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राधा - कृष्ण मंदिर का हो रहा जीणोद्धार

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। कोतवाली परिसर में स्थित भगवान राधा - कृष्ण मंदिर का जीर्णोद्धार कराया जा रहा है। इस नेक काम में हर कोई बढ़कर मदद को आगे आ रहा है। मंदिर परिसर को 51 फीट ऊंचाई एवं भव्य मंदिर रुप देने का काम हो रहा है। बता दें कि राष्ट्रीय राजमार्ग के ऊंचा बनने के कारण मंदिर काफी नीचे हो गया था। ऐसे में उसका जीणोद्धार कराया जा रहा है।

बाबा साहेब अंबेडकर की 134वीं जयंती:गोपीगंज में ससजपा कार्यालय में पुष्पांजलि अर्पित कर याद किए गए संविधान निर्माता

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। सर्व समाज जनहित पार्टी के कैंप कार्यालय नारायणी कटरा गोपीगंज मे भारतीय संविधान के शिल्पकार,आधुनिक भारत के निर्माता,शोषित पीड़ित और नारीमुक्त,मानवता के मसीहा, विश्व ज्ञान के दीपक,भारत रत्न बोधिसत्व बाबा साहब डाक्टर भीमराव अंबेडकर की 134वां जन्मदिवस हर्षोल्लास पूर्वक मनाया गया। अंबडेकर की चित्र पर पुष्पांजलि अर्पित करते हुए उनके व्यक्तित्व की चर्चा की गई।

राष्ट्रीय अध्यक्ष विभूति नारायण सिंह ने बाबा साहब के व्यक्तित्व की चर्चा करते हुए उन्हें भारतीय संविधान का शिल्पकार,आधुनिक भारत का निर्माता,शोषित पीड़ित और नारीमुक्त,मानवता का मसीहा बताया। उन्होंने बताया कि डॉ॰ भीमराव अंबेडकर का जन्म 14 अप्रैल, 1891 को मध्य प्रदेश के महू गांव में हुआ था. वे एक समाज सुधारक, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री, और राजनीतिक नेता थे उन्होंने भारतीय संविधान के निर्माण में अहम भूमिका निभाई। डॉ॰ भीमराव अंबेडकर परिवार रामजी मालोजी सकपाल और भीमाबाई के 14वें और आखिरी बच्चे शिक्षा कोलंबिया यूनिवर्सिटी से इकोनॉमिक्स में एमए, लंदन स्कूल ऑफ़ इकोनॉमिक्स से पॉलिटिकल साइंस और इकोनॉमिक्स की पढ़ाई

पेशे वकील, विधिवेत्ता, अर्थशास्त्री उपलब्धियां भारतीय संविधान के निर्माता, भारतीय रिजर्व बैंक के गठन में अहम भूमिका संघर्ष दलितों, महिलाओं, और मज़दूरों के अधिकारों के लिए संघर्ष मृत्यु 6 दिसंबर, 1956 को दिल्ली में नींद में ही उनका निधन हो गया ।

डॉ॰ भीमराव अंबेडकर को बाबा साहेब के नाम से भी जाना जाता है. उन्होंने अपने जीवन को समानता, भाईचारे, और मानवता के लिए समर्पित किया। उनके विचार और कार्य आज भी भारतीय समाज और अर्थव्यवस्था की समस्याओं का समाधान करने में मददगार साबित हो सकते हैं। इस मौके पर सिंटू शुक्ला,धनेश पंडा,योगेश पाठक आनंद त्रिपाठी,सतीश चंद्र पांडेय,कैशर खान प्रमोद विश्वकर्मा,रामबाबू,रमेश कुमार व अन्य मौजूद रहेl

*खरमास समाप्त, आज से बजेगी शहनाई, होंगे सभी मांगलिक कार्य*

अप्रैल से जून तक कुल 19 शादी - विवाह के मुहुर्त , तैयारी हो गई शुरू

नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सूर्य के मेष राशि में प्रवेश करते ही खरमास रविवार शाम को समाप्त हो गया। 14 अप्रैल से मांगलिक कार्य की गूंज गूंजने लगेगी। इससे तीन महीने तक शहनाई बजने लगेगी। अप्रैल से जून तक कुल 19 शादी विवाह के मुहूर्त है। 14 मार्च से खरमास लगा था, जो वो समाप्त हुआ।

इसके बाद शादी विवाह, गृह प्रवेश, मुंडन आदि मांगलिक कार्य शुरु हो गए। मीन राशि से भगवान सूर्य का मेष राशि में प्रवेश करते ही सूर्य की चाल बदल जाती है। इसके साथ खरमास का समापन होता है। सूर्य नवग्रहों में प्रमुख ग्रह हैं। 18 अप्रैल से शादी विवाह का मुहूर्त शुरु हो रहा है। लोग सहालग की तैयारी में दिन रात जुटे हैं। डुहिया भावसिंहपुर निवासी आचार्य दीनानाथ शुक्ल ने बताया कि काशी से प्रकाशित श्रीमहावीर पंचाग के अनुसार मेष राशि की सूर्य संक्राति पर आने के बाद खरमास समाप्त हो गया।

सूर्य मीन राशि से मेष राशि में प्रवेश कर गए। 14 मार्च को खरमास लगा था। जो पूरे एक महीने तक चला। अब इसका समापन हो गया है। जैसे विवाह, गृह प्रवेश, नए दुकान का शुभारंभ, मुंडन, विद्यारंभ, नामांकरण, उपनयन, अन्नप्राशन संस्कार आदि शुभ कार्य होंगे।

19 विवाह के शुभ मुहूर्त

सुजातपुर निवासी आचार्य शरद पांडेय ने बताया कि 18 अप्रैल से लेकर 19 जून तक कुल विवाह के 19 शुभ मुहूर्त मिलेंगे। अप्रैल में 18, 19, 20, 21, 29, 30 और मई में 5, 6, 8, 10, 13, 15, 17, 28 शादी विवाह के शुभ मुहूर्त है। इसी तरह जून में 1, 2, 4, 7, 8 विवाह की तिथि है। इस दिन वर, कन्या परिणय सूत्र में बंधेगे।

जल निकासी की मांग को लेकर टावर पर चढ़े युवक:गोपीगंज में 5 घंटे बाद काम शुरू करने के आश्वासन पर उतरे, 2018 से चल रही समस्या

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। भदोही के गोपीगंज नगर क्षेत्र में गिराई का पूरा में एक अजीब मामला सामने आया है। नाली निर्माण की मांग को लेकर तीन युवकों ने मोबाइल टॉवर पर चढ़कर विरोध प्रदर्शन शुरू कर दिया है।अभिषेक गुप्ता, अंकित गौड़ और मुन्ना मौर्य नाम के ये युवक पिछले कई घंटों से टॉवर पर डटे हुए हैं। उनका कहना है कि लंबे समय से नाली निर्माण की मांग की जा रही है। लेकिन प्रशासन द्वारा कोई कार्रवाई नहीं की गई।

इस घटना की सूचना मिलते ही मौके पर पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों की टीम पहुंच गई है। स्थानीय लोगों की भी बड़ी संख्या में भीड़ जमा हो गई है। अधिकारी युवकों को नीचे उतारने का प्रयास कर रहे हैं। प्रशासन के अधिकारी मामले को गंभीरता से ले रहे हैं और युवकों से बातचीत कर समाधान निकालने का प्रयास कर रहे हैं। स्थिति पर नजर बनाए रखने के लिए पुलिस बल तैनात किया गया है।

चार दिनों में दूसरी बार मौसम की बेरूखी, आंधी-बारिश ने मचाई तबाही, किसानों की फसलें बर्बाद; पेड़ गिरे

नितेश श्रीवास्तव,भदोही। मौसम का रूख रविवार की सुबह अचानक बदल गया। तेज हवाओं के साथ चली आंधी में कई इलाकों में टीन शेड व मंड़ई उजड़ गए। आंधी के बाद बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया। बड़ी संख्या में किसानों की खेत में पड़ी फसल बारिश से बर्बाद हो गई। बर्बाद हो चुकी फसल के पास बैठे किसान अपनी किस्मत को कोस रहे थे।

मौसम विभाग के अनुसार पूर्वांचल में अचानक सक्रिय हुए वायुमंडलीय दबाव के कारण मौसम में बदलाव हुआ है।जिले में बीते चार दिनों से मौसम में उतार-चढ़ाव का असर बना हुआ है। तीन दिन पहले ही आंधी और बूंबाबादी से किसानों के फसल को हल्का बहुत नुकसान हुआ था, लेकिन रविवार की सुबह आंधी के साथ हुई बारिश ने किसानों की मेहनत पर पानी फेर दिया।

दुर्गांगंज, अभोली, सीतामढ़ी, ऊंज, चौरी, मोढ़, महराजगंज, औराई, लालानगर, गोपीगंज, कौलापुर, वहिदानगर, जंगीगंज, सुरियावां, सर्रोई समेत भदोही, खमरिया, ज्ञानपुर, नईबाजार जैसे इलाकों में तेज हवाओं के साथ हुई बारिश के किसानों के खेत में पड़ी फसल बर्बाद हो गई। फसल भिंगने से इसकी मड़ाई में और देरी होगी।

तेज हवाओं के कारण सर्रोई के प्रजापतीपुर-रामपुर उधवा आसनाव मार्ग पर पेड़ गिर गया। जिससे मार्ग करीब एक घंटे से अधिक समय तक बाधित रहा। इसी तरह दुर्गागंज के मिश्राइनपुर गांव के दिव्यांग जियालाल का टीन शेड आंधी से उड़ गया। जिससे उसकी रिहायशी मड़ई में रखा सामान भींगकर खराब हो गया। मौसम विशेषज्ञ सर्वेश बरनवाल के अनुसार वायुमंडलीय दबाव के कारण मौसम में बदलाव आया है। बताया कि हवाओं की रफ्तार 32 किमी प्रतिघंटा रही।

*सुबह की बारिश से बदला मौसम:ज्ञानपुर में गरज के साथ बूंदाबांदी, किसानों को गेहूं की फसल की चिंता*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। जिले में आज सुबह 6 बजे से आसमान में बादल छाए और गरज के साथ बारिश शुरू हो गई। बारिश के कारण मौसम में अचानक बदलाव आया। सुबह के समय भी शाम जैसा माहौल बन गया।

अप्रैल में तापमान 39 डिग्री तक पहुंच गया था। पिछले दो दिनों से बादलों की आवक से मौसम में गिरावट आई है। इससे लोगों को भीषण गर्मी से राहत मिली है।

हल्की आंधी के साथ हुई बारिश से आम के फलों को नुकसान पहुंचा है। किसान शंभू नाथ मिश्रा ने बताया कि अगर अब ज्यादा बारिश हुई तो गेहूं की फसल को भी नुकसान हो सकता है। उन्होंने कहा कि धूप निकलने पर किसान एक-दो दिन में गेहूं सुखाकर मड़ाई कर लेंगे।

*पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा के भतीजे की बाइक दुर्घटना में मौत, दूसरा युवक घायल*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- औराई थाना क्षेत्र में एक दर्दनाक सड़क हादसे में पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा के भतीजे की मौत हो गई। सहसेपुर निवासी 48 वर्षीय किरण कुमार उर्फ लल्लू मिश्रा अपने घर से औराई जा रहे थे। हादसे में बाड़ी बभनौटी निवासी 25 वर्षीय दीपक यादव भी घायल हो गए। दीपक एक एजेंसी में काम करते हैं। घटना उस समय हुई जब सड़क पर एक खच्चर आ गया। खच्चर को बचाने की कोशिश में दीपक की बाइक लल्लू मिश्रा की मोटरसाइकिल से टकरा गई। टक्कर इतनी जबरदस्त थी कि लल्लू मिश्रा की मौके पर ही मौत हो गई।

घायल दीपक को सिर में चोट लगी। उन्हें जिला अस्पताल रेफर किया गया। दोनों को एंबुलेंस से औराई ट्रामा सेंटर लाया गया, जहां डॉक्टरों ने लल्लू मिश्रा को मृत घोषित कर दिया। लल्लू मिश्रा दो भाइयों में छोटे थे और दो बेटों के पिता थे। बड़े बेटे राजू मिश्रा ब्लॉक प्रमुख के साथ रहते हैं। छोटे बेटे विशाल की शादी होने वाली थी।

लल्लू मिश्रा नए मकान का निर्माण करवा रहे थे और गृह प्रवेश की तैयारी में जुटे थे। वे तहसील पर चाय-पान की दुकान भी चलाते थे। घटना की सूचना मिलते ही पूर्व मंत्री रंगनाथ मिश्रा, ब्लॉक प्रमुख बृजमोहन मिश्रा सहित गांव के लोग मौके पर पहुंच गए। कोतवाल अंजनी राय ने शव को पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। इस घटना से पूरे गांव में शोक की लहर है।

*तीसरे दिन ही अल्ट्रासाउंड कक्ष पर लटका ताला*

गोपीगंज सीएचसी: उद्घाटन के दो दिन बाद से ही नहीं चल रही अल्ट्रासाउंड मशीन

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही। सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज में दो महीना पहले शुरू किया गया अल्ट्रासाउंड मशीन उद्धघाटन में दवा काउंटर एकदम पीछे बनाया गया है। क‌ई मरीजों को दवा काउंटर की जानकारी ही नहीं हो पाती। दवा काउंटर का भवन इतना जर्जर हैं कि छह जाने का खतरा बना रहता है। हालांकि गर्मी के दिनों में मरीजों को डिहाइड्रेशन की समस्या न हो इसके लिए अस्पताल में 10 लीटर के डिब्बे में ओआर‌एस का घोल रखा हुआ है। स्वास्थ्य केंद्रों की पड़ताल की कड़ी में Street buzz News की टीम शनिवार सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र गोपीगंज सीएचसी पहुंचीं। ओपीडी में टीम ने देखा कि चार डाॅक्टर मरीज को देख रहे थे। लेकिन अल्ट्रासाउंड कक्ष में ताला लटक रहा था। जिसकी शुरुआत दो महीने पहले ही की गई थी। अब यह केवल दो दिन चलने के बाद तीसरे दिन से ही बंद है। वहीं डेंगू, हीटवेव वार्ड में व्यवस्थाएं दुरुस्त मिली। इमरजेंसी में डॉ संतोष यादव तैनात मिले। इमरजेंसी भवन के मेन गेट पर ओआर‌एस काउंटर बनाया गया है। जहां एक 10 लीटर डिब्बे में ओ‌आर‌एस का घोल बनाकर रखा गया है। पानी पीने के लिए फ्रीजर की भी व्यवस्था की गई है।

दवा काउंटर की व्यवस्था जल्द होगी। ओ‌आ‌र‌एस काउंटर पर ग्लास की भी व्यवस्था होगी। गंदे पानी के लिए अधीक्षक को निर्देश दिया गया है। अल्ट्रासाउंड मशीन इंस्ट्राल हो गई है, जल्द ही शुरू होगी।

डॉ एसके चक सीएमओ भदोही

*साल में दो बार क्यों मनता है हनुमान जी का जन्मदिवस? संकटमोचन की आराधना से होता है हर परेशानी का समाधान*



रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- हनुमान जी को सभी संकटों को दूर करने वाले और हर परेशानी से निजात दिलाने वाले देवता माना जाता है। इसलिए उन्हें संकटमोचन भी कहा जाता है। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जी इकलौते ऐसे देवता हैं, जो कलयुग में आज भी धरती पर वास करते हैं और अपने भक्तों की रक्षा करते हैं।

हिंदू धर्म में हनुमान जी की पूजा विशेष रूप से मंगलवार और शनिवार के दिन की जाती है, लेकिन साल में दो दिन ऐसा भी आता है, जब उनका जन्मदिन बड़े धूमधाम के साथ मनाया जाता है। आज कितना अच्छा सुयोग हैं कि आज शनिवार भी है और अंजनीनंदन हनुमान जी का जन्मोत्सव भी है। डॉ महेश त्रिपाठी ने बताया कि हनुमान जी का जन्मोत्सव सिर्फ एक बार नहीं, बल्कि साल में दो बार मनाई जाती है। उन्होंने कहा कि लोगों के मन में यह संदेह है कि एक वर्ष में हनुमान जी का जन्मोत्सव साल में दो बार क्यों आता है?

डॉ महेश त्रिपाठी ने संदेह को दूर करते हुए बताया कि हनुमान जी का जन्मोत्सव साल में दो बार, एक चैत्र मास की पूर्णिमा तिथि पर और दूसरी कार्तिक मास की कृष्ण चतुर्दशी तिथि पर मनाई जाती है। पहला जन्मोत्सव उनके जन्म से जुड़ी मानी जाती है, जबकि दूसरा जन्मोत्सव उन्हें अमरता प्राप्त होने की कथा से जुड़ी है। इसलिए भक्त दोनों ही अवसरों पर बड़े ही श्रद्धा भाव से हनुमान जी की पूजा करते हैं और व्रत रखते हैं।

बताया कि हनुमान जी का जन्म चैत्र पूर्णिमा के दिन हुआ था। इस दिन को उनका वास्तविक जन्मदिवस माना जाता है। एक पौराणिक कथा के अनुसार, बचपन में एक बार हनुमान जी को बहुत तेज भूख लगी थी। उन्होंने सूर्य को लाल फल समझकर निगलने की कोशिश की। देवराज इंद्र ने उन्हें रोकने के लिए वज्र से प्रहार किया, जिससे वे मूर्छित हो गए। यह देख पवन देव बहुत नाराज हुए और उन्होंने पूरी सृष्टि में वायु प्रवाह रोक दिया। जब सभी देवताओं ने मिलकर हनुमान जी को फिर से जीवनदान दिया, तब जाकर स्थिति सामान्य हुई। यह दिन चैत्र पूर्णिमा का ही था, इसलिए इसे उनका पुनर्जन्म और विजय का दिन माना गया।

भगवान हनुमान शक्ति, भक्ति और अटूट विश्वास के प्रतीक हैं। धार्मिक मान्यताओं के अनुसार उनकी पूजा करने से भय, नकारात्मक ऊर्जा और बुरी शक्तियों का नाश होता है। इस दिन हनुमान चालीसा और बजरंग बाण का पाठ करना विशेष लाभकारी माना जाता है।

*हनुमान जयंती पर मंदिरों में उमड़ी भक्तों की भीड़, मंदिरों में हुआ रामचरितमानस पाठ और भजन कीर्तन*

रिपोर्ट -नितेश श्रीवास्तव

भदोही- आज हनुमान जयंती है। इस अवसर पर जिले के सभी प्रमुख हनुमान मंदिरों में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ देखी गई। सुबह से ही भक्तों का तांता लगा रहा। प्राचीन चकवा महावीर मंदिर, जंगीगंज स्थित महावीर मंदिर, गोपीगंज पड़ाव स्थित बरगद हनुमान मंदिर और पांडवानाथ मंदिर समेत अन्य मंदिरों में विशेष पूजा-अर्चना की गई। श्रद्धालुओं ने कतारबद्ध होकर कलयुग के राजा गदाधारी के दर्शन किए।

सभी मंदिरों में श्री रामचरितमानस का पाठ किया गया। भजन-कीर्तन से पूरा क्षेत्र भक्तिमय हो गया। मान्यताओं के अनुसार, हनुमान जयंती पर की गई पूजा से सभी मनोकामनाएं पूरी होती हैं। हनुमान जी को कलयुग के जीवित देवता माना जाता है। श्रद्धालुओं ने विशेष श्रद्धा और भक्तिभाव के साथ पूजा-अर्चना की। उन्होंने अपने परिवार के साथ-साथ देश के कल्याण की भी कामना की।