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श्री कृष्ण और सुदामा के मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि श्री कृष्ण ने मित्रता की जो मिसाल कायम की

मनकापुर (गोंडा) मनकापुर नगर में श्रीमद् भागवत कथा के सातवें विश्राम दिवस पर प्रख्यात कथावाचक पंडित हरिलाल शास्त्री ने भगवान श्री कृष्ण और सुदामा के मित्रता का वर्णन करते हुए कहा कि भगवान श्री कृष्ण ने मित्रता की जो मिसाल कायम की है, वैसा उदाहरण दूसरा कोई नहीं मिलता है। सुदामा के प्रेम में भगवान ने जितना अश्रु बहाया उतना किसी युग में नहीं बहाया। शास्त्रों में भगवान के भक्त तो कई हैं, किंतु मित्र अकेला सुदामा है।

जिनका दो मुट्ठा तंदुल खाकर दो लोकों का स्वामी उनको बना दिया, सुदामा की मित्रता में भगवान इतने भाव विभोर हुए कि तीसरी बार जब भगवान तंदुल खाने चले तो रुक्मणी ने भगवान का हाथ पकड़ कर कहा स्वामी एक लोक तो अपने पास रख लीजिए हम लोग कहां जाएंगे, पंडित जी ने कहा हमारा सनातन हमारी माता बहनों के पुण्य प्रताप से प्रकाशित है, पुरुषों को भी महिलाओं की तरह भगवान का अनुसरण करना चाहिए, उन्होंने कहा छोटे बच्चे और छोटा वृक्ष हमेशा नजर के सामने रखना चाहिए अगर हम बच्चों को खुला छूट दे देंगे वही बच्चे समाज में बुराइयां पैदा करते हैं, बच्चों से प्रेम करना चाहिए किंतु उनके प्रेम में अंधा नहीं होना चाहिए, दिशा हीन बच्चे परिवार को खलते हैं, मां-बाप को खलते हैं और समाज को खलते हैं, जो बच्चे माता-पिता की आज्ञा का पालन करते हैं वही बच्चे समाज, घर और मां-बाप सबका नाम रोशन करते हैं।

कथा में नगर पंचायत अध्यक्ष दुर्गेश सोनी, सभासद वैभव सिंह, पूर्व अध्यक्ष प्रदीप कुमार गुप्ता, रमेश चौधरी, दीनानाथ गुप्ता, रमाशंकर गुप्ता, दुर्गेश कसौधन, अभिषेक कसौधन, डॉ सी एस श्रीवास्तव, सुनील गुप्ता, सुनील जायसवाल, अमर चंद गुप्ता, मुकेश चौबे, प्रदीप जायसवाल, अमरदीप, राजदीप, रामचंद्र जायसवाल, कामता मिश्रा, सुरारी लाल, पंडित राम हौसिला शर्मा सहित काफी संख्या में महिलाएं व बच्चे भी उपस्थित रहे।

गेहूं बीज उत्पादन तकनीक विषयक प्रशिक्षण सम्पन्न

मनकापुर (गोंडा)। आचार्य नरेंद्र देव कृषि एवं प्रौद्योगिक विश्वविद्यालय कुमारगंज अयोध्या के अधीन संचालित कृषि विज्ञान केंद्र मनकापुर (गोंडा) में चल रहा पांच दिवसीय गेहूं बीज उत्पादन तकनीक विषयक रोजगार परक प्रशिक्षण सम्पन्न हुआ ।

प्रशिक्षण समन्वयक डॉ.रामलखन सिंह वरिष्ठ वैज्ञानिक शस्य विज्ञान ने गेहूं की उन्नतशील प्रजातियां, बीज प्रमाणीकरण संस्थान से बीज पंजीकरण, पृथक्करण दूरी, खरपतवार प्रबंधन,प्राकृतिक खेती,फसल अवशेष प्रबंधन आदि की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गेहूं की समय से बोने वाली प्रजातियों में डीबीडब्ल्यू 187, डीबीडब्ल्यू 303, डीबीडब्ल्यू 327,डीबीडब्ल्यू 222 आदि मुख्य हैं ।

डॉ. अजीत सिंह वत्स वरिष्ठ फसल सुरक्षा वैज्ञानिक ने बीज शोधन एवं बीज उपचार, गेहूं फसल में लगने वाले कीड़े एवं बीमारी का प्रबंधन, एकीकृत नाशीजीव प्रबंधन आदि की जानकारी दी । डॉ. डीके श्रीवास्तव वरिष्ठ वैज्ञानिक पशुपालन ने गेहूं फसल में कार्बनिक खादों जैसे नाडेप एवं वर्मी कंपोस्ट के उत्पादन एवं प्रयोग विधि की जानकारी दी ।

डॉ. मनोज कुमार सिंह उद्यान वैज्ञानिक ने सिंचाई प्रबंधन की जानकारी दी । उन्होंने बताया कि गेहूं की फसल में क्रांतिक अवस्थाओं में नमी की कमी नहीं होना चाहिए । डॉ. हनुमान प्रसाद पांडे मृदा वैज्ञानिक ने मृदा परीक्षण, संतुलित उर्वरकों का प्रयोग एवं नैनो उर्वरकों का पर्णीय छिड़काव, डॉ. ज्ञानदीप गुप्ता ने गेहूं बीज विपणन, डॉ. दिनेश कुमार पांडे ने भूमि एवं भूमि की तैयारी तथा गेहूं की प्राकृतिक जैविक खेती आदि की जानकारी दी । इस अवसर पर ओमप्रकाश वर्मा, आर पी मिश्रा, रोहित कुमार यादव रामसागर वर्मा आदि प्रशिक्षणार्थियों ने गेहूं बीज उत्पादन की तकनीकी जानकारी प्राप्त की तथा भविष्य में गेहूं बीज उत्पादन करने का आश्वासन दिया ।

*बाल हितों में सभी विभाग निभायें अपनी भूमिका: डीएम*

जिलाधिकारी की अध्यक्षता में महिला कल्याण विभाग की योजनाओं की समीक्षा बैठक सम्पन्न

गोण्डा। बाल संरक्षण मुद्दा एक बड़ा मुद्दा है, जिसमें सभी विभागों की सहभागिता जरूरी है, इसलिए बाल संरक्षण व उनके कल्याण को लेकर सभी विभाग अपनी-अपनी भूमिका निभाएं। उक्त बातें कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित महिला कल्याण विभाग की समीक्षा बैठक के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा ने कही।

उन्होंने महिला कल्याण विभाग द्वारा संचालित निराश्रित महिला पेंशन योजना, मुख्यमंत्री कन्या सुमंगला योजना, जिला बाल संरक्षण इकाई, किशोर न्याय बोर्ड, बाल कल्याण समिति, बाल कल्याण एवं संरक्षण समितियों की बैठक, दत्तक ग्रहण, बाल विवाह, चाइल्ड हेल्पलाइन, बाल श्रम उन्मूलन, राजकीय सम्प्रेक्षण गृह (किशोर), बालगृह (बालिका), उ.प्र. मुख्यमंत्री बाल सेवा योजना (कोविड व सामान्य), स्पान्सरशिप (प्रवर्तकता कार्यक्रम), मिशन शक्ति, बेटी बचाओ-बेटी पढ़ाओ, वन स्टाप सेंटर, हब फॉर इम्पावरमेंट आफ वूमेन, शक्ति सदन, एन.सी.पी.सी.आर. संयुक्त कार्ययोजना, कार्यस्थल पर महिलाओं का लैंगिक उत्पीड़न व उत्तर प्रदेश रानी लक्ष्मी बाई महिला एवं बाल सम्मान कोष के प्रगति की समीक्षा की।

बैठक में जिलाधिकारी ने जिला बेसिक शिक्षा अधिकारी को निर्देशित किया कि विद्यालयों में सभी बाल समितियों का गठन कराना सुनिश्चित करें। जिला प्रोबेशन अधिकारी व जिला कार्यक्रम अधिकारी को निर्देशित किया कि अवशेष वार्डों में वार्ड बाल कल्याण एवं संरक्षण समिति का गठन करायें।

इस दौरान मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, मुख्य चिकित्सा अधिकारी डा. रश्मि वर्मा, क्षेत्राधिकारी सदर शिल्पा वर्मा, जिला समाज कल्याण अधिकारी राजेश चौधरी, जिला कार्यक्रम अधिकारी मनोज मौर्या, जिला पिछड़ा वर्ग कल्याण अधिकारी गौरव स्वर्णकार, पीटीओ शैलेंद्र त्रिपाठी, जिला प्रोबेशन अधिकारी संतोष कुमार सोनी, श्रम प्रवर्तन अधिकारी सत्येन्द्र प्रताप सिंह, सीडब्लूसी से रामकृपाल शुक्ला, यूनिसेफ के अनिल कुमार द्विवेदी, अखलाक अहमद, संतोष कुमार दूबे, जय प्रकाश यादव, चेतना सिंह, आशीष मिश्रा, पंकज कुमार राव, ऋचा तिवारी, प्रदीप जायसवाल आदि मौजूद रहे।

कछुओं की नौ प्रजातियों का सरयू नदी करनैलगंज में किया गया विमोचन

गोण्डा। बुधवार को घड़ियाल पुनर्वास केंद्र लखनऊ के तत्वावधान में जनपद के करनैलगंज में स्थित सरयू नदी में कछुआ विमोचन कार्यक्रम का आयोजन किया गया। कार्यक्रम में जिलाधिकारी नेहा शर्मा एवं मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने

प्रतिभाग किया।

सरयू नदी के पारिस्थितिक संतुलन को मजबूत करना और कछुओं के महत्व पर जागरूकता बढ़ाना।

विमोचन कार्यक्रम के दौरान विभिन्न प्रकार के नौ प्रजातियों के 93 कछुए नदी में छोड़े गए, जिनकी उपस्थिति से नदी की जैव विविधता को संरक्षित रखने एवं पर्यावरण को संतुलित करने में सहायता मिलेगी।

विमोचन कार्यक्रम के दौरान सरयू नदी करनैलगंज में नौ प्रजातियों के 93 कछुए नदी में छोड़ा गया, इसमें भारतीय स्टार टर्टल, पेंटेड टर्टल, स्पॉटेड फ्लैपशेल टर्टल, गंगा साफ्टशेल टर्टल, रेड-ईयर्ड स्लाइडर, और अन्य महत्वपूर्ण प्रजातियो को शामिल किया है। सभी प्रजाति का सरयू नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में अपना-अपना अलग महत्व है। यह प्रजाति गंगा और उसकी सहायक नदियों में आमतौर पर पायी जाती है। ये अपने खाने में मछलियों और छोटे जलीय जीवों को खाकर जल को स्वच्छ रखने में सहायता करती है। कछुए जल पर्यावरण में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं। उनकी उपस्थिति नदियों और अन्य जलाशयों के जैविक स्वास्थ्य का संकेत होती है। कछुए नदी में न केवल जल को स्वच्छ रखते हैं, बल्कि अन्य छोटे जलीय जीवों की संख्या को भी नियंत्रित करते हैं। कछुओं का पारिस्थितिकी तंत्र पर गहरा प्रभाव होता है, क्योंकि वे जलाशयों के तल पर उपस्थित पत्तियों, मृत जीवों, और अन्य जैविक तत्वों को खाकर जल को स्वच्छ बनाए रखते हैं।

इस कार्यक्रम के दौरान नौ प्रकार की प्रजातियों के 93 कछुये सरयू नदी में छोड़े गये। सभी प्रजाति का इस नदी के पारिस्थितिकी तंत्र में विशेष योगदान होता है। विमोचन कार्यक्रम के दौरान जिलाधिकारी श्रीमती नेहा शर्मा तथा मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने कछुओं को नदी में छोड़ा।

इस अवसर पर जिलाधिकारी ने कहा कि कछुओं की उपस्थिति से सरयू नदी के पारिस्थितिक तंत्र को सुदृढ़ किया जा सकेगा। मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन ने भी कछुआ संरक्षण के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

कार्यक्रम के दौरान प्रभागीय वनाधिकारी पंकज कुमार शुक्ल, उपजिलाधिकारी करनैलगंज भारत भार्गव, तहसीलदार करनैलगंज मनीष कुमार, एसडीईएओ वन विभाग सुदर्शन, टीएसए की श्रीपर्णा, डॉ. अंकिता, वन विभाग के अशोक कुमार पांडेय सहित संबंधित विभाग के अन्य अधिकारी उपस्थित रहे।

डीएम व एसपी ने द्वाबा महोत्सव-2024 के दृष्टिगत चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण कर लिया जायजा

रमेश दूबे

संत जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर व पुलिस अधीक्षक सत्यजीत गुप्ता द्वारा धनघटा तहसील के द्वाबा 15 से 17 नवंबर तक आयोजित होने वाले "द्वाबा महोत्सव-2024" आयोजन के दृष्टिगत चल रही तैयारियों का स्थलीय निरीक्षण किया गया।अधिकारी द्वारा निरीक्षण के दौरान  "द्वाबा महोत्सव-2024" के सफल, सुव्यवस्थित एवं भव्य आयोजन के संबंध में ड्यूटी पर लगाये गये विभिन्न विभागीय अधिकारियों एवं कर्मचारियों को आवश्यक दिशा-निर्देश भी दिये गए।

उल्लेखनीय है कि शासन की मंशा के अनुसार जिलाधिकारी महेंद्र सिंह तंवर के कुशल दिशा-निर्देशन में धनघटा तहसील क्षेत्र अंतर्गत सरयू और कुआनो नदी के बीच द्वाबा क्षेत्र में मानसिंह बाग में दिनांक 15 से 17 नवंबर 2024 तक तीन दिवसीय "द्वाबा महोत्सव-2024" का आयोजन किया जाएगा, महोत्सव के दौरान लोकनृत्य, लोकगीत, भोजपुरी नाइट, कवि सम्मेलन और मुशायरा सहित खेलों को बढ़ावा देने के लिए कुश्ती, दौड़ के साथ-साथ विभिन्न सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन किया जाएगा, जिसमें स्थानीय कलाकार अपनी प्रतिभा का प्रदर्शन कर सकेंगे।

निरीक्षण के दौरान नगर पंचायत अध्यक्ष हैंसर प्रतिनिधि नीलमणि, उप जिलाधिकारी धनघटा अरुण कुमार, अधिशाषी अधिकारी नगर पंचायत हैंसर उमेश कुमार पासी, ओ0एस0डी0 राकेश कुमार, प्रभारी निरीक्षक धनघटा अनिल कुमार सहित स्थानीय लोग एवं अन्य सम्बंधित अधिकारी आदि उपस्थित रहे।

डीएम ने की युवा कल्याण एवं नेहरू युवा केन्द्र की संयुक्त बैठक दिये आवश्यक निर्देश

गोण्डा। बुधवार को जिलाधिकारी नेहा शर्मा की अध्यक्षता में युवा कल्याण विभाग एवं नेहरू युवा केन्द्र गोण्डा के द्वारा आयोजित होने वाली एक दिवसीय युवा उत्सव एवं सांइस मेला प्रतियोगिता के आयोजन हेतु समिति की बैठक कलेक्ट्रेट सभागार में आयोजित की गई।

बैठक में जिलाधिकारी ने आयोजित विधाओं में अधिक से अधिक प्रतिभागियों को पंजीकृत कराने के निर्देश दिये हैं।

प्रतियोगिता की तिथि से पूर्व 25.11.2024 की शाम 04.00 बजे तक कार्यालय जिला युवा कल्याण अधिकारी (विकास भवन कक्ष सं-168) अथवा कार्यालय जिला युवा अधिकारी, नेहरू युवा केन्द्र गोण्डा में प्रतिभागियों का पंजीकरण कराया जा सकता है। प्रतियोगिता कहानी लेखन, कविता लेखन, डिक्लेमेशन, लोकनृत्य एकल एवं समूह, लोकगीत एकल एवं समूह, पेंन्टिग, फोटोग्राफी कॉन्टैस्ट एवं वर्कशॉप सांइस मेला में आयोजित की जाएगी, जिससे सम्बन्धित कुछ महत्वपूर्ण निर्देश निम्नवत।

प्रतिभागियों की आयु 15 से 29 वर्ष के मध्य होगी

कार्यक्रम में किसी भी प्रकार के फिल्मी गीत पूर्णतय: प्रतिबन्धित है।

कार्यक्रम में किसी भी प्रकार की अभद्रता एवं अश्लीलता न हो। सभी प्रतिभागी कलाकारों कों अपने कार्यक्रम से सम्बन्धित सभी साज, कास्ट्यूम, वाद्य यन्त्र आदि साथ में लाना अनिवार्य है। कार्यालय द्वारा साज, कास्ट्यूम, वाद्य यन्त्र आदि उपलब्ध नहीं कराया जाएगा।

जनपद स्तरीय प्रतियोगिता में विभिन्न विधाओं में प्रथम स्थान प्राप्त करने वाले प्रतिभागी मण्डल स्तरीय युवा उत्सव प्रतियोगिता में प्रतिभाग करेंगें।

बैठक के अन्त में जिला युवा कल्याण एवं प्रा.वि.द अधिकारी बैठक में सम्मिलित सभी अधिकारियों एवं अन्य को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

बैठक में मुख्य विकास अधिकारी अंकिता जैन, जिला सूचना विज्ञान एवं प्रौद्यौगिकी अधिकारी गिरीश कुमार, जिला युवा कल्याण एवं प्रा.वि.द., विनय श्रीवास्तव, प्रशिक्षक नेहरू युवा केन्द्र व सुश्री सन्नो यादव, व्यायाम प्रशिक्षक श्री पंकज तिवारी, सुश्री आयुषी वर्मा क्षेत्रीय युवा कल्याण एवं प्रा.वि.द. अधिकारी, रजनीकान्त तिवारी व अन्य उपस्थित रहे।

साइबर सेल गोण्डा द्वारा सइबर फ्रॉड से पीड़ित के 25,000 रुपए कराए वापस

गोण्डा। जनपद गोण्डा में साइबर फ्रॉड की रोकथाम के संबंध में त्वरित कार्यवाही करने हेतु पुलिस अधीक्षक गोण्डा विनीत जायसवाल द्वारा दिये गये निदेर्शों के क्रम में एवं अपर पुलिस अधीक्षक पूर्वी मनोज कुमार रावत व अपर पुलिस अधीक्षक पश्चिमी राधेश्याम राय के मार्गदर्शन में जनपदीय साइबर सेल द्वारा पीड़ित से फ्रॉड की गयी धनराशि को सम्बंधित बैंक/इंटीमेडरी से संपर्क स्थापित करते हुए ठगी गयी धनराशि 25,000/- रुपए पीड़ित के खाता में वापस करवाया गया।

घटना का संक्षिप्त विवरण-

आवेदक निजामुद्दीन निवासी महराजगंज थाना को0नगर जनपद गोण्डा द्वारा फ्रांड़ काल पर क्रेडित कार्ड डिटेल शेयर कर देने से रुपए फ्राड़ कर लेने की शिकायत पुलिस अधीक्षक गोण्डा के समक्ष की गयी थी। जिस पर पुलिस अधीक्षक गोण्डा द्वारा तत्काल कार्यवाही करने हेतु साइबर सेल को निर्देशित किया गया था। जनपदीय साइबर सेल द्वारा सम्बंधित बैंक/इंटीमेडरी से संपर्क स्थापित कर तत्काल कार्यवाही करते आवेदक निजामुद्दीन के 25,000/- रुपए की धनराशि वापस करायी गयी। पीड़ित द्वारा अपने रुपए वापस पाकर प्रसन्नता जाहिर करते हुए पुलिस अधीक्षक गोण्डा को धन्यवाद ज्ञापित किया गया।

पुलिस अधीक्षक द्वारा जनता को जागरूक करते हुए बताया गया कि साइबर ठगों से सावधान रहने की जरुरत है। किसी भी अनजान फोन कॉल पर अपनी बैंक डिटेल, ओ0टी0पी0, बायोमैट्रिक डेटा, पैन कार्ड व आधार कार्ड की डिटेल किसी के साथ साझा न करें। फ्रॉड ट्रांजेक्सन होने पर तत्काल अपने बैंक एवं पुलिस को सूचना दें एवं साइबर हेल्पलाइन 1930 या डायल-112 पर भी शिकायत दर्ज कराएँ।

बिजली की चपेट मे आने से गौवंश की मौत

नवाबगंज (गोंडा) ।थाना क्षेत्र के खडौआ गांव में बिजली की चपेट मे आने से गौवंश की मौत हो गई। किसान ने बिजली विभाग के जेई एस यादव को तहरीर दी है। जेई ने कहा कि गौवंश का पोस्टमार्टम कराया जा रहा है। जर्जर तारो को जल्द बदला जाएगा जिस से आगे कोई घटना ना हो ।

मिली जानकारी अनुसार थाना क्षेत्र के खडौआ गांव में किसान के खेत के पास से गुजर रहे खंभे के तार जो जर्जर थे तथा टूटकर लटक रहे थे इस तार की चपेट में आने से गौवंश की कुछ देर बाद मौत हो गई थी, इस घटना की सूचना पर खेत मालिक विजय तिवारी ने बताया कि बिजली विभाग को तहरीर देकर उचित कार्रवाई की मांग की है। विभाग के जेई एस यादव ने कहा कि घटना की सूचना के बाद गौवंश का पोस्टमार्टम के लिए भेजा गया है। जल्द आवश्यक कार्रवाई कर जर्जर तारो को ठीक कराया जाएगा ।

*एनसीसी शिविर में घातक प्लाटून अटैक को देखकर गदगद हुए ग्रुप कमांडर*

गोंडा- 10 दिवसीय एनसीसी वार्षिक प्रशिक्षण शिविर नंदिनी नगर पीजी कॉलेज में चल रहा है जिसमें आज सातवें दिन गोरखपुर ग्रुप के ग्रुप कमांडर ब्रिगेडियर दीपेंद्र रावत ने कैंप का निरीक्षण किया। ग्रुप कमांडर का स्वागत कैंप कमांडेंट कर्नल सुनील कपूर एवं लेफ्टिनेंट कर्नल रनणयोद्ध सिंह ने किया। सर्वप्रथम ग्रुपकमांडर को एनसीसी कैडेटो द्वारा क्वार्टर गार्ड पर गार्ड ऑफ आनर प्रदान किया गया।

शिविर के निरीक्षण उपरांत ग्रुप कमांडर के समक्ष कर्नल सुनील कपूर द्वारा बटालियन का प्रेजेंटेशन एवं प्रगति विधिवत बताई गई। 14 राजपूत बटालियन अयोध्या कैंट द्वारा पूरी प्लाटून सहित अत्याधुनिक हथियारों के साथ किस तरह घातक पार्टी दुश्मनों के बंकर को ध्वस्त करती है इसका खूबसूरत डेमो प्रस्तुत किया गया। घातक पार्टी द्वारा डेमो को देखकर एनसीसी कैडेट बहुत ही उत्साहित हुए साथ ही साथ सेना के अत्याधुनिक हथियारों से भी विधिवत अवगत हुए।

कैडर्स को संबोधित करते हुए ग्रुप कमांडर ने कहा कि जीवन में एकता और अनुशासन का बहुत बड़ा महत्व है और यह तभी संभव है जब हम सभी लोग भाषावाद के साथ क्षेत्रवाद को खत्म कर देंगे और अनुशासन में रहकर अपने कर्तव्यों का पालन करेंगे छात्रों को अपने विषय के साथ अंग्रेजी विषय पर भी मजबूत पकड़ बनानी होगी जिससे कि सेना में जाने हेतु रास्ता आसान हो जाएगा। संबोधन के दौरान छात्रों से प्रश्न उत्तर भी पूछा गया सही जवाब मिलने पर कैडेटों को ग्रुपकमांडर द्वारा पुरस्कृत किया गया।

48 बटालियन एनसीसी के कमान अधिकारी करनल सुनील कपूर के कार्यों की प्रशंसा करते हुए कहा कि यह बटालियन प्रदेश में उत्कृष्ट बटालियन है जिसका कायाकल्प करनल सुनील कपूर द्वारा किया गया। एनसीसी अधिकारियों की समस्याओं को भी सुनते हुए समाधान करने का आश्वासन भी दिया। महाविद्यालय प्रशासन को भी आभार व्यक्त किया जिन्होंने इतना सुंदर व्यवस्था प्रदान किया। कार्यक्रम का संचालन मेजर राजेश द्विवेदी द्वारा किया गया। इस ऐतिहासिक कार्यक्रम में महाविद्यालय के प्रशासक सहित शहर के गणमान्य व्यक्तियों के अतिरिक्त एनसीसी अधिकारी भी मौजूद थे।

*निराश्रित गोवंश संरक्षण में लापरवाही पर सख्त हुईं डीएम, विशेष अभियान में लापरवाही पर लगाई कड़ी फटकार*

गोण्डा- जिलाधिकारी नेहा शर्मा ने जनपद में निराश्रित गोवंशों के संरक्षण के लिए संचालित विशेष अभियान में लापरवाही पर मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को कड़ी फटकार लगाई है। डीएम ने निर्देश दिए हैं कि नगर क्षेत्र, प्रमुख बाजारों और मुख्य मार्गों के किनारे भटक रहे निराश्रित गोवंशों को शीघ्रता से गो-आश्रय स्थल में पहुंचाकर संरक्षित किया जाए। स्पष्ट किया है कि जब तक नगर क्षेत्र, प्रमुख बाजारों और मुख्य मार्गों के किनारे भटक रहे शत प्रतिशत गोवंशों का गो आश्रय स्थलों पर संरक्षण सुनिश्चित नहीं किया जाता है, तब तक यह अभियान नहीं रुकेगा। इसके बाद, इस कार्य के लिए उत्तरदायी अधिकारियों का वेतन जारी करने पर विचार किया जाएगा। उन्होंने यह भी कहा कि गोवंशों की सुरक्षा और देखभाल में किसी भी प्रकार की लापरवाही बर्दाश्त नहीं की जाएगी।

विशेष अभियान में लापरवाही पर भड़की डीएम

जिलाधिकारी नेहा शर्मा के आदेश पर जनपद में निराश्रित गोवंशों को गो-आश्रय स्थलों पर सुरक्षित रखने के लिए विशेष अभियान की शुरुआत की गई है। इस अभियान पर बीती 9 नवम्बर को एक रिपोर्ट प्रस्तुत की गई। इसमें, इस तिथि पर ग्रामीण और शहरी क्षेत्रों में केवल 10-10 गोवंशों को संरक्षित किए जाने का जिक्र किया गया था। इसके अलावा, अभियान के दौरान अब तक केवल 67 गोवंशों को संरक्षित किए जाने की जानकारी दी गई, जिससे अभियान में केवल खानापूर्ति किए जाने की पुष्टि हुई है।

कागज में नहीं, फील्ड में जाकर चलाएं अभियान

डीएम ने मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी को निर्देशित किया है कि वे इस कार्य में व्यक्तिगत रुचि लेकर अधिशासी अधिकारियों एवं खंड विकास अधिकारियों का सक्रिय सहयोग प्राप्त करें और स्वयं भी फील्ड में जाकर टीमों का मार्गदर्शन करें। डीएम ने स्पष्ट किया है कि यदि किसी विकास खंड अथवा नगर निकाय में किसी जिम्मेदार अधिकारी से सहयोग प्राप्त करने में कठिनाई हो रही है, तो इसकी जानकारी जिलाधिकारी या मुख्य विकास अधिकारी को दी जाए। उन्होंने यह भी आदेश दिया है कि नगर क्षेत्र, प्रमुख बाजारों और मुख्य मार्गों के किनारे भटक रहे सभी निराश्रित गोवंशों को गो-आश्रय स्थल में पहुंचाने तक यह अभियान जारी रहेगा और इसके बाद ही इस कार्य के लिए उत्तरदायी अधिकारियों के वेतन आहरण पर विचार किया जाएगा।