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स्वास्थ्य मंत्री को स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी, अमेरिका से आमंत्रण, 10 से 22 सितंबर तक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित है EPPI Con 2024 कांफ्रेंस
रायपुर-     छत्तीसगढ़ के स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल को 10 से 22 सितंबर तक स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी में आयोजित EPPI Con 2024 कांफ्रेंस में शामिल होने का आमंत्रण मिला है। आईआईएम रायपुर के तत्वाधान में स्टैनफोर्ड यूनिवर्सिटी के ग्लोबल आउटरीच के डायरेक्टर ने स्वास्थ्य मंत्री को इस कांफ्रेंस में शामिल होने का आमंत्रण दिया है। इस कांफ्रेंस के माध्यम से छत्तीसगढ़ की स्वास्थ्य व्यवस्था पर चर्चा करने के साथ ही राज्य की प्राथमिक स्वास्थ्य इकाइयों (आशा कार्यकर्ता एवं मितानिन) को मजबूत करने की योजना पर कार्य होगा। कांफ्रेंस के मुख्य उद्देश्य के अनुसार आशा एवं मितानिन कार्यकर्ताओं को डिजिटल साक्षर बनाने के लक्ष्य पर काम करना है तथा उन्हें आईआईएम, आईआईटी, एम्स एवं एनएनएलयू के साथ मिलकर ट्रेनिंग देकर और सक्षम बनाना है ताकि राज्य मे निचले स्तर पर ही बुनियादी एवं प्रशिक्षित स्वास्थ्य सेवाएं उपलब्ध रहें।
उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने ‘छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रतनपुर’ पुस्तिका का किया विमोचन
रायपुर-    उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने रायपुर के सिविल लाइन स्थित अपने निवास पर राज्य के प्रसिद्ध तीर्थ स्थल महामाया धाम रतनपुर पर आधारित पुस्तिका ‘छत्तीसगढ़ का प्रसिद्ध तीर्थ स्थल रतनपुर’ का विमोचन किया। उन्होंने पुस्तिका का विमोचन करते हुए कहा कि इसमें रतनपुर के सभी मंदिरों, तालाबों और सांस्कृतिक विरासतों की जानकारी दी गई है, जो बाहर से आने वाले तीर्थ यात्रियों एवं पर्यटकों के लिए मार्गदर्शिका के रूप में कार्य करेगी। उन्होंने रतनपुर के तीर्थ स्थल और पर्यटन स्थल के रूप में प्रचार-प्रसार के लिए भी इसे उपयोगी बताया। विमोचन के दौरान पुस्तिका के लेखक बलराम पाण्डेय सहित कन्हैया यादव, रविंद्र दुबे, संतोष तिवारी, तीरथ यादव, बबलू कश्यप तथा बिलासपुर प्रेस क्लब के पदाधिकारी संजय सोनी, वासित अली एवं ताहिर अली भी मौजूद थे।
मौत के बाद रिश्वत के आरोप से मुक्त हुआ बैंक प्रबंधक, बेटों के साथ पत्नी ने लड़ी कोर्ट में अपने पति की लड़ाई…
बिलासपुर-  मौत के बाद बैंक प्रबंधक रिश्वत लेने के आरोप से मुक्त हुए. 22 साल तक चले मामले में बैंक प्रबंधक की पत्नी ने बेटों के साथ हाई कोर्ट में केस लड़कर जीत हासिल की. बैंक प्रबंधक पर शासकीय योजना के तहत बोरवेल खुदाई के लिए लोन देने के एवज में रिश्वत लेने का आरोप था.

दरअसल, दुर्ग निवासी राजेन्द्र कुमार यादव वर्ष 2000-01 में कृषि एवं भूमि विकास बैंक के बेमेतरा शाखा में शाखा प्रबंधक के पद पर कार्यरत थे. इस दौरान ग्राम एरमसाही नवागढ़ ब्लॉक निवासी किसान धीरेन्द्र कुमार शुक्ला ने अपने पिता राजेन्द्र नारायण शुक्ला के नाम से बोरवेल खुदाई के लिए सरकारी योजना के तहत लोन लेने आवेदन दिया. इस आवेदन पर शाखा प्रबंधक राजेन्द्र कुमार यादव ने प्रोसेस शुल्क 526 रुपए जमा करने के लिए कहा. इस पर किसान ने शाखा प्रबंधक द्बारा रिश्वत मांगे जाने की लोकायुक्त रायपुर में शिकायत की.

शिकायत पर लोकायुक्त ने मई 2001 को शिकायतकर्ता को केमिकल लगे करेंसी लेकर बैंक प्रबंधक के पास भेजा और ट्रेप कर शाखा प्रबंधक को हिरासत में लिया. इस मामले में विशेष न्यायाधीश ने जनवरी 2003 को शाखा प्रबंधक को भ्रष्ट्राचार निवारण अधिनियम की धारा 7 में 6 माह कैद 500 रूपये अर्थदंड एवं धारा 13 (डी) 1 में 1 वर्ष कैद एवं 500 अर्थदंड की सजा दी. शाखा प्रबंधक ने इस निर्णय के खिलाफ हाईकोर्ट में अपील की. अपील लंबित रहने के दौरान अपीलकर्ता शाखा प्रबंधक की मौत हो गई.

पति की मौत के बाद पत्नी उतम कुमारी यादव ने अपने पुत्र प्रशांत यादव व निशांत यादव के साथ मिलकर मुकदमा को आगे बढ़ाया. 22 वर्ष बाद अगस्त में अपील पर हाईकोर्ट में अंतिम सुनवाई हुई. हाईकोर्ट ने मामले में पाया कि शिकायतकर्ता ने अपीलकर्ता को 526 रुपए प्रोसेस शुल्क दिया था. ट्रेप टीम ने उसके जेब से 100-100 के चार करेंसी नोट जब्त करने की बात कही.

सुनवाई के दौरान यह बात सामने आई कि अपीलकर्ता के जेब से टीम ने 7-8 करेंसी नोट निकाला था. रिश्वत में दिए गए नोट के नंबर भी दर्ज नहीं है. वही अपीलकर्ता ने बचाव में कहा कि शिकायतकर्ता ने प्रोसेस शुल्क दिया था, जिसकी उसे रसीद भी दी गई थी. मामले में उक्त रसीद को भी प्रस्तुत किया गया. हाईकोर्ट ने सुनवाई के बाद बैंक प्रबंधक को रिश्वत लेने के आरोप से मुक्त करते हुए निचली अदालत के फैसले को खारिज कर दिया है.

छात्र को थप्पड़ मारने वाला लाइब्रेरियन निलंबित, अन्य कर्मचारियों पर भी गिरेगी गाज
बलरामपुर-  कक्षा 9वीं के छात्र को थप्पड़ मारने के मामले में प्रशासन ने बड़ी कार्रवाई की है. छात्र को मारने वाले लाइब्रेरियन (ग्रंथपाल) को घटना के बाद निलंबित कर दिया गया है. यह पूरा मामला वाड्रफनगर विकासखंड के हायर सेकेंडरी स्कूल पंडरी का है.

जानकारी के अनुसार, कुछ दिन पहले ग्रंथपाल चक्रधारी सिंह ने एक छात्र के कान में थप्पड़ मारा था. घटना के बाद स्कूल प्रबंधन ने इस मामले को दबाने की कोशिश की. वहीं थप्पड़ खाने से पीड़ित छात्र के कान में परेशानी उत्पन्न हुई, जिसके बाद परिजन उसे निजी अस्पताल में इलाज के लिए ले गए. इस घटना की शिकायत मिलने पर संयुक्त संचालक सरगुजा ने मामले की गंभीरता को देखते हुए लाइब्रेरियन को तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया है. सूत्रों का कहना है कि इस घटना में शामिल अन्य स्कूल कर्मचारियों पर भी कार्रवाई हो सकती है.
हाई कोर्ट ने माना विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार, परिवार न्यायालय का आदेश रखा बरकरार…
बिलासपुर-    बेटे की मौत के बाद बेवा बहू व पोती के भरण पोषण को लेकर ससुर द्वारा लगाई गई अपील को हाईकोर्ट ने खारिज कर दिया है. मामले में परिवार न्यायालय ने 1500 सौ रुपये पेंशन देने कहा था, आदेश के खिलाफ 40 हजार रु पेंशन पाने वाले ससुर ने हाई कोर्ट में अपील की थी. मामले की सुनवाई के बाद हाई कोर्ट ने परिवार न्यायालय के आदेश को यथावत रखते हुए अपील खारिज कर दी है. मामले की सुनवाई जस्टिस रजनी दुबे व जस्टिस संजय जायसवाल की डिवीजन बेंच में हुई।

बंगलापारा, रायपुर जिले के तुमगांव निवासी जनकराम साहू के बेटे अमित साहू की वर्ष 2022 में मौत हो गई थी. इसके बाद उसकी पत्नी मनीषा साहू, 29 वर्ष और पुत्री  कु. टोकेश्वरी साहू उम्र लगभग 9 वर्ष के सामने अपना जीवन चलाने का संकट हो गया. मनीषा ने पारिवारिक न्यायालय महासमुंद में अपनी बेटी के लिए जीवन निर्वाह भत्ता दिलाने की मांग अपने ससुर से की. जिसे मंजूर कर फेमिली कोर्ट ने माँ को 1,500 रुपये प्रति माह और प्रतिवादी संख्या 2 बेटी को 500 रुपये प्रति माह देने का आदेश दिया. इसके खिलाफ जनकराम ने हाईकोर्ट में अपील की.

हाईकोर्ट में सुनवाई के दौरान बताया गया कि अमित साहू की मृत्यु 2 जनवरी 2022 को हो गई थी. अपने जीवनकाल के दौरान वह पत्नी और बच्ची को 2 हजार रुपये का रखरखाव भुगतान करते थे. उनके पिता जनकराम साहू वर्ष 2013 में बिजली विभाग से सेवानिवृत्त हुए थे. सेवानिवृत्त होने के बाद उन्हें 40,000 रुपए प्रति माह पेंशन मिलती है. इसके अलावा मकान किराये के रूप में प्रति माह 10,000 रुपये मिलते हैं. मामले की सुनवाई के दौरान हाई कोर्ट की डिवीजन बेंच ने कहा कि हिंदू दत्तक ग्रहण और भरण-पोषण अधिनियम 1956 के तहत विधवा बहू अपने ससुर से भरण-पोषण की हकदार है. कोर्ट ने फैमिली कोर्ट के आदेश को बरकरार रखा है.

जिलों में राज्यपाल की समीक्षा बैठक पर बोले भूपेश बघेल- सरकार कौन चला रहा है ? अरुण साव का पलटवार, कहा-

रायपुर-   जिलों में राज्यपाल की समीक्षा बैठक पर सियासत तेज हो गई है. इस मामले को लेकर पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल ने राज्य सरकार पर तंज कसा है. बघेल ने कहा कि यह बहुत गम्भीर बात है. ऐसा तो पहले कभी नहीं हुआ. मैं तो यह देखकर हैरान हूँ कि राज्यपाल दुर्ग, बिलासपुर, महासमुंद अन्य जिलों में जाकर समीक्षा बैठक कर रहे हैं, करेंगे. यह तो मुख्यमंत्री साय के लिये निश्चित तौर पर सोचनीय होगा. समझ नहीं रहा है कि सरकार कौन चला रहा है ? सरकार के समान्तर सरकार वाली बात हो गई.

मुख्यमंत्री थे तो बघेल को कौन चला रहे थे ?- साव

भूपेश बघेल के इस तंज पर उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने पलटवार किया है. बघेल जी को ऐसा कहने से पहले खुद के कार्यकाल को याद करना चाहिए. उन्हें बताना चाहिए कि उन्हें मुख्यमंत्री रहते कौन चला रहे थे ? बघेल जी अपनी और कांग्रेस की चिंता करें. प्रदेश में विष्णु का सुशासन है. अब डबल इंजन की सरकार है. उन्हें तनाव नहीं लेना चाहिए.

राज्यपाल ने अधिकारियों की ली है बैठक

गौरतलब है कि राज्यपाल रामेन डेका छत्तीसगढ़ में शपथ लेने के बाद से बहुत ही सक्रिय हैं. राजभवन में अधिकारियों की बैठक लेने के बाद अब वें जिलों में अधिकारियों की समीक्षा बैठक कर रहे हैं. महासमुंद और बिलासपुर में बैठक कर चुके हैं. कई और जिलों में बैठक लेने वाले हैं. राज्यपाल की इस सक्रियता की चर्चा राजनीतिक गलियारों में खूब है.

घाट कटिंग कर सड़क निर्माण कार्य से वनांचल के ग्रामीण हो रहे लाभान्वित, कठिनाई पूर्ण आवागमन के समस्या का हुआ समाधान, साथ ही मिला रोजगार

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की संवेदनशील पहल पर राज्य के वनांचल क्षेत्र में रहने वाले ग्रामीणों के लिए आवागमन की कठिनाइयों का समाधान किया जा रहा है। इसी क्रम में कबीरधाम जिले में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) के तहत पंडरिया विकासखंड के कांदावनी ग्राम पंचायत के आश्रित ग्राम रूखमीदादर में मिट्टी सड़क सह घाट कटिंग का कार्य किया गया है। इस कार्य से विशेष पिछड़ी जनजाति बैगा समुदाय के लोगों को रोजगार के साथ-साथ आवागमन की सुविधा भी प्राप्त हो रही है।

लगभग 1 किलोमीटर लंबी इस सड़क का निर्माण कार्य 15 मार्च 2024 को प्रारंभ हुआ और 6 सप्ताह के भीतर इसे पूर्ण कर लिया गया। 10 लाख 18 हजार 7 सौ रुपये की लागत से तैयार इस सड़क ने 461 से अधिक आबादी वाले इस क्षेत्र के लोगों को बड़ी राहत दी है। इससे पहले ग्रामीणों को पगडंडियों के संकरे और पथरीले रास्तों से गुजरना पड़ता था, लेकिन अब इस सड़क के बन जाने से ग्रामीणों के लिए बाजार और अन्य स्थानों तक पहुंचना आसान हो गया है। सड़क निर्माण कार्य के दौरान 3613 मानव दिवस का रोजगार सृजन हुआ, जिससे 95 परिवारों के 165 मजदूरों को रोजगार मिला। इसमें 7 लाख 60 हजार 7 सौ रुपये की मजदूरी राशि सीधे उनके बैंक खातों में जमा की गई। इस परियोजना से वनांचल क्षेत्र के बैगा समुदाय को न केवल रोजगार का लाभ मिला, बल्कि उनके जीवन स्तर में भी सुधार हुआ है।

कलेक्टर जनमेजय महोबे ने बताया कि मनरेगा योजना के अंतर्गत ग्रामीणों की मांग पर विभिन्न कार्य स्वीकृत किए जाते हैं, जिनका उद्देश्य ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार सृजन के साथ-साथ स्थायी परिसंपत्तियों का निर्माण करना है। उन्होंने बताया कि बैगा समुदाय की कठिनाइयों को देखते हुए पहाड़ी क्षेत्रों में सड़क का निर्माण कराया जा रहा है, जिससे आवागमन की सुविधा में विस्तार हो रहा है। सड़क निर्माण कार्य से खुश ग्रामीणों ने राज्य शासन व स्थानीय प्रशासन के प्रति आभार व्यक्त किया है। इस नई सड़क के माध्यम से अब ग्रामीणों को बाजार, स्कूल और अस्पताल जैसी महत्वपूर्ण सुविधाओं तक पहुंचने में आसानी हो रही है। ग्रामीणों का मानना है कि इस परियोजना से उनके जीवन में सकारात्मक परिवर्तन आया है।

डीएमएफ से 60 से अधिक नए स्कूल भवन और 10 पीएचसी के बाउण्ड्री वॉल निर्माण की मिली स्वीकृति,विद्यार्थियों को जर्जर स्कूल भवन से मिलेगी मुक्ति

रायपुर-     कोरबा जिले के लिए जिला खनिज संस्थान न्यास मद से प्राप्त राशि वरदान साबित होने लगी है। मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर जिला प्रशासन द्वारा डीएमएफ से जिले में लगातार स्वास्थ्य सुविधा, शिक्षा व्यवस्था एवं जनहित संबंधित आवश्यक कार्य को कराने पहल की जा रही है। इसी कड़ी में कलेक्टर अजीत वसंत द्वारा जिले के दूरस्थ ग्रामीण क्षेत्रों तथा आसपास मौजूद जर्जर स्कूल भवनों का चिन्हांकन कर नए भवनों के निर्माण की स्वीकृति प्रदान की गई है।

डीएमएफ से कुल 60 से अधिक नए स्कूल भवन निर्माण, अतिरिक्त कक्ष, जीर्णाेद्धार कार्य हेतु प्रशासकीय स्वीकृति प्रदान की गई है। इसके अलावा उन्होंने 10 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में सुरक्षा के दृष्टिकोण से वहां की आवश्यकताओं को देखते हुए बाउण्ड्री वॉल निर्माण की स्वीकृति भी प्रदान की है। इससे पूर्व बीते माह फरवरी में ही 88 नवीन स्कूल भवन की स्वीकृति प्रदान की थी। दूरस्थ क्षेत्रों सहित आसपास के जर्जर स्कूल भवनों के स्थान पर नए भवन बनने से स्कूल में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों सहित शिक्षकों की समस्याएं दूर होंगी। इन स्वीकृति में ज्यादातर प्राथमिक स्कूल नवीन भवन ( पुराने भवन का विनिष्टिकरण भी ) शामिल है। कुछ स्थानों पर माध्यमिक शाला हेतु भवन,अतिरिक्त कक्ष एवं प्रयोगशाला कक्ष तथा जीर्णाेद्धार की स्वीकृति प्रदान की गई है।

नए भवन स्वीकृत होने पर विद्यार्थी और शिक्षक खुश -

जिला प्रशासन द्वारा जर्जर हो चुके स्कूल भवनों के लिए नए भवन स्वीकृत किए जाने पर स्कूल के विद्यार्थियों सहित संबंधित शिक्षकों में खुशी है। करतला विकासखण्ड के अंतर्गत आने वाले दूरस्थ ग्राम बैगापारा-घिनारा का प्राथमिक शाला भवन भी है। 38 साल पुराने शीट युक्त छत वाले भवन में प्राथमिक शाला का संचालन किया जा रहा है। दो कमरों में संचालित विद्यालय में 57 विद्यार्थी हैं। विद्यालय की शिक्षिका शशीकला राठिया ने बताया कि यहां नए स्कूल भवन की सख्त आवश्यकता थी। जिला प्रशासन द्वारा नए भवन स्वीकृत किए जाने की सूचना मिली है। यह हमारे लिए खुशी की बात है। नए भवन बनने से विद्यार्थियों के साथ ही हमें भी राहत मिलेगी।

प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में बनेगा बाउण्ड्रीवॉल -

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के निर्देश पर कलेक्टर ने जिले के सुदूरवर्ती क्षेत्रों में स्वास्थ्य सुविधाओं को और बेहतर बनाने की दिशा में कदम उठाते हुए डीएमएफ से दूरस्थ क्षेत्रों के 23 प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्रों में आवास निर्माण एवं बाउण्ड्रीवाल निर्माण हेतु स्वीकृति प्रदान की है। प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र परिसर में आवास निर्माण होने से चिकित्सक सहित अन्य स्टाफ आसानी से रूक पाएंगे। वहीं प्राथमिक स्वास्थ्य केंद्र में बाउण्ड्रीवॉल बनने पर मरीज सहित चिकित्सकीय स्टाफ खुद को स्वास्थ्य केंद्र में सुरक्षित महसूस करेंगे।

भूपेश बघेल के आरोपों पर CM साय का पलटवार, कहा – 5 साल बाद जनता ने उखाड़ फेका, ऐसे लोगों को प्रमाणपत्र देने का कोई हक नहीं

दुर्ग-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने कांग्रेस के आरोपों पर पलटवार किया है. आज दुर्ग के मड़ियापार में आयोजित पोला महोत्सव के दौरान मुख्यमंत्री साय ने सरकार पर लगाए जा रहे आरोपों को लेकर पूर्व सीएम भूपेश बघेल को आड़े हाथों लिया. छत्तीसगढ़ सरकार को फेलियर बताने वाले लोगों को करारा जवाब देते हुए सीएम ने कहा, ऐसे लोगों को अब हम लोगों को प्रमाण पत्र देने का कोई हक नहीं है.

सीएम साय ने कहा, बड़े उम्मीद से 5 साल तक जनता ने कांग्रेस को सत्ता में बिठाया था और 5 साल में ऐसी दुर्गति हुई कि 5 साल बाद जनता ने ही उन्हें उखाड़ कर फेंक दिया. ऐसे लोगों को हम लोगों को प्रमाण पत्र देने का कोई हक नहीं है. दरअसल पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल लगातार विधायक देवेंद्र यादव की गिरफ्तारी के बाद प्रदर्शनों और पत्रकार वार्ता के माध्यम से राज्य की भाजपा सरकार पर हमला बोल रहे हैं. वहीं कल 3 सितंबर को कांग्रेस प्रदेशभर में बढ़ते महिला सबंधी अपराध को लेकर मौन प्रदर्शन करने जा रही है.

टीका लगने से मासूमों की मौत मामले की होगी जांच : सीएम

मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने बिलासपुर में टीकाकरण के बाद दो बच्चों की मौत मामले में कहा कि इसकी पूरी जांच होगी. अगर स्वास्थ्य कर्मियों ने किसी प्रकार की कोई गलती या लापरवाही की है तो उन पर सख्त कार्रवाई होगी.

मेयर एजाज ढेबर ने लाइट मेट्रो एमओयू के दस्तावेज किए पेश

रायपुर- मॉस्को से लाइट मेट्रो के लिए एमओयू पर हस्ताक्षर कर लौटे रायपुर के महापौर एजाज ढेबर ने मीडिया के सामने दस्तावेज पेश किया है। मॉस्को सरकार की तरफ से मेयर को भेजे गए इनविटेशन और टिकट भी दिखाया। उन्होंने कहा कि, राजधानी में ट्रैफिक व्यवस्था सुधारने रायपुर नगर निगम और मॉस्को सरकार के बीच 22 अगस्त को ज्वाइंट MoU किया गया।

इसके जरिए हम अप-टू-डेट परिवहन डेटा एक-दूसरे से शेयर करेंगे। इसके लिए एक्सपर्ट की टीम के साथ बैठक, कार्यक्रम, ऑफलाइन मीटिंग और इवेंट भी किए जाएंगे। आज नहीं तो कल यह प्रोजेक्ट जरूर पूरा होगा।

डिप्टी सीएम के बयान पर जताई नाराजगी

मेयर ने डिप्टी सीएम अरुण साव के बयान को लेकर कहा कि, मुझे इस बात का दुख है कि जिम्मेदार व्यक्ति ने ऐसी बात कही है। मैंने रायपुर के साथ कोई भद्दा मजाक नहीं किया है। एमओयू की क्या लिमिटेशन होती है। मैं इस बात को समझता हूं। रायपुर में लाइट मेंट्रो को लेकर मैं पिछले 5 साल से प्रक्रिया में लगा हुआ था।

मैंने प्राथमिक काम किया, आगे सरकार काम करेगी

मेयर एजाज ढेबर ने कहा कि, वर्तमान में मैंने जो MoU किया है। उसमें राज्य सरकार से अभी अनुमति लेने वाला कोई स्टेज नहीं था। जब रूस से टेक्निकल टीम यहां आएगी, तो हमें अनुमति की आवश्यकता होगी। मैं अच्छे से जानता हूं मेरा अधिकार क्षेत्र क्या है ?

इस काम के लिए हमें 100% सरकार की जरूरत पड़ेगी। बिना सरकार के कुछ काम नहीं हो पाएगा। जो प्राइमरी स्टेज है, उस स्टेज को मैंने किया है। दूसरे स्टेज में अब सरकार की जरूरत पड़ेगी। आने वाले दिनों में कानूनी तौर पर MoU किया जाएगा।

केन्द्रीय परिवहन मंत्री से की आधे घंटे मुलाकात

मेयर ने बताया कि, पिछले दिनों नागपुर में MoU को लेकर सेंट्रल ट्रासपोर्ट मिनिस्टर नितिन गड़करी से मैंने चर्चा की। करीब आधे घंटे उनसे बातचीत हुई। केंद्रीय मंत्री ने विदेश मंत्री से मिलने के लिए कहा है। मैं बहुत जल्द विदेश मंत्री के पास भी जाऊंगा। अपने इस पूरी बातों को उनके समक्ष प्रस्तुत करूंगा।

13 नवंबर को मास्को के ट्रांसपोर्टने कहा कि, विपक्ष के नेताओं ने मॉस्को दौरा और MoU को चुनावी स्टंट बताया। लेकिन रायपुर शहर में लाइट मेट्रो के मुद्दे को हम नहीं छोड़ेंगे। आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले हैं हमें विश्वास है कि, रायपुर निगम में हमारी सरकार बनेगी। जब तक शहर में लाइट मेट्रो नहीं चलेगी, तब तक काम करते रहेंगे। आज नहीं तो कल यह जरूर पूरा होगा।

शहर में जरूर चलेगी लाइट मेट्रो

मेयर ढेबर ने कहा कि, विपक्ष के नेताओं ने मॉस्को दौरा और MoU को चुनावी स्टंट बताया है। लेकिन रायपुर शहर में लाइट मेट्रो के मुद्दे को हम नहीं छोड़ेंगे। आने वाले दिनों में चुनाव होने वाले हैं। हमें विश्वास है कि रायपुर निगम में हमारी सरकार आएगी। जब तक रायपुर में लाइट मेट्रो नहीं चलेगी, तब तक काम करते रहेंगे। आज नहीं तो कल यह जरूर पूरा होगा।

मॉस्को सरकार ने 2 महीने पहले भेजा था लेटर

डिप्टी सीएम अरुण साव के भद्दे मजाक वाले बयान पर महापौर एजाज ढेबर ने कहा कि, मॉस्को की सरकार ने मुझे 2 महीने से लेटर भेजा। मेरे आने-जाने के लिए कॉर्पोरेट फ्लाइट की टिकट भेजी। मुझे राज्य अतिथि का दर्जा दिया गया।