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मुख्यमंत्री ने संत पवन दीवान की जयंती पर उन्हें नमन किया
रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने छत्तीसगढ़ के लोकप्रिय कवि और प्रसिद्ध कथावाचक संत पवन दीवान की जयंती पर उन्हें नमन किया है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने संत दीवान को श्रद्धांजलि अर्पित करते हुए कहा है कि संत पवन दीवान ने छत्तीसगढ़ राज्य निर्माण आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई । उन्होंने कहा कि पवन दीवान जी की बातों में माटी की सोंधी महक थी, जिससे आम जनता सहज ही जुड़ जाती थी। मुख्यमंत्री ने कहा कि दीवान जी की यादें छत्तीसगढ़ के जनमानस में हमेशा बनी रहेंगी।
छत्तीसगढ़ में टीचर्स की बर्खास्तगी शुरू… करीब 2900 बीएड सहायक शिक्षकों की होगी सेवाएं समाप्त, डीपीआई ने जारी किया आदेश

रायपुर- हाईकोर्ट और सुप्रीम कोर्ट के आदेश पर सहायक शिक्षक के 2855 पदों पर योग्य अभ्यर्थियों की नियुक्ति के लिए आदेश दिए गए थे. इन आदेशों के परिपालन में लोक शिक्षण संचालनालय ने बस्तर और सरगुजा संभाग के बीएड धारी सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी किया है. यह कार्रवाई हाईकोर्ट के निर्देशानुसार की जा रही है. आदेश में यह स्पष्ट किया गया है कि डीएड अभ्यर्थियों की चयन प्रक्रिया को सर्वोच्च प्राथमिकता के साथ प्रारंभ किया जाएगा.

बता दें कि सुप्रीम कोर्ट और हाईकोर्ट के आदेश के बाद राज्य सरकार ने डीईड अभ्यर्थियों की नियुक्ति के आदेश जारी किए हैं. इस आदेश के बाद बीएड अभ्यर्थियों के लिए सहायक शिक्षक की नौकरी पर खतरा मंडरा रहा था. वहीं 19 दिसंबर से बीएड सहायक शिक्षक नवा रायपुर तूता धरना स्थल पर समायोजन की मांग को लेकर धरने पर बैठ गए थे. इसके साथ ही 12 दिन बाद भी सरकार की ओर से कोई प्रतिक्रिया नहीं मिलने पर शिक्षकों ने जल सत्याग्रह शुरू कर दिया था. लेकिन इस संबंध में अब लोक शिक्षण संचालनालय ने सहायक शिक्षकों की सेवाएं समाप्त करने का आदेश जारी कर दिया है.

छत्तीसगढ़ में अब तक 14.13 लाख हेक्टेयर में रबी फसलों की बोनी, किसानों को मिला 239 करोड़ रूपए का कृषि ऋण
रायपुर-     छत्तीसगढ़ में 14.13 लाख हेक्टयर क्षेत्रों में चना, गेहू, मटर, अलसी, सरसों, मक्का, रागी सहित विभिन्न रबी फसलों की बोनी हो चुकी है, जो कुल बोनी का 73 प्रतिशत है। कृषि विभाग के अधिकारियों ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर खरीफ सीजन की तरह रबी सीजन के लिए भी अल्पकालीन कृषि ऋण का भी प्रावधान किया गया है। अब तक किसानों को रबी फसल के लिए किसानों को 239 करोड़ रूपए की ऋण राशि प्रदाय किया जा चुका है। रबी फसल के लिए इस वर्ष 2.89 लाख क्विंटल प्रमाणित बीज का वितरण का लक्ष्य रखा गया है, जिसमें 1.60 लाख क्विंटल बीज का भण्डारण कर 1.31 लाख क्विंटल बीज वितरित किया गया है, जो भण्डारण का 82 प्रतिशत है।इसी प्रकार रबी फसल के लिए राज्य में 4.65 लाख मीट्रिक टन उर्वरक वितरण करने के लक्ष्य के विरूद्ध अब तक 4.93 लाख मीट्रिक टन उर्वरक का भण्डारण कर 1.61 लाख मीट्रिक टन उर्वरकों का वितरण किया गया है, जो कुल भण्डारण का 33 प्रतिशत है।
मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2025 की दी बधाई और शुभकामनाएं

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को नववर्ष 2025 की हार्दिक बधाई और शुभकामनाएं दी हैं। उन्होंने शुभकामना व्यक्त करते हुए कहा कि नव वर्ष 2025 हम सभी के जीवन में तरक्की के नये अवसर लेकर लाये और हम सभी के जीवन में भरपूर सुख-समृद्धि का वास हो।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि नव वर्ष हम सभी के लिए शुभ संकल्प लेने का समय है। पिछले साल हमने प्रधानमंत्री मोदी की गारंटी को पूरा करने का संकल्प लिया था और प्रत्येक वर्ग को लाभ पहुंचाने में हमें सफलता मिली। नए वर्ष में भी हम प्रदेश की जनता की आकांक्षाओं को पूरा करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। मुख्यमंत्री श्री साय ने कहा कि हम सभी छत्तीसगढ़ की स्थापना का रजत जयंती वर्ष मना रहे हैं, साथ ही इस वर्ष को हमने अटल निर्माण वर्ष के रूप में भी मनाने का निर्णय लिया है। आप सभी की भागीदारी से हमें छत्तीसगढ़ को एक समृद्ध और विकसित राज्य बनाना है।उन्होंने कहा कि नव वर्ष में हम सब मिलकर छत्तीसगढ़ महतारी को संवारने के लिए और अधिक संकल्पित होकर कार्य करेंगे। उन्होंने हम सभी के शुभसंकल्प और मनोरथ नव वर्ष में पूरे हों, यह आशा व्यक्त करते हुए सभी के जीवन में सुख, समृद्धि और खुशहाली की कामना की।

प्रो कबड्डी लीग की विजेता हरियाणा स्टीलर्स के खिलाड़ी संस्कार मिश्रा का गृह जिले में हुआ जोरदार स्वागत

गौरेला-पेंड्रा-मरवाही-  मरवाही के छोटे से गांव भर्रीडांड़ के संस्कार मिश्रा ने प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन में हरियाणा स्टीलर्स की ओर से खेलते हुए फाइनल में पटना पाइरेट्स को 32-23 से हराकर चैंपियन बनने का गौरव हासिल किया. आज गृह जिले गौरेला-पेंड्रा-मरवाही लौटने पर लोगों ने खिलाड़ी संस्कार मिश्रा का फूल मालाओं के साथ स्वागत किया. रेलवे स्टेशन पहुंचने पर लोगों की बधाईयों का तांता लग गया।

कबड्डी खिलाड़ी संस्कार मिश्रा ने कहा कि इस मुकाम पर पहुचने के लिए बहुत मेहनत करनी पड़ी है. हमें हमेशा बड़ा सपना देखना चाहिए तभी आप सफल होंगे. उन्होंने टीम की जीत का श्रेय हरियाणा स्टिलर्स के कोच मनिंदर सिंह को दिया.

बता दें कि संस्कार मिश्रा, छत्तीसगढ़ राज्य कबड्डी टीम के कप्तान भी है. हरियाणा स्टीलर्स में संस्कार 20 लाख रुपए के बेस प्राइस पर शामिल हुए थे. उन्होंने लीग में अपने प्रदर्शन से टीम को जीत दिलाने में अहम भूमिका निभाई. प्रो कबड्डी लीग के 11वें सीजन में जलवा बिखेरने के बाद संस्कार अगले महीने दुबई टूर्नामेंट में खेलने वाले है. संस्कार ने अपनी खेल प्रतिभा से न सिर्फ गौरेला-पेंड्रा-मरवाही जिले बल्कि, प्रदेश का नाम भी रोशन किया.

केंद्र सरकार ने की छत्तीसगढ़ के आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सराहना, 250 करोड़ की दी प्रोत्साहन राशि

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साथ के नेतृत्व में छत्तीसगढ़ सरकार ने प्रशासनिक कार्यों में पारदर्शिता और दक्षता लाने के लिए आईटी आधारित वित्तीय प्रबंधन प्रणाली को लागू कर एक महत्वपूर्ण उपलब्धि हासिल की है। केंद्र सरकार ने इस डिजिटल सुधार की सराहना करते हुए राज्य को 250 करोड़ रुपये की प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के रूप में प्रदान की है।

छत्तीसगढ़ राज्य ने केंद्र प्रवर्तित योजनाओं के वित्तीय प्रबंधन के लिए "जस्ट इन टाइम" (जेआईटी) मॉडल और एसएनए स्पर्श प्रणाली को अपनाया है। यह प्रणाली वित्तीय प्रवाह को कुशल बनाते हुए निधियों के वितरण, ट्रैकिंग और भुगतान को आसान बनाती है। इसके तहत राज्य सरकार ने केंद्र की निधि को आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क और राज्य की निधि को वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली (एफएमआईएस) के माध्यम से समेकित किया है। इस पहल से निधि के सही समय पर उपयोग और वास्तविक समय में व्यय की रिपोर्टिंग भी सुनिश्चित हुई है।

इस सुधार के तहत स्मार्ट भुगतान एल्गोरिथम का उपयोग किया गया है, जिससे भुगतान ट्रिगर नियमों के आधार पर वास्तविक समय में किया जाता है। इससे सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के परिणाम बेहतर हुए हैं। साथ ही, राज्य में डिजिटल प्लेटफॉर्म और पोर्टल्स का निर्माण कर आम जनता को सरकारी योजनाओं का लाभ तेजी से और पारदर्शी तरीके से पहुंचाया जा रहा है।

छत्तीसगढ़ सरकार ने डिजिटल इंडिया और डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को बढ़ावा देने के लिए अपने तकनीक आधारित सुधारों को राष्ट्रीय स्तर पर प्रासंगिक बनाया है। राज्य की अधोसंरचना परियोजनाओं और इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को इस प्रोत्साहन राशि से और अधिक मजबूती मिलेगी।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा है कि तकनीक आधारित सुधार और सुशासन ही छत्तीसगढ़ के आर्थिक विकास का मूलमंत्र है। यह उपलब्धि न केवल प्रशासनिक दक्षता का प्रमाण है, बल्कि जनता के प्रति हमारी सरकार के सुशासन के संकल्प का प्रमाण है। छत्तीसगढ़ सरकार का यह प्रयास न केवल राज्य को तकनीकी रूप से सशक्त बनाएगा, बल्कि अन्य राज्यों के लिए भी एक प्रेरणा बनेगा।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रशासनिक कार्यों में तेजी लाने आईटी के प्रयोग को बढ़ावा दे रही है, इसी के तहत् केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए राशि जारी करने, वितरित करने एवं निधियों की ट्रैकिंग करने तथा बेहतर नकद प्रबंधन के लिए राज्य शासन द्वारा एसएनए स्पर्श के अंतर्गत जेआईटी (जस्ट इन टाईम) मॉडल को अपनाया गया है। इसके माध्यम से केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए नवीन सिस्टम के माध्यम से कार्य किया जा रहा है जिसका उद्देश्य केन्द्र और राज्य की समेकित निधि से राशि को उचित समय पर प्राप्त कर कुशल भुगतान प्रसंस्करण पर ध्यान केन्द्रित करते हुए निधि के उपयोग को अनुकूलित करना एवं व्यय की वास्तविक समय रिपोर्टिंग की सुविधा प्रदान करना है। इसमें केन्द्र प्रवर्तित योजना के राज्य की हिस्से की राशि एफएमआईएस (वित्तीय प्रबंधन एवं सूचना प्रणाली) तथा केन्द्र के हिस्से की राशि आरबीआई के ई-कुबेर नेटवर्क के माध्यम से जारी की जाती है, जिससे रियल टाईम फण्ड यूटिलाईजेशन किया जा रहा है।

केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए कुशल निधि प्रवाह प्रणाली के साथ भुगतान सह लेखा नेटवर्क की स्थापना कर सार्वजनिक वित्तीय प्रबंधन प्रणाली की सुविधा प्रदान करने के लिए जस्ट इन टाईम के माध्यम से "सही समय पर" राशि हस्तांतरण की प्रक्रिया अपनायी गई है। इसमें स्मार्ट भुगतान के तहत एल्गोरिदम के माध्यम से ट्रिगर नियमों पर आधारित वास्तविक समय में कुशल भुगतान किया जा रहा है जिससे सार्वजनिक क्षेत्र में वित्तीय प्रबंधन परिणामों को बेहतर बनाने में मदद मिली है।

छत्तीसगढ़ शासन केन्द्र सरकार के डिजिटल इण्डिया पहल को मजबूत करने हेतु प्रतिबद्ध है। बेहतर नकद प्रबंधन एवं सार्वजनिक वित्त प्रबंधन प्रणाली (पीएफएमएस) के लिए जस्ट इन टाईम मॉडल डिजिटल इण्डिया एवं डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (डीबीटी) को सहयोग प्रदान करता है। "तकनीक आधारित रिफॉर्म और सुशासन तीव्र आर्थिक विकास" वित्तीय वर्ष 2024-25 के बजट वक्तव्य में शामिल स्ट्रैटेजिक स्तंभों में से एक है। केन्द्र प्रवर्तित योजनाओं के लिए वित्तीय प्रबंधन प्रणाली अपनाने हेतु किये गये इस रिफॉर्म के लिए भारत सरकार द्वारा भी पूर्ण सहयोग दिया जा रहा है। इस रिफॉर्म के लिए राज्य को भारत सरकार से 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि पूंजीगत व्यय (कैपेक्स) के लिए प्रदान की है। इसके अतिरिक्त 250 करोड़ प्रोत्साहन राशि प्राप्त होना संभावित है। इस राशि का उपयोग राज्य के अधोसंरचना निर्माण परियोजनाओं में इन्फ्रास्ट्रक्चर इकोसिस्टम को मजबूत बनाने हेतु किया जा रहा है।

डीएलएड प्रथम और द्वितीय वर्ष के नतीजे जारी, यहां देखें परिणाम

रायपुर-  छत्तीसगढ़ माध्यमिक शिक्षा मण्डल (CGBSE), रायपुर ने डीएलएड (द्विवर्षीय पाठ्यक्रम) प्रथम एवं द्वितीय वर्ष अवसर परीक्षा 2024 के परिणाम जारी कर दिए हैं. छात्र-छात्राएं अपने परीक्षा परिणाम मण्डल की आधिकारिक वेबसाइट www.cgbse.nic.in पर देख सकते हैं.

प्रथम वर्ष का परिणाम

प्रथम वर्ष में कुल 1,022 परीक्षार्थी (502 बालक एवं 520 बालिका) परीक्षा में शामिल हुए. इसमें सफलता का प्रतिशत 41.09% रहा.

द्वितीय वर्ष का परिणाम

द्वितीय वर्ष में कुल 1,312 परीक्षार्थी (539 बालक एवं 773 बालिका) परीक्षा में सम्मिलित हुए. इसमें सफलता का प्रतिशत 43.82 प्रतिशत रहा.

छात्र-छात्राओं को परीक्षा परिणाम देखने के लिए अपने रोल नंबर का उपयोग करना होगा. अधिक जानकारी के लिए मण्डल की आधिकारिक वेबसाइट पर जा सकते हैं.

ग्रीन जीडीपी के लिए पारिस्थितिकी तंत्र का मूल्यांकन शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ बना देश का पहला राज्य

रायपुर-   वन पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं को ग्रीन जीडीपी के साथ जोड़ने की पहल शुरू करने वाला छत्तीसगढ़ देश का पहला राज्य बन गया है। इस पहल के द्वारा पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के व्यापक मूल्य को मापकर छत्तीसगढ़ के सतत विकास में रेखांकित किया जाएगा।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कहा कि छत्तीसगढ़ सरकार प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विकसित भारत 2047 विज़न और सतत विकास लक्ष्यों के अनुरूप विज़न डॉक्यूमेंट तैयार कर रही है, जिसमें वन विभाग द्वारा संचालित पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं के मूल्यांकन की अवधारणा सम्मिलित की गई है। यह समग्र दृष्टिकोण राज्य में पर्यावरण संरक्षण और आर्थिक प्रगति के बीच संतुलन बनाए रखने की प्रतिबद्धता को रेखांकित करता है, जिससे आने वाली पीढ़ियों के लिए सतत और समृद्ध भविष्य सुनिश्चित हो सके। वन मंत्री केदार कश्यप ने कहा कि पारिस्थितिकी तंत्र सेवाओं का मूल्यांकन न केवल बजटीय योजना को अधिक सुव्यवस्थित बनाएगा, बल्कि भविष्य की रणनीतियों को दिशा प्रदान करेगा, धन आवंटन को अधिक प्रभावी बनाएगा और वानिकी विकास के प्रयासों को सशक्त करेगा। यह प्रक्रिया सतत विकास और संसाधनों के बेहतर प्रबंधन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगी।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ राज्य मे संयुक्त वन प्रबंधन कार्यक्रम ने स्थानीय समुदायों को और अधिक सशक्त बनाया है। गुरु घासीदास, कांगेर घाटी और इंद्रावती जैसे राष्ट्रीय उद्यानों के साथ, छत्तीसगढ़ में प्रकृति आधारित पर्यटन के लिए असीम संभावनाएं हैं। स्थानीय निवासियों को जंगल सफारी, नेचर ट्रेल्स और इको-कैंपिंग जैसी सुविधाओं के प्रबंधन में सक्रिय रूप से शामिल किया जा रहा है, जिससे न केवल सामाजिक-आर्थिक विकास को बढ़ावा मिला है, बल्कि पर्यावरण संरक्षण के प्रयासों को भी सशक्त किया गया है। छत्तीसगढ़ का 44 प्रतिशत भू-भाग वन क्षेत्र से आच्छादित है। यह राज्य की ग्रामीण अर्थव्यवस्था के लिए एक मजबूत आधार हैं और लाखों लोगों की आजीविका में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। ये वन विभिन्न प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष लाभ प्रदान करते हैं। वनों से प्राप्त होने वाले अन्य महत्वपूर्ण अमूर्त लाभ अक्सर उपेक्षित रहते हैं और उनका उचित मूल्यांकन नहीं हो पाता। इनमें जलवायु संतुलन बनाए रखने के लिए कार्बन अवशोषण, कृषि के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण परागण, पोषक तत्वों का चक्रण, मृदा उर्वरता में सुधार और जैव विविधता संरक्षण जैसी सेवाएं शामिल हैं। वनों का बाढ़ और रोग नियंत्रण, जल प्रवाह का प्रबंधन और वेक्टर जनित रोगों के जोखिम को कम करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका है।

इसके अतिरिक्त, वनों से जल पुनर्भरण और शुद्धिकरण होता है, शुद्ध ऑक्सीजन प्रदान कर वायु गुणवत्ता में सुधार होता है, और सुंदर प्राकृतिक दृश्य तथा जैव विविधता-समृद्ध क्षेत्रों के माध्यम से मनोरंजन के साथ-साथ भावनात्मक संतुष्टि भी प्रदान होती है। इन वनों का गहरा आध्यात्मिक और धार्मिक महत्व भी है, क्योंकि पवित्र स्थलों और देवगुड़ी जैसे क्षेत्रों के माध्यम से ये आदिवासी विरासत और परंपराओं को संरक्षित रखते हैं। इसके अलावा छत्तीसगढ़ के वन अनेक नदियों का उद्गम स्थल हैं, जो सतत जल प्रवाह, जलग्रहण क्षेत्र संरक्षण और कृषि तथा आजीविका के लिए आवश्यक जैविक पदार्थ से मृदा को समृद्ध करने में सहायक हैं। इन प्रत्यक्ष लाभों का राज्य की सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) पर व्यापक आर्थिक प्रभाव पड़ता है। ये सभी लाभ ग्रामीण उद्योगों और आजीविका को प्रोत्साहित करते हैं और राज्य के आर्थिक विकास में महत्वपूर्ण योगदान करते हैं।

IAS अफसरों को मिला नए साल में पदोन्नति का तोहफा

रायपुर-  राज्य शासन ने नए साल से पहले भारतीय प्रशासनिक सेवा के अधिकारियों को पदोन्नति का तोहफा दिया है। 2012 बैच के IAS अधिकारीयों को प्रमोट किया है। अब उन्हें संयुक्त सचिव से विशेष सचिव बनाया गया है। इसके साथ ही उन्हें नवीन पदस्थापना दी गई है।

2016 बैच के इन अधिकारियों को मिली पदोन्नति

2021 बैच के इन अधिकारियों को मिली पदोन्नति

राज्य में 86.42 लाख मीट्रिक टन धान की हुई खरीदी

रायपुर-     राज्य में 14 नवम्बर से शुरू हुई धान खरीदी का सिलसिला अनवरत रूप से जारी है। प्रदेश में अब तक लगभग 86.42 लाख मीट्रिक टन धान की खरीदी हो चुकी है। धान खरीदी के एवज में 17.50 लाख किसानों को बैंक लिकिंग व्यवस्था के तहत 19 हजार 415 करोड़ रूपए का भुगतान किया गया है। धान खरीदी का यह अभियान 31 जनवरी 2025 तक चलेगी। धान खरीदी के साथ-साथ मिलर्स द्वारा धान का उठाव भी तेजी से हो रहा है। धान उठाव के लिए 58.35 लाख मीट्रिक टन धान के लिए डीओ और टीओ जारी किया गया है, जिसके विरूद्ध अब तक 32.57 लाख मीट्रिक टन धान का उठाव कर लिया गया है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि इस खरीफ वर्ष के लिए 27.78 लाख किसानों द्वारा पंजीयन कराया गया है। इसमें 1.59 लाख नए किसान शामिल है। इस वर्ष 2739 उपार्जन केन्द्रों के माध्यम से 160 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी अनुमानित है।

खाद्य विभाग के अधिकारियों ने बताया कि आज 31 दिसम्बर को 63,831 किसानों से 2.87 लाख मीट्रिक टन धान खरीदी की गई है। इसके लिए 84 हजार 702 से अधिक टोकन जारी किए गए थे। आगामी दिवस के लिए 74 हजार 761 टोकन जारी किए गए हैं।