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Sep 03 2024, 15:09

कलेक्टोरेट परिसर में नहीं मिली अनुमति तो ट्रैक्टर ट्राली पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठी महिला सरपंच, जानिए क्या है माजरा…

गरियाबंद-   पद के अधिकारों के साथ लंबित भुगतान की मांग को लेकर कोपरा की महिला सरपंच योगेश्वरी साहू, महिला पंच और ग्रामीणों के साथ कलेक्टोरेट के सामने ट्रैक्टर ट्राली पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गई हैं. सरपंच के साथ खड़े ग्रामीणों ने कहा कि राजनीतिकरण से कोपरा का विकास ठप है. 

कोपरा पंचायत की महिला सरपंच योगेश्वरी साहू को कैम्पस में बैठने की अनुमति नहीं मिली, वहीं बाहर सड़क किनारे गढ्ढे और पानी का जमाव था, इसलिए कैंपस के बाहर ट्रैक्टर ट्राली में ही धरने पर बैठ गई हैं.

सरपंच योगेश्वरी साहू ने बताया कि 6 अक्तूबर 2023 को पंचायत को नगर पंचायत बनाया गया, जिसके बाद दो माह तक पंचायत मद से ग्राम विकास का काम कराते रहे. विधिवत नगर पंचायत सीएमओ को चार्ज दिया गया था. विधिवत सरपंच-पंच को नगर पंचायत के बॉडी बनाने के बजाए संचालन समिति बनाया गया, जिसमें भाजपा के नेताओं को पदाधिकारी बना दिया गया.

विकास कार्य में खर्च 15 लाख रुपए का भुगतान भी नहीं किया गया. लेबर मिस्त्री या मटेरियल भुगतान के लिए नगर पंचायत जाते हैं, तो सरपंच के घर भेज दिया जाता है. यह भी कहा जाता है कि सरपंच अपना घर-बाड़ी बेचकर भुगतान करेंगी. इसी बात से आहत होकर महिला सरपंच आज अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गईं.

हाई कोर्ट ने आदेश का नहीं हुआ पालन

अपने अधिकारों के खातिर सरपंच योगेश्वरी साहू अन्य 11 पंचों के साथ मिल नियम विरुद्ध बनाई गई समिति को लेकर हाई कोर्ट में याचिका लगाई थी. उनके तरफ से अधिवक्ता रजनीश सिंह बघेल ने हाई कोर्ट में मामले की पैरवी करते हुए बताया कि नियमानुसार सरपंच व उनके साथ बॉडी को नगर पंचायत अध्यक्ष व अन्य बॉडी में लिया जाना था. दलील के बाद कोर्ट ने भी माना कि कोपरा नगर पंचायत में नियम विरुद्ध समिति बनाई गई है. 28 अगस्त को फैसला तत्कालीन सरपंच के पक्ष में आया. सरपंच ने कहा कि अदालत के इस आदेश का भी अब तक नगर पंचायत प्रशासन ने पालन नहीं किया है.

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Sep 03 2024, 15:05

राजधानी में अवैध ठेले और दुकानों पर चला बुलडोजर, विधायक पुरंदर मिश्रा ने दुकानदारों को व्यवस्थापन का दिया आश्वासन

रायपुर-    राजधानी के खम्हारडीह में आज सुबह अवैध तरीके से संचालित ठेले और दुकानों पर बुलडोजर कार्रवाई की गई है. यह अवैध दुकानें खम्हारडीह थाने को शिफ्ट करने के लिए प्रस्तावित जमीन पर लगाई गई थीं, जिन्हें भारी संख्या में पुलिस बल की मौजूदगी में थाना शिफ्टिंग की तैयारी के तहत हटाया गया है. इस दौरान रायपुर के विधायक पुरंदर मिश्रा भी मौके पर पहुंचे और दुकानदारों को आश्वस्त किया कि प्रभावित दुकानदारों को अलग से व्यवस्थापन दिया जाएगा.

वहीं कई दुकानदारों ने अचानक की गई इस बुल्डोजर कार्रवाई पर आपत्ति जताई है. उन्होंने कहा कि हम यहां कई दिनों से अपने व्यवसाय चला रहे थे और हमारे लिए यह दुकानें दो वक्त की रोजी-रोटी का साधन थीं. वहीं तहसीलदार पवन कोसपा ने बताया कि 10 से 12 अवैध दुकानें हैं जिन्हें हटाया जा रहा है. दुकानदारों को पहले ही नोटिस जारी किए जा चुके थे, लेकिन उनकी दुकानों को नहीं हटाया गया था. उन्होंने आगे कहा कि रायपुर में शहर में जहा भी अवैध कब्जे या अवैध दुकानों का संचालन होगा वहां इस प्रकार से कार्यवाही की जाएगी.

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Sep 03 2024, 15:01

मोदी के नेतृत्व पर रमन सिंह ने जताया भरोसा, पुनः ली भाजपा की सदस्यता…
रायपुर-     विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने आज भाजपा के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान 2024 से जुड़कर भाजपा की सदस्यता ग्रहण की है. इस अवसर पर उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व पर विश्वास जताया. 
डॉ रमन सिंह ने सोशल मीडिया साइट X (पूर्व में ट्विटर) पर लिखा भारतीय के राष्ट्रव्यापी सदस्यता अभियान 2024 से जुड़कर आज पुनः भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर अभिभूत हूँ. आप सब भी 8800002024 पर मिस्ड कॉल करके या नमो ऐप के माध्यम से भाजपा के सदस्य बनें और राष्ट्र निर्माण की यात्रा में सहभागी बनें.
इसके साथ ही विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह जी ने अपना रेफरल लिंक  https://www.narendramodi.in/bjpsadasyata2024/SNG92S और रेफरल कोड SNG92S भी जारी किया है, जिसके माध्यम से अन्य लोग भी भाजपा के सदस्य बन सकते हैं.

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Sep 03 2024, 14:43

'देखो अपना देश' अभियान में वोट कर अपने राज्य के गंतव्यों को बनाएं राष्ट्रीय धरोहर

रायपुर-   बलौदाबाजार कलेक्टर दीपक सोनी ने जिले के नागरिकों से अपील की है कि वे भारत सरकार के पर्यटन मंत्रालय द्वारा चलाए जा रहे "देखो अपना देश" अभियान में सक्रिय भागीदारी करें। इस अभियान के तहत देशभर के नागरिकों को अपने राज्य के सर्वश्रेष्ठ पर्यटन स्थलों के लिए वोट करने का मौका मिल रहा है, और छत्तीसगढ़ के अद्वितीय और खूबसूरत गंतव्यों को इस राष्ट्रीय मंच पर प्रदर्शित करने का यह एक सुनहरा अवसर है।

श्री सोनी ने कहा,"जिले के प्राकृतिक सौंदर्य,समृद्ध सांस्कृतिक धरोहर और ऐतिहासिक स्थलों को पूरे देश में पहचान दिलाने का यह एक महत्वपूर्ण कदम है। हम सभी से अनुरोध करते हैं कि वे अपने जिले सहित राज्य के गंतव्यों के लिए वोट करें और इस अभियान को सफल बनाने में अपना योगदान दें।"

वोट कैसे करें
वोटिंग के लिए नागरिकों को वेबसाइट
https://forms.gle/ANvrFcQqxg55EkSw7
का उपयोग करना होगा। इस फॉर्म के माध्यम से लोग छत्तीसगढ़ सहित बलौदाबाजार भाटापारा के उन स्थलों के लिए वोट कर सकते हैं, जिन्हें वे राज्य और देश का गौरव मानते हैं। राज्य सरकार ने भी सभी से आग्रह किया है कि वे इस लिंक को अपने सोशल मीडिया पर साझा करें, ताकि अधिक से अधिक लोग इस अभियान में भाग ले सकें।

अंतिम तिथि

इस अभियान में वोट करने की अंतिम तिथि 15 सितंबर 2024 है। इसके बाद, चुने गए गंतव्यों को राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर प्रचारित किया जाएगा, जिससे राज्य सहित जिले में पर्यटन को बढ़ावा मिलेगा और आर्थिक विकास के नए अवसर पैदा होंगे। छत्तीसगढ़ राज्य में पर्यटन की अपार संभावनाएं हैं, और यह अवसर हमें अपनी धरोहर, संस्कृति और प्राकृतिक सुंदरता को देशभर में फैलाने का मौका देता है।

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Sep 03 2024, 14:35

अम्बेडकर अस्पताल स्थित मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू) के वैज्ञानिकों ने विकसित किया एक बायोमार्कर किट

रायपुर-     देश में स्वास्थ्य अनुसंधान अधोसरंचना को विकसित एवं सुदृढ़ करने के उद्देश्य से डॉ. भीमराव अम्बेडकर स्मृति चिकित्सालय रायपुर में स्थापित मल्टी-डिसिप्लिनरी रिसर्च यूनिट (एमआरयू/ बहु विषयक अनुसंधान इकाई) के वैज्ञानिकों की टीम ने ऐसा बायोमार्कर किट विकसित किया है जो कोविड-19 महामारी संक्रमण की गंभीरता का अनुमान प्रारंभिक चरण में ही लगा लेगा। कोविड-19 के प्रारंभिक चरण से प्रारंभ किये गये इस शोध के परिणाम हाल ही में विज्ञान पत्रिका साइंटिफिक रिपोर्ट्स (https://www.nature.com/articles/s41598-024-70161-8) में प्रकाशित हुई है जो प्रतिष्ठित नेचर प्रकाशन समूह द्वारा प्रकाशित किया गया है। रिसर्च के क्षेत्र में यह दुनिया का 5वां सबसे अधिक संदर्भित किया जाने वाला रिसर्च जर्नल है।

महामारी की शुरुआत में, जबकि देश के कई प्रमुख वैज्ञानिक नए कोविड-19 डायग्नोस्टिक टेस्ट किट विकसित करने में जुटे हुए थे, रिसर्च पब्लिकेशन के करेस्पोंडिंग लेखक(प्रिसिंपल इन्वेस्टिगेटर) डॉ. जगन्नाथ पाल (एमबीबीएस, पीएचडी, हार्वर्ड कैंसर संस्थान (बोस्टन यूएसए) से पोस्टडॉक. की उपाधि प्राप्त) वरिष्ठ वैज्ञानिक, एमआरयू, ने कोविड-19 महामारी के प्रबंधन के उपरोक्त बुनियादी मुद्दे की दिशा में विचार करना शुरू किया, जो भविष्य में किसी भी महामारी की स्थिति से निपटने के लिए भी उपयोग में आ सकता है।

कोविड-19 प्रोग्नोस्टिक बायोमार्कर किट (प्रारंभिक स्तर में रोग की गंभीरता का पूर्वानुमान) को विकसित करने वाले प्रमुख वैज्ञानिक एवं टीम लीडर डॉ. जगन्नाथ पाल के अनुसार, कोरोना महामारी के प्रारंभिक चरण में संसाधन एवं एंटी-वायरस दवाओं का बहुतायत मात्रा में प्रयोग हुआ, जिससे गंभीर दवा संकट के साथ-साथ रेमडेसिवीर जैसी जीवन रक्षक दवाओं का संकट भी उत्पन्न हुआ। शुरुआती चरण में यह पता लगाना मुश्किल होता था कि किन कोरोना रोगियों को मेडिकल की अग्रिम सुविधा की आवश्यकता है अथवा नहीं ? इसलिए पूर्वानुमानित परिणाम के आधार पर रोगियों के संक्रमण की गंभीरता को अलग-अलग श्रेणी में विभाजन करना आवश्यक था जिससे कि इन संसाधनों का गंभीर कोरोना रोगियों में उपयोग किया जा सके, परन्तु उस समय कोई भी ऐसा टेस्ट/जांच उपलब्ध नहीं था जिससे कि प्रारंभिक चरण में ही कोरोना रोगियों की गंभीरता का पता चल सके।

तीन साल के अथक परिश्रम से मिली सफलता

डॉ. पाल के नेतृत्व में एमआरयू रिसर्च टीम ने उपलब्ध सीमित संसाधन का उपयोग करके इस दिशा में काम करना शुरू किया और अंततः बायोमार्कर किट विकसित करने में सफलता हासिल कर ली, जिसका उपयोग करके कोरोना के गंभीरता की भविष्यवाणी प्रारंभिक चरण में ही की जा सकती है। इस शोध कार्य में वैज्ञानिकों ने क्यू पीसीआर (Quantitative PCR) आधारित टेस्ट का उपयोग करके एक सीवियरिटी स्कोर विकसित किया जिनकी संवेदनशीलता 91 प्रतिशत और विशेषता 94 प्रतिशत है। इस शोध दल में एक अन्य एमआरयू वैज्ञानिक डॉ. योगिता राजपूत, पेपर की पहली लेखिका ने विभिन्न विभागों के अन्य बहु-विषयक योगदानकर्ताओं के साथ समन्वय करते हुए चुनौतीपूर्ण परियोजना को मूर्त रूप में लाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

डॉ. पाल के आविष्कार के संभावित व्यावसायिक मूल्य को ध्यान में रखते हुए पं. जे.एन.एम मेडिकल कॉलेज ने भारतीय पेटेंट के साथ- साथ अंतर्राष्ट्रीय पेटेंट के लिए भी आवेदन किया है। डॉ. पाल के अनुसार, हाल ही में अमेरिका की पेटेंट सर्च एजेंसी ने अमेरिका में आविष्कार के संभावित व्यावसायिक महत्व को दर्शाते हुए उत्साहजनक रिपोर्ट प्रदान की है। इसका मतलब है कि भारत की आर्थिक वृद्धि में योगदान देने वाली चिकित्सा प्रौद्योगिकी को विदेशों में निर्यात करने का अवसर हमें मिल सकता है। एमआरयू का रिसर्च हमारे देश के प्रधानमंत्री के मेक इन इंडिया अभियान को भी बरकरार रखेगा। आम धारणा के विपरीत कि इस तरह के टेक्नोलॉजी के अविष्कार के लिए बड़े बुनियादी ढांचे, बड़े धन और जनशक्ति की आवश्यकता होती है। सफलता की कहानी संसाधन सीमित केंद्रों में काम करने वाले कई शोधकर्ताओं के लिए एक प्रेरक उदाहरण भी है। पं. जे.एन.एम मेडिकल कॉलेज की उपलब्धि एक उत्साहजनक उदाहरण स्थापित करेगी कि एक राज्य संचालित मेडिकल कॉलेज समय की आवश्यकता को पूरा करने के लिए मेडिकल टेक्नोलॉजी विकसित कर रहा है और इसके व्यावसायीकरण में भी अपना योगदान दे रहा है।

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Sep 03 2024, 14:26

स्वास्थ्य मंत्री को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से आमंत्रण, 10 से 22 सितंबर तक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित है EPPI Con 2024 कांफ्रेंस
रायपुर-     छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को 10 से 22 सितंबर तक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित EPPI Con 2024 कांफ्रेंस में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। आईआईएम रायपुर के तत्वाधान में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल आउटरीच के डायरेक्टर ने स्वास्थ्य मंत्री को इस कांफ्रेंस में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। इस कांफ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा करने के साथ ही राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों (आशा कार्यकर्ता एवं मितानिन) को मजबूत करने की योजना पर कार्य होगा। कांफ्रेंस के मुख्य उद्देश्य के अनुसार आशा एवं मितानिन कार्यकर्ताओं को डिजिटल साक्षर बनाने के लक्ष्य पर काम करना है तथा उन्हें आईआईएम, आईआईटी, एम्स एवं एनएनएलयू के साथ मिलकर ट्रेनिंग देकर और सक्षम बनाना है ताकि राज्य मे निचले स्तर पर ही बुनियादी एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहें।

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Sep 03 2024, 14:21

उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ‘छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रतनपुर’ पुस्तिका का किया विमोचन
रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर के सिविल लाइन स्थित अपने निवास पर राज्य के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल महामाया धाम रतनपुर पर आधारित पुस्तिका ‘छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रतनपुर’ का विमोचन किया। उन्होंने पुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि इसमें रतनपुर के सभी मंदिरों, तालाबों और सांस्कृतिक विरासतों की जानकारी दी गई है, जो बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने रतनपुर के तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में प्रचार-प्रसार के लिए भी इसे उपयोगी बताया। विमोचन के दौरान पुस्तिका के लेखक बलराम पाण्डेय सहित कन्हैया यादव, रविंद्र दुबे, संतोष तिवारी, तीरथ यादव, बबलू कश्यप तथा बिलासपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी संजय सोनी, वासित अली एवं ताहिर अली भी मौजूद थे।

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Sep 03 2024, 13:43

मौत के बाद रिश्वत के आरोप से मुक्त हुआ बैंक प्रबंधक, बेटों के साथ पत्नी ने लड़ी कोर्ट में अपने पति की लड़ाई…
बिलासपुर-  मौत के बाद बैंक प्रबंधक रिश्वत लेने के आरोप से मुक्त हुए. 22 साल तक चले मामले में बैंक प्रबंधक की पत्नी ने बेटों के साथ हाई कोर्ट में केस लड़कर जीत हासिल की. बैंक प्रबंधक पर शासकीय योजना के तहत बोरवेल खुदाई के लिए लोन देने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप था.

दरअसल, दुर्ग निवासी राजेन्द्र कुमार यादव वर्ष 2000-01 में कृषि एवं भूमि विकास बैंक के बेमेतरा शाखा में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. इस दौरान ग्राम एरमसाही नवागढ़ ब्लॉक निवासी किसान धीरेन्द्र कुमार शुक्ला ने अपने पिता राजेन्द्र नारायण शुक्ला के नाम से बोरवेल खुदाई के लिए सरकारी योजना के तहत लोन लेने आवेदन दिया. इस आवेदन पर शाखा प्रबंधक राजेन्द्र कुमार यादव ने प्रोसेस शुल्क 526 रुपए जमा करने के लिए कहा. इस पर किसान ने शाखा प्रबंधक द्बारा रिश्वत मांगे जाने की लोकायुक्त रायपुर में शिकायत की.

शिकायत पर लोकायुक्त ने मई 2001 को शिकायतकर्ता को केमिकल लगे करेंसी लेकर बैंक प्रबंधक के पास भेजा और ट्रेप कर शाखा प्रबंधक को हिरासत में लिया. इस मामले में विशेष न्यायाधीश ने जनवरी 2003 को शाखा प्रबंधक को भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 6 माह कैद 500 रूपये अर्थदंड एवं धारा 13 (डी) 1 में 1 वर्ष कैद एवं 500 अर्थदंड की सजा दी. शाखा प्रबंधक ने इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. अपील लंबित रहने के दौरान अपीलकर्ता शाखा प्रबंधक की मौत हो गई.

पति की मौत के बाद पत्नी उतम कुमारी यादव ने अपने पुत्र प्रशांत यादव व निशांत यादव के साथ मिलकर मुकदमा को आगे बढ़ाया. 22 वर्ष बाद अगस्त में अपील पर हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मामले में पाया कि शिकायतकर्ता ने अपीलकर्ता को 526 रुपए प्रोसेस शुल्क दिया था. ट्रेप टीम ने उसके जेब से 100-100 के चार करेंसी नोट जब्त करने की बात कही.

सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि अपीलकर्ता के जेब से टीम ने 7-8 करेंसी नोट निकाला था. रिश्वत में दिए गए नोट के नंबर भी दर्ज नहीं है. वही अपीलकर्ता ने बचाव में कहा कि शिकायतकर्ता ने प्रोसेस शुल्क दिया था, जिसकी उसे रसीद भी दी गई थी. मामले में उक्त रसीद को भी प्रस्तुत किया गया. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद बैंक प्रबंधक को रिश्वत लेने के आरोप से मुक्त करते हुए निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया है.

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Sep 03 2024, 13:37

छात्र को थप्पड़ मारने वाला लाइब्रेरियन निलंबित, अन्य कर्मचारियों पर भी गिरेगी गाज
बलरामपुर-  कक्षा 9वीं के छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. छात्र को मारने वाले लाइब्रेरियन (ग्रंथपाल) को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है. यह पूरा मामला वाड्रफनगर विकासखंड के हायर सेकेंडरी स्कूल पंडरी का है.

जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले ग्रंथपाल चक्रधारी सिंह ने एक छात्र के कान में थप्पड़ मारा था. घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. वहीं थप्पड़ खाने से पीड़ित छात्र के कान में परेशानी उत्पन्न हुई, जिसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए. इस घटना की शिकायत मिलने पर संयुक्त संचालक सरगुजा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लाइब्रेरियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि इस घटना में शामिल अन्य स्कूल कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.

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Sep 03 2024, 12:57

हाई कोर्ट ने माना विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार, परिवार न्यायालय का आदेश रखा बरकरार…
बिलासपुर-    बेटे की मौत के बाद बेवा बहू व पोती के भरण पोषण को लेकर ससुर द्वारा लगाई गई अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामले में परिवार न्यायालय ने 1500 सौ रुपये पेंशन देने कहा था, आदेश के खिलाफ 40 हजार रु पेंशन पाने वाले ससुर ने हाई कोर्ट में अपील की थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए अपील खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय जायसवाल की डिवीजन बेंच में हुई।

बंगलापारा, रायपुर जिले के तुमगांव निवासी जनकराम साहू के बेटे अमित साहू की वर्ष 2022 में मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी पत्नी मनीषा साहू, 29 वर्ष और पुत्री  कु. टोकेश्वरी साहू उम्र लगभग 9 वर्ष के सामने अपना जीवन चलाने का संकट हो गया. मनीषा ने पारिवारिक न्यायालय महासमुंद में अपनी बेटी के लिए जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने की मांग अपने ससुर से की. जिसे मंजूर कर फेमिली कोर्ट ने माँ को 1,500 रुपये प्रति माह और प्रतिवादी संख्या 2 बेटी को 500 रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया. इसके खिलाफ जनकराम ने हाईकोर्ट में अपील की.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि अमित साहू की मृत्यु 2 जनवरी 2022 को हो गई थी. अपने जीवनकाल के दौरान वह पत्नी और बच्ची को 2 हजार रुपये का रखरखाव भुगतान करते थे. उनके पिता जनकराम साहू वर्ष 2013 में बिजली विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 40,000 रुपए प्रति माह पेंशन मिलती है. इसके अलावा मकान किराये के रूप में प्रति माह 10,000 रुपये मिलते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 के तहत विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार है. कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है.