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बलिया:आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीटा:बीएसए मनीष कुमार सिंह ने दिए जांच के आदेश

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">संजीव सिंह बलिया|शिक्षा क्षेत्र रेवती में पड़ने वाले कंपोजिट विद्यालय रेवती (वार्ड नंबर 8) है, जहां आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीट दिया। शिक्षक की पिटाई से छात्र के हाथ और पीठ पर गंभीर चोटें आई है। इससे छात्र न सिर्फ सदमे, बल्कि बहवास स्थिति में है।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">छात्र का एक वीडियो भी सामने आया है। वायरल वीडियो में छात्र डरा सहमा दिख रहा है। वह बता रहा है कि बर्फ खरीदने गया था, लौटा तो सर जी ने उसे डंडे से मारा। छात्र पीटने वाले सर का नाम भी बता रहा है। वायरल वीडियो में छात्र के शरीर पर छड़ी के चोट से बने निशान भी दिख रहा है। वहीं, वीडियो का संज्ञान बीएसए मनीष कुमार सिंह ने लिया है। बीएसए ने कहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट मिलते ही सम्बंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

Keynes Technology का छत्तीसगढ़ में निवेश प्रस्ताव, IT और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में दिखी उत्सुकता

बेंगलुरु-  छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए Keynes Technology के प्रमुख राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश की योजना प्रस्तुत की। कंपनी उन्नत तकनीक, डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर काम करती है। राजेश शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सरकार की नई औद्योगिक नीति और अनुकूल वातावरण के कारण राज्य में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने यहां नवाचार (Innovation) और स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने Keynes Technology के इस प्रस्ताव का स्वागत किया और राज्य में नई तकनीकी इकाइयों को स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया। इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को नई नौकरियों और आधुनिक तकनीक सीखने के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य तकनीकी क्षेत्र में एक नया केंद्र बन सकेगा।

क्या बांग्लादेश में फिर होने वाला है तख्तापलट? जानें क्यों उठ रहे ऐसे सवाल

#willtherebeanothercoupinbangladesh

बांग्लादेश में तख्तापलट की अफवाहों का बोलबाला है।पड़ोसी देश में सेना की बैठकों की रिपोर्ट ने इन अटकलों को और पुख्ता कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि आर्मी मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का तख्तापलट कर शासन की बागडोर अपने हाथ में ले सकती है। चर्चा इस बात की भी है कि सेना प्रमुख वकार उज जमान ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक भी की है।ऐसा भी दावा किया गया था कि सेना ने ढाका समेत कई शहरों में सैनिकों को तैनात किया है और उन्होंने सड़कों पर बंकर बनाकर पोजिशन ले ली है।

देश के मौजूदा हालातों के चलते सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमन सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बैठक बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में 5 लें.जनरल रैंक के अधिकारी, 8 मेजर जनरल और कई इंडीपेंडेंट ब्रिगेड के कमांडिग अफसर शामिल थे। इस बैठक में अंदहरूनी सुरक्षा हालातों की समीक्षा की। रिपोर्ट के मुताबित बांग्लादेश में आने वाले दिनों में बड़े आतंकी हमलों की आशंका जताई जा रहा है।इसे लेकर अलर्ट रहने को कहा गया है।

हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने देश में तख्तापलट की खबरों को अफवाह बताया। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है और झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।

मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए कहा, लोगों को गुमराह करने के लिए एक के बाद एक झूठी जानकारी फैलाई जा रही है ताकि देश में अस्थिरता पैदा की जा सके। अफवाहें फैलाने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। एक तस्वीर को दूसरी तस्वीर से जोड़ा जा रहा है, एक घटना का फोटोकॉर्ड बनाया जा रहा है और दूसरे देशों की घटनाओं को इस देश की घटनाओं के रूप में पेश कर सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाई जा रही है।

सेना का तख्तापलट की आशंकाओं से इनकार

वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश सेना ने मंगलवार को उस मीडिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि सेना के शीर्ष अधिकारियों ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी। सेना ने इस खबर को झूठा और मनगढ़ंत बताया और इसे पत्रकारिता की गंभीर चूक बताया।

सेना ने कहा कि तख्तापलट की संभावना को लेकर किया गया दावा पूरी तरह से झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। बयान में आगे कहा गया कि यह पहली बार नहीं है जब संबंधित मीडिया संगठन ने बांग्लादेश सेना के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई हैं। इससे पहले भी इसी मीडिया समूह ने गलत जानकारी पर आधारित एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे बांग्लादेश सेना ने 11 मार्च को जारी एक बयान में खारिज किया था।

भारतीय मीडिया संगठन की कड़ी आलोचना

बांग्लादेश सेना ने भारतीय मीडिया संगठन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिना तथ्यों की जांच किए सनसनीखेज खबरें फैलाना गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता का उदाहरण है। सेना ने कहा कि ऐसी भ्रामक रिपोर्टों से दोनों देशों के लोगों के बीच अविश्वास और तनाव पैदा हो सकता है। बयान में साफ किया गया कि यह एक सामान्य बैठक थी, जिसे अनावश्यक रूप से गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया।

*মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বক্তৃতা দেবেন অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে, গর্বিত এবং উচ্ছ্বসিত বাংলার ছাত্র-ছাত্রীরা*

Khabar kolkata News Desk : পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের যুক্তরাজ্য সফর তাঁর সরকারের জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপক শিক্ষার্থীদের মধ্যে উন্মাদনা ও গর্বের সঞ্চার করেছে। ২৭শে মার্চ অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে 'সামাজিক উন্নয়ন শিশু ও নারীর ক্ষমতায়ন' বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন তিনি, এই ঐতিহাসিক মুহূর্তে উচ্ছ্বাসে মেতেছে বাংলার বিভিন্ন শিক্ষাপ্রতিষ্ঠানের ছাত্র-ছাত্রীরা।

এই প্রসঙ্গে নদিয়ার কৃষ্ণনগর মহিলা কলেজের ছাত্রীরা বলেছে, "তিনি কুইন মেরি ইউনিভার্সিটি এবং লন্ডন স্কুল অফ ইকোনমিকস থেকেও আমন্ত্রণ পেয়েছেন। এটি শুধু আমাদের জন্যই নয়, সারা দেশের জন্যও গর্বের বিষয়।"

গৌড়বঙ্গ বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রছাত্রীরাও তাঁদের শ্রদ্ধা ও কৃতজ্ঞতা জানিয়ে বলেছে, "দেশের অন্যতম উচ্চতম পর্যায়ের এক মহিলা নেত্রী আন্তর্জাতিক মঞ্চে শিশু ও নারী ক্ষমতায়নের বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন। আমরা তাঁকে শুভেচ্ছা জানাই। দিদির কাছ থেকে আমাদের শেখা উচিত, কীভাবে জীবনের নানা প্রতিকূলতা সত্ত্বেও সমাজ ও দেশের উন্নয়নের জন্য কাজ করে যেতে হয়।"

আলিপুরদুয়ার বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রীদেরও মুখে হাসি ও গর্ব। তারা বলেছে, "আমাদের সম্মানীয় মুখ্যমন্ত্রী যখন কন্যাশ্রী, যুবশ্রী এবং রূপশ্রী-সহ বিভিন্ন জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের কথা বিশ্বমঞ্চে তুলে ধরতে চলেছেন, তখন এটি আমাদের কাছে এক পরম গর্বের বিষয়। আমরা সবাই এই অনুষ্ঠানটি দেখার জন্য অধীর আগ্রহে অপেক্ষা করছি। শিক্ষক-শিক্ষিকা ও কর্মচারী সকলে মিলে অনুষ্ঠানটি শুনব।"

মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের উদ্যোগগুলি বাংলার বহু মহিলার জীবন বদলে দিয়েছে। দক্ষিণ দিনাজপুরের বাসিন্দা, দ্বিতীয় বর্ষের স্নাতক ছাত্রী সুপ্রিয়া টিগ্গা শেয়ার করেছেন, কীভাবে কন্যাশ্রী প্রকল্প তাঁর জীবন বদলে দিয়েছে। তিনি বলেন, "আমার বাবা একজন কৃষক, আর মা গৃহবধূ। আমাদের আর্থিক অবস্থা কখনই স্থিতিশীল ছিল না এবং আমার ভাই ও আমার পড়াশোনার খরচ চালানো বাবার পক্ষে কঠিন ছিল। কিন্তু মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কন্যাশ্রী প্রকল্পের জন্যই আমি আমার পড়াশোনা চালিয়ে যেতে পেরেছি। এই উদ্যোগ অসংখ্য মেয়েকে শিক্ষার সুযোগ দিয়ে স্বাবলম্বী করে তুলেছে। এই সুযোগ পাওয়ার জন্য আমি সত্যিই কৃতজ্ঞ।"

তৃণমূল কংগ্রেস লক্ষ্মীর ভাণ্ডার, কন্যাশ্রী, রূপশ্রী এবং অন্যান্য কল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপকদের কাহিনী শেয়ার করছে, যা সারা রাজ্যের মহিলা ও যুবতী মেয়েদের ক্ষমতায়ন করেছে, সুপ্রিয়া টিগ্গার কাহিনীও তারই অন্তর্ভুক্ত। কাল বিকেলে সোশ্যাল মিডিয়ায় তাদের বক্তব্য প্রকাশ করে, দল পোস্ট করেছে: "Smt. is set to deliver a keynote address on 'Social Development: Children & Women’s Empowerment' at Oxford University, London. The students of Bengal take pride in their beloved Didi and express their joy for this momentous occasion!"

उद्धव ठाकरे ने किया कुणाल कामरा का बचाव,बोले- जो गद्दार है वो गद्दार है, गाने में कोई कमी नहीं

#thackeraysayskunalkamranotsayanything_wrong

कॉमेडियन कुणाल कामरा की एकनाथ शिंदे के ऊपर टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में पक्ष-विपक्ष आपने सामने है। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन दलों के नेता कामरा के बयान से नाराजगी जताते हुए उनका विरोध कर रहे है। तो दूसरी ओर यूबीटी शिवसेना कुणाल कामरा के समर्थन में आ गई है। इस मुद्दे पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा का बचाव किया है। कुणाल कामरा के समर्थन में आए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है। जो गद्दार है वो गद्दार है। उसके गाने में कोई कमी नहीं है। जिनके खून में 'गद्दारी' है वह कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते।

कामरा को मिला उद्धव ठाकरे का साथ

उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा की टिप्पणी पर कहा कि गाने में कोई कमी नहीं है। जो गद्दार हैं, वो गद्दार हैं। ठाकरे ने आगे कहा मुझे नहीं लगता कि कुणाल ने कुछ गलत कहा। कुणाल ने व्यग्य नहीं सत्य कहा है। आज मैं कहूंगा जिसने चोरी की वो गद्दार है। कल जिसने तोड़फोड़ की वो शिवसैनिक ने नहीं बल्कि गद्दार सेना ने की है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए कहा, इन गद्दारों को कोशियारी या दूसरे नेताओं या उनके लोगों द्वारा किया जाने वाले अपमान नहीं दिखाई देता। स्टूडियो को जिसने नुकसान पहुंचाया, उससे वसूल करना चाहिए। नागपुर दंगे की सुपारी और औरंगज़ेब की कब्र की सुपारी किसने दी?

कामरा के बचाव में आए आदित्य ठाकरे

उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना-यूबीटी विधायक आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा के बयान पर उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा ने किसी का नाम नहीं लिया था, फिर भी एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने उसे देशद्रोही और चोर क्यों कहा? साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यह निर्णय कब लिया गया कि कुणाल कामरा देशद्रोही और चोर हैं? आदित्य ने यह भी कहा कि जब कुणाल कामरा ने मोदी जी और उनकी पार्टी के बारे में भी टिप्पणियां की थीं, तब किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन अब जब उसने कुछ कहा, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने उसे इस तरह की गाली-गलौच दी।

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में शिंदे पर उनका नाम लिए बिना विवादित टिप्पणी की थी। इस पर भड़के शिवसैनिकों ने जहां शो का आयोजन किया गया था, वहां धावा बोल दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

बांग्लादेश में नया विवाद, हसीना विरोधी छात्र नेता ने सेना को लेकर किया बड़ा दावा, भारत का भी आया नाम

#bangladesh_army_chief_did_not_want_muhammad_yunus

बांग्लादेश में एक नया विवाद शुरू हो गया है। बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए आंदोलन करने वाले छात्र नेताओं और सेना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।बांग्लादेश की नई गठित जातीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के मुख्य आयोजक हसनत अब्दुल्ला ने देश के सेना प्रमुख के बारे में एक बड़ा दावा किया है। एक वीडियो में हसनत ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार नियुक्त करने के इच्छुक नहीं थे।

एक वायरल वीडियो में हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना प्रमुख ने मोहम्मद यूनुस की साख पर सवाल उठाते हुए उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त नहीं माना। जनरल जमान ने यह भी कहा कि यूनुस का नोबेल पुरस्कार विजेता होना और उनकी सुधारवादी छवि के बावजूद, वह इस जिम्मेदारी के लिए सही व्यक्ति नहीं थे। सेना प्रमुख ने देश की बागडोर सही हाथों में सौंपने की जरूरत पर जोर दिया था।

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल सिटिजन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ढाका यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करते हुए सेना पर आरोप लगाया कि सेना, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को फिर से सत्ता में लाने की कोशिश कर रही है। हसनत ने दावा किया कि पाँच अगस्त को अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश का सैन्य नेतृत्व भारत के प्रभाव में अवामी लीग को फिर से मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि अवामी लीग शेख़ हसीना की पार्टी है और जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश समेत कई राजनीतिक धड़े अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।अब्दुल्ला ने फेसबुक पर लिखा कि भारत के इशारे पर अवामी लीग की मदद की जा रही है। अब्दुल्ला ने सेना को चेताते हुए कहा कि आर्मी को छावनी के अंदर तक ही रहना चाहिए। बांग्लादेश में सेना का राजनीति में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इस पर सेना ने अपने बयान कहा कि एनसीपी के आरोप सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट हैं। सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप के इस आरोप से बांग्लादेश में सियासी तनाव बढ़ गया है।

बता दें कि बांग्लादेश की सेना के अंदर दो गुट बने हुए हैं। एक गुट जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों का समर्थन करता है, जबकि दूसरा अवामी लीग के साथ जुड़ा हुआ है। इन गुटों के बीच उभरे तनाव ने सेना के अंदर मतभेदों को और गहरा दिया है, जिससे स्थिति अस्थिर हो गई है।

सांसदों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी, जानें अब कितनी होगी सैलरी

#govtnotifiessalaryallowanceandpensionhikeformps

केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में इजाफे का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की सूचना दी है। 1 अप्रैल 2023 से सांसदों को एक लाख की जगह 1.24 लाख रुपये वेतन के तौर पर मिलेंगे। सरकार की ओर से सांसदों की पेंशन और भत्ता में भी इजाफा किया गया है।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों का वेतन 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। वहीं, दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़कर 2,500 रुपये हो गया है।

नए वेतन और भत्ते इस प्रकार हैं:

सांसदों का मासिक वेतन

पहले: ₹1,00,000 प्रति माह

अब: ₹1,24,000 प्रति माह

दैनिक भत्ता (संसद सत्र के दौरान बैठकों में भाग लेने पर)

पहले: ₹2,000 प्रति दिन

अब: ₹2,500 प्रति दिन

पूर्व सांसदों की मासिक पेंशन

पहले: ₹25,000 प्रति माह

अब: ₹31,000 प्रति माह

अतिरिक्त पेंशन (पांच वर्ष की सेवा से अधिक के प्रत्येक वर्ष के लिए)

पहले: ₹2,000 प्रति माह

अब: ₹2,500 प्रति माह

सरकार ने सैलरी में ये बढ़ोतरी महंगाई को ध्यान में रखते हुए की है, जिससे सांसदों को काफी मदद मिलेगी। इसपर सरकार का कहना है कि यह सैलरी इजाफा पिछले 5 सालों में बढ़ी महंगाई को देखते हुए की गई है। आरबीआई द्वारा निर्धारित महंगाई दर और लागत सूचकांक के आधार पर यह बदलाव किया गया है। इसका लाभ वर्तमान और पूर्व सांसदों को मिलेगा।

इससे पहले, सांसदों के वेतन और भत्तों में बदलाव अप्रैल 2018 में किया गया था।2018 में सांसदों का मूल वेतन 1 लाख रुपये महीना तय किया गया था। इसका मकसद था कि उनकी सैलरी महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत के हिसाब से हो। 2018 के बदलाव के अनुसार, सांसदों को अपने क्षेत्र में ऑफिस चलाने और लोगों से मिलने-जुलने के लिए 70 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। इसके अलावा, उन्हें ऑफिस के खर्च के लिए 60 हजार रुपये महीना और संसद सत्र के दौरान हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। अब इन भत्तों में भी बढ़ोतरी की जाएगी।

विनोद कुमार शुक्ल ने जाहिर की ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिलने की खुशी, कहा- अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए…

रायपुर-  साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा. इस घोषणा के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुरस्कार से मुझे बहुत खुशी हुई है. उन्होंने कहा कि पुरस्कार की जिम्मेदारी को मैंने महसूस किया. जितना मुझे लिखना चाहिए था, उतना मैं लिख नहीं पाया. मैं कोशिश करूंगा कि जो शेष रह गया, उसे आगे बढ़ाऊं. जो अभी मैं सोच रहा हूं, उसको लिख सकूं, ऐसा मेरे मन में आता है…

फोटो: साहित्यकार शुक्ल ने पत्रकारों से बातचीत में खुशी जाहिर की.

अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए

उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगता है, खुश होता हूं, बड़ी उथल-पुथल है कि यह पुरस्कार कैसा लगा, बहुत बढ़िया लगा… मेरे पास शब्द नहीं है कहने के लिये… एक जिम्मेदारी सी महसूस होती है. परिवारिक कारणों और आस-पास के माहौल में भी लिखना बहुत मुश्किल है, लेकिन कोशिश करनी चाहिए. अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. ताकि आप दुनिया के बारे में क्या सोचते हैं लोग जान सके. 

बता दें, हिंदी के प्रख्यात कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा. ज्ञानपीठ समिति ने आज नई दिल्ली में इसकी घोषणा की. यह सम्मान पाने वाले छत्तीसगढ़ के वह पहले साहित्यकार होंगे. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है.

‘लगभग जयहिंद’ कविता से मिली पहचान

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था. फिलहाल वे रायपुर में ही रहते हैं. पिछले 50 सालों से वे लिख रहे हैं. उनकी पहली कविता “लगभग जयहिंद” 1971 में प्रकाशित हुई थी और तभी से उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में अपना अलग स्थान बना लिया था.

कैसे कह दूं कि बहुत मीठा लगा : विनोद कुमार शुक्ल

पुरस्कार को लेकर उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं कहूं कि बहुत मीठा लगा कहूंगा, तो मैं तो शुगर का मरीज हूं… तो मैं कैसे कह दूं, कि बहुत मीठा लगा… उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है.

सीएम साय ने दी शुभकामनाएं:


पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं:


उनके द्वारा लिखी गई कविता :-

· ‘ लगभग जयहिंद ‘ वर्ष 1971.

· ‘ वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ वर्ष 1981.

· ‘ सब कुछ होना बचा रहेगा ‘ वर्ष 1992.

· ‘ अतिरिक्त नहीं ‘ वर्ष 2000.

· ‘ कविता से लंबी कविता ‘ वर्ष 2001.

· ‘ आकाश धरती को खटखटाता है ‘ वर्ष 2006.

· ‘ पचास कविताएँ’ वर्ष 2011

· ‘ कभी के बाद अभी ‘ वर्ष 2012.

· ‘ कवि ने कहा ‘ -चुनी हुई कविताएँ वर्ष 2012.

· ‘ प्रतिनिधि कविताएँ ‘ वर्ष 2013.

उपन्यास-


· ‘ नौकर की कमीज़ ‘ वर्ष 1979.

· ‘ खिलेगा तो देखेंगे ‘ वर्ष 1996.

· ‘ दीवार में एक खिड़की रहती थी ‘ वर्ष 1997.

· ‘ हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ ‘ वर्ष 2011.

· ‘ यासि रासा त ‘ वर्ष 2017.

· ‘ एक चुप्पी जगह’ वर्ष 2018.

अब तक मिल चुका है ये सम्मान

· ‘ गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ रज़ा पुरस्कार ‘ (मध्यप्रदेश कला परिषद)

· ‘ शिखर सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान’ (मोदी फाउंडेशन)

· ‘ साहित्य अकादमी पुरस्कार’, (भारत सरकार)

· ‘ हिन्दी गौरव सम्मान’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उ.प्र. शासन)

अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार से मिला विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">  संजीव सिंह बलिया|विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी के नेतृत्व में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात कर 40000 शिक्षक परिवार को पेंशन से आच्छादित करने की पत्रावली सौंपी। मंत्री की पहल पर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार से हुई।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार को बताया कि 2004 में 46189 पदों के सापेक्ष जनवरी फरवरी 2004 में एक ही विज्ञापन जारी हुआ है। उसी विज्ञापन पर हम सबकी नियुक्ति हुई है। नियुक्ति के लिए कोई भी अलग से विज्ञापन जारी नही हुआ है। प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं सचिव दिलीप चौहान ने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सदन में कहा था कि जिनकी नियुक्ति 28.6.2024 में जारी पेंशन मेमोरेंडम शासनादेश में उल्लिखित नई पेंशन व्यवस्था लागू होने के पूर्व विज्ञापित तो हुए, लेकिन उनकी उनकी नियुक्ति नई पेंशन में हुई, ऐसे प्रदेश के लगभग 70000 शिक्षक कर्मचारी को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ मिलेगा, जिसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">अपर मुख्य सचिव ने प्रकरण को काफी गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रकरण पर जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निस्तारण किया जाएगा। साथ ही बेसिक के शिक्षकों की अन्य समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके निस्तारण की बात हुई। इस दौरान प्रान्तीय कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान, बलिया संरक्षक अरूण सिंह, जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे, कोषाध्यक्ष नित्यानंद पांडेय, प्रदेश मीडिया प्रभारी विनीत सिंह, राजेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित रहे। 

विवाह से पहले यौन संबंध, मानसिक और भावनात्मक प्रभाव,जानें सही या गलत

डेस्क:–विवाह से पहले यौन संबंध कई बार व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। यदि संबंध प्रेम और विश्वास के आधार पर नहीं बने हैं, तो व्यक्ति को अपराधबोध (Guilt), अवसाद (Depression) और तनाव (Stress) का सामना करना पड़ सकता है। कई बार एक व्यक्ति इस संबंध को गहराई से लेता है जबकि दूसरा इसे महज शारीरिक जरूरत मानता है। इससे भावनात्मक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जो आत्म-सम्मान (Self-esteem) को भी प्रभावित करता है।

भारतीय समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को अब भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति के इस प्रकार के संबंधों का पता चल जाए, तो समाज की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। विशेष रूप से महिलाओं को इस मामले में अधिक आलोचना का सामना करना पड़ता है। समाज में उनकी छवि खराब हो सकती है, जिससे उनके विवाह और पारिवारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

विवाह से पहले असुरक्षित यौन संबंध कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं –

*• यौन संचारित रोग* (Sexually Transmitted Diseases - STDs): बिना सुरक्षा के संबंध बनाने से एड्स (AIDS), सिफलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonorrhea) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

*• अनचाहा गर्भधारण* (Unwanted Pregnancy): यदि यौन संबंधों के दौरान सावधानी न बरती जाए, तो अनचाहे गर्भ का खतरा रहता है। कई बार इसका परिणाम गर्भपात (Abortion) होता है, जिससे महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

*• हॉर्मोनल असंतुलन*: बार-बार संबंध बनाने से शरीर के हॉर्मोन असंतुलित हो सकते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

भारत जैसे पारंपरिक समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को नैतिक और धार्मिक रूप से गलत माना जाता है। हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म आदि सभी में विवाह को पवित्र संबंध माना गया है। अधिकांश धार्मिक ग्रंथों में विवाह के बाद ही शारीरिक संबंध स्थापित करने की सलाह दी गई है। जो लोग धार्मिक मूल्यों का पालन करते हैं, वे विवाह से पहले संबंध बनाने के बाद अपराधबोध और आत्मग्लानि का अनुभव कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि विवाह से पहले यौन संबंध भविष्य में वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के पहले भी कई यौन संबंध रहे हों, तो उसका प्रभाव उसके जीवनसाथी के साथ संबंधों पर पड़ सकता है। कई बार शादी के बाद अविश्वास और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है।

*source: social media*
बलिया:आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीटा:बीएसए मनीष कुमार सिंह ने दिए जांच के आदेश

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">संजीव सिंह बलिया|शिक्षा क्षेत्र रेवती में पड़ने वाले कंपोजिट विद्यालय रेवती (वार्ड नंबर 8) है, जहां आइसक्रीम खरीदने गए कक्षा एक के छात्र को विद्यालय के शिक्षक ने बेरहमी से पीट दिया। शिक्षक की पिटाई से छात्र के हाथ और पीठ पर गंभीर चोटें आई है। इससे छात्र न सिर्फ सदमे, बल्कि बहवास स्थिति में है।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">छात्र का एक वीडियो भी सामने आया है। वायरल वीडियो में छात्र डरा सहमा दिख रहा है। वह बता रहा है कि बर्फ खरीदने गया था, लौटा तो सर जी ने उसे डंडे से मारा। छात्र पीटने वाले सर का नाम भी बता रहा है। वायरल वीडियो में छात्र के शरीर पर छड़ी के चोट से बने निशान भी दिख रहा है। वहीं, वीडियो का संज्ञान बीएसए मनीष कुमार सिंह ने लिया है। बीएसए ने कहा है कि खण्ड शिक्षा अधिकारी को जांच सौंपी गई है। रिपोर्ट मिलते ही सम्बंधित शिक्षक के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जायेगी।

Keynes Technology का छत्तीसगढ़ में निवेश प्रस्ताव, IT और इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में दिखी उत्सुकता

बेंगलुरु-  छत्तीसगढ़ को तकनीकी क्षेत्र में आगे बढ़ाने के लिए Keynes Technology के प्रमुख राजेश शर्मा ने मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय से मुलाकात की और आईटी व इलेक्ट्रॉनिक्स सेक्टर में निवेश की योजना प्रस्तुत की। कंपनी उन्नत तकनीक, डिजिटलीकरण और इलेक्ट्रॉनिक्स मैन्युफैक्चरिंग को बढ़ावा देने पर काम करती है। राजेश शर्मा ने बताया कि छत्तीसगढ़ में सरकार की नई औद्योगिक नीति और अनुकूल वातावरण के कारण राज्य में आईटी और इलेक्ट्रॉनिक्स उद्योग के लिए व्यापक संभावनाएं हैं। उन्होंने यहां नवाचार (Innovation) और स्टार्टअप्स को भी बढ़ावा देने की इच्छा जताई। मुख्यमंत्री ने Keynes Technology के इस प्रस्ताव का स्वागत किया और राज्य में नई तकनीकी इकाइयों को स्थापित करने के लिए सभी आवश्यक सहयोग देने का आश्वासन दिया। इससे छत्तीसगढ़ के युवाओं को नई नौकरियों और आधुनिक तकनीक सीखने के अवसर मिलेंगे, जिससे राज्य तकनीकी क्षेत्र में एक नया केंद्र बन सकेगा।

क्या बांग्लादेश में फिर होने वाला है तख्तापलट? जानें क्यों उठ रहे ऐसे सवाल

#willtherebeanothercoupinbangladesh

बांग्लादेश में तख्तापलट की अफवाहों का बोलबाला है।पड़ोसी देश में सेना की बैठकों की रिपोर्ट ने इन अटकलों को और पुख्ता कर दिया है। आशंका जताई जा रही है कि आर्मी मोहम्मद यूनुस की अगुवाई वाली अंतरिम सरकार का तख्तापलट कर शासन की बागडोर अपने हाथ में ले सकती है। चर्चा इस बात की भी है कि सेना प्रमुख वकार उज जमान ने शीर्ष सैन्य अधिकारियों के साथ एक आपात बैठक भी की है।ऐसा भी दावा किया गया था कि सेना ने ढाका समेत कई शहरों में सैनिकों को तैनात किया है और उन्होंने सड़कों पर बंकर बनाकर पोजिशन ले ली है।

देश के मौजूदा हालातों के चलते सेना प्रमुख जनरल वकार उज जमन सेना के वरिष्ठ अधिकारियों का एक बैठक बुलाई थी। सूत्रों के मुताबिक इस बैठक में 5 लें.जनरल रैंक के अधिकारी, 8 मेजर जनरल और कई इंडीपेंडेंट ब्रिगेड के कमांडिग अफसर शामिल थे। इस बैठक में अंदहरूनी सुरक्षा हालातों की समीक्षा की। रिपोर्ट के मुताबित बांग्लादेश में आने वाले दिनों में बड़े आतंकी हमलों की आशंका जताई जा रहा है।इसे लेकर अलर्ट रहने को कहा गया है।

हालांकि, बांग्लादेश की अंतरिम सरकार के मुखिया मोहम्मद यूनुस ने मंगलवार को देश को संबोधित किया। इस मौके पर उन्होंने देश में तख्तापलट की खबरों को अफवाह बताया। मोहम्मद यूनुस ने कहा कि बांग्लादेश में अस्थिरता फैलाने के लिए लोगों को गुमराह किया जा रहा है और झूठी खबरें फैलाई जा रही हैं।

मोहम्मद यूनुस ने बांग्लादेश के स्वतंत्रता दिवस की पूर्व संध्या पर देश को संबोधित करते हुए कहा, लोगों को गुमराह करने के लिए एक के बाद एक झूठी जानकारी फैलाई जा रही है ताकि देश में अस्थिरता पैदा की जा सके। अफवाहें फैलाने के लिए नए-नए तरीके अपनाए जा रहे हैं। एक तस्वीर को दूसरी तस्वीर से जोड़ा जा रहा है, एक घटना का फोटोकॉर्ड बनाया जा रहा है और दूसरे देशों की घटनाओं को इस देश की घटनाओं के रूप में पेश कर सोशल मीडिया पर सनसनी फैलाई जा रही है।

सेना का तख्तापलट की आशंकाओं से इनकार

वहीं, दूसरी ओर बांग्लादेश सेना ने मंगलवार को उस मीडिया रिपोर्ट को सिरे से खारिज कर दिया, जिसमें दावा किया गया था कि सेना के शीर्ष अधिकारियों ने आपातकालीन बैठक बुलाई थी। सेना ने इस खबर को झूठा और मनगढ़ंत बताया और इसे पत्रकारिता की गंभीर चूक बताया।

सेना ने कहा कि तख्तापलट की संभावना को लेकर किया गया दावा पूरी तरह से झूठा और दुर्भावनापूर्ण है। बयान में आगे कहा गया कि यह पहली बार नहीं है जब संबंधित मीडिया संगठन ने बांग्लादेश सेना के खिलाफ झूठी खबरें फैलाई हैं। इससे पहले भी इसी मीडिया समूह ने गलत जानकारी पर आधारित एक रिपोर्ट प्रकाशित की थी, जिसे बांग्लादेश सेना ने 11 मार्च को जारी एक बयान में खारिज किया था।

भारतीय मीडिया संगठन की कड़ी आलोचना

बांग्लादेश सेना ने भारतीय मीडिया संगठन की कड़ी आलोचना करते हुए कहा कि बिना तथ्यों की जांच किए सनसनीखेज खबरें फैलाना गैर-जिम्मेदाराना पत्रकारिता का उदाहरण है। सेना ने कहा कि ऐसी भ्रामक रिपोर्टों से दोनों देशों के लोगों के बीच अविश्वास और तनाव पैदा हो सकता है। बयान में साफ किया गया कि यह एक सामान्य बैठक थी, जिसे अनावश्यक रूप से गलत संदर्भ में प्रस्तुत किया गया।

*মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায় বক্তৃতা দেবেন অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে, গর্বিত এবং উচ্ছ্বসিত বাংলার ছাত্র-ছাত্রীরা*

Khabar kolkata News Desk : পশ্চিমবঙ্গের মুখ্যমন্ত্রী মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের যুক্তরাজ্য সফর তাঁর সরকারের জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপক শিক্ষার্থীদের মধ্যে উন্মাদনা ও গর্বের সঞ্চার করেছে। ২৭শে মার্চ অক্সফোর্ড বিশ্ববিদ্যালয়ের কেলগ কলেজে 'সামাজিক উন্নয়ন শিশু ও নারীর ক্ষমতায়ন' বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন তিনি, এই ঐতিহাসিক মুহূর্তে উচ্ছ্বাসে মেতেছে বাংলার বিভিন্ন শিক্ষাপ্রতিষ্ঠানের ছাত্র-ছাত্রীরা।

এই প্রসঙ্গে নদিয়ার কৃষ্ণনগর মহিলা কলেজের ছাত্রীরা বলেছে, "তিনি কুইন মেরি ইউনিভার্সিটি এবং লন্ডন স্কুল অফ ইকোনমিকস থেকেও আমন্ত্রণ পেয়েছেন। এটি শুধু আমাদের জন্যই নয়, সারা দেশের জন্যও গর্বের বিষয়।"

গৌড়বঙ্গ বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রছাত্রীরাও তাঁদের শ্রদ্ধা ও কৃতজ্ঞতা জানিয়ে বলেছে, "দেশের অন্যতম উচ্চতম পর্যায়ের এক মহিলা নেত্রী আন্তর্জাতিক মঞ্চে শিশু ও নারী ক্ষমতায়নের বিষয়ে বক্তব্য রাখতে চলেছেন। আমরা তাঁকে শুভেচ্ছা জানাই। দিদির কাছ থেকে আমাদের শেখা উচিত, কীভাবে জীবনের নানা প্রতিকূলতা সত্ত্বেও সমাজ ও দেশের উন্নয়নের জন্য কাজ করে যেতে হয়।"

আলিপুরদুয়ার বিশ্ববিদ্যালয়ের ছাত্রীদেরও মুখে হাসি ও গর্ব। তারা বলেছে, "আমাদের সম্মানীয় মুখ্যমন্ত্রী যখন কন্যাশ্রী, যুবশ্রী এবং রূপশ্রী-সহ বিভিন্ন জনকল্যাণমূলক প্রকল্পের কথা বিশ্বমঞ্চে তুলে ধরতে চলেছেন, তখন এটি আমাদের কাছে এক পরম গর্বের বিষয়। আমরা সবাই এই অনুষ্ঠানটি দেখার জন্য অধীর আগ্রহে অপেক্ষা করছি। শিক্ষক-শিক্ষিকা ও কর্মচারী সকলে মিলে অনুষ্ঠানটি শুনব।"

মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের উদ্যোগগুলি বাংলার বহু মহিলার জীবন বদলে দিয়েছে। দক্ষিণ দিনাজপুরের বাসিন্দা, দ্বিতীয় বর্ষের স্নাতক ছাত্রী সুপ্রিয়া টিগ্গা শেয়ার করেছেন, কীভাবে কন্যাশ্রী প্রকল্প তাঁর জীবন বদলে দিয়েছে। তিনি বলেন, "আমার বাবা একজন কৃষক, আর মা গৃহবধূ। আমাদের আর্থিক অবস্থা কখনই স্থিতিশীল ছিল না এবং আমার ভাই ও আমার পড়াশোনার খরচ চালানো বাবার পক্ষে কঠিন ছিল। কিন্তু মমতা বন্দ্যোপাধ্যায়ের কন্যাশ্রী প্রকল্পের জন্যই আমি আমার পড়াশোনা চালিয়ে যেতে পেরেছি। এই উদ্যোগ অসংখ্য মেয়েকে শিক্ষার সুযোগ দিয়ে স্বাবলম্বী করে তুলেছে। এই সুযোগ পাওয়ার জন্য আমি সত্যিই কৃতজ্ঞ।"

তৃণমূল কংগ্রেস লক্ষ্মীর ভাণ্ডার, কন্যাশ্রী, রূপশ্রী এবং অন্যান্য কল্যাণমূলক প্রকল্পের সুবিধা প্রাপকদের কাহিনী শেয়ার করছে, যা সারা রাজ্যের মহিলা ও যুবতী মেয়েদের ক্ষমতায়ন করেছে, সুপ্রিয়া টিগ্গার কাহিনীও তারই অন্তর্ভুক্ত। কাল বিকেলে সোশ্যাল মিডিয়ায় তাদের বক্তব্য প্রকাশ করে, দল পোস্ট করেছে: "Smt. is set to deliver a keynote address on 'Social Development: Children & Women’s Empowerment' at Oxford University, London. The students of Bengal take pride in their beloved Didi and express their joy for this momentous occasion!"

उद्धव ठाकरे ने किया कुणाल कामरा का बचाव,बोले- जो गद्दार है वो गद्दार है, गाने में कोई कमी नहीं

#thackeraysayskunalkamranotsayanything_wrong

कॉमेडियन कुणाल कामरा की एकनाथ शिंदे के ऊपर टिप्पणी के बाद महाराष्ट्र में बवाल मचा हुआ है। आरोप-प्रत्यारोप की राजनीति में पक्ष-विपक्ष आपने सामने है। एक तरफ जहां सत्तारूढ़ महायुति गठबंधन दलों के नेता कामरा के बयान से नाराजगी जताते हुए उनका विरोध कर रहे है। तो दूसरी ओर यूबीटी शिवसेना कुणाल कामरा के समर्थन में आ गई है। इस मुद्दे पर पूर्व सीएम उद्धव ठाकरे ने कॉमेडियन कुणाल कामरा का बचाव किया है। कुणाल कामरा के समर्थन में आए उद्धव ठाकरे ने कहा कि मुझे नहीं लगता है कि कुणाल कामरा ने कुछ गलत कहा है। जो गद्दार है वो गद्दार है। उसके गाने में कोई कमी नहीं है। जिनके खून में 'गद्दारी' है वह कभी शिवसैनिक नहीं हो सकते।

कामरा को मिला उद्धव ठाकरे का साथ

उद्धव ठाकरे ने कुणाल कामरा की टिप्पणी पर कहा कि गाने में कोई कमी नहीं है। जो गद्दार हैं, वो गद्दार हैं। ठाकरे ने आगे कहा मुझे नहीं लगता कि कुणाल ने कुछ गलत कहा। कुणाल ने व्यग्य नहीं सत्य कहा है। आज मैं कहूंगा जिसने चोरी की वो गद्दार है। कल जिसने तोड़फोड़ की वो शिवसैनिक ने नहीं बल्कि गद्दार सेना ने की है। उद्धव ठाकरे ने शिवसेना चीफ एकनाथ शिंदे पर हमला करते हुए कहा, इन गद्दारों को कोशियारी या दूसरे नेताओं या उनके लोगों द्वारा किया जाने वाले अपमान नहीं दिखाई देता। स्टूडियो को जिसने नुकसान पहुंचाया, उससे वसूल करना चाहिए। नागपुर दंगे की सुपारी और औरंगज़ेब की कब्र की सुपारी किसने दी?

कामरा के बचाव में आए आदित्य ठाकरे

उद्धव ठाकरे के बाद शिवसेना-यूबीटी विधायक आदित्य ठाकरे ने कुणाल कामरा के बयान पर उनका बचाव किया। उन्होंने कहा कि कुणाल कामरा ने किसी का नाम नहीं लिया था, फिर भी एकनाथ शिंदे के समर्थकों ने उसे देशद्रोही और चोर क्यों कहा? साथ ही उन्होंने सवाल किया कि यह निर्णय कब लिया गया कि कुणाल कामरा देशद्रोही और चोर हैं? आदित्य ने यह भी कहा कि जब कुणाल कामरा ने मोदी जी और उनकी पार्टी के बारे में भी टिप्पणियां की थीं, तब किसी ने भी ऐसी प्रतिक्रिया नहीं दी। लेकिन अब जब उसने कुछ कहा, तो मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे और उनके समर्थकों ने उसे इस तरह की गाली-गलौच दी।

स्टैंड-अप कॉमेडियन कुणाल कामरा ने अपने शो में शिंदे पर उनका नाम लिए बिना विवादित टिप्पणी की थी। इस पर भड़के शिवसैनिकों ने जहां शो का आयोजन किया गया था, वहां धावा बोल दिया था। शिवसेना कार्यकर्ताओं ने रविवार को मुंबई के खार इलाके में होटल यूनिकॉन्टिनेंटल में तोड़फोड़ की थी। इसके बाद शिवसेना युवा सेना (शिंदे गुट) के महासचिव राहुल कनाल और 19 अन्य के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की गई।

बांग्लादेश में नया विवाद, हसीना विरोधी छात्र नेता ने सेना को लेकर किया बड़ा दावा, भारत का भी आया नाम

#bangladesh_army_chief_did_not_want_muhammad_yunus

बांग्लादेश में एक नया विवाद शुरू हो गया है। बांग्लादेश में शेख हसीना को सत्ता से हटाने के लिए आंदोलन करने वाले छात्र नेताओं और सेना के बीच तनाव बढ़ता जा रहा है।बांग्लादेश की नई गठित जातीय नागरिक पार्टी (एनसीपी) के मुख्य आयोजक हसनत अब्दुल्ला ने देश के सेना प्रमुख के बारे में एक बड़ा दावा किया है। एक वीडियो में हसनत ने कहा कि सेना प्रमुख जनरल वकार उज-जमान नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस को मुख्य सलाहकार नियुक्त करने के इच्छुक नहीं थे।

एक वायरल वीडियो में हसनत अब्दुल्ला ने कहा कि सेना प्रमुख ने मोहम्मद यूनुस की साख पर सवाल उठाते हुए उन्हें इस भूमिका के लिए उपयुक्त नहीं माना। जनरल जमान ने यह भी कहा कि यूनुस का नोबेल पुरस्कार विजेता होना और उनकी सुधारवादी छवि के बावजूद, वह इस जिम्मेदारी के लिए सही व्यक्ति नहीं थे। सेना प्रमुख ने देश की बागडोर सही हाथों में सौंपने की जरूरत पर जोर दिया था।

द हिन्दू की रिपोर्ट के मुताबिक, नेशनल सिटिजन पार्टी के कार्यकर्ताओं ने ढाका यूनिवर्सिटी में प्रदर्शन करते हुए सेना पर आरोप लगाया कि सेना, शेख हसीना की पार्टी अवामी लीग को फिर से सत्ता में लाने की कोशिश कर रही है। हसनत ने दावा किया कि पाँच अगस्त को अवामी लीग पर प्रतिबंध लगा दिया गया था। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बांग्लादेश का सैन्य नेतृत्व भारत के प्रभाव में अवामी लीग को फिर से मज़बूत करने की कोशिश कर रहा है।

बता दें कि अवामी लीग शेख़ हसीना की पार्टी है और जमात-ए-इस्लामी बांग्लादेश समेत कई राजनीतिक धड़े अवामी लीग के चुनाव लड़ने पर प्रतिबंध लगाने की मांग कर रहे हैं।अब्दुल्ला ने फेसबुक पर लिखा कि भारत के इशारे पर अवामी लीग की मदद की जा रही है। अब्दुल्ला ने सेना को चेताते हुए कहा कि आर्मी को छावनी के अंदर तक ही रहना चाहिए। बांग्लादेश में सेना का राजनीति में कोई हस्तक्षेप स्वीकार नहीं किया जाएगा।

इस पर सेना ने अपने बयान कहा कि एनसीपी के आरोप सिर्फ एक राजनीतिक स्टंट हैं। सेना पर राजनीतिक हस्तक्षेप के इस आरोप से बांग्लादेश में सियासी तनाव बढ़ गया है।

बता दें कि बांग्लादेश की सेना के अंदर दो गुट बने हुए हैं। एक गुट जमात-ए-इस्लामी जैसे संगठनों का समर्थन करता है, जबकि दूसरा अवामी लीग के साथ जुड़ा हुआ है। इन गुटों के बीच उभरे तनाव ने सेना के अंदर मतभेदों को और गहरा दिया है, जिससे स्थिति अस्थिर हो गई है।

सांसदों के वेतन और पेंशन में बढ़ोतरी, जानें अब कितनी होगी सैलरी

#govtnotifiessalaryallowanceandpensionhikeformps

केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में इजाफे का ऐलान किया है। केंद्र सरकार ने सांसदों के वेतन में 24 प्रतिशत की वृद्धि की सूचना दी है। 1 अप्रैल 2023 से सांसदों को एक लाख की जगह 1.24 लाख रुपये वेतन के तौर पर मिलेंगे। सरकार की ओर से सांसदों की पेंशन और भत्ता में भी इजाफा किया गया है।

संसदीय कार्य मंत्रालय ने सोमवार को एक गजट नोटिफिकेशन जारी किया। नोटिफिकेशन के अनुसार, लोकसभा और राज्यसभा के सदस्यों का वेतन 1 लाख रुपये से बढ़कर 1.24 लाख रुपये प्रति माह हो गया है। वहीं, दैनिक भत्ता 2,000 रुपये से बढ़कर 2,500 रुपये हो गया है।

नए वेतन और भत्ते इस प्रकार हैं:

सांसदों का मासिक वेतन

पहले: ₹1,00,000 प्रति माह

अब: ₹1,24,000 प्रति माह

दैनिक भत्ता (संसद सत्र के दौरान बैठकों में भाग लेने पर)

पहले: ₹2,000 प्रति दिन

अब: ₹2,500 प्रति दिन

पूर्व सांसदों की मासिक पेंशन

पहले: ₹25,000 प्रति माह

अब: ₹31,000 प्रति माह

अतिरिक्त पेंशन (पांच वर्ष की सेवा से अधिक के प्रत्येक वर्ष के लिए)

पहले: ₹2,000 प्रति माह

अब: ₹2,500 प्रति माह

सरकार ने सैलरी में ये बढ़ोतरी महंगाई को ध्यान में रखते हुए की है, जिससे सांसदों को काफी मदद मिलेगी। इसपर सरकार का कहना है कि यह सैलरी इजाफा पिछले 5 सालों में बढ़ी महंगाई को देखते हुए की गई है। आरबीआई द्वारा निर्धारित महंगाई दर और लागत सूचकांक के आधार पर यह बदलाव किया गया है। इसका लाभ वर्तमान और पूर्व सांसदों को मिलेगा।

इससे पहले, सांसदों के वेतन और भत्तों में बदलाव अप्रैल 2018 में किया गया था।2018 में सांसदों का मूल वेतन 1 लाख रुपये महीना तय किया गया था। इसका मकसद था कि उनकी सैलरी महंगाई और जीवन यापन की बढ़ती लागत के हिसाब से हो। 2018 के बदलाव के अनुसार, सांसदों को अपने क्षेत्र में ऑफिस चलाने और लोगों से मिलने-जुलने के लिए 70 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। इसके अलावा, उन्हें ऑफिस के खर्च के लिए 60 हजार रुपये महीना और संसद सत्र के दौरान हर दिन 2 हजार रुपये का भत्ता मिलता है। अब इन भत्तों में भी बढ़ोतरी की जाएगी।

विनोद कुमार शुक्ल ने जाहिर की ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ मिलने की खुशी, कहा- अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए…

रायपुर-  साहित्यकार विनोद कुमार शुक्ल को भारतीय साहित्य के सर्वोच्च पुरस्कार ‘ज्ञानपीठ पुरस्कार’ से सम्मानित किया जाएगा. इस घोषणा के बाद उन्होंने मीडिया से बातचीत करते हुए कहा कि पुरस्कार से मुझे बहुत खुशी हुई है. उन्होंने कहा कि पुरस्कार की जिम्मेदारी को मैंने महसूस किया. जितना मुझे लिखना चाहिए था, उतना मैं लिख नहीं पाया. मैं कोशिश करूंगा कि जो शेष रह गया, उसे आगे बढ़ाऊं. जो अभी मैं सोच रहा हूं, उसको लिख सकूं, ऐसा मेरे मन में आता है…

फोटो: साहित्यकार शुक्ल ने पत्रकारों से बातचीत में खुशी जाहिर की.

अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए

उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लगता है, खुश होता हूं, बड़ी उथल-पुथल है कि यह पुरस्कार कैसा लगा, बहुत बढ़िया लगा… मेरे पास शब्द नहीं है कहने के लिये… एक जिम्मेदारी सी महसूस होती है. परिवारिक कारणों और आस-पास के माहौल में भी लिखना बहुत मुश्किल है, लेकिन कोशिश करनी चाहिए. अपनी जिंदगी की एक किताब जरूर लिखनी चाहिए. ताकि आप दुनिया के बारे में क्या सोचते हैं लोग जान सके. 

बता दें, हिंदी के प्रख्यात कवि और कथाकार विनोद कुमार शुक्ल को साहित्यिक सम्मान ज्ञानपीठ पुरस्कार से नवाजा जाएगा. ज्ञानपीठ समिति ने आज नई दिल्ली में इसकी घोषणा की. यह सम्मान पाने वाले छत्तीसगढ़ के वह पहले साहित्यकार होंगे. प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने उन्हें बधाई दी है. उन्होंने कहा कि यह छत्तीसगढ़ के लिये गौरव की बात है.

‘लगभग जयहिंद’ कविता से मिली पहचान

विनोद कुमार शुक्ल का जन्म 1 जनवरी 1937 को राजनांदगांव में हुआ था. फिलहाल वे रायपुर में ही रहते हैं. पिछले 50 सालों से वे लिख रहे हैं. उनकी पहली कविता “लगभग जयहिंद” 1971 में प्रकाशित हुई थी और तभी से उनकी लेखनी ने साहित्य जगत में अपना अलग स्थान बना लिया था.

कैसे कह दूं कि बहुत मीठा लगा : विनोद कुमार शुक्ल

पुरस्कार को लेकर उन्होंने आगे कहा कि अगर मैं कहूं कि बहुत मीठा लगा कहूंगा, तो मैं तो शुगर का मरीज हूं… तो मैं कैसे कह दूं, कि बहुत मीठा लगा… उन्होंने कहा कि बहुत अच्छा लग रहा है.

सीएम साय ने दी शुभकामनाएं:


पूर्व सीएम भूपेश बघेल ने ट्वीट कर दी शुभकामनाएं:


उनके द्वारा लिखी गई कविता :-

· ‘ लगभग जयहिंद ‘ वर्ष 1971.

· ‘ वह आदमी चला गया नया गरम कोट पहिनकर विचार की तरह’ वर्ष 1981.

· ‘ सब कुछ होना बचा रहेगा ‘ वर्ष 1992.

· ‘ अतिरिक्त नहीं ‘ वर्ष 2000.

· ‘ कविता से लंबी कविता ‘ वर्ष 2001.

· ‘ आकाश धरती को खटखटाता है ‘ वर्ष 2006.

· ‘ पचास कविताएँ’ वर्ष 2011

· ‘ कभी के बाद अभी ‘ वर्ष 2012.

· ‘ कवि ने कहा ‘ -चुनी हुई कविताएँ वर्ष 2012.

· ‘ प्रतिनिधि कविताएँ ‘ वर्ष 2013.

उपन्यास-


· ‘ नौकर की कमीज़ ‘ वर्ष 1979.

· ‘ खिलेगा तो देखेंगे ‘ वर्ष 1996.

· ‘ दीवार में एक खिड़की रहती थी ‘ वर्ष 1997.

· ‘ हरी घास की छप्पर वाली झोपड़ी और बौना पहाड़ ‘ वर्ष 2011.

· ‘ यासि रासा त ‘ वर्ष 2017.

· ‘ एक चुप्पी जगह’ वर्ष 2018.

अब तक मिल चुका है ये सम्मान

· ‘ गजानन माधव मुक्तिबोध फेलोशिप ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ रज़ा पुरस्कार ‘ (मध्यप्रदेश कला परिषद)

· ‘ शिखर सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ राष्ट्रीय मैथिलीशरण गुप्त सम्मान ‘ (म.प्र. शासन)

· ‘ दयावती मोदी कवि शेखर सम्मान’ (मोदी फाउंडेशन)

· ‘ साहित्य अकादमी पुरस्कार’, (भारत सरकार)

· ‘ हिन्दी गौरव सम्मान’ (उत्तर प्रदेश हिन्दी संस्थान, उ.प्र. शासन)

अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार से मिला विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">  संजीव सिंह बलिया|विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रांतीय अध्यक्ष संतोष तिवारी के नेतृत्व में परिवहन मंत्री दयाशंकर सिंह से मुलाकात कर 40000 शिक्षक परिवार को पेंशन से आच्छादित करने की पत्रावली सौंपी। मंत्री की पहल पर विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन के प्रतिनिधि मंडल की मुलाकात अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार से हुई।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">विशिष्ट बीटीसी शिक्षक वेलफेयर एसोसिएशन द्वारा जारी प्रेस विज्ञप्ति के मुताबिक प्रान्तीय अध्यक्ष संतोष तिवारी ने अपर मुख्य सचिव (वित्त एवं बेसिक शिक्षा) दीपक कुमार को बताया कि 2004 में 46189 पदों के सापेक्ष जनवरी फरवरी 2004 में एक ही विज्ञापन जारी हुआ है। उसी विज्ञापन पर हम सबकी नियुक्ति हुई है। नियुक्ति के लिए कोई भी अलग से विज्ञापन जारी नही हुआ है। प्रदेश कोषाध्यक्ष एवं सचिव दिलीप चौहान ने बताया कि इस सम्बन्ध में मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ जी ने सदन में कहा था कि जिनकी नियुक्ति 28.6.2024 में जारी पेंशन मेमोरेंडम शासनादेश में उल्लिखित नई पेंशन व्यवस्था लागू होने के पूर्व विज्ञापित तो हुए, लेकिन उनकी उनकी नियुक्ति नई पेंशन में हुई, ऐसे प्रदेश के लगभग 70000 शिक्षक कर्मचारी को पुरानी पेंशन व्यवस्था का लाभ मिलेगा, जिसमें शिक्षकों की संख्या अधिक है।

oppins,sans; font-size:16px; font-style:normal; font-variant-ligatures:normal; font-variant-caps:normal; font-weight:400; letter-spacing:normal; orphans:2; text-indent:0px; text-transform:none; widows:2; word-spacing:0px; -webkit-text-stroke-width:0px; white-space:normal; background-color:rgb(255,255,255); text-decoration-thickness:initial; text-decoration-style:initial; text-decoration-color:initial; text-align:left;">अपर मुख्य सचिव ने प्रकरण को काफी गंभीरता से लेते हुए कहा कि प्रकरण पर जल्द ही विभागीय अधिकारियों के साथ बैठक कर निस्तारण किया जाएगा। साथ ही बेसिक के शिक्षकों की अन्य समस्याओं पर चर्चा करते हुए उसके निस्तारण की बात हुई। इस दौरान प्रान्तीय कोषाध्यक्ष दिलीप चौहान, बलिया संरक्षक अरूण सिंह, जिलाध्यक्ष डॉ. घनश्याम चौबे, कोषाध्यक्ष नित्यानंद पांडेय, प्रदेश मीडिया प्रभारी विनीत सिंह, राजेन्द्र तिवारी आदि उपस्थित रहे। 

विवाह से पहले यौन संबंध, मानसिक और भावनात्मक प्रभाव,जानें सही या गलत

डेस्क:–विवाह से पहले यौन संबंध कई बार व्यक्ति की मानसिक स्थिति को प्रभावित कर सकते हैं। यदि संबंध प्रेम और विश्वास के आधार पर नहीं बने हैं, तो व्यक्ति को अपराधबोध (Guilt), अवसाद (Depression) और तनाव (Stress) का सामना करना पड़ सकता है। कई बार एक व्यक्ति इस संबंध को गहराई से लेता है जबकि दूसरा इसे महज शारीरिक जरूरत मानता है। इससे भावनात्मक असंतुलन उत्पन्न हो सकता है, जो आत्म-सम्मान (Self-esteem) को भी प्रभावित करता है।

भारतीय समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को अब भी संदेह की दृष्टि से देखा जाता है। यदि किसी व्यक्ति के इस प्रकार के संबंधों का पता चल जाए, तो समाज की प्रतिक्रिया नकारात्मक हो सकती है। विशेष रूप से महिलाओं को इस मामले में अधिक आलोचना का सामना करना पड़ता है। समाज में उनकी छवि खराब हो सकती है, जिससे उनके विवाह और पारिवारिक संबंधों पर असर पड़ सकता है।

विवाह से पहले असुरक्षित यौन संबंध कई स्वास्थ्य समस्याओं को जन्म दे सकते हैं। इनमें सबसे प्रमुख हैं –

*• यौन संचारित रोग* (Sexually Transmitted Diseases - STDs): बिना सुरक्षा के संबंध बनाने से एड्स (AIDS), सिफलिस (Syphilis), गोनोरिया (Gonorrhea) जैसी बीमारियों का खतरा बढ़ जाता है।

*• अनचाहा गर्भधारण* (Unwanted Pregnancy): यदि यौन संबंधों के दौरान सावधानी न बरती जाए, तो अनचाहे गर्भ का खतरा रहता है। कई बार इसका परिणाम गर्भपात (Abortion) होता है, जिससे महिलाओं के शारीरिक और मानसिक स्वास्थ्य पर बुरा प्रभाव पड़ सकता है।

*• हॉर्मोनल असंतुलन*: बार-बार संबंध बनाने से शरीर के हॉर्मोन असंतुलित हो सकते हैं, जिससे मानसिक और शारीरिक समस्याएँ उत्पन्न हो सकती हैं।

भारत जैसे पारंपरिक समाज में विवाह से पहले यौन संबंधों को नैतिक और धार्मिक रूप से गलत माना जाता है। हिंदू धर्म, इस्लाम, ईसाई धर्म, सिख धर्म आदि सभी में विवाह को पवित्र संबंध माना गया है। अधिकांश धार्मिक ग्रंथों में विवाह के बाद ही शारीरिक संबंध स्थापित करने की सलाह दी गई है। जो लोग धार्मिक मूल्यों का पालन करते हैं, वे विवाह से पहले संबंध बनाने के बाद अपराधबोध और आत्मग्लानि का अनुभव कर सकते हैं।

ऐसा माना जाता है कि विवाह से पहले यौन संबंध भविष्य में वैवाहिक जीवन को भी प्रभावित कर सकते हैं। यदि किसी व्यक्ति के पहले भी कई यौन संबंध रहे हों, तो उसका प्रभाव उसके जीवनसाथी के साथ संबंधों पर पड़ सकता है। कई बार शादी के बाद अविश्वास और असुरक्षा की भावना उत्पन्न हो सकती है, जिससे रिश्ते में दरार आ सकती है।

*source: social media*