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सोशल मीडिया का बच्चों पर बुरा असर: ऑस्ट्रेलिया में 16 साल से कम उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन, क्या भारत में भी होना चाहिए?

अपने मोबाइल और अपने लैपटॉप के साथ अपने कमरे में ही बिजी टीएनएजर आजकल महानगरों के पेरेंट्स के लिए चिंता की बात बने हुए हैं. ऐसे में दूर देश ऑस्ट्रेलिया से उम्र के बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन की ख़बर से हिंदुस्तानी पैरेंट्स भी उत्साहित है बच्चों में स्क्रीन टाइम के लिए आई ग्लोबल अवेयरनेस बताती है मामला सीरियस है. जानिए कैसे?

15 साल की लड़की घर में पेंटिंग बनाती और अंग्रेजी गाने सुनती थी. घर वालों को अंग्रेजी आती नहीं थी लेकिन बेटी के व्यवहार में उन्हें कभी कुछ असामान्य नहीं लगा. अलार्म तो तब बजा जब उसने बिना वजह खुद को नुकसान पहुचांने की कोशिश की. ऐसा दो तीन बार और हुआ. परिवार ने साइकॉलजिस्ट की मदद ली. मालूम चला वो जो गाने सुनती है, वो डिप्रेशन से भरे हैं और वो जो तस्वीरे बनाती हैं, वो हिंसा से भरी हैं. गाने के लिरिक्स एडल्ट और पेंटिंग खून-खराबे से भरी. उनके पेरेंट्स को पता ही नहीं था कि बच्ची सोशल मीडिया पर एक्टिव है और वहीं का वर्चुअल तनाव वो अपने सिर पर लिए बैठी है.

ये केस साइबर सेफ्टी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी के पास आया था. वो बताते हैं, टीएनएजर बच्चों के ऐसे कई मामले उनके पास आते हैं जहां सोशल मीडिया की वजह बच्चा एकदम बदल गया है.

टीएनएजर बच्चों पर सोशल मीडिया का असर

साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी एक और केस का जिक्र करते हैं. 16 साल के दसवीं में पढ़ने वाले बच्चे ने अपनी टीचर की फेक प्रोफाइल बनाकर उनकी ऑब्जेक्शनेबल ऑफ सीन फोटो एडिट करके सोशल मीडिया पर शेयर कर दिए. स्कूल के बच्चों को पता था, लेकिन ना तो किसी फैकल्टी को पता था और ना ही उस बच्चे के पेरेंट्स को. खोजबीन करके जब मामला खुला तो पेरेंट्स भी हैरत में थे कि उन्हें लगता था, बच्चा लैपटॉप पर पढ़ाई कर रहा है.

ऐसे ही एक बच्ची हाफ स्क्रीन पर क्लास खोल के दूसरी तरफ चैटिंग करती थी. घरवालों को बहुत दिन बाद पता चला कि वो पढ़ाई नहीं करती थी बल्कि चैटिंग करती थी. मुकेश चौधरी कहते हैं, कई बार सोशल मीडिया पर बहुत ज्यादा एक्टिव रहने से कुछ चीजें आपको ऐसी दिख जाती है, जो हिट कर जाती हैं. बच्चों को समझ में नहीं आता कि वो सही है या फिर गलत. वो उसे फॉलो करने लगते हैं.

कम उम्र में सोशल मीडिया के नुकसान

हमने साइबर सिक्योरिटी एक्सपर्ट मुकेश चौधरी, साइबर लॉ एक्सपर्ट पवन दुग्गल, मनोचिकित्सक समीर मल्होत्रा और शिक्षाविद अनुराधा जोशी से लेकर तमाम अभिभावकों से भी बात की और सब सोशल मीडिया के जो नुकसान देख रहे हैं वो शरीर और मन दोनों पर असर कर रहा है.

फिजिकल प्रॉब्लम

स्लीप साइकल डिस्टर्ब-डॉक्टर भी रिकमेंड करते हैं कि सोने के कुछ घंटे पहले तक आपको मोबाइल नहीं चलाना है. फोन से निकलने वाली ब्लू रे खतरा हैं. अगर बच्चे रात में ठीक से सोते नहीं हैं तो उनको सुबह उठने में भी दिक्कत होती है. अगर उनका कोई एग्जाम है तो उस पर भी असर पड़ता है.

पोस्चर पेन- जब आप बहुत देर तक सिर झुकाकर या बैठकर फोन देखते हैं तो बॉडी का पोस्चर बिगड़ता है. रीढ़ की हड्डी से लेकर सर्वाइकल पेन तक की संभावना बनती है.

कम उम्र में चश्मा-अगर बच्चा ज्यादा समय सोशल मीडिया पर इन्वेस्ट करेगा तो उसकी आंखों पर अभी असर पड़ेगा. इसकी वजह से बहुत कम उम्र में बच्चों के चश्मे भी लग रहे हैं.

एक्स्ट्रा एक्टिविटीज पर असर- कई घंटे लगातार फ़ोन चलाने की वजह से बच्चों की फिजिकल एक्टिविटी कम हो रही है. सोशल मीडिया की वजह से एक्स्ट्रा-करिकुलम एक्टिविटीज में बच्चों की भागीदारी कम हो गई है.

स्टंट वीडियो बना खतरा- बच्चे सोशल मीडिया पर स्टंट करते लोगों के वीडियो देख खुद भी वही करते हैं, इसमें चोट लगने का खतरा होता है.

नशे की प्रवृत्ति– पहले 16 से 18 साल तक के बच्चे नशे करते थे लेकिन अब 9 से 10 साल के बच्चे भी कई तरह के नशे करने लगे हैं. नशे की प्रवृत्ति तेजी से बढ़ती जा रही है.

दिमाग पर इम्पैक्ट- मोबाइल फोन से निकलने वाले रेडिएशन्स में थर्मल और मैग्नेटिक रेडिएशन होता है, जिसका बच्चों के दिमाग पर भी बुरा असर पड़ता है. उससे सिर दर्द की भी समस्या होती है और हार्मोनल इंबैलेंस भी रहता है.

सेल्फ हार्म: बच्चे सेल्फ हार्म भी करने लगे हैं और अगर आप उनको फोन नहीं देंगे तो वो पेरेंट्स के अगेंस्ट बहुत एग्रेसिव हो जाते हैं.

मेंटल प्रॉब्लम

डिप्रेशन-मोबाइल के बहुत ज्यादा इस्तेमाल से डिप्रेशन, सुसाइडल थॉट और बिहेवियर में कई तरह से बदलाव आ रहे हैं.

फोकस में कमी-बहुत ज्यादा मोबाइल के इस्तेमाल करने से बच्चों का फोकस भी कम हुआ है. ये बात कई रिसर्च भी सामने आई है.

लर्निंग एबिलिटी पर असर-बच्चे बहुत ज्यादा फ़ोन चलाने की वजह से लर्निंग एबिलिटी और आत्मनियंत्रण खो रहे हैं. जिसकी वजह से कई बीमारियां भी हो रही हैं.

एग्रेशन– सोशल मीडिया पर लाइक डिस्लाइक के प्रेशर में बच्चों के अंदर बढ़ते तनाव ने उन्हें चिड़चिड़ा और आक्रामक बना दिया है और बच्चों में अपराधी बनने की भी प्रबल संभावना रहती है.

ऑस्ट्रेलिया में बच्चों के लिए सोशल मीडिया बैन

आस्ट्रेलिया में सरकार ने 16 साल के कम बच्चों के लिए सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म बैन कर दिया है. इसके पीछे का कारण है कि बच्चों की मेंटल हेल्थ ठीक रहे. सोशल मीडिया के एडिक्शन, साइबर बुलिंग और हानिकारक कंटेंट से बच्चे बहुत प्रभावित होते हैं. इस नियम के अनुसार, बच्चों को इंस्टाग्राम, टिक टॉक और स्नेपचैट जैसे प्लेटफॉर्म पर अकाउंट बनाने और उन्हें एक्सप्लोर करने की इजाजत नहीं होगी.

भारतीय बच्चे और सोशल मीडिया

Sentiment की एक रिपोर्ट के मुताबिक, दुनियाभर में 13 साल से 17 साल तक के करीब 93 परसेंट बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. अमेरिका में 4 करोड़ बच्चों में से 3 करोड़ 70 लाख बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. एक व्यक्ति करीब सोशल मीडिया पर प्रति दिन 1 घंटा और 40 मिनट बिताते हैं.

International Journal of Pediatric Research की एक रिपोर्ट के अनुसार, भारत में 87.82% बच्चे सोशल मीडिया का इस्तेमाल करते हैं. जिसमें से 81.14% बच्चे व्हाट्सएप, 54.94% बच्चे फेसबुक, 10.5% बच्चे ट्विटर, 70.61% बच्चे यूट्यूब, 65.34% ईमेल और 9% बच्चे अन्य सोशल मीडिया प्लेटफ्रॉम का इस्तेमाल करते हैं.

भारत में क्या कोई कानून है?

भारत में बच्चों के सोशल मीडिया इस्तेमाल करने को लेकर कोई अलग से कानून नहीं बनाया गया है. डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण अधिनियम (DPDPA) 2023 में कुछ नियम बनाए गए हैं. DPDPA की धारा 9 में 18 वर्ष से कम उम्र के बच्चों के डेटा को संभालने के लिये 3 शर्तें बताई गई हैं. जिसमें किसी बच्चे की प्रोफाइल बनाने के लिए कंपनी को माता-पिता या अभिभावक से सहमति लेनी होती है. इसके साथ बच्चों के कल्याण, उनपर निगरानी और उन्हें किस तरह के विज्ञापन दिखें, इस पर ध्यान भी देना है.

भारत में भी होना चाहिए बैन?

मुकेश चौधरी कहते हैं, दुनिया ने इससे पहले ब्लू व्हेल जैसा गेम देखा है, जिसमें बच्चे कई तरह के टास्क पूरे करते-करते अपनी जान तक दे देते थे. ये सब सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म से ही आया है. पेरेंट्स अपनी लाइफ स्टाइल में बिज़ी हैं जो बिनी किसी रिस्ट्रिक्शन के बच्चों को मोबाइल थमा देते हैं. ऐसी कोई पॉलिसी भी बच्चों के लिए नहीं बनाई गई है कि बच्चे इंटरनेट पर क्या देख रहे हैं.अनरिस्ट्रिक्टेड मोबाइल हाथ में होने से बच्चे के हाथ से क्या बटन दब रहा है और उसके सामने कैसे वीडियो आ रहे हैं, इस तरह के कंटेंट को भी रेगुलेट करने के लिए कोई रिस्ट्रिक्शन नहीं है. अगर कोई नियम बने भी हैं तो कोई उन्हें फॉलो नहीं करता है.

साइबर सुरक्षा एक्सपर्ट डॉ पवन दुग्गल कहते हैं कि ऑस्ट्रेलिया में जो बैन हुआ है, इसका उद्देश्य सही है लेकिन ये बहुत ज्यादा enforcement नहीं होगा क्योंकि आपने शेर के मुंह में खून लगा दिया है. उसे वापस लेना बहुत मुश्किल हो जाएगा. भारत में इस तरह की चीज संभव ही नहीं उसके पीछे का कारण है कि भारत में 18 साल से कम बच्चे को नाबालिग माना जाता है और नाबालिग में इतनी क्षमता नहीं है कि वो किसी भी कानून के अंदर आ सके. किसी एप को बैन करें तो उससे उसका ट्रैफिक और बढ़ जाता है. जो ऑस्ट्रेलिया में हुआ वो भारत में नहीं हो सकता अगर होगा तोबहुत ज्यादा विरोध होगा. ये भारतीय संविधान के कानून का उल्लंघन होगा. आप बच्चे ही क्यों ना हो लेकिन आपके मौलिक अधिकार तो हैं. आज जीवन जीने के मौलिक अधिकार में आपका राइट टू एक्सेस इंटरनेट तो है ही. वह कहते हैं भारत ऑस्ट्रेलिया से अलग है, वहां से भारत का संविधान भी अलग है. यहां का लीगल फ्रेमवर्क अलग है इसलिए यहां पर इस तरह की चीज संभव नहीं है. अगर ऐसा होता भी है तो उसे अदालतों में कई तरह की चुनौती का सामना करना ही पड़ेगा.

क्रीम लगाने पर नहीं हुआ गोरा, अब कंपनी भरेगी 15 लाख

कई बार लोग गोरा होने होने के लिए क्रीम खरीदते हैं. कुछ क्रीम किसी के चेहरे पर असर दिखा देती है, तो कुछ नहीं दिखाती लेकिन एक शख्स ने गोरा होने के लिए 79 रुपये की क्रीम खरीदी. उसने एक दिन में दो बार अपने चेहरे पर क्रीम लगाई, लेकिन वह गोरा नहीं हुआ तो उसने कंपनी की शिकायत कर दी. उसने कहा कि क्रीम का विज्ञापन गुमराह करने वाला है. अब कंपनी को 15 लाख रुपये देने पड़ेंगे.

दिल्ली के जिला उपभोक्ता फोरम ने इमामी लिमिटेड पर ये 15 लाख का जुर्माना लगाया है. आयोग ने कंपनी पर ये जुर्माना भ्रामक विज्ञापन के चलते लगाया है. दरअसल इमामी लिमिटेड के खिलाफ एक शख्स ने शिकायत करते हुए आरोप लगाया था कि फेयरनेस क्रीम का विज्ञापन भ्रामक है. उसने साल 2013 में 79 रुपये की फेयर एंड हैंडसम क्रीम खरीदी थी. उसने निर्देशों के मुताबिक क्रीम को यूज किया लेकिन इसके बावजूद उसे अपनी स्किन में कोई बदलाव नजर नहीं आया, तो उसने शिकायत कर दी.

क्रीम लगाई गोरापन नहीं आया

शिकायत करने वाले शख्स ने कहा कि प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबल पर दिए गए निर्देशों के मुताबिक क्रीम का इस्तेमाल किया गया तेजी से चमकने वाले गोरेपन के लिए दिन में दो बार चेहरे और गर्दन पर क्रीम का यूज किया, लेकिन स्किन पर गोरापन नहीं आया. इस पर कंपनी की ओर से कहा गया कि शिकायत करने वाला शख्स ये बताने में असमर्थ था कि उसने निर्देशों के मुताबिक क्रीम का यूज किया

प्रोडक्ट की बिक्री के लिए किया

आयोग की ओर से कहा गया कि कंपनी के प्रोडक्ट की पैकेजिंग और लेबल पर इस बात की जानकारी नहीं दी गई कि ये किस शख्स के लिए है और किस के लिए नहीं. प्रोडक्ट पर लिखा गया “बीमार व्यक्ति के लिए नहीं” का क्या मतलब था. कंपनी जानती थी प्रोडेक्ट पर लिखे गए निर्देश अधूरे हैं और बाकी चीजों की वजह से स्किन में बदलाव नहीं होगा. इससे गुमराह करने वाला विज्ञापन साबित होता है कि प्रोडक्ट की बिक्री के लिए ऐसा किया गया.

दिल्ली में बनेगा नया मेट्रो कॉरिडोर, इंडिया गेट से इंद्रप्रस्थ स्टेशन तक होगा कनेक्शन

सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट याेजना के तहत कई निर्माण कार्य कराए जा रहे हैं, इसी के तहत अब सरकार अब दिल्ली में लोगों की ट्रेवल कनेक्टिविटी के लिए एक नए मेट्रो कॉरीडोर के निर्माण को लेकर तैयारी कर रही है.सरकार दिल्ली में इंडिया गेट, नॉर्थ, साउथ ब्लॉक को इंद्रप्रस्थ स्टेशन को जोड़कर एक मेट्रो कॉरिडोर बनाने की योजना पर काम कर रही है.

सूत्रों के अनुसार आवास और शहरी मंत्रालय 7 किलोमीटर लंबा अंडरग्राउंड मेट्रो कॉरिडोर बनाने की तैयारी में है. जिसके लिए सरकार की तरफ से दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) को इस प्रस्तावित कॉरिडोर को एनालाइज करने के लिए कहा गया है.इस कॉरिडोर के प्रस्ताव को अगले साल के शुरूआत में केंद्रीय मंत्रिमंडल की मंजूरी मिल सकती है.

साउथ ब्लॉक तक जाएगी मेेेेेट्रो

योजना के अनुसार ऐसा माना जा रहा है कि ये प्रस्तावित लाइन कर्तव्य पथ से उत्तर और साउथ ब्लॉक तक जाएगी. जहां सेंट्रल विस्टा के रिडेवलपमेंट प्रोजेक्ट के तहत एक म्यूजियम प्रस्तावित है. सूत्रों की मानें तो इस कॉरिडोर के बनने से दिल्ली में भीड़ कम करने में मदद मिलेगी, क्योंकि कर्तव्य पथ के रिडेवलपमेंट के बाद से विजीटर्स की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.

जनरल सेंट्रल सेक्रेटेरियट के तहत 10 नए ऑफिसों भवनों का निर्माण किया जा रहा है, जिसमें कई मंत्रालय भी होंगे. 10 भवनों में से तीन का काम अभी चल रहा है. सूत्रों के अनुसार नॉर्थ और साउथ ब्लॉक में एक म्यूजियम बनाने का भी प्रस्ताव है. मेट्रो कॉरिडोर के चालू होने से हजारो लोगों को इसका लाभ मिलेगा. लोगों की कनेक्टिविटी आसान होगी.

यहां बनेंगे नए स्टेशन

इस नए मेट्रो कॉरीडोर के मेट्रो स्टेशन भारत मंडपम, इंडिया गेट और उत्तर और दक्षिण ब्लॉक जैसी जगहों पर बनाए जाएंगे. ताकि जहां लोगों की ज्यादा भीड मौजूद है वहां से उनका ट्रेवल करना आसान हो. सेंट्रल विस्टा रिडेवलपमेंट के तहत नई संसद और उपराष्ट्रपति एन्क्लेव का निर्माण किया गया है, जबकि राष्ट्रपति भवन से इंडिया गेट तक 3 किलोमीटर की दूरी (कर्तव्य पथ) को भी नया रूप दिया गया है.

WhatsApp की ग्रुप चैट में खुलेगी पोल, फेसबुक-इंस्टा की तरह ऑनलाइन-ऑफलाइन का लगेगा पता

वॉट्सऐप अपने यूजर्स के लिए एक से बढ़कर एक बेहतरीन फीचर्स लेकर आता रहता है. हाल में वॉट्सऐप के बीटा वर्जन पर एक नया फीचर देखा गया है जो कि यूजर्स के लिए फायदेमंद साबित होगा. ये वॉटस्ऐप का ऑनलाइन काउंटर है. इस फीचर के जरिए यूजर्स को पता चल सकेगा, कि ग्रुप के कितने मेंबर ऑनलाइन हैं और कितने ऑफलाइन हैं. इसके लिए इंडिविजुअल चैट्स में जाकर ऑनलाइन स्टेट्स चेक नहीं करना पड़ेगा. ये फीचर कब और कैसे एक्टिव होगा इसकी पूरी डिटेल्स यहां पढ़ें.

वॉट्सऐप का ऑनलाइन काउंटर फीचर

ये नया फीचर आपको ग्रुप के नाम के नीचे ही सभी ऑनलाइन मेंबर के बारे में दिखा देगा कि वो ऑनलाइन है या नहीं. वॉट्सऐप का ये नया फीचर WABetaInfo ने गूगल प्ले स्टोर पर मौजूद वॉट्सऐप बीटा फॉर एंड्रॉयड 2.24.25.30 पर दिखा है. WABetaInfo ने इस बात की जानकरी X पोस्ट में भी शेयर की है.

नया फीचर

अब आप शेयर किए गए स्क्रीनशॉट में ग्रुप के नाम के नीचे ऑनलाइन मेंबर की संख्या को देख आसानी से देख सकते हैं. इस पहले आप केवल ग्रुप चैट के टॉप बार में ग्रुप मेंबर्स का नाम और करेंट ऐक्टिविटी ही शो होती थी. नए अपडेट में वॉट्सऐप ने इसे रिप्लेस कर दिया है, अब आप ये चेक देख सकेंगे कि ग्रुप के कितने मेंबर्स का वॉट्सऐप ओपन है और ऑनलाइन हैं. ध्यान दें कि ये फीचर फिलहाल अपने टेस्टिंग फेज में हैं जल्द ही इन्हें यूजर्स के लिए लॉन्च किया जा सकता है.

वॉट्सऐप पर आने वाला है ये फीचर

ऊपर बताए गए फीचर के अलावा वॉट्सऐप एक और फीचर पर काम कर रहा है. जल्द ही ये मोर फीचर को शुरू करने वाला है इसमें यूजर्स दूसरे प्लेटफॉर्म्स से आसानी से कनेक्ट हो सकेंगे. वॉट्सऐप का कंटेंट इंस्टाग्राम-फेसबुक ही नहीं दूसरे प्लेटफॉर्म पर भी शेयर कर सकेंगे.

बरेली में बड़ा रेल हादसा टला, ट्रैकमैन की सूझबूझ से बची आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस, पटरी में मिली थी एक इंच की दरार*

बरेली जिले में इज्जतनगर और भोजीपुरा स्टेशन के बीच एक बड़ा रेल हादसा टल गया. घटना इज्जतनगर रेलवे स्टेशन और भोजीपुरा के बीच क्रॉसिंग संख्या-236 एबी पर हुई. रेलवे पेट्रोलिंग कर्मचारी को सुबह के करीब चार बजे पेट्रोलिंग करते समय ट्रैक पर दरार मिली. कुछ ही देर में आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस इसी ट्रैक से गुजरने वाली थी. रेलवे पेट्रोलिंग कर्मचारी की नजर दरार पर पड़ी और उन्होंने तुरंत सुबह चार बजे टूटी पटरी की सूचना दी और आगरा फोर्ट एक्सप्रेस को रोका गया.

सप्ताह में तीन-तीन दिन (अप-डाउन) आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस का संचालन होता है. रविवार रात 8:53 बजे आगरा फोर्ट से चलने के बाद यह ट्रेन सोमवार तड़के 4:04 बजे इज्जतनगर पहुंची थी. पटरी से आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस (ट्रेन संख्या 15055) थोड़ी ही देर में गुजरने वाली थी. इज्जतनगर-भोजीपुरा के बीच रेलवे क्रॉसिंग संख्या 236 बी के पास ट्रैकमैन प्रेमपाल और हरि बाबू पेट्रोलिंग कर रहे थे. पेट्रोलिंग कर्मचारियों ने स्थिति की गंभीरता को समझते हुए तत्काल कंट्रोल रूम को सूचना दी और गाड़ी रोकी गई.

45 मिनट में ठीक कर दी गई पटरी

पटरी में करीब एक इंच की दरार पाई गई थी. अगर ट्रेन यहां से गुजर जाती तो बड़ा हादसा हो सकता था. रेलवे प्रशासन ने तुरंत कार्रवाई करते हुए ट्रेन को इज्जतनगर रेलवे स्टेशन पर रोका और मौके पर पहुंचे इंजीनियरों ने 45 मिनट के भीतर पटरी की मरम्मत की. इसके बाद 15055 आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस को इज्जतनगर से धीमी गति (20 किमी प्रति घंटे) पर रवाना किया गया.

पटरी में दरार के पीछे क्या कारण था?

रेलवे अधिकारियों ने बताया कि ठंड के मौसम में रेलवे पटरियों में सिकुड़न होती है, जिससे फ्रैक्चर जैसी समस्याएं उत्पन्न हो जाती हैं. इस कारण सर्दियों में पेट्रोलिंग की आवश्यकता बढ़ जाती है. अगर समय रहते टूटी हुई पटरी का पता नहीं चलता तो यह एक बड़ी दुर्घटना में बदल सकता था. सभी रेलवे सेक्शन में पेट्रोलिंग बढ़ा दी गई है.

दरार वाली जगह तेजी से गुजरती हैं ट्रेनें

ट्रैक फैक्चर वाली जगह में ट्रेनों की औसतन रफ्तार 60-70 किमी प्रति घंटे की रहती है. अगर फ्रैक्चर के समय आगरा फोर्ट-रामनगर एक्सप्रेस यहां से गुजरती तो बहुत ही बड़ा हादसा हो सकता था. फिलहाल इंजीनियरिंग टीम ने रेलवे क्रॉसिंग संख्या 236 बी के पास 20 किमी प्रति घंटा का अस्थाई कॉशन दे दिया है.

अडानी ग्रुप ने राजस्थान में किया 7.5 लाख करोड़ रुपये के निवेश का ऐलान, राज्य की आर्थिक स्थिति में होगा सुधार

अडानी ग्रुप अक्सर चर्चा के केंद्र में रहते है. एक बार फिर अडानी ग्रुप ने राजस्थान में 7.5 लाख करोड़ रुपये का निवेश करने की घोषणा की है. 7.5 लाख करोड़ एक बड़ी रकम होती है. ऐसे में राजस्थान के लिए यह अच्छी खबर है. यह घोषणा जयपुर में हुए “राइजिंग राजस्थान ग्लोबल इन्वेस्टमेंट समिट” में की गई. इस शिखर सम्मेलन से पहले राजस्थान सरकार ने 30 लाख करोड़ रुपये के निवेश के लिए समझौता ज्ञापनों (MOU) पर साइन किए हैं. मुख्यमंत्री भजनलाल शर्मा भी इस कार्यक्रम में मौजूद थे. उन्होंने कहा कि निवेश राजस्थान के व्यापारिक माहौल में विश्वास और बढ़ावा देने का प्रमाण है.

अडानी ग्रुप के Managing Director करण अडानी ने क्या कहा ?

अडानी ग्रुप के Managing Director करण अडानी ने इस अवसर पर कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में भारत ने पिछले दस सालों में एक शानदार आर्थिक यात्रा तय की है. उन्होंने कहा कि भारत अब दुनिया में एक उभरती हुई शक्ति के रूप में नहीं, बल्कि ग्लोबल साउथ के नेता के तौर पर पहचाना जा रहा है.

करण अडानी ने यह भी बताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में भारत ने विकासशील देशों के लिए एक नई दिशा तय की है, जो दुनिया भर में सम्मान और विश्वास का प्रतीक बन चुकी है. उन्होंने कहा कि भारत अब अधिक से अधिक देशों के लिए एक मॉडल बन चुका है.

क्या है राजस्थान सरकार का लक्ष्य?

राजस्थान में इस समय कई क्षेत्रों में निवेश बढ़ाने के प्रयास किए जा रहे हैं. राजस्थान सरकार का लक्ष्य है कि राज्य को निवेशकों के लिए एक बेहतर माहौल और यहां के लोगों के लिए अधिक से अधिक अवसर पैदा करना है. इस निवेश से राज्य की आर्थिक स्थिति में सुधार होने की उम्मीद है. यह राजस्थान को देश और दुनिया में एक मजबूत व्यापारिक केंद्र के रूप में स्थापित करेगा.

राजस्थान के दौसा में बड़ा हादसा: 150 फीट गहरे बोरवेल में गिरा 5 साल का बच्चा, रेस्क्यू ऑपरेशन जारी

राजस्थान के दौसा जिले से एक बड़ी खबर सामने आ रही है. नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखाड़ गांव में 150 फीट गहरे बोरवेल में एक पांच साल का बच्चा गिर गया है. बच्चे के रेस्क्यू के लिए एसडीआरएफ और एनडीआरएफ की टीमों को भी बुलाया गया है. पुलिस और प्रशासन के आला अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं. बोरवेल के अंदर ऑक्सीजन सप्लाई को शुरू की गई है.

ये घटना दौसा जिले के नांगल राजावतान थाना क्षेत्र के कालीखांड गांव की है. जानकारी के मुताबिक, गांव का ही रहने वाला पांच साल का बच्चा आर्यन बोरवेल में गिर गया. बच्चे के बोरेवेल में गिरने की जानकारी जैसे ही गांव में फैली तो हड़कंप मच गया. परिवार वाले चीख-पुकार मचाने लगे.

NDRF-SDRF रेस्क्यू में जुटी

इसी बीच गांव के लोगों ने इसकी सूचना स्थानीय थाना पुलिस को दी. सूचना मिलते ही पुलिस टीम मौके पर पहुंच गई और आला अधिकारियों को घटना की जानकारी दी. जानकारी होने पर जिले से पुलिस-प्रशासन के आला अधिकारी NDRF और SDRF टीम के साथ मौके पर पहुंच गए.

150 फीट की गहराई में गिरा मासूम आर्यन

जानकारी के मुताबिक, पांच साल का मासूम 150 फीट की गहराई पर है, जिसे बचाने का काम जारी है. बोरवेल के पास सुरंग बनाने के लिए खुदाई की जा रही है. बच्चे को निकालने के लिए रेस्क्यू टीम मौके मौजूद है. इसके अलावा घटनास्थल पर नांगल राजावतान पुलिस, पापड़दा थाना पुलिस के अधिकारी मौजूद हैं. मौके पर दौसा विधायक दिन दयाल बैरवा भी मौजूद हैं.

3 साल पहले बोरवेल को खोदा गया था

बोरवेल के पास सुरंग बनाई जा रही है, जिसमें आधा दर्जन JCB और आधा दर्जन से अधिक ट्रैक्टर की मदद ली जा रही है. करीब 15 फीट तक खुदाई की जा चुकी है और लगातार काम जारी है. बताया जा रहा है कि जिस बोरवेल में आर्यन गिरा है, वह तीन साल पहले खोदा गया था. इसके बाद इस पर ध्यान नहीं दिया गया और ऐसे ही छोड़ दिया गया.

रूस ने भारत को सौंपा ताकतवर युद्धपोत INS तुशिल, रक्षा मंत्री राजनाथ की मौजूदगी में नौसेना में हुआ शामिल

भारत और रूस की रणनीतिक साझेदारी मजबूत होती जा रही है. इसकी बानगी सोमवार को देखने को मिली जब रूस में निर्मित ताकतवर युद्धपोत INS तुशिल, भारत को सौंपा गया. इस दौरान रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह और नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के त्रिपाठी रूस में निर्मित और स्वदेशी मिसाइलों के साथ-साथ अत्याधुनिक तकनीक से लैस युद्धपोत INS तुशील की कमिशनिंग के साक्षी बने.

नौसेना चीफ के साथ रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह रविवार देर रात मॉस्को पहुंचे हैं, वह मंगलवार को रूस में अपने समकक्ष आंद्रे बेलौसोव के साथ तकनीकी सहयोग पर अंतर-सरकारी आयोग की 21वीं बैठक में हिस्सा लेंगे. इसके आलावा वह रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से भी मुलाकात कर सकते हैं.

भारतीय नौसेना की बढ़ेगी ताकत

इस जंगी जहाज से समंदर में भारतीय नौसेना की ताकत और बढ़ेगी. INS तुशिल का वजन 3900 टन है, इसकी की खासियत की बात करें तो यह जंगी जहाज 125 मीटर लंबा और 3900 टन वजनी है, जो अपने घातक अटैक के लिए जाना जाता है. INS तुशिल रूस और भारतीय अत्याधुनिक तकनीक और वॉरशिप निर्माण का बेहतरीन मिक्सअप है.

कितना ताकतवर है INS तुशिल

सोमवार को भारतीय नौसेना को सौंपे गए इस ताकतवर जंगी जहाज में 18 अधिकारी और 180 सैनिक तैनात हो सकते हैं, जो 30 दिन तक समुद्र में रह सकते हैं. इसमें एडवांस इलेक्ट्रॉनिक वॉरफेयर सिस्टम और 24 मीडियम रेंज की मिसाइलें तैनात की गई हैं.यह तलवार क्लास स्टेल्थ फ्रिगेट का हिस्सा है और इसे रूस के यंत्र शिपयार्ड में बनाया गया है. यह जहाज 59 किमी/घंटा की अधिकतम रफ्तार से चल सकता है.

3 दिवसीय रूस दौरे पर रक्षा मंत्री

रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह 8 से 10 दिसंबर तक रूस दौरे पर हैं. इस दौरान वह भारतीय समुदाय को भी संबोधित करेंगे. उन्होंने सोमवार को INS तुशिल की भारतीय नौसेना में कमिशनिंग की. इसके अलावा वह मंगलवार को एक अहम बैठक में भी हिस्सा लेंगे. इससे पहले प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अक्टूबर में ब्रिक्स शिखर सम्मेलन में हिस्सा लेने के लिए रूस का दौरा किया था. वहीं रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन भी जल्द ही भारत का दौरा करने वाले हैं, कुछ दिनों पहले ही क्रेमलिन ने अपने बयान में बताया था कि ‘पुतिन के भारत दौरे की तैयारियां शुरू हो चुकी हैं और जल्द ही तारीखों का ऐलान किया जाएगा.’

बांग्लादेश मुद्दे पर टीएमसी और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक, ममता बनर्जी पर शुभेंदु अधिकारी ने साधा निशाना

बांग्लादेश मुद्दे पर टीएमसी और बीजेपी के बीच तीखी नोकझोंक हुई. विधानसभा में मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने कहा कि राजनीतिक दल पश्चिम बंगाल में तनाव पैदा करने की कोशिश कर रहे हैं, विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी ने ममता पर पलटवार किया. शुभेंदु अधिकारी ने कहा कि वह जो कह रही हैं. उन्होंने ममता बनर्जी से सवाल किया कि क्या इस्कॉन और सायन घोष पर हमला फर्जी था? ममता बनर्जी फर्जी हैं. अपनी तुष्टिकरण की राजनीति के लिए वह राजनीतिक दलों पर आरोप लगाते हुए ऐसी बातें कह रही हैं. “

शुभेंदु अधिकारी ने कहा, वह भारत सरकार को लिख सकते हैं. बांग्लादेश की घटना से पश्चिम बंगाल में व्यापक जनाक्रोश व्याप्त है. वह अपना चेहरा बचाने के लिए ऐसा कह रही हैं.

उन्होंने कहा कि उनकी सरकार के मंत्री सिद्दीकुल्लाह चौधरी सीधे तौर पर मुहम्मद यूनुस का समर्थन कर रहे हैं. पीएम नरेंद्र मोदी की निंदा कर रहे हैं. जब वे लोग बांग्लादेश में घटना का विरोध करने गए, तो सिद्दीकुल्ला चौधरी, फिरहाद हकीम, रानी रासमणि रोड को इसका इस्तेमाल करने की अनुमति दी गई और यदि हिंदू राष्ट्रीय ध्वज लेकर कलकत्ता में विरोध प्रदर्शन करने जाते हैं, तो उन्हें उच्च न्यायालय से अनुमति लेनी होगी.

रिक्शे से कोलकाता पर कब्जा करेंगे?

इसके बाद शुभेंदु अधिकारी ने कोलकाता पर कब्जे की बांग्लादेश की धमकी का मजाक उड़ाया. उन्होंने कहा, ‘मुझे खबर है कि ढाका से 3 लाख हाथ से खींचे जाने वाले रिक्शे कोलकाता पर कब्जा करने के लिए निकले हैं. अरे, उनके पास क्या है?

वहीं बांग्लादेश को लेकर ममता बनर्जी ने विधानसभा में कहा कि कुछ लोग कहते हैं कि वे कोलकाता पर कब्जा कर लेंगे, वे बिहार पर कब्जा कर लेंगे, तो क्या हम यहां लॉलीपॉप खाएंगे?

उन्होंने कहा कि हमें उम्मीद है कि सचिव जा रहे हैं, इस बैठक से समाधान निकलेगा. मैं सभी से अपील करूंगी कि ऐसा कुछ भी न करें जिससे तनाव फैले. सभी लोग संयम से व्यवहार करें, यही हमारा अनुरोध है.

बांग्लादेश में हिंसा पर ममता ने कही ये बात

पिछले सोमवार को मुख्यमंत्री ने विधानसभा में कहा था, ”अगर बांग्लादेश में भारतीयों पर हमला होगा तो हम इसे बर्दाश्त नहीं करेंगे. हम उन्हें वहां से वापस ला सकते हैं.” साथ ही उन्होंने कहा, ”हमारा परिवार, संपत्ति और प्रियजन बांग्लादेश में हैं. हम इस (बांग्लादेश) मुद्दे पर भारत सरकार के रुख को स्वीकार करेंगे, लेकिन हम दुनिया के किसी भी हिस्से में धार्मिक कारणों से सताए गए किसी भी व्यक्ति की निंदा करते हैं.

दिल्ली विधानसभा चुनाव: आम आदमी पार्टी ने 31 उम्मीदवारों के नाम का किया ऐलान, 18 विधायकों के टिकट काटे, मनीष सिसोदिया और राखी बिड़ला की सीट बदली

दिल्ली की सत्ता पर अपनी पकड़ बनाए रखने के लिए आम आदमी पार्टी कोई कोर कसर नहीं छोड़ रही है. अरविंद केजरीवाल दिल्ली में पदयात्रा करके सियासी माहौल बनाने में जुटे हैं तो अपने मौजूदा विधायकों के टिकट काटने से भी नहीं कतरा रहे हैं. आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 20 उम्मीदवारों के नाम का ऐलान किया है. इससे पहले 11 सीटों पर प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर रखी है. इस बार आम आदमी पार्टी दिल्ली में नो-रिपीट फॉर्मूले का दांव भी आजमा रही है और आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काटे हैं.

आम आदमी पार्टी ने सोमवार को 20 सीटों पर प्रत्याशी घोषित किए हैं, जिसमें मनीष सिसोदिया, अवध ओझा, आदिल अहमद खान, सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू और जितेंद्र शंटी जैसे बड़े नाम शामिल हैं. इस तरह दिल्ली की कुल 70 विधानसभा सीटों में से 31 सीट पर अपने प्रत्याशी के नाम का ऐलान किया है. आम आदमी पार्टी ने अपने दो विधायकों की सीट बदली है और 18 विधायकों के टिकट काटे हैं. मनीष सिसोदिया और राखी बिड़ला की सीट बदल दी है.

केजरीवाल ने 18 विधायकों के टिकट काटे

आम आदमी पार्टी ने अपनी पहली लिस्ट में पांच विधायकों के टिकट काटे तो दूसरी लिस्ट में 13 विधायकों का टिकट काट दिया है. इस तरह घोषित 31 में से कुल 18 विधायकों को अरविंद केजरीवाल ने इस बार टिकट नहीं दिया. इस तरह आम आदमी पार्टी ने अभी तक अपने आधे से ज्यादा विधायकों के टिकट काट दिए हैं और उनकी जगह पर नए चेहरों को उतारा है.

अरविंद केजरीवाल ने कृष्ण नगर सीट से एसके बग्गा के बेटे विकास बग्गा को प्रत्याशी बनाया है तो चांदनी चौक से विधायक प्रहलाद सिंह साहनी के बेटे पूरनदीप सिंह साहनी (सेबी) को टिकिट दिया है. पूरणदीप सहनी अभी पार्षद हैं. इसके अलावा नरेला से शरद चौहान का टिकट काटकर उनकी जगह पर दिनेश भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया है. आदर्श नगर से पवन शर्मा का टिकट काटकर मुकेश गोयल को उम्मीदवार बनाया है. इसी तरह देवली सीट से प्रकाश जरवाल की जगह प्रेम चौहान को टिकट दिया है.

आम आदमी पार्टी ने तिमारपुर से दिलीप पांडेय का टिकट काटकर सुरेंद्र पाल सिंह बिट्टू को प्रत्याशी बनाया है. मुंडका से धर्मपाल लाकड़ा का टिकट काटकर जसबीर कालरा, जनकपुरी से राजेश ऋषि का टिकट काटकर प्रवीण कुमार, बिजवासन से बीएस जून का टिकट काटकर सुरेंद्र भारद्वाज को प्रत्याशी बनाया है. पालम से भावना गौड़ की जगह जोगिंदर सोलंकी, त्रिलोकपुरी से रोहित मेहरौलिया की जगह अंजना पारचा, शाहदरा से राम निवास गोयल की जगह जितेंद्र शंटी, मुस्तफाबाद से हाजी यूनुस की जगह आदिल अहमद खान को टिकट मिला.

अरविंद केजरीवाल ने पहली सूची में मटियाला से मौजूदा विधायक गुलाब सिंह यादव का टिकट काट दिया गया है. उनकी जगह कांग्रेस से आए सुमेश शौक़ीन को प्रत्याशी बनाया गया है. सीलमपुर से मौजूदा विधायक अब्दुल रहमान की जगह जुबेर अहमद को टिकट दिया गया है. किराड़ी से निवर्तमान विधायक ऋतुराज झा के बदले बीजेपी से आए अनिल झा को टिकट दिया गया है.

AAP ने बदली दो विधायकों की सीट

आम आदमी पार्टी ने अपनी दूसरी सूची में दो मौजूदा विधायकों की सीट बदल दी है. मनीष सिसोदिया को पटपड़गंज के बजाए जंगपुरा से और राखी बिड़लान को मंगोलपुर के बजाए मादीपुर से टिकिट दिया है. पटपड़गंज से अवध ओझा को चुनावी मैदान में उतारा गया है. ऐसे ही गांधी नगर से नवीन चौधरी(दीपू) को फिर से बनाया गया उम्मीदवार, पिछली बार हार गए थे. रोहिणी से AAP ने प्रदीप मित्तल, गांधी नगर से दीपू चौधरी और पटेल नगर से प्रवेश रतन को उम्मीदवार बनाया है.

मास्टरस्ट्रोक या एंटी इनकंबेंसी पर झाड़ू

अरविंद केजरीवाल ने ऐसे ही अपने मौजूदा विधायकों के टिकट नहीं काटे बल्कि सोची-समझी रणनीति के तहत दांव खेला है. अरविंद केजरीवाल ने एक सर्वे कराया था, जिसमें कई मौजूदा विधायकों के खिलाफ सत्ता विरोधी लहर की बात सामने आई थी. माना जा रहा है कि अरविंद केजरीवाल ने अपने मौजूदा विधायकों का टिकट काटकर नए चेहरों को उतारा है. इसके जरिए विधायकों के खिलाफ उपजी सत्ता विरोधी को मात देने की स्टैटेजी है. दिल्ली में केजरीवाल सरकार से ज्यादा नाराजगी विधायकों को लेकर है. यही वजह है कि पुराने चेहरों की जगह नए चेहरों को उतारकर मास्टरस्ट्रोक चला है.