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देश भर के शिशुरोग विशेषज्ञ का सम्मेलन राजधानी रायपुर में
रायपुर-      रायपुर में काफी समय के बाद देश भर के शिशु रोग विशेषज्ञ का सम्मेलन छत्तीसगढ़ एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के तत्वाधान में 30-31अगस्त व 1 सितंबर को होने जा रहा है। आयोजन के अध्यक्ष डॉ अनूप वर्मा ने बताया की आयोजन की शुरुआत 29 अगस्त को आयोजित तीन वर्कशॉप से होगी। जिसमें एक नवजात शिशु के पुनर्जीवन पर एक गंभीर पीड़ित बच्चों के उपचार पर वह एक पिक में सोनोग्राफी के उपयोग के बारे में होगी छत्तीसगढ़ अकादमी के प्रेसिडेंट डॉ किरण मखीजा ने बताया कि प्रत्येक वर्कशॉप में 50 शिशु रोग विशेषज्ञ को ट्रेनिंग दी जाएगी इसमें सभी से नई तकनीक व इलाज की जानकारी साझा की जाएगी जिससे बच्चों के उपचार में मदद मिल सके। 30 अगस्त से सम्मेलन की शुरुआत होगी जो की 1 सितंबर तक चलेगा इसमें देश भर से इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक से जुड़े हुए करीब 400 बच्चों के चिकित्सक सम्मिलित होंगे देश व प्रदेश के 100 से ज्यादा गण मान्य शिशु रोग विशेषज्ञ बच्चों के रोगों से संबंधित अलग-अलग विषय पर अपना प्रेजेंटेशन देंगे जिससे प्रदेश में बाल चिकित्सा को और बेहतर बनाया जा सके। उप सम्मेलन में इंडियन एकेडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स के राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ बसवा राजा मुख्य अतिथि होंगे, साथ ही आगामी वर्ष के के अध्यक्ष डॉ वसंत खलतकर भी उपस्थित रहेंगे पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष डॉ .सी.पी. बंसल guest of honour के रूप में शामिल होंगे। अन्य कॉन्फ्रेंस की शोभा बढ़ाएंगे चिकित्सकों में डॉ पुखराज बाफना, उपसंचालक शिशु स्वास्थ्य डॉ बी भगत, छत्तीसगढ़ अकादमी के सेक्रेटरी डॉक्टर अरुण अग्रवाल, छत्तीसगढ़ के सेंट्रल एग्जीक्यूटिव बोर्ड मेंबर डॉक्टर अशोक मेहता, डॉ के.पी. सरभाई, ऑर्गनाइजिंग चेयरमैन, डॉ राघवेंद्र सिंह, ऑर्गनाइजिंग सेक्रेटरी,डॉ प्राकुर पांडेय अध्यक्ष, डॉ शिल्पा भार्गव सचिव रायपुर अकैडमी ऑफ़ पीडियाट्रिक्स रायपुर, का सक्रिय योगदान पूरे सम्मेलन मे रहेगा।
उपमुख्यमंत्री अरुण साव ने नई दिल्ली में पूर्व क्रिकेटर कपिल देव से की मुलाकात, छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर हुई चर्चा
रायपुर-   उप मुख्यमंत्री अरुण साव ने आज राष्ट्रीय खेल दिवस पर भारत को पहला वन-डे क्रिकेट वर्ल्ड कप दिलाने वाले कप्तान और पूर्व क्रिकेटर कप्तान तथा प्रोफेशनल गोल्फ टूर ऑफ इंडिया के अध्यक्ष कपिल देव से सौजन्य मुलाकात की। नई दिल्ली के छत्तीसगढ़ सदन में हुई मुलाकात के दौरान दोनों के बीच छत्तीसगढ़ में खेल गतिविधियों को बढ़ावा देने पर चर्चा हुई।

उप मुख्यमंत्री अरुण साव इन दिनों नई दिल्ली के प्रवास पर हैं। उन्होंने विगत 27 अगस्त को नई दिल्ली के द्वारका स्थित राज्य के ट्राइबल यूथ हॉस्टल का निरीक्षण कर वहां रहकर प्रतियोगी परीक्षाओं की तैयारी कर रहे युवाओं से मुलाकात की थी। श्री साव ने इस दौरान उनसे चर्चा कर उनकी पढ़ाई-लिखाई और हॉस्टल में मिल रही सुविधाओं की जानकारी ली थी। उन्होंने नई दिल्ली में छत्तीसगढ़ निवास का दौरा कर वहां की व्यवस्थाओं का भी जायजा लिया था। उप मुख्यमंत्री श्री साव अपने नई दिल्ली प्रवास के दौरान अधिकारियों के साथ बैठक कर राज्य से जुड़े विषयों पर लगातार चर्चा कर रहे हैं।

बेंगलुरु में पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संबंधित राष्ट्रीय उत्सव Prawas 4.0 का हुआ शुभारंभ, छत्तीसगढ़ की ट्रैवेल्स कंपनियों के प्रतिनिधि भी हुए शामिल
बेंगलुरु-   कर्नाटक की राजधानी बेंगलुरु में बुधवार 28 अगस्त को बस एंड कार ऑपरेटर्स कांफ्रेंडरेशन ऑफ इंडिया (BOCI) द्वारा आयोजित पब्लिक ट्रांसपोर्ट से संबंधित राष्ट्रीय उत्सव Prawas 4.0 का शुभारंभ हुआ । इस आयोजन में छत्तीसगढ़ समेत पूरे भारत से बस मालिक और बस व्यापार से जुड़े व्यापारी शामिल हुए और उन्होंने अपने व्यापार से संबंधित अत्याधुनिक जानकारी साझा की। बस ओनर्स फेडरेशन ऑफ छत्तीसगढ़ यूनियन के महासचिव भावेश दुबे ने बताया कि छत्तीसगढ़ से कांकेर रोडवेज, महेंद्र ट्रेवल्स, दुबे ट्रेवल्स, पायल ट्रेवल्स, रायपुर बस सर्विस, नविन ट्रांसपोर्ट, राजधानी ट्रांसपोर्ट, झूलेलाल बस ट्रांसपोर्ट, दादा ट्रांसपोर्ट, और रिलायंस ट्रेवल्स के प्रतिनिधि भी इस कार्यक्रम में शामिल हुए। उन्होंने बताया कि 28 अगस्त से शुरू हुआ यह कार्यक्रम 30 अगस्त तक चलेगा।
जिला बालोद में देवांगन समाज के नव निर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में शामिल हुए मंत्री लखनलाल देवांगन
रायपुर-    प्रदेश के वाणिज्य, उद्योग एवं श्रम मंत्री लखनलाल देवांगन ने कहा है कि छत्तीसगढ़ के विकास में अन्य समाज की भांति देवांगन समाज भी प्रमुख भूमिका निभा रहा है। देवांगन समाज व्यापार-व्यवसाय में आगे आकर प्रदेश के विकास में सहभागी बन रहा है। बालोद स्थित टाऊन हॉल में जिला देवांगन समाज के नवनिर्वाचित पदाधिकारियों के शपथ ग्रहण समारोह में मुख्य अतिथि के रूप में कैबिनेट मंत्री श्री देवांगन शामिल हुए। मंत्री श्री देवांगन के आगमन पर समाज के पदाधिकारियों ने गर्म जोशी के साथ स्वागत किया। तत्पश्चात माता परमेश्वरी की पूजा अर्चना कर मंत्री श्री देवांगन ने जय देवांगन-जय महाजन का उद्घोष किया।
मंत्री श्री देवांगन ने सभी नवनिर्वाचित पदाधिकारियों को पद की शपथ दिलाई। उन्होंने सभी को बधाई और शुभकामनाएं दी, उन्होंने अपने उद्बोधन में कहा की आप समाज के प्रमुख है, मंत्री श्री देवांगन ने समाज को पूरे प्रदेश में एकजुट करने का संदेश दिया। साथ ही कहा कि हम सभी अलग अलग जगहों पर काम करते हैं। समाज को और भी बेहतर दिशा देते काम करें। समाज को प्रगतिपथ से प्रगतिशील बनाने के लिए प्रयास करें।
कार्यक्रम के दौरान देवांगन समाज के जिला बालोद के अध्यक्ष केदार देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा कि ये समूचे देवांगन समाज की गर्व की बात है कि पहली बार हमारे समाज से लखन लाल देवांगन को मुख्यमंत्री ने मंत्रीमंडल में प्रमुख दायित्व दिया है, इसके लिए उन्होंने मुख्यमंत्री का आभार व्यक्त किया। समाज के अध्यक्ष दीपक देवांगन ने अपने उद्बोधन में कहा कि आज सभी हम पदाधिकारियों ने शपथ ली है उसके अनुरूप कार्य करेंगे। समाज की संस्कृति को आगे बढ़ाने के साथ साथ समाज को नई दिशा देने का प्रयास करेंगे।
इस अवसर पर जिला अध्यक्ष पवन साहू, राष्ट्रीय बाल संरक्षण आयोग के पूर्व सदस्य यशवंत जैन, देवांगन नगर पालिका परिषद के पूर्व अध्यक्ष राकेश यादव, देवांगन कल्याण समाज के प्रदेश अध्यक्ष प्रदीप देवांगन पोषणलाल देवांगन, वेदलाल देवांगन, युवा प्रकोष्ठ के प्रदेश अध्यक्ष मनोहरलाल देवांगन समेत अधिक संख्या में समाज के गणमान्य नागरिक उपस्थित रहे।
मुख्यमंत्री के मार्गदर्शन में राज्य में पहली बार वृहद स्तर पर शुरू हुआ महुआ पेड़ों का संरक्षण, मनेंद्रगढ़ वनमण्डल में शुरू हुआ “महुआ बचाओ अभियान”

रायपुर-     बस्तर और सरगुजा क्षेत्र में आदिवासी अंचल के लिए महुआ का पेड़ विशेष महत्व है। महुआ के मौसम में गाँव की गलियाँ खाली होती है। सभी ग्रामीण महुआ के फूल बीनने में व्यस्त रहते हैं। महुआ का पेड़ प्रकृति का बहुमूल्य उपहार है। भारत में इसे कल्पवृक्ष के नाम से भी जाना जाता है। यह पेड़ आदिवासियों के लिए आर्थिक, धार्मिक और सामाजिक रूप से महत्व रखता है। महुआ का पेड़ भारत के उत्तर, दक्षिण और मध्य के 13 राज्यो में पाया जाता है। महुआ के फूल, फल, बीज, छाल और पत्ती सभी उपयोगी हैं। यह आदिवासियों की आय का एक प्रमुख स्त्रोत है। पिछले कुछ समय से महुआ के उत्पादन में गिरावट आयी है और महुआ के नए पेड़ नहीं उग रहे हैं। जिस कारण महुआ पेड़ों की संख्या घट रही है।

पुनरुत्पादन न होने से घटी महुआ पेड़ों की संख्या

महुआ पेड़ो की घटती संख्या चिंता का विषय है। सबसे बड़ी समस्या इनके पुनरुत्पादन की है। जंगल में तो महुआ पर्याप्त है पर आदिवासियो के द्वारा अधिकतर महुआ का संग्रहण गांव की ख़ाली पड़ी ज़मीन और खेत की मेड़ो पर लगे महुआ से होती है। अगर आप बस्तर और सरगुज़ा के किसी गाँव में जाएं तो उनके खेतों के पार और ख़ाली ज़मीन में सिर्फ़ बड़े महुआ के पेड़ ही बचे दिखते हैं। छोटे और मध्यम आयु के पेड़ों की संख्या लगभग नगण्य होती है। ग्रामीणों के द्वारा महुआ संग्रहण से पहले ज़मीन साफ़ करने हेतु आग लगाई जाती है इस कारण महुआ के पौधे जीवित नहीं रह पाते। ग्रामीण महुआ के सभी बीज संग्रहीत कर लेते हैं। महुआ पेड़ की औसत आयु 60 वर्ष है। अगर जंगल के बाहर इनके पुनरुत्पादन पर ध्यान नहीं दिया गया तो ये जल्द ही ख़त्म हो जाएँगे। इन्हीं चिंताओं को ध्यान में रखते हुए राज्य में पहली बार बड़े स्तर पर महुआ बचाओ अभियान की शुरुआत की गई है।

प्रधानमंत्री मोदी एवं सीएम विष्णुदेव साय की मुहीम लाई रंग

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी द्वारा शुरू किये गए विशेष अभियान “एक पेड़ मां के नाम” ने राज्य में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में पौधारोपण एवं पर्यावरण संरक्षण की अलख जगा दी है। यह अभियान छत्तीसगढ़ राज्य में एक जन आंदोलन का रूप ले चुका है। इसी क्रम में वन मंडल मनेन्द्रगढ़ में वृहद स्तर पर महुआ बचाओ अभियान की शुरुआत की है। राज्य में पहली बार बड़े स्तर पर महुआ पेड़ों की संख्या को बढ़ाने एवं संरक्षण की कवायद शुरू की गई है।

विधायक रेणुका सिंह के मुख्य आतिथ्य में आयोजित हुआ महुआ बचाओ अभियान कार्यक्रम

महुआ बचाओ अभियान एवं वन महोत्सव वर्ष 2024 के अंतर्गत ग्राम-कछौड़ तुर्रा रोड पर भारत भवन के पास सफल कार्यक्रम का आयोजन किया गया। भरतपुर-सोनहत विधायक एवं पूर्व केंद्रीय मंत्री रेणुका सिंह कार्यक्रम में मुख्य अतिथि के रूप में उपस्थित हुईं। कार्यक्रम के दौरान क्षेत्रवासी महुआ वृक्षों के बारे में जागरूक हुए एवं महुआ के नए पौधों को लगाने एवं उनकी देखभाल करने के लिए प्रेरित हुए।

30,000 से अधिक महुआ पौधे लगाए जा चुके हैं

मनेन्द्रगढ़ वन क्षेत्र में गांव के बाहर खाली पड़ी जमीन और खेतों में महुआ के पौधे लगाए जा रहे हैं। जिनकी सुरक्षा ट्री गार्ड द्वारा की जा रही है। इस अभियान के अंतर्गत अभी तक 30,000 महुआ के पौधे लगाए जा चुके हैं। पौधों को लगाए जाने के साथ ही पौधे की सुरक्षा के लिए ग्रामीणों को ट्री गार्ड भी प्रदान किये जा रहा है। महुआ के पौधे लगने से ग्रामीणों में जबरदस्त उत्साह है। ग्रामीण आगे आकर महुआ पौधरोपण में अपना योगदान दे रहे हैं।

सीएम साय ने शहीद वीर नारायण सिंह संग्रहालय का किया निरीक्षण, 45 करोड़ की लागत से बन रहा म्यूजियम

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने आज नवा रायपुर में आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के समीप बन रहे ‘शहीद वीर नारायण सिंह आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानी संग्रहालय‘ का निरीक्षण किया। छत्तीसगढ़ के आदिवासी वीर स्वतंत्रता सेनानियों को समर्पित इस संग्रहालय का निर्माण 45 करोड़ रूपए की लागत से लगभग 10 एकड़ भूमि पर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री के साथ आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम भी कार्य की प्रगति देखने पहुंचे। मुख्यमंत्री श्री साय ने संग्रहालय में मूर्तियों, अन्य कलाकृतियों तथा विभिन्न मॉडलों का अवलोकन किया। उन्होंने मूर्तियों का निर्माण कर रहे शिल्पकारों से चर्चा कर उनकी कला के बारे में जानकारी ली।

मुख्यमंत्री श्री साय ने इस अवसर पर कहा कि ट्रायबल म्युजियम छत्तीसगढ़ के जनजातीय गौरव का एक प्रमुख केन्द्र बनेगा। छत्तीसगढ़ के आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों के देश प्रेम की भावना, उनके शौर्य पराक्रम और बलिदानों पर केन्द्रित यह संग्रहालय छत्तीसगढ़ की गौरवशाली विरासत को सहेजने का अनुपम प्रयास है। उन्होंने विभागीय अधिकारियों तथा निर्माण एजेंसी के प्रतिनिधियों को संग्रहालय के कार्यों को गुणवत्ता के साथ निर्धारित समय-सीमा में पूर्ण करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री ने कहा कि संग्रहालय के माध्यम से हमारी युवा पीढ़ी और आने वाली पीढ़ियों को अपने इतिहास को जानने का मौका मिलेगा। यह संग्रहालय आदिवासी संस्कृति और सभ्यता को जानने मे रूचि रखने वाले लोगों के लिए भी आकर्षण का केन्द्र होगा। यहां छत्तीसगढ़ के प्रथम स्वतंत्रता संग्राम सेनानी शहीद वीर नारायण सिंह सहित राज्य के सभी जनजातीय स्वतंत्रता सेनानियों को और अधिक करीब से जानने का मौका मिलेगा।

आदिम जाति तथा अनुसूचित जाति विकास विभाग के प्रमुख सचिव सोनमणि बोरा ने बताया कि इस संग्रहालय में 15 गैलरियां निर्मित की जारी हैं, जिसमें छत्तीसगढ़ के महत्वपूर्ण जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम की घटनाओं- हल्बा विद्रोह, सरगुजा विद्रोह, भोपाल-पट्टनम विद्रोह, परलकोट विद्रोह, लिंगागिरी विद्रोह, कोई विद्रोह, मेरिया विद्रोह, मुरिया विद्रोह, रानी-चो-रिस विद्रोह, भूमकाल विद्रोह, सोनाखान विद्रोह, झण्डा सत्याग्रह, जंगल सत्याग्रह आदि को जीवंत मॉडलों के माध्यम से प्रदर्शित किया जाएगा। संग्रहालय में छत्तीसगढ़ राज्य में रहने वाली जनजातीयों की जीवनशैली, पहनावें, आभूषण, संगीत, वाद्ययंत्र, आखेट में उपयोग किए जाने वाले हथियारों सहित दैनिक जनजीवन में उपयोग की जाने वाली वस्तुओं को उनके वास्तविक परिवेश में प्रदर्शित किया जाएगा।

इस अवसर पर मुख्यमंत्री के सचिव राहुल भगत, आयुक्त आदिम जाति एवं अनुसूचित जाति विकास विभाग नरेन्द्र कुमार दुग्गा, आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान के संचालक पी.एस.एल्मा भी उपस्थित थे।

शहीद वीर नारायण सिंह स्मारक सह जनजातीय स्वतंत्रता सेनानी राज्य संग्रहालय में शहीद वीर नारायण सिंह की फाइबर प्रतिमा, उनका स्मारक, फांसी स्थल, एक छोटी झील और लैंडस्कैप का निर्माण किया जाएगा। संग्रहालय में वीर आदिवासी स्वतंत्रता संग्राम सेनानियों की मूर्तियां स्थापित की जाएगी। रिसेप्शन, सोविनियर शॉप, फूड कोर्ट, मल्टीमीडिया रूम, शौचालय, पार्किंग जैसी सुविधाएं विकसित की जाएंगी। परिसर की छत पर सोलर सिस्टम लगाया जाएगा तथा संग्रहालय के मुख्य प्रवेश द्वार को सुन्दर जनजातीय आर्ट वर्क से अलंकृत किया जाएगा। इस संग्रहालय में मूर्तियां और कलात्मक जनजातीय कलाकृतियां तैयार करने के लिए क्यूरेटर श्री प्रबल घोष के नेतृत्व में बड़ोदरा, कोलकाता, ओड़िसा, हैदराबाद, दिल्ली, झारखण्ड और बिहार से आये शिल्पकार काम कर रहे हैं। मुख्यमंत्री ने आदिम जाति अनुसंधान एवं प्रशिक्षण संस्थान में लाईब्रेरी, छत्तीसगढ़ के जनजातीय स्वतंत्रता संग्राम की महत्वपूर्ण घटनाओं के मॉडलों का अवलोकन भी किया। लाईब्रेरी के अवलोकन के दौरान आदिम जाति विकास मंत्री रामविचार नेताम ने छत्तीसगढ़ जनजातीय लोक वा़द्य संस्कृति पर केन्द्रित पुस्तक ‘आदि नाद‘ में छपे क्यूआर कोड को मोबाइल से स्कैन किया। स्कैन करने पर वाद्ययंत्र की धुन सुनाई देती है।

शासन की योजना से पशुपालकों के समृद्धि की राह हुई आसान, बकरीपालन कर कुलदीप बना लखपति

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय की मंशानुसार, गांव, गरीब और किसानों की आर्थिक समृद्धि सुनिश्चित करने के लिए शासन द्वारा अनेक योजनाएं संचालित की जा रही हैं। इन्हीं योजनाओं के तहत मुंगेली जिला के ग्राम सोढ़ार के पशुपालक कुलदीप सिंह ठाकुर ने पशुधन मिशन योजना का लाभ उठाते हुए अपनी समृद्धि की राह तय की।

कुलदीप, जो पहले सिर्फ खेती-किसानी कर अपना गुजारा कर रहे थे, को पशु चिकित्सा विभाग की योजना की जानकारी मिली। उन्होंने योजना के तहत अनुदान प्राप्त कर 10 देशी बकरी और 1 बीटल बकरा खरीदा और बकरीपालन का कार्य शुरू किया। आज उनके पास 50 बकरी और 10 उन्नत नस्ल की बकरियां हैं, जिनमें बीटल, बारबेरी, जमुनापारी, तोताफरी, और ब्लैक बेंगाल जैसी नस्लें शामिल हैं।

किसान कुलदीप ने बताया कि डेयरी में बकरी से 10 लीटर दूध निकाला जाता है, जिसे 150 रूपए प्रतिलीटर की दर से बाजार में बेचकर वे प्रतिदिन 1500 रूपए कमा रहे हैं। उन्होंने बताया कि बकरियों को घर में हरी पत्ती, हरा बरसीम, चना, तिवरा, मसूर व अरहर का भूसा खिलाकर पाला जा सकता है, यह रबी के मौसम में आसानी से प्राप्त हो जाता है। कुलदीप ने बताया कि प्रतिवर्ष चारा के लिए लगभग 03 लाख रूपए खर्च होता है। वहीं लगभग 07 से 08 लाख रूपए की आमदनी हो जाती है। उन्होंने बताया कि बकरा के विक्रय के लिए बाजार में जाने की आवश्यकता नहीं होती। लोग यहीं से आकर बकरा खरीदते हैं।

उल्लेखनीय है कि कलेक्टर राहुल देव ने ग्राम सोढ़ार में आयोजित कार्यक्रम के दौरान किसान कुलदीप सिंह ठाकुर के डेयरी का अवलोकन किया था और उनकी इस प्रगति की सराहना की तथा उनका हौंसला बढ़ाते हुए व्यवसाय को आगे भी मदद देने की बात कही। किसान कुलदीप ने शासन की इस पहल एवं योजना की तारीफ की और खुशी व्यक्त करते हुए शासन-प्रशासन को धन्यवाद ज्ञापित किया। उन्होंने बताया कि शासन के विकसित और समृद्ध छत्तीसगढ़ के संकल्प का सीधा लाभ हम जैसे गांव, गरीब, आम किसानों को मिल रहा है।

32 करोड़ की लागत से कुनकुरी में बनेगा 220 बिस्तर अस्पताल भवन, मुख्यमंत्री की पहल पर मिली स्वीकृति राज्य सरकार ने जारी किया निविदा

रायपुर-    मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की पहल पर जशपुर जिला के कुनकुरी में प्रस्तावित 220 बिस्तर की क्षमता वाले अत्याधुनिक अस्पताल के भवन निर्माण के लिए राज्य सरकार ने निविदा जारी कर दिया है। इस अस्पताल के लिए राज्य सरकार ने 32 करोड़ 9 लाख रूपये की राशि स्वीकृत की है। उल्लेखनीय है राज्य में विष्णुदेव साय सरकार ने अपने बजट में कुनकुरी में 220 बिस्तर की क्षमता वाली अत्याधुनिक अस्पताल निर्माण की घोषणा की थी। इस बजट में अस्ताल भवन निर्माण के लिए आवश्यक राशि की स्वीकृति मुख्यमंत्री श्री साय ने दी है।

आदिवासी बाहुल्य जशपुर जिले के लिए इस अस्पताल को मील का पत्थर माना जा रहा है। सरकार की मंशा आगे चल कर, इसे मेडिकल कालेज के रूप में विकसित करने की है। जानकारी के लिए बता दें कि बीते वर्ष दिसंबर माह में राज्य की बागडोर सम्हालने के बाद मुख्यमंत्री विष्णु देव साय जशपुर सहित पूरे प्रदेश में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार और इसमें गुणात्मक सुधार के लिए लगातार कार्य कर रहें हैं। उन्होनें शपथ ग्रहण करने के तत्काल बाद प्रदेश में एंबुलेंस सेवा में सुधार के लिए जिम्मेदार अधिकारियोें को सख्त निर्देश दिये थे। इस परिपालन में जरूरतमंद मरीजों या परिजनों से काल प्राप्त होने के आधा घंटे के अंदर मरीज को एंबुलेंस सुविधा उपलब्ध कराने को कहा गया था। केबिनेट की पहली बैठक में मुख्यमंत्री ने प्रदेश के सभी सरकारी चिकित्सालयों में मरीजों के लिए सस्ती जेनरीक दवाओं को अनिवार्य रूप से उपलब्ध कराने का निर्देश स्वास्थ्य विभाग के अधिकारियों को दिये थे। बीते 8 माह के कार्यकाल के दौरान जशपुर जिले में स्वास्थ्य सेवा के विस्तार के लिए तेजी से काम हो रहा है।

कुनकुरी में 220 बिस्तर के अस्पताल के साथ ही मरीजों की सुविधा के लिए 25 अतिरिक्त एंबुलेंस और 1 शव वाहन की सुविधा उपलब्ध कराई गई है। 7 उप स्वास्थ्य केन्द्र को प्राथमिक स्वास्थ्य केन्द्र का दर्जा देते हुए, आवश्यक मानव संसाधन को स्वीकृति दी जा चुकी है। जिले में 19 एमबीबीएस चिकित्सक और 7 विशेषज्ञ चिकित्सकों की पदस्थापना कर, चिकित्सकों की कमी को दूर करने की दिशा में महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है। अस्पतालों में मशीनों की कमी को दूर करने के लिए 2 करोड़ 32 लाख की स्वीकृति राज्य सरकार ने दी है। इस राशि से कुनकुरी में डायलिसिस केन्द्र शुरू करने के साथ ही जशपुर, मनोरा, लोदाम, बगीचा के अस्पतालो में आवश्यक उपकरणों की खरीदी में किया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय की मंशा जशपुर जिले को स्वास्थ्य सेवा कर क्षेत्र में आत्म निर्भर बनाना है, ताकि मरीज और उनके स्वजनों को उपचार के लिए भटकना ना पड़े।

पहाड़ी कोरवा बिखनी बाई ने पूरे परिवार के साथ विधिवत पूजन कर खुशी-खुशी किया अपने पीएम आवास में गृहप्रवेश

रायपुर-    प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत विशेष पिछड़ी जनजाति वर्ग के लोगों को शासन की जनकल्याणकारी योजनाओं का सीधा लाभ मिल रहा है। इस योजना ने पीवीटीजी (विशेष पिछड़ी जनजाति) परिवारों के लिए सामाजिक और आर्थिक उत्थान का एक नया मार्ग प्रशस्त किया है। प्रधानमंत्री आवास योजना, आयुष्मान भारत, नलजल, शिक्षा, बिजली, कृषि, सड़क, और आधार पंजीयन जैसी योजनाओं के माध्यम से न केवल समाज के पिछड़े वर्गों को मुख्यधारा से जोड़ने में सहायक हैं, बल्कि उनके जीवन स्तर को भी सुधारने में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रही हैं।

सरगुजा जिले के जनपद पंचायत सीतापुर के ग्राम पंचायत पेटला की बिखनी बाई प्रधानमंत्री आवास योजना से लाभान्वित होने वालों में से एक हैं। हाल ही में उन्होंने पूरे परिवार के साथ हरेली त्योहार के दिन अपने नए सपनों के सुंदर आशियाने पक्के घर में विधिवत पूजा-अर्चना कर गृहप्रवेश किया। बिखनी बाई ने बताया कि पहले हमारा कच्चा घर था, जिसमें बारिश के दिनों में पानी टपकता था और कीड़े-मकोड़े की समस्याएं भी थीं। हम ऐसे सुंदर-स्वच्छ घर का सिर्फ सपना ही देख सकते थे। लेकिन प्रधानमंत्री जनमन योजना के तहत हमें प्रधानमंत्री आवास की स्वीकृति मिली और अब हमारा यह सुंदर और स्वच्छ घर बनकर तैयार हो गया है। बिखनी बाई ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और प्रदेश के मुख्यमंत्री विष्णदेव साय को धन्यवाद देते हुए कहा कि उनके प्रयासों से उनका परिवार अब पक्के घर में रहने के लिए उत्साहित है और उनका जीवन पहले से बेहतर हो गया है।

प्राप्त जानकारी के अनुसार, सरगुजा जिले में विशेष पिछड़ी जनजाति पहाड़ी कोरवा परिवारों के लिए 2084 आवास स्वीकृत किए गए हैं। इनमें से 1469 हितग्राहियों को प्रथम किस्त, 804 को द्वितीय किस्त, 387 को तृतीय किस्त, और 17 को चतुर्थ किस्त की राशि प्रदान की जा चुकी है। वहीं जिले में 30 परिवारों के आवास पूरी तरह से बनकर तैयार हो चुके हैं।

27वें ऑल इंडिया फारेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 की चयन प्रतियोगिता का भव्य शुभारंभ

रायपुर-     27वीं अखिल भारतीय वन खेलकूद प्रतियोगिता अंतर्गत छत्तीसगढ़ राज्य स्तरीय चयन प्रतियोगिता का शुभारंभ आज व्ही. श्रीनिवास राव, प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा स्थानीय कोटा स्टेडियम में किया गया। पूरे प्रदेश के 6 वन वृत्तों से आये लगभग 500 खिलाड़ियों को वन बल प्रमुख द्वारा शपथ दिलायी गयी। वन वृत्त बिलासपुर, दुर्ग, जगदलपुर, कांकेर, सरगुजा, रायपुर से आये खिलाड़ियों ने उत्साहपूर्वक भाग लिया।

समस्त खिलाड़ियों द्वारा मार्च पास्ट का उत्कृष्ट प्रदर्शन किया गया। राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता का आयोजन 16 से 20 अक्टूबर 2024 को रायपुर में होना सुनिश्चित है जो छत्तीसगढ़ के लिए गौरव का विषय है। उक्त राष्ट्रीय प्रतियोगिता में विविध खेलों हेतु राज्य स्तरीय टीम का चयन दिनांक 29 से 31 अगस्त 2024 के मध्य प्रतियोगिताएं आयोजित कर किया जा रहा है।

श्रीनिवास राव ने अपने संबोधन में बताया कि यह आयोजन महान हॉकी खिलाड़ी मेजर ध्यानचंद की जयंती राष्ट्रीय खेल दिवस के अवसर पर आयोजित किया गया है, जो हम सभी के लिए गर्व का विषय है। उन्होंने छत्तीसगढ़ को 27वें ऑल इंडिया फारेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 की मेजबानी का अवसर दिए जाने पर वन मंत्रालय भारत सरकार का आभार व्यक्त किया एवं छत्तीसगढ़ राज्य के वन मंत्री केदार कश्यप के निर्देशन में 27वें ऑल इंडिया फारेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 को सफल बनाने का संकल्प लिया। उन्होंने खिलाड़ियों को प्रोत्साहित करते हुए कहा कि वे कठिन परिश्रम कर अपने खेल कौशल को निखारें और 27वें ऑल इंडिया फारेस्ट स्पोर्ट्स मीट में राज्य का नाम रोशन करें।

चयन टूर्नामेंट के दौरान अगले दो दिनों में विभिन्न खेल स्पर्धाओं में खिलाड़ियों के बीच कड़ा मुकाबला होगा, जिसमें सफल खिलाड़ी 27वें ऑल इंडिया फारेस्ट स्पोर्ट्स मीट 2024 में राज्य का प्रतिनिधित्व करेंगे।

उल्लेखनीय है कि छत्तीसगढ़ वन विभाग की टीम गत वर्ष पंचकूला, हरियाणा में आयोजित राष्ट्रीय वन खेलकूद प्रतियोगिता की चौम्पियन टीम रही है। राज्य स्तरीय चयन प्रतियोगिता में अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक अरूण पाण्डेय, सुनील मिश्रा, संजीता गुप्ता, ओ.पी. यादव, नोडल अधिकारी शालिनी रैना, राजू अगासीमनी मुख्य वन संरक्षक रायपुर, विश्वेश कुमार, मुख्य वन संरक्षक वन्यप्राणी अन्य वन वृत्तों एवं अरण्य भवन से आये वरिष्ठ अधिकारी, प्रदेश के समस्त वन वृत्तों से आये वन विभाग के उत्कृष्ट खिलाड़ी, रेफरी एवं कोच उपस्थित रहें।