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अनुच्छेद 370 पर उमर अब्‍दुल्‍ला-कांग्रेस गठबंधन के साथ पाकिस्तान, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका देश जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस गठबंधन के रुख से सहमत है।जियो न्यूज पर बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A बहाल करने के लिए पाकिस्तान और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन एक साथ हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा पाकिस्तान में भी है। बुधवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बीच पाकिस्तान के एक टीवी कार्यक्रम में वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ शामिल हुए। इस दौरान एंकर ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल किया और कहा कि 'जम्मू कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए जब लागू किया गया था तो उस वक्त केंद्र में कांग्रेस क पंडित नेहरू और जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला सत्ता में थे। अब एक बार फिर दोनों साथ आए हैं और दोनों ने कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए लागू करने का वादा किया है।' इसे लेकर ख्वाजा आसिफ की प्रतिक्रिया मांगी गई। जिस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा और हम आर्टिकल 370 और 35ए पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों के रुख के साथ हैं।'

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में हैं। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस अनुच्छेद 370 को लेकर बिल्कुल चुप है। अपने घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र नहीं किया है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने से जुड़ी बात कही है। हालांकि कांग्रेस के साथ गठबंधन के साथी फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जोर-शोर से वादा कर रही है। इसे लेकर बीजेपी की ओर से लगातार कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा जा रहा है। अब, ख्वाजा आसिफ के इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर क बार फिर हमला बोला है।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा देशविरोधियों के साथ रही है। पाकिस्तान 370 पर कांग्रेस-एनसी के रुख का समर्थन कर रहा है। मालवीय ने कहा कि ऐसा कैसे कि पन्नू से लेकर पाकिस्तान तक, राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस, हमेशा भारत के हितों के प्रतिकूल लोगों के पक्ष में दिखाई देती है?

भारत ने क्यों जारी किया पाकिस्तान को नोटिस, क्या सिंधु जल संधि से लग हो रहे दोनों देश?

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भारत सरकार ने सिंधु जल संधि में बदलाव की मांग की है। भारत सरकार ने इस संबंध में पाकिस्तान को एक नोटिस भी भेजा है। इस नोटिस में कहा गया कि मौजूदा हालातों को देखते हुए सिंधु जल संधि को बरकरार रखना संभव नहीं। भारत ने इस सिंधु जल संधि में बदलाव किए जाने की भी बात कही है। यह समझौता दोनों देशों के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के बारे में है। भारत का कहना है कि इस समझौते के बाद से बहुत कुछ बदल गया है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 30 तारीख को भारत ने सिंधु जल समझौता की समीक्षा और संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को नोटिस दिया है। संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत, इसकी व्यवस्थाओं को समय-समय पर दोनों सरकारों के बीच बातचीत के जरिए संशोधित किया जा सकता है। भारत का कहना है कि जब यह समझौता हुआ था, तब की स्थिति अब नहीं है। देश की जनसंख्या बढ़ गई है, खेती के तरीके बदल गए हैं और हमें पानी का इस्तेमाल ऊर्जा बनाने के लिए भी करना है।

भारत ने कहा- संधि पर दोबारा से सोचने की जरूरत

भारत ने इस नोटिस में पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी आतंकवादी गतिविधियों का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान भारत की उदारता का अनुचित लाभ उठा रहा है, और ऐसे में इस संधि पर दोबारा से सोचने की जरूरत है।

सिंधु जल संधि क्या है?

सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक द्विपक्षीय समझौता है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 में कराची में हुई थी। इस संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। संधि के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। इस संधि के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के पानी का बंटवारा होता है। इन नदियों में व्यास, रावी, सतलज, झेलम, चिनाब और सिंधु नदियां शामिल हैं। इस समझौते के अनुसार पूर्वी क्षेत्रों की नदियों व्यास, रावी और सतलज कर नियंत्रण का अधिकार भारत को मिला। भारत इन नदियों से विद्युत निर्माण, सिंचाई और जल संसाधन से जुड़ी कई योजनाओं को संचालित कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर पश्चिमी क्षेत्रों की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम पर नियंत्रण के अधिकार पाकिस्तान को दिया गया। पाकिस्तान में इन्हीं नदियों के पानी से बिजली निर्माण और सिंचाई के काम किए जाते हैं। इस संधि के कारण भारत, पाकिस्तान को कुल जल का 80.52% यानी 167.2 अरब घन मीटर पानी सालाना देता है। यही कारण है कि यह दुनिया की सबसे उदार संधि कही जाती है।

पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है यह संधि?

इस संधि के टूटने से पाकिस्तान के एक बड़े भूभाग पर रेगिस्तान बनने का खतरा मंडराने लगेगा। इसके अलावा अगर इस संधि को तोड़ा जाता है तो पाकिस्तान पर बहुत बड़ा कूटनीतिक दबाव पड़ सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान में संचालित हो रही अरबों रुपये की विद्युत परियोजनाएं भी बंद होने की कगार पर आ जाएंगी और करोड़ों लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पाएगा।

विवाद किस बात को लेकर है?

सिंधु जल संधि में विवाद भारत की दो पनबिजली परियोजनाओं को लेकर है। दरअसल, सिंधु की सहायक नदियों पर बनने वाली 330 मेगावाट की किशनगंगा पनबिजली परियोजना का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था। इसी बीच 2013 में चिनाब पर बनने वाले रातले पनबिजली संयंत्र की आधारशिला रखी गई थी। पाकिस्तान ने इन दो परियोजनाओं का विरोध किया और कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है। किशनगंगा परियोजना को लेकर पाकिस्तान ने दावा किया कि इसके कारण पाकिस्तान में बहने वाले पानी रुकता है।

जयशंकर के बयान पर भड़का पाकिस्तान, कहा-कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है

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पाकिस्तान आए दिन कश्मीर के रास्ते भारत में आतंकियों को भेजता है और भारत में अशांति फैलाने का मंसूबा रखता है। हालांकि,भारत उसके हर नापाक मंसूबे पर पानी फेर देता है। एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है।पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल करना चाहिए। पाकिस्तान की ये प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के हाल के बयान के बाद आई है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के विवाद को एकतरफा तरीक से नहीं सुलझाया जा सकता है। यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित है। इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के अवाम की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अनसुलझे विवाद का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बलूच ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का वह दृढ़ता से जवाब देगा।

क्या बोले थे विदेश मंत्री

इससे पहले जयशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग समाप्त हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं, और जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है। आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में जाएं, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।

भारत ने पाकिस्तान से कई बार इस बात को दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।भारत ने इस बात को भी हमेशा दोहराया रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है।

Commerce graduate Social media influencer Isha Jaiswal leaves husband and child for 6th fail cyber fraud Mustak Alam.

Bihar Police arrests both of them for duping people of Rs 5 crore.

The accused duo were receiving a 10% commission for each fraud and they had even links to Pakistan.
India

Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

Canada's Parliament holds a moment of silence in the memory of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar on his death anniversary..
Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?
विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद एस जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को लेकर साफ किया रूख, जानें क्या होगा प्लान?*
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राजनयिक से नेता बने एस जयशंकर ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया। अपना पदभार संभालते ही उन्होंने विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार की योजनाओं के बारे में बात की।बतौर विदेश मंत्री कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने पत्रकारों के साथ बातचीत में विदेश मंत्रालय के विजन सामने रखा। इस दौरान चीन और पाकिस्तान को लेकर भी अगले पांच साल के रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का रुख साफ कर दिया है। नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार बोलते हुए जयशंकर ने कहा, ‘किसी भी देश में और खासकर लोकतंत्र में, लगातार तीन बार सरकार का चुना जाना बहुत बड़ी बात होती है। इसलिए दुनिया को निश्चित रूप से लगेगा कि आज भारत में काफी राजनीतिक स्थिरता है। भारत के लोग प्रधानमंत्री पर विश्वास करते हैं। दुनिया ने पिछले 10 साल में जो हमारा रिकार्ड देखा है, उससे दुनिया को लगेगा कि हम दुनिया के साथ अपने हित के साथ हम अपना योगदान भी रखेंगे।’ एस जयशंकर ने आगे कहा "जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे।" बता दें कि विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को साफगोई से पेश किया है। जयशंकर ने यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों की आलोचना की काट करने से लेकर चीन से निपटने के लिए एक दृढ़ नीति-दृष्टिकोण तैयार करने तक प्रधानमंत्री मोदी की पिछली सरकार में अच्छा काम करने वाले टॉप मंत्रियों में से एक के रूप में उभरे। उन्हें विदेश नीति के मामलों को खासकर भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान घरेलू पटल पर विमर्श के लिए लाने का श्रेय भी दिया जाता है। वर्तमान में जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं।जयशंकर ने (2015-18) तक भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत (2013-15), चीन में (2009-2013) और चेक गणराज्य में राजदूत (2000-2004) के रूप में कार्य किया है। वह सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त (2007-2009) भी रहे। जयशंकर ने मॉस्को, कोलंबो, बुडापेस्ट और टोक्यो के दूतावासों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में अन्य राजनयिक पदों पर भी काम किया है।
Pakistan test 2 - edited
Ahead of 4th June, Additional Advocate General (Govt lawyer) of Pakistan admits in Islamabad High Court that "POK is a foreign territory"GOVT LAWYER- Kashmiri Poet Ahmed Farhad cannot be presented before the Islamabad court because POK is not ours but a foreign territory.JUDGE - If POK is a foreign territory, then how did the Pakistani Rangers enter there from PakistanBIG confession of Pakistan. Big boost to India
पाकिस्तान को मोदी जैसे नेता की जरूरत, पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बड़ा बयान

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देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। बीजेपी को इस चुनाव में भी बंपर जीत का भरोसा है। बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। बीजेपी ही नहीं पाकिस्तान मूल के अमेरिकी कारोबारी ने भी दावा किया है कि भारत में चल रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिलेगी और फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। यही नहीं, साजिद तरार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जिन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है।

पीएम मोदी की जमकर की तारीफ

पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की है।बाल्टीमोर में रहने वाले पाकिस्तानी अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए अच्छे हैं बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी अच्छे हैं।साजिद तरार ने कहा कि मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा कोई नेता मिलेगा। तरार ने पीटीआई-भाषा से कहा, मोदी एक शानदार नेता हैं। वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मोदी जी पाकिस्तान के साथ संवाद और व्यापार शुरू करेंगे।

भविष्य में लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे-तरार

साजिद तरार ने कहा कि हर जगह यही कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, यह चमत्कार से कम नहीं है कि भारत में 97 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मैं वहां मोदी जी की लोकप्रियता देख रहा हूं और 2024 में भारत का शानदार उदय होते देख रहा हूं। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे।

पाकिस्तान के आर्थिक हालात का किया जिक्र

एक सवाल के जवाब में तरार ने कहा, पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसके चलते पीओके समेत देश के कई हिस्सों में सामाजिक तनाव भी हो रहा है। तरार ने कहा पाकिस्तान में महंगाई बहुत है। पेट्रोल के दाम उच्च स्तर पर हैं। बिजली भी महंगी हो गई है। हम निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, पीओके में मुख्यता महंगी बिजली को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इतना ही नहीं तरार ने कहा, जमीनी मुद्दों को हल नहीं किया जा रहा है. कैसे निर्यात बढ़ाया जाए? कैसे आतंकवाद पर कंट्रोल किया जाए और कानून व्यवस्था सुधारी जाए।

पीओके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-सभी दल भी गुलाम कश्मीर की वापसी के लिए प्रतिबद्ध

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारत में वापस आए। उन्होंने कहा है कि संसद में एक प्रस्ताव है, जिसमें देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, जो कि भारत का हिस्सा है, वो भारत में वापस आ जाए।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने धारा 370 को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं, लेकिन हमने उसे भी खत्म किया।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में बोलते हुए बुधवार एस जयशंकर ने 'विश्‍व बंधु भारत' विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखें। इस दौरान विदेश मंत्री ने 370 का जिक्र किया और कहा कि वर्षों से जो सवाल था उसका जवाब भी मिल गया। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र की मोदी सरकार ने 370 को खत्म कर दिया जबकि इसको लेकर लोगों ने अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं।लोगों ने यह मान लिया था कि 370 (अनुच्छेद) को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि जब हमने इसे हटा दिया तो लोगों को इसे स्वीकार करना होगा।जब हमने 370 को खत्म कर दिया, तो अब लोग समझते हैं कि पीओके भी महत्वपूर्ण है।

जयशंकर ने कहा कि आज देशवासियों के मन में गुलाम कश्मीर का मुद्दा भी आ गया है। यदि आपके विचारों में आ गया है तो बाकी चीजें निश्चित रूप से किसी न किसी बिंदु पर पूरी होंगी। इसी तरह से पीओके के बारे में मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि संसद में एक प्रस्ताव है और देश की हर राजनीतिक पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके जो भारत का हिस्सा है, वो भारत को वापस मिल जाए।

राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं ये बात

अभी हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एस जयशंकर ने कहा था कि पीओके इस देश का हिस्सा है, उस हिस्से पर हम किसी और का नियंत्रण स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जयशंकर के वाले बयान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोडेगा। उन्होंने आगे कहा था कि आज कश्मीर की तरक्की देखकर पीओके के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते है। ये दिखाता है कि पीओके पर हमारी सोच कहा तक है। भारत को इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी। जिस तरह कश्मीर में हालात बदल रहे हैं और आर्थिक प्रगति हो रही है, वहां जैसी शांति लौटी है, मुझे यकीन है कि एक दिन पीओके से भी भारत में विलय की मांग उठेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके में हमें किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं करना पडे़गा। वहां के लोग खुद भारत में विलय करेंगे।

क्या है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर?

दरअसल, साल 1947 में भारत जब आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान के रूप में इसके दो हिस्से हुए। तब जम्मू-कश्मीर का अस्तित्व एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर था। हालांकि, 1947 में पाकिस्तान ने अपने सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह कब्जा अभी तक कायम है। इसे भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहता है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अन्य इंटरनेशनल संगठन इसे पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर या पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के रूप में जानते हैं।

पाकिस्तान में वोटिंग जारी, मतदान के बीच मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद, इमरान ने जेल में डाला वोट

#pakistanelections2024

पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और चार प्रांतों के चुनाव के लिए वोटिंग की शुरुआत हो गई है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए सुबह 8.30 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। लोग शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। पाकिस्तान में 12.85 करोड़ वोटर्स नई सरकार चुनेंगे। इस चुनाव में 5121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं। आम चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आम चुनाव के मद्देनजर देश के कई शहरों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साढ़े छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। देर रात नतीजे आने की भी संभावना जताई गई है।

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं बंद

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं को बंद कर दी गईं हैं। मुल्क के आंतरिक मंत्रालय ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर देशभर में मोबाइल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

इमरान ने जेल में डाला वोट, बुशरा बीबी नहीं कर पाईं मतदान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेताओं ने आदियाला जेल में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है। डॉन अखबार ने सूत्रों के जरिए इसकी जानकारी दी है। पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने वाले नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं। हालांकि, बुशरा बीबी मतदान में भाग लेने में असमर्थ रही हैं, क्योंकि पोस्टल बैलेट प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार किया गया था।

पीटीआई के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।।

कितनी सीटों पर डाले जा रहे वोट?

बता दें पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से केवल 266 सीटों पर ही वोटिंग होती है। बहुमत का आंकड़ा 169 है। 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 61 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 45 सीटें, बलूचिस्तान में 16 सीटें और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं।

अनुच्छेद 370 पर उमर अब्‍दुल्‍ला-कांग्रेस गठबंधन के साथ पाकिस्तान, पाकिस्तानी रक्षा मंत्री का बड़ा बयान

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पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा है कि उनका देश जम्मू कश्मीर में अनुच्छेद 370 को लेकर कांग्रेस गठबंधन के रुख से सहमत है।जियो न्यूज पर बातचीत में पाकिस्तान के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ ने कहा कि जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद 370 और 35A बहाल करने के लिए पाकिस्तान और नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन एक साथ हैं।

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में होने वाले विधानसभा चुनाव की चर्चा पाकिस्तान में भी है। बुधवार को जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव के पहले चरण के लिए मतदान हुआ। मतदान के दौरान बड़ी संख्या में लोगों ने अपने मताधिकार का इस्तेमाल किया। इस बीच पाकिस्तान के एक टीवी कार्यक्रम में वहां के रक्षा मंत्री ख्वाजा आसिफ शामिल हुए। इस दौरान एंकर ने जम्मू कश्मीर विधानसभा चुनाव को लेकर सवाल किया और कहा कि 'जम्मू कश्मीर चुनाव में कांग्रेस और नेशनल कॉन्फ्रेंस साथ मिलकर चुनाव लड़ रही हैं। जम्मू कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए जब लागू किया गया था तो उस वक्त केंद्र में कांग्रेस क पंडित नेहरू और जम्मू कश्मीर में शेख अब्दुल्ला सत्ता में थे। अब एक बार फिर दोनों साथ आए हैं और दोनों ने कश्मीर में आर्टिकल 370 और 35ए लागू करने का वादा किया है।' इसे लेकर ख्वाजा आसिफ की प्रतिक्रिया मांगी गई। जिस पर ख्वाजा आसिफ ने कहा कि 'अगर ऐसा होता है तो बहुत अच्छा होगा और हम आर्टिकल 370 और 35ए पर कांग्रेस और उसके सहयोगियों के रुख के साथ हैं।'

बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 10 साल बाद हो रहे चुनाव में नेशनल कॉन्फ्रेंस-कांग्रेस गठबंधन में हैं। हालांकि इस चुनाव में कांग्रेस अनुच्छेद 370 को लेकर बिल्कुल चुप है। अपने घोषणा पत्र में भी इसका जिक्र नहीं किया है। कांग्रेस ने जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा दिलाने से जुड़ी बात कही है। हालांकि कांग्रेस के साथ गठबंधन के साथी फारूक अब्दुल्ला की नेशनल कॉन्फ्रेंस अनुच्छेद 370 की बहाली और जम्मू-कश्मीर को पूर्ण राज्य का दर्जा देने का जोर-शोर से वादा कर रही है। इसे लेकर बीजेपी की ओर से लगातार कांग्रेस गठबंधन पर निशाना साधा जा रहा है। अब, ख्वाजा आसिफ के इस बयान के बाद बीजेपी ने कांग्रेस पर क बार फिर हमला बोला है।

बीजेपी आईटी सेल के प्रमुख अमित मालवीय ने कहा है कि कांग्रेस हमेशा देशविरोधियों के साथ रही है। पाकिस्तान 370 पर कांग्रेस-एनसी के रुख का समर्थन कर रहा है। मालवीय ने कहा कि ऐसा कैसे कि पन्नू से लेकर पाकिस्तान तक, राहुल गांधी और उनकी कांग्रेस, हमेशा भारत के हितों के प्रतिकूल लोगों के पक्ष में दिखाई देती है?

भारत ने क्यों जारी किया पाकिस्तान को नोटिस, क्या सिंधु जल संधि से लग हो रहे दोनों देश?

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भारत सरकार ने सिंधु जल संधि में बदलाव की मांग की है। भारत सरकार ने इस संबंध में पाकिस्तान को एक नोटिस भी भेजा है। इस नोटिस में कहा गया कि मौजूदा हालातों को देखते हुए सिंधु जल संधि को बरकरार रखना संभव नहीं। भारत ने इस सिंधु जल संधि में बदलाव किए जाने की भी बात कही है। यह समझौता दोनों देशों के बीच नदियों के पानी के बंटवारे के बारे में है। भारत का कहना है कि इस समझौते के बाद से बहुत कुछ बदल गया है, इसलिए इसमें बदलाव की जरूरत है।

हिंदुस्तान टाइम्स की रिपोर्ट के मुताबिक पिछले महीने 30 तारीख को भारत ने सिंधु जल समझौता की समीक्षा और संशोधन की मांग करते हुए पाकिस्तान को नोटिस दिया है। संधि के अनुच्छेद XII (3) के तहत, इसकी व्यवस्थाओं को समय-समय पर दोनों सरकारों के बीच बातचीत के जरिए संशोधित किया जा सकता है। भारत का कहना है कि जब यह समझौता हुआ था, तब की स्थिति अब नहीं है। देश की जनसंख्या बढ़ गई है, खेती के तरीके बदल गए हैं और हमें पानी का इस्तेमाल ऊर्जा बनाने के लिए भी करना है।

भारत ने कहा- संधि पर दोबारा से सोचने की जरूरत

भारत ने इस नोटिस में पाकिस्तान की ओर से लगातार जारी आतंकवादी गतिविधियों का भी जिक्र किया और कहा कि पाकिस्तान भारत की उदारता का अनुचित लाभ उठा रहा है, और ऐसे में इस संधि पर दोबारा से सोचने की जरूरत है।

सिंधु जल संधि क्या है?

सिंधु जल संधि भारत और पाकिस्तान के बीच हुआ एक द्विपक्षीय समझौता है। यह संधि भारत और पाकिस्तान के बीच 19 सितंबर 1960 में कराची में हुई थी। इस संधि पर तत्कालीन प्रधानमंत्री जवाहर लाल नेहरू और पाकिस्तान के तत्कालीन राष्ट्रपति जनरल अयूब खान ने हस्ताक्षर किए थे। संधि के लिए भारत और पाकिस्तान के बीच विश्व बैंक ने मध्यस्थ की भूमिका निभाई थी। इस संधि के अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच छह नदियों के पानी का बंटवारा होता है। इन नदियों में व्यास, रावी, सतलज, झेलम, चिनाब और सिंधु नदियां शामिल हैं। इस समझौते के अनुसार पूर्वी क्षेत्रों की नदियों व्यास, रावी और सतलज कर नियंत्रण का अधिकार भारत को मिला। भारत इन नदियों से विद्युत निर्माण, सिंचाई और जल संसाधन से जुड़ी कई योजनाओं को संचालित कर रहा है। वहीं, दूसरी ओर पश्चिमी क्षेत्रों की नदियों सिंधु, चिनाब और झेलम पर नियंत्रण के अधिकार पाकिस्तान को दिया गया। पाकिस्तान में इन्हीं नदियों के पानी से बिजली निर्माण और सिंचाई के काम किए जाते हैं। इस संधि के कारण भारत, पाकिस्तान को कुल जल का 80.52% यानी 167.2 अरब घन मीटर पानी सालाना देता है। यही कारण है कि यह दुनिया की सबसे उदार संधि कही जाती है।

पाकिस्तान के लिए क्यों अहम है यह संधि?

इस संधि के टूटने से पाकिस्तान के एक बड़े भूभाग पर रेगिस्तान बनने का खतरा मंडराने लगेगा। इसके अलावा अगर इस संधि को तोड़ा जाता है तो पाकिस्तान पर बहुत बड़ा कूटनीतिक दबाव पड़ सकता है। इसके साथ ही पाकिस्तान में संचालित हो रही अरबों रुपये की विद्युत परियोजनाएं भी बंद होने की कगार पर आ जाएंगी और करोड़ों लोगों को पीने का पानी भी नहीं मिल पाएगा।

विवाद किस बात को लेकर है?

सिंधु जल संधि में विवाद भारत की दो पनबिजली परियोजनाओं को लेकर है। दरअसल, सिंधु की सहायक नदियों पर बनने वाली 330 मेगावाट की किशनगंगा पनबिजली परियोजना का निर्माण 2007 में शुरू हुआ था। इसी बीच 2013 में चिनाब पर बनने वाले रातले पनबिजली संयंत्र की आधारशिला रखी गई थी। पाकिस्तान ने इन दो परियोजनाओं का विरोध किया और कहा कि भारत ने सिंधु जल संधि का उल्लंघन किया है। किशनगंगा परियोजना को लेकर पाकिस्तान ने दावा किया कि इसके कारण पाकिस्तान में बहने वाले पानी रुकता है।

जयशंकर के बयान पर भड़का पाकिस्तान, कहा-कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय मुद्दा है

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पाकिस्तान आए दिन कश्मीर के रास्ते भारत में आतंकियों को भेजता है और भारत में अशांति फैलाने का मंसूबा रखता है। हालांकि,भारत उसके हर नापाक मंसूबे पर पानी फेर देता है। एक बार फिर पाकिस्तान ने भारत के खिलाफ जहर उगला है।पाकिस्तान के विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने कहा कि कश्मीर विवाद अंतरराष्ट्रीय स्तर पर मान्यता प्राप्त है और इसे संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीरी लोगों की इच्छाओं के अनुसार हल करना चाहिए। पाकिस्तान की ये प्रतिक्रिया भारत के विदेश मंत्री डॉक्टर एस जयशंकर के हाल के बयान के बाद आई है।

पाकिस्तान विदेश कार्यालय की प्रवक्ता मुमताज जहरा बलूच ने रविवार को कहा कि जम्मू-कश्मीर के विवाद को एकतरफा तरीक से नहीं सुलझाया जा सकता है। यह मुद्दा अंतरराष्ट्रीय स्तर पर विवादित है। इसे सुरक्षा परिषद के प्रस्तावों और कश्मीर के अवाम की इच्छाओं के मुताबिक हल किया जाना चाहिए। उन्होंने कहा कि इस अनसुलझे विवाद का समाधान दक्षिण एशिया में शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण है। बलूच ने कहा कि पाकिस्तान कूटनीति और बातचीत के लिए प्रतिबद्ध है लेकिन किसी भी शत्रुतापूर्ण कार्रवाई का वह दृढ़ता से जवाब देगा।

क्या बोले थे विदेश मंत्री

इससे पहले जयशंकर ने शुक्रवार को कहा था कि पाकिस्तान के साथ निर्बाध बातचीत का युग समाप्त हो गया है। कार्रवाई के परिणाम होते हैं, और जहां तक जम्मू-कश्मीर का सवाल है, मुझे लगता है कि अनुच्छेद 370 समाप्त हो गया है। आज मुद्दा यह है कि हम पाकिस्तान के साथ किस तरह के रिश्ते पर विचार कर सकते हैं। मैं यह कहना चाहता हूं कि हम निष्क्रिय नहीं हैं और चाहे घटनाएं सकारात्मक या नकारात्मक दिशा में जाएं, हम किसी भी तरह से प्रतिक्रिया करेंगे।

भारत ने पाकिस्तान से कई बार इस बात को दोहराया है कि जम्मू-कश्मीर और लद्दाख भारत का अभिन्न अंग था, है और हमेशा रहेगा।भारत ने इस बात को भी हमेशा दोहराया रहा है कि वह पाकिस्तान के साथ आतंक, शत्रुता और हिंसा मुक्त वातावरण में सामान्य पड़ोसी संबंधों की इच्छा रखता है।

Commerce graduate Social media influencer Isha Jaiswal leaves husband and child for 6th fail cyber fraud Mustak Alam.

Bihar Police arrests both of them for duping people of Rs 5 crore.

The accused duo were receiving a 10% commission for each fraud and they had even links to Pakistan.
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Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?

Canada's Parliament holds a moment of silence in the memory of Khalistani terrorist Hardeep Singh Nijjar on his death anniversary..
Even Pakistan hesitates from doing such activities openly but Canada... Is it officially a terr0rist country?
विदेश मंत्री का पद संभालने के बाद एस जयशंकर ने चीन-पाकिस्तान को लेकर साफ किया रूख, जानें क्या होगा प्लान?*
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राजनयिक से नेता बने एस जयशंकर ने मंगलवार को लगातार दूसरे कार्यकाल के लिए विदेश मंत्री के रूप में पदभार संभाल लिया। अपना पदभार संभालते ही उन्होंने विदेश नीति के मोर्चे पर सरकार की योजनाओं के बारे में बात की।बतौर विदेश मंत्री कार्यभार संभालने के बाद एस जयशंकर ने पत्रकारों के साथ बातचीत में विदेश मंत्रालय के विजन सामने रखा। इस दौरान चीन और पाकिस्तान को लेकर भी अगले पांच साल के रिश्तों पर विदेश मंत्री जयशंकर ने भारत का रुख साफ कर दिया है। नरेंद्र मोदी सरकार 3.0 में विदेश मंत्री का पदभार संभालने के बाद पहली बार बोलते हुए जयशंकर ने कहा, ‘किसी भी देश में और खासकर लोकतंत्र में, लगातार तीन बार सरकार का चुना जाना बहुत बड़ी बात होती है। इसलिए दुनिया को निश्चित रूप से लगेगा कि आज भारत में काफी राजनीतिक स्थिरता है। भारत के लोग प्रधानमंत्री पर विश्वास करते हैं। दुनिया ने पिछले 10 साल में जो हमारा रिकार्ड देखा है, उससे दुनिया को लगेगा कि हम दुनिया के साथ अपने हित के साथ हम अपना योगदान भी रखेंगे।’ एस जयशंकर ने आगे कहा "जहां तक चीन और पाकिस्तान की बात है, इन देशों के साथ भारत के रिश्ते थोड़े अलग हैं। इस वजह से समस्याएं भी अलग हैं। चीन के संबंध में हमारा ध्यान सीमा मुद्दों का समाधान खोजने पर होगा और पाकिस्तान के साथ हम वर्षों पुराने सीमा पार आतंकवाद के मुद्दे का समाधान खोजना चाहेंगे।" बता दें कि विदेश मंत्री के रूप में वर्ष 2019 से कार्यभार संभालने वाले जयशंकर ने वैश्विक मंच पर कई जटिल मुद्दों को लेकर भारत के रुख को साफगोई से पेश किया है। जयशंकर ने यूक्रेन में युद्ध के मद्देनजर रूस से कच्चे तेल की खरीद पर पश्चिमी देशों की आलोचना की काट करने से लेकर चीन से निपटने के लिए एक दृढ़ नीति-दृष्टिकोण तैयार करने तक प्रधानमंत्री मोदी की पिछली सरकार में अच्छा काम करने वाले टॉप मंत्रियों में से एक के रूप में उभरे। उन्हें विदेश नीति के मामलों को खासकर भारत की जी-20 की अध्यक्षता के दौरान घरेलू पटल पर विमर्श के लिए लाने का श्रेय भी दिया जाता है। वर्तमान में जयशंकर गुजरात से राज्यसभा के सदस्य हैं।जयशंकर ने (2015-18) तक भारत के विदेश सचिव, अमेरिका में राजदूत (2013-15), चीन में (2009-2013) और चेक गणराज्य में राजदूत (2000-2004) के रूप में कार्य किया है। वह सिंगापुर में भारत के उच्चायुक्त (2007-2009) भी रहे। जयशंकर ने मॉस्को, कोलंबो, बुडापेस्ट और टोक्यो के दूतावासों के साथ-साथ विदेश मंत्रालय और राष्ट्रपति सचिवालय में अन्य राजनयिक पदों पर भी काम किया है।
Pakistan test 2 - edited
Ahead of 4th June, Additional Advocate General (Govt lawyer) of Pakistan admits in Islamabad High Court that "POK is a foreign territory"GOVT LAWYER- Kashmiri Poet Ahmed Farhad cannot be presented before the Islamabad court because POK is not ours but a foreign territory.JUDGE - If POK is a foreign territory, then how did the Pakistani Rangers enter there from PakistanBIG confession of Pakistan. Big boost to India
पाकिस्तान को मोदी जैसे नेता की जरूरत, पाकिस्‍तानी अमेरिकी अरबपति साजिद तरार का बड़ा बयान

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देश में लोकसभा चुनाव चल रहे हैं। बीजेपी को इस चुनाव में भी बंपर जीत का भरोसा है। बीजेपी पूरी तरह से आश्वस्त है कि नरेन्द्र मोदी तीसरी बार प्रधानमंत्री बनने वाले हैं। बीजेपी ही नहीं पाकिस्तान मूल के अमेरिकी कारोबारी ने भी दावा किया है कि भारत में चल रहे चुनाव में लगातार तीसरी बार भारतीय जनता पार्टी को जीत मिलेगी और फिर से नरेंद्र मोदी देश के प्रधानमंत्री बनेंगे। यही नहीं, साजिद तरार ने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी एक मजबूत नेता हैं जिन्होंने भारत को नई ऊंचाइयों पर पहुंचाया है और मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है।

पीएम मोदी की जमकर की तारीफ

पाकिस्तानी मूल के बिजनेसमैन ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की लीडरशिप की जमकर तारीफ की है।बाल्टीमोर में रहने वाले पाकिस्तानी अमेरिकी कारोबारी साजिद तरार ने कहा कि मोदी न केवल भारत के लिए अच्छे हैं बल्कि क्षेत्र और दुनिया के लिए भी अच्छे हैं।साजिद तरार ने कहा कि मोदी जैसे नेता की पाकिस्तान को भी जरूरत है। उन्होंने उम्मीद जताई कि पाकिस्तान को भी उनके जैसा कोई नेता मिलेगा। तरार ने पीटीआई-भाषा से कहा, मोदी एक शानदार नेता हैं। वह ऐसे प्रधानमंत्री हैं जिन्होंने विपरीत परिस्थितियों में पाकिस्तान का दौरा किया। मैं उम्मीद कर रहा हूं कि मोदी जी पाकिस्तान के साथ संवाद और व्यापार शुरू करेंगे।

भविष्य में लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे-तरार

साजिद तरार ने कहा कि हर जगह यही कहा जा रहा है कि नरेंद्र मोदी भारत के अगले प्रधानमंत्री बनेंगे। उन्होंने कहा, यह चमत्कार से कम नहीं है कि भारत में 97 करोड़ लोग अपने मताधिकार का प्रयोग कर रहे हैं। भारत सबसे बड़ा लोकतंत्र है। मैं वहां मोदी जी की लोकप्रियता देख रहा हूं और 2024 में भारत का शानदार उदय होते देख रहा हूं। आप भविष्य में देखेंगे कि लोग भारतीय लोकतंत्र से सीखेंगे।

पाकिस्तान के आर्थिक हालात का किया जिक्र

एक सवाल के जवाब में तरार ने कहा, पाकिस्तान इस समय आर्थिक संकट से जूझ रहा है, इसके चलते पीओके समेत देश के कई हिस्सों में सामाजिक तनाव भी हो रहा है। तरार ने कहा पाकिस्तान में महंगाई बहुत है। पेट्रोल के दाम उच्च स्तर पर हैं। बिजली भी महंगी हो गई है। हम निर्यात नहीं कर पा रहे हैं। उन्होंने कहा, पीओके में मुख्यता महंगी बिजली को लेकर प्रदर्शन हो रहे हैं। इतना ही नहीं तरार ने कहा, जमीनी मुद्दों को हल नहीं किया जा रहा है. कैसे निर्यात बढ़ाया जाए? कैसे आतंकवाद पर कंट्रोल किया जाए और कानून व्यवस्था सुधारी जाए।

पीओके पर विदेश मंत्री एस जयशंकर का बड़ा बयान, बोले-सभी दल भी गुलाम कश्मीर की वापसी के लिए प्रतिबद्ध

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विदेश मंत्री डॉ. एस. जयशंकर ने पाकिस्तान के कब्जे वाले कश्मीर पीओके को लेकर एक बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि पाकिस्तान के कब्जे वाला कश्मीर भारत का हिस्सा है और भारत में वापस आए। उन्होंने कहा है कि संसद में एक प्रस्ताव है, जिसमें देश का हर राजनीतिक दल यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके, जो कि भारत का हिस्सा है, वो भारत में वापस आ जाए।इस दौरान उन्होंने यह भी कहा कि लोगों ने धारा 370 को लेकर भी अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं, लेकिन हमने उसे भी खत्म किया।

दिल्ली विश्‍वविद्यालय के गार्गी कॉलेज में बोलते हुए बुधवार एस जयशंकर ने 'विश्‍व बंधु भारत' विषय पर चर्चा के दौरान अपने विचार रखें। इस दौरान विदेश मंत्री ने 370 का जिक्र किया और कहा कि वर्षों से जो सवाल था उसका जवाब भी मिल गया। उन्होंने बताया कि कैसे केंद्र की मोदी सरकार ने 370 को खत्म कर दिया जबकि इसको लेकर लोगों ने अलग-अलग धारणाएं बना रखी थीं।लोगों ने यह मान लिया था कि 370 (अनुच्छेद) को नहीं बदला जा सकता है। हालांकि जब हमने इसे हटा दिया तो लोगों को इसे स्वीकार करना होगा।जब हमने 370 को खत्म कर दिया, तो अब लोग समझते हैं कि पीओके भी महत्वपूर्ण है।

जयशंकर ने कहा कि आज देशवासियों के मन में गुलाम कश्मीर का मुद्दा भी आ गया है। यदि आपके विचारों में आ गया है तो बाकी चीजें निश्चित रूप से किसी न किसी बिंदु पर पूरी होंगी। इसी तरह से पीओके के बारे में मैं बस इतना ही कह सकता हूं कि संसद में एक प्रस्ताव है और देश की हर राजनीतिक पार्टी यह सुनिश्चित करने के लिए प्रतिबद्ध है कि पीओके जो भारत का हिस्सा है, वो भारत को वापस मिल जाए।

राजनाथ सिंह भी कह चुके हैं ये बात

अभी हाल ही में दिए एक इंटरव्यू में एस जयशंकर ने कहा था कि पीओके इस देश का हिस्सा है, उस हिस्से पर हम किसी और का नियंत्रण स्वीकार नहीं कर सकते हैं। जयशंकर के वाले बयान को रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी दोहराया था। राजनाथ सिंह ने कहा था कि भारत पीओके पर अपना दावा कभी नहीं छोडेगा। उन्होंने आगे कहा था कि आज कश्मीर की तरक्की देखकर पीओके के लोग खुद को भारत का हिस्सा मानते है। ये दिखाता है कि पीओके पर हमारी सोच कहा तक है। भारत को इसके लिए कुछ करने की जरूरत नहीं पडेगी। जिस तरह कश्मीर में हालात बदल रहे हैं और आर्थिक प्रगति हो रही है, वहां जैसी शांति लौटी है, मुझे यकीन है कि एक दिन पीओके से भी भारत में विलय की मांग उठेगी। राजनाथ सिंह ने कहा कि पीओके में हमें किसी भी प्रकार का बल प्रयोग नहीं करना पडे़गा। वहां के लोग खुद भारत में विलय करेंगे।

क्या है पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर?

दरअसल, साल 1947 में भारत जब आजाद हुआ और भारत-पाकिस्तान के रूप में इसके दो हिस्से हुए। तब जम्मू-कश्मीर का अस्तित्व एक स्वतंत्र रियासत के तौर पर था। हालांकि, 1947 में पाकिस्तान ने अपने सीमा से सटे जम्मू-कश्मीर के क्षेत्रों पर जबरन कब्जा कर लिया। यह कब्जा अभी तक कायम है। इसे भारत पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर कहता है। वहीं, संयुक्त राष्ट्र और अन्य इंटरनेशनल संगठन इसे पाकिस्तान नियंत्रित कश्मीर या पाकिस्तान प्रशासित कश्मीर के रूप में जानते हैं।

पाकिस्तान में वोटिंग जारी, मतदान के बीच मोबाइल-इंटरनेट सेवाएं बंद, इमरान ने जेल में डाला वोट

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पाकिस्तान में नेशनल असेंबली और चार प्रांतों के चुनाव के लिए वोटिंग की शुरुआत हो गई है। पाकिस्तान में आम चुनाव के लिए सुबह 8.30 बजे से वोटिंग शुरू हो गई है। लोग शाम 5 बजे तक अपने मताधिकार का इस्तेमाल कर पाएंगे। पाकिस्तान में 12.85 करोड़ वोटर्स नई सरकार चुनेंगे। इस चुनाव में 5121 उम्मीदवार अपनी किस्मत आजमा रहे हैं। इनमें से 4,806 पुरुष, 312 महिलाएं और दो ट्रांसजेंडर उम्मीदवार हैं। आम चुनाव के लिए सुरक्षा के कड़े इंतजाम किए गए हैं। आम चुनाव के मद्देनजर देश के कई शहरों में मोबाइल-इंटरनेट सेवा को बंद कर दिया है। साढ़े छह लाख सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है। देर रात नतीजे आने की भी संभावना जताई गई है।

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं बंद

पाकिस्तान में मोबाइल सेवाएं को बंद कर दी गईं हैं। मुल्क के आंतरिक मंत्रालय ने बिगड़ती सुरक्षा स्थिति के मद्देनजर देशभर में मोबाइल सेवाओं को अस्थायी रूप से निलंबित कर दिया है।

इमरान ने जेल में डाला वोट, बुशरा बीबी नहीं कर पाईं मतदान

पाकिस्तान के पूर्व प्रधानमंत्री इमरान खान और अन्य राजनीतिक नेताओं ने आदियाला जेल में पोस्टल बैलेट के जरिए वोट डाला है। डॉन अखबार ने सूत्रों के जरिए इसकी जानकारी दी है। पोस्टल बैलेट के जरिए मतदान करने वाले नेताओं में पूर्व विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी, पंजाब के पूर्व मुख्यमंत्री चौधरी परवेज इलाही, अवामी मुस्लिम लीग के प्रमुख शेख राशिद और पूर्व सूचना मंत्री फवाद चौधरी शामिल हैं। हालांकि, बुशरा बीबी मतदान में भाग लेने में असमर्थ रही हैं, क्योंकि पोस्टल बैलेट प्रक्रिया पूरी होने के बाद उन्हें दोषी ठहराया गया और गिरफ्तार किया गया था।

पीटीआई के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे

इमरान खान की पाकिस्तान तहरीक-ए-इंसाफ (पीटीआई) के उम्मीदवार निर्दलीय के रूप से चुनाव लड़ रहे हैं, क्योंकि सुप्रीम कोर्ट ने उनकी पार्टी को उसके चुनाव चिह्न क्रिकेट ‘बल्ला’ से वंचित करने संबंधी निर्वाचन आयोग के फैसले को बरकरार रखा है।।

कितनी सीटों पर डाले जा रहे वोट?

बता दें पाकिस्तान नेशनल असेंबली में कुल 336 सीटें हैं, जिनमें से केवल 266 सीटों पर ही वोटिंग होती है। बहुमत का आंकड़ा 169 है। 60 सीटें महिलाओं और 10 सीटें गैर-मुस्लिमों के लिए आरक्षित होती हैं। पंजाब प्रांत में सबसे ज्यादा 141 सीटें, सिंध में 61 सीटें, खैबर पख्तूनख्वा में 45 सीटें, बलूचिस्तान में 16 सीटें और इस्लामाबाद में तीन सीटें हैं।