शिक्षा पर विपक्ष के हमलों का मंत्री संदीप सिंह ने आंकड़ों से दिया जवाब
-- सरकार के कामकाज को ऐतिहासिक बताते हुए मर्जर और बंदी के आरोपों को किया खारिज
- प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार 389 बच्चे नामांकित
- - प्राइमरी स्कूलों में नियुक्त हैं 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र
लखनऊ। उत्तर प्रदेश विधानसभा में बेसिक शिक्षा से जुड़े मुद्दों—छात्रों के नामांकन, शिक्षकों की नियुक्ति, स्कूल मर्जर, शिक्षा भर्ती और प्राथमिक स्कूलों में प्रवेश आयु 4 वर्ष करने पर विपक्ष के तीखे हमलों का जवाब बेसिक शिक्षा मंत्री संदीप सिंह ने तथ्यात्मक आंकड़ों के साथ दिया। उन्होंने कहा कि विपक्ष ने मर्जर व्यवस्था को राजनीतिक रंग देकर जनता को गुमराह करने का प्रयास किया है, जबकि सच्चाई यह है कि योगी सरकार ने शिक्षा के स्तर को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाने के लिए ऐतिहासिक कार्य किए हैं।
मंत्री ने सदन को बताया कि वर्तमान में परिषदीय विद्यालयों में कुल नामांकित छात्रों की संख्या 1.48 करोड़ से अधिक है। इन विद्यालयों में शिक्षकों, शिक्षामित्रों और अनुदेशकों की कुल संख्या 6.28 लाख से ज्यादा है। प्राथमिक विद्यालयों में 1 करोड़ 4 लाख 93 हजार 389 छात्र पढ़ रहे हैं, जिनको शिक्षित करने के लिए 3,38,590 शिक्षक और 1,43,450 शिक्षामित्र नियुक्त हैं। वहीं उच्च प्राथमिक विद्यालयों में 43,01,483 छात्र अध्ययनरत हैं, जिन्हें 1,20,860 शिक्षक और 25,223 अनुदेशक पढ़ा रहे हैं। उन्होंने कहा कि प्राथमिक स्तर पर छात्र-शिक्षक अनुपात 30:1 और उच्च प्राथमिक स्तर पर 35:1 का अनुपालन किया जा रहा है।
स्कूलों के पेयरिंग (मर्जर) पर उन्होंने स्पष्ट किया कि 50 से कम नामांकन वाले विद्यालयों में भी दो शिक्षक और एक शिक्षामित्र की नियुक्ति सुनिश्चित की जाएगी। उन्होंने यह भी कहा कि सरकार ने किसी भी विद्यालय को बंद करने का निर्णय नहीं लिया है, सभी विद्यालय यथावत संचालित हो रहे हैं। प्रवेश आयु 4 वर्ष करने के प्रस्ताव पर मंत्री ने कहा कि यह संभव नहीं है, क्योंकि आरटीई के प्रावधानों के तहत 3 से 6 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए आंगनवाड़ी में शिक्षा और पोषण की व्यवस्था पहले से है।
मर्जर व्यवस्था की व्याख्या करते हुए उन्होंने कहा कि केवल उन्हीं विद्यालयों का पेयर किया गया है जो 1 किलोमीटर के दायरे में हैं और जिनमें छात्र संख्या 50 से कम है। इन्हें संसाधनयुक्त विद्यालयों में शामिल किया गया है ताकि बच्चों को बेहतर सुविधाएं मिलें और स्कूल उनकी पहुंच में हों। खाली पड़े विद्यालयों में आईसीडीएस विभाग के सहयोग से प्री-प्राइमरी, प्ले स्कूल और नर्सरी कक्षाएं चलाई जा रही हैं। अब तक 3,000 से अधिक विद्यालयों में यह व्यवस्था लागू हो चुकी है और इसके लिए 19,484 एसीसीई की संविदा पर नियुक्ति की गई है।
विपक्ष पर पलटवार करते हुए मंत्री ने कहा कि 2017 से 2025 के बीच वर्तमान सरकार ने जितना कार्य किया, उतना किसी भी पूर्ववर्ती सरकार ने नहीं किया। इस वर्ष ही 27 लाख से अधिक बच्चों का नामांकन हुआ है। उन्होंने आरोप लगाया कि सपा शासनकाल में 3.45 करोड़ बच्चे शिक्षा से दूर थे, जबकि मौजूदा सरकार ने उन्हें स्कूल लाने के लिए विशेष अभियान चलाया है।
शिक्षा के बुनियादी ढांचे पर मंत्री ने कहा कि राज्य में मॉडल कंपोजिट विद्यालयों का निर्माण किया जा रहा है, जिन पर प्रत्येक पर 30 करोड़ रुपये खर्च होंगे। हर जनपद में दो ऐसे विद्यालय बनाए जाएंगे, ताकि शिक्षा की गुणवत्ता को उच्चतम स्तर तक ले जाया जा सके। उन्होंने अंत में कहा, "योगी सरकार का संकल्प है कि उत्तर प्रदेश की प्राथमिक शिक्षा देश में मिसाल बने।"
Aug 13 2025, 11:48