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लखनऊ में हंगामा: कार सर्विसिंग विवाद पर बाहुबली भाइयों की गुंडई, पिस्टल तानकर सुपरवाइजर को पीटा


लखनऊ । राजधानी  के चिनहट इलाके में मंगलवार को उस समय अफरा-तफरी मच गई जब सुलतानपुर के कुख्यात बाहुबली भाई अपनी फॉरच्यूनर गाड़ी की सर्विसिंग को लेकर टोयोटा एजेंसी के वर्कशॉप में जा धमके और सुपरवाइजर की बुरी तरह पिटाई कर दी। आरोपियों ने न सिर्फ लात-घूसों और पिस्टल के बट से हमला किया बल्कि कर्मचारियों पर भी पिस्टल तानकर जान से मारने की धमकी दी।

सर्विसिंग को लेकर बढ़ा विवाद

पुलिस के अनुसार, घटना चिनहट स्थित सनी टोयोटा एजेंसी पर हुई। यहां सुपरवाइजर प्रमोद विश्वकर्मा ने गाड़ी लगाने और तुरंत सर्विसिंग करने पर आपत्ति जताई। इसी पर साहबुद्दीन और उसका भाई इरफान भड़क गए। देखते ही देखते दोनों ने सुपरवाइजर पर पिस्टल तान दी और मारपीट शुरू कर दी।

कर्मचारियों को भी पीटा, CCTV में कैद

बीच-बचाव करने आए अन्य कर्मचारियों को भी आरोपियों और उनके गुर्गों ने बुरी तरह पीटा। जाते-जाते धमकी दी कि "हफ्तेभर में जान से मार देंगे।" घटना का पूरा मामला सीसीटीवी कैमरे और कर्मचारियों के मोबाइल वीडियो में रिकॉर्ड हो गया। वहीं इस घटना से वर्कशॉप में काम कर रहे अन्य कर्मचारियों में दहशत का माहौल है।

पीड़ित सुपरवाइजर की तहरीर पर पुलिस ने दर्ज किय मुकदमा

पीड़ित सुपरवाइजर ने पुलिस को शिकायत दी। इसके बाद चिनहट पुलिस ने साहबुद्दीन, इरफान और उनके गुर्गों के खिलाफ हत्या का प्रयास, मारपीट और धमकी जैसी गंभीर धाराओं में केस दर्ज कर आरोपियों को गिरफ्तार कर लिया। वहीं कर्मचारियों का कहना है कि खुलेआम पिस्टल तानकर धमकी देने की यह घटना दिखाती है कि अपराधियों का हौसला कितना बुलंद है।
ट्रेन की चपेट में आए दो इंटरमीडिएट छात्र, इयरफोन बना मौत की वजह
लखनऊ । राजधानी के बख्शी का तालाब क्षेत्र में मंगलवार देर रात बड़ा हादसा हो गया। रेलवे ट्रैक पर बैठे दो इंटरमीडिएट छात्रों की ट्रेन की चपेट में आने से मौके पर ही मौत हो गई। दोनों छात्र एसआर ग्लोबल स्कूल में 12वीं के विद्यार्थी थे और निजी हॉस्टल में रहते थे।

प्राचीन हनुमान मंदिर के समीप हुआ हादसा

पुलिस के अनुसार, हादसा रात करीब 10 बजे रेलवे लाइन के पास स्थित प्राचीन हनुमान मंदिर के समीप हुआ। मृतकों की पहचान अक्षत मौर्या (18) निवासी फैजुल्लागंज, मूलतः बाराबंकी और करन पटेल (18) निवासी सीतापुर के रूप में हुई है। दोनों के पास से इयरफोन की लीड मिली है।

दोनों को ट्रेन आने की भनक तक नहीं लगी

आशंका है कि हादसे के वक्त दोनों गाना सुन रहे थे और उन्हें ट्रेन के आने की भनक नहीं लगी। घटना की जानकारी देर से पुलिस को मिली। मौके पर एसीपी बीकेटी अमोल मुरकुट और अन्य अधिकारी पहुंचे। वहीं, एसआर ग्रुप के चेयरमैन एवं एमएलसी पवन सिंह चौहान भी घटनास्थल पर पहुंचे।

दोनों छात्र रेलवे लाइन तक कैसे पहुंचे,पुलिस इसकी कर रही जांच

इंस्पेक्टर के मुताबिक शवों को पोस्टमार्टम के लिए भेजा जाएगा, लेकिन अंतिम कार्रवाई परिजनों के आने के बाद ही की जाएगी। पुलिस इस बात की भी जांच कर रही है कि दोनों छात्र रेलवे लाइन तक क्यों पहुंचे थे। प्रथम दृष्टया माना जा रहा है कि पटरी पर बैठकर गाने सुनते वक्त ही दोनों हादसे का शिकार हो गए।
वीरता की नई पहचान, गैलेंट्री अवार्ड्स में नंबर-1 रहा उत्तर प्रदेश
लखनऊ । स्वतंत्रता दिवस 2025 पर घोषित वीरता और पुलिस सेवा पदकों की सूची में उत्तर प्रदेश पुलिस ने इतिहास रच दिया है। इस वर्ष घोषित 17 गैलेंट्री मेडल के साथ यूपी पूरे देश के राज्यों में पहले स्थान पर रहा है। वीरता, निष्ठा और संगठित अपराध के खिलाफ अदम्य साहस ने यूपी पुलिस को राष्ट्रीय स्तर पर गौरव दिलाया है।

जांबाजों की लिस्ट, वीरता की दास्तान

सम्मान पाने वालों में डीएसपी डी.के. शाही, दीपक सिंह, इंस्पेक्टर मुनीश प्रताप सिंह चौहान, हेमंत भूषण सिंह समेत सब-इंस्पेक्टर, हेड कांस्टेबल और कांस्टेबल शामिल हैं। यह पदक केवल एक सम्मान नहीं बल्कि उन अनगिनत रातों और जोखिमभरे अभियानों की पहचान है, जिनमें इन जांबाजों ने अपराधियों से आमने-सामने मुकाबला किया।

एनकाउंटर स्पेशलिस्ट" अजय कुमार साहनी को तीसरा राष्ट्रपति पदक

इस सूची का सबसे बड़ा नाम है आईपीएस अजय कुमार साहनी। 2009 बैच के यूपी कैडर के इस अधिकारी ने अब तक 52 से अधिक मुठभेड़ों का नेतृत्व किया है। मेरठ (2020) में बेहद कठिन हालात में कुख्यात अपराधियों से भिड़ने पर उन्हें इस बार राष्ट्रपति वीरता पदक मिला है। यह उनके करियर का तीसरा राष्ट्रपति पदक है।मेरठ-दिल्ली हाइवे पर चलाई गई उस मुठभेड़ का जिक्र आज भी होता है, जिसमें साहनी पर गोली सीने की ओर आई, लेकिन उन्होंने हिम्मत नहीं हारी। उनकी अगुवाई में गैंगस्टर चांद उर्फ काले ढेर कर दिया गया और घायल पुलिसकर्मियों को भी बाद में वीरता पदक मिला।

क्यों अव्वल रहा यूपी

विशेषज्ञों के अनुसार यूपी पुलिस की यह उपलब्धि किसी संयोग की देन नहीं है। पिछले कुछ वर्षों में—
एंटी-माफिया ड्राइव से बड़े गिरोहों पर नकेल
एसटीएफ और विशेष इकाइयों को हाई-रिस्क मिशन
बेहतर खुफिया नेटवर्क और त्वरित कार्रवाई

लेंट्री मेडल में लगातार ऊपर पहुंचाया

इन रणनीतियों ने यूपी को गैलेंट्री मेडल में लगातार ऊपर पहुंचाया। वर्ष 2023 में जहां यूपी को 12 मेडल मिले थे, वहीं 2024 में यह संख्या बढ़कर 17 हो गई। और अब 2025 में भी 17 गैलेंट्री मेडल (राज्यों में नंबर-1) के साथ यूपी ने अपनी लय बरकरार रखी।इस वर्ष पूरे देश में 1090 पुलिसकर्मियों को गैलेंट्री और सर्विस मेडल मिले। इनमें 233 गैलेंट्री मेडल शामिल हैं। यूनियन टेरिटरी जम्मू-कश्मीर ने 127 मेडल हासिल कर सबसे ऊपर रहा, जबकि राज्यों में यूपी ने बाजी मारी।

गैलेंट्री मेडल क्यों खास?

गैलेंट्री मेडल सिर्फ एक धातु का टुकड़ा नहीं, बल्कि उस विश्वास का प्रतीक है जो जनता और पुलिस के बीच सेतु बनाता है। जब कोई जवान जान की बाज़ी लगाकर अपराधी से भिड़ता है और देश उसका साहस स्वीकार करता है—तो यह मेडल न केवल उसकी बल्कि पूरी पुलिस फोर्स की जीत बन जाता है।
पति ने पत्नी की शादी प्रेमी से कराई, मंदिर में विधि-विधान से संपन्न हुई अनोखी शादी
लखनऊ । यूपी में वाराणसी जिले के बीरभानपुर मोहन सराय क्षेत्र में एक ऐसा मामला सामने आया है, जिसने लोगों को हैरत में डाल दिया। यहां एक पति ने अपनी ही पत्नी की शादी उसके प्रेमी से मंदिर में संपन्न कराई। पंडित के मंत्रोच्चार के बीच विवाह की सभी रस्में निभाई गईं और मंदिर प्रशासन ने बाकायदा विवाह प्रमाणपत्र भी जारी किया।

शादी के बाद से ही दोनों में बढ़ गया था तनाव

जानकारी के अनुसार, मिर्जापुर के अहिरौरा निवासी अरविंद कुमार पटेल की शादी 25 वर्ष पहले चंदौली निवासी रीना देवी से हुई थी। उनके दो बच्चे हैं। मगर कुछ समय से वैवाहिक संबंधों में तनाव बढ़ गया था। रीना अलग मकान लेकर रहने लगी थी और इसी दौरान उसका परिचय चंदौली के सियाराम यादव (50 वर्ष) से गहरा हो गया।

वाराणसी के मंदिर में पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ

अरविंद को शक होने पर उसने पत्नी की गतिविधियों पर नजर रखी और अंततः दोनों को एक साथ देख लिया। इसके बाद पति ने मामला घर-परिवार के सामने रखा और सभी की सहमति से रीना और सियाराम की शादी कराने का निर्णय लिया।पुलिस की मौजूदगी में दोनों पक्षों की सहमति बनी और वाराणसी के मंदिर में पूरे विधि-विधान से विवाह संपन्न हुआ। रीना और सियाराम ने वरमाला पहनाई, सिंदूरदान और अन्य पारंपरिक रस्में पूरी कीं।

यह अनोखी शादी अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी

रीना का कहना है कि वह सियाराम को करीब 20 वर्षों से जानती है। वहीं, सियाराम ने बताया कि रीना के मकान में उसकी दुकान थी, जिससे नजदीकियां बढ़ीं। पति अरविंद का कहना है कि चूंकि दोनों के बीच प्रेम संबंध थे, इसलिए उसने सामाजिक मर्यादा बनाए रखने के लिए विवाह का रास्ता चुना।यह अनोखी शादी अब पूरे इलाके में चर्चा का विषय बनी हुई है।
अग्निसुरक्षा और रोजगार दोनों को बढ़ावा देगा लखनऊ का प्रशिक्षण अभियान

लखनऊ । अपर पुलिस महानिदेशक, अग्निशमन एवं आपात सेवा  पद्मजा चौहान के निर्देशन में लखनऊ जनपद में “अग्निसचेतक साप्ताहिक प्रशिक्षण कार्यक्रम” की शुरुआत की गई है। यह कार्यक्रम अग्निसुरक्षा को सशक्त बनाने, आपदा के समय तत्परता सुनिश्चित करने और युवाओं को रोजगारोन्मुख अवसर प्रदान करने की दिशा में एक महत्वपूर्ण पहल है।

91,000 से अधिक अग्निसचेतकों का हो चुका है चयन

प्रदेशभर में अब तक 91,000 से अधिक अग्निसचेतकों का चयन किया जा चुका है, जिन्हें नियमित प्रशिक्षण देकर आग लगने की घटनाओं में सहयोगात्मक भूमिका निभाने के लिए तैयार किया जा रहा है। इसी क्रम में लखनऊ जनपद में प्रत्येक ब्लॉक से चयनित 100 अग्निसचेतकों के लिए प्रशिक्षण का प्रथम चरण आज से संबंधित फायर स्टेशनों पर प्रारंभ हो चुका है।

फायर सेफ्टी के मानक जैसे विषयों की जानकारी दी जा रही

इस प्रशिक्षण में प्रतिभागियों को आग की विभिन्न स्थितियों से निपटने की तकनीक, फायर फाइटिंग उपकरणों का संचालन एवं रख-रखाव, धुएं व आग से बचाव के उपाय, रेस्क्यू तकनीक, प्राथमिक उपचार, मॉल, उद्योग, अस्पताल और बहुमंजिला इमारतों में फायर सेफ्टी के मानक जैसे विषयों की जानकारी दी जा रही है। प्रशिक्षण पूर्ण होने पर सभी प्रतिभागियों को विभागीय प्रमाण पत्र प्रदान किया जाएगा, जो उन्हें निजी वाणिज्यिक संस्थानों में रोजगार प्राप्त करने में सहायक होगा।

प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेंगे

मुख्य अग्निशमन अधिकारी अंकुश मित्तल ने बताया कि उत्तर प्रदेश देश का पहला राज्य है, जिसने निजी भवनों में अग्निसुरक्षा अधिकारी व कर्मियों की नियुक्ति को अनिवार्य कर सुरक्षा व्यवस्था को और मजबूत किया है। लखनऊ फायर एंड इमरजेंसी सर्विसेज को उम्मीद है कि प्रशिक्षित अग्निसचेतक सेवा भावना और अनुशासन के साथ प्रदेश की सुरक्षा व्यवस्था को और अधिक सुदृढ़ करेंगे।
लखनऊ में तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक शिखर सम्मेलन का शुभारंभ, सीएम योगी ने दिए फॉरेंसिक और साइबर सुरक्षा को मजबूत करने के संकेत

लखनऊ । उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ स्थित स्टेट इंस्टीट्यूट ऑफ फॉरेंसिक साइंस (UPSIFS) में सोमवार को तीन दिवसीय अंतरराष्ट्रीय शैक्षणिक शिखर सम्मेलन का भव्य शुभारंभ हुआ। “Dimensions of Cyber Warfare, Multilateral Legal Frameworks, Forensics and Strategic Countermeasures” विषय पर आधारित इस वर्कशॉप का उद्घाटन मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने दीप प्रज्वलित कर किया।

सीएम ने अत्याधुनिक फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया

इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने तरकश ड्रोन एवं रोबोटिक्स लैब, पद्मश्री डॉ. लालजी सिंह एडवांस्ड डीएनए डायग्नोस्टिक सेंटर और अटल लाइब्रेरी का उद्घाटन किया। साथ ही प्रदेश के सभी 75 जिलों के लिए अत्याधुनिक फॉरेंसिक वैन को हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

सीएम योगी का संबोधन: ज्ञान और तकनीक ही विकास का आधार

कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने UPSIFS के तृतीय स्थापना दिवस पर संस्थान परिवार को बधाई देते हुए कहा कि ऐसे शैक्षणिक मंथन न केवल आज की आवश्यकता हैं, बल्कि हमारी प्राचीन परंपराओं में भी निहित हैं। उन्होंने कहा“ज्ञान ही विकास का साधन है, और यदि ज्ञान में रुकावट आती है तो वह भविष्य में संघर्ष का कारण बनती है।”मुख्यमंत्री ने नैमिषारण की प्राचीन संत-गोष्ठियों का उदाहरण देते हुए कहा कि आज का यह मंथन भी समाज और राष्ट्र के विकास की दिशा तय करेगा।

साइबर हेल्प डेस्क भी हर जिले में संचालित हो रही

उन्होंने बताया कि वर्ष 2017 तक उत्तर प्रदेश में फॉरेंसिक लैबों की संख्या मात्र 4 थी, जो अब 12 हो चुकी हैं और 6 का निर्माण जारी है। इसके अलावा 75 जिलों में मोबाइल फॉरेंसिक वैन उपलब्ध कराना एक बड़ा कदम है। सीएम ने बताया कि प्रदेश में अब तक 1587 साइबर थानों की स्थापना की जा चुकी है और साइबर हेल्प डेस्क भी हर जिले में संचालित हो रही हैं।

डीजीपी राजीव कृष्ण का उद्बोधन

कार्यक्रम में पुलिस महानिदेशक राजीव कृष्ण ने कहा कि अपराध की बदलती प्रकृति, खासकर साइबर अपराध, यह स्पष्ट कर रही है कि पारंपरिक विवेचना के साथ अब विज्ञान-आधारित साक्ष्यों पर आधारित जांच ही निष्पक्ष और प्रभावी हो सकती है। उन्होंने BNSS-2023 का उल्लेख करते हुए कहा कि अब 7 वर्ष से अधिक दंडनीय अपराधों में फॉरेंसिक साक्ष्य का संकलन अनिवार्य हो गया है।डीजीपी ने यूपीएसआईएफएस को राज्य और देश के लिए विश्वस्तरीय शिक्षा और शोध का केंद्र बताते हुए कहा कि मुख्यमंत्री योगी की दूरदृष्टि ने उत्तर प्रदेश को वैश्विक फॉरेंसिक मानचित्र पर स्थापित किया है।

डिजिटल आत्मनिर्भरता और एआई पर जोर

भारत सरकार के इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्रालय के अतिरिक्त सचिव अभिषेक सिंह ने भारत की तकनीकी आत्मनिर्भरता पर बल दिया। उन्होंने बताया कि भारत अब विदेशी उत्पादों पर निर्भर न होकर अपने डिजिटल समाधान विकसित कर रहा है, जैसे कि माइक्रोसॉफ्ट ऑफिस के भारतीय विकल्प। उन्होंने स्थानीय भाषाओं में वॉयस-आधारित सेवाओं, एआई मॉडल्स और स्टार्टअप्स (सर्वा, ज्ञानी, सॉकेट आदि) की भूमिका को रेखांकित किया।

संस्थापक निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी का दृष्टिकोण

संस्थान के निदेशक डॉ. जी.के. गोस्वामी ने बताया कि यहाँ मेरिट-आधारित प्रवेश प्रणाली लागू है, जहाँ पिछले वर्ष प्रमुख पाठ्यक्रम की कट-ऑफ 92% रही।उन्होंने कहा कि आने वाला समय डिजिटल फॉरेंसिक और डायग्नॉस्टिक्स का है, जहाँ “Forensic as a Service” मॉडल के जरिए न्याय-प्रक्रिया और जांच को वैश्विक स्तर पर नई दिशा दी जाएगी।

कार्यक्रम की अन्य प्रमुख झलकियाँ

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संस्थान के मेधावी छात्रों को टैबलेट वितरित किए।
फॉरेंसिक विज्ञान के पितामह कहे जाने वाले डॉ. लालजी सिंह के परिजनों से भी मुलाकात की।
प्रोफेसर अमित कुमार, डॉ. एस.के. जैन, डॉ. अभिषेक सिंह, रूपा, डॉ. प्रवीण सिन्हा, शैलेश चीरपीटकर, डॉ. मिनाल माहेश्वरी, पवन शर्मा, रवि शर्मा, जी. नरेंद्र नाथ, डॉ. जेपी पांडेय और अनुराग यादव सहित कई विशेषज्ञों ने अपने व्याख्यान प्रस्तुत किए। कार्यक्रम में प्रमुख सचिव गृह संजय प्रसाद, अपर पुलिस महानिदेशक तकनीकी सेवाएँ और अन्य वरिष्ठ अधिकारी भी मौजूद रहे।
लखनऊ में सनसनी: पड़ोसी ने पांच साल के बच्चे पर चढ़ाई कार, तीन दिन तक ICU में जिंदगी और मौत से जूझता रहा मासूम

लखनऊ । यूपी की राजधानी लखनऊ के आशियाना इलाके से दिल दहला देने वाला मामला सामने आया है। गली में खेल रहे मासूम बच्चों पर अचानक तेज रफ्तार कार चढ़ा दी गई। इस हादसे में साढ़े पांच साल का शौविक पांडेय गंभीर रूप से घायल हो गया और तीन दिन तक ICU में भर्ती रहकर जिंदगी की जंग लड़ता रहा। घटना का CCTV फुटेज सामने आने के बाद यह साफ हुआ कि यह कोई सामान्य दुर्घटना नहीं, बल्कि सुनियोजित वारदात जैसी प्रतीत हो रही है।

इस हादसे की पूरी कहानी

10 अगस्त की शाम सेक्टर-आई आशियाना निवासी हरिद्वार पांडेय का पोता शौविक अपने दोस्त कुशल सौमिल के साथ घर के बाहर खेल रहा था। तभी बगल में रहने वाले सीएल वर्मा का बेटा शिवांश वर्मा कार लेकर आया। फुटेज में साफ दिखता है कि जैसे ही गाड़ी बच्चों की तरफ मुड़ी, उसकी स्पीड अचानक तेज हो गई और सीधा बच्चों की ओर बढ़ गई।

शौविक कार के नीचे दब गया

टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि कुशल दूर जाकर दीवार से टकराया, जबकि शौविक कार के नीचे दब गया।घायल बच्चे को आनन-फानन में अपोलो सुपर स्पेशियलिटी अस्पताल ले जाया गया, जहां उसकी कॉलर बोन और पसलियों में गंभीर चोट पाई गई। डॉक्टरों ने उसे तीन दिन तक ICU में रखा, उसके बाद हालत कुछ सुधरने पर डिस्चार्ज किया गया।

कार में आरोपी का पिता सीएल वर्मा भी मौजूद था

शौविक के दादा हरिद्वार पांडेय का आरोप है कि यह कोई दुर्घटना नहीं थी, बल्कि जानबूझकर किया गया हमला था। उनका कहना है कि कार में आरोपी का पिता सीएल वर्मा भी मौजूद था और घटना के बाद उन्होंने न तो हालचाल पूछा और न ही अस्पताल पहुंचे। उल्टा उन्होंने बच्चे की गलती बताते हुए कहा कि "साइकिल बीच में आने से गाड़ी का संतुलन बिगड़ गया।" लेकिन CCTV फुटेज ने सच्चाई उजागर कर दी। इसमें साफ दिखा कि गाड़ी बच्चों पर सीधे चढ़ाई गई थी और इसे महज एक्सीडेंट कहकर टाला नहीं जा सकता।

पुलिस पर लापरवाही का आरोप

परिवार का आरोप है कि घटना के तुरंत बाद जब उन्होंने थाने में शिकायत की तो पुलिस ने गंभीरता नहीं दिखाई। कई दिनों तक उन्हें चक्कर लगवाए गए और एक कागज पर जबरन साइन तक करवा लिए गए। यहां तक कि नई तहरीर देने पर भी तारीख बदलवाई गई और आठ दिन बाद जाकर मुकदमा दर्ज हुआ। इस पूरे मामले पर इंस्पेक्टर आशियाना का कहना है कि जैसे ही पीड़ित परिवार ने औपचारिक तहरीर दी, उसी समय मुकदमा दर्ज कर लिया गया है और जांच की जा रही है।
नाबालिगों ने दी दो बड़ी चोरियों को अंजाम, पुलिस ने किया राजफाश
लखनऊ । राजधानी के गाजीपुर थाना पुलिस ने इंदिरानगर और सुरेंद्र नगर में हुई चोरियों का सफल खुलासा करते हुए चार नाबालिग आरोपियों को संरक्षण में लिया है। पुलिस ने उनके कब्जे से चोरी की लाइसेंसी पिस्टल, 12 जिंदा कारतूस, नगदी व मोटरसाइकिल बरामद की है।12 अगस्त को सुरेंद्र नगर निवासी जगजीवन राम ने घर का ताला तोड़कर जेवरात चोरी होने की शिकायत दर्ज कराई थी। वहीं 16 अगस्त को इंदिरानगर स्थित सर्विलांस डिटेक्टिव एजेंसी प्राइवेट लिमिटेड के ऑफिस से लाइसेंसी पिस्टल, 12 कारतूस और नकदी चोरी की घटना सामने आई थी। दोनों मामलों में पुलिस ने अलग-अलग मुकदमे दर्ज कर जांच शुरू की।

पुलिस ने बताया कि चारों अभियुक्त नाबालिग

जांच के दौरान सीसीटीवी फुटेज और सुरागरसी से पुलिस को अहम जानकारी मिली। 18 अगस्त को पॉलिटेक्निक चौराहे पर चार संदिग्ध युवक बाइक से भागने का प्रयास करते हुए पुलिस के हत्थे चढ़ गए। उनकी तलाशी में जेवरात बेचकर प्राप्त 8100 नगद, चोरी की पिस्टल और अन्य सामान बरामद हुआ। पुलिस ने बताया कि चारों अभियुक्त नाबालिग हैं जिन्हें संरक्षण में लेकर आगे की कानूनी कार्यवाही की जा रही है। उनके आपराधिक इतिहास की जानकारी भी अन्य थानों से जुटाई जा रही है।
पीजीआई पुलिस ने लैपटॉप चोर को रंगेहाथ पकड़ा, चोरी का माल बरामद
लखनऊ । राजधानी के थाना पीजीआई पुलिस ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए चारपहिया वाहन से बैग चोरी करने वाले शातिर चोर को गिरफ्तार किया है। पुलिस ने उसके कब्जे से चोरी किया गया लैपटॉप, माउस, पैन कार्ड, आधार कार्ड, जन्म प्रमाणपत्र और बैंक कार्ड बरामद किए हैं।घटना 16 अगस्त की है, जब इंदिरा नगर निवासी अनुराग चतुर्वेदी ने अपनी होंडा सिटी कार (UP32 MS 8107) से लैपटॉप व अन्य महत्वपूर्ण दस्तावेज चोरी होने की तहरीर थाने में दी थी। मामले में थाना पीजीआई पुलिस ने मुकदमा दर्ज कर विवेचना शुरू की।

नशे का आदी है इसलिए गाड़ी से चोरी किया था बैग

जांच के दौरान मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने एबीसी कॉलोनी के पास से आरोपी सौरभ पाल पुत्र राधेश्याम पाल निवासी रानीखेड़ा हरकंशगढ़ी, थाना मोहनलालगंज, लखनऊ (उम्र 26 वर्ष) को दबोच लिया। तलाशी में उसके पास से चोरी गया बैग और उसमें रखा सामान बरामद किया गया।पूछताछ में आरोपी ने कबूल किया कि वह नशे का आदी है और रुपये की जरूरत के चलते 12 अगस्त की शाम उसने एल्डिको उद्यान-2, गोलू चौराहा के पास खड़ी गाड़ी से बैग चोरी किया था। चोरी का सामान बेचने की फिराक में था कि पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया।अभियुक्त के खिलाफ विधिक कार्रवाई करते हुए उसे न्यायिक अभिरक्षा में भेज दिया गया है।
मुजफ्फरनगर-बागपत का कुख्यात अपराधी हरीश 12 साल बाद STF के हत्थे चढ़ा, 2 लाख का इनाम घोषित था

लखनऊ । यूपी एसटीएफ ने बड़ी कामयाबी हासिल करते हुए पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुख्यात अपराधी हरीश को गिरफ्तार कर लिया है। आरोपी पर 2,00,000 का इनाम घोषित था और वह करीब 12 वर्षों से फरार चल रहा था। हरीश हत्या, रंगदारी, अपहरण और जानलेवा हमलों जैसे कई संगीन मामलों में वांछित था। एसटीएफ मेरठ इकाई को मुखबिर से सूचना मिली थी कि हरीश मेरठ के भैसाली बस अड्डे पर आने वाला है। इस पर उपनिरीक्षक जयवीर सिंह के नेतृत्व में टीम ने दबिश देकर उसे 18 अगस्त 2025 की दोपहर 1:25 बजे गिरफ्तार कर लिया।

अपहरण, रंगदारी व अन्य गंभीर मामलों के कई मुकदमे दर्ज

अभियुक्त हरीश पुत्र ब्रहमपाल, निवासी ग्राम भौराखुर्द थाना भौराकलां, मुजफ्फरनगर, पर मुजफ्फरनगर और बागपत में हत्या, अपहरण, रंगदारी व अन्य गंभीर मामलों के कई मुकदमे दर्ज हैं। इन मामलों में वर्ष 2012 से फरार चल रहा था। पुलिस पूछताछ में सामने आया कि हरीश का परिवार लंबे समय से आपसी रंजिश और खूनी संघर्षों में उलझा रहा है। 1990 के दशक से चली आ रही दुश्मनी में उसके परिवार के कई सदस्य मारे गए। इसके बाद उसने अपराध की दुनिया में कदम रखा और हत्या, लूट, रंगदारी व गैंगवार की कई वारदातों को अंजाम दिया।

जिसकी 2019 में मुठभेड़ में मौत हो गई थी

एसटीएफ के मुताबिक हरीश का भाई आदेश भी कुख्यात अपराधी था, जिसकी 2019 में मुठभेड़ में मौत हो गई थी। परिवार के अधिकांश सदस्य पहले ही मारे जा चुके हैं और अब हरीश की गिरफ्तारी से पुलिस ने पश्चिमी उत्तर प्रदेश में सक्रिय एक लंबे समय से फरार अपराधी को पकड़ने में बड़ी सफलता हासिल की है। गिरफ्तार आरोपी को थाना भौराकलां, मुजफ्फरनगर पुलिस को सुपुर्द कर आगे की वैधानिक कार्रवाई की जा रही है।