डांडिया खेलते समय रखें अपने पैरों का खास ख्याल, जरूर कर लें ये काम
डेस्क :– शारदीय नवरात्रि के पर्व को अधिक उत्साह के साथ मनाने के लिए डांडिया और गरबा का आयोजन किया जाता है। खासतौर पर गुजरात में हर उम्र और वर्ग के लोग डांडिया की धुन पर नाचते हैं, लेकिन अब देश के लगभग हर हिस्से में गरबा और डांडिया का आयोजन धूमधाम से किया जाता है। यह नृत्य और संगीत की अनोखी परंपरा लोगों को एक साथ जोड़ने का काम करती है।
गरबा और डांडिया में जितनी भूमिका हाथों की ताली या डांडिया की होती है, उतनी ही पैरों की भी होती है। सही फुटवर्क नृत्य को और भी खूबसूरत बनाता है। इसलिए नौ दिनों के इस उत्सव से पहले अक्सर रिहर्सल क्लासेस का आयोजन किया जाता है ताकि नए लोग भी गरबा और डांडिया की कला को सीख सकें। यह न केवल एक मनोरंजन का साधन है बल्कि एक अच्छी एक्सरसाइज भी है। हालांकि, कभी-कभी लोग उत्साह में नृत्य तो करते हैं लेकिन अपने पैरों की सेहत को नजरअंदाज कर देते हैं, जिससे दर्द, सूजन या फ्रैक्चर जैसी समस्याएं हो सकती हैं। ऐसे में कुछ सावधानियां बरतें।
*वार्म अप करें*
गरबा शुरू करने से पहले मांसपेशियों को स्ट्रेच करने के लिए वार्म अप करें ताकि चोट का खतरा कम हो। विशेषकर अपने पैरों, कूल्हों और पीठ पर ध्यान दें क्योंकि डांस करने के दौरान ये हिस्से सबसे ज्यादा सक्रिय होते हैं।
*आरामदायक जूते पहनें*
गरबा या डांडिया खेलते समय सपोर्ट वाले फ्लैट और आरामदायक जूते पहनें। ऊंची एड़ी के जूते पहनने से बचें ताकि गिरने या चोट का जोखिम कम हो सके। हाथों की सुरक्षा के लिए बैंड का इस्तेमाल करें।
*स्ट्रेचिंग करें*
स्ट्रेचिंग करने से मांसपेशियां लचीली होती हैं। स्ट्रेचिंग एक्सरसाइज से पैरों को मजबूती मिलती है, जिससे आप डांडिया के हर स्टेप को आसानी से कर पाते हैं और बिना थके नृत्य का आनंद ले सकते हैं।
*स्ट्रेचिंग के तरीके*
*पंजों को छूना*
यह सामान्य स्ट्रेचिंग है, लेकिन शरीर को जितना लचीला लगे उतना ही करें। जबरदस्ती न करें। इसके लिए समतल स्थान पर बैठ जाएं और पैरों को सीधा रखें। अब शरीर के ऊपरी हिस्से को झुकाते हुए पंजों तक दोनों हाथ लेकर जाकर छूने का प्रयास करें।
शरीर का लचीलापन बढ़ाने के लिए दो तरह के योगासनों का अभ्यास कर सकते हैं, जिससे डांडिया और गरबा नाइट्स में पैरों को भी आराम मिलेगा।
पहला है चेयर पोज, जिसे उत्कटासन कहते हैं, उसका अभ्यास अभी से शुरू कर दें। इस आसन में शरीर को इस तरह की पोजिशन में लाएं जैसे आप कुर्सी पर बैठते हैं।
दूसरा है वीरभद्रासन योग, इसमें एक पैर को आगे बढ़ाकर, घुटने को हल्का मोड़ते हुए हाथों को ऊपर उठाया जाता है।
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Oct 05 2024, 13:06