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कलेक्टर ने 5 साल की मासूम को थप्पड़ जड़ने वाले प्रिंसिपल को हटाया, BEO को किया प्रभार मुक्त, लोक शिक्षण संचालनालय से की निलंबन की शिफारिश

बिलासपुर-   बहन के साथ स्कूल पहुंची 5 साल की मासूम को थप्पड़ जड़ने वाले प्रभारी प्राचार्य चितरंजन कुमार राठौर के खिलाफ कलेक्टर अवनीश शरण ने बड़ी कार्रवाई की है। मामले की जांच के बाद उन्होंने प्रभारी प्राचार्य पद से हटा दिया है और उन्हें बीईओ कार्यालय मस्तूरी में उपस्थिति देने आदेशित किया गया है। इसके अलावा विकासखंड शिक्षा अधिकारी शिव राम टंडन को भी पद से हटा दिया गया है। उनके स्थान पर एरमशाही शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला के के प्राचार्य ईश्वर प्रसाद सोनवानी को मस्तूरी BEO का प्रभार सौंपा गया है।

बता दें कि मामला पचपेड़ी विकासखंड के मस्तूरी स्थित स्वामी आत्मानंद अंग्रेजी माध्यम विद्यालय का है। जहां प्रभारी प्राचार्य चितरंजन कुमार राठौर ने अपनी बहन के साथ स्कूल आई हुई 5 साल की मासूम को थप्पड़ मारा और डांट लगाई गई, जिससे वह बुरी तरह से भयभीत हो गई। मामले की शिकायत के बाद प्रारंभिक जांच में इस घटना की पुष्टि होने पर, बिलासपुर जिले के कलेक्टर अवनीश शरण ने राठौर को प्राचार्य पद से हटाते हुए बीईओ कार्यालय मस्तूरी में उपस्थित होने का निर्देश दिया है। साथ ही, उनके निलंबन का प्रस्ताव संचालक लोक शिक्षण रायपुर को भेजा गया है।

मस्तूरी विकासखंड में ऐसी घटनाएं लगातार सामने आने से स्पष्ट होता है कि विकासखंड शिक्षा अधिकारी शिव राम टंडन का नियंत्रण कमजोर रहा है। इस कारण उन्हें भी पद से हटाते हुए प्रभार ईश्वर प्रसाद सोनवानी, प्राचार्य शासकीय उच्चतर माध्यमिक शाला एरमशाही, को सौंपा गया है। कलेक्टर अवनीश शरण ने स्पष्ट किया कि बच्चों के साथ किसी भी प्रकार का दुर्व्यवहार बर्दाश्त नहीं किया जाएगा, और ऐसे मामलों में सख्त कार्रवाई की जाएगी।

महिला की मौत मामले में जांच के निर्देश, कलेक्टर ने कहा- दोषियों के खिलाफ होगी सख्त कार्रवाई

बिलासपुर-     सिम्स अस्पताल में इंजेक्शन से 56 वर्षीय महिला की कथित मौत मामले पर कलेक्टर अवनीश शरण ने संज्ञान लिया है. कलेक्टर ने इस घटना की जांच के लिए टीम गठित की है. उन्होंने समिति को तीन दिन में जांच रिपोर्ट प्रस्तुत करने कहा है. कलेक्टर ने यह भी स्पष्ट किया कि अगर किसी प्रकार की लापरवाही पाई जाती है, तो दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी.

अस्पताल अधीक्षक डॉ. सुजीत नायक ने बताया कि कलेक्टर के निर्देश पर जांच कमिटी का गठन कर लिया गया है. समिति ने जांच भी शुरू कर दी है. कलेक्टर ने अस्पताल में ऐसी व्यवस्था शुरू करने के लिए प्रस्ताव तैयार करने कहा जिसमें मरीज को केवल एक बार ही पंजीयन काउंटर पर आना पड़े. इसके बाद मरीज को सीधे ही संबंधित विभाग में उपचार के लिए रखा जाए. मरीज के परिजन पंजीयन कक्ष में सारी औपचारिकताएं एक ही बार में पूरी कर सकें. निगम आयुक्त अमित कुमार, अस्पताल अधीक्षक डॉ. एसके नायक सहित संबंधित अधिकारी भी निरीक्षण में साथ थे.

कलेक्टर ने सिम्स का किया निरिक्षण

कलेक्टर अवनीश शरण ने आज फिर सिम्स अस्पताल का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल में मरीजों की सुविधाओं में वृद्धि के लिए जल्द हेल्प डेस्क बनाने कहा. कलेक्टर ने कहा कि पंजीयन काउंटर के पास ही मरीजों को अस्पताल में सहूलियत देने हेल्प डेस्क स्थापित किया जाए. यहां एक डेडीकेटेड कर्मचारी नियुक्त करने कहा जो मरीजों को सभी तरह की जानकारी सरल भाषा में दे सके. कलेक्टर ने पूरे अस्पताल में घूम-घूम कर साफ सफाई का जायजा लिया. उन्होंने अस्पताल में तीन बार सफाई करने के निर्देश दिए. सुबह 7 से 09 बजे, 11 से 01 और शाम को 5 से 06 बजे नियमित साफ सफाई होने चाहिए. कलेक्टर ने कहा कि इसमें किसी भी प्रकार की कोताही बर्दाश्त नहीं की जाएगी.

कलेक्टर ने मरीजों की सुविधा बढ़ाने के लिए किए जा रहे निर्माण कार्यों को देखा. नगर निगम के अधिकारियों को निर्देशित किया कि कैजुअल्टी और गार्डन के पास नाली निर्माण जल्द किया जाए. पीडब्ल्यूडी को बचे हुए टॉयलेट और ड्रेनेज का काम हर हाल में एक हफ्ते में पूर्ण करने के निर्देश दिए. मरीजों के सुविधा पूर्वक आने-जाने के लिए 6 लिफ्ट हैं. सभी चालू हालत में हैं, एक और लिफ्ट का काम जल्द पूरा करने को कहा. कलेक्टर अवनीश शरण ने विभिन्न वार्डों में पहुंचकर मरीजों से मुलाकात की. साथ ही अस्पताल से मिल रहे भोजन, इलाज और दवाइयों की जानकारी ली. परिजन शेड के किनारे ड्रेनेज को ठीक करने को कहा है. उन्होंने लेबर वार्ड, आपातकालीन वार्ड, ट्रायज, गार्डन, किचन शेड, पार्किंग आदि का निरीक्षण किया. साथ ही मरीजों को बेहतर इलाज मुहैया कराने निर्देश दिए.

लोहारीडीह हिंसा : लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है, जिसे PHQ भेजे हैं उसे जेल भेजिए – भूपेश बघेल, पूर्व CM को बिरनपुर याद है – विजय शर्मा
रायपुर-     कवर्धा के लोहारीडीह हिंसा कांड पर सियासी आग ऐसे लग चुकी है कि ये धीरे-धीरे और फैलती ही जा रही है. कांग्रेस ने इसे बड़ा मुद्दा बना लिया और बयानों और आरोपों के साथ सरकार के खिलाफ सीधे सड़क पर उतर आई है. जिस मुद्दे को लेकर कांग्रेस आज सड़क पर आंदोलनरत है यह तय है कि यह मुद्दा आगामी दक्षिण उपचुनाव, निकाय और पंचायत चुनाव में भी उठेगा और सड़क और चुनावी शोर के बाद सड़क की लड़ाई सदन तक पहुँचेगी. क्योंकि कांग्रेस की रणनीति आगामी दिनों में और आक्रमक रहेगी. तभी तो पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने आज पत्रकारों से चर्चा में यह ऐलान कर दिया कि यह लड़ाई अभी खत्म नहीं हुई है. हिंसा प्रभावित हर व्यक्ति के न्याय तक लड़ते रहेंगे. कलेक्टर और एसपी को हटाने से काम नहीं चलेगा. एसपी को पुलिस मुख्यालय भेजने से काम नहीं चलेगा, उन्हें जेल भेजना चाहिए.
भूपेश बघेल ने शासन-प्रशासन पर गम्भीर आरोप लगाते हुए कहा कि गृहमंत्री के क्षेत्र में कानून का हाल ऐसा है तो फिर भरोसा जनता किस पर करेगी. एक ही घटना में तीन-तीन हत्या हो जाना और फिर उसमें लीपापोती करने की कोशिश करना यह बताता है कि सिस्टम चल किस तरह है.
कांग्रेस इस मामले में सरकार पर दबाव नहीं बनाती तो मामला दबा दिया जाता. मैं तो लोहारीडीह होके आया हूँ, खौफ का मंजर है. प्रशांत साहू की जिस तरह पुलिस पिटाई में हत्या हुई है वह दर्दनाक है. उनके परिवार वाले मीडिया के सामने नहीं आते कई बातें छिपी रह जाती. अभी तो यह भी जानकारी आई है कि कई और लोग हैं जो पुलिस पिटाई से गम्भीर रूप से घायल हैं.
उन्होंने कहा कि अस्पताल में भर्ती घायलों ने हमने मिलने की कोशिश की लेकिन मिलने नहीं दिया जा रहा है. पता चला है कि अंबडेकर अस्पताल में 7 लोगों को गोपनीय तरीके से भर्ती कराया गया, जिनका इलाज चल रहा है.
पूर्व मुख्यमंत्री को बिरनपुर याद है- विजय शर्मा
वहीं भूपेश बघेल के आरोपों पर गृहमंत्री विजय शर्मा ने पलटवार करते हुए कहा कि पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल को बिरनपुर याद है. उन्हें नहीं भूलना चाहिए कांग्रेस की सरकार में किस तरह से साम्प्रदायिक हिंसा फैला था ? किस तरह से भुनेश्वर साहू नामक युवा की हत्या कर दी गई थी. तब एक भी मंत्री गाँव पहुँचने की हिम्मत नहीं जुटा पाए थे.
गृहमंत्री विजय शर्मा ने कहा कि कवर्धा में जब लोगों को पीटा गया था, तब किसको सस्पेंड किया था. उन्हें पुरस्कृत किया गया था, जिन्होंने डंडे मारे थे. हमने मुख्यमंत्री से भी कहा कि किसी को भी वहां जाना चाहिए तो जरूर जाएं. गृह मंत्री ने बताया कि उन्होंने पुलिस वालों से भी कहा है कि वे इस मामले की जांच करें, क्योंकि मामला गंभीर है. इसमें पूरी तरह से मजिस्ट्रीयल जांच होगी. जो निर्दोष हैं उन्हें छोड़ा जाएगा. उन्होंने अपना नम्बर जेलर को दिया और कहा, अगर कोई भी महिला बंदी उनसे बात करना चाहे तो उनसे बात कराएं.
लोहारीडीह हिंसा मामला: गिरफ्तार महिलाओं से मिलने केंद्रीय जेल पहुंची महिला आयोग की अध्यक्ष, महिला बंदियों का दर्ज किया बयान

दुर्ग-   कवर्धा के लोहारडीह गांव में हुई आगजनी और हत्याकांड के मामले में अब राजनीति शुरू हो चुकी है। गृह मंत्री विजय शर्मा के जेल में बंद महिला बंदियों से मुलाकात करने के बाद अब 33 महिला बंदियों से मिलने राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक केंद्रीय जेल दुर्ग पहुंची। यहां उन्होंने महिला बंदियों से पूछताछ कर बयान दर्ज किया। उनके साथ में एक शासकीय डॉक्टर, पुलिस प्रशासन की ओर से आईयूसीएडब्ल्यू प्रभारी पद्मश्री तंवर और दुर्ग तहसीलदार क्षमा यदु उनके साथ मौजूद थीं।

राज्य महिला आयोग की अध्यक्ष किरणमयी नायक ने इस मामले में मीडिया से चर्चा करते हुए कहा कि जेल में 33 महिला को गिरफ्तार कर रखा गया है। इनमें से 30 महिलाओं के शरीर पर चोट के निशान हैं। महिलाओं को अलग कमरे में ले जाकर पर्सनली उनसे बातचीत की और उन्होंने अपने कपड़े हटाकर अपने घाव दिखाए।

किरणमयी नायक ने कहा कि घटना के बाद घरों में घुसकर कई निर्दोष महिलाओं को मारा गया वहीं थाने लाकर भी उनसे मारपीट की गई है। उन्होंने कहा कि एक महिला को गिरफ्तार कर जेल में लाया गया फिर उसकी बेटे के मौत के बाद उसे अंतिम संस्कार के लिए ले जाया गया था। यह किस प्रक्रिया के तहत हुआ इसे जानने की जरूरत है।

किरणमयी नायक ने बताया कि कई महिलाओं के शरीर पर चोट हैं, जो बता रहे हैं कि उनके साथ में कितनी बर्बरता की गई है। इनमें कई देवरानी जेठानी है तो कई एक ही परिवार के हैं। किरणमयी नायक ने बताया कि अपनी जांच रिपोर्ट हाईकोर्ट के चीफ जस्टिस व राज्यपाल को सौंपेगी।

पीएम आवास बनने से बिरहोर बुधवारा बाई को कच्चे मकान में जिंदगी बसर करने से मिली राहत

रायपुर-    विशेष पिछड़ी जनजातियों को समाज की मुख्यधारा से जोड़ने और उन्हें सभी मूलभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा प्रारम्भ की गई कल्याणकारी योजना पीएम जनमन का लाभ सुदूर अंचलों में निवासरत विशेष पिछड़ी जनजाति बाहुल्य वाले इलाकों तक पहुंच रहा है। प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के मार्गदर्शन में जिले में आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का स्वयं के पक्के मकान निर्माण के सपने को हकीकत में बदला जा रहा है।

कोरबा जिले के पाली विकासखंड के ग्राम पंचायत डूमरकछार की रहने वाली विशेष पिछड़ी जनजाति बिरहोर समूह की बुधवारा बाई को पीएम आवास निर्माण होने से कच्चे मकान में जिंदगी बसर करने से राहत मिली है। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के घर मे खुशहाली के साथ रह रही है। हितग्राही ने बताया कि वह पहले अपने कच्चे मकान में परिवार के साथ रहती थी। पक्का आवास की इच्छा तो हमेशा से थी परंतु जितनी घर की आमदनी थी उसमें परिवार का पालन पोषण हो पाता था। थोड़ी बहुत जमा पूंजी कच्चे मकान की समय-समय पर मरम्मत में खर्च हो जाती थी। जिससे उनका पक्का मकान बनाने का सपना, सपना ही रह गया था।

योजना का लाभ लेकर पक्का मकान बन जाने से बुधवारा बाई को इन सभी परेशानियों से छुटकारा मिला है। अब उसे बारिश में छत से पानी टपकने या गीले दीवारों की चिंता नही रही। साथ ही सांप बिच्छुओं का भी डर नही रहा। अब वह अपने परिवार के साथ पक्के मकान में खुद को सुरक्षित महसूस करती है एवं सुखद जीवन व्यतीत कर रही है। उन्होंने बताया कि प्रधानमंत्री जनमन आवास योजना के तहत वर्ष 2023-24 में आवास निर्माण हेतु स्वीकृति मिली। मकान निर्माण की विभिन्न चरणों में उन्हें 02 लाख रुपए की राशि चार किश्तों में उनके बैंक खाते में मिली तथा मनरेगा के माध्यम से 95 दिवस की मजदूरी की राशि भी प्राप्त हुई। हितग्राही ने बताया कि केंद्र व राज्य सरकार की जनकल्याणकारी योजनाओं से उनके सामाजिक जीवन मे काफी बदलाव आया है, उन्हें शासन की अनेक योजनाओ का लाभ नियमित रूप से मिल रहा है जिससे उनके जीवन स्तर में सुधार आया है। उन्होंने प्रधानमंत्री आवास योजना के माध्यम से आर्थिक रूप से कमजोर परिवारों का घर बनाने के सपने को सच करने हेतु जिला प्रशासन सहित प्रधानमंत्री श्री मोदी व मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को धन्यवाद ज्ञापित किया।

विख्यात पंडवानी गायिका तीजन बाई के स्वास्थ्य पर रखी जा रही निगरानी, मुख्यमंत्री के निर्देश पर चिकित्सकों का दल उपचार और देखभाल के लिए तैनात

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय विख्यात पंडवानी गायिका पद्मविभूषण तीजन बाई के स्वास्थ्य को लेकर चिंतित हैं। उन्होंने तीजन बाई के बेहतर स्वास्थ्य लाभ की कामना की है। मुख्यमंत्री श्री साय ने जिला प्रशासन को तीजन बाई के बेहतर उपचार और देखभाल के लिए जरूरी निर्देश दिए हैं।

मुख्यमंत्री श्री साय के निर्देश पर चिकित्सकों का दल द्वारा तीजन बाई के स्वास्थ्य पर लगातार निगरानी रखी जा रही है। स्वास्थ्य विभाग के चिकित्सकों के दल द्वारा दुर्ग जिले के ग्राम गनियारी स्थित आवास में उनकी नियमित रूप से स्वास्थ्य जांच की जा रही है।

मुख्यमंत्री की पहल पर मुस्कूटी से मुख्य मार्ग तक सड़क निर्माण के लिए मिली स्वीकृति ग्रामीणों में खुशी की लहर,मुख्यमंत्री निवास पहुंचकर जताया आभार

रायपुर-     प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णु देव साय द्वारा राज्य के विभिन्न क्षेत्रों में सुविधाजनक और सुरक्षित आवागमन के लिए सड़कों के निर्माण की विशेष पहल की जा रही है। इस कड़ी में प्रदेश के सुदुर आदिवासी इलाके में जशपुर जिले के कांसाबेल क्षेत्र के अंतर्गत मुस्कुटी से मुख्य मार्ग तक सड़क निर्माण के लिए लोक निर्माण विभाग द्वारा 4 करोड़ 28 लाख रूपये स्वीकृत किए गए हैं। मुस्कुटी के ग्रामीणों ने मुख्यमंत्री निवास बगिया पहुंचकर मुख्यमंत्री की धर्मपत्नी कौशल्या देवी से मुलाकात कर सड़क निर्माण कार्यों को स्वीकृत करने के लिए हृदय से आभार व्यक्त किया है। इस मौके पर ग्रामीणों ने कहा कि हमारे संवेदनशील मुख्यमंत्री की इस पहल से अब क्षेत्र की इन सड़कों के कार्य पूर्ण हो जाने पर कुनकुरी एवं जिला मुख्यालय तक काफी दूरी कम होगी और इससे ग्रामीणों को आवागमन में सुविधा होगी। ग्रामीणों ने कहा कि जिले में अन्य कई सड़कों के निर्माण और मरम्मत कार्य के लिए भी करोड़ों रूपये स्वीकृत किए गए है।

ग्रामीणों ने बताया कि बरसात के मौसम में सड़कों पर कीचड़ और दलदल के कारण यात्रियों और राहगीरों को आवागमन में भारी परेशानी होती थी। अब सड़क के निर्माण हो जाने पर इन समस्याओं से मुक्ति मिलेगी और आवागमन सुगम और सुरक्षित हो सकेगा। इस सड़क निर्माण कार्य की शुरूआत के साथ ही स्थानीय निवासियों के जीवनस्तर में सुधार होगा और क्षेत्र के समग्र विकास में तेजी आएगी।

नेशनल लोक अदालत: छत्तीसगढ़ को मिली ऐतिहासिक सफलता

रायपुर-     छत्तीसगढ़ राज्य में तृतीय नेशनल लोक अदालत का आयोजन किया गया। मुख्य न्यायाधिपति छत्तीसगढ़ उच्च न्यायालय-सह-मुख्य संरक्षक न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा छत्तीसगढ़ राज्य विधिक सेवा प्राधिकरण द्वारा राज्य के सभी 23 जिला एवं सत्र न्यायालयों से वर्चुअल मोड के माध्यम जुड़कर लोक अदालत की कार्यवाहियों का निरीक्षण किया गया।

मुख्य न्यायाधिपति रमेश सिन्हा द्वारा सभी जिलों के प्रधान जिला न्यायाधीशों व अन्य खण्डपीठ के पीठासीन अधिकारियों से संवाद व चर्चा की गई और लोक अदालत की प्रगति का जायजा लिया गया और उन्हें अधिक से अधिक प्रकरणों के निराकरण के लिए मार्गदर्शन करते हुए प्रोत्साहित किया गया।

मुख्य न्यायाधिपति के द्वारा उच्च न्यायालय बिलासपुर में नेशनल लोक अदालत के संबंध में गठित दोनों खण्डपीठों का भी भ्रमण किया गया और लोक अदालत की कार्यवाहियों का जायजा लेते हुए अधिवक्ताओं एवं पक्षकारों को लोक अदालत के माध्यम से प्रकरणों को निराकृत कराये जाने की बात कही गई।

मुख्य न्यायाधिपति द्वारा सभी 23 जिलों का वर्चुअल मोड से निरीक्षण जहां आधुनिक तकनीक का न्यायालयीन कार्यवाहियों में उपयोग को दर्शाता है, वहीं माननीय मुख्य न्यायाधिपति की यह पहल लोक अदालत के पीठासीन अधिकारियों, सदस्यों व पक्षकारों को प्रोत्साहित करने के साथ साथ पक्षकारों में विश्वास सृजित करेगा और लोक अदालत को और विश्वसनीयता और प्रमाणिकता प्रदान करेगा।

उल्लेखनीय है कि मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा नेशनल लोक अदालत की तैयारियों के संबंध में सभी जिले के प्रधान जिला न्यायाधीशों के साथ बैठक कर सतत् पर्यवेक्षण करते हुए मार्गदर्शन दिया गया था। मुख्य न्यायाधिपति के छत्तीसगढ उच्च न्यायालय में पदभार ग्रहण करने के उपरांत से छत्तीसगढ में शीघ्र सुलभ व सस्ता न्याय की अवधारणा को साकार करते हुए लोगों को लोक अदालत के माध्यम से त्वरित न्याय प्रदान किया जाना सुनिश्चित हो पा रहा है।

छत्तीसगढ़ राज्य में उच्च न्यायालय से लेकर तालुका स्तर न्यायालयों के साथ-साथ राजस्व न्यायालयों में आयोजित नेशनल लोक अदालत में 8 लाख 84 हजार से अधिक मामलों का निराकरण करते हुए 229 करोड़ रूपये से अधिक का अवार्ड पारित किया गया। इस नेशनल लोक अदालत में यह महत्वपूर्ण रहा है कि सुकमा जिले में बाढ़ के कारण पक्षकार जिला न्यायालय तक नहीं आ पाए उन पक्षकारों को वीडियो कान्फ्रेंसिंग के माध्यम से जोड़कर प्रकरणों में राजीनामा के आधार पर निराकरण किया गया।

मुख्य न्यायाधिपति न्यायमूर्ति रमेश सिन्हा द्वारा उच्च न्यायालय में गठित लोक अदालत की दोनों खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारी न्यायमूर्तिगण व सदस्यों का धन्यवाद ज्ञापित किया है। मुख्य न्यायाधिपति द्वारा राज्य के सभी सम्मानित प्रधान जिला न्यायाधीशगणों और नेशनल लोक अदालत के संबंध में राज्य में गठित सभी खण्डपीठों के पीठासीन अधिकारियों और खण्डपीठ के सदस्यों, राजस्व अधिकारियों, पुलिस प्रशासन सभी न्यायालयीन कर्मचारियों के साथ-साथ सभी पैरालीगल वालेण्टियर, अन्य विभागों के अधिकारियों और कर्मचारियों तथा पक्षकारों तथा अन्य सभी लोगों जिन्होंने प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रूप से इस नेशनल लोक अदालत को एतिहासिक रूप से सफल बनाने में योगदान दिया है, को धन्यवाद ज्ञापित किया है।

नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने कुम्हारी नगर पालिका तथा भिलाई-चरोदा व रिसाली नगर निगमों का दौरा कर कार्यों की समीक्षा की

रायपुर-      नगरीय प्रशासन एवं विकास विभाग के संचालक कुंदन कुमार ने आज कुम्हारी नगर पालिका तथा भिलाई-चरोदा और रिसाली नगर निगमों का दौरा कर कार्यों की समीक्षा की। उन्होंने तीनों नगरीय निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण कार्यों का भी निरीक्षण किया। सर्वोच्च न्यायालय के निर्देशानुसार नगरीय निकायों के आगामी आम निर्वाचन के लिए महापौरों, नगर पालिकाओं और नगर पंचायतों के अध्यक्षों तथा वार्ड पार्षदों के पदों के लिए आरक्षण किया जाना है। राज्य शासन द्वारा अन्य पिछड़ा वर्ग के आरक्षण के लिए अन्य पिछड़ा वर्ग कल्याण आयोग का गठन किया गया है। आयोग के निर्देश पर सभी निकायों में अन्य पिछड़ा वर्गों के सर्वेक्षण का कार्य चल रहा है जिसे 25 सितम्बर तक पूर्ण किया जाना है।

नगरीय प्रशासन विभाग द्वारा राज्य के सभी नगरीय निकायों में ओबीसी सर्वेक्षण का कार्य समय-सीमा में पूर्ण कराने के लिए गंभीरतापूर्वक कार्यवाही की जा रही है। संचालनालय और संभागीय कार्यालयों द्वारा इसकी मॉनिटरिंग के लिए टीमों का गठन किया गया है। नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक कुंदन कुमार खुद प्रतिदिन वीडियो कॉन्फ्रेसिंग के माध्यम से सभी नगर निगमों, नगर पालिकाओं एवं नगर पंचायतों में सर्वेक्षण कार्यों की समीक्षा कर रहे हैं। उन्होंने आज कुम्हारी नगर पालिका पहुंचकर औचक निरीक्षण कर सर्वेक्षण कार्यों में तेजी लाने के साथ ही निविदा प्रक्रिया में पादर्शिता, शुचिता तथा जेम पोर्टल के स्पेशिफिकेशन्स के अनुरूप खरीदी के निर्देश दिए।

नगरीय प्रशासन विभाग के संचालक श्री कुमार ने कुम्हारी नगर पालिका में चल रहे अधोसंरचना मद और 15वें वित्त आयोग के कार्यों की भी समीक्षा की तथा संधारित नस्तियों का अवलोकन किया। उन्होंने निकाय की कार्यप्रणालियों में खामी मिलने तथा सर्वेक्षण कार्यों की प्रगति संतोषजनक नहीं पाए जाने पर सीएमओ एवं संबंधित प्रभारी लिपिकों को नोटिस जारी किया। निरीक्षण के दौरान कार्यालय में प्रभारी कार्यपालन अभियंता के अनुपस्थित पाए जाने पर उसे भी नोटिस जारी किया गया।

संचालक, नगरीय प्रशासन ने कुम्हारी नगर पालिका के बाद भिलाई-चरोदा नगर निगम और रिसाली नगर निगम का भी निरीक्षण किया। उन्होंने दोनों नगर निगमों में भी ओबीसी सर्वेक्षण और अन्य कार्यों की प्रगति की समीक्षा की और आवश्यक निर्देश दिए।

राष्ट्रपति भवन में बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने रखी अपनी पीड़ा, साय की संवेदनशील पहल का हुआ उल्लेख

नई दिल्ली-     राष्ट्रपति भवन में आज का दिन बस्तर के नक्सल पीड़ितों के लिए उम्मीदों भरा था। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल के तहत, अपनी पीड़ा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा। उनके चेहरे पर वर्षों से झेले गए अत्याचार की छाप थी, लेकिन उनकी आंखों में अब उम्मीद की किरण भी नजर आ रही थी।

राष्ट्रपति से मुलाकात का उद्देश्य साफ था — नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को देश की सर्वोच्च शक्ति के सामने रखना और बस्तर को माओवाद के आतंक से मुक्त कराने की अपील करना। मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने बताया कि कैसे माओवादी हमलों ने उनके जीवन को तबाह कर दिया है।

बस्तरवासियों की व्यथा

प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि पिछले चार दशकों से बस्तरवासी माओवादी आतंक का दंश झेल रहे हैं। माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने उनके जीवन को तहस-नहस कर दिया है। विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी वे पूरी तरह टूट चुके हैं।

प्रतिनिधियों ने बताया कि माओवादियों ने उनके घर, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है। बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं। आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं। जहां देश के अन्य हिस्सों में लोग स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वहीं बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल

प्रतिनिधिमंडल ने जब राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखी, तो उन्होंने खास तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को सराहा। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उनके नेतृत्व में बस्तर में न केवल नक्सल उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने बस्तरवासियों में एक नई आशा जगाई है।

शांति और पुनर्निर्माण की अपील

बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधिमंडल के नेताओं मंगऊ राम कावड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, ताकि वहां फिर से शांति और सामान्य जीवन लौट सके।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की व्यथा गंभीरता से सुनी और आश्वासन दिया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही उन्हें राहत मिलेगी।