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भारत को मिल सकती है कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 की मेजबानी, इस शहर में होगा आयोजन

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भारतीय के लिए बड़ी खुशखबरी आई है। भारत को अब कॉमनवेल्थ 2030 की मेजबानी मिलने वाली है। जिसका आयोजन गुजरात के अहमदाबाद में किया जाएगा। भारत के विदेश मंत्री एस जयशंकर ने एक्स पर यह बड़ा ऐलान किया। एस जयशंकर ने इसे भारत के लिए गौरव का पल करार दिया।

एस जयशंकर ने अपनी पोस्ट में लिखा- भारत कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी अहमदाबाद में करेगा, जो भारत और गुजरात के लिए गौरव का क्षण है। यह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विश्वस्तरीय बुनियादी ढाँचे और खेल प्रतिभाओं को प्रोत्साहित करने के दृष्टिकोण का प्रमाण है। कॉमनवेल्थ गेम्स के आयोजन से भारत को ओलंपिक की मेजबानी हासिल करने में काफी मदद मिलेगी। भारत का अगला बड़ा लक्ष्य ओलंपिक गेम्स का पहली बार अपने यहां आयोजित करना है।

26 नवंबर को आखिरी फैसला

कॉमनवेल्थ स्पोर्ट के एग्जीक्यूटिव बोर्ड ने 15 अक्टूबर को ये बताया कि भारत को बिडिंग प्रोसेस में शामिल किया जाता है। भारत की तरफ से राष्ट्रमंडल खेलों के आयोजन के लिए अहमदाबाद का नाम दिया गया था।कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स की कार्यकारी समिति ने इस पर अपनी सहमति दे दी है और इसका औपचारिक अनुमोदन 26 नवंबर को किया जाएगा। 26 नवंबर को ही आखिरी फैसला आएगा कि कॉमनवेल्थ गेम्स 2030 कौन सा देश होस्ट करेगा।

भारत के साथ नाइजीरिया भी मेजबानी की दौड़ में

2030 कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए दुनिया भर के शहरों को 31 मार्च 2025 तक अपनी रुचि दर्ज करनी थी। इसके बाद, उन्हें अगले पांच महीनों में, यानी 31 अगस्त 2025 तक अपना विस्तृत 'बिड डॉक्युमेंट' या 'बिड डोजियर' जमा करना था। इस दस्तावेज में हर शहर को यह विस्तार से बताना था कि वह गेम्स के आयोजन के लिए क्या रणनीति अपनाएगा। साथ ही खेल सुविधाएं, खेल गांव, सुरक्षा व्यवस्था और आयोजन के बाद के प्लान जानकारी भी देनी थी। इसके बाद, कॉमनवेल्थ स्पोर्ट्स फेडरेशन (CGF) को इन सभी प्रस्तावों का मूल्यांकन कर नवंबर के अंत तक अंतिम निर्णय लेना था। समय सीमा से पहले केवल दो देशों, भारत (अहमदाबाद) और नाइजीरिया (अबुजा) ने 2030 सेंचुरी कॉमनवेल्थ गेम्स की मेजबानी के लिए अपनी बोली प्रस्तुत की।

क्या भारत अब रूस से तेल नहीं खरीदेगे, ट्रंप बोले- पीएम मोदी ने मुझे आश्वासन दिया, जानें दावों में कितनी सच्चाई?

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अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने एक बार फिर देश का सियासी तापमान बढ़ाने वाला बयान दा है। ट्रंप ने बुधवार को दावा किया कि प्रधानमंत्री मोदी ने उन्हें आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा। उन्होंने कहा कि भारत तुरंत ऐसा नहीं कर सकता लेकिन वह जल्द ही यह कदम उठाएगा। उन्होंने बुधवार को व्हाइट हाउस में एक कार्यक्रम के दौरान पत्रकारों को ये जानकारी दी।

ट्रंप ने कहा, मैं इस बात से खुश नहीं था कि भारत तेल खरीद रहा है और उन्होंने आज मुझे आश्वासन दिया कि वे रूस से तेल नहीं खरीदेंगे। अमेरिकी राष्ट्रपति ने इसे रूस को आर्थिक रूप से अलग-थलग करने के प्रयास में 'बड़ा कदम' बताया।उन्होंने आगे कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देता है तो उनके लिए रूस और यूक्रेन के बीच संघर्ष विराम कराने में आसानी होगी। अमेरिकी राष्ट्रपति ने यह भी कहा कि संघर्ष खत्म होने के बाद भारत फिर से रूस से तेल खरीद सकेगा।

ट्रंप ने क्या कहा?

डोनाल्ड ट्रंप ने ओवल ऑफिस में प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान समाचार एजेंसी एएनआई की ओर से पूछे गए एक सवाल के जवाब में दिया। एएनआई ने एक सवाल किया कि क्या अमेरिकी राष्ट्रपति भारत को एक विश्वसनीय साझेदार मानते हैं? इस पर ट्रंप ने कहा, हां, बिल्कुल। वह (पीएम मोदी) मेरे मित्र हैं। हमारे बीच बहुत अच्छे संबंध हैं। भारत रूस से तेल खरीद रहा है, इससे मैं खुश नहीं था। हालांकि, उन्होंने अब मुझे आश्वासन दिया है कि भारत रूस से तेल नहीं खरीदेगा। यह एक बड़ा कदम है। अब हमें चीन से भी यही करवाना होगा।

भारत सरकार ने ट्रंप के दावे की पुष्टि नहीं की

ट्रंप ने आगे कहा कि राष्ट्रपति पुतिन से बस यही चाहते हैं कि वे इस युद्ध को रोकें और यूक्रेनियों और रूसियों को मारना बंद करें क्योंकि वे बहुत सारे रूसियों को मार रहे हैं। जेलेंस्की और व्लादिमीर पुतिन के बीच एक-दूसरे के लिए नफरत बहुत ज्यादा है, जो एक बड़ी रुकावट है। ट्रंप ने कहा कि लेकिन उन्हें लगता है कि हम उन्हें सुलझा लेंगे। उन्होंने कहा कि अगर भारत रूस से तेल खरीदना बंद कर देगा तो यह काम और आसान हो जाएगा और युद्ध खत्म होने के बाद व्यापार फिर से शुरू हो जाएगा। नई दिल्ली ने अभी तक ट्रंप के दावे को लेकर पुष्टि नहीं की है।

रूस पर दबाव बढ़ा रहे डोनाल्ड ट्रंप

ट्रंप का बयान ऐसे समय में आया है, जब अमेरिकी यूक्रेन में युद्ध रोकने के लिए रूस की आर्थिक नाकेबंदी कर रहा है और यह सुनिश्चित करने की कोशिश कर रहा है कि मॉस्को के खिलाफ प्रतिबंध कारगर हों। रूसी तेल खरीदना बंद करने का वादा वैश्विक ऊर्जा कूटनीति में एक बड़ा मोड़ साबित हो सकता है।

महाभारत' फेम एक्टर पंकज धीर का निधन, 68 साल की उम्र में कैंसर से हारे जिंदगी

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बीआर चोपड़ा की ‘महाभारत’ में कर्ण का यादगार किरदार निभाकर घर-घर में मशहूर हुए दिग्गज अभिनेता पंकज धीर का निधन हो गया है। उन्होंने 68 साल की उम्र में आखिरी सांस ली। वह काफी समय से कैंसर से जूझ रहे थे। पिछले कई दिनों से पंकज धीर अस्पताल में एडमिट थे। बीती रात उन्होंने आखिरी सांस ली। उनके निधन की खबर से फैंस और इंडस्ट्री शोक में है।

कैंसर लौट आया था दोबारा

पंकज धीर पिछले काफी समय से कैंसर से पीड़ित थे। वो इससे जंग जीत गए थे। लेकिन बीते कुछ महीनों में उनका कैंसर दोबारा लौटा। एक्टर की हालत काफी नाजुक थी। बीमारी की वजह से वो एक बड़ी सर्जरी से भी गुजरे थे। लेकिन पंकज को बचाया नहीं जा सका।

फिरोज खान ने दी दोस्त के निधन की खबर

पंकज धीर के निधन की जानकारी उनके दोस्त फिरोज खान ने इंस्टाग्राम पर शेयर की है। फिरोज ने इंस्टा स्टोरी पर पंकज धीर के साथ अपनी एक फोटो शेयर कर उन्हें अलविदा कहा। बॉलीवुड अभिनेता राजा मुराद ने भी पंकज धीर के निधन की पुष्टि की और कहा कि कुछ दिनों से वो अपना इलाज करवा रहे थे कैंसर शरीर में कई जगह फैल गया था।

महाभारत में ‘कर्ण’ बनकर हो गए अमर

पंकज धीर ने अपने करियर की शुरुआत फ़िल्मों से की थी. उनकी पहली फ़िल्म पूनम (1981) थी, लेकिन यह बुरी तरह फ्लॉप रही। अगले कुछ सालों में, उन्होंने सूखा, मेरा सुहाग, रंदम वरवु और जीवन एक संघर्ष जैसी कई और यादगार फ़िल्मों में अभिनय किया। हालांकि, पंकज धीर को 1988 के ऐतिहासिक धारावाहिक ‘महाभारत’ में निभाए गए कर्ण के चरित्र ने उन्हें अमर बना दिया। उनके इस किरदार को इतनी लोकप्रियता मिली कि देश के कई हिस्सों में उनकी मूर्तियों की पूजा भी की जाती थी।

कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया

पंकज धीर के करियर की बात करें, तो उन्होंने कई फिल्मों और टीवी सीरियलों में काम किया था। जहां 'महाभारत' में उन्हें कर्ण के किरदार ने लोकप्रियता दी, वहीं 'चंद्रकांता' में उन्हें शिवदत्त के रोल में भी खूब पसंद किया गया था। वह 'बढ़ो बहू', 'युग', 'द ग्रेट मराठा' और 'अजूनी' जैसे टीवी शोज का हिस्सा रहे। इसके अलावा वह 'सोल्जर', 'तुमको ना भूल पाएंगे', 'रिश्ते', 'अंदाज', 'सड़क' और 'बादशाह' जैसी फिल्मों में नजर आए।

बिहार विधानसभा चुनाव के लिए जेडीयू ने जारी की पहली लिस्ट, 57 उम्मीदवारों का ऐलान

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बिहार विधानसभा चुनाव को लेकर आज का दिन भी बड़ा दिन बन गया है। सत्ताधारी और एनडीए की प्रमुख पार्टी जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) ने अपने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी है। इस लिस्ट में कुल 57 उम्मीदवारों के नाम हैं। इस लिस्ट में मंत्री श्रवण कुमार, विजय कुमार चौधरी, महेश्वर हजारी समेत कई दिग्गज नेताओं के नाम शामिल हैं। जदयू के टिकट से अपना नामांकन दाखिल कर चुके अनंत सिंह का भी नाम इस लिस्ट में है।

जातीय संतुलन को साधने की कोशिश

बिहार में पहले चरण की नामांकन की प्रक्रिया में अब 3 दिन ही बचे हैं, ऐसे में राजनीतिक दलों की ओर से उम्मीदवारों के नामों के ऐलान का सिलसिला शुरू हो गया है। इसी क्रम में राज्य में सत्तारुढ़ जनता दल यूनाइटेड ने अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है। पार्टी ने टिकट वितरण में सामाजिक और जातीय संतुलन को साधने की कोशिश की है। लिस्ट में कुशवाहा और कोइरी, अति पिछड़ा और अनुसूचित जाति (एससी) समुदाय के प्रतिनिधित्व को प्राथमिकता दी गई है। जेडीयू की पहली लिस्ट में कुशवाहा और कोइरी समाज से 23, दलित समाज से 12 और अति पिछड़ा समाज से 9 उम्मीदवारों को टिकट दिया गया है। वहीं जेडीयू की पहली लिस्ट में सवर्ण समाज को भी साधने की पूरी कोशिश की गयी है।

पहली बार 4 महिलाओं को टिकट

जेडीयू की ओर से जारी लिस्ट में पहली बार 4 महिलाओं को शामिल किया गया है। मधेपुरा से कविता शाहा, गायघाट से कोमल सिंह, समस्तीपुर से अश्वमेघ देवी और विभूतिपुर सीट से रवीना कुशवाहा को उतारा गया है।

पहली लिस्ट में इनके नाम

जनता दल यूनाइटेड के उम्मीदवारों की पहली लिस्ट इस तरह से है। आलमनगर से नरेंद्र नारायण यादव, बिहारीगंज से निरंजन कुमार मेहता, सिंहेश्वर से रमेश ऋषिदेव, मधेपुरा से कविता साहा, सोनबरसा से रत्नेश सदा, महिषी से गुंजेश्वर साह, कुशेश्वरस्थान से अतिरेक कुमार, बेनीपुर से विनय कुमार चौधरी, दरभंगा ग्रामीण से ईश्वर मंडल, बहादुरपुर से मदन सहनी, गायघाट से कोमल सिंह, मीनापुर से अजय कुशवाहा, सकरा से आदित्य कुमार, कांटी से अजीत कुमार, कुचायकोट से अमरेंद्र कुमार पांडेय, भोरे से सुनील कुमार, हथुआ से रामसेवक सिंह, बरौली से मंजीत सिंह, जीरादेई से भीष्म कुशवाहा, रघुनाथपुर से विकास कुमार सिंह को जदयू ने टिकट दिया है।

इनको भी मिला टिकट

वहीं बड़हरिया से इंद्रदेव पटेल, महाराजगंज से हेमनारायण साह, एकमा से धूमल सिंह, मांझी से रणधीर सिंह, परसा से छोटे लाल राय, वैशाली से सिद्धार्थ पटेल, राजापाकर से महेंद्र राम, महनार से उमेश कुशवाहा और मोकामा से अनंत सिंह को टिकट मिला है। इनमें उमेश कुशवाहा और अनंत सिंह ने अपना नॉमिनेशन भी फाइल कर दिया है।

मैथिली ठाकुर बीजेपी में शामिल, अलीनगर सीट से लड़ सकती है विधानसभा चुनाव

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लोकप्रिय गायिका मैथिली ठाकुर भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं हैं। मैथिली ठाकुर पटना स्थित पार्टी कार्यालय में आयोजित मिलन समारोह में भारतीय जनता पार्टी में शामिल हो गईं। उनके साथ कई अन्य लोगों ने भी बीजेपी की सदस्यता ग्रहण की। बीते कुछ दिनों से उनके राजनीति में आने की खबरें थीं, जिस पर अब मुहर लग गई है। युवा गायिका मैथिली ठाकुर लोक गीतों, शास्त्रीय और भजन गायन के लिए काफी चर्चित हैं।

लोगों ने ठाना है, एनडीए सरकार को लाना है- दिलीप जायसवाल

पटना में राज्य के वरिष्ठ बीजेपी नेताओं की मौजूदगी में मैथिली ठाकुर ने पार्टी की सदस्यता ली। इस मौके पर बिहार बीजेपी के अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने कहा कि पूरी दुनिया मिथिला की बेटी लोक गायिका मैथिली ठाकुर को सलाम करती है। बिहार बीजेपी अध्यक्ष ने कहा, सब लोगों ने ठाना है कि एनडीए की सरकार को लाना है। उन्होंने कहा, बिहार एनडीए सरकार में आगे बढ़ेगा और विकसित होगा। महिलाओं का सशक्तीकरण, गरीब का कल्याण, युवाओं का भविष्य, किसानों का कल्याण, हमारी सरकार की प्राथमिकता है। इसी प्राथमिकता के साथ हम चुनाव में मतदाता के पास जाने वाले हैं।

मैथिली ठाकुर ने कहा- नेता बनने नहीं समाजसेवा के लिए आई

मैथिली ठाकुर ने पार्टी में शामिल होने के बाद कहा कि वह प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से प्रभावित हैं और नीतीश कुमार से प्रेरित होकर उनके सहयोग के लिए खड़ी हैं। उन्होंने कहा, राजनीतिक दल में शामिल होने का मतलब यह नहीं है कि मैं नेता बनने आई हूं। मैं समाजसेवा के लिए आई हूं। मैं मिथिला की बेटी हूं और मेरे प्राण मिथिलांचल में बसते हैं।

अलीनगर से चुनावी मैदान में उतरने की अटकलें

पार्टी सूत्रों के अनुसार, बीजेपी अलीनगर सीट से मौजूदा विधायक मिश्रीलाल यादव का टिकट काटकर एक युवा और लोकप्रिय चेहरा उतारने पर विचार कर रही है। वैसे, मिश्रीलाल यादव पहले ही बीजेपी से इस्तीफा दे चुके हैं। अगर मैथिली ठाकुर को टिकट मिलता है, तो यह बिहार की लोक-संस्कृति से जुड़ी किसी प्रसिद्ध गायिका का सीधे राजनीतिक मैदान में उतरने का पहला मामला होगा। बीजेपी उनके बड़े फैन बेस और मिथिला क्षेत्र में उनकी गहरी लोकप्रियता को भुनाना चाहती है।

बीजेपी की पहली लिस्ट जारी, 71 नामों का ऐलान, नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

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बिहार चुनाव को लेकर भारतीय जनता पार्टी ने उम्मीदवारों की पहली लिस्ट जारी कर दी गयी है। बीजेपी ने 71 उम्मीदवारों के नामों का लान किया है। बीजेपी की पहली उम्मीदवारों की सूची में सम्राट चौधरी के अलावा रामकृपाल यादव, संजीव चौरसिया, विजय सिन्हा, श्रेयसी सिंह और मंगल पांडे जैसे बड़े नाम शामिल हैं। लिस्ट की सबसे चौंकाने वाली बात विधानसभा सभा अध्यक्ष नंद किशोर यादव का टिकट कटना है। बीजेपी ने पहली लिस्ट में कुल में नौ विधायकों के टिकट काटे हैं। इस सूची में कुल 9 महिला उम्मीदवार भी शामिल हैं।

रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट

बीजेपी उम्मीदवारों की पहली सूची में रामकृपाल यादव को भी टिकट मिला है। पूर्व सांसद रामकृपाल यादव को दानापुर से टिकट दिया गया है। बीजेपी उम्मीवारों की पहली सूची के अनुसार सम्राट चौधरी को तारापुर से टिकट मिला है। वहीं नीरज बबलू छातापुर से चुनाव लड़ेंगे। वहीं आरा से संजय टाइगर को टिकट दिया गया है।

पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कटा

बीजेपी ने पटना की 2 बड़ी सीटों पर इस बार बड़ा बदलाव किया है। पार्टी पटना की कुम्हारर सिटी से इस बार अरुण कुमार सिन्हा की जगह संजय गुप्ता को टिकट दिया गया है। वहीं पटना साहिब से नंदकिशोर यादव का टिकट कट गया है। नंदकिशोर यादव की जगह इस बार रत्नेश कुशवाहा को पटना साहिब से टिकट दिया गया है।

इन दिग्गजों पर भरोसा

पार्टी ने अपने कई कद्दावर मंत्रियों और वरिष्ठ नेताओं को उनकी वर्तमान सीटों से दोबारा मैदान में उतारा है। मंत्री नितिन नबीन को पटना की बांकीपुर सीट से उम्मीदवार बनाया गया है। वहीं, मंत्री मंगल पाण्डेय को सिवान से टिकट दिया गया है। इसके अतिरिक्त, संजय सरावगी को दरभंगा सीट से चुनावी जंग में उतारा गया है। इसके अलावा, पूर्व उपमुख्यमंत्री रेणु देवी को बेतिया विधानसभा सीट से एक बार फिर टिकट दिया गया है।

निशिकांत दुबे ने यूएन में पाकिस्तान को जमकर सुनाया, बोले-उपदेश न दे, पहले आईने में चेहरा देखे

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भारत ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में पाकिस्तान को जमकर लताड़ लगाई है। बाल अधिकारों के गंभीर उल्लंघन और सीमा पार आतंकवाद पर भारत ने पाकिस्तान को खरी-खोटी सुनाई है। भाजपा नेता और लोकसभा सांसद निशिकांत दुबे ने सोमवार को संयुक्त राष्ट्र में पाकिस्तान की आलोचना की। उन्होंने ऑपरेशन सिंदूर में उसकी हार का हवाला दिया। पाकिस्तान पर बच्चों और आतंकवाद पर संयुक्त राष्ट्र के एजेंडे (सीएएसी) के गंभीर उल्लंघन का आरोप लगाया।

निशिकांत दुबे ने संयुक्त राष्ट्र महासभा (यूएनजीए) के एक सत्र में ‘‘बाल अधिकारों का संवर्धन और संरक्षण’’ विषय पर भारत की ओर से वक्तव्य दे रहे थे। उन्होंने ‘चाइल्ड हेल्पलाइन’ जैसी पहल और बाल तस्करी से निपटने के लिए उठाए गए कदमों के माध्यम से बाल अधिकारों को बनाए रखने के लिए भारत के प्रयासों को स्वीकार करने पर सदस्य देशों को धन्यवाद दिया। वहीं, बीजेपी सांसद ने पाकिस्तान को सीएसी का उल्लंघन करने वालों में से एक बताया। 

पाक में बच्चों के खिलाफ गंभीर अत्याचार

निशिकांत दुबे ने पाकिस्तान पर तीखा हमला करते हुए कहा कि पाकिस्तान ने अफगानिस्तान और भारत में स्कूलों और बच्चों को निशाना बनाकर संयुक्त राष्ट्र के बच्चे और सशस्त्र संघर्ष एजेंडा का उल्लंघन किया है। दुबे ने कहा कि हम कड़ी निंदा करते हैं कि पाकिस्तान अपने देश में बच्चों के खिलाफ गंभीर अत्याचारों से दुनिया का ध्यान हटाने की कोशिश कर रहा है, जैसा कि सचिव-जनरल की 2025 की रिपोर्ट में दिखाया गया है। इसके अलावा, इस रिपोर्ट में पाकिस्तान द्वारा स्कूलों में स्वास्थ्यकर्मियों और विशेष रूप से लड़कियों के स्कूलों पर किए गए हमलों और अफगानिस्तान सीमा के पास सीमा पार गोलाबारी और हवाई हमलों में बच्चों की मौत और चोट की घटनाओं का भी जिक्र है।

पाक के बयानों को पूरी तरह पाखंड करार दिया

बीजेपी सांसद ने कहा कि, पाकिस्तान की सेना द्वारा अफगानिस्तान की सीमा के पास किए गए हमलों और हवाई हमलों में कई अफगान बच्चों की मौत हुई है या वे घायल हुए हैं। इसके लिए सीधे तौर पर पाकिस्तान जिम्मेदारी है। उन्होंने मई 2025 में पाकिस्तानी सेना द्वारा भारतीय सीमावर्ती गांवों पर की गई फायरिंग की भी कड़ी आलोचना भी की। दुबे ने पाकिस्तान के अंतरराष्ट्रीय बयानों को पूरी तरह पाखंडी करार दिया। उन्होंने कहा कि ऐसे काम करने के बाद पाकिस्तान का वैश्विक मंचों पर बोलना बिल्कुल अनुचित है।

पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए- निशिकांत दुबे

निशिकांत ने कहा, पाकिस्तान को खुद को आईने में देखना चाहिए, इस मंच पर उपदेश देना बंद करना चाहिए, अपनी सीमाओं के भीतर बच्चों की सुरक्षा के लिए कदम उठाना चाहिए और अपनी सीमाओं के पार महिलाओं और बच्चों को निशाना बनाना बंद करना चाहिए।

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में घुसपैठ की कोशिश नाकाम, सेना ने 2 आतंकवादियों को किया ढेर

#jammu_and_kashmir_kupwara_infiltration_bid_foiled_two_terrorists_killed

जम्मू-कश्मीर के कुपवाड़ा में मंगलवार सुबह सुरक्षाबलों ने 2 आतंकियों को मार गिराया। सोमवार शाम से भारत-पाकिस्तान बॉर्डर (एलओसी) के पास कुंबकडी के जंगल में यह ऑपरेशन जारी है। यह ऑपरेशन तब शुरू हुआ जब सुरक्षा बलों को घुसपैठ की कोशिश की जानकारी मिली। सुरक्षाबलों ने आतंकियों ने की नापाक कोशिश को नाकाम कर दिया। इस ऑपरेशन में अब तक दो आतंकियों को ढेर किया जा चुका है।

सीमा पार से आतंकियों की गतिविधियों में हाल के दिनों में फिर से बढ़ोतरी देखी गई है। इसी क्रम में सोमवार को सेना ने एलओसी के पास संदिग्ध हलचल देखी, जिसके बाद क्षेत्र में तलाशी अभियान शुरू किया गया। इस दौरान उन्होंने दो आतंकवादियों को मार गिराया। अधिकारियों ने बताया कि घुसपैठियों की मौजूदगी की आशंका को दूर करने के लिए तलाशी अभियान अभी भी जारी है।

इससे पहले 8 सितंबर को सेना ने कश्मीर के कुलगाम में मुठभेड़ के दौरान 2 आतंकियों को मार गिराया था। गुड्डर के जंगलों में आतंकवादियों और सुरक्षा बलों के बीच मुठभेड़ हुई थी। सेना ने इसे 'ऑपरेशन गुड्‌डर' नाम दिया था। इस दौरान घायल हुए दो जवान भी शहीद हुए थे। ऑपरेशन गुड्‌डर में मारे गए एक आतंकी की पहचान शोपियां के रहने वाले आमिर अहमद डार के तौर पर हुई थी। वह लश्कर-ए-तैयबा से जुड़ा था और सितंबर 2023 से एक्टिव था। पहलगाम हमले के बाद सुरक्षा एजेंसियों की तरफ से जारी 14 आतंकवादियों की लिस्ट में यह भी शामिल था।

भारत महान देश और मेरे बहुत अच्छे दोस्त वहां...', शाहबाज शरीफ के सामने ही ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

#indiaisagreatcountrydonaldtrumppraisespm_modi 

सोमवार को मिस्र में हुए गाजा पीस समिट में अमेरिकी राष्ट्रपति ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की बिना नाम लिए तारीफ की। ऐसा ट्रंप ने तब किया जब पास में ही पाकिस्तान के प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ भी खड़े थे। दरअसल, पाक पीएम प्रधानमंत्री शहबाज शरीफ ने सोमवार को मिस्र के शर्मअल शेख में गाजा पीस समिट के दौरान ट्रंप की खुलकर तारीफ की। उन्होंने ट्रंप को ‘मैन ऑफ पीस’ कहकर पुकारा। हालांकि, ट्रंप ने उसी वक्‍त भारत को महान देश बता द‍िया। इतना ही नहीं, शहबाज शरीफ से हामी भी भरवा ली।

गाजा समझौते के बीच ट्रंप ने की पीएम मोदी की तारीफ

ट्रंप ने गाजा में इजराइल-हमास के बीच करीब दो साल से जारी युद्ध को समाप्त करने के लिए युद्ध विराम पर बनी सहमति के बाद मिस्र के शर्म अल शेख शहर में विश्व नेताओं के एक सम्मेलन को संबोधित किया। ट्रंप ने मिस्र के शर्म अल-शेख शिखर सम्मेलन में इजराइल-हमास युद्ध को खत्म करने वाले ऐतिहासिक शांति समझौते पर हस्ताक्षर के बाद कहा, भारत एक महान देश है और वहां मेरा एक बहुत अच्छा दोस्त है, जिसने शानदार काम किया है। 

ट्रंप ने शहबाज शरीफ से पूछा-सब ठीक है?

ट्रंप ने भारत-पाकिस्तान के संबंधों में सुधार आने की उम्मीद भी जताई है। उन्होंने कहा, मुझे उम्मीद है कि पाकिस्तान और भारत बहुत अच्छे से साथ रहेंगे। यह बोलने के बाद उन्होंने अपने ठीक पीछे खड़े शहबाज शरीफ से पूछा, ठीक है? इसपर शरीफ मुस्कुराए और सिर हिलाकर सहमति जताई।

हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे-ट्रंप

इस दौरान ट्रंप ने गाजा शांति शिखर सम्मेलन में कहा कि यह मध्य पूर्व से परे दुनिया के इतिहास में एक महत्वपूर्ण क्षण है। हम सभी इस बात पर सहमत हैं कि गाजा का समर्थन लोगों के उत्थान के लिए ही किया जाना चाहिए। लेकिन हम अतीत में हुए रक्तपात, घृणा या आतंक से जुड़ी किसी भी चीज को वित्तपोषित नहीं करना चाहते। हम इस बात पर भी सहमत हैं कि गाजा के पुनर्निर्माण के लिए यह आवश्यक है कि इसे विसैन्यीकृत किया जाए और गाजा में लोगों के लिए सुरक्षित वातावरण बनाने के लिए एक नए ईमानदार नागरिक पुलिस बल की स्थापना की जाए। मैं एक बेहतर भविष्य सुनिश्चित करने में भागीदार बनने का इरादा रखता हूं। उम्मीद है कि तीसरा विश्व युद्ध नहीं होगा, लेकिन यह मध्य पूर्व में शुरू नहीं होने वाला है। हम तीसरा विश्व युद्ध नहीं लड़ेंगे।

अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार की घोषणा, जोएल मोकिर, फिलिप अघियन व पीटर हॉविट को सम्मान

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अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का ऐलान हो गया है। रॉयल स्वीडिश एकेडमी ऑफ साइंसेज ने अल्फ्रेड नोबेल की स्मृति में आर्थिक विज्ञान में 2025 का स्वेरिग्स रिक्सबैंक पुरस्कार यानी अर्थशास्त्र के नोबेल पुरस्कार का एलान कर दिया है।इस साल यह पुरस्कार जोएल मोकिर, फिलिप अघियन और पीटर हॉविट को संयुक्त रूप से दिया गया है। “इनोवेशन पर आधारित आर्थिक विकास की व्याख्या” के लिए ये पुरस्कार प्रदान किया गया है।

पुरस्कार का आधा हिस्सा मोकिर को "तकनीकी प्रगति के माध्यम से सतत विकास के लिए आवश्यक शर्तों की पहचान करने के लिए" और शेष आधा हिस्सा अघियन और हॉविट को "रचनात्मक विनाश के माध्यम से सतत विकास के सिद्धांत के लिए" संयुक्त रूप से दिया जाएगा।

नोबेल समिति ने क्या कहा?

नोबेल समिति ने बताया कि मोकिर ने यह प्रदर्शित किया कि यदि नवाचारों को एक स्व-उत्पादक प्रक्रिया में एक-दूसरे का उत्तराधिकारी बनाना है, तो हमें न केवल यह जानना होगा कि कोई चीज कैसे काम करती है, बल्कि हमें यह भी जानना होगा कि ऐसा क्यों होता है। अघियन और हॉविट ने सतत विकास के पीछे के तंत्र का भी अध्ययन किया। इसमें 1992 का एक लेख भी शामिल है, जिसमें उन्होंने रचनात्मक विनाश नामक गणितीय मॉडल का निर्माण किया। इसमें बताया गया कि जब एक नया और बेहतर उत्पाद बाजार में प्रवेश करता है, तो पुराने उत्पाद बेचने वाली कंपनियां नुकसान में आ जाती हैं।

अर्थशास्त्र के नोबेल विजेता कहां से?

जोएल मोकिर अमेरिका के नॉर्थवेस्टर्न यूनिवर्सिटी से जुड़े हैं। वहीं, फिलिप अघियन फ्रांस के कॉलेज डी फ्रांस और INSEAD और ब्रिटेन के द लंदन स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स एंड पॉलिटिकल साइंस से ताल्लुक रखते हैं। पीटर हॉविट अमेरिका के ब्राउन यूनिवर्सिटी से संबंध रखते हैं।

पिछले साल किसे मिला अर्थशास्त्र का नोबल पुरस्कार

पिछले साल का पुरस्कार तीन अर्थशास्त्रियों डेरॉन ऐसमोग्लू, साइमन जॉनसन और जेम्स ए. रॉबिन्सन - को दिया गया था। इन अर्थशास्त्रियों ने इस बात का अध्ययन किया था कि कुछ देश अमीर क्यों हैं और दूसरे गरीब क्यों। उन्होंने यह प्रमाणित किया था कि अधिक स्वतंत्र और खुले समाज के समृद्ध होने की संभावना अधिक होती है। पिछले सप्ताह मेडिसिन, फिजिक्स, केमिस्ट्री, साहित्य और शांति के नोबेल पुरस्कारों की घोषणा की गई थी।