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भारत ने दिया है ‘जियो और जीने दो’ का सच्चा लोकतंत्र : सीएम योगी

गोरखपुर, 15 सितंबर। मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि दुनिया में जब सभ्यता, संस्कृति और मानवीय मूल्यों के प्रति आग्रह नहीं था तब भारत मे सभ्यता, संस्कृति और मानवीय जीवन मूल्य चरम पर थे। भारतीय सभ्यता और संस्कृति प्राचीन काल से लेकर अर्वाचीन काल तक लोकतांत्रिक मूल्यों से परिपूर्ण रही है। इसका उद्देश्य किसी का हरण करना या किसी पर जबरन शासन करना नहीं था बल्कि इसकी भावना ‘सर्वे भवंतु सुखिनः’ की रही है। इसका नया स्वरूप आज प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के ‘सबका साथ सबका विकास’ के संकल्प में दिखता है। हमारी ऋषि परंपरा जियो और जीने दो की रही है क्योंकि यही सच्चा लोकतंत्र है और इस मूल्यपरक लोकतंत्र को किसी और ने नहीं बल्कि भारत ने दिया है।

सीएम योगी रविवार को युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं और राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि के उपलक्ष्य में समसामयिक विषयों के सम्मेलनों की श्रृंखला के पहले दिन ‘लोकतंत्र की जननी है भारत’ विषयक सम्मेलन की अध्यक्षता कर रहे थे। सम्मेलन के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह का अभिनंदन करते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि लोकतंत्र को लेकर वैदिक कालखंड से लेकर रामायणकालीन और महाभारतकालीन अनेक उद्धरण देखने को मिलते हैं। भारत के लोकतंत्र में प्राचीन समय से लेकर आज तक जनता की आवाज और जनता के हित को ही सर्वोपरि रखा गया है। भारतीय सभ्यता में हमेशा ही यह कह गया है कि प्रजा का सुख ही राजा का दायित्व है। रामायण काल में भगवान श्रीराम ने भी अक्षरशः जनता की आवाज को महत्व दिया। भगवान श्रीकृष्ण ने भी खुद को कभी राजा नहीं समझा। उनके समय में वरिष्ठ व्यक्ति के नेतृत्व में गणपरिषद शासन का कार्य देखती थी। द्वारिका में जब अंतर्द्वंद्व प्रारंभ हुआ तब इस परिषद के सदस्य आपस में लड़कर मर-मिट गए। उस समय भगवान श्रीकृष्ण ने परिषद के सदस्यों की दुर्गति पर कहा था कि राज्य के नियम प्रत्येक नागरिक पर समान रूप से लागू होते हैं।

लोकतंत्र में जनता का हित ही सर्वोच्च

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि देश में कुछ लोगों पर गुलामी की मानसिकता आज भी हावी है। जबकि भारत में लोकतंत्र की जड़ें प्राचीन समय से ही गहरी रही हैं। उन्होंने बताया कि भारत तब गुलाम हुआ जब लोकतंत्र की विरासत को संजोने में चूक हुई। उन्होंने कहा कि प्राचीन भारत में निरंकुश राजा को सत्ताच्युत करने का अधिकार जनता के प्रतिनिधित्व वाले परिषद के पास होता था। लोकतंत्र में यह स्पष्ट है कि जनता का हित ही सर्वोच्च है। प्राचीन काल में देखें तो वैशाली गणराज्य इसका एक उदाहरण है जहां पूरी व्यवस्था जनता के हितों के लिए समर्पित थी।

संविधान को देंगे सर्वोच्च सम्मान तो और मजबूत होगा लोकतंत्र

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज सभी भारतीयों को अपने लोकतंत्र पर और लोकतांत्रिक मूल्यों पर चलकर तेजी से आगे बढ़ती अर्थव्यवस्था पर गौरव की अनुभूति करनी चाहिए। उन्होंने कहा कि हमारा लोकतंत्र तभी तक सुरक्षित है जब तक हमारा संविधान सुरक्षित है। संविधान को पवित्र भावना से, जाति, मत, मजहब, क्षेत्र से ऊपर उठकर इसे सुरक्षित-संरक्षित रखने का दायित्व सभी लोगों को उठाना होगा। मुख्यमंत्री ने कहा कि हम संविधान को सर्वोच्च सम्मान देते हुए आगे बढ़ेंगे तो हमारा लोकतंत्र और मजबूत-पुष्ट होगा।

भारतीय मूल्यों और संस्कारों से ही चल रहा लोकतंत्र : हरिवंश नारायण

‘लोकतंत्र की जननी है भारत’ विषयक सम्मेलन के मुख्य अतिथि राज्यसभा के उपसभापति हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि लोकतंत्र के संस्कार पांच हजार वर्ष पुराने भारतीय मूल्यों से गढ़े गए हैं। सही मायने में भारतीय मूल्यों और संस्कारों से ही लोकतंत्र चल रहा है।

श्री हरिवंश ने कहा कि खुलकर अपनी बात रखना ही लोकतंत्र का यथार्थ है और यह मूल्य भारत की हजारों वर्षों की परंपरा में निहित रहे। भारतीय लोकतंत्र में जनता को हर प्रकार की आजादी के साथ खामी को भी ठीक करने की गुंजाइश है। उन्होंने कहा कि अंग्रेजी मूल्यों से प्रभावित लोगों ने ही भारतीय लोकतंत्र को आयातित समझने की भूल की है। इस भूल का कारण यह रहा कि भारतीय लोकतंत्र को यूनान को नजर से देखने की आदत डाली गई। उन्होंने कहा कि भारत को आजादी मिलने के बाद कई विदेशी विद्वानों ने कहा था कि भारत में लोकतंत्र टिकेगा नहीं और आज उसका जवाब यह है कि अगले साल हम संविधान लागू होने का अमृत वर्ष मनाने जा रहे हैं। श्री हरिवंश ने कहा कि आज भारत अपने को लोकतंत्र की जननी के वास्तविक नजरिये से दुनिया के सामने पेश कर रहा है। पहले इस विषय पर चर्चा नहीं होती थी। आज भारत ने जी-20 सम्मेलन का माध्यम से इस पर बात की। यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ भी भारतीय लोकतंत्र को लेकर महत्वपूर्ण विमर्श को ऐसे आयोजनों से आगे बढ़ा रहे हैं।

भारत में रही है त्याग और नैतिकता की परंपरा

राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि भारत में वेद, पुराण, उपनिषद की और ऋषियों की परंपरा के मूल्य थे। हमारी लोकतांत्रिक व्यवस्था में धर्म मार्गदर्शक की भूमिका में था इसलिए हमारे यहां आतताई शासकों का वर्णन नहीं मिलता है। राजा, देवता, जनता सभी धर्म से बंधे थे। भारत मे त्याग और नैतिकता की परंपरा रही है। इसीलिए राजा सर्वशक्तिमान होकर भी स्वेच्छाचारी नहीं था। चक्रवर्ती सम्राट को भी धर्मदंड से चेतावनी दी जाती थी।

अब्राहम लिंकन के 2700 पूर्व प्रजातंत्र का उल्लेख

श्री हरिवंश ने कहा कि अब्राहम लिंकन द्वारा लोकतंत्र की परिभाषा देने से 2700 वर्ष पूर्व कौटिल्य के अर्थशास्त्र में कहा गया है कि प्रजा के सुख में राजा का सुख निहित है। अशोक के धौली शिलालेख में लिखा है, सारी प्रजा मेरी संतान है। यह सब लोकतंत्र के मूल्य ही तो हैं। अथर्ववेद में भी लोकतांत्रिक प्रणाली का उल्लेख मिलता है। उन्होंने कहा कि ब्रिटिश इतिहासकार थॉमसन ने कहा था कि लंदन के हाउस ऑफ कॉमंस के नियम भारत की पुरानी सभाओं से लिए गए लगते हैं। जार्ज बर्नाड शॉ ने भी आश्चर्य जताते हुए कहा था कि ग्रीक और रोम की सभ्यता मिट गई लेकिन भारत की सभ्यता, संस्कृति कैसे बची रही, यह रहस्यमय है। वास्तव में इसका सीक्रेट यह है कि भारत की सभ्यता और संस्कृति वेदों, पुराणों की है, ऋषियों की है। भारत की सभ्यता, संस्कृति पुराने मूल्यों से बची रही।

प्राचीनकाल के गांवों में थी आत्मशासन की व्यवस्था

हरिवंश नारायण सिंह ने कहा कि भारत को लोकतंत्र की जननी इसलिए कहा जाता है कि यहां प्राचीनकाल से गांव स्तर तक लोकतंत्र सम्मत आत्मशासन की व्यवस्था थी। जनजातीय क्षेत्रों में भी लोकतांत्रिक मूल्यों वाली स्थानीय परिषदें थीं। भारत के भक्ति आंदोलन ने भी लोकतंत्र की अलख जगाकर इसे सम्पुष्ट किया।

अब जाकर बना 100 साल का रोडमैप

राज्यसभा के उपसभापति ने कहा कि भारत में आजादी के बाद अब जाकर देश के अगले सौ साल का रोडमैप प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में बना है। उन्होंने देश को 2047 तक विकसित भारत बनाने के लिए एक लाख युवाओं को राजनीति में आने का आह्वान किया है। जबकि चीन ने 1947-48 में ही अपने लिए सौ साल की कार्ययोजना बना ली थी। सत्तर के दशक में चूक हुई और चीन हमसे पांच गुना आगे बढ़ गया।

रामराज की संकल्पना को साकार कर रहे सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ को रामराज की संकल्पना साकार करने वाला बताते हुए श्री हरिवंश ने कहा कि रामराज की स्पिरिट योगी जी में दिखती है। समान रूप से सबको न्याय, सुरक्षा के पुरातन भारतीय मूल्य योगी जी की कार्यपद्धति में नजर आते हैं। राज्यसभा के उपसभापति ने ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ और ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ की पुण्य स्मृति को नमन करते हुए कहा कि अतीत के महापुरुषों को याद करना भविष्य के लिए प्रेरणा देता है। राष्ट्रीय, सामाजिक और सांस्कृतिक चेतना के पुनर्जागरण में इन दोनों गोरक्षपीठाधीश्वरों का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। महंत दिग्विजयनाथ और महंत अवेद्यनाथ का जीवन भारतीय मूल्यों के प्रति समर्पित रहा।

भारत में लोकतांत्रिक शासन की परंपरा अति प्राचीन : प्रो. सदानंद

सम्मेलन में विषय प्रवर्तन करते हुए उत्तर प्रदेश हिंदी संस्थान, लखनऊ के पूर्व कार्यकारी अध्यक्ष प्रो. सदानन्द गुप्त ने कहा कि भारत में लोकतांत्रिक शासन की परंपरा अति प्राचीन है। भारत में लोकतंत्र का सिद्धांत वेदों से निकला है। लोकतंत्र का वर्णन ऋग्वेद और अथर्ववेद में भी मिलता है। ऋग्वेद में 40 बार और अथर्ववेद में 9 बार गणतंत्र शब्द का उल्लेख है। विश्व मे सबसे पहले कहीं लोकतंत्र के भाव का प्रादुर्भाव हुआ तो वह भारत ही है।

सम्मेलन को सवाई, आगरा के ब्रह्मचारी दास लाल और सुग्रीव क़िलाधीश अयोध्या के स्वामी विश्वेष प्रपन्नाचार्य ने भी संबोधित किया। इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, अयोध्या से आए महंत सुरेश दास, कटक से आए महंत शिवनाथ, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, मिथिलेशनाथ, राममिलन दास, कर्नाटक से आए भयंकरनाथ, अहमदाबाद से आए कमलनाथ, रविंद्रदास आदि भी प्रमुख रूप से उपस्थित रहे।

टीबी का लक्षण दिखे तो जांच कराएं, जनपद को टीबी मुक्त बनाएं-सीडी

गोरखपुर( दो सप्ताह से अधिक की खांसी हो, बुखार आए या बलगम में खून आने समेत टीबी का कोई भी लक्षण दिखे तो तुरंत नजदीकी स्वास्थ्य केंद्र पर जांच कराएं। टीबी का सम्पूर्ण इलाज सरकारी तंत्र में मौजूद है। सभी लोग सहयोग करके ही जनपद को टीबी मुक्त बना सकते हैं। मुख्य विकास अधिकारी संजय कुमार मीना ने जनपदवासियों से यह अपील की है । उन्होंने नौ सितम्बर से शुरू होकर बीस सितम्बर तक चलने वाले सक्रिय क्षय रोग खोजी (एसीएफ) अभियान को सफल बनाने की अपील की। उधर, इंटीग्रेटेड ट्रैफिक मैनेजमेंट सिस्टम (आईटीएमएस) के माध्यम से जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ गणेश यादव भी अभियान की सफलता में जनसहयोग की अपील कर रहे हैं।

डॉ यादव ने बताया कि जिले में तीन सदस्यों की स्वास्थ्य टीम जनपद की बीस फीसदी आबादी के बीच जाकर टीबी के संभावित रोगियों को ढूंढ रही है। इस टीम में आशा कार्यकर्ता के साथ दो अन्य सदस्य हैं । यह टीम संभावित मरीजों का मौके पर बलगम इकट्ठा कर रही है और बलगम के खाली पेट वाले दूसरे सैम्पल के लिए संभावित मरीजों को डिब्बा भी देती है। बलगम के दो सैम्पल की जांच करके टीबी मरीजों की खोज की जा रही है। जिन मरीजों में बलगम से टीबी की पुष्टि नहीं होती है उनकी एक्स रे और सीबीनॉट जांच करवा कर बीमारी का पता लगाया जाता है। प्रत्येक पुष्ट टीबी मरीज की भी सीबीनॉट जांच कराई जाती है ताकि पता लगाया जा सके कि वह ड्रग सेंसिटिव (डीएस) टीबी मरीज है या फिर ड्रग रेसिस्टेंट(डीआर) टीबी मरीज। डीएस टीबी मरीजों का इलाज छह माह में पूर्ण हो जाता है, जबकि डीआर टीबी मरीजों के इलाज में डेढ़ से दो साल तक का समय लग जाता है। जांच और इलाज की समस्त सुविधा सरकारी अस्पतालों में मौजूद है।

मुख्य विकास अधिकारी ने लोगों से अपील की है कि वह अभियान में जुटी टीम का सहयोग करें। अगर किसी को लक्षण है तो वह खुद आगे आए और जांच कराए। उन्होंने कहा कि हम सभी लोगों की भी जिम्मेदारी है कि लक्षण वाले मरीजों के बारे में आशा कार्यकर्ता और टीम को जरूर बताएं। ऐसा करने से उनका समय से जांच और इलाज होगा। इससे वह मरीज तो ठीक होंगे ही, साथ में इस बीमारी का संक्रमण भी रुक सकेगा।

8684 मरीज हैं उपचाराधीन

जिला क्षय उन्मूलन अधिकारी डॉ यादव ने बताया कि इस समय 8684 टीबी मरीजों का जिले में उपचार चल रहा है। इनमें से 372 डीआर टीबी मरीज हैं। अगर डीएस टीबी का मरीज भी बीच में दवा बंद कर देते हैं या अनियमित इलाज लेते हैं तो वह डीआर टीबी का मरीज बन सकते हैं। ऐसे मरीजों का इलाज जटिल होता है। डीआर टीबी मरीज से संक्रमित होने वाले नये मरीज भी डीआर टीबी के मरीज बन जाते हैं। अगर समय से नये मरीजों को खोज कर उपचार शुरू कर दिया जाए तो दो से तीन हफ्ते में उपचाराधीन मरीजों से संक्रमण की आशंका नहीं रह जाती है।

चोरी की घटना में केस दर्ज कर जांच में जुटी पुलिस

खजनी गोरखपुर। बीते शुक्रवार को थाना क्षेत्र के बरपार बरगाह गांव के रहने वाले मरहूम अब्दुल रहीम के पुत्र के घर में देर रात 10 बजे के बाद छत के रास्ते भीतर घुसे चोरों ने कीमती गहने और नकद डेढ़ लाख रूपए चुरा लिए। थाने में दी गई तहरीर में पीड़ित मोनू उर्फ जुलकर नैन ने पुलिस को बताया है कि घटना की रात 10 बजे के समय पूरा परिवार भोजन करके सो रहा था।

घर में घुसे चोरों ने 2 हार, 2 पीस मांग टीका, 3 अंगूठी, एक चैन, 4 चार जोड़ी पायल, 2 जोड़ी पाजेब, 2 जोड़ी नथिया, एक जोड़ी कमर बंद, 2 जोड़ी झुमका, तीन जोड़ी कान के टप्स, एक जोड़ी कान की झाली तथा एक लाख पचास हजार रूपए कैश चोरी हो गए। खटपट की आवाज सुनकर नींद जागे परिवार के लोगों को रात में 12 बजे के समय कुछ आवाज सुनाई दी। घर के भीतर जाने पर सारा सामान गायब मिला। आसपास खोजबीन करने के साथ ही तत्काल 112 नम्बर पर स्थानीय पुलिस को सूचना दी गई।

खजनी पुलिस ने थानाध्यक्ष सदानंद सिन्हा के निर्देश पर मुकदमा अपराध संख्या 361/2024 के तहत बीएनएस की धाराओं 305, 331में केस दर्ज कर जांच पड़ताल शुरू कर दी है। थानाध्यक्ष के अनुसार पुलिस को अभी तक चोरों का कोई सुराग नहीं मिला है।

इलाके में लगातार हो रही चोरी की घटनाएं पुलिस के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई हैं।

पीजी कॉलेज में हिंदी दिवस पर व्याख्यान का आयोजन

खजनी गोरखपुर।वीर बहादुर सिंह पीजी कॉलेज हरनहीं महुरांव में आज 14 सितंबर "राष्ट्रीय हिंदी दिवस" के अवसर परपरिसर में स्थित बाबू सुरेंद्र सिंह उर्फ गुड्डू बाबू स्मृति सभागार में व्याख्यान का आयोजन किया गया। जिसमें उपस्थित विद्यार्थियों और महाविद्यालय के शिक्षकों ने अपने विचार व्यक्त किए। संस्था के प्राचार्य ने हिंदी भाषा की समृद्धि और प्रगति के लिए छात्रों को दृढ़ संकल्पित किया और हिंदी भाषा के अस्तित्व से उन्हें परिचित कराया।

इस अवसर पर मुख्य अतिथि के रूप में सेंट एन्स पब्लिक स्कूल के प्रिंसिपल विक्रम सिंह और निर्णायक मंडल में प्राचार्य वरिष्ठ प्राध्यापक श्रीनारायण त्रिपाठी, डॉक्टर पुष्पा पांडेय, रोली सिंह,रंजना पांडेय मौजूद रहे। कार्यक्रम प्रमुख पुष्पा मिश्रा, हर्षिता तिवारी, सौम्या, एकता और नसीम बानो की देखरेख में कार्यक्रम संपादित कराया गया। साथ ही निबंध प्रतियोगिता के 10 विजेताओं अभिषेक कुमार, अर्चना, पूजा, गौरी कुमारी, खुशी सिंह, रिचा मौर्य, नवनीत कुमार, पलक, गौरी त्रिपाठी और शिप्रा सिंह को मुख्य अतिथि द्वारा पुरस्कृत किया गया। कार्यक्रम में बीटीसी प्राचार्य डॉक्टर निलांबुज सिंह,डॉक्टर इंद्रजीत सिंह, शैलेंद्र कुमार, युसूफ आजाद, डॉक्टर अरुण कुमार नायक, वीरेंद्र सिंह, अर्चना सिंह, राजन, गणेश श्रीवास्तव, अभिमन्यु, ऋषिकेश आदि मौजूद रहे।

एक्सप्रेस-वे पर चोरी करने वाले गिरोह का पर्दाफाश, शातिर चोर धराए ,सिकरीगंज पुलिस को मिली सफलता, हजारों के सामान बरामद

खजनी गोरखपुर।। तहसील क्षेत्र में सिकरीगंज थाने की पुलिस टीम ने लिंक एक्सप्रेस-वे पुल के समीप 5 शातिर चोरों को गिरफ्तार कर लिया।मिली सूचना के अनुसार चोर ट्रांसफार्मर से तांबे और एल्युमिनियम के तार लोहे के फ्रेम और ट्रांसफार्मर के अन्य सामानों को चुरा कर बेचने के लिए कुईं बाजार की ओर ले जा रहे थे।

मुखबिर की सूचना पर पुलिस ने उन्हें धर दबोचा और उनके पास से चोरी के सामानों को बरामद कर लिया। हिरासत में लिए गए आरोपितों के पास से पुलिस ने 16 किलो तांबे के तार , ट्रांसफार्मर के अंदर लगी 26 किलो की लोहे की पत्ती , एल्यूमीनियम के तार 6 किलो तथा ट्रांसफार्मर की लोहे की फ्रेम 60 किलो आदि सामानों को बरामद कर विधिक कार्रवाई के बाद जेल भेज‌ दिया है।

जानकारी के अनुसार सिकरीगंज थानाध्यक्ष कमलेश कुमार के अनुसार बोरी में रखकर चोरी का माल बेचने के लिए पल्सर और स्कूटी बाइक से जा रहे 5 लोगों को पुलिस टीम ने खदान के पास पहुंचकर संदेह के आधार पर पूछताछ शुरू कर दी जिसमें चंदन पांडेय पुत्र दिलीप पांडे, सचिन मौर्या पुत्र रामसिंह मौर्या, उमेश मौर्या पुत्र वीरेंद्र मौर्य, रोशन कुमार पुत्र प्रेमचंद निवासी गण ग्राम चांदपार थाना गोला सत्येंद्र विश्वकर्मा पुत्र शेषनाथ विश्वकर्मा भैंसा बाजार थाना बांसगांव के पास से बोरियों में भरे एल्युमिनियम के तार और केबल वायर आदि बरामद किए।

पूछताछ के दौरान सभी आरोपित गोलमोल जवाब देने लगे। जिससे पुलिस का शक पुख्ता हो गया सख्ती से पूछताछ की गई तो आरोपियों ने गुनाह कबूल कर लिया और आरोपितों को गिरफ्तार कर विधिक कार्रवाई के बाद न्यायिक हिरासत में जेल भेज दिया गया।कार्रवाई के दौरान पुलिस टीम में शामिल थानाध्यक्ष सहित एस.आई. प्रदीप कुमार सिंह, आसिफ परवेज कांस्टेबल चंदन खरवार, मिथिलेश यादव , अमित कुमार सिंह तथा संदीप को कामयाबी मिली।

*इंटरनेशनल डे ऑफ क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काई के प्रति जागरूक किये गये शिक्षण संस्थान*

गोरखपुर- पर्यावरणीय स्वच्छता बीमारियों से बचाव में अहम भूमिका निभाती है। खासतौर से संचारी और गैर संचारी रोगों से बचाव में स्वच्छ वायु का अहम योगदान है। वातावरण में धुंए और प्रदूषण से जहां फेफड़े और ह्रदय संबंधी बीमारियों का खतरा होता है, वहीं पैसिव स्मोकिंग से टीबी जैसे संचारी बीमारियों के मरीजों की जटिलताएं बढ़ सकती हैं। इन सभी संदेशों के साथ जिला सर्विलांस अधिकारी डॉ राजेश कुमार और जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह व उनकी टीम ने सप्ताह भर में शिक्षण संस्थानों के सैकड़ों विद्यार्थियों व शिक्षकों को जागरूक किया है। पांचवें इंटरनेशनल डे ऑफ क्लिन एयर फॉर ब्लू स्काई अभियान के तहत यह जागरूकता कार्यक्रम इस सप्ताह चलाए गए।

मुख्य चिकित्सा अधिकारी डॉ आशुतोष कुमार दूबे के निर्देश पर शहरी क्षेत्र के दो इंटर और दो डिग्री कॉलेज में चले जनजागरूकता अभियान के साथ साथ ब्लॉक स्तरीय अस्पतालों में भी जागरूकता संबंधी आयोजन हुए। जिला मलेरिया अधिकारी अंगद सिंह ने बताया कि विद्यार्थियों के साथ शिक्षकों को भी संदेश दिया गया कि पर्यावरणीय स्वच्छता के लिए सभी को मिलजुल कर प्रयास करना होगा। वातावरण में कम से कम हानीकारक गैस का उत्सर्जन होगा तो प्रदूषण कम होगा और बीमारियों से भी लोगों का बचाव होगा। शहर के सेंट एंड्रयूज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज, एमजी इंटर कॉलेज, एमजी पीजी कॉलेज और एडी कन्या इंटरमीडिएट कॉलेज में जागरूकता के कार्यक्रम आयोजित किये गये।

विभिन्न प्रतियोगिता का आयोजन

इसी कड़ी में शुक्रवार को सेंट एंड्रयूज पोस्ट ग्रेजुएट कॉलेज में जलवायु परिवर्तन के कारण मानव स्वास्थ्य पर प्रभाव विषय पर निबंध लेखन, पोस्टर एवं भाषण प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। इस अवसर पर सहायक मलेरिया अधिकारी राजेश कुमार चौबे और वरिष्ठ मलेरिया निरीक्षक प्रभात रंजन सिंह ने विजेताओं को पुरस्कृत किया । इस कार्यक्रम में प्राचार्य, शिक्षक,सहयोगी संस्था पाथ, पीसीआई और यूनिसेफ के प्रतिनिधि भी उपस्थित रहे।

फाइलेरिया से बचाव की दवा भी खिलाई

इस मौके पर कॉलेज में उपस्थित शिक्षकों और विद्यार्थियों को लाइलाज बीमारी फाइलेरिया के बारे में भी जानकारी दी गई। साथ सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षकों को फाइलेरिया से बचाव की दवा का सेवन भी कराया गया।

*स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर से किसी विवि में पहली बार हुआ छात्र संसद का ऑनलाइन चुनाव, महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय के नाम एक और उपलब्धि*

गोरखपुर- महायोगी गोरखनाथ विश्वविद्यालय की परिसर संस्कृति के नाम एक और उपलब्धि जुड़ गई है। खुद के बनाए सॉफ्टवेयर से छात्र संसद का ऑनलाइन चुनाव कराने वाला यह देश का पहला विश्वविद्यालय बन गया है। इसके पहले इसी विश्वविद्यालय द्वारा निर्मित सॉफ्टवेयर से छात्र संघ का ऑनलाइन चुनाव विश्वविद्यालय की मातृ संस्था महाराणा प्रताप शिक्षा परिषद द्वारा संचालित महाराणा प्रताप पीजी कॉलेज जंगल धूसढ़ में कुछ दिनों पूर्व हुआ था। शनिवार को हुए विश्वविद्यालय के छात्र संसद के चुनाव में शाम छह बजे से रात दस बजे तक ऑनलाइन मतदान प्रक्रिया पूरी की गई।

छात्र संसद चुनाव के लिए मुख्य निर्वाचन अधिकारी डॉ. विमल कुमार दूबे ने बताया कि चुनाव प्रक्रिया शुक्रवार (13 सितंबर) को 24 विषयों के 54 कक्षा प्रतिनिधियों के उनके शैक्षिक योग्यता अनुसार चयन के साथ प्रारम्भ हुई। विश्वविद्यालय छात्र संसद संविधान के अनुसार चुनाव में किसी भी पद पर प्रत्याशिता के लिए कक्षा प्रतिनिधि होना अनिवार्य है। उन्होंने बताया कि अध्यक्ष पद पर आकाश चौधरी, अनिकेत मल्ल, अमित यादव, अश्विनी यादव एवं दीनदयाल गुप्ता ने नामांकन किया। वहीं उपाध्यक्ष पद पर बादल पटेल, आर्यन यादव, सृष्टि यादव एवं आदित्य रंजन और महामंत्री पद पर प्रिंस कुमार चौरसिया, सुंदरी, समीक्षा कुमारी एवं श्रेया पांडेय तथा पुस्तकालय मंत्री पद पर अनामिका पांडेय व अदिति वर्मा ने नामाकन करके अपनी दावेदारी प्रस्तुत की।

शनिवार को सुबह दस बजे तक नामांकन वापस लेने की समय सीमा समाप्त होने के बाद निर्वाचन अधिकारी ने सभी योग्य प्रत्याशियों के नाम की घोषणा कर दी। चुनाव अधिकारी ने बताया कि समस्त प्रत्याशियों के पांच मिनट का चुनावी घोषणा पत्र (योग्यता भाषण) के वीडियो क्लिप विश्वविद्यालय द्वारा ही रिकार्डिंग कर उसे समस्त संचारी माध्यमों से विद्यार्थियों के मध्य साझा किया गया। छात्र संसद के प्रत्याशियों ने अपने योग्यता भाषण में विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण के साथ-साथ पठन-पाठन हेतु उत्तम व्यवस्था के लिए संसाधनों की उपयोगिता पर बल देते हुए अपना एजेंडा पेश किया। इसके बाद शाम छह बजे से ऑनलाइन मतदान शुरू हुआ जो रात दस बजे तक चला। मतदान में भाग लेने के लिए पंजीकृत मतदाताओं को उनके मोबाइल नंबर पर एक ओटीपी के जरिये लिंक मिला जिसके जरिये लॉगिन कर उन्होंने अलग अलग पदों पर अपनी पसंद के प्रत्याशियों को वोट दिया। चुनाव परिणाम विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर जारी किया जाएगा।

विश्वविद्यालय के कुलसचिव डॉ. प्रदीप कुमार राव ने बताया कि विश्वविद्यालय के समस्त सृजनात्मक क्षमताओं के विकास के साथ शैक्षणिक वातावरण, अनुशासन एवं परिसर संस्कृति में छात्रों की उपयोगिता सिद्ध करने के लिए पारंपरिक छात्रसंघ की बजाय छात्र संसद की अवधारणा विकसित की गई है। यह छात्र संसद चुनाव विशुद्ध योग्यतम छात्र को लोकतांत्रिक मूल्यों के प्रति चैतन्य करने का है।

विश्वविद्यालय के कुलपति मेजर जनरल डॉ. वाजपेयी ने छात्र संसद के चुनाव और इस निमित्त स्वनिर्मित सॉफ्टवेयर के प्रयोग के लिए पूरे विश्वविद्यालय परिवार को बधाई दी है।

*सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाती है श्रीमद्भागवत कथा: सीएम योगी आदित्यनाथ*

गोरखपुर- मुख्यमंत्री एवं गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा सत्य और जीवन के रहस्यों को समझाने वाली कथा है। यह सफलता के चरम उत्कर्ष और जीवन के परम सत्य तक पहुंचने की कथा है। हमारे जीवन की दैनिक, पारिवारिक, समाजिक और व्यावहारिक घटनाएं श्रीमद्भागवत कथा के इर्दगिर्द घूमती दिखाई देती हैं।

सीएम योगी गोरखनाथ मंदिर में युगपुरुष ब्रह्मलीन महंत दिग्विजयनाथ जी महाराज की 55वीं एवं राष्ट्रसंत ब्रह्मलीन महंत अवेद्यनाथ जी महाराज की 10वीं पुण्यतिथि समारोह के उपलक्ष्य में शनिवार अपराह्न श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ अवसर पर अपने विचार व्यक्त कर रहे थे। मंदिर के दिग्विजयनाथ स्मृति भवन सभागार में व्यासपीठ का पूजन करने के बाद उपस्थित श्रद्धालुओं को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत महापुराण मोक्ष ग्रंथ है। मोक्ष का अर्थ केवल जीवन से मुक्ति तक सीमित नहीं है। मोक्षदायी भागवत कथा का अर्थ व्यक्ति जिस क्षेत्र में हो, उसमें पारंगत होने, उसके रहस्यों को जानने और सफलता के चरम पहुंचने की कथा से है।

सीएम योगी ने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा और भगवान श्रीराम की लीला से जुड़ी कथाएं सनातन जनमानस में अत्यंत लोकप्रिय हैं। सनातन धर्म के इन दो देवों (श्रीराम और श्रीकृष्ण) ने जनमानस को जितना प्रभावित किया है, उतना व्यापक दृष्टांत पूरी दुनिया में कहीं और नहीं मिलता है। उन्होंने कहा कि ऐसे दौर में जब हर व्यक्ति व्यस्त है, उन स्थितियों में भी श्रद्धालुओं का सप्ताहभर घंटों कथा श्रवण से जुड़ने की परंपरा है। श्रीमद्भागवत महापुराण की कथा अपने अतीत व विरासत को झांकने अवसर भी प्रदान करती है।

श्रीमद्भागवत कथा सनातन धर्मावलंबियों के लिए प्रेरणास्रोत-सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि महाभारत के भीषण संघर्ष में हर प्रकार की व्यापक हानि उन्हीं वेद व्यास जी के सामने हुई जिनके आशीर्वाद से वंश परंपरा आगे बढ़ी। सोचा जा सकता है कि वेद व्यास जी के लिए महाभारत का समय कैसा रहा होगा। वेद व्यास जी ने मनःशांति के लिए श्रीमद्भागवत महापुराण की रचना की। वेद व्यास जी द्वारा 5200 वर्ष पूर्व रचित श्रीमद्भागवत महापुराण निरंतर सनातन धर्मावलंबियों के जीवन का मार्ग प्रशस्त करते हुए प्रेरणास्रोत बना हुआ है। मुख्यमंत्री ने कहा कि विचारणीय है कि कितने मत, मजहब और सम्प्रदाय का इतिहास पांच हजार वर्ष पुराना होगा? पर, श्रीमद्भागवत कथा पांच हजार वर्ष पूर्व से मानवीय सभ्यता, आध्यात्मिक उन्नयन और भौतिक विकास के उत्कर्ष का रहस्योद्घाटन करती है।

अचानक नहीं प्राप्त हो सकता मोक्ष-सीएम योगी

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि मोक्ष अचानक नहीं प्राप्त हो सकता। इसके लिए धर्म का आचरण करते हुए नैतिक माध्यम से अर्थोपार्जन करना होगा। इस मार्ग पर चलकर कामनाओं की सिद्धि होने पर मोक्ष प्राप्ति में भी सफलता मिल जाएगी। उन्होंने कहा कि श्रीमद्भागवत कथा मोक्ष प्राप्ति के इसी रहस्य को समझाती है। श्रीमद्भागवत महापुराण में लीला भगवान श्रीकृष्ण की है लेकिन शब्दावली वेद व्यास जी की है जो जीवन के रहस्यों का उद्घाटन, सनातन मूल्यों और उत्कर्ष से जुड़ी है।

धर्म केवल उपासना विधि नहीं-सीएम योगी

सीएम योगी ने कहा कि सनातन में यह अक्षुण्ण मान्यता है कि धर्म केवल उपासना विधि नहीं है। पूजा पद्धति, धर्म का एक हिस्सा हो सकता है लेकिन सम्पूर्ण धर्म नहीं हो सकती। इसीलिए सच्चा हिंदू किसी एक पूजा पद्धति पर लकीर का फकीर नहीं रहा है। सीएम ने कहा कि जिस धर्म (सनातन) में इतनी व्यापकता हो, जीवन के उतार-चढ़ाव को समभाव से वही देख सकता है। किसी भी उतार-चढ़ाव में सनातन की व्यापकता बनी रही है।

मुख्यमंत्री के संबोधन के उपरांत श्रद्धालुओं को श्रीमद्भागवत कथा का रसपान व्यासपीठ पर विराजमान कथा व्यास, श्रीराम मंदिर गुरुधाम काशी से पधारे जगद्गुरु अनंतानंद द्वाराचार्य काशीपीठाधीश्वर स्वामी डॉ. रामकमल दास वेदांती जी ने कराया। कथा प्रतिदिन अपराह्न 3 बजे से शाम 6 बजे तक सुनाई जाएगी। इसका विराम 20 सितंबर को होगा।

वैदिक मंत्रोच्चार के बीच निकली श्रीमद्भागवत महापुराण की पोथी शोभायात्रा

श्रीमद्भागवत महापुराण कथा ज्ञानयज्ञ के शुभारंभ से पूर्व गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ की अगुवाई में मुख्य मंदिर से कथा स्थल तक बैंडबाजे, शंख ध्वनि की गूंज तथा वेदपाठी विद्यार्थियों के वैदिक मंत्रोच्चार के बीच महापुराण की पोथी शोभायात्रा निकाली गई। शोभायात्रा के कथा स्थल पहुंचने पर गोरक्षपीठाधीश्वर योगी आदित्यनाथ ने अखंड ज्योति स्थापित की। पोथी प्रतिष्ठा और कथा व्यास के विराजमान होने के उपरांत मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ व अन्य यजमान ने व्यासपीठ की पूजा की।

इस अवसर पर गोरखनाथ मंदिर के प्रधान पुजारी योगी कमलनाथ, दिगम्बर अखाड़ा अयोध्या के महंत सुरेश दास, काशी से आए महामंडलेश्वर संतोष दास उर्फ सतुआ बाबा, बड़े भक्तमाल अयोध्या के महंत अवधेश दास, सुदामा कुटी वृंदावन के महंत सुतीक्ष्ण दास, कालीबाड़ी के महंत रविंद्र दास, पंचानन पुरी, विधायक विपिन सिंह, महेंद्रपाल सिंह, पूर्व महापौर सीताराम जायसवाल समेत यजमानगण और बड़ी संख्या में श्रद्धालु उपस्थित रहे।

*अवैध संबंध के शक में पत्नी की निर्मम हत्या, हथौड़े से सिर कूंचा, फिर खुद फोन कर दी पुलिस को दी सूचना*

गोरखपुर- तहसील क्षेत्र के बेलघाट थाने के कोटियां कोलाहल गांव के निवासी नकुल गुप्ता ने अपनी पत्नी सोनी का सिर हथौड़े से कूंच कर उसे मौत के घाट उतार दिया। क्रोध में आकर इस घटना को अंजाम देने की वजह अवैध संबंध बताई जा रही है। मिली जानकारी के अनुसार नकुल अपनी पत्नी सोनी पर किसी अन्य के साथ अवैध शारीरिक संबंध होने का शक किया करता था। जिसे लेकर पति-पत्नी के बीच प्रायः रोज ही विवाद होता रहता था‌‌।

हमेशा की तरह शुक्रवार को देर रात इसी शक को लेकर दोनों के बीच तीखी झड़प हुई। क्रोध में आग बबूला हुए नकुल गुप्ता ने हथौड़ा उठा कर पत्नी का सिर कूंच कर लहुलुहान कर दिया। हथौड़े का प्रहार इतना घातक था कि मौके पर ही उसकी पत्नी सोनी की मौत हो गई। नकुल गुप्ता ने खुद ही 112 नंबर पर फोन करके पुलिस को घटना की जानकारी दी। मौके पर पहुंची बेलघाट पुलिस ने आरोपित को हिरासत में ले लिया, साथ ही मृतका के शव को कब्जे में लेकर पंचनामे के बाद पोस्टमार्टम के लिए जिले पर भेज दिया है।

बता दें कि मृतका सोनी और नकुल का एक 6 वर्ष का पुत्र है। इस ओपन एण्ड शट केस की इलाके में हर जुबान पर चर्चा है। बेलघाट क्षेत्र के लोगों ने बताया कि पति-पत्नी के बीच शक के इतने बड़े मसले को बड़े बुजुर्गो के साथ बैठ कर आसानी से सुलझाया जा सकता था, लोगों ने 6 वर्षीय मासूम बेटे की परवरिश को लेकर चिंता जताई।

घटना के संदर्भ में पूरी जानकारी देते हुए एसपी साउथ जितेंद्र कुमार ने बताया कि आरोपित युवक को आला कत्ल के साथ हिरासत में ले लिया गया है, विधिक कार्रवाई की जा रही है।

*एल.पी. एम पब्लिक स्कूल में उत्साह पूर्वक मनाया गया हिन्दी दिवस*

गोरखपुर- उपनगर गोला तहसील चौराहा समीप स्थित लक्ष्मी प्रसाद मेमोरियल पब्लिक स्कूल में हिन्दी दिवस हर्षोल्लास के साथ मनाया गया। कार्यक्रम का उद्देश्य बच्चों में मातृभाषा के प्रति रुचि उत्पन्न करना। कार्यक्रम का शुभारम्भ विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक अमरनाथ वर्मा ने दीप प्रज्वलित कर व कार्यक्रम संचालन दुर्गेश धर दुबे ने किया। विद्यालय के छात्र-छात्राओं द्वारा विविध प्रस्तुति कविता, संभाषण, लघु नाटिका तथा कवि सम्मेलन के द्वारा हिन्दी भाषा के महत्व पर प्रकाश डाला गया।

विद्यालय के छात्र अनुज पाण्डेय हिन्दी भाषा के महत्व पर उत्कृष्ट कविता सुनाकर सबको भाव विभोर कर दिया। जूनियर वर्ग के बालिकाओं द्वारा लघु नाटिका सबके आकर्षण का केन्द्र रही। हिन्दी भाषा शिक्षक दुर्गेश धर दुबे छात्र छात्राओं को सम्बंधित करते हुए कहा कि हिन्दी भारत माँ के माथे की बिन्दी, जिससे उनकी शोभा बढ़ती है।

विद्यालय के प्रबन्ध निदेशक अमरनाथ वर्मा अपने सम्बोधन में कहा हिन्दी हमारी मातृभाषा है हमे सम्मान करना चाहिए अन्य विषयों के साथ हिन्दी भाषा का भी अध्ययन करे. विद्यालय की प्रधानाचार्या एकता वर्मा व रेवरेण्ट डीके सिंह ने अपने सम्बोधन में कहा कि हिन्दी भाषा के प्रयोग में झिझके नहीं हिन्दी आत्म गौरव की भाव भाषा है। इस अवसर पर हिंदी शिक्षक वी के राय विवेक दुबे कमलेश सिंह सत्येन्द्र मौर्य बविता शर्मा के साथ विद्यालय समन्वयक मनीष यादव सहसमन्वयक अनूप सिंह तथा सभी शिक्षक शिक्षिकाएँ उपस्थित रहे।