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राष्ट्रपति भवन में बस्तर के नक्सल पीड़ितों ने रखी अपनी पीड़ा, साय की संवेदनशील पहल का हुआ उल्लेख

नई दिल्ली-     राष्ट्रपति भवन में आज का दिन बस्तर के नक्सल पीड़ितों के लिए उम्मीदों भरा था। छत्तीसगढ़ के नक्सल प्रभावित बस्तर क्षेत्र से आए 70 लोगों का एक प्रतिनिधिमंडल, मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल के तहत, अपनी पीड़ा को लेकर राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से मिलने पहुंचा। उनके चेहरे पर वर्षों से झेले गए अत्याचार की छाप थी, लेकिन उनकी आंखों में अब उम्मीद की किरण भी नजर आ रही थी।

राष्ट्रपति से मुलाकात का उद्देश्य साफ था — नक्सली हिंसा से प्रभावित लोगों की समस्याओं को देश की सर्वोच्च शक्ति के सामने रखना और बस्तर को माओवाद के आतंक से मुक्त कराने की अपील करना। मुलाकात के दौरान पीड़ितों ने बताया कि कैसे माओवादी हमलों ने उनके जीवन को तबाह कर दिया है।

बस्तरवासियों की व्यथा

प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को अवगत कराया कि पिछले चार दशकों से बस्तरवासी माओवादी आतंक का दंश झेल रहे हैं। माओवादी हमलों में हजारों लोग अपनी जान गंवा चुके हैं और सैकड़ों लोग अपंग हो चुके हैं। बारूदी सुरंगों और बम विस्फोटों ने उनके जीवन को तहस-नहस कर दिया है। विस्फोटों से न केवल शरीर को नुकसान पहुंचा है, बल्कि मानसिक रूप से भी वे पूरी तरह टूट चुके हैं।

प्रतिनिधियों ने बताया कि माओवादियों ने उनके घर, जमीन और संस्कृति को भी बर्बाद कर दिया है। बस्तर में 8,000 से अधिक लोग पिछले ढाई दशकों में माओवादी हिंसा के शिकार हुए हैं। आज भी कई लोग नक्सलियों के डर के साये में जीने को मजबूर हैं। जहां देश के अन्य हिस्सों में लोग स्वतंत्रता का आनंद ले रहे हैं, वहीं बस्तर के लोग अपनी जमीन और अस्तित्व की लड़ाई लड़ रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की संवेदनशील पहल

प्रतिनिधिमंडल ने जब राष्ट्रपति के समक्ष अपनी बात रखी, तो उन्होंने खास तौर पर छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व को सराहा। प्रतिनिधिमंडल ने राष्ट्रपति को बताया कि छत्तीसगढ़ के मुख्यमंत्री की संवेदनशील पहल और नेतृत्व के कारण बस्तर में शांति बहाली और विकास के कई महत्वपूर्ण कदम उठाए गए हैं। उनके नेतृत्व में बस्तर में न केवल नक्सल उन्मूलन के लिए प्रभावी कार्य किए जा रहे हैं, बल्कि लोगों को शिक्षा, स्वास्थ्य और रोजगार जैसी मूलभूत सुविधाएं भी उपलब्ध कराई जा रही हैं। उनके द्वारा शुरू की गई योजनाओं ने बस्तरवासियों में एक नई आशा जगाई है।

शांति और पुनर्निर्माण की अपील

बस्तर शांति समिति के प्रतिनिधिमंडल के नेताओं मंगऊ राम कावड़े और जयराम दास ने राष्ट्रपति से अनुरोध किया कि बस्तर में शांति बहाल करने के लिए ठोस और निर्णायक कदम उठाए जाएं। उन्होंने कहा कि बस्तर कभी अपनी प्राकृतिक सुंदरता और शांतिपूर्ण जीवन के लिए जाना जाता था, लेकिन माओवादी आतंक ने इस स्वर्ग को बर्बाद कर दिया है। उन्होंने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि बस्तर को माओवादी आतंक से मुक्त करने के लिए विशेष प्रयास किए जाएं, ताकि वहां फिर से शांति और सामान्य जीवन लौट सके।

राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने नक्सल पीड़ितों की व्यथा गंभीरता से सुनी और आश्वासन दिया कि सरकार बस्तर में शांति और विकास के लिए हरसंभव कदम उठाएगी। उन्होंने कहा कि बस्तरवासियों के बेहतर भविष्य के प्रति सरकार पूरी तरह से प्रतिबद्ध है और जल्द ही उन्हें राहत मिलेगी।

छत्तीसगढ़ वन विभाग ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 में पिछली सफलता को दोहराने पूरी तैयारी में

रायपुर-      वन मंत्री केदार कश्यप के मार्गदर्शन में छत्तीसगढ़ वन विभाग ने आगामी ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 की तैयारियों को जोर-शोर से शुरू कर दिया है। इस वर्ष यह प्रतिष्ठित आयोजन छत्तीसगढ़ की राजधानी रायपुर में होने जा रहा है, जिसमें देशभर के वन विभाग के अधिकारी और कर्मचारी 250 से अधिक खेल स्पर्धाओं में हिस्सा लेंगे।

स्पोर्ट्स मीट में एथलेटिक्स, बैडमिंटन, बास्केटबॉल, फुटबॉल, हॉकी, लॉन टेनिस, वॉलीबॉल, क्रिकेट और टेबल टेनिस जैसे 20 से अधिक खेलों में प्रतिभागियों के बीच कड़ी प्रतिस्पर्धा देखने को मिलेगी।

ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट के लिए छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों के चयन हेतु एक विशेष टूर्नामेंट 29 अगस्त से 31 अगस्त 2023 तक आयोजित किया गया था।जिसमें 350 से अधिक प्रतिभागियों का चयन हुआ। वर्तमान में छत्तीसगढ़ के चयनित प्रतिभागी अनुभवी और पेशेवर प्रशिक्षकों के निर्देशन में एवं प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख व्ही. श्रीनिवास राव के संरक्षण में प्रशिक्षण शिविरों में कड़ी मेहनत और समर्पण के साथ तैयारी कर रहे हैं।

राज्य के वरिष्ठ आईएफएस अधिकारी एवं नोडल अधिकारी शालिनी रैना ने बताया कि प्रतिभागियों के लिए रायपुर के सर्वसुविधायुक्त मैदानों एवं कोर्ट्स में प्रशिक्षण कार्यक्रम आयोजित करवाया जा रहा है। इसके साथ ही उनके आहार और स्वास्थ्य की देखभाल की जा रही है, ताकि उनकी शारीरिक और मानसिक क्षमता को बेहतर बनाया जा सके। पिछले वर्षों में छत्तीसगढ़ के प्रतिभागियों ने इन खेल प्रतियोगिताओं में शानदार प्रदर्शन किया है। विशेष रूप से गत वर्ष 2023 में पंचकुला, हरियाणा में आयोजित ऑल इंडिया फॉरेस्ट स्पोर्ट्स मीट में छत्तीसगढ़ ने 67 गोल्ड मेडल जीतकर प्रथम स्थान प्राप्त किया था। इस बार भी प्रतिभागी उसी जुनून और मेहनत से तैयारी कर रहे हैं, ताकि अपने पिछले रिकॉर्ड को और बेहतर बनाया जा सके।

टीम में कई ऐसे स्टार खिलाड़ी शामिल हैं जिन्होंने अपने प्रदर्शन से प्रदेश का नाम रोशन किया है। इनमें एथलेटिक्स की चारुलता गजपाल, वेटलिफ्टिंग की तेजा साहू, और तैराकी में मनीराम आदिले शामिल हैं। ये खिलाड़ी बीते वर्षों में छत्तीसगढ़ के लिए कई गोल्ड मेडल्स जीत चुके हैं और इस बार भी उनसे बेहतरीन प्रदर्शन की उम्मीद की जा रही है। छत्तीसगढ़ की टीम अनुशासन और जोश के साथ इस प्रतियोगिता की तैयारियों में जुटी है और सभी को विश्वास है कि इस बार भी प्रदेश की टीम मेडल तालिका में शीर्ष स्थान पर रहेगी।

स्व. श्याम पाण्डेय के तेरहवीं कार्यक्रम में शामिल हुए राज्यपाल एवं मुख्यमंत्री, तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर दी विनम्र श्रद्धांजलि
रायपुर-     छत्तीसगढ़ के राज्यपाल रमेन डेका एवं मुख्यमंत्री विष्णु देव साय आज पूर्व राज्यसभा सांसद सरोज पाण्डेय के पिता स्व. श्याम पाण्डेय के तेरहवीं कार्यक्रम दुर्ग जिले के मैत्री नगर भिलाई दशहरा मैदान रिसाली में शामिल हुए।

राज्यपाल श्री डेका एवं मुख्यमंत्री श्री साय ने स्व. श्याम पाण्डेय के तैलचित्र पर पुष्प अर्पित कर विनम्र श्रद्धांजलि दी। उन्होंने दिवंगत पुण्यात्मा को शांति प्रदान करने ईश्वर से प्रार्थना की। विधानसभा अध्यक्ष डॉ. रमन सिंह, उप मुख्यमंत्री अरूव साव, राजस्व एवं आपदा प्रबंधन मंत्री टंकराम वर्मा, वरिष्ठ नेता सौदान सिंह, विधायक विक्रम उसेण्डी, किरण देव, डोमनलाल कोरसेवाड़ा, गजेन्द्र यादव, ललित चंद्राकर, राजेश मूणत सहित अन्य जनप्रतिनिधियों ने भी पुष्प अर्पित कर श्रद्धांजलि दी।
पोषण माह में बच्चों के पोषण एवं जनजागरूकता हेतु चलाया जा रहा महाअभियान

रायपुर-       छत्तीसगढ़ के 52 हजार से अधिक आंगनबाड़ी केंद्रों में 01 से 30 सितंबर तक राष्ट्रीय पोषण माह 2024 का आयोजन किया जा रहा है। जिसमें ग्राम पंचायतों के जनप्रतिनिधि, मितानिन, 0 से 6 वर्ष के बच्चों के अभिभावकों को शामिल करते हुए महिला बाल विकास विभाग एवं स्वास्थ्य विभाग के द्वारा संयुक्त रूप से प्रत्येक आंगनबाड़ी में कार्यक्रमों का आयोजन किया जा रहा है। जिसके तहत महिला एवं बाल विकास विभाग की पर्यवेक्षक, मितानिन, आंगनबाड़ी कार्यकर्ताएं, सहायिकाएं प्रतिदिन आंगनबाड़ियों में विभिन्न कार्यक्रमों का आयोजन कर रहे हैं।

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने प्रदेशवासियों को पोषण माह में अपना सहयोग देने को कहा है। पोषण माह के दौरान इस वर्ष एनीमिया, वृद्धि निगरानी, पूरक पोषण आहार, पोषण भी और पढ़ाई भी, गुणवत्तापूर्ण सेवा प्रदाय हेतु तकनीक का प्रयोग और समग्र पोषण पर ध्यान केंद्रित किया जा रहा है। श्री साय ने कहा है कि जन समुदाय तक स्वास्थ्य पोषण एवं स्वच्छता संबंधित संदेशों के व्यापक प्रचार प्रसार हेतु 1 सितम्बर 2024 से 30 सितंबर 2024 तक पोषण माह का आयोजन किया जा रहा है ताकि एक जन आंदोलन के रूप में सुपोषण की यात्रा में समुदाय की विभिन्न घटक सहभागी हो सके।

पोषण माह के अंतर्गत महिलाओं के साथ एनीमिया पर चर्चा के साथ उनकी एनीमिया की जांच भी की जा रही है, पर्यावरण संरक्षण एवं जल संरक्षण के ऊपर जन समुदाय को जागरूक करने के साथ टेक्नोलॉजी का सरकारी कामकाज अनुप्रयोग विषय पर भी चर्चा की जा रही है जिसका थीम है ’टेक्नोलॉजी फॉर गवर्नेंस एरियाज इनफ्लुएंसिंग न्यूट्रिशन’। इसके माध्यम से सरकारी योजनाओं जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना का लाभ प्रथम गर्भवती महिलाओं को दिलाना, जिसकी एंट्री ऑनलाइन होती है एवं आंगनबाड़ी में बच्चों की सभी जानकारियों की एंट्री पोस्ट ट्रैकर में करते हुए उन्हें लाभान्वित करना आदि किया जा रहा है।

पोषण माह से समुदाय में आ रही जागरूकता

पोषण माह के अंतर्गत महिलाओं बच्चों को लाभान्वित करने के लिए विभिन्न योजनाओं का लाभ उन्हें पहुंचा जा रहा है जैसे प्रधानमंत्री मातृत्व वंदना योजना के तहत जो माताएं लाभान्वित होने से छूट गई थी उन्हें लाभ दिलाया जा रहा है, पोषक आहार पर दिए गए ज्ञान से गर्भवती महिलाओं के खान-पान में सुधार देखने को मिल रहा है वे अब प्रोटीन को अपने आहार में शामिल कर रही हैं, पोषण माह मानने से आंगनबाड़ी में जन समुदाय की भागीदारी बढ़ी है साथ ही साथ वजन त्यौहार भी मनाया जा रहा है जिसमें जनप्रतिनिधि भी शामिल होकर जनसमुदाय को स्वस्थ एवं पोषण के संबंध में जागरूक करने सामने आ रहे हैं और अपनी भागीदारिता निभा रहे हैं। राज्य में राष्ट्रीय पोषण माह के अंतर्गत डैशबोर्ड में अब तक 40 लाख 21 हजार 870 गतिविधियों की एंट्री की जा चुकी है।

खुद की दुकान खोलकर शहर बंद कराने निकले कांग्रेस जिलाध्यक्ष
सक्ती-   कवर्धा जिले के लोहारीडीह कांड को लेकर कांग्रेस ने आज छत्तीसगढ़ बंद का आव्हान किया था, जिसका प्रदेश में मिला-जुला असर रहा, लेकिन सक्ती से ऐसी भी खबर आई जिसने कांग्रेस को ही आईना दिखा दिया है. दरअसल यहां कांग्रेस के जिलाध्यक्ष दादू जायसवाल खुद की दुकान खोलकर शहर बंद कराने निकले.

व्यापारियों ने भी नहीं दिया समर्थन

कांग्रेस के प्रदेश बंद का सक्ती में बंद का असर देखने को नहीं मिला. व्यापारियों ने कांग्रेस के बंद को समर्थन नहीं दिया, यहां तक कांग्रेस जिला अध्यक्ष ने अपने खुद के प्रतिष्ठान वंदना इंजीनियरिंग और वंदना इलेक्ट्रिक खुले रखे. कांग्रेस जिला अध्यक्ष की देखा-देखी अन्य व्यापारियों ने भी अपनी-अपनी दुकानें खुली रखीं.

सक्ती नगर पालिका के नेता प्रतिपक्ष भाजपा नेता धनंजय नामदेव ने कांग्रेस के जिला अध्यक्ष पर खुद ही पार्टी का निर्देशों का पालन नहीं करने का आरोप लगाया है. उनका कहना है कि कांग्रेस के जिला अध्यक्ष खुद ही अपनी प्रतिष्ठान दुकानें खुली रखकर व्यापारियों की दुकान बंद कराने निकले, इसलिए व्यापारी उनका समर्थन नहीं कर रहे हैं. जब खुद जिला अध्यक्ष ही अपने पार्टी के निर्देशों का पालन नहीं कर रहे हैं तो आम जनता से कांग्रेस कैसे समर्थन की उम्मीद कर सकती है. वहीं इस मामले में कांग्रेस जिला अध्यक्ष कुछ भी कहने से बच रहे हैं.

सरोज पांडे के पिता को श्रद्धांजलि देने पहुंचे राज्यपाल डेका, सीएम साय समेत बीजेपी के आला नेता

भिलाई-   भारतीय जनता पार्टी की राष्ट्रीय उपाध्यक्ष सरोज पांडे के पिता स्व. श्याम पांडे की श्रद्धांजलि सभा में शामिल होने राज्यपाल रमेन डेका, मुख्यमंत्री विष्णु देव साय, डिप्टी सीएम अरुण साव, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष किरण सिंह देव भिलाई पहुंचे। सीएम साय ने स्व. श्याम पांडे को श्रद्धांजलि अर्पित की। राज्यपाल रमेन डेका ने भी श्रद्धांजलि अर्पित कर सरोज पांडे के परिवार से मुलाकात की।

दरअसल 9 सितंबर को पूर्व सांसद सरोज पांडेय के पिता श्याम पांडेय का 92 वर्ष की उम्र में निधन हो गया था। आज भिलाई के रिसाली दशहरा मैदान में उनके श्रद्धांजलि सभा का आयोजन किया गया था। इसमें राज्यपाल रमेन डेका मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय, उप मुख्यमंत्री अरुण साव, भाजपा के पूर्व प्रदेश संगठन मंत्री सौदान सिंह, प्रदेश के कई भाजपा और कांग्रेस के विधायक समेत संगठन के पदाधिकारी श्रद्धांजलि देने पहुंचे थे।

लोहारीडीह हिंसा : प्रशांत की मौत पर किसान और साहू समाज ने राजधानी में किया प्रदर्शन, न्यायिक जांच और 1 करोड़ मुआवजे की मांग

रायपुर- कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव के किसान प्रशांत साहू की कस्टडी में मौत के मामले को लेकर प्रदेशभर के किसान और साहू समाज के लोग रायपुर में एकत्र हुए. इस दौरान बड़ी संख्या में किसान और समाज के सदस्य जयस्तंभ चौक पहुंचे और शहीद वीर नारायण सिंह की मूर्ति के नीचे प्रशांत साहू को श्रद्धांजलि अर्पित की. घटना के विरोध में किसानों ने आजाद चौक से जयस्तंभ चौक तक पैदल मार्च किया. प्रदर्शनकारियों ने प्रशांत साहू की मौत की न्यायिक जांच, पीड़ित परिवार को एक करोड़ रुपये मुआवजा और परिवार के एक सदस्य को सरकारी नौकरी देने की मांग की है.

किसान नेता अशोक कश्यप ने कहा कि कवर्धा जिले के लोहारीडीह गांव के किसान पुत्र प्रशांत साहू की जेल में पुलिस पिटाई में निर्मम हत्या हुई हैं. इसलिए उनको न्याय दिलाने के लिए उच्च न्यायालय के न्यायाधीश से उसकी जांच करने की मांग को लेकर के प्रशांत साहू परिवार के परिवार को सरकारी नौकरी के साथ एक करोड़ मुआवजा देने, प्रथम दृष्टि दोषी वही होता है जो वहां की व्यवस्था को लेकर जिम्मेदार पुलिस अधीक्षक हैं. जेल में जो हत्या हुई है उसके जिम्मेदार जेलर हैं. इस मामले में हमने मुख्यमंत्री से मुलाकात की है. मुख्यमंत्री ने कार्रवाई का आश्वासन दिया है. घटना को लेकर आज हम जन जागरण रैली निकालकर प्रशांत साहू को श्रद्धांजलि अर्पित की है.

छत्तीसगढ़ बंद को लेकर किसानों ने कहा कि समाज में राजनीति को लेकर कोई भी कार्रवाई नहीं करना चाहिए. उन्होंने कहा, हमारी यही मांग है हम किसान लोग अनाथ नहीं हैं. आज के समय में जो रक्षक हैं वो भक्षक रूप में काम कर रहे हैं. इसको लेकर बलौदाबाजार में भी अग्निकांड हुआ. बागबाहरा में एक किसान की फांसी लगाकर मौत हो गई. प्रशांत साहू को न्याय मिलना चाहिए. उन्होंने कहा कि हम लोग छत्तीसगढ़ संयुक्त किसान मोर्चा के बैनर तले जनहित के लिए लड़ाई लड़ते हैं.

पुतला दहन के दौरान प्रदर्शनकारियों और पुलिस के बीच झूमाझटकी

कवर्धा कांड को लेकर बड़ी संख्या में आक्रोशित साहू समाज ने टिकरापारा स्थित साहू कॉम्प्लेक्स के सामने गृहमंत्री का पुतला दहन कर किया प्रदर्शन. इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झूमाझटकी हुई. प्रदर्शन के दौरान साहू समाज ने गृहमंत्री के खिलाफ नारेबाजी करते हुए गृहमंत्री के इस्तीफे की मांग की.

परिवहन विवाद पर किया नगरनार स्टील प्लांट का गेट बंद, एनएमडीसी को करोड़ों का नुकसान

जगदलपुर-  परिवहन विवाद पर बस्तर परिवहन संघ और जय झाड़ेश्वर परिवहन सहकारी समिति ने मिलकर नगरनार स्टील प्लांट के गेट नंबर 2 को बंद कर दिया है. पूरे दिन प्लांट से माल का परिवहन ठप रहने से एनएमडीसी को करोड़ों रुपए का नुकसान झेलना पड़ रहा है. 

बस्तर परिवहन संघ और जय झाड़ेश्वर परिवहन सहकारी समिति के विरोध प्रदर्शन का मुख्य कारण परिवहन कार्य में स्थानीय लोगों की उपेक्षा और परिवहन भाड़े में लगातार गिरावट बताया गया है. वहीं प्लांट के महाप्रबंधक रफीक अहमद ने इस विरोध को अवैध और प्लांट की सुरक्षा के लिए खतरनाक करार दिया है.

उन्होंने कहा कि मटेरियल गेट नंबर 2 का बंद होना आवश्यक कच्चे माल की आपूर्ति में बाधा आई है. इसके साथ सुरक्षा संबंधी गंभीर जोखिम उत्पन्न हो सकते हैं. इसके साथ ही प्लांट महाप्रबंधक ने घटनाक्रम की जानकारी जिला प्रशासन और पुलिस को दे दी है, इसके साथ ही किसी अप्रिय घटना के लिए प्रदर्शनकारियों को जिम्मेदार ठहराया है.

नक्सलवाद के खिलाफ अंतिम लड़ाई, 800 नए जवान तैनात : बस्तर आईजी बोले –

जगदलपुर-   बस्तर के घने जंगलों में नक्सलियों से लोहा लेने के लिए सीआरपीएफ की चार नई बटालियन की तैनाती शुरू हो चुकी है. नक्सल प्रभावित दक्षिण बस्तर में कुल 3,200 जवानों की तैनाती की जाएगी. हाल ही में 800 जवानों की पहली बटालियन छत्तीसगढ़ पहुंच चुकी है.

केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने नक्सलवाद को 2026 तक जड़ से खत्म करने का वादा किया था और अब बस्तर में सुरक्षा बलों की यह नई तैनाती उसी दिशा में बड़ा कदम मानी जा रही है. बस्तर आईजी का कहना है कि सीआरपीएफ की नई बटालियनों की तैनाती से न केवल सुरक्षा की स्थिति बेहतर होगी, बल्कि नक्सलियों के प्रभाव वाले इलाकों में विकास की योजनाएं भी तेजी से पहुंचाई जा सकेंगी.

गांवों में आसानी से पहुंचेगी बुनियादी सुविधाएं

आईजी ने बताया, इन जवानों को उन इलाकों में तैनात किया जा रहा है, जहां अभी तक नक्सली आतंक का दबदबा था और सिक्योरिटी वैक्युम जैसी स्थिति बनी हुई थी. अधिकारियों का मानना है कि इन जवानों की तैनाती से न केवल सुरक्षा का दायरा बढ़ेगा बल्कि विकास की योजनाओं को भी सुगमता से लागू किया जा सकेगा. इसके अलावा बस्तर के सुरक्षा शिविरों के 5 किलोमीटर के दायरे में स्थित गांवों में बुनियादी सुविधाएं और जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाया जाएगा.

सुरक्षाबलों का बढ़ेगा मनोबल, नक्सलियों पर बढ़ेगा दबाव

नक्सल एक्सपर्ट का मानना है कि सीआरपीएफ की तैनाती से सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ेगा और नक्सलियों पर दबाव बढ़ेगा. यह तैनाती नक्सलियों के सुरक्षित ठिकानों पर भी असर डालेगी. नई बटालियनों के आने से बस्तर में पहले से तैनात सुरक्षाबलों का मनोबल बढ़ेगा और नक्सली अब अपने सबसे सुरक्षित इलाकों में भी दबाव महसूस करेंगे. दक्षिण बस्तर के जंगलों में तैनात सीआरपीएफ की ये नई बटालियन नक्सलियों के खिलाफ इस अंतिम लड़ाई में निर्णायक साबित हो सकती है.

राहुल गांधी के बयान पर भाजपा का पलटवार, पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल ने कहा- कांग्रेस हमेशा आरक्षण विरोधी रही है

रायपुर-  राहुल गांधी के अमेरिका में दिए बयान को लेकर छत्तीसगढ़ में सियासत गर्म है। आज भाजपा के वरिष्ठ नेता और पूर्व केंद्रीय मंत्री कौशल किशोर ने एकात्म परिसर में प्रेस कांफ्रेंस ली। उन्होंने कांग्रेस पर पलटवार करते हुए कहा कि राहुल गांधी ने अमेरिका में बयान दिया कि हम जब सक्षम होंगे तब निष्पक्ष बनेंगे। क्या वे भारत सरकार को निष्पक्ष नहीं मानते?, राहुल गांधी ने आरक्षण को खत्म करने की भी बात कही, कांग्रेस हमेशा आरक्षण विरोधी रही है।

पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर ने कहा कि पं. नेहरू से लेकर उनके तमाम नेता आरक्षण विरोधी रहे। पं. नेहरू ने दो बार डॉ. बीआर आंबेडकर को चुनाव हराने का काम किया यानी कांग्रेस शुरू से आरक्षण विरोधी रही। कांग्रेस ने कभी संविधान दिवस नहीं मनाया। पूर्व केंद्रीय मंत्री किशोर ने कहा कि डॉ. आंबेडकर और संविधान सभा ने संविधान में धर्म के आधार पर आरक्षण को मान्यता नहीं दी थी, फिर भी ओबीसी कोटा से आंध्र प्रदेश में 4 प्रतिशत, केरल में 8 प्रतिशत और तमिलनाडु में 3.5 प्रतिशत आरक्षण मुस्लिम समुदाय को देकर संविधान का उल्लंघन किया।

उन्होंने कहा कि देश 1947 में आजाद हुआ, 57 वर्ष केंद्र में कांग्रेस सरकार रहते हुए संविधान दिवस नहीं बनाया गया। भारतीय संविधान हमारे लिए राष्ट्रीय ग्रंथ है इस भावना के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 2015 से शासकीय स्तर पर संविधान दिवस मनाना चालू किया।

पत्रकार वार्ता के दौरान प्रदेश के खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, भाजपा अनुसूचित जाति मोर्चा के प्रदेश अध्यक्ष नवीन मार्कण्डेय, पूर्व सांसद कमला देवी पाटले, भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी अमित चिमनानी और अनुसूचित जाति मोर्चा के रायपुर अध्यक्ष बसंत बाघ उपस्थित थे।