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महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम का एलान, देवेंद्र फडणवीस चुने गए भाजपा विधायक दल के नेता

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महाराष्‍ट्र के अगले सीएम के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है। बीजेपी की कोर कमेटी ने फडणवीस को महाराष्‍ट्र के अगले सीएम के रूप में चुना है। इस महाराष्‍ट्र विधानसभा में बीजेपी के विधायक दल की बैठक जारी है। उन्‍हें सदन के नेता के रूप में चुने जाने की कार्यवाही जारी है। कल देवेंद्र फडणवीस मुंबई में शपथ लेंगे।

महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमें फडणवीस के नेतृत्व में जीत मिली है। वे राज्य के विकास के लिए लगातार काम करते रहे हैं। इसके बाद चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुगंटीवार ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा। पंकजा मुंडे ने उनके नाम का अनुमोदन किया।

दो बार सीएम रह चुके देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए रेस में सबसे आगे थे। वह 2014 में पहली बार राज्य के सीएम बने थे। इस बार विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत दर्ज की है। गठबंधन को 230 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। इसमें बीजेपी के खाते में सबसे ज्यादा 132 सीटें आई हैं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली है।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎం ఎంపిక

గత కొన్ని రోజులుగా ఆసక్తిరేపిన మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎం పేరు దాదాపు ఖరారైంది. మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎంగా దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ ఎన్నికయ్యారు. ఇంకా ప్రకటన వెలువడనప్పటికీ, ఆయా వర్గాల నుంచి వచ్చిన సమాచారం ప్రకారం, దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ పేరుపై ఏకాభిప్రాయం కుదిరింది.

మహారాష్ట్ర కొత్త ముఖ్యమంత్రి (Maharashtra CM) పేరు దాదాపు ఖరారైనట్లు తెలిసింది. మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎంగా దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ (Devendra Fadnavis) ఎన్నికైనట్లు సమాచారం. ఆయా వర్గాల నుంచి వచ్చిన సమాచారం ప్రకారం తెలిసింది. ఏక్‌నాథ్ షిండే, అజిత్ పవార్‌లను ఉప ముఖ్యమంత్రులు చేయనున్నట్లు తెలుస్తోంది.

ఈ విషయంపై చర్చించేందుకు గురువారం రాత్రి మహాయుతి నేతలు దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్, ఏక్నాథ్ షిండే, అజిత్ పవార్ హోంమంత్రి అమిత్ షాను కలిసేందుకు ఢిల్లీ చేరుకున్నారు. ఈ సమావేశంలోనే ఈ సమీకరణ ఖరారైనట్లు సమాచారం.

బీజేపీ నేత ముఖ్యమంత్రి అయితే ఇరు పార్టీలకు ఎలాంటి అభ్యంతరం ఉండదని సమావేశంలో ఇరు పక్షాలు అంగీకరించాయి. ఢిల్లీలోని తన నివాసంలో మంత్రి అమిత్ షా అధ్యక్షతన జరిగిన రెండు గంటల సుదీర్ఘ సమావేశం అర్ధరాత్రి ముగిసింది.

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
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* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
कौन होगा महायुति का मुख्यमंत्री? फडणवीस, शिंदे या अजित, नतीजों से पहले कुर्सी के खींचतान

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महाराष्‍ट्र में वोटों की गिनती से पहले महायुति और महाविकास अघाड़ी के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि मुख्‍यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा? वोटों की गिनती शनिवार को होगी, तब पता चलेगा कि किस खेमे को जनता ने चुना है। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के भीतर इस बात को लेकर मतभेद उभर आए हैं कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, क्योंकि दोनों खेमों के दल मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रहे हैं। 

महाराष्ट्र में सीएम की कुर्सी भी नंबर गेम में फंसी है। महायुति और महा विकास अघाड़ी दोनों गठबंधनों ने सीएम चेहरे का नाम उजागर नहीं किया है। सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर अपने शीर्ष नेताओं को सीएम प्रोजेक्ट कर रही हैं। महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, पृथ्वीराज चौहान जैसे दावेदार हैं तो महायुति में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फड़णवीस और अजीत पवार भी सीएम की रेस में हैं।

अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सत्ता बरकरार रखेगी। एग्जिट पोल ने बीजेपी के लिए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का भी दावा किया है। ज्यादातर राजनीतिक पंडितों का भी मानना है कि बीजेपी ही अकेली सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी होगी, लेकिन कोई यह दावा नहीं कर रहा कि बीजेपी सिर्फ अपने विधायकों के दम पर सरकार बना लेगी।

अगर बीजेपी के 100 से कम विधायक जीतकर आते हैं, तो खेल दिलचस्प होगा। बीजेपी सत्ता के लिए फिर शिंदे और अजित पर निर्भर हो जाएगी। इस निर्भरता की कीमत उसे फिर मुख्यमंत्री पद देकर चुकानी पड़े, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। मराठा मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे और अजीत पवार दोनों ही तैयार बैठे हैं। 

महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा, जनता ने किसको कितने नंबर दिए हैं, इस पर सारा खेला निर्भर है। इस बार बड़ी संख्या में बागी और निर्दलीयों ने चुनाव लड़ा है, अगर वे अच्छी-खासी संख्या में जीते, तो शिंदे और अजित से पहले बीजेपी उन्हें ही पसंद करेगी। उन्हें साथ लेकर बीजेपी अपना सीएम बनाने की कोशिश करेगी। अगर निर्दलीयों के दम पर सरकार बनी, तो निर्विवाद रूप से देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की पहली पसंद होंगे।

वहीं, इस गठबंधन में सीएम पद को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे हैं जिसमें लिखा है प्रदेश के अगले सीएम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार होंगे। पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और अजित पवार की मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है। इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि अजित पवार को पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अलग-अलग जगह लगे इन पोस्टर में लिखा गया है कि अजित पवार का लगातार आठवीं बार विधायक चुनकर आने के लिए अभिनंदन।

अजित पवार महाराष्ट्र में चार बार के उपमुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री बनने की इच्छा वो कई बार मंच से कर चुके हैं। चाचा शरद पवार से अलग होने के बाद अजीत पवार और उनके कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि प्रदेश की कमान उन्हें सौंपी जाए।

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए बैनर लगाए थे। विधानसभा चुनावी नतीजों को लेकर कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। ऐसे में राज्य में भावी मुख्यमंत्री के बैनर दिखने से राजनीतिक माहौल गरमाने की आशंका जताई जा रही है।

अजित पवार दशकों तक हिंदू विरोधियों के साथ रहे...,महाराष्ट्र में मतदान से पहले फडणवीस का बड़ा बयान

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल चुनावी अखाड़े में उतर चुके हैं। इस बार का विधानसभा चुनाव पूरी तरह से दो गठबंधन के बीच की 'जंग' में तब्दील हो चुका है। एक तरफ जहां महायुति गठबंधन है तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी। चुनाव हैं तो इस दौरान चुनावी प्रचार में तमाम तरीके की बायनबाजी भी हो रही है। बीते दिनों ऐसी ही एक बयानबाजी को लेकर अब महायुति गठबंधन के दो बड़े देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एक दूसरे के सामने खड़े नजर आ रहे हैं। योगी के “बटेंगे तो कटेंगे” नारे ने बीच चुनाव में महाराष्ट्र एनडीए में दरार डाल दी है। इस नारे को लेकर अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस आमने-सामने आ गए हैं।

हाल ही में अजित पवार ने कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे का नारा महाराष्ट्र के लिए नहीं है। वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बटेंगे तो कटेंगे के नारे का समर्थन किया है। साथ ही फडणवीस ने इस नारे को लेकर अजीत पवार पर तीखा हमला किया है।

फडणवीस ने न्यू एजेंसी एएनआई से बातचीत में बंटेंगे तो कटेंगे नारे का महायुति और भाजपा में हो रहे विरोध पर कहा- मुझे योगी जी के नारे में कुछ भी गलत नहीं लगता। इस देश का इतिहास देख लीजिए, जब-जब इस देश को जातियों, प्रांतों और समुदायों में बांटा गया, यह देश गुलाम हुआ है।

फडणवीस ने अजीत पवार को लेकर क्या कहा?

वहीं, महायुति की सहयोगी पार्टी एनसीपी के नेता अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का विरोध किया है और कहा है कि ऐसे नारों के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है। इस पर फडणवीस से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'अजित पवार कई दशकों तक ऐसी पार्टियों के साथ रहे हैं, जो खुद को कथित सेक्युलर बताती हैं। वे ऐसे लोगों के साथ रहे हैं जो हिंदुत्व का विरोध करते हैं, इसलिए उन्हें लोगों की भावनाएं समझने में थोड़ा समय लगेगा।

बटेंगे तो कटेंगे पर अजित ने क्या कहा था?

इससे पहले बटेंगे तो कटेंगे नारे का विरोध करते हुए अजित पवार ने कहा था कि यह सबका साथ, सबका विकास नहीं है। अजित ने कहा कि एक तरफ आप सबका साथ और सबका विकास की बात करते हो और दूसरी तरफ बटेंगे तो कटेंगे की बात करते हो। यह कैसे चलेगा? जूनियर पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र का सियासी मिजाज यूपी जैसा नहीं है। यहां लोग काफी समझदार हैं, इसलिए इन नारों का कोई मतलब नहीं है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस के ऑफिस में हंगामा, तोड़फोड़ की कोशिश, मंत्रालय बिल्डिंग में कैसी घुसी महिला?

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। एक महिला बिना पास के मंत्रालय परिसर में दाखिल हुई थी। उसने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के ऑफिस में जमकर हंगामा किया और वहां पर तोड़फोड़ भी की। महिला ने फडणवीस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यही नहीं महिला ने फडणवीस के नेमप्लेट को उतारकर फेंक दिया। साथ ही महिला ने वहां रखे गमलों और पौधों को भी नुकसान पहुंचाया।

जानकारी के मुताबिक यह महिला बिना पास लिए सिचाव गेट से मंत्रालय में दाखिल हुई। इसके बाद इस महिला द्वारा फड़णवीस के मंत्रालय के दफ्तर के बाहर तोड़फोड़ की कोशिश की गई है। महिला ने फडणवीस की नेमप्लेट भी हटा दी।

उपमुख्यमंत्री के ऑफिस तक पहुंचने और वहां पर हंगामा करने के बाद वह अचानक से गायब भी हो गई। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। लेकिन यह किसी को नहीं पता कि यह महिला कौन थी और यहां पर किस मकसद से आई थी। पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है।

पुलिस कमिश्नर ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और महिला की तलाश युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला पहले अदंर गई थी, उसके कुछ समय बाद वो मंत्रालय के गेट से बाहर जाने लगी, तभी गेट तक पहुंचने पर उसे कुछ याद आया और वो दोबारा मंत्रालय के छठवीं मंजिले पर गई और देवेंद्र फडणवीस के ऑफिस के बाहर हंगामा किया, घटना के बाद महिला मौके से फरार हो गई।

क्या देवेंद्र फडणवीस होंगे बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष, परिवार संग पीएम मोदी से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
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जेपी नड्डा के बाद बीजेपी का नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कौन होगा? 2024 लोकसभा चुनावों के बाद से यह सवाल लगातार उठा रहा है। दरअसल, मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा मोदी 3.0 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बन चुके हैं। नए अध्‍यक्ष के चुने जाने तक उनको विस्‍तार मिला हुआ है। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिलसिले में 24 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष (पार्टी जनरल सेक्रेटरी-संगठन) की बैठक हुई। उसके बाद से फिर इन कयासों को बल मिला है कि बीजेपी जल्‍द ही पूर्णकालिक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष घोषित करेगी

इस बीच एक बार फिर नए अद्यक्ष के नामों को लेकर अटकलें लगाई जानें लगीं है। तमाम नामों पर अटकलों के बाद अब यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जे पी नड्‌डा की जगह ले सकते हैं। दिल्ली में पत्नी अमृता फडणवीस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा है कि क्या फडणवीस नए बीजेपी अध्यक्ष होंगे?

फडणवीस के नए बीजेपी अध्यक्ष बनने की संभावनाओं का लेकर द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि दिल्ली में फडणवीस की पत्नी और बेटी के साथ मोदी से मुलाकात से यह धारणा मजबूत होती है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व फडणवीस को पार्टी में अहम पद पर नियुक्त करना चाहता है। सूत्र के हवाले लिखा गया है कि इससे पहले आरएसएस और भाजपा के बीच नामों को लेकर मतभेद थे, जिससे राष्ट्रीय भाजपा प्रमुख की नियुक्ति में देरी हो रही थी। फडणवीस को लेकर आम सहमति बनती दिख रही है। ऐसे में फडणवीस- पीएम मोदी की मुलाकात महत्वपूर्ण है।

अपने परिवार के साथ फडणवीस की पीएम मोदी के साथ मुलाकात के ये मायने निकाले जा रहे हैं कि बीजेपी पार्टी का शीर्ष नेतृत्‍व भी फडणवीस को कोई महत्‍वपूर्ण भूमिका देना चाहता है. यानी फडणवीस को लेकर बीजेपी और आरएसएस के नाम पर सहमति बनती दिख रही है।

बता दें कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल दिसंबर में ही समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनके कार्यकाल को 6 महीने का विस्तार दिया गया था। चुनाव खत्म हो चुके हैं और एक बार फिर एनडीए गठबंधन ने केंद्र में सरकार बनाई है। जिसमें जेपी नड्डा को केंद्रीय मंत्री पद मिला। जिसके बाद नए पार्टी अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा होती रही है। इस रेस में बीजेपी के महासचिव विनोद तावड़े का नाम है, जो महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री हैं और बीएल संतोष के बाद बीजेपी के सबसे प्रभावशाली महासचिवों में से एक बन गए हैं। तावड़े युवा हैं, संगठन को समझते हैं और मराठा हैं। जबकि के लक्ष्मण का नाम भी काफी चर्चा में है, वह भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख हैं। आंध्र के बाद बीजेपी का अगला फोकस तेलंगाना से है, लक्ष्मण ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी का नेतृत्व किया है। उनमें शांत रहने और आक्रामक होने का सही संतुलन है।’
क्या चल रहा है शरद पवार के मन में? एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित को खाने पर घर बुलाया

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अपने भतीजे अजीत पवार अपने घर खाने पर बुलाया है। शरद पवार ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को 2 मार्च को बारामती स्थित अपने मोहनबाग स्थित आवास पर खाने के लिए आमंत्रित किया है।शरद पवार का सीएम एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित पवार को ये निमंत्रण उनके द्वारा बनाई गई पार्टी एनसीपी में विभाजन और उनके भतीजे अजीत पवार के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच मिला है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में कोई खिचड़ी पक रही है?

शरद पवार ने इसको लेकर सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी भेजी है। शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे पत्र में कहा, ''आप सरकारी यात्रा के लिए शनिवार, 2 मार्च को बारामती आ रहे हैं। उस दिन महारोजगार मेला विद्या प्रतिष्ठान, विद्यानगरी, बारामती के मैदान में आयोजित किया जा रहा है। विद्या प्रतिष्ठान का मैं संस्थापक अध्यक्ष हूं, संगठन के अध्यक्ष के रूप में मैं संगठन के परिसर में आपका स्वागत करना चाहता हूं।''

उन्होंने आगे लिखा है, "मुझे बहुत खुशी है कि आप मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सबसे पहले बारामती शहर आ रहे हैं। मैंने आपको बारामती में अपने आवास 'गोविंदबाग' में आतिथ्य का आनंद लेने के लिए पहले ही फोन पर आमंत्रित किया है। कृपया नमो महारोजगार मेले के बाद कैबिनेट के अन्य साथियों के साथ आएं। मुझे आशा है कि आप निमंत्रण सहृदयतापूर्वक स्वीकार करेंगे।"

भले ही शरद पवार ने सीएम समेत दोनों डिप्टी सीएम को अपने घर पर आने का न्योता दिया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि शरद पवार को उनकी ओर से संचालित प्रतिष्ठित संस्थान, विद्या प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि उनकी बेटी और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले और दो अन्य सांसद, वंदना चव्हाण और डॉ. अमोल कोल्हे और अलग-अलग दलों के अन्य प्रमुख नेताओं का नाम निमंत्रण सूची में है।गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने अफसोसजनक लहजे में कहा कि उन्हें और उनके सहयोगी चव्हाण को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पिता शरद पवार का नाम हटा दिया गया था, हालांकि वह उस संस्थान के प्रमुख हैं, जहां मेगा-इवेंट आयोजित किया जा रहा है।

शरद पवार ने ये चिट्ठी ऐसे समय में भेजी है जब अजित पवार ने बारामती सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने का एलान किया है। बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रियु सुले सांसद हैं। 2019 में सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की थी। अजित पवार सुप्रिया सुले के चचेरे भाई हैं। बारामती सीट से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है, बस औपचारिक एलान बाकी है।

*मुख्यमंत्री, एडीजी एसटीएफ व राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले दो गिरफ्तार*

लखनऊ । एसटीएफएफ यूपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, देवेन्द्र तिवारी व राम मन्दिर को आईएसआई के कथित जुबैर खान द्वारा बम से उड़ाने की धमकी से सम्बन्धित दो अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम ताहर सिंह पुत्र पृथ्वी सिंह निवासी ग्राम विशम्भरपुर थाना धानेपरु जनपद गोण्डा व ओम प्रकाश मिश्रा पुत्र भरत भुवाल मिश्र निवासी ग्राम बमडेरा भैरमपुर, थाना कटरा, गोण्डा है।

सीएम, एडीजी एसटीएफ अभिताभ यश व देवेंद्र को भी दी थी धमकी

डीजीपी मुख्यालय के दूरभाष नम्बर 9454402509 से एसटीएफ मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर-9454402559 पर अवगत कराया गया कि 27 दिसंबर 2023 को ट्विटर से ट्विट किया गया है कि आईएसआई संगठन के जुबैर खान नामक व्यक्ति द्वारा एक मेल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश, देवेन्द्रनाथ तिवारी सहित अयोध्या के श्री राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी।

एसटीएफ ने लखनऊ से दोनों अभियुक्तों को दबोचा

अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त सम्बन्ध में थाना आलमबाग लखनऊ में तथा थाना सुशांत गोल्फ सिटी विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। दोनों अभियोगों की प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदित हुआ कि थ्रेट मैसेज हेतु ई-मेल व का प्रयोग किया गया है। प्रयुक्त मेल आईडी के तकनीकी विष्लेषण के उपरान्त ई-मेल आईडी क्रिएट करने वाले ताहर सिंह पुत्र पृथ्वी राज सिंह निवासी ग्राम विषम्भरपुर थाना धानेपुर जनपद गोण्डा व थ्रेट मेल भेजने वाले ओमप्रकाष मिश्रा पुत्र भरत भुवाल मिश्रा निवासी ग्राम बमडेरा भैरमपुर थाना कटरा जनपद गोण्डा को गिरफ्तार किया गया जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ चलाता है देवेंद्र तिवारी

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि देवेन्द्र तिवारी निवासी सी-4, सीडर डम्प काम्प्लेक्स लखनऊ स्थाई पता-ग्राम नेवाजी खेडा, थाना बन्थरा, लखनऊ जो भारतीय किसान मंच एवं भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ चलाता है, जिसके विरूद्ध थाना मानकनगर, आशियाना, बन्थरा, गौतमपल्ली व आलमबाग में कई अभियोग भी दर्ज है। देवेन्द्र तिवारी का आलमबाग के उपरोक्त पते पर इण्डियन इंस्टीट्यूट पैरा मेडिकल साइन्सेज के नाम से कालेज है। इसी कालेज में उन्होंने अपना कार्यालय बना रखा है। जिसमें ताहर सिंह उपरोक्त सोशल मीडिया हैण्डलर व ओम प्रकाश मिश्रा उपरोक्त पर्सनल सिक्रेटरी के तौर पर कार्यरत है व ओम प्रकाश इसी कालेज से आप्टोमैट्री में दो वर्ष का डिप्लोमा भी कर रहा है।

मेल भेजने के उपरांत मोबाइल फोन देवेन्द्र द्वारा जलाकर नष्ट करा दिया

देवेन्द तिवारी के कहने पर ताहर सिंह द्वारा थ्रेट में इस्तेमाल करने हेतु फर्जी ई-मेल आईडी क्रिएट कर ई-मेल आईडी व पासवर्ड व्हाट्सएप के जरिये ओमप्रकाश मिश्रा को नोट कराया गया था व उन्ही के कहने पर नाका लखनऊ स्थित अमन मोबाइल सेन्टर से दो मोबाइल फोन क्रय किये गये, जिनका इस्तेमाल थ्रेट ई-मेल भेजने के लिए किया गया। देवेन्द्र तिवारी के मोबाइल फोन में मौजूद थ्रेट कन्टेन्ट को थ्रेट मेल भेजने में प्रयुक्त मोबाइल फोन के गूगल लेंस से स्कैन कर कापी पेस्ट करते हुये मेल 19 नवंबर 2023 व 27 दिसंबर 2023 को उन्हीं की मेल आईडी पर भेजा गया। जिसे देवेन्द्र तिवारी द्वारा अपने ट्वीटर के माध्यम से प्रसारित किया गया है। मेल भेजने के उपरांत मोबाइल फोन देवेन्द्र तिवारी द्वारा जलाकर नष्ट करा दिया गया।

मीडिया में हाईलाइट में होने के लिए ऐसा किया काम

मेल भेजने हेतु कार्यालय में लगे हुए वाईफाई राउटर का इण्टरनेट इस्तेमाल किया गया। अभियुक्तों ने यह भी बताया कि देवेन्द्र तिवारी ने उनसे यह कहा था कि इससे वह सोशल मीडिया पर काफी हाई लाइट हो जायेगे एवं सुरक्षा भी बढ़ेगी तथा बड़ा राजनैतिक लाभ भी मिल सकता है। अभियुक्तों द्वारा फर्जी ई-मेल आईडी का सृजन कर उसके माध्यम से अपने साथ ही अतिविशष्ट व्यक्तियों एवं स्थलों का खतरा बताकर उसकी आड़ में सनसनीखेज व सम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली फर्जी ई-मेल व ट्वीटर संदेश निजी लाभ के लिए प्रसारित किया गया है। जिसके सम्बन्ध में अग्रिम कार्रवाई अन्तर्गत धारा-506, 507, 153ए, 420, 468, 471, 201, 120बी भादवि व 66डी-आईटी एक्ट में अभियुक्तों के विरूद्ध की जा रही है।

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के नाम का एलान, देवेंद्र फडणवीस चुने गए भाजपा विधायक दल के नेता

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महाराष्‍ट्र के अगले सीएम के रूप में देवेंद्र फडणवीस के नाम पर मुहर लग गई है। बीजेपी की कोर कमेटी ने फडणवीस को महाराष्‍ट्र के अगले सीएम के रूप में चुना है। इस महाराष्‍ट्र विधानसभा में बीजेपी के विधायक दल की बैठक जारी है। उन्‍हें सदन के नेता के रूप में चुने जाने की कार्यवाही जारी है। कल देवेंद्र फडणवीस मुंबई में शपथ लेंगे।

महाराष्ट्र भाजपा के अध्यक्ष चंद्रशेखर बावनकुले ने कहा कि हमें फडणवीस के नेतृत्व में जीत मिली है। वे राज्य के विकास के लिए लगातार काम करते रहे हैं। इसके बाद चंद्रकांत पाटिल और सुधीर मुगंटीवार ने फडणवीस के नाम का प्रस्ताव रखा। पंकजा मुंडे ने उनके नाम का अनुमोदन किया।

दो बार सीएम रह चुके देवेंद्र फडणवीस को इस पद के लिए रेस में सबसे आगे थे। वह 2014 में पहली बार राज्य के सीएम बने थे। इस बार विधानसभा चुनाव में महायुति गठबंधन ने प्रचंड जीत दर्ज की है। गठबंधन को 230 विधानसभा सीटों पर जीत मिली है। इसमें बीजेपी के खाते में सबसे ज्यादा 132 सीटें आई हैं। एकनाथ शिंदे की शिवसेना को 57 और अजित पवार की एनसीपी को 41 सीटों पर जीत मिली है।

क्या देवेंद्र फडणवीस के डिप्टी सीएम होंगे एकनाथ शिंदे के बेटे ? क्या होगा महायुति का रुख

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भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के देवेंद्र फडणवीस के 5 दिसंबर को महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री के रूप में शपथ लेने के लिए मंच तैयार है, उनकी पार्टी के नेताओं का दावा है कि शीर्ष पद के लिए उनका नाम तय हो गया है, जिसके लिए निवर्तमान और कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे भी दावेदार थे। हालांकि नई सरकार ने अभी तक शपथ नहीं ली है, लेकिन भाजपा के नेतृत्व वाले राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए), जिसे महाराष्ट्र में महायुति के रूप में भी जाना जाता है, द्वारा राज्य चुनावों में शानदार जीत हासिल करने के एक सप्ताह से अधिक समय बाद 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में फडणवीस को विधायक दल का नेता चुने जाने की संभावना है।

महायुति ने 288 विधानसभा सीटों में से 230 सीटें जीतीं। भाजपा ने 132 सीटें जीतकर बढ़त बनाई, जबकि शिवसेना को 57 और अजित पवार के नेतृत्व वाली राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) को 41 सीटें मिलीं। महायुति सरकार का शपथ ग्रहण समारोह 5 दिसंबर की शाम को मुंबई के आजाद मैदान में प्रधानमंत्री मोदी की मौजूदगी में होना है।

महाराष्ट्र सरकार गठन | मुख्य बिंदु

1. भाजपा नेता का दावा, फडणवीस होंगे अगले मुख्यमंत्री: समाचार एजेंसी पीटीआई ने रविवार रात भाजपा के एक वरिष्ठ नेता के हवाले से बताया कि महाराष्ट्र के नए मुख्यमंत्री के तौर पर देवेंद्र फडणवीस के नाम को अंतिम रूप दे दिया गया है, जिन्हें 2 या 3 दिसंबर को होने वाली बैठक में विधायक दल का नेता चुना जाएगा। इससे पहले दिन में निवर्तमान मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कहा कि वह नए मुख्यमंत्री को चुनने के भाजपा के फैसले का समर्थन करेंगे।

2. शिंदे गांव से लौटे:

कार्यवाहक मुख्यमंत्री और शिवसेना नेता एकनाथ शिंदे शुक्रवार को सतारा जिले में अपने पैतृक गांव के लिए रवाना हुए थे, ऐसी अटकलें लगाई जा रही थीं कि वह नई सरकार के गठन से खुश नहीं हैं। उन्हें अपने गांव में तेज बुखार हो गया। मुंबई रवाना होने से पहले रविवार को अपने गांव में पत्रकारों से बात करते हुए शिंदे ने कहा, "मैंने पहले ही कहा है कि भाजपा नेतृत्व द्वारा लिया गया सीएम पद का फैसला मुझे और शिवसेना को स्वीकार्य होगा और मेरा पूरा समर्थन होगा।" इस दावे पर कि श्रीकांत शिंदे को नई सरकार में उपमुख्यमंत्री बनाया जाएगा और क्या शिवसेना ने गृह विभाग के लिए दावा पेश किया है, शिंदे ने जवाब दिया, "बातचीत चल रही थी"।

3.शिवसेना नेता ने अजित पवार की एनसीपी को नाराज़ किया:

पूर्व केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता रावसाहेब दानवे ने कहा कि अगर अविभाजित शिवसेना और भाजपा ने एक साथ चुनाव लड़ा होता, तो वे अधिक सीटें जीतते। शिवसेना विधायक गुलाबराव पाटिल ने भी यही बात दोहराते हुए दावा किया कि अगर अजित पवार की एनसीपी गठबंधन का हिस्सा नहीं होती तो एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली पार्टी चुनावों में 90-100 सीटें जीतती। निवर्तमान सरकार में मंत्री गुलाबराव पाटिल ने एक समाचार चैनल से कहा, "हमने 85 सीटों पर चुनाव लड़ा था। अजित दादा के बिना हम 90-100 सीटें जीत सकते थे। शिंदे ने कभी नहीं पूछा कि अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी को सरकार में क्यों शामिल किया गया।" पलटवार करते हुए एनसीपी प्रवक्ता अमोल मिटकरी ने पाटिल से कहा कि वह अपनी "अवांछित जबान" न चलाएं।

महाराष्ट्र चुनाव परिणाम:

 288 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में 132 सीटें जीतकर भाजपा सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी, जबकि उसके सहयोगी दलों- एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी ने क्रमशः 57 और 41 सीटें हासिल कीं। महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के लिए मतदान 20 नवंबर को हुआ था, जबकि मतों की गिनती 23 नवंबर को हुई थी।

మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎం ఎంపిక

గత కొన్ని రోజులుగా ఆసక్తిరేపిన మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎం పేరు దాదాపు ఖరారైంది. మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎంగా దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ ఎన్నికయ్యారు. ఇంకా ప్రకటన వెలువడనప్పటికీ, ఆయా వర్గాల నుంచి వచ్చిన సమాచారం ప్రకారం, దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ పేరుపై ఏకాభిప్రాయం కుదిరింది.

మహారాష్ట్ర కొత్త ముఖ్యమంత్రి (Maharashtra CM) పేరు దాదాపు ఖరారైనట్లు తెలిసింది. మహారాష్ట్ర కొత్త సీఎంగా దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్ (Devendra Fadnavis) ఎన్నికైనట్లు సమాచారం. ఆయా వర్గాల నుంచి వచ్చిన సమాచారం ప్రకారం తెలిసింది. ఏక్‌నాథ్ షిండే, అజిత్ పవార్‌లను ఉప ముఖ్యమంత్రులు చేయనున్నట్లు తెలుస్తోంది.

ఈ విషయంపై చర్చించేందుకు గురువారం రాత్రి మహాయుతి నేతలు దేవేంద్ర ఫడ్నవీస్, ఏక్నాథ్ షిండే, అజిత్ పవార్ హోంమంత్రి అమిత్ షాను కలిసేందుకు ఢిల్లీ చేరుకున్నారు. ఈ సమావేశంలోనే ఈ సమీకరణ ఖరారైనట్లు సమాచారం.

బీజేపీ నేత ముఖ్యమంత్రి అయితే ఇరు పార్టీలకు ఎలాంటి అభ్యంతరం ఉండదని సమావేశంలో ఇరు పక్షాలు అంగీకరించాయి. ఢిల్లీలోని తన నివాసంలో మంత్రి అమిత్ షా అధ్యక్షతన జరిగిన రెండు గంటల సుదీర్ఘ సమావేశం అర్ధరాత్రి ముగిసింది.

महाराष्ट्र में सीएम से लेकर मंत्रालय तक सब तय, दिल्ली में अमित शाह के साथ बैठक में सब तय, अब मुंबई पर नजर
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* महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा? अगले कुछ घंटों के भीतर ये साफ हो जाएगा। महायुति में शामिल तीनों पार्टियों, बीजेपी, शिवसेना और एनसीपी के नेता गुरुवार को दिल्ली आए थे। देर रात उनकी मुलाकात केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से हुई। इस बैठक में महाराष्ट्र के कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, बीजेपी नेता देवेंद्र फडणवीस, एनसीपी के मुखिया अजित पवार और भाजपा अध्यक्ष जेपी नड्डा शामिल हुए। दिल्ली से ग्रीन सिग्नल मिल चुका है। अब महायुति की मुंबई में होने वाली बैठक पर सबकी नजरें टिकी हैं। बीती देर रात तक गृह मंत्री अमित शाह के घर पर महायुति के नेताओं की बैठक हुई। 2 घंटे से ज्यादा देर तक चली बैठक में महाराष्ट्र में सरकार गठन को लेकर चर्चा हुई। सूत्रों के मुताबिक, लगभग 2 घंटे की बैठक में करीब 25 मिनट की पहली बैठक एकनाथ शिंदे, अमित शाह और जेपी नड्डा के बीच हुई। बाद में अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस पहुंचे, जहां शिंदे, पवार, फडणवीस, सुनील तटकरे, गृहमंत्री और बीजेपी अध्यक्ष की बैठक हुई। शिंदे के साथ बैठक में मराठा वोटरों के बीच विश्वास बहाली बनाए रखने को लेकर भी चर्चा की गई। बैठक में दोनों सहयोगी दलों ने अपनी सहमति दी कि बीजेपी का मुख्यमंत्री बने। बीजेपी के मुख्यमंत्री बनने पर दोनों दलों को कोई आपत्ति नहीं है। बीती रात दिल्ली में कार्यवाहक मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह के सामने शिवसेना का पक्ष रखा। शिवसेना के सूत्रों ने बताया कि शिंदे ने अमित शाह से 12 मंत्री पद मांगे हैं। बैठक में शिंदे ने विधान परिषद के सभापति पद की भी मांग की। शिंदे ने अपने पसंदीदा मंत्रायलों की भी सूची सौंपी है। उन्होंने गृह, शहरी विकास समेत कई अहम विभागों की मांग की है। शिंदे ने अमित शाह से अनुरोध किया कि वे पालक मंत्री का पद देते समय भी पार्टी का उचित सम्मान बनाए रखें। *महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा* सूत्रों के मुताबिक, बैठक के दौरान कुछ महत्वपूर्ण पोर्टफोलियो पर भी चर्चा हुई। गृह मंत्रालय, वित्त मंत्रालय, राजस्व मंत्रालय और कार्मिक बीजेपी के पास रहेगा। शिवसेना के पास शहरी विकास मंत्रालय और पीडब्ल्यूडी जैसे महत्वपूर्ण मंत्रालय जाएंगे। एनसीपी को कृषि, सिंचाई, खाद्य आपूर्ति और मेडिकल और टेक्निकल एजुकेशन मंत्रालय दिया जा सकता है। *अब मुंबई में बैठक* मीटिंग के बाद श‍िंदे ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा, 'बैठक अच्छी और सकारात्मक रही। यह पहली बैठक थी। हमने अमित शाह और जेपी नड्डा से चर्चा की। महायुति की एक और बैठक होगी। इस बैठक में फैसला लिया जाएगा कि मुख्यमंत्री कौन होगा। बैठक मुंबई में होगी। *सरकार गठन में देरी* महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के नतीजे आए शुक्रवार को सातवां दिन है। 23 नवंबर को रिजल्ट घोषित किया गया, लेकिन अभी तक मुख्यमंत्री कौन होगा इस पर फैसला नहीं लिया जा सका है। सत्तारूढ़ बीजेपी के नेतृत्व वाले महायुति गठबंधन ने अभी तक मुख्यमंत्री के लिए अपना नाम तय नहीं किया है। 280 सदस्यीय महाराष्ट्र विधानसभा में बीजेपी 132 सीटों के साथ सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी है, जबकि उसके सहयोगी दलों में एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाली शिवसेना और अजित पवार के नेतृत्व वाली एनसीपी क्रमशः 57 और 41 सीटें जीती हैं।
कौन होगा महायुति का मुख्यमंत्री? फडणवीस, शिंदे या अजित, नतीजों से पहले कुर्सी के खींचतान

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महाराष्‍ट्र में वोटों की गिनती से पहले महायुति और महाविकास अघाड़ी के सामने सबसे बड़ा सवाल ये है कि मुख्‍यमंत्री पद का दावेदार कौन होगा? वोटों की गिनती शनिवार को होगी, तब पता चलेगा कि किस खेमे को जनता ने चुना है। लेकिन इससे पहले सत्तारूढ़ महायुति और विपक्षी महाविकास अघाड़ी के भीतर इस बात को लेकर मतभेद उभर आए हैं कि अगली सरकार का नेतृत्व कौन करेगा, क्योंकि दोनों खेमों के दल मुख्यमंत्री पद पर दावा कर रहे हैं। 

महाराष्ट्र में सीएम की कुर्सी भी नंबर गेम में फंसी है। महायुति और महा विकास अघाड़ी दोनों गठबंधनों ने सीएम चेहरे का नाम उजागर नहीं किया है। सभी पार्टियां अपने-अपने स्तर पर अपने शीर्ष नेताओं को सीएम प्रोजेक्ट कर रही हैं। महा विकास अघाड़ी में उद्धव ठाकरे, नाना पटोले, पृथ्वीराज चौहान जैसे दावेदार हैं तो महायुति में एकनाथ शिंदे, देवेंद्र फड़णवीस और अजीत पवार भी सीएम की रेस में हैं।

अधिकांश एग्जिट पोल ने भविष्यवाणी की है कि बीजेपी की अगुवाई वाली महायुति सत्ता बरकरार रखेगी। एग्जिट पोल ने बीजेपी के लिए सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरने का भी दावा किया है। ज्यादातर राजनीतिक पंडितों का भी मानना है कि बीजेपी ही अकेली सबसे ज्यादा विधायकों वाली पार्टी होगी, लेकिन कोई यह दावा नहीं कर रहा कि बीजेपी सिर्फ अपने विधायकों के दम पर सरकार बना लेगी।

अगर बीजेपी के 100 से कम विधायक जीतकर आते हैं, तो खेल दिलचस्प होगा। बीजेपी सत्ता के लिए फिर शिंदे और अजित पर निर्भर हो जाएगी। इस निर्भरता की कीमत उसे फिर मुख्यमंत्री पद देकर चुकानी पड़े, तो आश्चर्य नहीं होना चाहिए। मराठा मुख्यमंत्री के रूप में एकनाथ शिंदे और अजीत पवार दोनों ही तैयार बैठे हैं। 

महाराष्ट्र का अगला सीएम कौन होगा, जनता ने किसको कितने नंबर दिए हैं, इस पर सारा खेला निर्भर है। इस बार बड़ी संख्या में बागी और निर्दलीयों ने चुनाव लड़ा है, अगर वे अच्छी-खासी संख्या में जीते, तो शिंदे और अजित से पहले बीजेपी उन्हें ही पसंद करेगी। उन्हें साथ लेकर बीजेपी अपना सीएम बनाने की कोशिश करेगी। अगर निर्दलीयों के दम पर सरकार बनी, तो निर्विवाद रूप से देवेंद्र फडणवीस सीएम पद की पहली पसंद होंगे।

वहीं, इस गठबंधन में सीएम पद को लेकर चल रही सुगबुगाहट के बीच बारामती में कुछ पोस्टर्स लगे हैं जिसमें लिखा है प्रदेश के अगले सीएम राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी अध्यक्ष अजित पवार होंगे। पोस्टर ऐसे समय में लगाया गया है, जब राज्य में राजनीतिक हलचल तेज है और अजित पवार की मुख्यमंत्री पद की संभावनाओं को लेकर चर्चा हो रही है। इन पोस्टरों के जरिए यह संकेत दिया जा रहा है कि अजित पवार को पार्टी और समर्थकों की ओर से मुख्यमंत्री पद के लिए प्रबल दावेदार माना जा रहा है। अलग-अलग जगह लगे इन पोस्टर में लिखा गया है कि अजित पवार का लगातार आठवीं बार विधायक चुनकर आने के लिए अभिनंदन।

अजित पवार महाराष्ट्र में चार बार के उपमुख्यमंत्री हैं। मुख्यमंत्री बनने की इच्छा वो कई बार मंच से कर चुके हैं। चाचा शरद पवार से अलग होने के बाद अजीत पवार और उनके कार्यकर्ताओं की इच्छा है कि प्रदेश की कमान उन्हें सौंपी जाए।

इससे पहले देवेंद्र फडणवीस के कार्यकर्ताओं ने उन्हें भावी मुख्यमंत्री बताते हुए बैनर लगाए थे। विधानसभा चुनावी नतीजों को लेकर कार्यकर्ताओं का उत्साह चरम पर है। ऐसे में राज्य में भावी मुख्यमंत्री के बैनर दिखने से राजनीतिक माहौल गरमाने की आशंका जताई जा रही है।

अजित पवार दशकों तक हिंदू विरोधियों के साथ रहे...,महाराष्ट्र में मतदान से पहले फडणवीस का बड़ा बयान

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव को लेकर तमाम राजनीतिक दल चुनावी अखाड़े में उतर चुके हैं। इस बार का विधानसभा चुनाव पूरी तरह से दो गठबंधन के बीच की 'जंग' में तब्दील हो चुका है। एक तरफ जहां महायुति गठबंधन है तो दूसरी तरफ महाविकास अघाड़ी। चुनाव हैं तो इस दौरान चुनावी प्रचार में तमाम तरीके की बायनबाजी भी हो रही है। बीते दिनों ऐसी ही एक बयानबाजी को लेकर अब महायुति गठबंधन के दो बड़े देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार एक दूसरे के सामने खड़े नजर आ रहे हैं। योगी के “बटेंगे तो कटेंगे” नारे ने बीच चुनाव में महाराष्ट्र एनडीए में दरार डाल दी है। इस नारे को लेकर अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस आमने-सामने आ गए हैं।

हाल ही में अजित पवार ने कहा था कि बटेंगे तो कटेंगे का नारा महाराष्ट्र के लिए नहीं है। वहीं, महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री बटेंगे तो कटेंगे के नारे का समर्थन किया है। साथ ही फडणवीस ने इस नारे को लेकर अजीत पवार पर तीखा हमला किया है।

फडणवीस ने न्यू एजेंसी एएनआई से बातचीत में बंटेंगे तो कटेंगे नारे का महायुति और भाजपा में हो रहे विरोध पर कहा- मुझे योगी जी के नारे में कुछ भी गलत नहीं लगता। इस देश का इतिहास देख लीजिए, जब-जब इस देश को जातियों, प्रांतों और समुदायों में बांटा गया, यह देश गुलाम हुआ है।

फडणवीस ने अजीत पवार को लेकर क्या कहा?

वहीं, महायुति की सहयोगी पार्टी एनसीपी के नेता अजित पवार ने योगी आदित्यनाथ के बंटेंगे तो कटेंगे के नारे का विरोध किया है और कहा है कि ऐसे नारों के लिए महाराष्ट्र में कोई जगह नहीं है। इस पर फडणवीस से जब सवाल किया गया तो उन्होंने कहा कि 'अजित पवार कई दशकों तक ऐसी पार्टियों के साथ रहे हैं, जो खुद को कथित सेक्युलर बताती हैं। वे ऐसे लोगों के साथ रहे हैं जो हिंदुत्व का विरोध करते हैं, इसलिए उन्हें लोगों की भावनाएं समझने में थोड़ा समय लगेगा।

बटेंगे तो कटेंगे पर अजित ने क्या कहा था?

इससे पहले बटेंगे तो कटेंगे नारे का विरोध करते हुए अजित पवार ने कहा था कि यह सबका साथ, सबका विकास नहीं है। अजित ने कहा कि एक तरफ आप सबका साथ और सबका विकास की बात करते हो और दूसरी तरफ बटेंगे तो कटेंगे की बात करते हो। यह कैसे चलेगा? जूनियर पवार ने आगे कहा कि महाराष्ट्र का सियासी मिजाज यूपी जैसा नहीं है। यहां लोग काफी समझदार हैं, इसलिए इन नारों का कोई मतलब नहीं है।

महाराष्ट्र के उपमुख्यमंत्री फडणवीस के ऑफिस में हंगामा, तोड़फोड़ की कोशिश, मंत्रालय बिल्डिंग में कैसी घुसी महिला?

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महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले सुरक्षा में चूक का मामला सामने आया है। एक महिला बिना पास के मंत्रालय परिसर में दाखिल हुई थी। उसने प्रदेश के उपमुख्यमंत्री और भारतीय जनता पार्टी के वरिष्ठ नेता देवेंद्र फडणवीस के ऑफिस में जमकर हंगामा किया और वहां पर तोड़फोड़ भी की। महिला ने फडणवीस के खिलाफ जमकर नारेबाजी की। यही नहीं महिला ने फडणवीस के नेमप्लेट को उतारकर फेंक दिया। साथ ही महिला ने वहां रखे गमलों और पौधों को भी नुकसान पहुंचाया।

जानकारी के मुताबिक यह महिला बिना पास लिए सिचाव गेट से मंत्रालय में दाखिल हुई। इसके बाद इस महिला द्वारा फड़णवीस के मंत्रालय के दफ्तर के बाहर तोड़फोड़ की कोशिश की गई है। महिला ने फडणवीस की नेमप्लेट भी हटा दी।

उपमुख्यमंत्री के ऑफिस तक पहुंचने और वहां पर हंगामा करने के बाद वह अचानक से गायब भी हो गई। पुलिस उसकी तलाश में जुटी है। लेकिन यह किसी को नहीं पता कि यह महिला कौन थी और यहां पर किस मकसद से आई थी। पुलिस ने इस मामले में जांच भी शुरू कर दी है।

पुलिस कमिश्नर ने इस घटना को गंभीरता से लिया है और महिला की तलाश युद्धस्तर पर जारी है। पुलिस अधिकारी ने बताया कि महिला पहले अदंर गई थी, उसके कुछ समय बाद वो मंत्रालय के गेट से बाहर जाने लगी, तभी गेट तक पहुंचने पर उसे कुछ याद आया और वो दोबारा मंत्रालय के छठवीं मंजिले पर गई और देवेंद्र फडणवीस के ऑफिस के बाहर हंगामा किया, घटना के बाद महिला मौके से फरार हो गई।

क्या देवेंद्र फडणवीस होंगे बीजेपी के अगले राष्ट्रीय अध्यक्ष, परिवार संग पीएम मोदी से मुलाकात के बाद अटकलें तेज
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जेपी नड्डा के बाद बीजेपी का नया राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष कौन होगा? 2024 लोकसभा चुनावों के बाद से यह सवाल लगातार उठा रहा है। दरअसल, मौजूदा बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्‌डा मोदी 3.0 में केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री बन चुके हैं। नए अध्‍यक्ष के चुने जाने तक उनको विस्‍तार मिला हुआ है। ऐसे में उनके उत्तराधिकारी को लेकर लंबे समय से चर्चा चल रही है।मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस सिलसिले में 24 जुलाई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, जेपी नड्डा, अमित शाह, राजनाथ सिंह, बीएल संतोष (पार्टी जनरल सेक्रेटरी-संगठन) की बैठक हुई। उसके बाद से फिर इन कयासों को बल मिला है कि बीजेपी जल्‍द ही पूर्णकालिक राष्‍ट्रीय अध्‍यक्ष घोषित करेगी

इस बीच एक बार फिर नए अद्यक्ष के नामों को लेकर अटकलें लगाई जानें लगीं है। तमाम नामों पर अटकलों के बाद अब यह माना जा रहा है कि महाराष्ट्र के मौजूदा उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस जे पी नड्‌डा की जगह ले सकते हैं। दिल्ली में पत्नी अमृता फडणवीस के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के साथ मुलाकात के बाद राजनीतिक हलकों में इसकी चर्चा है कि क्या फडणवीस नए बीजेपी अध्यक्ष होंगे?

फडणवीस के नए बीजेपी अध्यक्ष बनने की संभावनाओं का लेकर द इंडियन एक्सप्रेस ने अपनी रिपोर्ट में लिखा है कि दिल्ली में फडणवीस की पत्नी और बेटी के साथ मोदी से मुलाकात से यह धारणा मजबूत होती है कि बीजेपी का शीर्ष नेतृत्व फडणवीस को पार्टी में अहम पद पर नियुक्त करना चाहता है। सूत्र के हवाले लिखा गया है कि इससे पहले आरएसएस और भाजपा के बीच नामों को लेकर मतभेद थे, जिससे राष्ट्रीय भाजपा प्रमुख की नियुक्ति में देरी हो रही थी। फडणवीस को लेकर आम सहमति बनती दिख रही है। ऐसे में फडणवीस- पीएम मोदी की मुलाकात महत्वपूर्ण है।

अपने परिवार के साथ फडणवीस की पीएम मोदी के साथ मुलाकात के ये मायने निकाले जा रहे हैं कि बीजेपी पार्टी का शीर्ष नेतृत्‍व भी फडणवीस को कोई महत्‍वपूर्ण भूमिका देना चाहता है. यानी फडणवीस को लेकर बीजेपी और आरएसएस के नाम पर सहमति बनती दिख रही है।

बता दें कि बीजेपी राष्ट्रीय अध्यक्ष के तौर पर जेपी नड्डा का कार्यकाल पिछले साल दिसंबर में ही समाप्त हो गया था, लेकिन लोकसभा चुनाव के मद्देनजर उनके कार्यकाल को 6 महीने का विस्तार दिया गया था। चुनाव खत्म हो चुके हैं और एक बार फिर एनडीए गठबंधन ने केंद्र में सरकार बनाई है। जिसमें जेपी नड्डा को केंद्रीय मंत्री पद मिला। जिसके बाद नए पार्टी अध्यक्ष के लिए कई नामों पर चर्चा होती रही है। इस रेस में बीजेपी के महासचिव विनोद तावड़े का नाम है, जो महाराष्ट्र सरकार के पूर्व मंत्री हैं और बीएल संतोष के बाद बीजेपी के सबसे प्रभावशाली महासचिवों में से एक बन गए हैं। तावड़े युवा हैं, संगठन को समझते हैं और मराठा हैं। जबकि के लक्ष्मण का नाम भी काफी चर्चा में है, वह भाजपा के ओबीसी मोर्चा के प्रमुख हैं। आंध्र के बाद बीजेपी का अगला फोकस तेलंगाना से है, लक्ष्मण ने बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष के रूप में भी पार्टी का नेतृत्व किया है। उनमें शांत रहने और आक्रामक होने का सही संतुलन है।’
क्या चल रहा है शरद पवार के मन में? एकनाथ शिंदे-देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित को खाने पर घर बुलाया

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राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (शरदचंद्र पवार) के अध्यक्ष शरद पवार ने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे, डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अपने भतीजे अजीत पवार अपने घर खाने पर बुलाया है। शरद पवार ने सीएम और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और अजित पवार को 2 मार्च को बारामती स्थित अपने मोहनबाग स्थित आवास पर खाने के लिए आमंत्रित किया है।शरद पवार का सीएम एकनाथ शिंदे और दोनों डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस और भतीजे अजित पवार को ये निमंत्रण उनके द्वारा बनाई गई पार्टी एनसीपी में विभाजन और उनके भतीजे अजीत पवार के साथ तनावपूर्ण संबंधों के बीच मिला है। ऐसे में सवाल उठ रहे हैं कि क्या महाराष्ट्र की राजनीतिक गलियारों में कोई खिचड़ी पक रही है?

शरद पवार ने इसको लेकर सीएम शिंदे, डिप्टी सीएम अजित पवार और देवेंद्र फडणवीस को चिट्ठी भेजी है। शरद पवार ने मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे को भेजे पत्र में कहा, ''आप सरकारी यात्रा के लिए शनिवार, 2 मार्च को बारामती आ रहे हैं। उस दिन महारोजगार मेला विद्या प्रतिष्ठान, विद्यानगरी, बारामती के मैदान में आयोजित किया जा रहा है। विद्या प्रतिष्ठान का मैं संस्थापक अध्यक्ष हूं, संगठन के अध्यक्ष के रूप में मैं संगठन के परिसर में आपका स्वागत करना चाहता हूं।''

उन्होंने आगे लिखा है, "मुझे बहुत खुशी है कि आप मुख्यमंत्री पद संभालने के बाद सबसे पहले बारामती शहर आ रहे हैं। मैंने आपको बारामती में अपने आवास 'गोविंदबाग' में आतिथ्य का आनंद लेने के लिए पहले ही फोन पर आमंत्रित किया है। कृपया नमो महारोजगार मेले के बाद कैबिनेट के अन्य साथियों के साथ आएं। मुझे आशा है कि आप निमंत्रण सहृदयतापूर्वक स्वीकार करेंगे।"

भले ही शरद पवार ने सीएम समेत दोनों डिप्टी सीएम को अपने घर पर आने का न्योता दिया है, लेकिन हैरानी की बात यह है कि शरद पवार को उनकी ओर से संचालित प्रतिष्ठित संस्थान, विद्या प्रतिष्ठान में होने वाले कार्यक्रम के लिए आमंत्रित नहीं किया गया है। हालांकि उनकी बेटी और एनसीपी-एसपी की कार्यकारी अध्यक्ष और सांसद सुप्रिया सुले और दो अन्य सांसद, वंदना चव्हाण और डॉ. अमोल कोल्हे और अलग-अलग दलों के अन्य प्रमुख नेताओं का नाम निमंत्रण सूची में है।गुरुवार को मीडिया से बात करते हुए सुप्रिया सुले ने अफसोसजनक लहजे में कहा कि उन्हें और उनके सहयोगी चव्हाण को आमंत्रित किया गया था, लेकिन उनके पिता शरद पवार का नाम हटा दिया गया था, हालांकि वह उस संस्थान के प्रमुख हैं, जहां मेगा-इवेंट आयोजित किया जा रहा है।

शरद पवार ने ये चिट्ठी ऐसे समय में भेजी है जब अजित पवार ने बारामती सीट पर अपना उम्मीदवार खड़ा करने का एलान किया है। बारामती सीट से शरद पवार की बेटी सुप्रियु सुले सांसद हैं। 2019 में सुप्रिया सुले ने जीत हासिल की थी। अजित पवार सुप्रिया सुले के चचेरे भाई हैं। बारामती सीट से अजित पवार की पत्नी सुनेत्रा पवार का उम्मीदवार बनना लगभग तय माना जा रहा है, बस औपचारिक एलान बाकी है।

*मुख्यमंत्री, एडीजी एसटीएफ व राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी देने वाले दो गिरफ्तार*

लखनऊ । एसटीएफएफ यूपी को मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , एडीजी एसटीएफ अमिताभ यश, देवेन्द्र तिवारी व राम मन्दिर को आईएसआई के कथित जुबैर खान द्वारा बम से उड़ाने की धमकी से सम्बन्धित दो अभियुक्तों को लखनऊ से गिरफ्तार करने में उल्लेखनीय सफलता प्राप्त हुई। गिरफ्तार अभियुक्त का नाम ताहर सिंह पुत्र पृथ्वी सिंह निवासी ग्राम विशम्भरपुर थाना धानेपरु जनपद गोण्डा व ओम प्रकाश मिश्रा पुत्र भरत भुवाल मिश्र निवासी ग्राम बमडेरा भैरमपुर, थाना कटरा, गोण्डा है।

सीएम, एडीजी एसटीएफ अभिताभ यश व देवेंद्र को भी दी थी धमकी

डीजीपी मुख्यालय के दूरभाष नम्बर 9454402509 से एसटीएफ मुख्यालय के कन्ट्रोल रूम के दूरभाष नम्बर-9454402559 पर अवगत कराया गया कि 27 दिसंबर 2023 को ट्विटर से ट्विट किया गया है कि आईएसआई संगठन के जुबैर खान नामक व्यक्ति द्वारा एक मेल कर मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ , एसटीएफ के चीफ अमिताभ यश, देवेन्द्रनाथ तिवारी सहित अयोध्या के श्री राम मंदिर को बम से उड़ाने की धमकी दी गयी। वरिष्ठ अधिकारियों के निर्देश पर प्रमेश कुमार शुक्ल, पुलिस उपाधीक्षक, एसटीएफ यूपी के पर्यवेक्षण में अभिसूचना संकलन की कार्रवाई प्रारम्भ की गयी।

एसटीएफ ने लखनऊ से दोनों अभियुक्तों को दबोचा

अभिसूचना संकलन के क्रम में ज्ञात हुआ कि उपरोक्त सम्बन्ध में थाना आलमबाग लखनऊ में तथा थाना सुशांत गोल्फ सिटी विभिन्न धाराओं में मुकदमा पंजीकृत है। दोनों अभियोगों की प्रथम सूचना रिपोर्ट के अवलोकन से विदित हुआ कि थ्रेट मैसेज हेतु ई-मेल व का प्रयोग किया गया है। प्रयुक्त मेल आईडी के तकनीकी विष्लेषण के उपरान्त ई-मेल आईडी क्रिएट करने वाले ताहर सिंह पुत्र पृथ्वी राज सिंह निवासी ग्राम विषम्भरपुर थाना धानेपुर जनपद गोण्डा व थ्रेट मेल भेजने वाले ओमप्रकाष मिश्रा पुत्र भरत भुवाल मिश्रा निवासी ग्राम बमडेरा भैरमपुर थाना कटरा जनपद गोण्डा को गिरफ्तार किया गया जिनसे उपरोक्त बरामदगी हुई।

भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ चलाता है देवेंद्र तिवारी

गिरफ्तार अभियुक्तों ने पूछताछ पर बताया कि देवेन्द्र तिवारी निवासी सी-4, सीडर डम्प काम्प्लेक्स लखनऊ स्थाई पता-ग्राम नेवाजी खेडा, थाना बन्थरा, लखनऊ जो भारतीय किसान मंच एवं भारतीय गौ सेवा परिषद के नाम से एनजीओ चलाता है, जिसके विरूद्ध थाना मानकनगर, आशियाना, बन्थरा, गौतमपल्ली व आलमबाग में कई अभियोग भी दर्ज है। देवेन्द्र तिवारी का आलमबाग के उपरोक्त पते पर इण्डियन इंस्टीट्यूट पैरा मेडिकल साइन्सेज के नाम से कालेज है। इसी कालेज में उन्होंने अपना कार्यालय बना रखा है। जिसमें ताहर सिंह उपरोक्त सोशल मीडिया हैण्डलर व ओम प्रकाश मिश्रा उपरोक्त पर्सनल सिक्रेटरी के तौर पर कार्यरत है व ओम प्रकाश इसी कालेज से आप्टोमैट्री में दो वर्ष का डिप्लोमा भी कर रहा है।

मेल भेजने के उपरांत मोबाइल फोन देवेन्द्र द्वारा जलाकर नष्ट करा दिया

देवेन्द तिवारी के कहने पर ताहर सिंह द्वारा थ्रेट में इस्तेमाल करने हेतु फर्जी ई-मेल आईडी क्रिएट कर ई-मेल आईडी व पासवर्ड व्हाट्सएप के जरिये ओमप्रकाश मिश्रा को नोट कराया गया था व उन्ही के कहने पर नाका लखनऊ स्थित अमन मोबाइल सेन्टर से दो मोबाइल फोन क्रय किये गये, जिनका इस्तेमाल थ्रेट ई-मेल भेजने के लिए किया गया। देवेन्द्र तिवारी के मोबाइल फोन में मौजूद थ्रेट कन्टेन्ट को थ्रेट मेल भेजने में प्रयुक्त मोबाइल फोन के गूगल लेंस से स्कैन कर कापी पेस्ट करते हुये मेल 19 नवंबर 2023 व 27 दिसंबर 2023 को उन्हीं की मेल आईडी पर भेजा गया। जिसे देवेन्द्र तिवारी द्वारा अपने ट्वीटर के माध्यम से प्रसारित किया गया है। मेल भेजने के उपरांत मोबाइल फोन देवेन्द्र तिवारी द्वारा जलाकर नष्ट करा दिया गया।

मीडिया में हाईलाइट में होने के लिए ऐसा किया काम

मेल भेजने हेतु कार्यालय में लगे हुए वाईफाई राउटर का इण्टरनेट इस्तेमाल किया गया। अभियुक्तों ने यह भी बताया कि देवेन्द्र तिवारी ने उनसे यह कहा था कि इससे वह सोशल मीडिया पर काफी हाई लाइट हो जायेगे एवं सुरक्षा भी बढ़ेगी तथा बड़ा राजनैतिक लाभ भी मिल सकता है। अभियुक्तों द्वारा फर्जी ई-मेल आईडी का सृजन कर उसके माध्यम से अपने साथ ही अतिविशष्ट व्यक्तियों एवं स्थलों का खतरा बताकर उसकी आड़ में सनसनीखेज व सम्प्रदायिक सौहार्द बिगाड़ने वाली फर्जी ई-मेल व ट्वीटर संदेश निजी लाभ के लिए प्रसारित किया गया है। जिसके सम्बन्ध में अग्रिम कार्रवाई अन्तर्गत धारा-506, 507, 153ए, 420, 468, 471, 201, 120बी भादवि व 66डी-आईटी एक्ट में अभियुक्तों के विरूद्ध की जा रही है।