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कोलकाता नाइट राइडर्स को मिल सकता है नया मेंटर, कुमार संगाकारा संभालेंगे गौतम गंभीर की जगह!

शाहरुख खान की टीम ने पिछले साल गौतम गंभीर के मेंटॉरशिप में तीसरी बार आईपीएल की ट्रॉफी अपने नाम की थी. ट्रॉफी जिताने के बाद गौतम गंभीर ने केकेआर का साथ छोड़कर टीम इंडिया के हेड कोच बन गए थे. तभी से फ्रेंचाइजी को उनके जैसे एक दिग्गज की तलाश थी, जो अब पूरी होती नजर आ रही है. टेलीग्राफ की रिपोर्ट के मुताबिक कुमार संगाकारा केकेआर में गंभीर की जगह ले सकते हैं. इसके लिए शाहरुख की टीम ने उनसे बातचीत शुरू कर दी है और अगले कुछ दिनों में इसका ऐलान भी हो सकता है.

राजस्थान रॉयल्स से तोड़ेंगे नाता

कुमार संगाकारा 2021 से ही राजस्थान रॉयल्स के साथ जुड़े हुए हैं. राजस्थान की फ्रेंचाइजी में वो डाईरेक्टर ऑफ क्रिकेट की भूमिका में थे, साथ ही हेड कोच की जिम्मेदारी भी संभाल रहे थे. हाल ही में राजस्थान ने राहुल द्रविड़ को अपना नया हेड कोच बनाया था. वहीं विक्रम राठौड़ को असिस्टेंट कोच बनाने पर मंथन जारी है. बता दें राजस्थान ने संगाकारा को दूसरी लीग में फ्रेंचाइजी की टीमों को संभालने की जिम्मेदारी दी थी. टेलीग्राफ ने सूत्रों के हावले से रिपोर्ट किया है कि संगाकारा ने अब फ्रेंचाइजी के साथ अपने रिश्ते को यही विराम देने का फैसला किया है.

कई टीमों से ऑफर

भारत के पूर्व क्रिकेटर चंद्रकांत पंडित आईपीएल में कोलकाता नाइट राइडर्स में हेड कोच की जिम्मेदारी संभालते हैं. वहीं भारत के पूर्व बॉलिंग कोच भरत अरुण के पास टीम के बॉलिंग कोच की जिम्मेदारी है. जबकि गौतम गंभीर, रेयान टेन डेश्काटे और अभिषेक नायर के जाने के बाद मेंटॉर, फील्डिंग कोच और बैटिंग कोच का पद खाली है. फिलहाल, शाहरुख की टीम अपने मेंटॉर की तलाश में है और उसने इसके लिए संगाकारा से बातचीत की है. वहीं दूसरी ओर संगाकारा को आईपीएल की कुछ अन्य टीमों से भी ऑफर मिला है. कुछ ही दिन में वो तय करेंगे कि उन्हें किस टीम को जॉइन करना है.

राजस्थान के लिए है बढ़िया रिकॉर्ड

कुमार संगाकारा इंटरनेशनल क्रिकेट में दूसरे सबसे ज्यादा रन बनाने वाले बल्लेबाज हैं. कुछ दिन पहले तक वो इंग्लैंड क्रिकेट टीम के व्हाइट बॉल के हेड कोच बनने की रेस में भी शामिल थे. हालांकि, इंग्लैंड ने ब्रैंडन मैक्कुलम को इसके लिए चुन लिया है. इसके साथ ही संगाकार अब रेस से बाहर हो गए हैं. बात करें आईपीएल में संगाकारा के रिकॉर्ड की तो उन्होंने 2021 में राजस्थान को जॉइन करने के बाद से अच्छा काम किया था. उनकी निगरानी में टीम 2022 में फाइनल तक पहुंचने में कामयाब रही थी. वहीं 2024 के सीजन में प्लेऑफ में क्वालिफाई किया था और तीसरे नंबर पर रही थी.

रवींद्र जडेजा ने भी थामा बीजेपी का हाथ,पत्नी रिवाबा ने सोशल मीडिया पर दी जानकारी

भारतीय क्रिकेट टीम के स्टार ऑलराउंडर रवींद्र जडेजा इस वक्त क्रिकेट मैदान से दूर हैं. गुरुवार 5 सितंबर से शुरू हुई दलीप ट्रॉफी से भी उन्होंने ब्रेक लिया हुआ है. वैसे तो ये वक्त वो अपने परिवार के साथ बिता रहे हैं लेकिन इस दौरान उन्होंने एक और बड़ा कदम उठाया है. पत्नी रिवाबा के बाद रवींद्र जडेजा ने भी राजनीति में उतर गए हैं. जडेजा ने भारतीय जनता पार्टी की सदस्यता ग्रहण कर ली है. गुजरात से बीजेपी विधायक रिवाबा ने खुद एक सोशल मीडिया पोस्ट से इसकी जानकारी दी.

पत्नी ने शेयर किया मेंबरशिप सर्टिफिकेट

गुजरात और केंद्र में सत्तारूढ़ बीजेपी इन दिनों पूरे देश में सदस्यता अभियान चला रही है और जडेजा ने भी इसी अभियान के तहत पार्टी जॉइन की है. रिवाबा ने ‘एक्स’ पर अपने एक पोस्ट से इसका ऐलान किया. जहां उन्होंने अपनी मेंबरशिप को रिन्यू करवाया तो वहीं उनके पति और भारतीय क्रिकेटर रवींद्र जडेजा ने पहली बार सदस्यता ली. रिवाबा ने दोनों के मेंबरशिप सर्टिफिकेट की तस्वीरें पोस्ट की. रवींद्र जडेजा इससे पहले 2022 में गुजरात चुनाव के दौरान अपनी पत्नी के लिए प्रचार भी किया था.

जडेजा ने जून में टीम इंडिया के टी20 वर्ल्ड चैंपियन बनने के बाद इस फॉर्मेट से संन्यास का ऐलान कर दिया था. इसके बाद से ही वो क्रिकेट एक्शन से दूर हैं. उन्हें पिछले महीने श्रीलंका दौरे पर खेली गई वनडे सीरीज में भी जगह नहीं मिली थी. वहीं गुरुवार से शुरू हुए दलीप ट्रॉफी टूर्नामेंट में उन्हें एक टीम में चुना गया था लेकिन टूर्नामेंट शुरू होने से एक हफ्ता पहले ही उन्होंने टूर्नामेंट से अपना नाम वापस ले लिया था. सेलेक्शन कमेटी ने भी उनकी इस रिक्वेस्ट को मानते हुए ब्रेक लेने की मंजूरी दी थी.

टेस्ट सीरीज से करेंगे वापसी

रवींद्र जडेजा अब इसी महीने शुरू होने वाली टेस्ट सीरीज से वापसी करेंगे. भारत और बांग्लादेश के बीच 19 सितंबर से दो टेस्ट मैच की सीरीज शुरू होगी, जिसमें जडेजा टीम का अहम हिस्सा होंगे. सिर्फ ये सीरीज ही नहीं, बल्कि उसके बाद होने वाली न्यूजीलैंड सीरीज में भी उनका बड़ा रोल होगा. जडेजा ने अभी तक 72 टेस्ट मैच खेले हैं, जिसमें उनके हिस्से 294 विकेट आए हैं, जबकि 3036 रन भी उनके बल्ले से निकले हैं.

क्रिस्टियानो रोनाल्डो ने रचा इतिहास, 900 गोल दागकर बनाया रिकॉर्ड

नेशन लीग की शुरुआत हो गई है. 5 सिंतबर की देर रात पुर्तगाल और क्रोएशिया के बीच मुकाबला हुआ. इस मुकाबले में पुर्तगाल ने क्रोएशिया को 2-1 से हरा दिया. पुर्तगाल की इस जीत में कप्तान क्रिस्टियानो रोनाल्डो का अहम योगदान रहा. उनकी टीम पहले से ही 1-0 से आगे चल रही थी, तभी 34वें मिनट में उन्होंने एक और गोल दागकर बढ़त को मजबूत कर दिया. रोनाल्डो ने इस एक गोल से फुटबॉल के इतिहास में एक नया कीर्तिमान भी रचा. क्लब और अपने देश के लिए खेलते हुए रोनाल्डो ने अपने करियर का 900वां गोल दागा. ऐसा करने वाले वो दुनिया के पहले खिलाड़ी बन गए हैं.

900 गोल दागकर रोनाल्डो ने क्या कहा?

900 गोल दागने का कारनामा करने वाले रोनाल्डो ने इस ऐतिहासिक रिकॉर्ड को अपने नाम करने के बाद अपनी प्रतिक्रिया भी दी. उन्होंने सोशल मीडिया पर अपने फुटबॉल के सफर का एक छोटा सा क्लिप शेयर किया. इस वीडियो को शेयर करते हुए रोनाल्डो ने सभी फैंस को शुक्रिया कहा. साथ ही कहा कि उन्होंने काफी समय से ये सपना देखा था, जो पूरा हो चुका है. अभी कुछ और सपने पूरे करने बाकी हैं. वहीं एसोसिएटेड प्रेस को दिए एक इंटरव्यू में उन्होंने कहा कि इस कीर्तिमान तक पहुंचने का वो काफी समय से इंतजार कर रहे थे. उन्हें पूरा भरोसा था कि वो इस नंबर तक पहुंच जाएंगे. ये माइलस्टोन काफी इमोशनल है.

दुनिया में सबसे ज्यादा गोल का रिकॉर्ड

फुटबॉल में क्रिस्टियानो रोनाल्डो और लियोनेल मेसी लंबे समय से एक-दूसरे के राइवल रहे हैं. गोल दागने में दोनों ही खिलाड़ियों का कोई मुकाबला नहीं है. हालांकि, 39 साल के रोनाल्डो इस मामले मेसी से भी आगे हैं. फुटबॉल के इतिहास में सबसे ज्यादा गोल दागने का रिकॉर्ड उनके ही नाम है. इंटरनेशनल और क्लब करियर में वो 900 गोल के साथ टॉप पर हैं. इतना ही इंटरनेशनल मुकाबलों में भी वो 131 गोल के साथ टॉप पर हैं.

2002 में रोनाल्डो के करियर की शुरुआत हुई थी. तब से अब तक उन्होंने 458 गोल रियल मेडरिड के लिए, 145 गोल मैनचेस्टर यूनाइटेड, 101 गोल जुवेंटस और 68 गोल अस नस्सर के लिए दागे हैं. उन्होंने 5 गोल स्पोर्टिंग लिस्बन के लिए किए हैं, जहां से उनके करियर की शुरुआत हुई थी. बता दें लियोनेल मेसी 859 गोल के साथ सबसे ज्यादा गोल दागने वाले दुनिया के दूसरे फुटबॉलर हैं.

बेंगलुरू में बनकर तैयार हुई नई NCA, पीएम मोदी 27 सितंबर को करेंगे उद्घाटन

देश में क्रिकेट को नई ऊंचाईयों पर पहुंचाने के लिए भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड लगातार बड़े कदम उठा रहा है. इसी का अहम हिस्सा है नई नेशनल क्रिकेट एकेडमी, जिसके लिए भारतीय बोर्ड ने करोड़ों रुपये खर्च किए हैं और जल्द ही इसकी शुरुआत होने वाली है. बेंगलुरू में ही बनकर तैयार हुई इस एकेडमी का उद्घाटन इसी महीने किया जाएगा और अगर बीसीसीआई की योजना सफल हुई तो प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ही नई NCA का उद्घाटन करेंगे. एक रिपोर्ट में बताया गया है कि 27 सितंबर को बोर्ड की ये नई एकेडमी शुरू होगी, जिसमें 3 बड़े स्टेडियम से लेकर कई प्रैक्टिस पिच और अन्य आधुनिक सुविधाएं हैं.

बीसीसीआई के सचिव जय शाह ने कुछ ही दिनों पहले ऐलान किया था कि नई क्रिकेट एकेडमी बनकर लगभग तैयार है और जल्द ही इसकी शुरुआत होगी. अब टाइम्स ऑफ इंडिया ने अपनी रिपोर्ट में बताया है कि 27 सितंबर को होने वाली बीसीसीआई की एजीएम यानी वार्षिक बैठक के वक्त ही इसका उद्घाटन होगा. रिपोर्ट में बीसीसीआई के सूत्रों के हवाले से खुलासा किया गया है पीएम मोदी के ही इसके उद्घाटन करने की संभावना है. इस एकेडमी का निर्माण करीब 500 करोड़ रुपये में किया गया है.

2019 में शुरू हुई नई NCA की तैयारी

भारतीय बोर्ड की मौजूदा एकेडमी की शुरुआत 2000 के दशक में हुई थी और तब से ही ये एकेडमी बेंगलुरु के ही एम चिन्नास्वामी स्टेडियम से चलाई जा रही है. पिछले 20 साल से कई बार स्टेडियम से अलग एक नई और ज्यादा बड़ी एकेडमी बनाए जाने की चर्चा होती रही लेकिन कभी इस पर काम नहीं हो पाया था. फिर 2019 में बीसीसीआई का सचिव बनने के बाद जय शाह ने इसे अमली जामा पहनाया लेकिन कोविड के कारण इसका निर्माण वक्त पर शुरू नहीं हो पाया. फिर फरवरी 2022 में इसकी आधारशिला रखी गई थी. करीब ढाई साल के निर्माण कार्य के बाद एकेडमी तैयार है जो चिन्नास्वामी स्टेडियम से दूर होगी.

नई एकेडमी में क्या-क्या है खास?

अब सवाल ये है कि इस नई एकेडमी में क्या-क्या अलग और खास होगा? सबसे पहली बात- ये एकेडमी बहुत बड़े क्षेत्रफल में फैली है. सैकड़ों एकड़ जमीन पर तैयार इस सेंटर में तीन बड़े क्रिकेट ग्राउंड हैं, जो इंटरनेशनल क्रिकेट के स्तर के होंगे. यानी जरूरत पड़ने पर यहां इंटरनेशनल क्रिकेट मैच हो सकते हैं. मैदानों के अलावा खिलाड़ियों की प्रैक्टिस के लिए भी पर्याप्त संसाधन इस एकेडमी में होंगे. बोर्ड ने यहां कुल 45 प्रैक्टिस पिच तैयार करवाई हैं, जिसमें एक ही वक्त में कई खिलाड़ी अभ्यास कर सकते हैं. सिर्फ संख्या के हिसाब से नहीं, बल्कि जरूरत के हिसाब से भी ये पिच अहम हैं. यहां ऑस्ट्रेलिया और साउथ अफ्रीका की तेज उछाल-भरी परिस्थितियों के हिसाब से ही पिच तैयार की गई हैं.

इसके साथ ही यहां इन्डोर प्रैक्टिस फेसिलिटी भी है, ताकि बारिश की स्थिति में भी खिलाड़ियों की प्रैक्टिस में परेशानी न हो. इतना ही नहीं, यहां पर ओलंपिक साइज का स्विमिंग पूल भी तैयार किया गया है, जिसमें खिलाड़ी खुद को रिफ्रेश कर सकेंगे और रिहैबिलिटेशन में भी मदद मिलेगी. इसके अलावा स्पोर्ट्स साइंस फेसिलिटी और मॉडर्न ट्रेनिंग की सुविधाएं हैं, जिससे इंजरी मैनेजमेंट में मदद मिलेगी. इतना ही नहीं, NCA में खिलाड़ियों के रहने के लिए अच्छी सुविधाओं वाले 70 कमरे भी तैयार किए गए हैं. कुल मिलाकर ये एकेडमी भारतीय क्रिकेट के भविष्य को बेहतर बनाने में मदद करेगी.

बीसीसीआई ने दलीप ट्रॉफी के लिए किया स्क्वॉड में बदलाव,चोट के कारण तीन खिलाड़ी बाहर

दलीप ट्रॉफी 2024 5 सितंबर से होने जा रही है. इस टूर्नामेंट के पहले दौरे के मैच कर्नाटक के बेंगलुरु और आंध्र प्रदेश के अनंतपुर में खेले जाएंगे. इसी के साथ भारत के घरेलू सीजन 2024-25 की शुरुआत होगी. शुभमन गिल की कप्तानी वाली भारत ए टीम बेंगलुरु में शुरुआती मुकाबले में अभिमन्यु ईश्वरन की भारत बी टीम से भिड़ेगी. वहीं, टीम सी और टीम डी के बीच अनंतपुर में दूसरा मुकाबला खेला जाएगा. लेकिन इस टूर्नामेंट की शुरुआत से पहले टीम इंडिया के तीन खिलाड़ियों को चोट लग गई है. इसके चलते बीसीसीआई को स्क्वॉड में कुछ बदलाव करने पड़े हैं.

दलीप ट्रॉफी की टीमों में बदलाव

बीसीसीआई ने पिछले महीने ही इस टूर्नामेंट के लिए सभी टीमों के स्क्वॉड का ऐलान कर दिया था. लेकिन अब कुछ बदलाव देखने को मिले हैं. ईशान किशन, सूर्यकुमार यादव और प्रसिद्ध कृष्णा दलीप ट्रॉफी के पहले दौर से बाहर हो गए हैं. वहीं, इंडिया डी टीम में ईशान किशन की जगह संजू सैमसन को शामिल किया गया है.

दलीप ट्रॉफी के लिए सभी टीमों के अपडेटेड स्क्वॉड

टीम ए: शुभमन गिल (कप्तान), मयंक अग्रवाल, रियान पराग, ध्रुव जुरेल, केएल राहुल, तिलक वर्मा, शिवम दुबे, तनुश कोटियन, कुलदीप यादव, आकाश दीप, खलील अहमद, आवेश खान, विदवथ कावेरप्पा, कुमार कुशाग्र , शास्वत रावत.

टीम बी: अभिमन्यु ईश्वरन (कप्तान), यशस्वी जायसवाल, सरफराज खान, ऋषभ पंत, मुशीर खान, नितीश कुमार रेड्डी, वॉशिंगटन सुंदर, रवींद्र जडेजा, यश दयाल, मुकेश कुमार, राहुल चाहर, आर साई किशोर, मोहित अवस्थी, एन जगदीसन (विकेटकीपर).

टीम सी: ऋतुराज गायकवाड़ (कप्तान), साई सुदर्शन, रजत पाटीदार, अभिषेक पोरेल (विकेटकीपर), बी इंद्रजीत, रितिक शौकीन, मानव सुथार, विशाल विजयकुमार, अंशुल खंबोज, हिमांशु चौहान, मयंक मारकंडे, आर्यन जुयाल (विकेटकीपर), संदीप वारियर.

टीम डी: श्रेयस लेयर (कप्तान), अथर्व तायडे, यश दुबे, देवदत्त पडिक्कल, संजू सैमसन, रिकी भुई, सारांश जैन, अक्षर पटेल, अर्शदीप सिंह, आदित्य ठाकरे, हर्षित राणा, तुषार देशपांडे, आकाश सेनगुप्ता, केएस भरत (विकेटकीपर),सौरभ कुमार

पेरिस पैरालंपिक में भारत की झोली में 24 मेडल, धर्मबीर और प्रणव सूरमा ने किया कमाल,जाने इन खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड

भारत इस बार पेरिस पैरालंपिक्स में हर दिन एक नया इतिहास लिखता जा रहा है. क्लब थ्रो F51 में भारत ने डबल पोडियम फिनिश किया है. देश के लिए धरमबीर ने 34.92 मीटर के थ्रो के स्वर्ण पदक अपने नाम किया है. वहीं प्रणव सूरमा ने 34.59 के सर्वश्रेष्ठ थ्रो के साथ सिल्वर पर भी कब्जा जमा लिया. भारत अब तक 24 मेडल जीत चुका है. भारत का ये पांचवां स्वर्ण पदक है.

भारत के लिए एक और बेहद शानदार दिन रहा. सचिन ने सिल्वर के साथ बुधवार को पदकों का खाता खोला था. इसके बाद तीरंदाज हरविंदर सिंह ने स्वर्ण जीतकर इतिहास रचा. वहीं देर रात धरमबीर सिंह ने भारत के लिए एक ही दिन दूसरा स्वर्ण पदक तो वहीं प्रणब ने सिल्वर जीतकर दिन का अंत किया. इतना ही नहीं खिलाड़ियों के इस अद्भुत प्रदर्शन से भारत अंकतालिका यानी नंबर टेबल में भी छलांग मारी है. भारत अब 13वें स्थान पर आ गया है.

कहते हैं अंत भला तो सब भला. कुछ ऐसा ही बुधवार को मेंस थ्रो में हुआ. खिलाड़ी धर्मबीर की शुरुआत थोड़ा खराब रही. उनके शुरुआती चार थ्रो फाउल रहे थे. लेकिन 5वें थ्रो में उन्होंने अपनी पूरी ताकत झोंक दी, जिसके कारण इस थ्रो ने 34.92 मीटर की दूरी तय की. अंत में धर्मबीर के इस थ्रो ने भारत की झोली में गोल्ड दे दिया. इसके साथ ही दूसरी तरफ प्रणव सूरमा ने अपना पहला थ्रो 34.59 मीटर का किया. उनका यही सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन था. इसी थ्रो ने इन्हें सिल्वर मेडल जितवाया. वहीं इसी खेल में भारत के एक और खिलाड़ी अमित कुमार को निराशा हाथ लगी. फाइनल में 10 एथलीट चुने गए थें और वो 10वें नंबर पर रहे थें.

इन खिलाड़ियों ने जीते गोल्ड

पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत ने अभी तक कुल 24 मेडल जीते हैं, जिसमें पांच गोल्ड, 9 सिल्वर और 10 ब्रॉन्ज मेडल शामिल हैं। भारत ने टोक्यो पैरालंपिक में गोल्ड जीतने की भी बराबरी कर ली है. टोक्यो में भी भारत ने 5 गोल्ड जीते थे. इस दौरान पैरालंपिक में भारत मेडल टैली में 13वें नंबर पर पहुंच गया है. भारत के लिए अभी तक शूटिंग में अवनी लेखरा, बैडमिंटन में नितेश कुमार, जैवलिन थ्रो में सुमित अंतिल वहीं आर्चरी में हरविंदर सिंह और क्लब थ्रो में धर्मबीर ने स्वर्ण पदक अपने नाम किए है

SA20 2025: सनराइजर्स ईस्टर्न केप और मुंबई इंडियंस केप टाउन के बीच होगा पहला मैच,शेड्यूल जारी

IPL 2025 के आयोजन में से पहले भले ही ढेर सारी हलचल मचनी है. लेकिन, अगले साल साउथ अफ्रीका में होने वाली T20 लीग SA20 का शेड्यूल आ चुका है, जहां पहले ही मैच में काव्या मारन की टीम सनराइजर्स ईस्टर्न केप का सामना मुंबई इंडियंस केप टाउन से होगा.

ये मुकाबला 9 जनवरी 2025 को खेला जाएगा. और, इसी के साथ लीग के नए सीजन का आगाज भी हो जाएगा. IPL के फ्रेंचाइजी मालिकों ने अपने पांव इस लीग में भी पसार रखे हैं. ऐसे में SA20 की टीमों के नाम IPL वाली टीमों से मिलते-जुलते हैं.

SEC और MICT में पहला मैच, 9 जनवरी से SA20 2025 का आगाज

काव्या मारन की टीम सनराइजर्स ईस्टर्न केप SA 20 की डिफेंडिंग चैंपियन है. उसने एडन मार्करम की कप्तानी में ये खिताब जीता था. लीग के तीसरे सीजन में वो पिछले सीजन के पॉइंट्स टेबल में सबसे नीचले पायदान पर रही मुंबई इंडियंस केप टाउन की चुनौती का सामना करेगी. तीसरे सीजन का दूसरा मैच प्रिटोरिया कैपिटल्स और डरबन सुपर जायंट्स के बीच होगा. ये मुकाबला 10 जनवरी 2025 को खेला जाएगा.

11 जनवरी को SA20 के तीसरे सीजन में दो मुकाबले खेले जाएंगे. पहले पार्ल रॉयल्स, सनराइजर्स ईस्टर्न केप से भिड़ेगी. ये लीग के इस सीजन में सनराइजर्स ईस्टर्न केप का दूसरा मुकाबला होगा. वहीं दिन का दूसरा मैच जोहानिसबर्ग सुपर किंग्स और मुंबई इंडियंस केप टाउन का होगा. मुंबई इंडियंस केप टाउन भी इसके जरिए अपना दूसरा मैच खेलेगी.

4,5 और 6 फरवरी को खेले जाएंगे प्लेऑफ मुकाबले

SA20 लीग 2025 में हर बार की तरह कुल 6 टीमों टक्कर देखने को मिलेगी. हरेक टीम को ग्रुप स्टेज पर 10-10 मुकाबले खेलने होंगे, जिसमें से टॉप की 4 टीमें प्लेऑफ में जाएंगी. SA20 के प्लेऑफ मुकाबले 4, 5 और 6 फरवरी को खेले जाएंगे. 4 फरवरी को क्वालिफायर 1 होगा, जिसमें जीतने वाली टीम सीधा फाइनल में जाएगी. वहीं 5 फरवरी को एलिमिनेटर मैच होगा. यहां हारने वाली टीम के घर जाने का टिकट कटेगा. और जो जीतेगी वो क्वालिफायर 2 में क्वालिफायर 1 हारने वाली टीम का सामना करेगी

8 फरवरी को होगा फाइनल

SA20 के तीसरे सीजन का फाइनल मुकाबला 8 फरवरी को खेला जाएगा. फाइनल मैच के लिए रिजर्व डे रखा गया है. यानी अगर मुकाबला 8 फरवरी को नहीं हो पाता है तो वो 9 फरवरी को खेला जा सकता है.

चोट के कारण दलीप ट्रॉफी के शुरुआती राउंड से बाहर, सूर्यकुमार यादव

भारतीय क्रिकेट के 2024-25 घरेलू सीजन की शुरुआत 5 सितंबर को दलीप ट्रॉफी के साथ होने जा रही है. दलीप ट्रॉफी के पहले राउंड में टीम इंडिया के कई स्टार खिलाड़ी खेलते हुए नजर आएंगे. इनमें से कुछ खिलाड़ियों की नजर भारतीय टेस्ट टीम में वापसी करने पर है. इसमें स्टार बल्लेबाज सूर्यकुमार यादव का नाम भी शामिल है. लेकिन दलीप ट्रॉफी से पहले सूर्यकुमार यादव की किस्मत ने धोखा दे दिया है. फिलहाल उनकी टेस्ट टीम में वापसी की सभी उम्मीदें टूट गई हैं.

सुर्यकुमार यादव को लगा बड़ा झटका

सूर्यकुमार यादव को दलीप ट्रॉफी के शुरुआती राउंड से चोट के चलते बाहर कर दिया गया है. पिछले हफ्ते कोयंबटूर में बुची बाबू टूर्नामेंट में मुंबई के लिए प्री-सीजन फिक्सचर के दौरान उन्हें हाथ में चोट लगी थी. वह इस चोट से फिलहाल उभर नहीं सके हैं. ऐसे में सूर्यकुमार को आराम करने की सलाह दी गई है और वह नियमित जांच के लिए फिलहाल बेंगलुरु में नेशनल क्रिकेट एकेडमी (एनसीए) में हैं.

सूर्यकुमार को बुची बाबू टूर्नामेंट में मुंबई और टीएनसीए इलेवन की टीमों के बीच खेले गए मैच के दौरान तीसरे दिन फील्डिंग करते समय हाथ में चोट लग गई थी. इसके बाद उन्होंने मैच की दूसरी पारी में बल्लेबाजी भी नहीं की थी. बता दें, सूर्यकुमार ने हाल ही में भारतीय टेस्ट टीम में वापसी की इच्छा जताई थी. ऐसे में उनकी नजर दलीप ट्रॉफी में अच्छा प्रदर्शन करने पर थी. इसी वजह से उन्होंने खुद को तैयार करने के लिए प्री-सीजन बुची बाबू टूर्नामेंट के लिए खुद को उपलब्ध कराया था. लेकिन इस चोट ने फिलहाल उनकी वापसी की उम्मीद तोड़ दी है.

टीम इंडिया के लिए खेला है सिर्फ 1 टेस्ट

सूर्यकुमार यादव को हाल ही में टी20 का कप्तान बनाया गया है, क्योंकि इस फॉर्मेट में उनका प्रदर्शन काफी शानदार रहा है. लेकिन टेस्ट में उन्हें अभी तक सिर्फ 1 ही मैच खेलने का मौका मिला है. ये मैच उन्होंने पिछले साल ऑस्ट्रेलिया के खिलाफ खेला था. इस मुकाबले में वह 8 रन ही बना सके थे. इसके बाद उन्हें एक भी टेस्ट मैच खेलने का मौका नहीं मिला.

राकेश कुमार-शीतल देवी की जोड़ी ने जीता ब्रॉन्ज,भारत की झोली में 13वां मेडल

तीरंदाजी में भारत आखिरकार मेडल जीतने में कामयाब रहा है. भारत के राकेश कुमार-शीतल देवी की जोड़ी ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन इवेंट में ब्रॉन्ज मेडल अपने नाम किया है. ये पेरिस पैरालंपिक 2024 में भारत का 13वां मेडल है. इसी के साथ युवा खिलाड़ी शीतल देवी ने अपना पहला पैरालंपिक मेडल भी जीत लिया है. इससे पहले वह सिंग्लस के इवेंट में हार गई थीं. लेकिन इस बार उन्होंने दमदार खेल दिखाया और इटली के माटेओ बोनासिना-एलोनोरा सारती को हराया.

रोमांचक रहा ब्रॉन्ज मेडल मैच

भारत के राकेश कुमार और शीतल देवी ने मिश्रित टीम कंपाउंड ओपन तीसरे स्थान के प्ले-ऑफ मैच में इटली के माटेओ बोनासिना और एलोनोरा सारती को 156-155 से रोमांचक मैच में हराया. बता दें, तीसरे राउंड के बाद ये छोड़ी पीछे चल रही थी. लेकिन इसके बाद राकेश कुमार और शीतल देवी की ओर से शानदार वापसी देखने को मिली, जिसके चलते ये मैच भारत के खाते में आया.

सिंगल्स इंवेंट की हार का लिया बदला

आर्चर शीतल देवी एक करीबी मुकाबले में हारकर प्री क्वार्टर फाइनल राउंड से ही बाहर हो गईं थीं. इस मुकाबले में शीतल देवी को सिर्फ 1 प्वॉइंट से हार का सामना करना पड़ा था. टोक्यो पैरालंपिक की सिल्वर मेडल विजेता मारियाना ने इस करीबी मुकाबले में शीतल देवी को 138-137 से हराया था. वहीं, इस बार वह 1 प्वॉइंट से मेडल जीतने में कामयाब रहीं.

बता दें, शीतल देवी जम्मू कश्मीर की एक छोटे गांव किश्तवाड़ की रहने वाली हैं. 7 साल की शीतल के जन्म से ही दो हाथ नहीं हैं. वह फोकोमेलिया नाम की बीमारी से जन्मजात पीड़ित हैं. लेकिन उन्होंने अपने जीवन में कभी भी हार नहीं मानी. महज 17 साल की आर्चर शीतल देवी ने पैरालंपिक के डेब्यू मैच में इतिहास रचा था. दुनिया की पहली आर्मलेस यानि बिना हाथों वाली आर्चर शीतल देवी ने आर्चरी के रैंकिंग राउंड के दौरान 703 प्वॉइंट हासिल किए थे और वर्ल्ड रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया था.

पेरिस पैरालंपिक 2024: सुमित अंतिल ने जैवलिन थ्रो में जीता गोल्ड मेडल

भारत को पैरालंपिक में एक बार फिर से सुमित अंतिल गोल्ड मेडल जिताने में कामयाब रहे हैं. टोक्यो पैरालंपिक में सुमित अंतिल ने जैवलिन में भारत को गोल्ड मेडल दिलाकर इतिहास रचा था और पेरिस पैरालंपिक में वह अपने कारनामे को दोहराने में कामयाब रहे. जैवलिन स्टार सुमित अंतिल ने इस बार पैरालंपिक रिकॉर्ड भी तोड़ दिया. एफ64 जेवलिन थ्रो कम्पटीशन के फाइनल में सुमित अंतिल का दबदबा देखने को मिला.

पैरालंपिक रिकॉर्ड तोड़कर जीता गोल्ड मेडल

सुमित अंतिल ने पहले ही प्रयास में पैरालंपिक रिकॉर्ड को ध्वस्त कर दिया. सुमित ने 69.11 मीटर के प्रयास के साथ गोल्ड मेडल पोजीशन हासिल की. इसके बाद दूसरे प्रयास में उन्होंने पैरालंपिक रिकॉर्ड को बेहतर किया. इस बार वह भाला 70.59 मीटर दूर फेंकने में कामयाब रहे. वहीं, गत चैंपियन सुमित अंतिल ने अपने तीसरे प्रयास में 66.66 मीटर की दूरी हासिल की. इसके बाद सुमित अपने चौथे प्रयास में फाउल थ्रो कर बैठे और पांचवें प्रयास में 69.04 मीटर की दूरी हासिल की. सुमित ने 66.57 मीटर के अपने आखिरी प्रयास के साथ समापन किया.

इसी से साथ सुमित अंतिल पेरिस पैरालंपिक में अपने गोल्ड मेडल का बचाव करने में भी कामयाब रहे. ये साल अभी तक उनके लिए काफी यादगार रहा है. सुमित ने इसी साल पैरा वर्ल्ड चैंपियनशिप में 69.50 मीटर भाला फेंक कर गोल्ड अपने नाम किया था. वहीं, तोक्यो ओलंपिक में उन्होंने 68.55 मीटर के प्रयास से गोल्ड मेडल जीता था. बता दें, एफ64 जेवलिन थ्रो का वर्ल्ड रिकॉर्ड भी इनके ही नाम है. उन्होंने हांगझोऊ एशियाई पैरा खेलों में 73.29 मीटर की दूरी हासिल की थी.

एक हादसे ने बदल दी सुमित अंतिल की जिंदगी

सुमित अंतिल का जन्म 6 जुलाई 1998 को हरियाणा के खेवड़ा में एक मध्यम वर्गीय परिवार में हुआ था. उनके पिता वायु सेना में एक JWO ऑफिसर थे, जिनका 2004 में देहांत हो गया था. सुमित को बचपन से ही काफी मेहनती रहें हैं. उन्हे बचपन से ही कुश्ती में रुची थी. इसलिए वे एक रेसलर बनना चाहते थे और बचपन से ही इसके लिए मेहनत कर रहे थे. एक दिन उनके साथ ऐसा हादसा हुआ, जिसने उनकी जिंदगी को बदलकर रख दिया. उनका रेसलर बनने का सपना टुट गया. बात 2015 की है जब सुमित एक दिन ट्यूशन से अपने घर के लौट रहे थे, तभी उनके गाड़ी की दुर्घटना हो गई. क्योंकि उनके पिता भारतीय सेना में थे, इसिलए उन्हें आर्मी हाॅस्पिटल में शिफ्ट कर दिया गया. वहां डॉक्टर्स को सुमित के घुटने के नीचे के हिस्से को काटना पड़ा. 53 दिन के रेस्ट के बाद उन्हें पुणे के आर्टिफिशियल लिम्ब सेंटर ले जाया गया. वहां उन्हें एक प्रोस्थेटिक यानी आर्टिफिशियल पैर लगाया गया.

आर्टिफिशियल पैर लगने के बाद सुमित ने रेसलर बनने का सपना छोड़ दिया लेकिन नॉर्मल वर्कआउट करते रहते थे. हालांकि दुर्घटना के बाद उन्होंने कुश्ती छोड़ दी थी. तभी जुलाई, 2017 में उनके गांव के एक दोस्त और पैरा एथलिट राजकुमार ने उन्हें पैरा एथलेटिक्स के बारे में बताया. पैरा एथलेटिक्स ने उनकी जिंदगी को हमेशा के लिए बदलकर रख दिया. शुरुआत में वह शॉट पुटर बनना चाहते थे. इसी के बारे में राय लेने के लिए भारतीय कोच विरेंद्र धनखड़ से मिले. उन्होंने सुमित को जैवलिन कोच नवल सिंह से मिलवाया. चर्चा करने पर नवल ने सुमित को जैवलिन थ्रो का सुझाव दिया.