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भारत स्काउट्स और गाइड्स हीरक जयंती पर रायपुर में होगा जम्बूरी का आयोजन

रायपुर-      छत्तीसगढ़, भारत स्काउट्स और गाइड्स के 19वें राष्ट्रीय जम्बूरी’ और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी’ की मेजबानी करने जा रहा है, जो छत्तीसगढ़ राज्य के लिए एक ऐतिहासिक उपलब्धि होगी।

यह जानकारी छत्तीसगढ़ स्काउट्स एंड गाइड के राज्य अध्यक्ष एवं रायपुर सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने दी। प्रेस क्लब में आयोजित पत्रकार वार्ता के दौरान श्री अग्रवाल ने बताया कि, यह कार्यक्रम भारत स्काउट्स और गाइड्स के हीरक जयंती वर्ष के दौरान आयोजित किया जाएगा जो सेवा और युवा सशक्तिकरण के 75 वर्षों की स्मृति में आयोजित किया जा रहा है।

हीरक जयंती उत्सव ’नवंबर 2024’ से शुरू होकर ’नवंबर 2025’ में ’हीरक जयंती समापन समारोह ’’19वें राष्ट्रीय जम्बूरी और प्रथम ’विश्व गर्ल गाइड्स जम्बूरी के साथ समाप्त होगा। जम्बूरी का आयोजन नवंबर 2025 में किया जाएगा। इस अंतर्राष्ट्रीय कार्यक्रम में भारत समेत करीब 125 देशो के 35ए000 से अधिक प्रतिभागियों’ के शामिल होने की संभावना है।

जंबूरी का उद्देश्य मुख्य रूप से स्काउट्स और गाइड्स को राष्ट्रीय/ अंतरराष्ट्रीय स्तर पर एक मंच उपलब्ध कराना है जहां गाईडस एक साथ रहकर अपने अनुभवों को साझा करते हैै जिससे उनमें सेवा भाव और नेतृत्व क्षमता का विकास होगा साथ ही सांस्कृति क्षमता का अदान-प्रदान होगा इसके अलावा कौसल विकास, शिक्षा और सामाजिक मुद्दों पर चर्चा होगी। साथ ही हस्तकला में प्रशिक्षण दिया जायेगा।

जम्बूरी देश और दुनिया भर के स्काउट्स और गाइड्स को एकता और सीखने की भावना सें एक साथ लाता है। यह वसुधैव कुटुम्बकम की अवधारणा को चरितार्थ करता है। वैश्विक स्तर और भारत में, राष्ट्रीय जम्बूरी हर चार साल में आयोजित की जाती है। जनजातीय प्रदर्शनी थीम पर आधारित होगी जम्बूरी बृजमोहन अग्रवाल

छत्तीसगढ़ में जम्बूरी का मुख्य आकर्षण जनजातीय प्रदर्शनी होगी, जो छत्तीसगढ़ के हृदय और आत्मा का उत्सव होगा। आगामी जम्बूरी में विशेष रूप से छत्तीसगढ़ की ’आदिवासी धरोहर’ और ’युवा नेतृत्व’ पर जोर दिया जाएगा। जम्बूरी के माध्यम से छ.ग. की सांस्कृतिक विरासत (लोक नृत्य, लोक-गीत, तीज त्यौहार) और समृद्व आदिवासी कला (धोकरा कला, गोंड चित्रकला, माटी शिल्प) हस्तशिल्प को वैश्विक मंच मिलेगा। जिससे राज्य के ग्रामीण और आदिवासी रोजगार के नये अवसर प्राप्त होंगे।

भारत स्काउट गाइड की शुरूआत 7 नवंबर 1950 को हुई थी। पहली जम्बूरी साल 1953 में हैदराबाद में हुआ था और 18वी. जंबूरी का आयोजन 2003 में राजस्थान के पाली जिले में हुआ था।
जंबूरी के आयोजन को लेकर कल माननीय मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जी के साथ हुई बैठक भी हुई थी जिसमें मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल ने कार्यक्रम की विस्तृत जानकारी पेश की जिस पर मुख्यमंत्री जी ने इस जम्बूरी की मेजबानी को सहमती देते हुए युवा विकास, सांस्कृतिक आदान-प्रदान और नेतृत्व प्रशिक्षण के महत्व को रेखांकित किया था।

छत्तीसगढ़ सरकार से इस आयोजन की सफलता के लिए ’₹25 करोड़’ के बजट को मंजूरी देने का अनुरोध किया गया है, जिससे राज्य की संस्कृति और प्रगति को वैश्विक स्तर पर पहचान मिल सके।प्रेस वार्ता में भारत स्काउट्स एंड गाइड के मुख्य राष्ट्रीय आयुक्त डॉ. के.के. खंडेलवाल और पदाधिकारी भी उपस्थित रहे।

कांग्रेस के छत्तीसगढ़ बंद को नहीं मिला चेंबर ऑफ कॉमर्स का समर्थन, प्राइवेट स्कूल एसोसिएशन ने कही ये बात…
रायपुर-    चेंबर ऑफ कॉमर्स एंड इंडस्ट्रीज ने कांग्रेस के 21 सितंबर के छत्तीसगढ़ बंद को समर्थन नहीं दिया है। चेंबर अध्यक्ष ने कहा है कि इतने अल्प समय में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है। प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने कहा कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आमतौर पर बंद रहते हैं। लेकिन सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।

प्रदेश अध्यक्ष अमर पारवानी, महामंत्री अजय भसीन ने बताया कि 21 सितम्बर को प्रस्तावित बंद को लेकर छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी का 19 सितंबर का पत्र 20 सितंबर को दोपहर 12 बजे चेंबर कार्यालय को प्राप्त हुआ, जिसमें छत्तीसगढ़ प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कराए जा रहे बंद को समर्थन देने का आग्रह किया गया है। बंद का समर्थन करना केवल कार्यकारिणी का क्षेत्राधिकार है। इतने अल्प समय में प्राप्त सूचना में कार्यकारिणी की बैठक बुलाना संभव नहीं है।

इसके अतिरिक्त चूंकि चेंबर से प्रदेश के छोटे-छोटे व्यापारी, रेहड़ी पटरी, एवं व्यापारिक संगठन जुड़े हुए हैं, जो फल-सब्जी, दूध और अन्य कच्चे सामान का व्यवसाय करते हैं। बिना पूर्व सूचना के आकस्मिक बंद से उन्हें आर्थिक नुकसान उठाना पड़ता है। इतने अल्प समय में बिना पूर्व सूचना अथवा व्यापारिक संघों की बैठक लिए बगैर ”छत्तीसगढ़ बंद” का समर्थन करने में चेंबर असमर्थ हैं।

प्राइवेट स्कूल एंड मैनेजमेंट एसोसिएशन के अध्यक्ष राजीव गुप्ता ने बताया कि इस तरह के आंदोलन में बसें संचालित करने वाले स्कूल आम तौर पर बंद रहते हैं। कांग्रेस के बंद में समर्थन देने पर कहा कि सुरक्षा को ध्यान में देखते हुए निजी स्कूल संचालक अपना निर्णय ले सकते हैं।

बता दें कि कवर्धा जिले के बोडला विकासखण्ड अंतर्गत रेंगाखार थाना क्षेत्र के ग्राम लोहारीडीह में विगत दिनों हुई हत्या, आगजनी एवं पुलिस की बेरहम पिटाई से लगातार हुए तीन मौतों से पूरे प्रदेश में तनाव की स्थिति निर्मित हो गई है। प्रदेश में बढ़ती गंभीर अराजकता तथा कवर्धा में पुलिस प्रताड़ना से हुई मौतों के दोषियों पर कार्रवाई की मांग को लेकर प्रदेश कांग्रेस कमेटी छत्तीसगढ़ ने 21 सितम्बर को सुबह 9 से दोपहर 3 बजे तक एकदिवसीय छत्तीसगढ़ बंद का आह्वान किया है।

स्कूल किताबों को रद्दी में बेचने के मामले में विकास उपाध्याय ने बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार का लगाया आरोप, कहा-

रायपुर-   सरकारी किताबों को रद्दी के भाव में बेचने के मामले का खुलासा करने वाले पूर्व विधायक विकास उपाध्याय ने कहा कि पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक पर कार्रवाई से साफ है कि बड़े स्तर पर भ्रष्टाचार हुआ है. सरकार को उन सभी जिलों में जांच करनी चाहिए, जहाँ से किताबें रियल पेपर मिल भेजी गई. संकुल से लेकर जिला और प्रदेश स्तर तक भ्रष्टाचार हुआ है. इसमें जिला शिक्षा अधिकारियों पर कार्रवाई होनी चाहिए.

बता दें कि कांग्रेस नेता विकास उपाध्याय ने रविवार को सिलयारी स्थित रियल बोर्ड पेपर मिल में छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम द्वारा छापी गई वर्ष 2024-25 सत्र की नई किताबों को कबाड़ में बेचे जाने का खुलासा किया था. मामले में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय ने संज्ञान लेते हुए अपर मुख्य सचिव रेणु पिल्ले को जांच के निर्देश दिए थे. जांच रिपोर्ट सामने आने के बाद सरकार की ओर से कार्रवाई की गई है.

इसमें गुरुवार को छत्तीसगढ़ पाठ्य पुस्तक निगम के महाप्रबंधक प्रेम प्रकाश शर्मा को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया गया है. इसके पहले स्कूल शिक्षा विभाग के जांच दल की रिपोर्ट के आधार पर पाठ्यपुस्तक प्रभारी प्रमोद अमर बेल एक्का, भृत्य अजीत गुप्ता और सूरजपुर डीईओ कार्यालय में पदस्थ भृत्य जितेन्द्र साहू को निलंबित किया गया था. यह कार्रवाई सूरजपुर एसडीएम की जांच रिपोर्ट के आधार पर की गई थी.

पीएचई में इंजीनियर्स सहित 181 पदों पर भर्ती का मार्ग प्रशस्त, मुख्यमंत्री के निर्देश पर वित्त विभाग ने दी स्वीकृति

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर वित्त विभाग ने लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी विभाग में इंजीनियर्स सहित अन्य पदों पर भर्ती को मंजूरी दे दी है। इस फैसले से 181 रिक्त पदों पर भर्ती का रास्ता साफ हो गया है। नई भर्ती से विभाग के कामकाज की गुणवत्ता में सुधार के साथ-साथ पेयजल व्यवस्था भी बेहतर होगी।

पीएचई विभाग में उप अभियंता, अनुरेखक, सहायक ग्रेड-3 सहित विभिन्न रिक्त पदों को भरने के प्रस्ताव को वित्त विभाग से स्वीकृति मिल गई है। इसमें उप अभियंता (सिविल) के 118, उप अभियंता (विद्युत/यांत्रिकी) के 10, अनुरेखक के 37, सहायक ग्रेड-3 के 02, केमिस्ट के 12 और वाहन चालक के 02 पद शामिल हैं।

नई भर्तियां न केवल विभाग की कार्यक्षमता को बढ़ाने में सहायक होगी, बल्कि इससे नागरिक सेवाओं में भी सुधार होगा एवं योजनाओं को निर्धारित समय में पूरा किया जा सकेगा। पेयजल की गुणवत्ता और आपूर्ति व्यवस्था भी बेहतर होगी। नल जल जैसी फ्लैगशिप योजनाओं का बेहतर क्रियान्वयन हो सकेगा और ग्रामीण एवं शहरी क्षेत्रों में लोगों को निरंतर एवं शुद्ध पेयजल उपलब्ध कराने में सुगमता होगी।

मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए 

रायपुर-  विष्णुदेव साय कैबिनेट की बैठक खत्म हो गयी है। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की अध्यक्षता में आज यहां मंत्रालय महानदी भवन में आयोजित कैबिनेट की बैठक में कई महत्वपूर्ण निर्णय लिए गए।

मंत्रिपरिषद की बैठक में छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण, सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण, अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण, मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण तथा बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन के प्रस्ताव का अनुमोदन किया गया।

राज्य मंत्रिमण्डल ने राज्य में गठित पांचों विकास प्राधिकरणों के पुनर्गठन आदेश में आंशिक रूप से संशोधन की मंजूरी दी है। इस संशोधन से पांचों प्राधिकरणों में जनप्रतिनिधित्व का दायरा काफी विस्तृत किया गया है। पांचों प्राधिकरणों में अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल करने के साथ ही संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं प्राधिकरण क्षेत्रों के जिला पंचायत अध्यक्षों को अब इसका सदस्य बनाया गया है। पांचों प्राधिकरणों में प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। शेष सभी सदस्य यथावत रहेंगे।

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण

छत्तीसगढ़ राज्य ग्रामीण एवं अन्य पिछड़ा वर्ग विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में प्रस्तावित संशोधन को मंत्रिमण्डल ने मंजूरी दी, जिसके तहत मुख्यमंत्री प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक उपाध्यक्ष होंगे। इस प्राधिकरण में सदस्य के रूप में शामिल पूर्व में मात्र तीन विभागों के मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त माननीय मंत्रीगणों को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जिला पंचायत अध्यक्ष प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को प्राधिकरण के सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 35 विधायकगणों को और अन्य सदस्यों को यथावत रखा गया है।

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

सरगुजा क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में संशोधन किया गया है। माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष एवं क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल आदिम जाति कल्याण विभाग मंत्री एवं वित्त मंत्री के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगण प्राधिकरण के सदस्य होंगे। प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण क्षेत्र के जनजाति बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष भी अब प्राधिकरण के सदस्य होंगे। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री जी के प्रमुख सचिव/सचिव प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुसार इसमें सदस्य के रूप में शामिल 14 विधायकगणों को यथावत शामिल किया गया है।

अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा विधायक (अ.जा. आरक्षित) प्राधिकरण के उपाध्यक्ष होंगे। राज्य मंत्रिमण्डल के दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के सभी मंत्रीगणों, संबंधित क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद, प्राधिकरण के जिला पंचायत अध्यक्ष (अ.जा.), अनुसूचित जाति विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इस प्राधिकरण के सदस्य सचिव होंगे। अनुसूचित जाति विकास प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश के अनुरूप सदस्य के रूप में शामिल किए गए 10 विधायकों को यथावत रखा गया है।

मध्य क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष तथा क्षेत्र के विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) उपाध्यक्ष होंगे। प्राधिकरण के पुनर्गठन आदेश में किए गए संशोधन के अनुसार अब दो मंत्रीगणों के स्थान पर राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों तथा प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद एवं जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। इस प्राधिकरण में आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग को सदस्य के रूप में तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। इस प्राधिकरण में पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल 12 विधायकों को यथावत रखा गया है।

बस्तर क्षेत्र आदिवासी विकास प्राधिकरण

माननीय मुख्यमंत्री इस प्राधिकरण के अध्यक्ष और प्राधिकरण क्षेत्र के निर्वाचित विधायक (अ.ज.जा. आरक्षित) इसके उपाध्यक्ष होंगे। पूर्व में सदस्य के रूप में शामिल मात्र दो मंत्रियों के स्थान पर अब राज्य मंत्रिमण्डल के समस्त मंत्रीगणों, प्राधिकरण क्षेत्र के राज्यसभा, लोकसभा के सांसद तथा प्राधिकरण क्षेत्र के जनजातीय बाहुल्य जिलों के जिला पंचायत अध्यक्ष को सदस्य के रूप में शामिल किया गया है। आदिवासी विकास से जुड़े अधिकतम दो समाजसेवी व विशेषज्ञ (राज्य शासन द्वारा मनोनीत), मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव/सचिव आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग इस प्राधिकरण के सदस्य तथा मुख्यमंत्री के प्रमुख सचिव/सचिव इसके सदस्य सचिव होंगे। प्राधिकरण में सदस्य के रूप में पूर्व में शामिल 12 विधायकगणों को यथावत सदस्य रखा गया है।

- मुख्यमंत्री के स्वेच्छानुदान मद से 262 व्यक्ति एवं संस्थाओं को 4 करोड़ 56 लाख 72 हजार रूपये स्वीकृत राशि का अनुमोदन किया गया।

- राज्य के शहरों के सुव्यवस्थित विकास और राज्य की विकास योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन के लिए मंत्रिपरिषद द्वारा एक बड़ा निर्णय लिया गया। जिसके तहत भूखण्डों का पुनर्गठन और प्रदेश में स्वीकृत विकास योजना के क्रियान्वयन हेतु शहरी विकास नीति (टी.डी.एस.) का अनुमोदन किया गया। इस संबंध में दिशा-निर्देश जारी करने हेतु आवास एवं पर्यावरण विभाग को अधिकृत किया गया है।

प्रदेश में विकास योजनाओं में प्रस्तावित जनोपयोगी भूमि के समुचित रूप से विकास करने, अतिक्रमण तथा अवैध निर्माणों को हतोत्साहित करने एवं शहरी आबादी को आधुनिक नागरिक सुविधाओं के अभाव और असुविधाओं के निराकरण के लिए इस शहरी विकास नीति का निर्धारण किया गया है। नगर विकास योजना आवासीय, वाणिज्यिक, औद्योगिक अथवा अन्य प्रयोजन हेतु क्रियान्वित की जा सकेगी।

मतदाता सूची की शुद्धता ही चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का आधार है : राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह

रायपुर-     छत्तीसगढ़ के राज्य निर्वाचन आयुक्त अजय सिंह ने स्थानीय निकायों के निर्वाचन हेतु निर्वाचक नामावली प्रेक्षकों की ब्रीफिंग में कहा कि मतदाता सूची की शुद्धता ही चुनाव की पारदर्शिता और निष्पक्षता का आधार है। उन्होंने कहा कि राज्य निर्वाचन आयोग द्वारा निर्वाचन नामावली को शुद्ध एवं त्रुटिरहित बनाने के लिए आज विशेष ब्रीफिंग का आयोजन किया गया है जिसका मुख्य उद्देश्य नामावली में संभावित त्रुटियों को दूर करना और सभी योग्य मतदाताओं के नाम सूची में दर्ज करना है ताकि चुनाव निष्पक्ष एवं पारदर्शी रूप से आयोजित हो सके। आयुक्त अजय सिंह ने निर्धारित समय सीमा में मतदाता सूची शुद्ध एवं त्रुटि रहित बनाने के निर्देश दिए।

आयुक्त अजय सिंह ने सभी प्रेक्षकों से कहा कि पुनरीक्षण कार्यक्रम के विभिन्न चरणों में ई आर ओ तथा ए ई आर ओ द्वारा किए जा रहे कार्यों का समय पर निरीक्षण करते रहें और यदि आपको आवंटित जिले में पुनरीक्षण कार्यक्रम में किसी भी चरण में जिले में नियमों, निर्देशों का पालन नहीं किया जा रहा है तो इसकी सूचना संबंधित जिला निर्वाचन अधिकारी तथा आयोग को तत्काल प्रदान कर समाधान प्राप्त करें।

ब्रीफिंग में निर्वाचक प्रेक्षकों को निर्वाचन प्रक्रिया में उनकी अहम भूमिका के बारे में विस्तार से जानकारी दी गई। प्रेक्षकों को निर्देशित किया गया कि वे मतदाता सूची की जांच और सुधार प्रक्रिया में पूरी सतर्कता बरतें। यह सुनिश्चित किया जाए कि सूची में कोई नाम दोहराया न जाए, मृत व्यक्तियों के नाम हटाए जाएं, और नए पात्र मतदाताओं के नाम जोड़े जाएं। आयोग द्वारा स्पष्ट रूप से निर्देशित किया गया की 1 जनवरी 2024 की स्थिति में 18 वर्ष की आयु पूर्ण करने वाले मतदाता का नाम सूची में आवश्यक रूप से जोड़ा जाए तथा जिला स्तर पर इसका व्यापक प्रचार-प्रसार किया जाए।

आयोग के सचिव डॉ सर्वेश्वर नरेंद्र भुरे ने कहा कि जिला स्तर पर किसी भी प्रकार की समस्या आने पर राज्य निर्वाचन आयोग से संपर्क कर समाधान लिया जा सकता है।आयोग द्वारा जारी निर्देशों एवं निर्धारित प्रक्रिया का शत प्रतिशत पालन करें तथा किसी भी प्रकार की वाद विवाद की स्थिति निर्मित ना हो इस बात का विशेष ध्यान रखा जाए। उन्होंने कहा कि आयोग द्वारा दी गई जिम्मेदारी का गंभीरता पूर्वक पालन करें। इस अवसर पर राज्य निर्वाचन आयोग की उपसचिव डॉ. नेहा कपूर एवं आलोक श्रीवास्तव उपस्थित थे।

सांसद राहुल गांधी के खिलाफ एक और एफआईआर दर्ज, भाजपा पार्षदों की शिकायत पर मामला दर्ज

बिलासपुर-  लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज होने का सिलसिला शुरू हो गया है. राजधानी रायपुर में गुरुवार को दर्ज एफआईआर के बाद अब बिलासपुर में भी राहुल गांधी के खिलाफ FIR हुई है. इसके अलावा प्रदेश के पांचो संभागों में शिकायत दर्ज कराई गई. बता दें कि हाल ही में अमरीका प्रवास के दौरान राहुल गांधी ने सिख समाज को लेकर बयान दिया था, जिसके बाद से देशभर में राहुल के बयान के बाद से सियासत गरमा गई है और मामले लगातार शिकायत दर्ज कराई जा रही है.

राहुल गांधी के अमेरिका प्रवास के दौरान दिए गए बयानों को लेकर बिलासपुर के सिविल लाइन थाने में भाजपा पार्षदों ने थाने में शिकायत दर्ज कराई. लोगों की धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुंचाने की धारा 299 और 302 के तहत राहुल गांधी के खिलाफ एफआईआर दर्ज किया गया है.

शिकायत में भाजपा पार्षदों ने कहा है कि कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने अपने अमेरिका प्रवास में सिख समाज के धार्मिक प्रतीक पगड़ी और कड़ा को लेकर भी अमर्यादित और अप्रासांगिक टिप्पणी करके भारतीय लोकतंत्र भारत की सर्व समावेशी और सर्वस्पर्शी संवैधानिक व्यवस्था पर चोट पहुंचाने के साथ-साथ सिख समाज की भावनाओं को ठेस पहुंचाई है. राहुल गांधी का यह कृत्य भी भारतीय सर्वधर्म समभाव की छवि को बिगाड़ कर विश्व पटल पर सिख समाज को अपमानित करने और भारत की छवि को गलत रूप में प्रस्तुत करने की एक सोची समझी राजनीतिक साजिश को प्रमाणित करता है. मामले में एफआईआर दर्ज कर आवश्यक कानूनी कार्रवाई की जाए.

बस्तर में मिली हीरे की मौजूदगी, भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण की रिपोर्ट में हुई पुष्टी, ग्रामीण कर रहे खनन का विरोध
जगदलपुर-    बस्तर के आदिवासी एक बार फिर से अपने जल, जंगल और जमीन को बचाने के लिए लामबंद हो चुके हैं. हाल ही में अमागुड़ा पंचायत और छोटे अलनार में भारतीय भू-वैज्ञानिक सर्वेक्षण ने चूना पत्थर और हीरे की खदानों की उपस्थिति को लेकर रिपोर्ट जारी की है. इस सर्वे में 141.438 हेक्टेयर जमीन शामिल है. वहीं इस रिपोर्ट के बाद बस्तर के 9 गांव के ग्रामीणों में अपनी जंगल-जमीन को लेकर चिंता व्याप्त हो गई है.

ग्रामीणों का कहना है कि सर्वेक्षण की जानकारी उन्हें सोशल मीडिया के माध्यम से मिली, जिससे यह पता चला कि भविष्य में यहां खनन किया जा सकता है. उनका कहना है कि इस खनन में उनकी पट्टे वाली जमीन भी शामिल है. इसे लेकर ग्रामीण कलेक्ट्रेट पहुंचे और कलेक्टर को ज्ञापन सौंपा. ग्रामीणों की मांग है कि भविष्य में होने वाली खनन की योजना को तुरंत रोका जाए.

आंदोलन की चेतावनी:

ग्रामीणों ने स्पष्ट कर दिया है कि अगर खनन की योजना पर रोक नहीं लगती, तो वे अपने गांवों को पूरी तरह से बंद कर देंगे और किसी को भी गांव में प्रवेश करने की अनुमति नहीं देंगे. इसके अलावा, वे ग्राम सभा आयोजित कर सशक्त निर्णय लेने की योजना बना रहे हैं. यह पहला मौका नहीं है जब बस्तर के लोग खनन के खिलाफ खड़े हुए हैं. इससे पहले भी, 2016 में खनन के लिए हुए सर्वेक्षण का विरोध हुआ था, जिसके बाद खनन रोक दिया गया था.

महिलाओं का संघर्ष:

गांव की महिलाओं का कहना है कि वे इस गांव में चार पीढ़ियों से निवास कर रही हैं और वे अपने घरों को छोड़कर कहीं नहीं जाएंगी. महिलाओं का कहना है कि उनकी जमीन और जंगल उनकी जीवनरेखा हैं, जिन्हें वे किसी भी कीमत पर नहीं खोना चाहतीं.

औद्योगीकरण का विरोध:

बस्तर में पहले भी औद्योगीकरण को लेकर विरोध होते रहे हैं. उदाहरण के लिए, लोहंडीगुड़ा में टाटा स्टील प्लांट के लिए भूमि अधिग्रहण किया गया था, लेकिन ग्रामीणों के विरोध के चलते वह परियोजना नहीं हो सकी. इसी प्रकार, नगरनार स्टील प्लांट भी ग्रामीणों की जमीन पर लगाया गया, लेकिन आज भी वहां के ग्रामीण रोजगार के लिए संघर्ष कर रहे हैं.

अब, बस्तर में डायमंड सर्वे के बाद ग्रामीणों में असंतोष और बढ़ गया है. उनका संघर्ष इस बात का प्रतीक है कि वे अपने जल, जंगल और जमीन को किसी भी सूरत में खोने नहीं देना चाहते.

जोगी कांग्रेस की नई कार्यकारिणी का गठन, संगठन में बड़े पैमाने पर हुआ बदलाव, देखें लिस्ट …
रायपुर-     जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ (जे) में नई कार्यकारिणी नियुक्त की गई है. यह नियुक्त जोगी कांग्रेस की राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ. रेणु जोगी के निर्देशानुसार की गई है. कार्यकारिणी की जारी लिस्ट में प्रदेश उपाध्यक्ष, जिला अध्यक्षों, प्रवक्ता, प्रदेश संगठन मंत्री और प्रदेश महामंत्री की नियुक्ति की गई है.

जनता कांग्रेस छत्तीसगढ़ की नई कार्यकारिणी लिस्ट के अनुसार, तीन लोगों को प्रदेश उपाध्यक्ष की जिम्मेदारी सौंपी गई है, जिसमें टांकेश्वर भारद्वाज, अशोक नगाईच, जहीर अहमद को उपाध्यक्ष बनाया गया है. इसके साथ ही भगवानु नायक को मुख्य प्रवक्ता बनाया गया है. प्रदेश संगठन महामंत्री सौरभ झा को बनाया गया है. इसके साथ ही दुर्ग, रायपुर, बिलासपुर, सरगुजा और बस्तर संभाग में जिला अध्यक्षों की भी नियुक्ति की गई है.

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वन मंडल में करोड़ों का रॉयल्टी घोटाला, 121 एनीकट निर्माण में भ्रष्टाचार पर हुई सुनवाई

बिलासपुर-     मरवाही वन मंडल में 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी घोटाला सामने आया है. इस मामले की सुनवाई बिलासपुर हाईकोर्ट में चल रही है, जहां वन विभाग ने रॉयल्टी रसीद पेश नहीं कर पाई. कोर्ट ने याचिकाकर्ता को रिज्वाइंडर दाखिल करने का निर्देश दिया है. मामले की अगली सुनवाई तीन हफ्ते बाद होगी.

जानकारी के मुताबिक मरवाही वन मंडल के पेंड्रा क्षेत्र में 121 एनीकट के निर्माण में बड़ी गड़बड़ी की गई है. खनिज सामग्री की सप्लाई के लिए ट्रक और हाइवा का इस्तेमाल किया गया, लेकिन नियमों के अनुसार रॉयल्टी की रसीद नहीं ली गई. वन विभाग ने बिना रसीद के ही करीब 3 करोड़ 80 लाख की रॉयल्टी की रकम का भुगतान कर दिया है.