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’मोदी है तो सम्भव है’ पुस्तक का मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने किया विमोचन
रायपुर-      छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने शनिवार रात रायपुर स्थित निवास कार्यालय में सुप्रसिद्ध साहित्यकार, गीतकार रामेश्वर दास वैष्णव द्वारा रचित पुस्तक ’मोदी है तो सम्भव है’ का विमोचन किया। विमोचन करते हुए मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने पुस्तक के लेखक रामेश्वर दास वैष्णव को शुभकामनाएं देते हुए कहा कि देश के यशस्वी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में प्रत्येक क्षेत्र में ऐतिहासिक काम हुए हैं। साथ ही देश के प्रत्येक वर्ग का सर्वांगीण विकास हुआ है। ऐसे में उन्होंने साहित्यिक रचना हेतु पुस्तक के लेखक को बधाई एवं शुभकामनाएं दीं।
इस किताब में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की उपलब्धियों को अलग अंदाज में मुक्तकों के द्वारा प्रस्तुत किया गया है। पुस्तक विमोचन कार्यक्रम के दौरान मुख्यमंत्री निवास कार्यालय में मुख्यमंत्री के प्रेस ऑफिसर आलोक सिंह, सुप्रसिद्ध रंगकर्मी अनिल शर्मा, लेखक विजय मिश्रा ’अमित’, सतीश शर्मा, पत्रकार योगेश मिश्रा, प्रमोद मिश्रा, हेमंत शर्मा उपस्थित रहे।
शाम को व्हाट्सएप पर भेजा मैसेज, सुबह होते ही मौके पर पहुंच गए तहसीलदार, हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर लगाई रोक

बिलासपुर-  तहसीलदार ने शाम 6 बजे व्हाट्सएप में बेदखली नोटिस भेजा और अगले दिन सुबह कार्रवाई प्रारंभ कर दी. इस पर लगाई गई याचिका पर अवकाश के दिन सुबह सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने कार्रवाई पर रोक लगाते हुए बरपाली तहसीलदार को व्यक्तिगत रूप से सोमवार को उपस्थित होने का आदेश दिया है. बता दें कि बरपाली तहसीलदार ने बीते 20 सितंबर की शाम 6 बजे व्हाट्सएप में बेदखली नोटिस भेजा और फिर 21 सितंबर की सुबह कार्रवाई प्रारंभ कर दी, जिसे लेकर हाईकोर्ट में याचिका लगाई गई है.

जानकारी के मुताबिक कोरबा जिला के बरपाली तहसील क्षेत्र के ग्राम कनकी में रहने वाले नूतन राजवाड़े के व्हाट्सएप में बीते 20 सितंबर की शाम 6 बजे के बाद तहसीलदार बरपाली द्वारा सरकारी जमीन से बेदखल करने नोटिस भेजा गया. इस नोटिस में उन्हें खुद से कब्जा हटाने कुछ घंटों का ही समय दिया गया. इसके खिलाफ नूतन राजवाड़े ने हाईकोर्ट में याचिका पेश कर तुरंत सुनवाई का अनुरोध किया. मामले की गंभीरता को देखते हुए अवकाश के दिन जस्टिस पार्थ प्रतीम साहू की विशेष कोर्ट लगाई गई.

सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के अधिवक्ताओं ने कोर्ट को बताया कि अधिकारी मौके पर पहुंच गए हैं और याचिकाकर्ता की जमीन से बाड़ हटाना शुरू कर दिया है. मामले की सुनवाई के दौरान याचिकाकर्ता के वकील ने दलील दी कि याचिकाकर्ता के कब्जे वाली जमीन सरकारी है लेकिन याचिकाकर्ता को उसके स्वामित्व की जमीन के बदले में इसे दिया गया था. तहसीलदार ने छत्तीसगढ़ भूमि राजस्व संहिता 1959 की धारा 248 के तहत कार्यवाही में याचिकाकर्ता के खिलाफ 5 अगस्त 2024 को एक आदेश पारित किया है, जिसके खिलाफ याचिकाकर्ता ने अनुविभागीय अधिकारी राजस्व के समक्ष अपील दायर की है.

सरकारी वकील ने दलील दी कि उन्हें कुछ मिनट पहले ही रिट याचिका की अग्रिम प्रति दी गई है. यह भी कहा कि मोबाइल फोन पर प्राप्त निर्देश के अनुसार, याचिकाकर्ता का अतिक्रमण हटा दिया गया है. मामले में दोनों पक्षों को सुनने के बाद जस्टिस पीपी साहू ने आदेश में कहा कि तथ्यों और परिस्थितियों को देखने पर यह मनमानी लग रहा है. कोर्ट ने अगली सुनवाई की तारीख तक याचिकाकर्ता की भूमि पर कब्जे के संबंध में यथास्थिति बनाए रखने कहा गया है. साथ ही बरपाली तहसीलदार को सोमवार को हाईकोर्ट में व्यक्तिगत रूप से उपस्थित रहने कहा है.

प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान: छत्तीसगढ़ के आदिवासी बाहुल्य 6691 गांवों का होगा कायाकल्प

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के आदिवासी अंचलों में साढ़े 6 हजार से अधिक गांवों में लोगों के बेहतर जीवन स्तर के लिए ‘प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान‘ के अंतर्गत गांवों में आविवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास के साथ-साथ सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने केन्द्र सरकार द्वारा शुरू की गई इस योजना का राज्य में बेहतर क्रियान्वयन के निर्देश दिए हैं।

गौरतलब है कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की कैबिनेट द्वारा हाल में ही इस योजना को मंजूरी दी गई है। इस अभियान के तहत आदिवासी बहुल गांवों और आकांक्षी जिलों में आदिवासी परिवारों के सामाजिक-आर्थिक विकास संबंधी उपलब्धि अर्जित करने, स्वास्थ्य, शिक्षा, पेयजल, कनेक्टिविटी एवं लाईवलीहुड आदि अत्यावश्यक सेक्टर्स का अधोसंरचनात्मक सुधार के कार्य किए जाएगें।

आदिम जाति विकास मंत्री श्री नेताम ने बताया कि राज्य में कुल 30.62 प्रतिशत जनजातीय जनसंख्या निवास करती है। अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों के विकास हेतु भारत सरकार द्वारा राज्य के कुल 4029 ग्रामों का चिन्हांकन किया गया है। जिनमें से वर्ष 2021-22 में 1530 ग्रामों का चयन किया गया था। उक्त ग्रामों में प्रति ग्राम 20.38 लाख के मान से राशि की स्वीकृति प्रदान की जाकर कार्यो का क्रियान्वयन किया जा रहा है। वहीं 733 ग्रामों की ग्राम विकास योजना केन्द्र सरकार को स्वीकृति के लिए प्रेषित की गई है। शेष 1766 ग्रामों की विजेअ डेवलपमेंट प्लान (टक्च् जिलों से तैयार कराई जा रही है।

मंत्री श्री नेताम ने कहा कि वर्तमान में भारत सरकार द्वारा जनजातीय समुदायो को सामाजिक-आर्थिक रूप से मजबूत करने हेतु प्रधानमंत्री आदि आदर्श ग्राम योजना को प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के रूप में क्रियान्वित करने की मंजूरी दी गई है। प्रधानमंत्री जनजातीय उन्नत ग्राम अभियान के अन्तर्गत भारत सरकार द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य के 32 जिलों के 138 विकासखण्डो के 6691 अनुसूचित जनजाति बाहुल्य ग्रामों को शामिल किए गए है।

मंत्री श्री नेताम ने बताया कि इस अभियान के तहत जनजातीय कार्य मंत्रालय, नई दिल्ली द्वारा ट्रायबल मल्टीपरपज मार्केटिंग सेन्टर्स, आश्रम शालाओं, छात्रावासों, शासकीय जनजातीय आवासीय विद्यालयों में अधोसंरचनात्मक सुधार, सिकलसेल डिजीज हेतु सपोर्ट-जागरूकता काउन्सलिंग तथा काम्पीटेन्स सेंटर की स्थापना, एफ.आर.ए. दावे की प्रक्रिया का डिजिटाइलेशन एवं सपोर्ट तथा एफ.आर.ए. सेल की स्थापना आदि गतिविधियों को शामिल किया जायेगा।

भर्तियों की सुनामी : साय सरकार में युवाओं के दुख भरे दिन बीते, मुख्यमंत्री ने ग्रामीण आजीविका मिशन में 237 पदों पर भर्ती को दी मंजूरी

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने राज्य के युवाओं को रोजगार के बेहतर अवसर देने के लिए व्यक्तिगत रूचि लेकर विभागों में रिक्त पदों पर भर्ती को मंजूरी दे रहे हैं। इसी कड़ी में मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा स्वास्थ्य विभाग और लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग के बाद पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग में रिक्त पदों की भर्ती के प्रस्ताव को हरी झण्डी दी गई है। इसके तहत राष्ट्रीय आजीविका मिशन में 237 पदों पर नई भर्ती की जाएगी।

पंचायत एवं ग्रामीण विकास विभाग के राज्य ग्रामीण आजीविका मिशन में भर्ती के प्रस्ताव को वित्त विभाग ने मंजूरी प्रदान कर दी है। जिसमें राज्य स्तर के कुल 09 और जिला स्तरीय 228 पद शामिल हैं। राज्य स्तरीय पदों में सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक (वित्तीय प्रबंधन), सहायक राज्य कार्यक्रम प्रबंधक (फार्म आजीविका), प्रोग्रामर व लेखापाल के एक-एक पद एवं भृत्य के दो पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है।

जिला मिशन प्रबंधन इकाई के 228 पदों में जिला मिशन प्रबंधक के 02, जिला कार्यक्रम प्रबंधक के विभिन्न 21, विकास खण्ड परियोजना प्रबंधक के 23 पद शामिल हैं। इसके अतिरिक्त क्षेत्रीय समन्वयक के 98, लेखापाल के 10 एवं लेखा सह एमआईएस सहायक के 49, कार्यालय सहायक, ऑपरेटर के 17 और भृत्य के 8 पदों पर भर्ती की स्वीकृति दी गई है। इन पदों पर भर्ती होने से मिशन की योजनाओं को अधिक प्रभावी ढंग से लागू किया जा सकेगा, जिससे ग्रामीण समुदायों को सीधा लाभ मिलेगा।

गौरतलब है कि मुख्यमंत्री श्री साय द्वारा हाल में ही पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों और स्वास्थ्य विभाग में 650 पदों पर भर्ती को मंजूरी दी गई है।

स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से संस्थागत प्रसव में हो रहा है बेहतर प्रदर्शन

रायपुर-   मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन एवं स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के विशेष प्रयासों से स्वास्थ्य केन्द्रों द्वारा स्वास्थ्य सेवाओं के विस्तार से संस्थागत प्रसव में बेहतर प्रदर्शन किया जा रहा है। बलौदाबाजार भाटापारा विकासखंड के ग्राम पंचायत करहीबाजार में स्थित आयुष्मान आरोग्य मंदिर में इस वर्ष जनवरी से लेकर अब तक 129 प्रसव हुए हैं जो औसतन 16 प्रतिमाह है। जबकि लक्ष्य 3 प्रतिमाह का है। इस तरह करहीबाजार स्वास्थ्य केंद्र में प्रतिमाह लक्ष्य से पाँच गुना अधिक प्रसव हो रहा है। जो शासकीय संस्थाओं के प्रति लोगों के विश्वास को दिखाता है। आयुष्मान आरोग्य मंदिर में विगत दिनों हुए एक प्रसव में चार किग्रा के शिशु वाली गर्भवती महिला ग्राम केशला निवासी 26 वर्षीय पितर पटेल का सामान्य प्रसव कराया गया। उनके पति हरकुमार पटेल ने बताया की वह कृषि मजदूरी करते हैं और पत्नी का यह तीसरा बच्चा है। बीच में आवश्यक जांच हुई थी और हम लोग एक निजी अस्पताल भी गए थे। पर फिर करहीबाजार के स्वास्थ्य केंद्र में संपर्क किये जहाँ स्वास्थ्य कार्यकर्ता ने आवश्यक दवाईयां और सलाह दी तथा समय-समय पर हम लोग जाँच के लिए जाते रहे है। प्रसव के बाद अब जच्चा बच्चा दोनों स्वस्थ हैं।

इस संबध में भाटापारा के खंड चिकित्सा अधिकारी डॉ राजेन्द्र माहेश्वरी ने बताया की बच्चे का वजन अधिक होने के कारण प्रसव के दौरान अधिक रक्तस्राव,पेल्विक विकृति, गर्भाशय के नीचे सरकने का खतरा हो सकता है। ऐसे में स्वास्थ्य केंद्र में सामान्य प्रसव एक उपलब्धि है जिससे परिजनों का किसी संभावित परेशानी से भी बचाव हुआ। उक्त स्वास्थ्य केंद्र में शकुन बंजारे और विक्रम शर्मा ग्रामीण स्वास्थ्य संयोजक और आशा दिवाकर सामुदायिक स्वास्थ्य अधीकारी के रूप में अपनी सेवा दे रहे है।

गौरतलब है की कलेक्टर दीपक सोनी के निर्देश में जिला प्रशासन द्वारा नागरिकों को आयुष्मान आरोग्य मंदिर में ही प्रसव की सुविधा प्रदान करने और संस्थागत प्रसव को बढ़ाने देने के उद्देश्य से जिला खनिज न्यास निधि से कई केंद्रों में स्वास्थ्य कार्यकर्ताओं की नियुक्ति की गई थी जिसके अच्छे परिणाम मिल रहे है।

साल भर बीत जाने के बाद भी अब तक नहीं मिली राहत राशि, सूखा प्रभावित अन्नदाताओं को राहत का इंतजार

गरियाबंद-  पिछले खरीफ सीजन में कम वर्षा के चलते सूखा पड़ा था. देवभोग,अमलीपदर और मैनपुर तहसील में सूखा प्रभावित रकबे का सर्वे किया गया. राजस्व विभाग ने तय मापदंडों के आधार पर आरबीसी 6_4 अंतर्गत प्रकरण भी तैयार कर राहत मद से रुपये की मांग का प्रस्ताव राज्य सरकार को भेज दिया है.

तैयार प्रकरण के मुताबिक सर्वाधिक देवभोग तहसील के 70 गांव में 3478 किसानों के 3989.52 हेक्टयर रकबा प्रभावित हुआ, जिसके लिए 3 करोड़ 38 लाख 26075 रुपये राहत राशि,अमलीपदर तहसील में 2238 कृषकों के 2689.197 हेक्टेयर पर 2 करोड़ 28 लाख 64762 रुपये और मैनपुर तहसील के 249 कृषकों के 227.49 हेक्टेयर पर सूखे का प्रभाव पाया गया. जिसके लिए 19 लाख 33815 रुपये राहत राशि का प्रकरण दर्ज किया गया.

देवभोग तहसीलदार चितेश देवांगन और मैनपुर एसडीएम पंकज डाहरे ने कहा कि विधिवत प्रकरण दर्ज कर राहत शाखा के माध्यम से राहत राशि की मांग के लिए शासन को प्रस्ताव भेजा गया है. मद में रुपये आते ही राहत राशि दे दिए जाएंगे.

डिफाल्टर हुए 356 किसान, 1.56 करोड़ का कर्ज बकाया

सूखा राहत और मुआवजा की मांग को लेकर अपनी जिद में अड़े झाखरपारा, झिरिपानी समिति के 22 गांव और कोसुमकानी गांव मिलाकर 2285 किसानों ने समर्थन मूल्य में धान नहीं बेचा. इनमें से 356 किसान 1 करोड़ 56 लाख का कर्ज भी नहीं पटा पाया, जिन्हें डिफाल्टर केटेगरी में रखा गया है. इस साल से डिफाल्टर किसानों पर लिए गए कर्ज का ब्याज भी चढ़ना शुरू हो गया है.

ब्याज से बचने लिया साहुकारी कर्ज

समर्थन मूल्य में धान नहीं बेचने के बावजुद सहकारी बैंक का कर्ज पटाने वाले कोसमकानी के कृषक तीकोराम, जालंधर,पदुलोचन ने बताया कि कर्ज पटाने घरेलू समान और जेवरात गिरवी रख साहुकारी कर्ज लेना पड़ा था. ब्याज से बचने प्रभावित गांव के ज्यादतर किसानों ने मिली बीमा राशि और साहुकार कर्ज लेकर ही कर्ज पटाया है. इन्हें इस साल काफी आर्थिक तंगी का सामना भी करना पड़ा है.

किसान संघर्ष समिति के अध्यक्ष जयकिशन नागेश ने कहा कि सरकार बनते ही प्रतिनिधि मंडल लंबित राहत राशि की मांग को लेकर सीएम साय, कृषि मंत्री और स्थानीय जनप्रतिनिधि से भी मिल ज्ञापन सौंप चुके हैं, लेकिन उन्हें अब तक राहत नहीं मिला है.

छत्तीसगढ़ को मिली पहली ऑल इंडिया पुलिस क्लस्टर वेटलिफ्टिंग चैंपियनशिप की मेजबानी
दुर्ग-   अखिल भारतीय पुलिस कंट्रोल बोर्ड नई दिल्ली और छत्तीसगढ़ पुलिस के द्वारा प्रथम अखिल भारतीय वेटलिफ्टिंग क्लस्टर (वेटलिफ्टिंग, योगा और पावर लिफ्टिंग) चैंपियनशिप 2024-2025 का आयोजन 23 से 27 सितंबर 2024 तक किया जा रहा है। यह आयोजन छत्तीसगढ़ के लिए गर्व का क्षण है, क्योंकि पहली बार आयोजित हो रहे इस चैंपियनशिप की मेज़बानी राज्य को मिली है।

बता दें कि इस चैंपियनशिप में देश के विभिन्न राज्यों, केन्द्र शासित प्रदेशों और केन्द्रिय सुरक्षा बलों की 33 टीमें भाग ले रही हैं, जिसमें कुल 1500 कोच और खिलाड़ी हिस्सा ले रहे हैं। चैंपियनशिप का आयोजन भिलाई के तीन अलग-अलग स्थानों पर होगा, जिससे क्षेत्र में खेलों के प्रति उत्साह और बढ़ेगा।

प्रतियोगिता में विभिन्न श्रेणियों में कई इवेंट्स आयोजित किए जाएंगे:

पावरलिफ्टिंग (पुरुष/महिला): कुल 10 इवेंट
वेटलिफ्टिंग (पुरुष/महिला): कुल 8 इवेंट
योगा (पुरुष/महिला): कुल 5 इवेंट

गौरतलब है कि इस चैंपियनशिप में अलग-अलग आयु वर्ग के खिलाड़ियों के बीच कुल 312 मेडल के लिए प्रतिस्पर्धा होगी, जिसमें छत्तीसगढ़ पुलिस के 52 खिलाड़ी भाग लेंगे। छत्तीसगढ़ पुलिस द्वारा चैंपियनशिप में आने वाले सभी मैनेजरों, कोचों और प्रतिभागियों का गमछा और गुलदस्ता देकर भव्य स्वागत किया जा रहा है। सभी खिलाड़ियों और कोचिंग स्टाफ के लिए विभिन्न स्थानो में आवास व्यवस्था और भोजन के लिये जयंती स्टेडियम ग्राउण्ड में किया गया है।

इस आयोजन से न केवल खेलों को बढ़ावा मिलेगा, बल्कि छत्तीसगढ़ का नाम भी राष्ट्रीय स्तर पर रोशन होगा। सभी खेल प्रेमियों और दर्शकों से अपील है कि वे इस प्रतिष्ठित आयोजन में भाग लेकर खिलाड़ियों का उत्साह बढ़ाएं।

जगदलपुर में खुला पासपोर्ट कार्यालय, अब नहीं लगाना होगा रायपुर का चक्कर…

जगदलपुर-    जगदलपुर में शनिवार को देश का 442वां पासपोर्ट कार्यालय शुरू हो गया. रायपुर, बिलासपुर, कोरबा, दुर्ग, राजनांदगांव और कांकेर के बाद जगदलपुर में खुला यह राज्य का 10वां पासपोर्ट कार्यालय है. अब बस्तर के लोगों को पासपोर्ट बनवाने के लिए रायपुर तक की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी.

बस्तर सांसद महेश कश्यप और विदेश मंत्रालय के संयुक्त सचिव व मुख्य पासपोर्ट अधिकारी डॉ. केजे श्रीनिवासन की मौजूदगी में सेवा केंद्र का उद्घाटन किया गया. इस दौरान जगदलपुर निवासी प्रीतम कुमार को नया पासपोर्ट प्रदान किया गया. हालांकि, सेवा केंद्र में नए पासपोर्ट के लिए आवेदन की प्रक्रिया सोमवार से शुरू होगी.

बताया गया कि यहां शुरुआत में प्रतिदिन 45 लोगों से पासपोर्ट के लिए आवेदन लिए जाएंगे. डाक विभाग के कर्मचारियों को इस काम के लिए नियुक्त किया गया है. कार्यक्रम के दौरान बस्तर सांसद महेश कश्यप ने कहा कि पासपोर्ट कार्यालय खुलने से बस्तर के लिए दुनिया का द्वार खुल गया है, और अब बस्तर के व्यवसायी, मजदूर, विद्यार्थी सब अपने काम के लिए विदेश जा सकेंगे.

केंद्रीय जेल में कैदी की मौत का मामला, परिजनों ने की पुलिस जवान की पिटाई, पूरे मामले में जांच के आदेश

दुर्ग-   छत्तीसगढ़ के दुर्ग जिले की केंद्रीय जेल में बंद एक विचाराधीन कैदी की संदिग्ध मौत के बाद मामले ने तूल पकड़ लिया है. मृतक कैदी सुंदर जाल की मौत के बाद जिला अस्पताल की मोर्च्युरी में गुस्साए परिजनों ने पुलिस जवान से मारपीट की, जिसका वीडियो अब तेजी से वायरल हो रहा है. इस घटना के बाद गृह मंत्री ने पूरे मामले की जांच के आदेश दिए हैं. 

मोर्च्युरी में मृतक के परिजनों का हंगामा

मृतक के शव को पोस्टमार्टम के बाद परिजनों को सौंपा जाना था, लेकिन मोर्च्युरी में परिजनों ने हंगामा कर दिया. वायरल हो रहे वीडियो में परिजन पुलिस जवान को धक्का देकर अंदर घुसते और उसकी पिटाई करते नजर आ रहे हैं. परिजनों का आरोप है कि सुंदर जाल की मौत पुलिस की पिटाई से हुई है और वे इस मामले की निष्पक्ष जांच की मांग कर रहे हैं.

यह है पूरा मामला

बता दें कि गांजा बेचने के मामले में एनडीपीएस एक्ट के तहत युवक सुंदर जाल को पाटन थाना पुलिस ने दो साल पहले गिरफ्तार किया था. पुलिस ने सुंदर जाल को कोसानगर से पकड़ा था. जिसकी शुक्रवार को दुर्ग सेंट्रल जेल में अचानक मौत हो गई. मृतक आरोपी के परिजनों ने मामले में जांच की मांग करते हुए जेल प्रबंधन पर हत्या का आरोप लगाया है.

मामले में जेल प्रबंधन ने बताया कि कैदी की स्वाभाविक मौत हुई है. जेल अधीक्षक ने परिजनों को बताया कि सुंदर जाल के अचेत होकर गिरने के कारण उसे अस्पताल ले जाया गया. जहां डॉक्टर ने उसे मृत घोषित कर दिया.

आखिर किसकी अनुमति से एनएचएआई की जमीन पर डंप हुई औद्योगिक राखड़, क्या बेशकीमती जमीन कब्जाने डंप की गई राखड़ ?

धरसीवा-  रायपुर-बिलासपुर हाइवे की सांकरा से सिमगा सिक्स लाइन किनारे एनएचएआई की जमीन पर रातों रात सैंकड़ों डंफर औद्योगिक राखड़ डंप कर दी गई और वर्तमान में भी यह क्रम जारी है। यह किसकी अनुमति से हुआ इसका जवाब किसी के पास नहीं है। बड़ा सवाल यह है की कहीं यह सब एनएचएआई की सिक्स लाइन किनारे की बेशकीमती जमीन को कब्जाने की कोई बड़ी साजिश तो नहीं।

इस प्रतिनिधि ने जब धरसीवा और चरोदा के बीच सिक्स लाइन किनारे का नजारा देखा तो सैंकड़ों डंफर औद्योगिक राखड़ एनएचएआई के लंबे भूभाग में डंप दिखी। सिक्स लाइन के उपर भी राखड़ होने से वाहनों के आते जाते समय राखड़ उड़कर दोपहिया चालकों की आंखों में चुभ रही थी, जिससे दुर्घटना की भी आशंका बनी हुई है।

फसलों पर भी मंडराया खतरा

भारी मात्रा में एनएचएआई की जमीन पर औद्योगिक राखड़ डंप होने से नालों के माध्यम से खेतों तक जाने वाला पानी भी लाल हो गया है यही केमिकल युक्त पानी जब खेतों में पहुंचेगा तो धान की फसल को भी बर्बाद करेगा।

निर्माण एजेंसी भी हलाकान

रातों रात एनएचएआई की जमीन पर फेंकी जा रही केमिकल युक्त औद्योगिक राखड़ से रायपुर बिलासपुर हाइवे की निर्माण एजेंसी पुंज लॉयड के कर्मचारी भी हलाकन हैं। सिक्स लाइन के उपर भी फेंकी जा रही राखड़ वाहनों के आते जाते और हवा के झोंके में उड़कर दोपहिया चालकों की आंखों में चुभ रही है। इससे कोई हादसा न हो जाए इसलिए उन्हें सिक्स लाइन से राखड़ की बार बार सफाई भी करानी पड़ रही है।

सिलतरा की नामी फैक्ट्री की है राखड़

सूत्रों से ज्ञात हुआ है की उक्त राखड़ सिलतरा औद्योगिक क्षेत्र की एक नामी फैक्ट्री का है। एक ओर जहां उक्त फैक्ट्री की राखड़ ठिकाने लगाने का काम चल रहा है तो वही दूसरी ओर राखड़ डंप कर जमीन का लेबल सिक्स लाइन के बराबर लाकर एनएचएआई की बेशकीमती जमीन को हड़पने की साजिश भी है।

एनएचएआई अधिकारी ने काट दिया काल

इस संबंध में इस प्रतिनिधि ने जब एनएचएआई के अधिकारी आईईएस प्रवीण को काल कर पूरी बात बताई और उनका इस मामले में पक्ष जानना चाहा तो उन्होंने काल कट कर दिया। इसके बाद पुनः उन्होंने काल रिसीव नहीं किया।