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अविनाश एलिगेंस की निर्माणाधीन रेसिडेंशियल कॉम्प्लेक्स में हादसा: सेंट्रिंग के नीचे अभी भी दबे हैं 2 मजदूर, 9 को पहुंचाया अस्पताल, रेस्क्यू जारी…

रायपुर-   राजधानी रायपुर के वीआईपी रोड पर अविनाश एलिगेंस की निर्माणाधीन रेसिडेंशियल कॉप्लेक्स में आज एक बड़ा हादसा हो गया. काम के दौरान सेंट्रिंग गिरने से 11 मजदूर दब गए. इनमें से 9 को बाहर निकालकर अस्पताल भेज दिया गया है. दो मजदूर अभी भी सेंट्रिंग के नीचे दबे हैं. यह घटना तेलीबांधा थाना क्षेत्र की है.

घटना की सूचना मिलते ही पुलिस प्रशासन ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू कर दिया है. मौके पर कलेक्टर गौरव सिंह समेत पुलिस के आला अफसर पहुंचे हैं. बताया जा रहा कि तीन मंजिला रेसिडेंशियल कॉप्लेक्स बनाने का काम चल रहा था, छत ढलाई के दौरान ये हादसा हुआ है.

छत ढलाई के दौरान हुआ हादसा

अविनाश एलिगेंस के निर्माधाीन बिल्डिंग के काम में लगे प्रत्यक्षदर्शी मजदूर ने बताया कि इस हादसे में 11 मजदूर दबे हुए थे. 9 घायलों को निकालकर हॉस्पिटल भेजा गया है. यह हादसा छत ढलाई के समय हुआ है.

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय बृहन्महाराष्ट्र मंडल के 73वें वार्षिक अधिवेशन में हुए शामिल: मराठी समाज से जुड़े प्रबुद्ध जनों का किया सम्मान

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज राजधानी रायपुर के चौबे कॉलोनी में आयोजित तीन दिवसीय बृहन्महाराष्ट्र मंडल के 73वें वार्षिक अधिवेशन में शामिल हुए। उन्होंने इस महती अधिवेशन के सफल आयोजन के लिए 10 लाख रुपए की आर्थिक सहायता दिए जाने की घोषणा की। इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने विशेष उपलब्धि हासिल करने वाले मराठी समाज से जुड़े प्रबुद्ध जनों को स्मृति चिन्ह भेंटकर सम्मानित किया और समाज के लिए उनके योगदान की प्रशंसा की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने मराठी समाज के पुरोधाओं को नमन करते हुए अपने संबोधन की शुरुआत की। उन्होंने कहा कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच अटूट रिश्ता है और दोनों के सांस्कृतिक संबंधों में यह बात झलकती है। पड़ोसी राज्य होने के कारण यह जुड़ाव अधिक सहज भी है। श्री साय ने सीपी बरार के दौर का जिक्र करते हुए कहा की उस दौर में दोनों क्षेत्र की राजधानी नागपुर हुआ करती थी और जनप्रतिनिधि मनोनीत होते थे। मेरे दादा स्वर्गीय बुद्धनाथ साय मनोनीत विधायक थे और महाराष्ट्र से सहज जुड़ाव मेरी स्मृतियों में है। श्री साय ने अखिल भारतीय वनवासी कल्याण आश्रम के संस्थापक बालासाहेब देशपांडे सहित मराठी समाज के मूर्धन्यों का पुण्य स्मरण किया।

उन्होंने कहा कि श्री देशपांडे ने जो संकल्प लिया था, आजीवन उसी रास्ते पर चले। आदिवासियों के जीवन स्तर को ऊंचा उठाने में उन्होंने अपना जीवन समर्पित कर दिया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज ही के दिन पिछले साल भगवान राममला अपने मंदिर में विराजे थे। उन्होंने सभी को इस पावन दिन की शुभकामनाएं दी। उन्होंने कहा कि इस पवित्र दिन आपके अधिवेशन की शुरुआत हुई है, निश्चित रूप से यह अपने उद्देश्यों में सफल होगा। इस अवसर पर मुख्यमंत्री ने मराठा मंडल के वार्षिक अधिवेशन की स्मारिका का विमोचन भी किया।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र मंडल के सेवाभावी लोगों का शिक्षा सहित जनसेवा के अन्य क्षेत्रों में विशेष योगदान है। मुख्यमंत्री ने कहा कि साहित्य, कला, समाज कल्याण, स्वास्थ्य, पर्यावरण संरक्षण सहित अलग-अलग क्षेत्र में अपनी भागीदारी सुनिश्चित करने वाले प्रतिभावान लोगों को इस मंच से सम्मानित कर हम खुद को भी गौरवान्वित महसूस कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री ने कहा कि महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ की संस्कृति का मेल, भाईचारा और एक-दूसरे के प्रति सम्मान का भाव हमें एकजुट रहकर समाज की बेहतरी के लिए कार्य करने की प्रेरणा देता है। सनातन धर्म की रक्षा में छत्रपति शिवाजी महाराज के योगदान को कभी भुलाया नहीं जा सकता है। हमारी सरकार सभी वर्ग के विकास के लिए लगातार कार्य कर रही है। शिक्षा, स्वास्थ्य के साथ-साथ नई औद्योगिक नीति से सबका साथ-सबका विकास-सबका विश्वास और सबका प्रयास से हम विकसित राज्य बनने की ओर अग्रसर हैं। छत्तीसगढ़ी संस्कृति के साथ ही पड़ोसी राज्यों की परंपराएं और संस्कृति को जानने के लिए इस तरह के आयोजन होते रहना चाहिए।

इस अवसर पर विधायक राजेश मूणत, विधायक सुनील सोनी, विधायक मोतीलाल साहू, बृहन्महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष मिलिंद महाजन, रायपुर महाराष्ट्र मंडल के अध्यक्ष अजय काले, डॉ. रामप्रताप सिंह और डॉ. सुनील किरवई सहित समाज से जुड़े लोग बड़ी संख्या में मौजूद रहे।

2 महिला माओवादी समेत 9 हार्डकोर नक्सलियों ने किया सरेण्डर, कुल 43 लाख के इनाम की हुई थी घोषणा…

सुकमा-   छत्तीसगढ़ के सुकमा में आज 2 महिला नक्सलियों समेत 9 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्म समर्पण कर दिया है. इनमें से 2 नक्सलियों पर 8-8 लाख रुपए के इनाम थे और 4 नक्सलियों पर 5-5 लाख रुपए के इनाम की घोषणा की गई थी. सरेण्डर हुए सभी 9 नक्सलियों पर कुल 43 लाख रुपए का इनाम घोषित था, जो बुर्कापाल घटना समेत दर्जनों घटनाओं में शामिल रहे हैं. इन सभी नक्सलियों ने पुलिस के दबाव बढ़ने पर और नियद नेल्ला नार योजना से प्रभावित होकर SP किरण चौहान के समक्ष आत्म समर्पण किया है।

बता दें, बस्तर संभाग नक्सलियों का कोर क्षेत्र माना जाता है, लेकिन संभाग के सभी जिलों में सुरक्षा बलों के नए केम्प स्थापित किए गए हैं, जिससे नक्सलियों पर पुलिस का दबाव बढ़ा है. वहीं सरकार द्वारा चलाई जा रही नियद नेल्ला नार योजना से भी प्रभावित होकर नक्सलियों ने आत्म समर्पण किया और मुख्य धारा से जुड़ कर नए सिरे से शुरुआत करने का फैसला लिया है.

क्या है नियद नेल्लानार योजना?

नियद नेल्लानार का मतलब है ‘आपका आदर्श गांव’. यह योजना विष्णुदेव साय सरकार की महत्वाकांक्षी योजना है, जिसमें सुरक्षा कैंपों के पांच किलोमीटर के दायरे में आने वाले गांवों में केन्द्र और राज्य सरकार की योजनाओं का लाभ शत प्रतिशत हितग्राहियों तक पहुंचाने की मुहिम चलायी जा रही है. इस योजना के सुचारू क्रियान्वयन से इसका असर अब अंदरूनी गांवों में भी देखने को मिल रहा है. स्थानीय हाट बाजार अब गुलजार होने लगे हैं. बंद पड़े हाट बाजार और स्कूल अब फिर से शुरू हो रहे हैं, जिससे बस्तर अंचल की तस्वीर बदल रही है. नक्सली प्रगतीशील समाज का हिस्सा बनने सामने आकर आत्म समर्पण कर रहे हैं और सरकार उनका पुनरुत्थान कर रही है. सालों से बम धमाकों के बीच दहशत में जीवन गुजारने वाले आदिवासियों के जीवन का पुराना दौर लौटने लगा है और इन इलाकों में सािलों बाद मांदर की थाप फिर गूंजने लगी है.

CGPSC भर्ती घोटाला : CBI ने टामन सोनवानी के भतीजे समेत दो लोगों को किया गिरफ्तार, कोर्ट में पेश कर रिमांड मांगने की तैयारी

रायपुर-  छत्तीसगढ़ लोक सेवा आयोग (CGPSC) की भर्ती परीक्षा में गड़बड़ी मामले में साय सरकार की लगातार कार्रवाई जारी है. इस मामले में अब सीबीआई ने CGPSC के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी के भतीजे नितेश सोनवानी और पूर्व डिप्टी एग्जाम कंट्रोलर ललित गनवीर को गिरफ्तार किया है. लंच के बाद सीबीआई दोनों को कोर्ट में पेश कर रिमांड पर ले सकती है.

बता दें कि डिप्टी कलेक्टर, डीएसपी समेत कई पदों के लिए साल 2020 से 2022 के दौरान परीक्षा/साक्षात्कार में टामन सोनवानी के रिश्तेदार समेत कुछ VIP लोगों के करीबी रिश्तेदारों के चयन पर सवाल उठे थे. इन्हीं आरोपों के आधार पर सीबीआई ने मामला दर्ज किया था. इस केस की जांच जारी है. इस मामले में सीबीआई सीजीपीएससी के पूर्व चेयरमैन टामन सिंह सोनवानी और बजरंग पावर के डायरेक्टर श्रवण कुमार गोयल को पहले ही गिरफ्तार कर चुकी है.

ये है पूरा मामला

CGPSC 2019 से 2022 तक की भर्ती में कुछ अभ्यर्थियों के चयन को लेकर विवाद है. ईओडब्ल्यू और अर्जुंदा पुलिस ने भ्रष्टाचार-अनियमितता के आरोप में मामला दर्ज किया है. CGPSC ने 2020 में 175 पदों पर और 2021 में 171 पदों पर परीक्षा ली थी. प्री-एग्जाम 13 फरवरी 2022 को कराया गया. इसमें 2 हजार 565 पास हुए थे. इसके बाद 26, 27, 28 और 29 मई 2022 को हुई मेंस परीक्षा में 509 अभ्यर्थी पास हुए. इंटरव्यू के बाद 11 मई 2023 को 170 अभ्यर्थियों की सिलेक्शन लिस्ट जारी हुई. आरोप है कि तत्कालीन चेयरमैन सोनवानी ने अपने रिश्तेदारों समेत कांग्रेसी नेता और ब्यूरोक्रेट्स के बच्चों की नौकरी लगवाई है.

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की स्वच्छ भारत मिशन की संकल्पना छत्तीसगढ़ में हो रही है साकार: मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय

रायपुर-   हमारे देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2014 में स्वच्छ भारत मिशन की शुरुआत जिस उद्देश्य के साथ की थी, वह छत्तीसगढ़ में अब साकार हो रहा है। स्वच्छता को लेकर जनमानस में व्यापक चेतना आई है और करोड़ों परिवारों में शौचालयों का निर्माण हुआ है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की दूरदृष्टि और इच्छा शक्ति से यह संभव हो पाया है।हमारे यशस्वी प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के स्वच्छ एवं विकसित राष्ट्र का संकल्प छत्तीसगढ़वासियों के लिए भी एक महत्वपूर्ण लक्ष्य है। इस लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए हमारा प्रदेश हर दिन नये पड़ावों को पार करता हुआ छत्तीसगढ़ को ओडीएफ प्लस मॉडल राज्य बनाने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। यह सिर्फ एक लक्ष्य नहीं है स्वच्छता की जीवन शैली है, जिससे हमारा विकास होगा, देश का विकास होगा। अब तक हमारे प्रदेश के 5 जिले, 58 विकासखंड और 16 हजार से अधिक गांव ओडीएफ प्लस मॉडल हो चुके हैं। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ग्रामीण क्षेत्रों में सफाई व्यवस्था को सुदृढ़ करने और स्वच्छता को बढ़ाने के उद्देश्य से आज अपने निवास परिसर से 10 डी-स्लज वाहनों को हरी झंडी दिखाकर रवाना करते समय यह बात कही।

मुख्यमंत्री श्री साय ने स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के तहत किए गए पहल की सराहना करते हुए कहा कि इससे ग्रामीण क्षेत्रों में स्वच्छता के स्तर को बेहतर बनाने में मदद मिलेगी। इस दौरान मुख्यमंत्री श्री साय ने प्रदेश के 10 विभिन्न जिलों के ग्राम पंचायत के सरपंच और सचिवों को डी-स्लज वाहनों की चाबी और दस्तावेज सौंपे। उल्लेखनीय है कि इन वाहनों का उपयोग गांवों में घरों से मल निकालने और उसे सुरक्षित तरीके से निपटाने के लिए किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि यह पहल स्वच्छता और स्वास्थ्य सुधार की दिशा में बड़ा कदम साबित होगा। इससे ग्रामीण क्षेत्रों में गंदगी के कारण फैलने वाली बीमारियों पर अंकुश लगाया जा सकेगा। उन्होंने जनता से भी स्वच्छता बनाए रखने में सहयोग की अपील की। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि स्वच्छता को बढ़ावा देने के लिए प्रदेश में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट भी स्थापित किए जा रहे हैं, जो मल-मूत्र प्रबंधन को सुदृढ़ करेंगे और पर्यावरण संरक्षण में भी सहायक होंगे। उन्होंने कहा कि इस नई पहल के तहत राज्य सरकार स्वच्छता अभियानों को और प्रभावी बनाने के लिए प्रतिबद्ध है।

गांव के विकास में सरपंच की भूमिका अहम, मुख्यमंत्री ने बताया अपना अनुभव

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि गांव के विकास में सरपंच की भूमिका सबसे अहम है। मैं पहले पंच रहा, फिर अच्छा काम करने की वजह से मुझे निर्विरोध सरपंच भी चुना गया। उन्होंने कहा कि यह बताने की वजह सिर्फ एक ही है कि ग्राम पंचायत विकास की सबसे प्राथमिक कड़ी है और पंच तथा सरपंच यदि अपने अधिकार और जिम्मेदारियों के प्रति सजग होंगे तो गांव की तस्वीर बदलने में समय नहीं लगेगा।

कार्यक्रम को संबोधित करते हुए उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि राज्य सरकार स्वच्छता को व्यापक रूप से लागू करने के लिए लगातार प्रयासरत है। डी-स्लज वाहनों के मिलने से ग्रामीण क्षेत्रों में निवासरत लोगों को लाभ मिलेगा। उन्होंने डी स्लज वाहनों की आवश्यकता और उपयोगिता पर भी उन्होंने अपनी बात रखी।
गौरतलब है कि स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) शासन का एक महत्वपूर्ण कार्यक्रम है और छत्तीसगढ़ स्वच्छता कार्यक्रमों में सदैव अग्रणी रहा हैं। मिशन के फेज 1 में प्रदेश ने 32 लाख से भी अधिक शौचालयों का निर्माण कर राष्ट्रीय लक्ष्य को समय पूर्व प्राप्त कर खुले में शौचमुक्त राज्य होने का कीर्तिमान रचा। मिशन के फेज- 02 में ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल राज्य के तौर पर स्थापित होने के क्रम में प्रदेश के 05 जिले दुर्ग, कबीरधाम, मोहला-मानपुर-अंबागढ़ चौकी, जांजगीर-चांपा एवं धमतरी जिले के 57 विकासखंड तथा 16 हजार से अधिक गांव ओ.डी.एफ. प्लस मॉडल हो चुके हैं। इसी कड़ी में शौचालयों से निकलने वाले मल के सही निपटान के उ‌द्देश्य के साथ प्रदेश के सभी जिलों में फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण किया जा रहा है। इन फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट में आसपास के गांवों के सेप्टिक टैंक से निकलने वाले मल को उपचारित किया जाएगा। सेप्टिक टैंक भरने पर संबंधित परिवार या संस्थान इन प्लांट से संपर्क कर टैंक खाली करने के लिए डी-स्लज वाहन बुलवाएंगे, जिसके लिए दूरी के आधार पर उचित उपभोक्ता शुल्क का निर्धारण किया जावेगा। वर्तमान में प्रदेश मे 19 फीकल स्लज ट्रीटमेंट प्लांट का निर्माण हो चुका है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने ग्राम पंचायत बिरकोनी जिला महासमुन्द, ग्राम पंचायत टेमरी जिला रायपुर, ग्राम पंचायत सारंगपुर कला जिला कबीरधाम, ग्राम पंचायत गम्हरिया जिला जशपुर, ग्राम पंचायत कोतरी जिला सारंगढ़-बिलाईगढ़, ग्राम पंचायत लगरा जिला जांजगीर-चांपा, ग्राम पंचायत परसदा वेद जिला बिलासपुर, ग्राम पंचायत रूदा जिला बालोद, ग्राम पंचायत झझपुरी कला जिला मुंगेली, ग्राम पंचायत पथरिया जिला दुर्ग को डी स्लज वाहन हस्तांतरित किया। इस अवसर पर विधायक गुरु खुशवंत साहेब, प्रमुख सचिव पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग निहारिका बारिक सिंह, मुख्यमंत्री के सचिव पी. दयानंद, मिशन संचालक स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) जयश्री जैन, आईसीआईसीआई बैंक के स्टेट हेड विवेकानंद दुबे, स्वच्छ भारत मिशन (ग्रामीण) के अधिकारी कर्मचारी उपस्थित थे।

सोशल मीडिया में हलचल मचा रहा ‘छत्तीसगढ़ के रामायण’, पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कसा तंज, कहा- मुख्यमंत्री जी! आप कुछ भी हो सकते हैं लेकिन…

‘छत्तीसगढ़ के रामायण’ को सोर्स को लेकर कोई स्पष्टता नहीं है. हालांकि, इस वीडियो के लिए पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के पीआर टीम को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं. प्रोफेशनल तरीके से बनाए गए इस वीडियो में भाजपा और कांग्रेस के नेताओं के साथ सौम्या चौरसिया जैसी पूर्व अधिकारी को भी स्थान दिया गया है. इसमें जहां भाजपा को रामायण के राम-लक्ष्मण जैसे सकारात्मक पात्रों के तौर पर तो वहीं दूसरी ओर कांग्रेस नेताओं को नकारात्मक पात्रों के तौर पर दर्शाया गया है।

वीडियो में मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को राम, तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, डिप्टी सीएम अरुण साव को लक्ष्मण, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंहदेव को भारत, विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह को शत्रुघ्न तो वहीं उप मुख्यमंत्री और गृह मंत्री विजय शर्मा को हनुमान, पूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी बाजपेयी को दशरथ, राम विचार नेताम को सुग्रीव बताया गया है.

वहीं दूसरी ओर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को रावण, पूर्व उप मुख्यमंत्री टीएस सिंहदेव को विभीषण, कोरबा सांसद ज्योत्सना महंत को ताड़का, सारंगढ़ विधायक उत्तरी जांगड़े को मंथरा, कसडोल की पूर्व विधायक शकुंतला साहू को सूर्पणखा बताया गया है. इसके अलावा पूर्व आबकारी मंत्री कवासी लखमा को मारिच, प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज को कुंभकरण और पूर्व महापौर एजाज ढेबर को लवणासुर बताया गया है. पूर्व अधिकारी सौम्या चौरसिया को कैकई बताया गया है.

पूर्व मुख्यमंत्री बघेल ने कसा तंज

जाहिर है रामायण के नकारात्मक पात्रों में कोई नहीं शामिल किया जाना चाहेगा, और वह भी रावण की, लिहाजा पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने सोशल मीडिया में किए अपने पोस्ट में इस रामायण के लिए मुख्यमंत्री साय के पीआर टीम को जिम्मेदार ठहराते हुए कहा कि मुख्यमंत्री जी! आप कुछ भी हो सकते हैं आप भगवान नहीं हो सकते. हमारे भांचा राम से अपनी तुलना करके आप छत्तीसगढ़ के लोगों की भावनाएँ आहत कर रहे हैं.

पूर्व मंत्री भगत ने इसे घोर आपत्तिजनक बताया

वहीं पूर्व मंत्री अमरजीत भगत ने इस वीडियो पर आपत्ति जताते हुए कहा कि रामायण समरसता के संदेश के लिए है, और
यह वायरल वीडियो समरसता को खराब करने वाला है. जिस तरह से कांग्रेस के नेताओं को प्रदर्शित करने की कोशिश की गई है, वह यह घोर आपत्तिजनक है. मैं इसकी कड़े शब्दों में निंदा करता हूं. साथ ही मुख्यमंत्री से आग्रह करता हूं कि इस पर तत्काल रोक लगाई जाए. जिसने भी इस प्रकार का दुस्साहस किया है, उसे कठोर सजा दी जाए.

त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव : जिला पंचायत अध्यक्षों का आरक्षण हुआ तय, रायपुर हुआ अनारक्षित मुक्त, जानिए अन्य जिलों का हाल…
रायपुर- नगरीय निकायों के बाद जिला पंचायत अध्यक्ष पद के लिए आरक्षण तय हो गया है. निमोरा स्थित ठाकुर प्यारेलाल पंचायत एवं ग्रामीण विकास संस्थान में आज जिला पंचायत अध्यक्ष पदों के लिए आरक्षण की कार्रवाई संपन्न की गई. इसमें रायपुर सहित महासमुंद, कबीरधाम, मुंगेली, सारंगढ़-बिलाईगढ़, धमतरी को अनारक्षित मुक्त रखा गया है.
कुसुम लोहा फैक्ट्री हादसे में साइलो के नीचे दबे इंजीनियर और 2 मजदूरों का शव बरामद, परिजनों ने पीएम कराने से किया इनकार

बिलासपुर/मुंगेली-    छत्तीसगढ़ के मुंगेली जिले में गुरुवार को कुसुम लोहा फैक्ट्री में दर्दनाक हादसे में एक इंजीनियर और 3 मजदूरों की मौत के बाद पीड़ित परिवारों ने बवाल खड़ा कर दिया है. परिजनों ने मृतकों के शव का पोस्टमॉर्टम कराने से इनकार कर दिया है. इसके अलावा उन्होंने प्रशासन पर मामले की अनदेखी का आरोप लगाते हुए 50 लाख रुपए मुआवजे और सरकारी नौकरी की मांग की है. वहीं मांग पूरी ना होने पर परिजनों ने शव ना लेने की भी चेतावनी दी है।

बता दें, जिले के सरगांव में ग्राम पंचायत रामबोड़ स्थित कुसुम लोहा फैक्ट्री में 9 जनवरी को साइलो के गिरने से एक इंजीनियर के अलावा 3 मजदूर राखड़ में दब गए. घटना की सूचना मिलते ही एनडीआरएफ, एसडीआरएफ और स्थानीय प्रशासन की टीम ने रेस्क्यू ऑपरेशन शुरू किया. सबसे पहले एक मजदूर  मनोज धृतलहरे को घायल अवस्था में घटना स्थल से निकाला गया था, जिसकी उपचार के दौरान अस्पताल में मौत हो गई थी. वहीं 40 घंटे के बाद आज सुबह इंजीनियर और 2 मजदूरों के शव को ढूंढकर निकाला गया. 

जानकारी के मुताबिक, आज साइलो के नीचे दबे मिले शवों की पहचान बिलासपुर के सरकंडा निवासी इंजीनियर जयंत साहू, पिता- काशीनाथ साहू, जांजगीर-चांपा जिले के तागा निवासी मजदूर अवधेश कश्यप, पिता निखादराम कश्यप और बलौदाबाजार जिले के अकोली निवासी मजदूर प्रकाश यादव, पिता परदेशी यादव, के रूप में हुई है. तीनों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए सिम्स, बिलासपुर भेजा गया है.

कलेक्टर राहुल देव ने कहा तीसरी बार में मिली सफलता

कलेक्टर राहुल देव ने कहा कि 40 घण्टे चले इस रेस्क्यू ऑपरेशन में दो बार असफलता भी मिली, उसके बाद भी हमने हार नही माना,और आखिरकार तीसरी बार में सफलता मिली. उन्होंने कहा कि दोषियों के विरुद्ध प्रथम दृष्टया एफआईआर दर्ज की गई है. मामले की सूक्ष्मता से जांच कराई जाएगी जांच में जो भी तथ्य सामने आएंगे, उसके बाद कड़ी कार्रवाई की जाएगी.

दीपक बैज का बीजेपी सरकार पर गंभीर आरोप, बोले- पूरे प्रदेश में षडयंत्र पूर्वक ओबीसी के आरक्षण को कम किया गया

जगदलपुर-  आज संभाग मुख्यालय राजीव भवन जगदलपुर में छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने शहर जिला कांग्रेस अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन सहित अन्य पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में प्रेसवार्ता आयोजित की। उन्होंने भारतीय जनता पार्टी (भा.ज.पा.) की सरकार पर गंभीर आरोप लगाए, उन्होंने कहा कि स्थानीय निकाय चुनावों में आरक्षण प्रावधानों में की गई दुर्भावना पूर्वक संशोधनों के कारण अधिकांश जिला और जनपद पंचायतों में ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) का आरक्षण खत्म कर दिया गया है।

प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष दीपक बैज ने बताया कि प्रदेश के 16 जिला पंचायतों और 85 जनपद पंचायतों में जहां पहले ओबीसी के लिए 25 प्रतिशत सीटें आरक्षित थीं, अब इन सीटों को सामान्य घोषित कर दिया गया है। विशेष रूप से, अनुसूचित क्षेत्रों में ओबीसी आरक्षण को समाप्त कर दिया गया है। उन्होंने कहा कि सरकार के इस दुर्भावना पूर्वक संशोधन के कारण बस्तर और सरगुजा संभाग में ओबीसी वर्ग को भारी नुकसान हुआ है।

दीपक बैज ने उदाहरण देते हुए कहा कि सरगुजा संभाग के पांच जिले— अंबिकापुर, बलरामपुर, सूरजपुर, कोरिया, मनेंद्रगढ़, चिरमिरी, भरतपुर सोनहत और बस्तर के सात जिले—बस्तर, कांकेर, कोंडागांव, दंतेवाडा, नारायणपुर, सुकमा, बीजापुर सहित अन्य क्षेत्रों में ओबीसी के लिए आरक्षित सीटें अब सामान्य घोषित कर दी गई हैं। इसके परिणामस्वरूप, ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव 2025 के लिए आरक्षण के प्रावधानों में इस बदलाव ने ओबीसी वर्ग के हक और अधिकारों को कुचल दिया है। उदाहरण के लिए, रायपुर जिले में जिला पंचायत के 16 क्षेत्रों में से केवल 4 सीटें ही ओबीसी के लिए आरक्षित हैं, जबकि बिलासपुर जिले में 17 क्षेत्र सदस्यों में से एक भी सीट ओबीसी पुरुषों के लिए आरक्षित नहीं है। इसके अलावा, बिलासपुर जिले के चार जनपद पंचायतों में से एक भी जनपद पंचायत अध्यक्ष का पद ओबीसी के लिए आरक्षित नहीं किया गया है।

दीपक बैज ने कहा कि भाजपा सरकार ने ओबीसी वर्ग के साथ अन्याय किया है, और इस बदनियत के चलते ओबीसी वर्ग के उम्मीदवार चुनाव लड़ने से वंचित हो गए हैं। उन्होंने यह भी आरोप लगाया कि बस्तर, सरगुजा और बिलासपुर संभाग में, जहां ओबीसी की बड़ी आबादी है, भाजपा सरकार ने जानबूझकर ओबीसी के अधिकारों का हनन किया है।

प्रेसवार्ता में मुख्य रूप से शहर जिला अध्यक्ष सुशील मौर्य, पूर्व विधायक रेखचंद जैन, निगम अध्यक्ष कविता साहू, नेता प्रतिपक्ष उदयनाथ जेम्स, उपनेता प्रतिपक्ष राजेश राय, महिला कांग्रेस शहर की अध्यक्ष लता निषाद, चंपा ठाकुर, महामंत्री जाहिद हुसैन, महेश द्विवेदी, जावेद खान, अनुराग महतो, युंका अध्यक्ष अजय बिसाई, संदीप दास, रविशंकर तिवारी, पार्षद कोमल सेना, ललिता राव, उस्मान रजा, एस नीला, शादाब अहमद, खीरेंद्र यादव आदि प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

मुख्यमंत्री ने पूर्व प्रधानमंत्री लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें किया नमन
रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने भारत के पूर्व प्रधानमंत्री भारतरत्न लाल बहादुर शास्त्री की पुण्यतिथि पर उन्हें नमन किया है। श्री साय ने कहा है कि शास्त्री जी ने अपना पूरा जीवन देश सेवा के लिए समर्पित कर दिया। सादा जीवन उच्च विचार के मार्गदर्शी सिद्धांत को उन्होंने आजीवन अपनाया और लोगों के लिए मिसाल प्रस्तुत की। शास़्त्री जी ने भारतीय स्वाधीनता संग्राम के महत्वपूर्ण आन्दोलनों में सक्रिय भागीदारी निभाई। उनके जय जवान-जय किसान के नारे ने जवानों के बलिदान के साथ अन्नदाता किसानों की मेहनत को भी सम्मान दिलाया। मुख्यमंत्री ने कहा कि शास़्त्री जी के जीवन मूल्य हमेशा हम सभी को देश सेवा के लिए प्रेरित करते रहेंगे।