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मानसिक उत्पीड़न और जानलेवा हमलों से पीड़ित महिला की प्रशासन से न्याय की गुहार

लखनऊ। "विंग्स ऑफ फायर" नामक क्लब से जुड़े मामलों में गंभीर आरोपों के चलते शहर की एक महिला व प्रियंका सिंह रघुवंशी ने प्रशासन से अपनी सुरक्षा सुनिश्चित करने की मांग की है। उन्होंने क्लब से जुड़े संचालकों—अक्षय सिंह, अभिषेक सिंह चौहान, प्रतीक सिंह और अभिमन्यु सिंह—पर लगातार मानसिक प्रताड़ना, जान से मारने की कोशिश, फर्जीवाड़ा और धोखाधड़ी जैसे गंभीर आरोप लगाए हैं।

प्रियंका सिंह का कहना है कि इन लोगों के खिलाफ पहले भी FIR दर्ज हो चुकी हैं, बावजूद इसके उनकी प्रताड़ना रुकी नहीं है। उन्होंने बताया कि आरोपी अभिषेक सिंह उनके साथ व्यक्तिगत संबंध में था—जिसने उनके साथ विश्वासघात कर उन्हें मानसिक और आर्थिक रूप से अत्यधिक नुकसान पहुंचाया। अभिषेक द्वारा सिंदूर भरना, साथ रहना, पैसों की बार-बार मांग करना और फिर अचानक व्यवहार बदल देना, इस पूरे घटनाक्रम को और भी पीड़ादायक बनाता है।

13 मार्च की रात को एक अत्यंत निंदनीय घटना के बाद जब प्रियंका ने इन संबंधों को समाप्त करने की बात की तो अभिषेक सिंह ने कथित तौर पर उनके ऊपर पिस्तौल तान दी और मारपीट की। भयभीत होकर उन्होंने 17 मार्च को हजरतगंज थाने में तहरीर दी, जिसके आधार पर FIR दर्ज हुई।पीड़िता का आरोप है कि FIR दर्ज होने के बाद उन पर एफिडेविट देने का दबाव बनाया गया, और यहां तक धमकी दी गई कि यदि उन्होंने साथ नहीं दिया तो आरोपी आत्महत्या कर लेंगे, जिसकी जिम्मेदार उन्हें ठहराया जाएगा। डरी-सहमी प्रियंका सिंह ने एफिडेविट दिया, लेकिन बाद में जब उसे निरस्त किया गया तो आरोपी फिर से उन पर हावी हो गए।

पीड़िता ने यह भी खुलासा किया है कि अब फर्जी दस्तावेज़ तैयार कर, उनके नाम, हस्ताक्षर, पता और फोन नंबर का गलत उपयोग कर प्रशासनिक अधिकारियों को गुमराह किया जा रहा है।

प्रियंका सिंह ने शासन और प्रशासन से हाथ जोड़कर निवेदन किया है कि उन्हें इन तथाकथित रसूखदार और आपराधिक प्रवृत्ति के लोगों से सुरक्षा दी जाए। उन्होंने कहा कि यदि उन्हें कुछ भी होता है, तो इसके जिम्मेदार केवल उपरोक्त आरोपी ही होंगे।

उनके पास मौजूद कॉल रिकॉर्डिंग्स, सोशल मीडिया चैट्स, वीडियो, फोटो और पैसों के लेन-देन से संबंधित दस्तावेज़, साक्ष्य के रूप में सुरक्षित हैं, जिन्हें जरूरत पड़ने पर वे प्रस्तुत करेंगी।

उत्तर प्रदेश की प्रकाशित अंतिम मतदाता सूची -2025 में कोई अपील प्राप्त नहीं हुई

लखनऊ। प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी ने बताया कि निर्वाचक नामावली भारत निर्वाचन आयोग के निदेशन, नियंत्रण और अधीक्षण में तैयार और समय-समय पर अद्यतन की जाती है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा बूथ लेवल अधिकारी की सत्यापनोपरांत प्रस्तुत रिपोर्ट के आधार पर नामावली में नाम जोड़े जाने, विलोपित किए जाने और संशोधित किए जाने के संबंध में निर्णय लिया जाता है।

निर्वाचक नामावलियों को निरंतर अद्यतन करते रहने के अलावा, निर्वाचन आयोग के निर्देशानुसार प्रत्येक वर्ष निर्वाचक नामावलियों को अद्यतन करने के लिए वार्षिक विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण (एसएसआर) का आयोजन किया जाता है जो हर वर्ष अक्तूबर-दिसंबर की अवधि के दौरान आयोजित होता है और अगले महीने जनवरी में अंतिम नामावलियां प्रकाशित की जाती हैं। तैयार निर्वाचक नामावली का प्रारूप मुख्य निर्वाचन अधिकारी की वेबसाइट पर प्रकाशित किया जाता है तथा राजनीतिक दलों को भी निःशुल्क उपलब्ध कराया जाता है। निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी के किसी निर्णय पर यदि किसी व्यक्ति को कोई आपत्ति है, तो उसके पास लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम - 1950 की धारा 24(क) के तहत जिला मजिस्ट्रेट / जिला कलक्टर / कार्यपालक मजिस्ट्रेट के समक्ष पहली अपील दायर करने का विकल्प होता है। यदि व्यक्ति प्रथम अपील प्राधिकारी के निर्णय से भी संतुष्ट नहीं है, तो लोक प्रतिनिधित्व अधिनियम, 1950 की धारा 24(ख) के अधीन संबंधित राज्य/संघ राज्य-क्षेत्र के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के समक्ष द्वितीय अपील दायर की जा सकती है।

हाल ही में संपन्न एसएसआर -2025 के लिए कार्यक्रम

07 अगस्त, 2024 को जारी किया गया था और उत्तर प्रदेश में निर्वाचक नामावली का अंतिम प्रकाशन 07 जनवरी 2025 को हुआ था।

विशेष संक्षिप्त पुनरीक्षण - 2025 में दिनांक 7 जनवरी 2025 को हुए अंतिम प्रकाशन के पश्चात उत्तर प्रदेश में किसी जिला निर्वाचन अधिकारी के पास कोई भी प्रथम अपील और प्रदेश के मुख्य निर्वाचन अधिकारी के पास कोई भी द्वितीय अपील नहीं प्राप्त हुई है।

चूँकि अंतिम प्रकाशित नामावली की प्रतियाँ मान्यता प्राप्त राजनैतिक दलों को उपलब्ध कराई गई हैं और उनका प्रारूप सीईओ उत्तर प्रदेश की वेबसाइट www.ceouttarpradesh.nic.in पर पब्लिक डोमेन में उपलब्ध है, अतः स्पष्ट है कि निर्वाचक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी द्वारा निर्वाचक नामावली में किसी प्रविष्टि के संदर्भ में लिए गए निर्णय के संबंध में किसी को कोई आपत्ति नहीं है और निर्वाचक नामावली सभी राजनीतिक दलों को निर्विवाद रूप से स्वीकार्य है।

लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का पुनर्गठन, अब 5 जोन, 16 सर्किल और 54 थाने होंगे संचालित

लखनऊ । उत्तर प्रदेश शासन द्वारा लखनऊ नगर और ग्रामीण क्षेत्रों के पुनर्गठन के बाद, लखनऊ पुलिस कमिश्नरेट का नया ढांचा तैयार कर दिया गया है। अब लखनऊ कमिश्नरेट में कुल 5 जोन, 16 सर्किल, और 54 थाने प्रभावी रूप से संचालित किए जाएंगे। पुलिस महानिदेशक, उत्तर प्रदेश के अनुमोदन के पश्चात यह नया पुनर्गठन तत्काल प्रभाव से लागू किया गया है।

क्या हुआ है नया, अब थानों की संख्या हुई 54

4 नवम्बर 2022 को लखनऊ नगर और ग्रामीण का एकीकरण करते हुए कमिश्नरेट प्रणाली लागू की गई थी। तब कमिश्नरेट लखनऊ को 5 जोन 16 सर्किल व 52 थानों में सचालित किया जा रहा था। अब थानों की संख्या बढ़कर 54 हो गई है। चूंकि महिगवां थाना जोड़ा गया और साइबर क्राइम थाना कमिश्नरेट में लाया गया। अब पुलिस कमिश्नरेट लखनऊ अब 5 जोनों, 16 सर्किलों और 54 थानों के नए स्ट्रक्चर में कार्य करेगा।

नई व्यवस्था में जोनवार थानों का वितरण

-पश्चिमी जोन में आने वाला थाना चौक, ठाकुरगंज, वजीरगंज, सआदतगंज, बाजार खाला, तालकटोरा, कैसरबाग, अमीनाबाद, नाका, काकोरी, दुबग्गा, पारा।

-मध्य जोन में आने वाला थाना हजरतगंज, हुसैनगंज, गौतमपल्ली, महिला थाना प्रथम, कैण्ट, आलमबाग, आशियाना, मानकनगर, महानगर, हसनगंज,मदेयगंज।

-उत्तरी जोन में आने वाला थाना मड़ियांव, अलीगंज, जानकीपुरम, मलिहाबाद,माल,रहीमाबाद, इटौंजा, बीकेटी, सैरपुर, महिगवां, महिला थाना द्वितीय।

-पूर्वी जाेन में आने वाला थाना गाजीपुर , गुडम्बा, विकासनगर, इंदिरानगर, गोमतीननगर, साइबर क्राइम थाना, गोमतीनगर विस्तार, विभूतिखण्ड, चिनहट, बीबीडी।

- दक्षिणी जाेन में आने वाला थाना मोहनलालगंज, नगराम, निगोहा, गोसाईगंज, सुशांत गोल्फ सिटी, पीजीआई, कृष्णानगर, सरोजनीनगर, बंथरा, बिजनौर ।

लखनऊ: सपा प्रवक्ता मनोज यादव सहित अज्ञात नेताओं पर गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज

लखनऊ। राजधानी लखनऊ में एक राजनीतिक विवाद ने नया मोड़ ले लिया है। भाजपा नेता विनीत शुक्ला की शिकायत पर समाजवादी पार्टी (सपा) के प्रवक्ता मनोज यादव और अन्य अज्ञात नेताओं के खिलाफ गंभीर धाराओं में एफआईआर दर्ज की गई है।

शिकायत में आरोप लगाया गया है कि भाजपा नेता को जान से मारने की धमकी दी गई, जिससे उनका जीवन खतरे में पड़ गया। यह मामला एक कार्यक्रम के दौरान उस समय शुरू हुआ जब सपा अध्यक्ष अखिलेश यादव के इंटरव्यू के दौरान विनीत शुक्ला ने टोका-टोकी की थी। इसके बाद स्थिति तनावपूर्ण हो गई।

विनीत शुक्ला ने अपनी शिकायत में कहा कि इंटरव्यू के दौरान उनकी टिप्पणी पर सपा नेताओं ने आपत्ति जताई और धमकीपूर्ण व्यवहार किया, जिससे उन्होंने खुद को असुरक्षित महसूस किया।

पुलिस ने मामला दर्ज कर जांच शुरू कर दी है। सूत्रों के अनुसार, एफआईआर में भारतीय दंड संहिता की कई गंभीर धाराएं लगाई गई हैं, जिनमें आपराधिक धमकी और जान से मारने की धमकी शामिल हैं। इस मामले को लेकर दोनों दलों के बीच राजनीतिक तापमान और बढ़ सकता है।

उत्तर प्रदेश सरकार का आम जनता को बड़ा तोहफा, अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान के लिए नक्शा पास कराना जरूरी नहीं

लखनऊ। उत्तर प्रदेश सरकार ने भवन निर्माण से जुड़े नियमों में आम जनता को बड़ी राहत देते हुए ऐतिहासिक बदलाव किए हैं। अब 1000 वर्गफीट तक के प्लॉट पर मकान बनाने के लिए नक्शा पास कराना अनिवार्य नहीं होगा। यह फैसला न केवल निर्माण प्रक्रिया को सरल बनाएगा, बल्कि भ्रष्टाचार और अवैध उगाही पर भी प्रभावी अंकुश लगाएगा।

मुख्यमंत्री की स्वीकृति से लागू भवन निर्माण एवं विकास उपविधि 2025 के तहत कई जटिल प्रक्रियाओं को सरल कर दिया गया है।

प्रमुख सचिव (आवास विभाग) पी. गुरु प्रसाद के अनुसार, अब 5000 वर्गफीट तक के निर्माण कार्य के लिए किसी भी प्राधिकरण की पूर्व स्वीकृति की आवश्यकता नहीं, बल्कि प्रमाणित आर्किटेक्ट द्वारा जारी किया गया प्रमाण पत्र ही पर्याप्त होगा।

छोटे प्लॉट पर भी अपार्टमेंट निर्माण को मिली मंजूरी

अब तक जहां अपार्टमेंट बनाने के लिए 2000 वर्गमीटर का प्लॉट आवश्यक होता था, वहीं अब 1000 वर्गमीटर के भूखंड पर भी अपार्टमेंट निर्माण की अनुमति दी जाएगी।

अस्पताल और कमर्शियल बिल्डिंग के लिए भूमि की न्यूनतम सीमा घटाकर 3000 वर्गमीटर कर दी गई है।

प्रोफेशनल्स को मिली बड़ी राहत

नए नियमों के तहत अब घर के 25% हिस्से में नर्सरी, क्रैच, होम-स्टे या डॉक्टर, वकील, आर्किटेक्ट और चार्टर्ड अकाउंटेंट्स जैसे प्रोफेशनल्स अपने कार्यालय बिना नक्शे में विशेष उल्लेख के चला सकेंगे।

NOC प्रक्रिया में पारदर्शिता और समयबद्धता

अब नक्शा पास कराने के लिए आवश्यक अनापत्ति प्रमाण पत्र (NOC) विभिन्न विभागों को 7 से 15 दिन की निर्धारित समय सीमा के भीतर देना होगा। समयसीमा में उत्तर न मिलने की स्थिति में NOC स्वतः मान्य हो जाएगा।

कॉमर्शियल गतिविधियों के लिए नई छूट

24 मीटर या उससे अधिक चौड़ी सड़कों पर स्थित रिहायशी क्षेत्रों में अब दुकानें और कार्यालय खोलने की अनुमति दी गई है। वहीं, कम चौड़ाई वाली सड़कों पर डॉक्टर, वकील जैसे प्रोफेशनल्स अपने कार्यालय संचालित कर सकेंगे।

ऊंची इमारतों को मिली खुली छूट

अब 45 मीटर चौड़ी सड़कों पर जितनी चाहें उतनी ऊंची इमारतें बनाने की अनुमति होगी। इसके अलावा फ्लोर एरिया रेशियो (FAR) को तीन गुना तक बढ़ाया गया है, जिससे शहरी क्षेत्र में ऊंचे भवनों के निर्माण को बढ़ावा मिलेगा।

सरकार का उद्देश्य: विकास में गति और प्रक्रिया में पारदर्शिता

इन ऐतिहासिक बदलावों से न केवल आम नागरिकों को राहत मिलेगी, बल्कि राज्य में शहरी विकास की प्रक्रिया तेज और पारदर्शी भी बनेगी। मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के नेतृत्व में लिया गया यह निर्णय ‘ईज़ ऑफ डूइंग बिजनेस’ को भी नई दिशा देगा।

नाबालिग को बहला-फुसलाकर भगाने वाला गिरफ्तार, पुलिस ने 24 घंटे में बरामद की लड़की

लखनऊ के गाजीपुर थाना क्षेत्र से 13 वर्षीय नाबालिग लड़की को बहला-फुसलाकर भगाने वाले युवक को पुलिस ने 24 घंटे के भीतर गिरफ्तार कर लिया। पुलिस ने सर्विलांस और मुखबिर की सूचना पर आरोपी हिमांशु को जैन मंदिर के पास से गिरफ्तार किया और पीड़िता को सकुशल बरामद कर परिजनों को सौंप दिया। आरोपी के खिलाफ विधिक कार्रवाई जारी है।

बहला फुसलाकर नाबालिग को भगा ले गया था युवक

पूरा मामला 15 अप्रैल को सामने आया, जब पीड़िता के पिता ने थाना गाजीपुर में शिकायत दर्ज कराई कि उनकी नाबालिग बेटी को हिमांशु नामक युवक बहला-फुसलाकर भगा ले गया है। पिता की तहरीर के आधार पर गाजीपुर थाने में मामला संख्या 126/2025 धारा 87/137(2) बीएनएस के तहत मुकदमा दर्ज कर जांच शुरू की गई।पुलिस ने मामले की गंभीरता को देखते हुए तुरंत टीम गठित कर खोजबीन शुरू की। सर्विलांस और स्थानीय सूचना तंत्र के माध्यम से जांच आगे बढ़ाई गई, जिससे पता चला कि आरोपी हिमांशु पुत्र परशुराम, जो लखनऊ के समौद्दीपुर का निवासी है, का स्थायी पता सीतापुर के लालपुर गांव में है।

पुलिस ने हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी

पुलिस को सूचना मिली कि एक युवक और युवती जैन मंदिर के पास संदिग्ध हालत में खड़े हैं और घबराए हुए दिख रहे हैं। तुरंत हरकत में आई पुलिस टीम ने मौके पर पहुंचकर उन्हें चारों ओर से घेर लिया। पूछताछ करने पर युवक ने अपना नाम हिमांशु बताया और लड़की की पहचान गुमशुदा नाबालिग के रूप में हुई।पुलिस ने हिमांशु को हिरासत में लेकर पूछताछ शुरू कर दी है।

आरोपी के आपराधिक इतिहास की भी जानकारी जुटा रही पुलिस

वहीं, पीड़िता को महिला आरक्षी की निगरानी में सुरक्षित रखा गया और उसके बयान दर्ज किए जा रहे हैं। पुलिस अन्य जिलों से आरोपी के आपराधिक इतिहास की भी जानकारी जुटा रही है।यह त्वरित और सफल कार्रवाई कानून व्यवस्था के प्रति पुलिस की सजगता को दर्शाती है, जिससे समाज में एक मजबूत संदेश गया है कि बच्चों के प्रति किसी भी अपराध को बर्दाश्त नहीं किया जाएगा।

हर्ष फायरिंग बना मौत का कारण, आरोपी 24 घंटे में गिरफ्तार

लखनऊ । खुशी के माहौल में की गई एक लापरवाह हर्ष फायरिंग ने मातम में बदल दिया एक घर का माहौल। लखनऊ के काकोरी क्षेत्र में एक विदाई समारोह के दौरान हुई गोलीबारी में एक व्यक्ति की दर्दनाक मौत हो गई। लेकिन पुलिस की तेज़ी और सूझबूझ से महज 24 घंटे में आरोपी को गिरफ्तार कर लिया गया। आरोपी के पास से लाइसेंसी रायफल और जिंदा कारतूस सहित अन्य साक्ष्य भी बरामद किए गए हैं।

विदाई समारोह के दौरान हुई हर्ष फायरिंग में बुजुर्ग को लगी थी गोली

घटना 16 अप्रैल 2025 की है, जब काकोरी थाना क्षेत्र के गहलवारा गांव में चाँद बाबू उर्फ चन्दू की पुत्री की विदाई हो रही थी। इसी दौरान कुछ अज्ञात लोगों ने समारोह में हर्ष फायरिंग शुरू कर दी, जिसमें वहां मौजूद शमशेर उर्फ शेरा को गोली लग गई और उनकी मौके पर ही मौत हो गई।शमशेर के बेटे नफीस ने थाने में रिपोर्ट दर्ज कराई, जिसके आधार पर मु0अ0सं0 114/2025 धारा 106 बीएनएस के तहत अज्ञात के खिलाफ मामला दर्ज किया गया।

तेज़ कार्रवाई में जुटी पुलिस, 24 घंटे में बड़ी सफलता

जैसे ही घटना की जानकारी मिली, थाना काकोरी की पुलिस टीमों का गठन कर दिया गया। पुलिस ने इलेक्ट्रॉनिक सर्विलांस, भौतिक साक्ष्य और प्रत्यक्षदर्शियों के बयानों के आधार पर जांच तेज़ की। जांच में सामने आया कि इमरान गाजी पुत्र जब्बार, निवासी काकोरी मोड़, थाना पारा, ने ही फायरिंग की थी। मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को कठिंगरा अंडरपास से आरोपी को गिरफ्तार कर लिया।

क्या-क्या बरामद हुआ आरोपी से

आरोपी इमरान गाजी की निशानदेही पर पुलिस ने घटनास्थल पर प्रयुक्त हथियार भी बरामद किए:

- 01 लाइसेंसी रायफल (.315 बोर)

- 18 जिंदा कारतूस (.315 बोर)

- 02 खोखा कारतूस (.315 बोर)

फायरिंग का मकसद: दिखाना चाहता था दबदबा

पुलिस की प्रारंभिक पूछताछ में यह बात सामने आई कि आरोपी ने समाज में वर्चस्व और दबदबा दिखाने के लिए इस तरह की फायरिंग की थी। लेकिन उसका यह ‘शौक’ अब कानून के शिकंजे में आ गया है। पुलिस ने आरोपी को गिरफ्तार कर जेल भेज दिया। पुलिस मामले में और गहराई से जांच कर रही है कि कहीं कोई अन्य व्यक्ति या साजिश भी इसके पीछे तो नहीं।यह मामला एक बार फिर ये दर्शाता है कि हर्ष फायरिंग महज 'मौज-मस्ती' नहीं, बल्कि कानूनन अपराध है, जो किसी की जान भी ले सकता है। लखनऊ पुलिस की सक्रियता ने न सिर्फ पीड़ित परिवार को न्याय दिलाया बल्कि समाज को भी एक सख्त संदेश दिया है।

लखनऊ पुलिस की नई उड़ान: ईगल मोबाइल से होगा अपराधियों का पीछा"

लखनऊ की सड़कों पर अब अपराधियों को सावधान रहने की जरूरत है, क्योंकि अब उन्हें हर वक्त निगाह में रखेगी एक नई ताकत— ईगल मोबाइल टीम। अपराध पर अंकुश लगाने और असामाजिक तत्वों की गतिविधियों पर लगातार निगरानी रखने के लिए लखनऊ पुलिस ने 17 अप्रैल 2025 को एक नई और अत्याधुनिक पहल की शुरुआत की है। इस पहल के तहत हर थाने में एक दोपहिया वाहन पर तैनात दो पुलिसकर्मी अपराधियों की गतिविधियों पर बाज की नजर रखेंगे।

यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी

राजधानी पुलिस ने अपराध और अपराधियों पर सख्ती से शिकंजा कसने के लिए ‘ईगल मोबाइल - क्रिमिनल सर्विलांस एंड मॉनिटरिंग टीम’ का गठन किया है। पुलिस आयुक्त लखनऊ कमिश्नरेट और संयुक्त पुलिस आयुक्त (अपराध एवं मुख्यालय) के नेतृत्व में शुरू की गई इस अनोखी पहल का उद्देश्य है— अपराधियों की नियमित निगरानी, जानकारी का संकलन और समय रहते कार्रवाई।इस टीम का नाम ‘ईगल’ इसलिए रखा गया है क्योंकि यह टीम अपराधियों पर बाज जैसी पैनी नजर रखेगी। ईगल मोबाइल टीम को खास दोपहिया वाहनों और आधुनिक उपकरणों से लैस किया गया है। हर थाने में यह टीम दो पुलिसकर्मियों—मुख्य आरक्षी या आरक्षी—की होगी, जो क्षेत्र के अपराधियों का पूरा डेटा तैयार कर उनके ठिकानों तक पहुंच बनाएगी।

ईगल मोबाइल टीम के प्रमुख कार्य

-प्रत्येक थाने में तैनात दो पुलिसकर्मियों को एक विशेष दोपहिया वाहन प्रदान किया गया है।

-इन्हें अपराधियों की विस्तृत सूची दी जाएगी, जिसमें History-Sheeter, सक्रिय अपराधी, गैंग के सदस्य, दस साल के आपराधिक रिकॉर्ड वाले अपराधी तथा हाल ही में जेल से रिहा अपराधी शामिल होंगे।

-हर दिन कम से कम 10 अपराधियों का डोज़ियर तैयार किया जाएगा, जिसमें उनके पते, गतिविधियों, पुराने अपराध, संपर्क आदि का विवरण होगा।

-डोज़ियर पूर्ण होने के बाद प्रत्येक दिन कम से कम 20 अपराधियों की निगरानी की जाएगी।

-ईगल मोबाइल टीम के सभी सदस्यों का एक व्हाट्सएप ग्रुप बनाया जाएगा, जहां रोज़ के कामों की रिपोर्ट पोस्ट की जाएगी।

-जेल से छूटे अपराधियों की सूची रोजाना व्हाट्सएप ग्रुप में दी जाएगी, जिसके आधार पर संबंधित थाना क्षेत्र के अपराधियों का सत्यापन किया जाएगा।

-अपराधी एलबम रजिस्टर को अपडेट किया जाएगा, जो थानों में पहले से बनाए जाते रहे हैं।

-HS (History-Sheeter)/सक्रिय अपराधियों और गैंग सदस्यों की लगातार निगरानी की जाएगी।

-जेल जाने वाले अपराधियों से पूछताछ कर उनका डोज़ियर तैयार किया जाएगा।

-डोज़ियर स्कैन कर DCRB (District Crime Record Bureau) कार्यालय भेजा जाएगा और Trinetra ऐप पर अपलोड के लिए SHO को सौंपा जाएगा।

-इन पुलिसकर्मियों को किसी और ड्यूटी में नहीं लगाया जाएगा, जिससे इनका पूरा ध्यान निगरानी पर ही रहे।

-दूसरे थाना क्षेत्र के अपराधियों की सूचना पर संबंधित थानों की ईगल मोबाइल टीम से समन्वय किया जाएगा।

-रोज़ाना की रिपोर्ट थाना प्रभारी व सहायक पुलिस आयुक्त को सौंपी जाएगी।

-DCRB कार्यालय में एक कंट्रोल रूम बनाया गया है, जो पूरे जिले की रिपोर्ट का विश्लेषण करेगा। इसकी निगरानी प्रभारी DCRB (सीयूजी- 9454458079) द्वारा की जाएगी।

-प्रत्येक महीने दो बार (प्रथम पक्ष व द्वितीय पक्ष) ईगल मोबाइल की बैठक DCP Crime द्वारा की जाएगी।

इस योजना से पुलिस अपराधियों के मूवमेंट रख पाएगी नजर

इस योजना के तहत लखनऊ पुलिस अपराधियों के हर मूवमेंट पर नजर रख पाएगी। इससे अपराधियों में खौफ पैदा होगा और साथ ही पुलिस की सूचना तंत्र पहले से कहीं ज्यादा मजबूत होगा। इस टेक-सपोर्टेड निगरानी प्रणाली से पुलिस समय पर एक्शन ले सकेगी और आम जनता को भी सुरक्षा का अहसास होगा।

बच्चों की सुरक्षा को लेकर योगी सरकार का बड़ा कदम: चाइल्ड हेल्पलाइन और डेस्क सिस्टम होगा और मजबूत

लखनऊ। उत्तर प्रदेश की योगी सरकार अब महिलाओं और बच्चों की सुरक्षा को लेकर एक बड़ा और ठोस कदम उठाने जा रही है। चाइल्ड हेल्पलाइन 1098 की क्षमता को बढ़ाया जाएगा, साथ ही विमेन एंड चाइल्ड हेल्प डेस्क को भी अधिक सशक्त और प्रभावी बनाया जाएगा। इस पहल का उद्देश्य है- हर जरूरतमंद बच्चे और महिला को समय पर, प्रभावी और मानवीय सहायता मिल सके।बढ़ती कॉल संख्या को देखते हुए कंट्रोल रूम में 5 अतिरिक्त कॉल टेकर तैनात किए जाएंगे, जिससे शिकायतों के त्वरित निस्तारण में मदद मिलेगी। यह निर्णय हेल्पलाइन की प्रभावशीलता और भरोसे को और मजबूत बनाएगा।

प्रदेश के सभी 75 जिलों की चाइल्ड प्रोटेक्शन यूनिट्स में अब अतिरिक्त 3 मल्टी टास्किंग स्टाफ (MTS) कम सिक्योरिटी स्टाफ की नियुक्ति होगी। इससे जमीनी स्तर पर बच्चों के संरक्षण तंत्र को और मजबूती मिलेगी।

वर्तमान में प्रदेश के 23 रेलवे स्टेशनों पर चाइल्ड हेल्प डेस्क मौजूद हैं, जिन्हें बढ़ाकर 28 किया जा रहा है। नए रेलवे स्टेशन: वाराणसी, कानपुर, प्रयागराज, बुलंदशहर, गाजियाबाद, वहीं, बस स्टेशनों पर भी डेस्क की संख्या 4 से बढ़ाकर 11 की जाएगी। नए बस स्टेशनों में आगरा, चंदौली, प्रयागराज, मिर्जापुर, मेरठ, गाजियाबाद, वाराणसी है।

इस महत्वाकांक्षी योजना को भारत सरकार से स्वीकृति मिल चुकी है, और 2025-26 में इसे पूरी तरह लागू करने की तैयारी चल रही है। इस पहल का उद्देश्य है कि राज्य का कोई भी बच्चा संकट की घड़ी में अकेला न महसूस करे।

किसानों की आय बढ़ाने को मंडियों में नए प्रयास: मंडी परिषद की समीक्षा बैठक में मंत्री दिनेश प्रताप सिंह के निर्देश

लखनऊ। प्रदेश के उद्यान, कृषि विपणन, कृषि विदेश व्यापार तथा कृषि निर्यात राज्यमंत्री (स्वतंत्र प्रभार) दिनेश प्रताप सिंह ने राज्य कृषि उत्पादन मंडी परिषद में आयोजित समीक्षा बैठक के दौरान अधिकारियों को सख्त निर्देश दिए कि मंडियों में किसानों को बेहतर सुविधाएं और पारदर्शी व्यवस्था सुनिश्चित की जाए। बैठक में वित्तीय वर्ष 2025-26 के लिए गतिमान कार्यों की समीक्षा की गई।

मंत्री ने कहा कि किसान हमारे अन्नदाता हैं और प्रदेश सरकार किसानों की आय बढ़ाने तथा उनकी आर्थिक स्थिति को सशक्त बनाने के लिए लगातार कार्य कर रही है। उन्होंने बताया कि वित्तीय वर्ष 2024-25 में मंडी परिषद की कुल आय 1994.50 करोड़ रुपये रही, जो कि 2023-24 की तुलना में 16.17 प्रतिशत अधिक है। बीते वर्ष परिषद की आय 1716.87 करोड़ रुपये थी। इस बढ़ी हुई आय के लिए उन्होंने ई-मंडी पोर्टल, ई-लाइसेंस, और पारदर्शी व्यवस्थाओं को जिम्मेदार बताया।

उन्होंने यह भी जानकारी दी कि मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की मंशा के अनुरूप, प्रसंस्करण क्षेत्र में व्यापारियों को मंडी शुल्क और विकास सेस में लगभग 265 करोड़ रुपये की छूट प्रदान की गई है।

समीक्षा बैठक में मंडी परिषद के निदेशक इन्द्र विक्रम सिंह, संयुक्त निदेशक सचिन सिंह, चीफ इंजीनियर गिरधारी लाल, उप निदेशक चंदन पटेल सहित कई वरिष्ठ अधिकारी उपस्थित रहे।