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फिलिस्तीन ने गाजा में शांति के लिए भारत से मांगी मदद, NSA अजीत डोभाल रूस जाएंगे

रूस यूक्रेन युद्ध में शांति के लिए दुनियाभर के देश भारत की ओर उम्मीद भरी निगाहों से देख रहे हैं. रूस यूक्रेन में युद्ध विराम की कोशिश के लिए राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (NSA) अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. अब फिलिस्तीन ने भी गाजा में शांति के लिए भारत का रुख किया है. भारत में फिलिस्तीन के राजदूत अदनान अबू अल-हैजा ने कहा, “हम हमेशा मध्यस्थ की भूमिका निभाने के लिए भारत जैसे दोस्त की तलाश में हैं.”

गाजा में युद्ध विराम के लिए अमेरिका, कतर और मिस्र मध्यस्थ की भूमिका निभा रहे हैं. तमाम कोशिशों के बाद भी मध्यस्थ युद्ध विराम समझौते पर नहीं पहुंच पाए हैं. रूस-यूक्रेन के बाद अब भारत से फिलिस्तीन इजराइल मुद्दे पर भी मध्यस्थ की भूमिका निभाने की उम्मीद की जा रही है.

भारत एक शांतिपूर्ण देश”- अबू अल-हैजा

फिलिस्तीनी राजदूत अबू अल-हैजा ने कहा, “मुझे पता है कि भारत एक शांतिपूर्ण देश है इसलिए हम भारत से अपील कर रहे हैं कि वे मध्यस्थ भूमिका निभाएं. भारत के दोनों देशों (इजराइल-फिलिस्तीन) से अच्छे संबंध हैं. हम भारत से आग्रह करते हैं कि वे युद्धविराम समझौते और फिलिस्तीन की 1967 के सीमाओं के आधार पर एक राज्य की स्थापना के लिए अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन करें.

युद्ध विराम के लिए रूस जा रहे डोभाल

हाल ही में रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने कहा था कि चीन, भारत और ब्राजील शांति वार्ता में मध्यस्थ की भूमिका निभा सकते हैं. इसके बाद इटली की पीएम जॉर्जिया मेलोनी ने भी ऐसा ही बयान दिया और दोनों देशों के बीच चल रहे युद्ध को खत्म कराने में भारत की भूमिका को महत्वपूर्ण बताया था.

अब खबर आई है कि भारत के सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल अगले हफ्ते रूस का दौरा करेंगे. खबर है कि वे यहां BRICS देशों के अपने समकक्षों से मुलाकात करेंगे. इन मुलाकातों में रूस-यूक्रेन विवाद को सुलझाने के लिए भी चर्चा हो सकती है

हरियाणा चुनाव: आप-कांग्रेस गठबंधन पर सोमनाथ भारती ने उठाए सवाल

हरियाणा विधानसभा चुनाव में कांग्रेस के साथ गठबंधन को लेकर आम आदमी पार्टी के भीतर से ही विरोध के सुर उठने लगे हैं. आम आदमी पार्टी के विधायक और नई दिल्ली लोकसभा सीट से उम्मीदवार रहे सोमनाथ भारती ने कहा कि हरियाणा में आप-कांग्रेस गठबंधन होने से पहले आम आदमी पार्टी को लोकसभा चुनाव के दौरान दिल्ली में बने इसी तरह के गठबंधन की ताकत और कमजोरियों की पहचान करनी चाहिए.

सोमनाथ भारती ने कहा कि अरविंद केजरीवाल जी ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए रोड शो किए, AAP के वरिष्ठ नेताओं और कैबिनेट मंत्रियों ने तीनों कांग्रेस उम्मीदवारों के लिए प्रचार किया लेकिन AAP उम्मीदवारों खासकर मुझे दिल्ली कांग्रेस और स्थानीय नेताओं की ओर से बिल्कुल भी समर्थन नहीं दिया गया. दिल्ली कांग्रेस अध्यक्ष अरविंदर सिंह लवली समेत कई कांग्रेस नेता चल रहे चुनाव प्रचार के बीच में ही कांग्रेस छोड़कर भाजपा में शामिल हो गए.

मिलने से किया इनकार

सोमनाथ भारती ने बताया कि कांग्रेस के सीनियर लीडर अजय माकन ने मिलने से भी इनकार कर दिया, जितेन्द्र कोचर जैसे स्थानीय नेताओं ने इस गठबंधन के खिलाफ काम किया और कथित तौर पर पैसों के लिए भाजपा के सांसद उम्मीदवार के लिए वोट मांगे. सोमनाथ भारती ने कहा कि कांग्रेस के वोटों को हमारे पक्ष में एकजुट करने के लिए हमारे संसदीय क्षेत्रों में राहुल गांधी, प्रियंका गांधी और कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे का कोई कार्यक्रम आयोजित नहीं किया गया.

सभी सीटों पर चुनाव

यही नहीं उन्होंने यह भी कहा कि आम आदमी पार्टी के समर्थक इस तरह के बेमेल और स्वार्थी गठबंधन के पक्ष में नहीं हैं और आम आदमी पार्टी को हरियाणा, पंजाब और दिल्ली में सभी सीटों पर अपने दम पर चुनाव लड़ना चाहिए. हरियाणा बीजेपी अपने आखिरी दिन पर है. कांग्रेस बड़े पैमाने पर अंदरूनी झगड़ों का सामना कर रही है और हरियाणा केजरीवाल जी का गृह राज्य है, ऐसे में आम आदमी पार्टी को हरियाणा में पहली गैर-भाजपा और गैर-कांग्रेसी ईमानदार सरकार देने के लिए अपने दम पर सभी 90 सीटों पर चुनाव लड़ना चाहिए.

अजय माकन पर आरोप

सोमनाथ भारती ने आगे कहा कि हमें यह नहीं भूलना चाहिए कि जिस काल्पनिक शराब घोटाले ने भाजपा को हमारे नेताओं को महीनों और सालों तक गिरफ्तार करने की वजह दी. उसकी साजिश अजय माकन ने रची और उसे सख्ती से आगे बढ़ाया गया. जब आम आदमी पार्टी को हराने की बात आती है, तो भाजपा और कांग्रेस दोनों खुले तौर पर या चुपके से एक साथ काम करते हैं.

मणिपुर में हिंसा को काबू में करने के लिए पुलिस की बड़ी कार्रवाई, ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात

मणिपुर पिछले एक साल से हिंसा की आग में जल रहा है, जिसमें न जाने कितने ही लोगों की जान चली गई. कुछ दिन पहले ही राज्य में ड्रोन और रॉकेट से हमला किया गया था. इस हमले में पांच लोगों की मौत हो गई थी. इस बीच पुलिस ने ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात करने का फैसला किया है. ये घोषणा जिरीबाम जिले में ताजा हिंसा की खबरों के बाद की गई है.

पुलिस महानिरीक्षक (आसूचना) के. कबीब के मुताबिक सूबे में एक मजबूत ड्रोन रोधी प्रणाली तैनात की गई है. इसके साथ ही उन्होंने ये भी बताया कि राज्य में पुलिस और नागरिकों पर हमलों का मुकाबला करने के लिए अतिरिक्त हथियार खरीदने की प्रक्रिया चल रही है. उन्होने कहा पुलिस प्रशासन हालात पर बारीकी से नजर रखे हुए हैं. तमाम वरिष्ठ अधिकारियों को मौके पर तैनात किया गया है. साथ ही ड्रोन-रोधी प्रणाली तैनात की गई है. उन्होंने बताया कि राज्य पुलिस अतिरिक्त ड्रोन-रोधी हथियार खरीदेगी.

संवेदनशील इलाकों में सुरक्षाकर्मी तैनात

के. कबीब ने पत्रकारों से बात करते हुए कहा कि सेना के हेलीकॉप्टर इलाकों में हवाई गश्त कर रहे हैं. साथ ही संवेदनशील क्षेत्रों में सुरक्षाकर्मियों को तैनात किया गया है, जो चप्पे-चप्पे पर नजर रख रहे हैं, ताकि किसी भी घटना को होने से रोका जा सके. उन्होंने बताया कि दोनों तरफ पहाड़ियों और घाटियों में तलाशी अभियान तेज कर दिया गया है, हर आने जाने लोगों पर पैनी निगाह रखी जा रही है. उन इलाकों पर खास तौर पर ध्यान दिया जा रहा है जहां से लंबी दूरी के रॉकेट और ड्रोन दागे गए थे.

कम से कम 3-5 किलोमीटर के दायरे में चलेगा अभियान

पुलिस महानिरीक्षक ने बताया ये अभियान कम से कम 3-5 किलोमीटर के दायरे में चलेगा. इस संयुक्त अभियानों का मकसद पहाड़ियों और घाटी दोनों जगहों पर किसी भी तरह के हमले को रोकना है, जहां रॉकेट दागे गए थे और ड्रोन लॉन्च किए गए थे. वहीं जिरीबाम जिले में भड़की हिंसा पर उन्होंने कहा कि संदिग्ध कुकी उग्रवादियों ने नुंगचाबी गांव पर हमला किया था जिसमें कुलेन्द्र सिंहा नाम के एक बुजुर्ग की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि रशीदपुर गांव के पास ग्रामीण स्वयंसेवकों और अज्ञात बदमाशों के बीच गोलीबारी हुई, जिसमें एक शख्स की मौत हो गई. उन्होंने बताया कि वर्दी पहने बदमाशों के तीन शव बरामद किए गए.

भारी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद बरामद

इसके आगे उन्होंने ये भी बताया कि बीते दिन शाम के समय राजधानी इंफाल में सातवीं मणिपुर राइफल्स खाबेइसोई और दूसरी मणिपुर राइफल्स में हथियार लूटने की कोशिश की गई. हालांकि सुरक्षाबलों ने इस कोशिश को नाकामयाब कर दिया. इस दौरान उपद्रवियों के कुछ वाहन भी क्षतिग्रस्त हो गए. हालांकि इस दौरान हुई गोलीबारी में दो पुलिसकर्मी जख्मी हो गए.पुलिस महानिरीक्षक ने बताया कि शनिवार सुबह कांगपोकपी और बिष्णुपुर जिलों की सीमा पर मौजूद लोइबोल खुल्लेन और टिंगकाई खुल्लेन में तलाशी अभियान के दौरान भारी तादाद में हथियार और गोला-बारूद बरामद हुआ है, जिसमें अत्याधुनिक हथियार, स्नाइपर राइफल, विस्फोटक और ग्रेनेड के साथ ही एक वायरलेस सेट शामिल थे.

मानसून का कहर: जयपुर में मूसलाधार बारिश, आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अलर्ट

मानसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से राजस्थान की राजधानी जयपुर सहित कई जिलों में मूसलाधार बारिश हो रही है. वहीं, मौसम विज्ञान विभाग (IMD) ने शनिवार को आंध्र प्रदेश में भारी बारिश का अनुमान जताया है. IMD के मुताबिक, आंध्र प्रदेश के 9 जिलों में अलग-अलग स्थानों पर भारी बारिश होने की संभावना है. इसके साथ ही उन सभी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है.

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के एलुरु, अल्लुरी सीताराम राजू (एएसआर), पार्वतीपुरम मान्यम, श्रीकाकुलम, विजयनगरम, पश्चिम गोदावरी, पूर्वी गोदावरी, एनटीआर और कृष्णा जिलों के लिए ‘अलर्ट’ जारी किया है. मौसम विभाग ने एक प्रेस विज्ञप्ति में कहा, ‘एलुरु, एएसआर, पूर्वी गोदावरी, पश्चिम गोदावरी और एनटीआर के एक या दो स्थानों पर भारी से बहुत भारी बारिश के साथ अत्यंत भारी बारिश होने की आशंका है.’

आंध्र प्रदेश में रविवार को भी भारी बारिश होने का अनुमान

मौसम विभाग ने आंध्र प्रदेश के कोनसीमा, काकीनाडा, अनकापल्ली, यानम, विशाखापट्टनम, विजयनगर, श्रीकाकुलम, पार्वतीपुरम मान्यम और कृष्णा जिलों के अलग-अलग स्थानों पर रविवार को अत्याधिक बारिश होने का भी अनुमान व्यक्त किया है. इन सभी जिलों के लिए ‘ऑरेंज अलर्ट’ जारी किया है. वहीं, मानसून के एक बार फिर जोर पकड़ने से राजस्थान में मूसलाधार बारिश हो रही है.

राजस्थान में अगले दो दिन मानसून सक्रिय रहने का अनुमान

मौसम केंद्र के अनुसार, राजस्थान में पिछले चौबीस घंटे में बांसवाड़ा के लोहारिया में सबसे अधिक 169 मिलीमीटर बारिश हुई है. वहीं, राज्य में भारी बारिश का दौर अभी कुछ दिन जारी रहने का अनुमान है. मौसम केंद्र जयपुर के अनुसार, शनिवार सुबह साढ़े आठ बजे तक के 24 घंटों में पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर स्थानों और पश्चिमी में कुछ स्थानों पर मेघ गर्जन के साथ वर्षा दर्ज की गई.

मौसम विभाग के अनुसार पूर्वी राजस्थान के ज्यादातर भागों में आगामी 2-3 दिन मानसून सक्रिय रहने का अनुमान है. सात सितंबर को उदयपुर, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में मध्यम, कहीं-कहीं भारी और अति भारी बारिश होने का अनुमान है. इसी तरह कोटा, अजमेर, जयपुर संभाग के कुछ भागों में 8-9 सितंबर को भी बारिश की गतिविधियां जारी रहने और कहीं-कहीं भारी बारिश होने का अनुमान है.

अबू धाबी के क्राउन प्रिंस की दो दिवसीय भारत यात्रा,कई क्षेत्रों में होगी साझेदारी

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के विशेष निमंत्रण पर अबू धाबी के क्राउन प्रिंस शेख खालिद बिन मोहम्मद बिन जायद अल नाहयान भारत आ रहे हैं. मोहम्मद बिन जायद 9 और 10 सितंबर को भारत की दो दिवसीय आधिकारिक यात्रा करेंगे.

हमास इजरायल संघर्ष के बीच उनकी भारत यात्रा अहम मानी जा रही है. बतौर अबू धाबी के युवराज उनकी यह पहली भारत यात्रा होगी. उनके साथ यूएई सरकार के कई मंत्री और व्यापार प्रतिनिधिमंडल भी होगा.

भारतीय विदेश मंत्रालय ने प्रेस विज्ञप्ति के माध्यम से बताया है कि अल नाहयान की यात्रा भारत और संयुक्त अरब अमीरात के संबंधों को और मजबूत करेगी. उनकी इस यात्रा विकास के नए क्षेत्रों में साझेदारी के नये रास्ते खोलेगी.

द्विपक्षीय मुद्दों पर बातचीत

जानकारी के मुताबिक प्रधानमंत्री मोदी और क्राउन प्रिंस विभिन्न क्षेत्रों में द्विपक्षीय सहयोग को लेकर मिलकर बातचीत करेंगे. इसके अलावा दोनों नेताओं के बीच इज़राइल-हमास संघर्ष से उत्पन्न हालात को लेकर भी विचार-विमर्श की संभावना है.

भारत और यूएई के ऐतिहासिक रूप से घनिष्ठ और मैत्रीपूर्ण संबंध हैं. हाल के सालों में भारत और यूएई के बीच राजनीतिक, व्यापार, निवेश, कनेक्टिविटी, ऊर्जा, प्रौद्योगिकी, शिक्षा और संस्कृति सहित कई क्षेत्रों में रणनीतिक साझेदारी पहले से गहरी हुई है.

भारत में क्राउन प्रिंस के प्रोग्राम

प्रधानमंत्री मोदी से वार्ता के साथ ही इस दौरान वो राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू से भी मुलाकात करेंगे. अबू धाबी के प्रिंस राष्ट्रपिता गांधी को श्रद्धांजलि देने के लिए राजघाट भी जाएंगे. दिल्ली यात्रा के बाद अल नाहयान एक बिजनेस फोरम में भाग लेने के लिए मुंबई जाएंगे. इस फोरम में दोनों देशों के शीर्ष व्यापारिक नेता भाग लेंगे.

भारत-यूएई के बढ़ते संबंध

प्रधानमंत्री मोदी ने अगस्त 2015 में यूएई की यात्रा की थी. तब से दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय संबंध आगे बढ़ा. दोनों देशों ने सीमा पार लेनदेन के लिए फरवरी 2022 में एक व्यापक आर्थिक साझेदारी समझौते किए तो जुलाई 2023 में एक स्थानीय मुद्रा निपटान प्रणाली पर हस्ताक्षर किए. पिछले कुछ सालों में भारत-यूएई ने रक्षा सहयोग में भी हाथ बढ़ाया है. इस साल जनवरी में प्रथम भारत-यूएई द्विपक्षीय सैन्य अभ्यास डेजर्ट साइक्लोन राजस्थान में संपन्न हुआ था.

केसरीवाड़ा, पुणे: जहां बाल गंगाधर तिलक ने पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजित किया, जाने

1857 की क्रांति की विफलता के बाद अंग्रेजी दासता से मुक्ति के लिए संघर्ष का यह दूसरा चरण था. लोकमान्य बाल गंगाधर तिलक इस संघर्ष के जनक थे. राष्ट्रीयता की भावना विकसित करने और समाज को संगठित करने के लिए उन्होंने अनूठे तरीके अपनाए. विघ्ननाशक आराध्य श्री गणेश के पूजन को उन्होंने घरों की चहारदीवारी से बाहर निकालकर सार्वजनिक उत्सव के रूप में प्रस्तुत किया. शौर्य-साहस के नायक छत्रपति शिवाजी के उत्सव आयोजित करके उन्होंने युवाओं को संगठित किया और उन्हें स्वतंत्रता के संघर्ष के लिए प्रेरित किया. तिलक ने यह तब किया जब अंग्रेजी हुकूमत ने सार्वजनिक तौर पर ऐसे कार्यक्रमों के आयोजन पर रोक लगा रखी थी.

जाहिर तौर पर ये धार्मिक-सांस्कृतिक कार्यक्रम थे. लेकिन इनका असली उद्देश्य जनता को ब्रिटिश दासता के विरुद्ध संघर्ष के लिए जागृत और संगठित करना था. अंग्रेजों ने जल्दी ही इस खतरे को पहचाना. दमन चक्र चलाया. तिलक को बार-बार जेल यात्राएं करनी पड़ी. लेकिन स्वराज हमारा जन्मसिद्ध अधिकार है, के प्रणेता तिलक का जीवन देश के लिए समर्पित था और इसके लिए कोई भी कीमत चुकाने को वे हमेशा तैयार रहे.

गजानन राष्ट्रीय एकता के प्रतीक

तिलक ने 20 अक्तूबर, 1893 को पुणे के अपने निवास स्थल केसरीबाड़ा में पहला सार्वजनिक गणेशोत्सव आयोजित किया. इसके कार्यक्रम दस दिन तक चले. इतिहासकारों के अनुसार, शिवाजी महाराज के बाल्यकाल में उनकी मां जीजाबाई ने ग्रामदेवता कसबा गणपति की स्थापना की थी. बाद में पेशवाओं ने इसका विस्तार किया. लेकिन तिलक के गणेशोत्सव के आयोजन धार्मिक कर्मकांडों तक सीमित नहीं रहे. उन्होंने गजानन को राष्ट्रीय एकता के प्रतीक के तौर पर स्थापित किया. इस उत्सव के दौरान विभिन्न कार्यक्रमों के जरिए सामाजिक कुरीतियों और छुआछूत दूर करने के प्रभावी संदेश दिए गए. सामाजिक एकता और राष्ट्रीय भावना का विकास इन आयोजनों के मूल में था.

पूजन के बहाने अंग्रेजी राज के विरुद्ध संदेश

गणेशोत्सव के आयोजनों की लोकप्रियता को जल्दी ही विस्तार मिला. स्थान-स्थान पर इस उत्सव से सक्रिय रूप से जुड़ने वालों की भीड़ बढ़ती ही गई. प्रत्यक्ष तौर पर उत्सव का उद्देश्य आराध्य श्री गणेश का पूजन था. लेकिन आयोजन के दौरान युवकों की टोलियां देशभक्ति के गीत गाती भ्रमण करतीं. पर्चे वितरित करतीं. अंग्रेजी राज के विरुद्ध लोगों को खड़े होने के लिए संगठित होने और इसके लिए आपसी मतभेद भुलाने और क्षुद्र स्वार्थों के परित्याग का संदेश दिया जाता था.सार्वजनिक तौर ऐसे आयोजनों के लिए प्रशासन की अनुमति नहीं थी. धार्मिक पूजन – अर्चन के उत्सव के नाम पर सरकार के विरुद्ध निर्मित हो रहे वातावरण से अंग्रेज चिंतित थे. खुफिया रिपोर्टों में इस पर चिंता भी जाहिर की गई. इसके चलते इस आयोजन के सूत्रधार तिलक किसी न किसी बहाने अंग्रेजो के निशाने पर बने रहे.

मुगलों से शिवाजी लड़े, अंग्रेजों से आप लड़ो

तिलक को अंग्रेजी राज की नाराजगी या उत्पीड़न की चिंता नहीं थी. 15 अप्रैल 1895 को उन्होंने शिवाजी उत्सव की शुरुआत रायगढ़ किले में की. शौर्य – साहस के पर्याय छत्रपति शिवाजी महाराज भारत वर्ष के प्रेरक अग्रणी नायकों की सूची में काफी ऊंचे स्थान पर रहे हैं. उन्होंने मुगलों के विरुद्ध निरंतर संघर्ष करके मराठा साम्राज्य को अक्षुण्ण रखा था.

असलियत में शिवाजी के अदम्य साहस, शौर्य और संघर्ष के जरिए तिलक विशेषकर युवाओं में उनकी ही भांति जोश और जागृति उत्पन्न करना चाहते थे. इस उत्सव के दौरान शिवाजी के जीवन के प्रेरक प्रसंगों और मुगलों के विरुद्ध उनके साहसपूर्ण संघर्ष की याद दिलाकर संदेश दिया जाता कि देश के सामने आज भी ऐसी ही परिस्थिति है. तब विदेशी मुगलों से संघर्ष था. अब अंग्रेजों को उखाड़ फेंकने की जरूरत है.

ईश्वर ने भारत का पट्टा विदेशियों को नहीं दिया

12 जून 1897 को शिवाजी उत्सव में तिलक का भाषण संघर्ष प्रारम्भ करने का खुला आह्वान था. उन्होंने कहा, “क्या शिवाजी ने अफजल खान को मार कर कोई पाप किया था? इस प्रश्न का उत्तर महाभारत में मिल सकता है. गीता में श्रीमन कृष्ण ने अपने गुरूओं और बांधवों तक को मारने का उपदेश दिया है. उनके अनुसार अगर कोई व्यक्ति निष्काम भाव से कर्म करता है तो वह किसी पाप का भागी नही बनता है.

शिवाजी ने अपनी उदर पूर्ति के लिए कुछ नही किया था. बहुत नेक इरादे के साथ, दूसरों की भलाई के लिए उन्होंने अफजल खान का वध किया था. अगर चोर हमारे घर में घुस आए और हमारे अन्दर उनको बाहर निकालने की ताकत न हो तो हमे बेहिचक दरवाजा बन्द करके उसे जिन्दा जला देना चाहिए. ईश्वर ने हिन्दुस्तान के राज्य का पट्टा ताम्रपत्र पर लिखकर विदेशियों को तो नहीं दिया है.

शिवाजी महाराज ने उनको अपनी जन्मभूमि से खदेड़ने की कोशिश की. ऐसा करके उन्होंने दूसरे की वस्तु हड़पने का पाप नही किया. कुएं के मेढ़क की तरह अपनी दृष्टि संकुचित मत करो. ताजीराते – हिन्द की कैद से बाहर निकलो. गीता के अत्यन्त उच्च वातावरण में पहुंचो और महान व्यक्तियों के कार्यों पर विचार करो.”

विलक्षण प्रतिभा के धनी

23 जुलाई 1856 को जन्मे बाल गंगाधर तिलक ने 1880 में वकालत पास की. नौ वर्षों तक कानून की कक्षाएं लीं. अपने अखबार ‘केसरी’ में कानून पर तमाम विद्वतापूर्ण लेख लिखे. 40 साल के अपने सार्वजनिक जीवन मे लगातार मुकदमों और अदालतों में उलझे रहे. इसमें लंदन की अदालतें भी शामिल थीं. तीन बार राजद्रोह के मुकदमों का सामना किया. कानूनी कौशल ऐसा विलक्षण कि जब 1897 में पहली बार राजद्रोह के मामले में सजा के बाद उन्हें जेल भेजा गया तो अगले ही दिन जेल से उन्होंने प्रिवी काउंसिल में की जाने वाली अपील का ड्राफ्ट तैयार कर अपने वकीलों को सिपुर्द कर दिया.

यह अपील अदालत में फैसला सुनकर तैयार की गई थी. दिग्गज वकील आश्चर्य में पड़ गए थे. न्यायिक प्रक्रिया का राजनीतिक इस्तेमाल उन जैसा शायद ही कोई नेता कर सका हो.

दिव्यांग महिला के साथ ट्रेन में दुष्कर्म का प्रयास, पैंट्रीकार कर्मचारी गिरफ्तार

ओड़िशा के पुरी से एक परेशान करने वाली घटना सामने आई है. यहां पुरी से ऋषिकेश जाने वाली उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन में एक दिव्यांग महिला के साथ पैंटीकार के कर्मचारी ने जबरदस्ती करने की कोशिश की. महिला जब बाथरूम जा रही थी इसी दौरान पैंट्रीकार के कर्मचारी ने महिला के साथ दुष्कर्म करने का प्रयास किया. लोगों ने महिला की चीखें सुनी तो बाथरूम का दरवाजा खुलावाया जिसके बाद मामले का खुलासा हुआ.

घटना ओड़िशा के ऋषिकेश जाने वाली 18477 उत्कल एक्प्रेस के एसी-3 कोच में उस वक्त हड़कंप मच गया जब देर रात दो से तीन बजे के करीब ट्रेन कटक और जाजपुर के बीच से जा रही थी. इसी दौरान कोच के बाथरूम से महिला के चीखने की आवाज आने लगी. इसके बाद कोच में सफर कर रहे बाकी लोग शौचालय के दरवाजे तक पहुंचे और जबरन शौचालय का दरवाजा खोला तो लोगों की आंखें फटी की फटी रह गई.

शौचालय के अंदर ट्रेन में सफर कर रही एक दिव्यांग महिला यात्री के साथ ट्रेन के पैंटीकार का एक कर्मचारी जबरदस्ती करने की कोशिश कर रहा था. पीड़िता ओड़िशा के नयागढ़ अपने मायके आए हुए थी. वह वापस उत्तर प्रदेश अपने ससुराल लौट रही थी. इसी दौरान वह भुवनेश्वर से उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन में सवार हुई थी. सफर के दौरान देर रात लगभग 2 से 3 बजे के बीच जब वह शौचालय गई, इसी दौरान उसके पीछे-पीछे उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन के पैंटीकार का एक कर्मचारी जिसका नाम रामजीत सिंह है, भी आ गया.

आरोपी पुलिस के हवाले

वो महिला के पीछे-पीछे बाथरूम में गया और उसके साथ दुष्कर्म करने की कोशिश करने लगा. इसके बाद महिला ने अपने बचाव में चीखना शुरू कर दिया. महिला की आवाज सुनकर ट्रेन में मौजूद बाकी यात्री तुरंत शौचालय का दरवाजा खोलकर महिला को बचाया और आरोपी को ट्रेन के चक्रधरपुर पहुंचते ही आरपीएफ के जवानों के हवाले कर दिया गया. आरोपी को पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया है. पीड़ित महिला अपने नाबालिग बेटे के साथ सफर कर रही थी. जिस दौरान उत्कल एक्सप्रेस ट्रेन में उनके साथ ये घटना हुई.

गणेश चतुर्थी 2024: इन शहरों में रहेंगे बैंक बंद,जानें क्या है RBI की गाइडलाइन,देखे लिस्ट

आज से गणेश चतुर्थी का पर्व शुरू हो रहा है. देश के कई हिस्सों में गणेश चतुर्थी का पर्व धूमधाम से मनाया जाता है. महाराष्ट्र से लेकर गुजरात में इसका काफी महत्त्व है. ऐसे में इस मौके पर तमाम जगहों पर बैंक बंद रहते हैं और कामकाज नहीं होता है. आज भी कई जगह बैंक बंद रहने वाले हैं. अगर आपने कोई बैंक का आज के लिए पेंडिंग रखा है बैंक विजिट करने से पहले एक बार ये जरूर चेक कर लें कि कहीं आपके शहर में भी तो बैंक बंद नहीं है.

बैंक की छुट्टियां रिजर्व बैंक हर महीने जारी करता है. RBI के मुताबिक, गणेश चतुर्थी पर पूरे भारत में छुट्टी नहीं होगी, लेकिन तमाम जगहों पर बैंक बंद रहेंगे. RBI Bank Holidays Calendar के मुताबिक गणेश चतुर्थी के दिन मुंबई, नागपुर, पणजी, अहमदाबाद, बेलापुर, बेंगलुरु, चेन्नई, भुवनेश्वर, हैदराबाद (आंध्र प्रदेश और तेलंगाना) में बैंक बंद रहेंगे. वहीं, देश के बाकि राज्यों में बैंकों में सामान्य रूप से कामकाज होगा.

सितंबर में कब-कब बंद रहेंगे बैंक

सितंबर के महीने में छुट्टियों की भरमार है. इस बार देश के तमाम हिस्सों में 10 या 12 दिन नहीं बल्कि 15 दिन बैंक बंद रहेंगे.

1 सितंबर: रविवार

4 सितंबर: तिरुभव तिथि ऑफ श्रीमंता शंकरदेवा (गुवाहाटी)

7 सितंबर: गणेश चतुर्थी

8 सितंबर: रविवार

14 सितंबर: दूसरा शनिवार, फर्स्ट ओणम (कोची, रांची और तिरुवनंतपुरम)

15 सितंबर: रविवार

16 सितंबर: बारावफात

17 सितंबर: मिलाद-उन-नबी (गंगटोक और रायपुर)

18 सितंबर: पंग-लहबसोल (गंगटोक)

20 सितंबर: ईद-ए-मिलाद-उल-नबी (जम्मू और श्रीनगर)

22 सितंबर: रविवार

21 सितंबर: श्री नारायण गुरु समाधि दिवस (कोची और तिरुवनंतपुरम)

23 सितंबर: महाराजा हरिसिंह जी जन्मदिवस (जम्मू और श्रीनगर)

28 सितंबर: चौथा शनिवार

29 सितंबर: रविवार

अलग-अलग होती है छुट्टी

बैंकों के लिए सभी राज्यों में छुट्टियों की लिस्ट एक जैसी नहीं होती है. भारतीय रिजर्व बैंक के मुताबिक, सभी राज्यों की छुट्टियों की लिस्ट अलग होती है. RBI की ऑफिशियल वेबसाइट पर इन छुट्टियों की पूरी लिस्ट दी होती है, जिसमें राज्यों के हिसाब से अलग त्योहारों छुट्टियों का पूरा ब्यौरा दिया होता है. बैंकों के बंद रहने के बावजूद भी ग्राहकों को परेशानी नहीं होगी. छुट्टियों के दिन भी लोग ऑनलाइन बैंकिंग की सहायता से अपने सारे काम निपटा सकते हैं. आज के समय में बैंक की ज्यादातर सर्विसेज ऑनलाइन उपलब्ध हैं. इसलिए अवकाश वाले दिन भी आप बहुत से बैंकिंग कार्य घर बैठे ही निपटा सकते हैं.

गणेश चतुर्थी पर दिल्ली में धूम: बुराड़ी में सजेगा सबसे बड़ा पंडाल, और क्यो मुंबई के लालबाग से की जाती है तुलना,जानिए इनका इतिहास

गणेश चतुर्थी का त्योहार शानिवार यानी आज मनाया जा रहा है. मंगल मूर्ति गणपति बप्पा जी की पूजा किसी भी शुभ काम से पहले की जाती है. गणेशोत्सव के इस पावन त्योहार को लेकर हर कोई उत्सुक है. बप्पा को घर में स्थापित करने की तैयारियां लोगों ने पहले से ही कर ली हैं. 10 दिनों तक चलने वाले इस त्योहार पर पंडाल भी सजाए जाते हैं.

वैसे तो गणेशोत्सव का महत्व महाराष्ट्र में ज्यादा है लेकिन राजधानी नई दिल्ली में इस मामले में पीछे नहीं है. यहां भी गणपति जी का उत्सव धूम-धाम से मनाया जाता है. दिल्ली की कई जगहों पर बड़े-बड़े पंडाल सजाए जाते हैं. बता दें कि दिल्ली में सबड़े बड़ा पंडाल बुराड़ी इलाके में लगाया जाता है, जिसे देखने के लिए दू-दूर से लोग आते हैं. खास बात तो ये है कि इसकी तुलना मुंबई के लालबाग से की जाती है

जानिए पंडाल का इतिहास

आपको बता दें कि साल 2015 में इस बड़े से पंडाल को सांसद मनोज तिवारी ने सजवाया था. उनका कहना था कि लोग मुंबई में लालबाग के राजा के दर्शन करने जाते हैं. वैसे ही हम भी दिल्ली के लोगों के लिए लालबाग का आयोजन करवाएंगे. बीते 9 सालों से दिल्ली में इतने बड़े पंडाल का आयोजन करवाया जा रहा है.

ये है खासियत

पंडाल की खासियत ये है कि इसका फर्श लकड़ियों का बनाया जाता है, जिस पर करीब 5 लाख लोगों के खड़े होने की क्षमता है. गणेश उत्सव के दौरान बुराड़ी के लालबाग पंडाल में लगभग 1 से 5 लाख लोग दर्शन करने के लिए आते हैं.

कैसे पहुंचे लालबाग पंडाल

दिल्ली में रहने वाले लोग बुराड़ी इलाके को तो जानते ही होंगे. यहां पहुंचने के लिए आप नजदीकी मेट्रो से जीटीबी नगर पहुंचे. जीटीबी नगर येलो लाइन मेट्रो पर है. लालबाग का पंडालDDA ग्राउंड, संत निरंकारी समागम, बुराड़ी में आयोजित किया जाता है. तो इस बार आप भी अगर दिल्ली में ही लालबाग के राजा का दर्शन करना चाहते हैं तो बुराड़ी के पंडाल में जरूर घूमकर आएं. यहां आपको खाने के भी तमाम सारे स्टॉल लगे दिख जाएंगे.

मेवा सिंह को लाडवा सीट से कांग्रेस का टिकट, सीएम नायब सिंह सैनी से होगा मुकाबला,जाने कौन है मेवा सिंह

कांग्रेस ने हरियाणा विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पहली लिस्ट जारी कर दी है और 32 उम्मीदवारों के नाम पर मुहर लगा दी है. पार्टी ने लाडवा सीट से मेवा सिंह को टिकट दिया है. वहीं बीजेपी ने सीएम नायब सिंह सैनी को इस सीट से उतारा है, जिसके बाद, अब इस सीट पर मेवा सिंह का सीएम नायब सिंह सैनी से सीधा मुकाबला होगा.

जिस सीट से बीजेपी ने सीएम नायब सिंह सैनी को उतारा है, उस सीट पर कांग्रेस ने मेवा सिंह पर भरोसा जताया है. इस भरोसे के पीछे मेवा सिंह का सियासी सफर है. मेवा सिंह हरियाणा की राजनीति में कांग्रेस पार्टी का एक बड़ा चेहरा बनकर उभरे हैं

कौन हैं मेवा सिंह?

मेवा सिंह पर ही कांग्रेस ने पिछले विधानसभा चुनाव (2019) में भी लाडवा सीट से भरोसा जताया था और मेवा सिंह ने बीजेपी के पवन सैनी को 12,637 वोटों से हराया था. मेवा सिंह ने साल 1985-86 में राजनीति में कदम रखा, उन्होंने सरपंच बनने से अपने इस सियासी सफर की शुरुआत की. इसके बाद वो इंडियन नेशनल लोकदल का हिस्सा बने और उन्होंने कुरुक्षेत्र जिला परिषद अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली

BJP के टिकट पर लड़ा पहला चुनाव

लाडवा कुरुक्षेत्र जिला की विधानसभा सीट है, जिसको साल 2009 में कुरुक्षेत्र के थानेसर निवार्चन क्षेत्र से अलग करके बनाया गया है. मेवा सिंह ने अपना पहला चुनाव बीजेपी के टिकट पर लड़ा था. इस चुनाव में वो 21 हजार 775 वोट ही हासिल कर सके थे. साल 2009 के चुनाव में इंडियन नेशनल लोकदल पार्टी के शेर सिंह बड़शामी ने जीत हासिल की थी, जबकि कांग्रेस की कैलाशो देवी सैनी दूसरे पायदान पर रही थी.

कब हुए कांग्रेस में शामिल?

मेवा सिंह ने साल 2011 में बीजेपी का साथ छोड़ कर कांग्रेस का दामन थामा था. हालांकि, उनको जेबीटी घोटाले में दोषी ठहराया गया था, जिसके चलते वो साल 2014 का चुनाव नहीं लड़ सके थे और उनकी पत्नी बचन कौर ने चुनाव लड़ा था, लेकिन वो कामयाबी हासिल नहीं कर सकी थी और तीसरे नंबर पर रही थी. साल 2014 के चुनाव में बीजेपी के पवन सैनी ने जीत हासिल की थी.

2019 में हासिल की जीत

2014 में जीत हासिल करने के बाद बीजेपी ने एक बार फिर 2019 के चुनाव में लाडवा सीट से पवन सैनी को ही टिकट दिया था और इस बार कांग्रेस ने मेवा सिंह को मैदान में उतारा था. हालांकि, दोनों के बीच काफी कड़ा मुकाबला था, लेकिन लगभग 12 हजार से ज्यादा वोटों के अंतर से मेवा सिंह ने जीत हासिल की थी. मेवा सिंह ने 57 हजार 665 वोट हासिल किए थे, जबकि बीजेपी के पवन सिंह ने 45 हजार से अधिक वोट हासिल किए थे.

लाडवा सीट का इतिहास

लाडवा सीट इस समय हरियाणा विधानसभा चुनाव की हॉट सीट मानी जा रही है, क्योंकि बीजेपी ने इस सीट पर सीएम नायब सैनी पर दांव खेला है, जिससे इस सीट पर मुकाबला काफी बढ़ गया है. कांग्रेस के मेवा सिंह की अब सीधी टक्कर बीजेपी के सीएम रहे नायब सैनी से है. हालांकि, इस सीट के इतिहास के हिसाब से यहां हर साल परिवर्तन होता रहा है.

एक भी चुनाव में कोई भी उम्मीदवार लगातार 2 बार जीत हासिल करने में कामयाब नहीं हो सका है. जहां इस सीट पर साल 2009 में इनेलो ने जीत हासिल की, वहीं, साल 2014 का चुनाव बीजेपी के खाते में गया, जिसके बाद साल 2019 में कांग्रेस के मेवा सिंह ने इस सीट पर जीत दर्ज की. हालांकि, अब देखना होगा कि इस बार लाडली सीट किस के सिर पर जीत का सेहरा बांधती है. हरियाणा में एक चरण में 5 अक्टूबर को चुनाव होने हैं, जिसके रिजल्ट 8 अक्टूबर को सामने आएंगे.