकारी से हाथ मिलाया। इसके बाद चलते-चलते उन्होंने अपना रेगुलर चश्मा उतारा और ब्लैक कलर का सनग्लास पहन लिया।

एस जयशंकर पहले ही अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर साफ कर दिया है कि ‘किसी भी पड़ोसी की तरह, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा। लेकिन ऐसा सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और कल्पना लोक में जीकर नहीं हो सकता।

पाकिस्तान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO बैठक में लेंगे हिस्सा, देखें VIDEO
पाकिस्तान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO बैठक में लेंगे हिस्सा, देखें VIDEO
आज एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जा रहे हैं एस जयशंकर, जानें क्या-क्या है कार्यक्रम

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विदेश मंत्री एस जयशंकर आज (15 अक्टूबर) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचेंगे। यह भारत का कई सालों के बाद पाकिस्तान में पहला उच्च-स्तरीय दौरा होगा। जबकि, दोनों देशों के बीच संबंध कई सालों से तनावपूर्ण हैं और यह अब भी बरकरार है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 15 अक्टूबर से दो दिवसीय एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

एस जयशंकर आज शाम इस्लामाबाद पहुंचने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित स्वागत भोज में शामिल हो सकते हैं।इस्लामाबाद में होने वाली दो दिवसीय एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद की बैठक के लिए 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि पहुंचने शुरू हो गए हैं।

एससीओ शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था, व्यापार और पर्यावरण के क्षेत्र में चल रहे सहयोग पर चर्चा की जाएगी। शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ करेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एससीओ सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मंत्री करेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज इस्लामाबाद पहुंचेंगे।

भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं होगी द्विपक्षीय वार्ता

भारत और पाकिस्तान दोनों पक्षों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि एससीओ के सरकार प्रमुखों की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी।

9 सालों बाद भारतीय विदेश मंत्री की पाक यात्रा

तकरीबन 9 साल बाद यह पहली बार होगा कि भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। भले ही कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध ठंडे पड़े हैं। आखिरी बार दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं, जब उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल

पुलवामा आतंकी हमले और 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। इसके बाद, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के भारत के फैसले ने रिश्तों को और खराब कर दिया। पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी मई 2023 में गोवा में SCO देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने भारत आए थे, जो 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।

पाकिस्तान के एक खदान में घुसे बंदूकधारी, की ताबड़तोड़ गोलीबारी, 20 मजदूरों को उतारा मौत के घाट

पाकिस्तान में एक बंदूकधारी ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर 20 लोगों की जान ले ली है। खदान में काम करने वाले लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। पाकिस्तान पुलिस ने इस घटना की जानकारी साझा की है। पुलिस की मानें तो हाथ में बंदूक लेकर खदान में घुसे एक शख्स ने धुंआधार फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में 20 मजदूरों की जान चली गई। वहीं 7 लोग गोली लगने के कारण बुरी तरह से घायल हैं।

यह हमला पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुआ है। SCO सम्मेलन से ठीक पहले हुए इस हमले से न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। कुछ ही दिन में दुनिया के कई बड़े देशों के नेता पाकिस्तान में का रुख करने वाले हैं। ऐसे में बलूचिस्तान की खदान में हुए इस हमले ने हर तरफ हड़कंप मचा दिया है।

पुलिस ऑफिसर हिमांयु खान नासिर ने बताया कि गुरुवार की रात बलूचिस्तान के डंकी जिले में इस घटना को अंजाम दिया गया है। डंकी स्थित कोयले की खदान में एक बंदूकधारी आया और उसने सभी लोगों को एक-साथ खड़े होने का आदेश दिया। इसके बाद बंदूकधारी ने एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस घटना में 20 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 7 मजदूर गोली लगने से घायल हैं।

पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर मजदूर बलूचिस्तान के पश्तून समुदाय से थे। इसके अलावा मृतकों में 3 अफगानी भी शामिल हैं। वहीं घायल मजदूरों में भी 4 मजदूर अफगानिस्तान के हैं।

पाकिस्तान में यह हमला शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) से ठीक पहले हुआ है। आगामी 16-17 अक्टूबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में यह सम्मलेन आयोजित होना है। भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 15 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। 9 सालों में भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। इससे पहले दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार SCO समिट को लेकर इस्लामाबाद में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पाकिस्तान आर्मी का बेस कहे जाने वाले रावलपिंडी को 12 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। इसके अलावा इस्लामाबाद के रेस्टोरेंट से लेकर वेडिंग हॉल्स, कैफे और क्लब भी 5 दिनों के लिए बंद रहेंगे।

भारत-पाक रिश्तों पर नहीं होगी बात” पाकिस्तान दौरे से पहले एस जयशंकर ने कर दिया साफ

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर नौ साल में पहली बार पाकिस्तान जाने वाले हैं। वो 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से ये जानकारी दी गई है। अब पाकिस्तान दौरे से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है।

आगामी पाकिस्तान यात्रा पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए नहीं जा रहा हूं। एससीओ के अच्छे सदस्य के रूप में मैं वहां जा रहा हूं। आप जानते हैं कि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, मुझे पाकिस्तान जाना है एससीओ बैठक के लिए। पाकिस्तान में यह बैठक हो रही है। पाकिस्तान दौरे पर मीडिया का इंटरेस्ट होगा। मगर मैं साफ कह दूं कि इस दौरान कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगा।

विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है कि विदेश मंत्री का ये दौरा एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए है और इसे शांति पहल के रूप में नहीं देखा जा सकता है। यह फैसला भारत की एससीओ के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है। एससीओ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। भारत एससीओ को बहुत गंभीरता से लेता है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर संबंध ठंडे बने हुए हैं। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फ़रवरी 2019 से ही तनावपूर्ण हैं। हालांकि, भारत हमेशा से कहता आया है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है। लेकिन इसके लिए भारत ने यह भी साफ़ किया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा पर लगाम लगानी होगी।

पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO की बैठक में होंगे शामिल

#s_jaishankar_will_visit_pakistan_to_attend_the_sco_meet 

भारत और पाकिस्तान के बीच काफी लंबे समय से रिश्ते ठंडे पड़े हुए हैं। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्टूबर में पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में SCO (शंघाई सहयोग संगठन) के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी।15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में बैठक होगी। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान जाएगा। पिछले 9 साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा।

विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल से सवाल किया गया कि क्या जयशंकर की यात्रा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की कोशिश है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

दरअसल, पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।

पाकिस्तान से बातचीत की संभावनाओं को खारिज किया था

पाकिस्तान की तरफ से न्योता आने के बाद 30 अगस्त को जयशंकर दोनों देशों के रिश्ते पर बयान दिया था। जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है।' जयशंकर ने आगे कहा था, 'जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।'

यूएन में पाक को लिया आड़े हाथ

वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेने के कुछ दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर की ये यात्रा हो रही है। 28 सितंबर को जयशंकर ने कहा था कि कई देश अपने कंट्रोल से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं। मगर, कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके विनाशकारी परिणाम होते हैं। इसका उदाहरण हमारा पड़ोसी पाकिस्तान है।

पीएम मोदी को पाकिस्तान का आधिकारिक निमंत्रण, डिटेल में जानिए, आखिर क्या है पड़ोसी देश का प्लान





पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अक्टूबर के मध्य में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए आधिकारिक तौर पर निमंत्रण दिया है। साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री मोदी सहित सदस्य देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, लेकिन किन देशों ने पुष्टि की है, इसका विवरण समय आने पर घोषित किया जाएगा। एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक 15-16 अक्टूबर को होने वाली है। इससे पहले, एससीओ सदस्य देशों के बीच वित्तीय, आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग पर केंद्रित एक मंत्रिस्तरीय बैठक और वरिष्ठ अधिकारियों की कई दौर की बैठकें होंगी।

विश्लेषकों का सुझाव है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इस आमंत्रण को स्वीकृति की अपेक्षा के बजाय कूटनीतिक प्रोटोकॉल के मामले के रूप में देखा जा सकता है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेने के लिए एक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि को नियुक्त कर सकते हैं, क्योंकि पिछली एससीओ बैठकों में अक्सर भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्राध्यक्षों के बजाय मंत्रियों द्वारा किया जाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में आयोजित एससीओ के 24वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे, जबकि भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अस्ताना में किया था।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ सहित पाकिस्तानी विश्लेषकों ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति के बारे में संदेह व्यक्त किया है, और इस निमंत्रण को राजनीतिक पैंतरेबाज़ी के बजाय एक मानक कूटनीतिक प्रक्रिया के रूप में देखा है। यूसुफ ने जोर देकर कहा कि हालांकि यह निमंत्रण एक औपचारिकता है, लेकिन यह संभावना नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी बैठक के लिए इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे। पिछले साल एक पारस्परिक इशारे में, पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था।
एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कजाकिस्तान में की मुलाकात, जानें क्या हुईं बातें

#s_jaishankar_and_wang_yi_meeting_in_kazakhstan 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में बृहस्पतिवार को बातचीत की। भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच, दोनों देशों के विदेश मंत्री ने विचारों का आदान प्रदान किया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुख्य बातचीत सीमा विवाद पर केन्द्रित थी।बता दें कि भारत और चीन के बीच जून 2020 की गलवान हिंसा के बाद तनाव जारी है। चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश करता रहता है। सीमा पर तनाव के बावजूद इस साल मार्च में भारत और चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र पर मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात करने के बाद बताया कि हम दोनों के बीच बॉर्डर एरिया में बचे हुए मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई है। इस उद्देश्य के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी है. उन्होंने आगे कहा कि एलएसी का सम्मान करना और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना जरूरी है।

एस जयशंकर एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। अस्ताना पहुंचने पर जयशंकर का कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बकाये ने स्वागत किया। इसके अलावा बुधवार को वह अस्ताना में पुश्किन पार्क पहुंचे जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जयशंकर ने इस आयोजन के लिए कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के लिए लड़ रहे भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए मॉस्को की प्रस्तावित यात्रा से पहले हुई है। अभी इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है लेकिन ऐसी जानकारी है कि मोदी अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

पाकिस्तान में दिखा एस जयशंकर का स्वैग, काला चश्मा और चेहरे पर दिखी आत्मविश्वास भरी मुस्कान

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भारत के विदेश मंत्री डॉ एस जयशंकर एससीओ के शासनाध्यक्षों की परिषद की 23वीं बैठक में शामिल होने के लिए पाकिस्तान पहुंच गए हैं। एयरपोर्ट पर उनके स्वागत के लिए पाकिस्तान की तरफ से विदेश मंत्रालय का एक अधिकारी मौजूद था। उनके स्वागत के लिए रेड कार्पेट बिछाई गई। इस दौरान जयशंकर के अंदाज ने भी लोगों का ध्यान खींचा। यहां एस. जयशंकर का स्वैग देखने को मिला। भारतीय विदेश मंत्री ने पहले तो पाकिस्तानी अधिकारियों ने हाथ मिलाया। उनका दिखा गुलदस्ता स्वीकार किया और फिर जेब से काला चश्मा निकालकर लगाया।जयशंकर इस दौरान आत्मविश्वास के साथ मुस्कुराते हुए दिखे।

शंघाई सहयोग संगठन की बैठक में शामिल होने के लिए भारत के विदेश मंत्री 9 साल में पहली बार पाकिस्तान पहुंचे हैं। भारतीय विदेश मंत्री का यह दौरा काफी अहम माना जा रहा है। आखिरी बार दिवंगत नेता और तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने दिसंबर 2015 में पाकिस्तान की यात्रा की थी। वो अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए इस्लामाबाद गई थीं।

पिछले कई वर्षों से दोनों पड़ोसी देशों के बीच संबंधों में जारी तनाव के बीच भारत की ओर से पाकिस्तान की यह पहली उच्च स्तरीय यात्रा है। हालांकि, अपने हाव-भाव से विदेश मंत्री ने बता दिया कि वो पाकिस्तान को किस तरह से भाव देने वाले हैं। रावलपिंडी एयरबेस पर सबसे पहले वो विमान से उतरे तो बच्चों ने उनका बुके देकर स्वागत किया। फिर उन्होंने पाकिस्तान अधिकारी से हाथ मिलाया। इसके बाद चलते-चलते उन्होंने अपना रेगुलर चश्मा उतारा और ब्लैक कलर का सनग्लास पहन लिया।

एस जयशंकर पहले ही अपने पाकिस्तान दौरे को लेकर साफ कर दिया है कि ‘किसी भी पड़ोसी की तरह, भारत निश्चित रूप से पाकिस्तान के साथ अच्छे संबंध रखना चाहेगा। लेकिन ऐसा सीमा पार आतंकवाद को नजरअंदाज करके और कल्पना लोक में जीकर नहीं हो सकता।

पाकिस्तान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO बैठक में लेंगे हिस्सा, देखें VIDEO
पाकिस्तान पहुंचे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO बैठक में लेंगे हिस्सा, देखें VIDEO
आज एससीओ सम्मेलन में हिस्सा लेने इस्लामाबाद जा रहे हैं एस जयशंकर, जानें क्या-क्या है कार्यक्रम

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विदेश मंत्री एस जयशंकर आज (15 अक्टूबर) शंघाई सहयोग संगठन (एससीओ) के सम्मेलन में भाग लेने के लिए पाकिस्तान पहुंचेंगे। यह भारत का कई सालों के बाद पाकिस्तान में पहला उच्च-स्तरीय दौरा होगा। जबकि, दोनों देशों के बीच संबंध कई सालों से तनावपूर्ण हैं और यह अब भी बरकरार है। पाकिस्तान के इस्लामाबाद में 15 अक्टूबर से दो दिवसीय एससीओ शिखर सम्मेलन का आयोजन किया जा रहा है।

एस जयशंकर आज शाम इस्लामाबाद पहुंचने के बाद पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ द्वारा एससीओ सदस्य देशों के प्रतिनिधियों के लिए आयोजित स्वागत भोज में शामिल हो सकते हैं।इस्लामाबाद में होने वाली दो दिवसीय एससीओ शासनाध्यक्ष परिषद की बैठक के लिए 76 सदस्यीय प्रतिनिधिमंडल और एससीओ के सात प्रतिनिधि पहुंचने शुरू हो गए हैं।

एससीओ शिखर सम्मेलन में अर्थव्यवस्था, व्यापार और पर्यावरण के क्षेत्र में चल रहे सहयोग पर चर्चा की जाएगी। शिखर सम्मेलन की अध्यक्षता पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शाहबाज शरीफ करेंगे। पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि एससीओ सदस्य देशों का प्रतिनिधित्व चीन, रूस, बेलारूस, कजाकिस्तान, किर्गिस्तान, ताजिकिस्तान और उज्बेकिस्तान के प्रधानमंत्रियों के साथ-साथ ईरान के प्रथम उपराष्ट्रपति और भारत के विदेश मंत्री करेंगे। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर आज इस्लामाबाद पहुंचेंगे।

भारत-पाकिस्तान के बीच नहीं होगी द्विपक्षीय वार्ता

भारत और पाकिस्तान दोनों पक्षों ने पहले ही स्पष्ट कर दिया है कि एससीओ के सरकार प्रमुखों की बैठक के दौरान भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर और उनके पाकिस्तानी समकक्ष इशाक डार के बीच कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगी।

9 सालों बाद भारतीय विदेश मंत्री की पाक यात्रा

तकरीबन 9 साल बाद यह पहली बार होगा कि भारत के विदेश मंत्री पाकिस्तान की यात्रा करेंगे। भले ही कश्मीर मुद्दे और पाकिस्तान से उत्पन्न होने वाले सीमा पार आतंकवाद को लेकर दोनों पड़ोसियों के बीच संबंध ठंडे पड़े हैं। आखिरी बार दिसंबर 2015 में सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं, जब उन्होंने अफगानिस्तान पर एक सम्मेलन में भाग लिया था।

भारत और पाकिस्तान के बीच तनावपूर्ण माहौल

पुलवामा आतंकी हमले और 2019 में बालाकोट सर्जिकल स्ट्राइक के बाद भारत-पाकिस्तान संबंध गंभीर तनाव में आ गए थे। इसके बाद, अगस्त 2019 में जम्मू-कश्मीर से विशेष राज्य का दर्जा हटाने के भारत के फैसले ने रिश्तों को और खराब कर दिया। पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी मई 2023 में गोवा में SCO देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक में भाग लेने भारत आए थे, जो 12 वर्षों में किसी पाकिस्तानी विदेश मंत्री की पहली भारत यात्रा थी।

पाकिस्तान के एक खदान में घुसे बंदूकधारी, की ताबड़तोड़ गोलीबारी, 20 मजदूरों को उतारा मौत के घाट

पाकिस्तान में एक बंदूकधारी ने ताबड़तोड़ गोलियां बरसा कर 20 लोगों की जान ले ली है। खदान में काम करने वाले लोगों पर ताबड़तोड़ गोलियां बरसाई गईं। पाकिस्तान पुलिस ने इस घटना की जानकारी साझा की है। पुलिस की मानें तो हाथ में बंदूक लेकर खदान में घुसे एक शख्स ने धुंआधार फायरिंग शुरू कर दी। इस घटना में 20 मजदूरों की जान चली गई। वहीं 7 लोग गोली लगने के कारण बुरी तरह से घायल हैं।

यह हमला पाकिस्तान के बलूचिस्तान प्रांत में हुआ है। SCO सम्मेलन से ठीक पहले हुए इस हमले से न सिर्फ पाकिस्तान बल्कि पूरी दुनिया में खलबली मच गई है। कुछ ही दिन में दुनिया के कई बड़े देशों के नेता पाकिस्तान में का रुख करने वाले हैं। ऐसे में बलूचिस्तान की खदान में हुए इस हमले ने हर तरफ हड़कंप मचा दिया है।

पुलिस ऑफिसर हिमांयु खान नासिर ने बताया कि गुरुवार की रात बलूचिस्तान के डंकी जिले में इस घटना को अंजाम दिया गया है। डंकी स्थित कोयले की खदान में एक बंदूकधारी आया और उसने सभी लोगों को एक-साथ खड़े होने का आदेश दिया। इसके बाद बंदूकधारी ने एक-एक करके सभी पर गोलियां बरसानी शुरू कर दी। इस घटना में 20 मजदूरों की मौके पर ही मौत हो गई। वहीं 7 मजदूर गोली लगने से घायल हैं।

पाकिस्तान पुलिस का कहना है कि मरने वालों में ज्यादातर मजदूर बलूचिस्तान के पश्तून समुदाय से थे। इसके अलावा मृतकों में 3 अफगानी भी शामिल हैं। वहीं घायल मजदूरों में भी 4 मजदूर अफगानिस्तान के हैं।

पाकिस्तान में यह हमला शंघाई कॉपरेशन ऑर्गेनाइजेशन (SCO) से ठीक पहले हुआ है। आगामी 16-17 अक्टूबर को पाकिस्तान की राजधानी इस्लामाबाद में यह सम्मलेन आयोजित होना है। भारतीय विदेश मंत्री एस.जयशंकर भी इस सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए 15 अक्टूबर को पाकिस्तान जाएंगे। 9 सालों में भारतीय विदेश मंत्री की यह पहली पाकिस्तान यात्रा होगी। इससे पहले दिसंबर 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री सुषमा स्वराज पाकिस्तान गई थीं।

ANI की रिपोर्ट के अनुसार SCO समिट को लेकर इस्लामाबाद में सुरक्षा के पुख्ता इंतजाम किए गए हैं। पाकिस्तान आर्मी का बेस कहे जाने वाले रावलपिंडी को 12 अक्टूबर से 16 अक्टूबर तक बंद कर दिया गया है। इसके अलावा इस्लामाबाद के रेस्टोरेंट से लेकर वेडिंग हॉल्स, कैफे और क्लब भी 5 दिनों के लिए बंद रहेंगे।

भारत-पाक रिश्तों पर नहीं होगी बात” पाकिस्तान दौरे से पहले एस जयशंकर ने कर दिया साफ

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भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर नौ साल में पहली बार पाकिस्तान जाने वाले हैं। वो 15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में होने वाली SCO (शंघाई सहयोग संगठन) की बैठक में भारत का प्रतिनिधित्व करेंगे। शुक्रवार को विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल की तरफ से ये जानकारी दी गई है। अब पाकिस्तान दौरे से पहले विदेश मंत्री एस जयशंकर ने बड़ा बयान दिया है।

आगामी पाकिस्तान यात्रा पर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा, यह (यात्रा) एक बहुपक्षीय कार्यक्रम के लिए होगी। मैं वहां भारत-पाकिस्तान संबंधों पर चर्चा करने के लिए नहीं जा रहा हूं। एससीओ के अच्छे सदस्य के रूप में मैं वहां जा रहा हूं। आप जानते हैं कि मैं एक विनम्र और सभ्य व्यक्ति हूं, इसलिए मैं उसी के अनुसार व्यवहार करूंगा।

विदेश मंत्री जयशंकर ने कहा, मुझे पाकिस्तान जाना है एससीओ बैठक के लिए। पाकिस्तान में यह बैठक हो रही है। पाकिस्तान दौरे पर मीडिया का इंटरेस्ट होगा। मगर मैं साफ कह दूं कि इस दौरान कोई द्विपक्षीय वार्ता नहीं होगा।

विदेश मंत्रालय की तरफ से साफ कहा गया है कि विदेश मंत्री का ये दौरा एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए है और इसे शांति पहल के रूप में नहीं देखा जा सकता है। यह फैसला भारत की एससीओ के प्रति प्रतिबद्धता दिखाता है। एससीओ क्षेत्रीय सुरक्षा के लिए एक महत्वपूर्ण संगठन है। भारत एससीओ को बहुत गंभीरता से लेता है।

बता दें कि भारत और पाकिस्तान के बीच कश्मीर मुद्दे और सीमा पार आतंकवाद को लेकर संबंध ठंडे बने हुए हैं। भारत और पाकिस्तान के रिश्ते फ़रवरी 2019 से ही तनावपूर्ण हैं। हालांकि, भारत हमेशा से कहता आया है कि वह पाकिस्तान के साथ रिश्ते सुधारना चाहता है। लेकिन इसके लिए भारत ने यह भी साफ़ किया है कि पाकिस्तान को आतंकवाद और हिंसा पर लगाम लगानी होगी।

पाकिस्तान के दौरे पर जाएंगे विदेश मंत्री एस जयशंकर, SCO की बैठक में होंगे शामिल

#s_jaishankar_will_visit_pakistan_to_attend_the_sco_meet 

भारत और पाकिस्तान के बीच काफी लंबे समय से रिश्ते ठंडे पड़े हुए हैं। इस बीच एक बड़ी खबर सामने आई है। विदेश मंत्री एस जयशंकर अक्टूबर में पाकिस्तान जाएंगे। वे इस्लामाबाद में SCO (शंघाई सहयोग संगठन) के हेड्स ऑफ गवर्नमेंट (CHG) की बैठक में शामिल होंगे। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जायसवाल ने इसकी जानकारी दी।15-16 अक्टूबर को इस्लामाबाद में बैठक होगी। 2014 के बाद यह पहली बार होगा जब कोई भारतीय मंत्री पाकिस्तान जाएगा। पिछले 9 साल में पहली बार होगा जब भारत का कोई मंत्री पाकिस्तान जाएगा।

विदेश मंत्रालय की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जायसवाल से सवाल किया गया कि क्या जयशंकर की यात्रा भारत-पाकिस्तान के रिश्तों को सुधारने की कोशिश है। इस पर उन्होंने जवाब दिया कि भारत SCO चार्टर को लेकर प्रतिबद्ध है। विदेश मंत्री की यात्रा का यही कारण है। इसका कोई और मतलब नहीं निकाला जाना चाहिए।

दरअसल, पाकिस्तान ने 29 अगस्त को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को SCO मीटिंग के लिए न्योता दिया था। पाकिस्तान की विदेश विभाग की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलोच ने कहा था कि बैठक में भाग लेने के लिए सभी सदस्य देशों के प्रमुखों को निमंत्रण भेजा गया है।

पाकिस्तान से बातचीत की संभावनाओं को खारिज किया था

पाकिस्तान की तरफ से न्योता आने के बाद 30 अगस्त को जयशंकर दोनों देशों के रिश्ते पर बयान दिया था। जयशंकर ने पाकिस्तान के साथ बातचीत की संभावनाओं को खारिज कर दिया था। उन्होंने कहा था, 'पाकिस्तान से बातचीत करने का दौर अब खत्म हो चुका है। हर चीज का समय होता है, हर काम कभी ना कभी अपने अंजाम तक पहुंचता है।' जयशंकर ने आगे कहा था, 'जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है तो अब वहां आर्टिकल 370 खत्म हो गई है। यानी मुद्दा ही खत्म हो चुका है। अब हमें पाकिस्तान के साथ किसी रिश्ते पर क्यों विचार करना चाहिए।'

यूएन में पाक को लिया आड़े हाथ

वहीं, संयुक्त राष्ट्र महासभा में आतंकवाद को लेकर पाकिस्तान को आड़े हाथों लेने के कुछ दिन विदेश मंत्री एस जयशंकर की ये यात्रा हो रही है। 28 सितंबर को जयशंकर ने कहा था कि कई देश अपने कंट्रोल से परे परिस्थितियों के कारण पीछे छूट जाते हैं। मगर, कुछ देश जानबूझकर ऐसे फैसले लेते हैं, जिनके विनाशकारी परिणाम होते हैं। इसका उदाहरण हमारा पड़ोसी पाकिस्तान है।

पीएम मोदी को पाकिस्तान का आधिकारिक निमंत्रण, डिटेल में जानिए, आखिर क्या है पड़ोसी देश का प्लान





पाकिस्तान ने भारतीय प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को अक्टूबर के मध्य में इस्लामाबाद में होने वाली शंघाई सहयोग संगठन (SCO) की बैठक में भाग लेने के लिए आधिकारिक तौर पर निमंत्रण दिया है। साप्ताहिक प्रेस ब्रीफिंग के दौरान पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज ज़हरा बलूच ने पुष्टि की है कि प्रधानमंत्री मोदी सहित सदस्य देशों के नेताओं को निमंत्रण भेजा गया है। उन्होंने कहा कि कुछ देशों ने पहले ही अपनी भागीदारी की पुष्टि कर दी है, लेकिन किन देशों ने पुष्टि की है, इसका विवरण समय आने पर घोषित किया जाएगा। एससीओ शासनाध्यक्षों की बैठक 15-16 अक्टूबर को होने वाली है। इससे पहले, एससीओ सदस्य देशों के बीच वित्तीय, आर्थिक, सामाजिक-सांस्कृतिक और मानवीय सहयोग पर केंद्रित एक मंत्रिस्तरीय बैठक और वरिष्ठ अधिकारियों की कई दौर की बैठकें होंगी।

विश्लेषकों का सुझाव है कि भारत और पाकिस्तान के बीच मौजूदा तनावपूर्ण संबंधों को देखते हुए, इस आमंत्रण को स्वीकृति की अपेक्षा के बजाय कूटनीतिक प्रोटोकॉल के मामले के रूप में देखा जा सकता है। यह अनुमान लगाया जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी इसमें भाग लेने के लिए एक मंत्रिस्तरीय प्रतिनिधि को नियुक्त कर सकते हैं, क्योंकि पिछली एससीओ बैठकों में अक्सर भारत का प्रतिनिधित्व राष्ट्राध्यक्षों के बजाय मंत्रियों द्वारा किया जाता रहा है। प्रधानमंत्री मोदी इस साल 3-4 जुलाई को कजाकिस्तान में आयोजित एससीओ के 24वें वार्षिक शिखर सम्मेलन में शामिल नहीं हुए थे, जबकि भारत का प्रतिनिधित्व विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने अस्ताना में किया था।

राजनीतिक विश्लेषक कामरान यूसुफ सहित पाकिस्तानी विश्लेषकों ने प्रधानमंत्री मोदी की उपस्थिति के बारे में संदेह व्यक्त किया है, और इस निमंत्रण को राजनीतिक पैंतरेबाज़ी के बजाय एक मानक कूटनीतिक प्रक्रिया के रूप में देखा है। यूसुफ ने जोर देकर कहा कि हालांकि यह निमंत्रण एक औपचारिकता है, लेकिन यह संभावना नहीं है कि प्रधानमंत्री मोदी बैठक के लिए इस्लामाबाद की यात्रा करेंगे। पिछले साल एक पारस्परिक इशारे में, पाकिस्तान के तत्कालीन विदेश मंत्री बिलावल भुट्टो जरदारी ने एससीओ विदेश मंत्रियों की बैठक के लिए भारत का दौरा किया था।
एस जयशंकर ने चीन के विदेश मंत्री वांग यी से कजाकिस्तान में की मुलाकात, जानें क्या हुईं बातें

#s_jaishankar_and_wang_yi_meeting_in_kazakhstan 

भारतीय विदेश मंत्री एस जयशंकर अस्ताना में शंघाई सहयोग संगठन (SCO) शिखर सम्मेलन के दौरान अपने चीनी समकक्ष वांग यी से मुलाकात की। एस जयशंकर और चीन के विदेश मंत्री वांग यी ने कजाखिस्तान की राजधानी अस्ताना में बृहस्पतिवार को बातचीत की। भारत और चीन के मध्य पूर्वी लद्दाख में जारी सीमा विवाद के बीच, दोनों देशों के विदेश मंत्री ने विचारों का आदान प्रदान किया। माना जा रहा है कि दोनों नेताओं के बीच मुख्य बातचीत सीमा विवाद पर केन्द्रित थी।बता दें कि भारत और चीन के बीच जून 2020 की गलवान हिंसा के बाद तनाव जारी है। चीन लगातार वास्तविक नियंत्रण रेखा पर यथास्थिति को आक्रामक तरीके से बदलने की कोशिश करता रहता है। सीमा पर तनाव के बावजूद इस साल मार्च में भारत और चीन ने एलएसी के पश्चिमी क्षेत्र पर मुद्दों को हल करने के तरीकों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।

एस जयशंकर ने वांग यी से मुलाकात करने के बाद बताया कि हम दोनों के बीच बॉर्डर एरिया में बचे हुए मुद्दों के शीघ्र समाधान पर चर्चा हुई है। इस उद्देश्य के लिए कूटनीतिक और सैन्य माध्यमों से प्रयासों को दोगुना करने पर सहमति बनी है. उन्होंने आगे कहा कि एलएसी का सम्मान करना और सीमा क्षेत्रों में शांति सुनिश्चित करना जरूरी है।

एस जयशंकर एससीओ राष्ट्राध्यक्ष परिषद की 24वीं बैठक में भाग लेने के लिए कजाकिस्तान में भारतीय प्रतिनिधिमंडल का नेतृत्व कर रहे हैं। अस्ताना पहुंचने पर जयशंकर का कजाकिस्तान के उप विदेश मंत्री अलीबेक बकाये ने स्वागत किया। इसके अलावा बुधवार को वह अस्ताना में पुश्किन पार्क पहुंचे जहां उन्होंने भारतीय समुदाय के सदस्यों के साथ महात्मा गांधी की प्रतिमा पर श्रद्धांजलि अर्पित की। जयशंकर ने इस आयोजन के लिए कजाकिस्तान के उप प्रधानमंत्री को धन्यवाद दिया।

विदेश मंत्री एस. जयशंकर ने बुधवार को रूस के अपने समकक्ष सर्गेई लावरोव से मुलाकात की। इस दौरान उन्होंने युद्ध क्षेत्र में रूसी सेना के लिए लड़ रहे भारतीय नागरिकों का मुद्दा उठाया और उनकी सुरक्षित वापसी सुनिश्चित करने का अनुरोध किया। दोनों विदेश मंत्रियों के बीच यह मुलाकात प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से मुलाकात करने के लिए मॉस्को की प्रस्तावित यात्रा से पहले हुई है। अभी इस यात्रा की आधिकारिक घोषणा नहीं की गयी है लेकिन ऐसी जानकारी है कि मोदी अगले सप्ताह मॉस्को की यात्रा कर सकते हैं।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
# A five-member_ delegation_ including _the Ambassador of France _visited _the Garumara forest _in Duars, _Jalpaiguri



এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।

জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল ভ্রমণে ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত সহ পাঁচ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল
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এসবি নিউজ ব্যুরো: জলপাইগুড়ির ডুয়ার্সের জঙ্গলের যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতে ফ্রান্সের এক প্রতিনিধি দল ঘুরলেন জঙ্গলে। মঙ্গলবার ফ্রান্সের রাষ্ট্রদূত থিয়ারি ম্যাথিউয়ের নেতৃত্বে ৫ সদস্যের এক প্রতিনিধি দল গরুমারায় এসেছিলেন। তাঁরা জানান,ডুয়ার্সের গরুমারা জঙ্গল কীভাবে পরিচালিত হচ্ছে? জঙ্গলের বন ও বুনোরা কেমন আছে? বন দপ্তরের সঙ্গে জঙ্গল লাগোয়া এলাকার বাসিন্দাদের সম্পর্কই বা কেমন? এইসব যাবতীয় বিষয় খতিয়ে দেখতেই তাদের এই সফর।ফ্রান্সের এই প্রতিনিধি দল ডুয়ার্সের মূর্তি ও জলঢাকা নদী দেখার পাশাপাশি সেখানে থাকা কুনকিদের পর্যবেক্ষণ ও তাদের সারাদিনের বিভিন্ন কাজকর্ম সম্পর্কে বন দপ্তরের আধিকারিক ও মাহুতদের কাছ থেকে তথ্য সংগ্রহ করেন। ফ্রান্সের এই দলের সঙ্গে উত্তরবঙ্গ বন্যপ্রাণী বিভাগের বনপাল ভাস্কর জেভি, গরুমারা ও জলপাইগুড়ি বনবিভাগের দুই ডিএফও দ্বিজপ্রতীম সেন, বিকাশ ভি, গরুমারা সাউথ রেঞ্জের রেঞ্জার সুদীপ দে ছাড়াও বন দপ্তরের অন্যান্য আধিকারিকরা উপস্থিত ছিলেন। মেদলার পর, গরুমারা যাত্রা প্রসাদ নজর মিনার হয়ে এই প্রতিনিধি দলটি বিকেলে চলে আসে গরুমারার ধূপঝোরা এলিফ্যান্ট ক্যাম্পে। সেখানে বন দপ্তরের আধিকারিকরা এই প্রতিনিধি দলকে কুনকি হাতির পিঠে চাপিয়ে জঙ্গলের আনাচে-কানাচে ঘোরান। এখান থেকে ফিরে তাঁরা স্থানীয় আদিবাসী নৃত্যগোষ্ঠীর নৃত্যও উপভোগ করেন। সেইসাথে কথা বলেন জয়েন্ট ফরেস্ট ম্যানেজমেন্ট কমিটির সদস্যদের সঙ্গেও। ভবিষ্যতে গরুমারার উন্নয়নে তাঁরা সহযোগিতা করবেন বলে আশ্বাস দিয়েছেন বলে বনদপ্তর সূত্রে জানা গিয়েছে।