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मनरेगा से पशु आश्रय पाकर दीपक हुआ खुशहाल, दुग्ध उत्पादन बना अतिरिक्त आय का जरिया

रायपुर-    महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना के तहत् पंजीकृत श्रमिकों को न केवल रोजगार उपलब्ध कराए जा रहे हैं, बल्कि आजीविका के नए-नए साधन एवं सुविधाएं भी उपलब्ध कराए जा रहे हैं। बैकुंठपुर जिला के ग्राम पंचायत पटना के निवासी श्री दीपक और उनका परिवार मनरेगा में पंजीकृत है। जहां एक ओर वो मनरेगा से श्रमिक का काम करते हैं वहीं दूसरी ओर उनका रुझान गौपालन की तरफ भी था। उनके पास दो दुधारू गाय हैं, जिसके रखने के लिए उनके पास पक्का शेड नहीं था, जिसके कारण उन्हें मुश्किलों का सामना करना पड़ता था। जब उन्हें पता चला कि मनरेगा के तहत् पशुओं को रखने के लिए पक्का शेड निर्माण करके दिया जाता है तब उन्होंने ग्राम पंचायत को आवेदन दिया। ग्राम सभा के प्रस्ताव के आधार पर स्वीकृत कर ग्राम पंचायत को एजेंसी बनाया गया। इसके लिए एक लाख पच्चीस हजार रुपए की राशि खर्च कर गत वर्ष इनका कार्य पूर्ण कराया गया। इस निर्माण कार्य में श्रमिक के रूप में कार्य करके भी श्री दीपक को चार हजार रुपए की अतिरिक्त आय मनरेगा पारिश्रमिक के रूप में भी प्राप्त हुआ।

पक्का पशु आश्रय बन जाने से अब उन्हें गौपालन में आसानी हुई है, उनके घर प्रतिदिन सात लीटर से अधिक दुग्ध का उत्पादन हो रहा है। वह दुग्ध का व्यवसाय प्रारंभ किया है, जिससे उनके परिवार को लगभग आठ से दस हजार रूपए प्रतिमाह की अतिरिक्त आमदनी हो रही है। मनरेगा के हितग्राही श्री दीपक और उनका परिवार अब बेहतर जीवन यापन की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं।

गौरतलब है कि मनरेगा (महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी अधिनियम) के तहत पक्का पशु आश्रय बनने से ग्रामीण इलाकों में लोगों को कई तरह के लाभ हो रहे हैं। पक्का पशु आश्रय बनने से पशुओं को सुरक्षित स्थान मिलता है, जहां वे मौसम की मार से बचे रहते हैं। इससे पशुओं की मृत्यु दर में कमी आती है और उनकी सेहत में सुधार होता है। पशुओं की सेहत में सुधार होने से दूध उत्पादन में वृद्धि होती है, जिससे ग्रामीणों की आमदनी बढ़ती है। इसके अलावा, स्वस्थ पशु बेहतर खेती के लिए उपयोगी होते हैं, जो ग्रामीण अर्थव्यवस्था को सुदृढ़ बनाता है। मनरेगा के तहत इन आश्रय स्थलों के निर्माण के दौरान ग्रामीणों को रोजगार मिलता है, जिससे उनकी आय में वृद्धि होती है। यह ग्रामीण विकास को प्रोत्साहित करता है और गरीबी कम करने में मदद करता है। पशु आश्रय के निर्माण से ग्रामीण समुदायों में सहयोग और आपसी समझ बढ़ती है। यह कार्य समुदायों को एकजुट करता है और सामाजिक एकता को बढ़ावा देता है। इस प्रकार, मनरेगा के तहत पक्का पशु आश्रय बनने से ग्रामीण इलाकों में लोगों को आर्थिक, सामाजिक और सुरक्षा से जुड़े कई लाभ मिल रहा है।

मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से भावेश बना मेडिकल स्टोर का मालिक, अब हर माह 25 हजार से अधिक की हो रही है आय

रायपुर-   मुख्यमंत्री स्वरोजगार योजना से लाभ पाकर गरियाबंद जिला के ग्राम लोहरसी निवासी भावेश तिवारी अब खुद के मेडिकल स्टोर के मालिक बन गए हैं। मेडिकल स्टोर से उन्हें 20 से 25 हजार रुपए प्रतिमाह का मुनाफा हो रहा है, जिससे वे बहुत खुश हैं तथा मुख्यमंत्री विष्णु देव साय का हृदय से आभार मान रहा है।

भावेश तिवारी ने बताया कि वे डिप्लोमा इन फार्मेसी करने के बाद शासकीय सेवा की तैयारी कर रहा था। लेकिन किसी कारणवश उनका शासकीय सेवा में चयन नहीं हो पाया। साथ ही उनके पास आय का कोई अन्य साधन भी नहीं होने के कारण उन्होंने स्वयं का मेडिकल स्टोर्स स्थापित करने के बारे में सोचा। मेडिकल स्टोर के लिए उनके पास पर्याप्त पूंजी नही था, जिससे वे मेडिकल स्टोर्स स्थापित नहीं कर सका। फिर किसी ने भावेश को बताया कि मेडिकल स्टोर्स शुरू करने में दिक्कत हो रही है तो वे जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र से संपर्क कर जानकारी लें। उन्होंने एक दिन जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र कार्यालय गरियाबंद पहुंचकर अधिकारियों से सम्पर्क किया। वहां के अधिकारियों ने उन्हें स्वरोजगार योजना के बारे में विस्तारपूर्वक से जानकारी प्रदान की। साथ ही उन्हें इस योजना के लिए आवेदन करने प्रेरित किया। उन्होंने निर्धारित प्रारूप में जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र में आवेदन प्रस्तुत किया। उनके आवेदन को बारिकी से परीक्षण करने के पश्चात यूनियन बैंक फिंगेश्वर प्रेषित किया गया, जिसे बैंक द्वारा 12 दिसम्बर 2023 को एक लाख 80 हजार रूपये का उन्हें ऋण वितरण किया गया। साथ ही विभाग द्वारा 20 हजार रूपये का अनुदान प्रदान किया गया। भावेश तिवारी ने फिंगेश्वर विकासखंड के ग्राम बेलर में स्वयं का मेडिकल स्टोर्स स्थापित किया, जिससे उन्हें रोजगार तो मिला ही साथ एक अन्य व्यक्ति को भी रोजगार दे रहा है। उन्होंने बताया कि मेडिकल स्टोर्स से उन्हें प्रतिमाह 25 हजार रूपये का शुद्ध आय प्राप्त कर रहा है, जिससे वे अपने परिवार का अच्छे से भरण पोषण कर रहा है। भावेश तिवारी ने जिला व्यापार एवं उद्योग केन्द्र एवं राज्य शासन का आभार व्यक्त करते हुए कहा कि शासन द्वारा चलाए जा रहे स्वरोजगार योजना हमारे जैसे अन्य युवाओं के लिए वरदान साबित हो रहा है।

मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के हाथों राज्य खेल अलंकरण समारोह में सम्मानित हुए 502 प्रतिभावान खिलाड़ी

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राष्ट्रीय खेल दिवस के पर ओलंपिक खेलों में स्वर्ण पदक जीतने वाले छत्तीसगढ़ के खिलाड़ियों को तीन करोड़ रुपए, रजत पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को दो करोड़ रुपए और कांस्य पदक जीतने वाले खिलाड़ियों को एक करोड़ रुपए की पुरस्कार राशि देने की घोषणा की। उन्होंने पंडित दीनदयाल उपाध्याय ऑडिटोरियम में आयोजित राज्य खेल अलंकरण समारोह में विभिन्न खेल विधाओं के 502 प्रतिभावान खिलाड़ियों को पुरस्कृत किया और उन्हें 01 करोड़ 36 लाख रूपए वितरित की। इस मौके पर मुख्यमंत्री श्री साय ने मुख्यमंत्री ने शहीदों के परिजनों को शॉल, श्रीफल भेंट कर भी सम्मानित किया। कार्यक्रम की अध्यक्षता विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने की।

मुख्यमंत्री श्री साय ने कार्यक्रम को संबोधित करते हुए कहा कि खेलों के क्षेत्र में सर्वाेच्च सम्मान होने के बावजूद भी इस बात की पीड़ा है कि पिछले पांच सालों में राज्य में राज्य खेल अलंकरण समारोह का आयोजन नहीं हुआ। खिलाड़ियों की पीड़ा महसूस कर और राज्य खेल अलंकरण समारोह पुनः आयोजित करने का निर्णय लिया गया। पहला अलंकरण समारोह इसी साल 14 मार्च को आयोजित किया गया। खेल दिवस के मौके पर आज पुनः खिलाड़ियों को खेल अलंकरण से सम्मानित किया जा रहा है।

मुख्यमंत्री ने कहा कि हाल ही में पेरिस ओलंपिक में नीरज चोपड़ा, मनु भाकर, सरबजोत सिंह, स्वप्निल कुसाले, अमन सेहरावत जैसे खिलाड़ियों ने पदक जीत कर भारत माता का यश बढ़ाया। छत्तीसगढ़ में भी खेल प्रतिभाओं को आगे ले जाने के लिए प्रतिबद्ध हैं। आगामी दिनों में अच्छी अधोसंरचना तथा प्रशिक्षण के माध्यम से खेल प्रतिभाओं को निखारेंगे ताकि हमारे खिलाड़ी अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर और भी बढ़िया खेल कर अपनी प्रतिभा का झण्डा दुनिया में बुलन्द कर सकें।

श्री साय ने कहा कि जशपुर तथा रायगढ़ में 105 करोड़ की लागत से इंटीग्रेटेड स्पोर्ट्स कॉम्पलेक्स के साथ ही नवा रायपुर में 62 करोड़ रूपए की लागत से मल्टीपर्पस इंडोर स्टेडियम तथा सिंथेटिक फुटबॉल मैदान विथ रनिंग ट्रैक बनाया जा रहा हैं। राज्य बनने के बाद पहली बार आवासीय हॉकी अकादमी रायपुर में इसी साल के अगस्त महीने में प्रारंभ हुई है। सितम्बर महीने से बालिकाओं के लिए आवासीय फुटबाल अकादमी शुरू हो जाएगी। इसके साथ ही एथलेटिक अकादमी, कबड्डी अकादमी तथा तीरंदाजी अकादमी का भी संचालन कर रहे हैं। रायपुर में लक्ष्मी बाई राष्ट्रीय शारीरिक शिक्षा संस्थान का ऑफ सेंटर भी शुरू किया जाएगा, जो खेलों के क्षेत्र में प्रदेश की बड़ी उपलब्धि होगी। आप सभी पूरी मेहनत के साथ अपनी खेल प्रतिभा को निखारने में जुटे रहे तथा राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर छत्तीसगढ़ का नाम रौशन करें।

छ.ग. विधानसभा अध्यक्ष डॉ रमन सिंह ने कहा कि युवा खिलाड़ियों ने इस सम्मान के लिए बहुत संघर्ष किया है। पूर्ववर्ती सरकार द्वारा इस सम्मान का आयोजन रोक दिया गया था। हमारी सरकार द्वारा पुनः इस खेल अलंकरण सम्मान को शुरू किया गया है। उन्होंने कहा कि हमारी सरकार राज्य में खेल गतिविधि को बढ़ावा देने एवं खिलाड़ियों को हर संभव मदद देने के लिए प्रतिबद्ध है।

केन्द्रीय आवास एवं शहरी विकास राज्य मंत्री ने कहा कि केन्द्रीय खेल मंत्री मनसुख मांडविया ने खेलो इंडिया के नये परिसरों के संबंध में तथा खेल अधोसंरचना को बढ़ावा देने में सहमति व्यक्त की है। प्रदेश में खेलों को बढ़ावा देने के लिए छत्तीसगढ़ में ‘‘क्रीड़ा प्रोत्साहन योजना‘‘ आरंभ करने का निर्णय लिया गया है। इस योजना से खेल मैदानों के उन्नयन के साथ ही खिलाड़ियों के लिए उच्च स्तरीय खेल उपकरणों की व्यवस्था, खेल प्रतिभाओं की खोज, खेल क्लबों को आर्थिक सहायता तथा पारंपरिक खेल प्रतियोगिताओं का आयोजन करेंगे। खेलो इंडिया योजना के अंतर्गत रायपुर और बिलासपुर में मल्टीपर्पस हॉल तथा बलौदाबाजार में सिंथेटिक एथलेटिक ट्रैक का निर्माण कराया गया है।

खेल एवं युवा कल्याण मंत्री टंक राम वर्मा ने कहा कि राज्य में खेल और खिलाड़ियों के लिए अनुकूल वातावरण बनाया जा रहा है। सरकार ने एक ही वर्ष में प्रतिभावान खिलाड़ियों को सम्मानित और अलंकृत करने खेल अलंकरण समारोह का दो बार आयोजन किया है। खेल अधोसंरचना का निर्माण, आवासीय खेल अकादमी और खेलों इंडिया सेन्टर की स्थापना से राज्य में खेल और खिलाड़ियों को बेहतर अवसर मिल सकेगा। खेल प्रशिक्षकों की नियुक्ति के साथ-साथ खेल विभाग में रिक्त पदों की भर्ती की जाएगी। कार्यक्रम को सांसद बृजमोहन अग्रवाल ने भी सम्बोधित किया।

ज्ञातव्य है कि वर्ष 2021-22 के लिए शहीद राजीव पाण्डे पुरस्कार के लिए 06, शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए 06, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार के लिए 02, शहीद पंकज विक्रम सम्मान 11, शहीद विनोद चौबे सम्मान के लिए 05 एवं मुख्यमंत्री ट्राफी के लिए 11 खिलाड़ियों को सम्मानित किया गया। इसी तरह वर्ष 2022-23 हेतु शहीद राजीव पांडेय पुरस्कार के लिए 04, शहीद कौशल यादव पुरस्कार के लिए 07, वीर हनुमान सिंह पुरस्कार के लिए 01, शहीद पंकज विक्रम सम्मान 15, शहीद विनोद चौबे सम्मान के लिए 05 एवं मुख्यमंत्री ट्राफी के लिए 24 चयनित खिलाड़ियों को ट्राफी देकर सम्मानित किया गया। पुरस्कार वर्ष 2021-22 एवं 2022-23 के लिए 97 पुरस्कारग्राही खिलाड़ियों को 76 लाख रुपए की पुरस्कार राशि, पदक विजेता 502 खिलाड़ियों के बैंक खाते में गए 60.33 लाख रूपए तथा खिलाड़ियों को मिला 01 करोड़ 36 लाख 33 हजार रूपए की राशि प्रदान की गई।

कार्यक्रम में उद्योग मंत्री लखन लाल देवांगन, खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल, कृषि मंत्री रामविचार नेताम, स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल, सांसद रायपुर बृजमोहन अग्रवाल, विधायक सर्व सम्पत अग्रवाल, पुरन्दर मिश्रा, गुरु खुशवंत साहेब, प्रणव मरपच्ची, मोती लाल साहू, अनुज शर्मा, इन्द्र कुमार साहू, सचिव खेल युवा कल्याण विभाग हिमशिखर गुप्ता, खेल संचालक तनुजा सलाम सहित खिलाड़ीगण मौजूद थे।

जलवायु परिवर्तन आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है : राज्यपाल रमेन डेका

रायपुर-  जलवायु परिवर्तन आज विश्व की सबसे बड़ी समस्या है। हमें इसके प्रतिकूल प्रभावों का सामना करने के लिए ज्यादा सक्षम और तैयार होना होगा। राज्यपाल रमेन डेका ने गुरुवार को मौसम विज्ञान विभाग द्वारा आयोजित एक दिवसीय कार्यशाला का उद्घाटन करते हुए उक्त उद्गार व्यक्त किए।

भारत मौसम विज्ञान विभाग इस वर्ष अपनी सेवाओं का 150 वां वर्ष मना रहा है। इस उपलक्ष्य में विभाग के हितधारकों की एक दिवसीय कार्यशाला आज न्यू सर्किट हाउस रायपुर के कन्वेंशन हॉल में आयोजित की गई। जिसका उद्घाटन राज्यपाल रमेन डेका ने किया।

इस अवसर पर डेका ने विभाग की सेवाओं की सराहना करते हुए कहा कि उनकी अथक सेवाओं के कारण आज हम प्राकृतिक आपदाओं और जलवायु परिवर्तन से जुड़े जोखिमों का बेहतर तरीके से सामना कर पा रहे है।

राज्यपाल ने कहा कि छत्तीसगढ़, फसलों और कृषि पद्धतियों की विविध श्रृंखला वाला एक महत्वपूर्ण कृषि उत्पादक राज्य है, जो दक्षिण में बस्तर पठार से लेकर राज्य के मध्य भाग में महानदी बेसिन के उपजाऊ मैदानों और उत्तरी छत्तीसगढ़ में पहाड़ी क्षेत्र तक भिन्न है। हमारी खेती में मौसम विज्ञान का अत्यधिक महत्वपूर्ण योगदान है। हमारे किसानों को मौसम की सटीक जानकारी से बहुत सहायता मिलती है। छत्तीसगढ़ जैसे कृषि प्रधान राज्य में यह जानकारी अत्यंत उपयोगी है।

राज्यपाल ने कहा कि मौसम विभाग के पूर्वानुमान की सटीकता में निरंतर बढ़ोत्तरी हुई है जो सुनामी, चक्रवात जैसी आपदाओं के दौरान जान-माल की हानि को कम करने में अत्यंत सहायक सिद्ध हुआ है। उन्होंने कहा कि मौसम का पूर्वानुमान, एक आम नागरिक के पारिवारिक समारोह से लेकर अनेक सामाजिक-आर्थिक क्षेत्रों में उपयोगी है।

राज्यपाल ने रायपुर में स्थापित मौसम विज्ञान केंद्र के कार्यो की भी सराहना की। उन्होेंने कहा कि यह राज्य स्तर से लेकर पंचायत स्तर तक मौसम की जानकारी और पूर्वानुमान को प्रसारित करने में अहम भूमिका निभा रहा है। केंद्र मौसम द्वारा दी जा रही सेवाओं का लाभ न केवल किसान, बल्कि आपदा प्रबंधन, विमानन, वन संसाधन, शहरी योजना, खनन, परिवहन, स्वास्थ्य, भारतीय वायुसेना, सुरक्षा बल और आम जनता भी उठा रही है।

उन्होंने विश्वास व्यक्त किया कि भारत मौसम विज्ञान विभाग आने वाले वर्षों में अपने मिशन को सफलता पूर्वक पूरा करता रहेगा और देश को मौसम और जलवायु सेवाओं में एक वैश्विक शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभायेगा।

कार्यक्रम में भारत मौसम विज्ञान विभाग के महानिदेेशक डॉ. मृत्युंजय महापात्रा ने विभाग की गतिविधियों पर प्रकाश डाला। इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय रायपुर के कुलपति प्रोफेसर गिरीश चंदेल ने मौसम विभाग के सहयोग से कृषि व किसानों के हित में किए जा रहे कार्यो की जानकारी दी। कार्यक्रम में स्वागत उद्बोधन मौसम विज्ञान केन्द्र रायपुर की प्रमुख अधिकारी श्रीमती सामंति सरकार ने दिया।

इस अवसर पर मौसम विज्ञान विभाग के हितधारक, केन्द्र एवं राज्य शासन के विभिन्न विभागों के अधिकारी, मौसम वैज्ञानिक, विद्यार्थी उपस्थित थे।

कोसाफल उत्पादन कर समूह की आजीविका में हुई वृद्धि, समृद्धि की ओर अग्रसर हुआ स्व-सहायता समूह

रायपुर-     जहाँं चाह - वहाँ राह इस उक्ती को चरितार्थ कर दिखाया है जांजगीर चांपा जिले के ग्राम बुंदेला के स्व-सहायता समूह ने, इस समूह के सदस्यों को प्रतिवर्ष 70 से 75 हजार रूपए का मुनाफा होने लगा है। महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और रेशम विभाग से हुए 41 हजार अर्जुन के पौधरोपण से पर्यावरण हरा-भरा हो रहा है, तो वहीं दूसरी ओर इन पौधारोपण से स्व सहायता समूह आजीविका के साथ आय अर्जित कर वृद्धि करते हुए हुए समृद्धि की ओर बढ़ रहा है। यह समृद्धि जिला मुख्यालय जांजगीर चांपा से 40 किलोमीटर दूर पामगढ़ विकासखंड के गाँव बुंदेला में देखने को मिल रही है। यहाँ करीब चार साल पहले महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना और रेशम विभाग के अभिसरण के साथ से अर्जुन (कौहा) के पौधे रोपे गए थे। रोपण के बाद, पौधे बढ़े होने लगे तो इनमें कोसाफल उत्पादन का कार्य शुरु किया गया और कोसा कृमिपालन करते हुए स्व-सहायता समूह के सदस्यों को प्रतिवर्ष 70 से 75 हजार रूपए का मुनाफा होने लगा।

जांजगीर-चांपा के विकासखण्ड पामगढ़ के बुंदेला ग्राम पंचायत है। यहाँ लगभग 10 हेक्टेयर की शासकीय भूमि अनुपयोगी एवं खाली पड़ी थी। जिस पर अवैध रूप से कब्जा बना हुआ था, इस जमीन पर कब्जाधारियों से मुक्त कराकर ग्राम पंचायत के सहयोग से इस भूमि का उपयोग गाँव की महिलाओं की आजीविका की समृद्धि के लिए शुरू करने की योजना बनाई गई। रेशम विभाग द्वारा इस जमीन पर अर्जुन का पौधरोपण करने का प्लान तैयार किया गया। और वर्ष 2018 में रेशम विभाग और महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (महात्मा गांधी नरेगा) से 4 साल की कार्ययोजना तैयार करते हुए 41 हजार पौधे रोपने का लक्ष्य रखा गया। इसके लिए मनरेगा से पौधरोपण व जल संरक्षण एवं संचय के रूप में प्रशासकीय स्वीकृति 14.188 लाख रूपए दिए गए। पौधरोपण के कार्य में महात्मा गांधी नरेगा के माध्यम से जॉबकार्डधारी परिवारों ने काम करते हुए और रेशम विभाग के तकनीकी मार्गदर्शन ने कार्य को बेहतर बनाया और चार साल की इस परियोजना की शुरूआत की गई। इसमें पहले साल 40 हजार पौधे रोपे गए जिसमें गाँव के मनरेगा श्रमिकों को 918 मानव दिवस का सीधा रोजगार मिला था और मजदूरी भी मिली। उपसंचालक रेशम मनीष पंवार ने बताया कि 2018 में अर्जुन के पौधों का रोपण वैज्ञानिक पद्धति से किया गया था। इसके लिए सभी पौधों को कतार से कतार में पौधे से पौधे में निर्धारित दूरी पर रोपा गया था, ताकि ये अच्छी तरह से बड़े हो सके। वर्तमान में इनकी लंबाई 6 से 7 फीट तक हो चुकी है। यहाँ कोसाफल का उत्पादन का कार्य गांव के ग्रामीणों ने कोसा कृमिपालन स्व-सहायता समूह बनाकर कार्य करना शुरू किया और रेशम विभाग द्वारा समूह को प्रशिक्षण भी दिया गया है और नियमित अंतराल पर तकनीकी मार्गदर्शन भी दिया जा रहा है। चार साल में पौधरोपण और उनके संधारण का कार्य करते हुए मनरेगा के श्रमिकों को 3 हजार 429 मानव दिवस सृजित भी हुआ।

समूह के मनोज साहू का कहना हैं कि खेती-किसानी के साथ ही इस कार्य को करने से अतिरिक्त आमदनी हो रही है। गांव में युवाओं, महिलाओं को रोजगार भी मिल रहा है। इस कार्य में अन्नपूर्णा साहू, नम्रता साहू, सुरेन्द्र कुमार साहू, सोनसाय साहू, सतीश निर्मलकर कार्य करते हुए आमदनी प्राप्त कर रहे हैं। इस वर्ष 25 हजार कोसाफल के उत्पादन संभावित है। जिसे स्थानीय एवं चांपा के कोसा कपड़ा व्यवसाय करने वालों को बेचकर मुनाफा अर्जित करेंगे। इसके पूर्व के वर्ष में भी समूह को 70 से 75 हजार रूपए की आमदानी हो रही है।

18 सितंबर से हड़ताल पर रहेंगे छत्तीसगढ़ धान खरीदी आपरेटर संघ, दो सूत्रीय मांगों को लेकर करेंगे प्रदर्शन

बलौदाबाजार-  छत्तीसगढ़ राज्य समर्थन मूल्य धान खरीदी कम्प्यूटर आपरेटर संघ ने बुधवार को रायपुर स्थित दत्तात्रेय मंदिर में बैठक की. संघ ने बैठक के बाद आज दो सूत्रीय मांगों को लेकर अनिश्चित कालीन प्रदर्शन का ऐलान कर दिया है. इस बैठक में छत्तीसगढ़ प्रदेश के विभिन्न जिलों से आए प्रतिनिधियों ने अपनी दो प्रमुख मांगों को लेकर विस्तार से चर्चा की और आगामी आंदोलन की रणनीति पर विचार-विमर्श किया.

संघ की दो प्रमुख मांगें:

1. खाद्य विभाग में संविलियन की प्रक्रिया शुरू की जाए.

2. वर्ष 2007 से कार्यरत सभी आपरेटरों का नियमितीकरण किया जाए.

कम्प्यूटर आपरेटर संघ के प्रदेश सचिव मोहन बंजारे ने बताया कि उनकी केवल दो सूत्रीय मांग शासन से है. संघ ने इन मांगों को लेकर शासन को ज्ञापन सौंपने का निर्णय लिया है. वहीं इन मांगों को पूरा नहीं करने पर संघ ने 18 सितंबर 2024 से अनिश्चितकालीन आंदोलन शुरू करने की चेतावनी दी है.

छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक प्रभावित जिलों के विद्यार्थियों को तकनीकी एवं व्यावसायिक शिक्षा के लिए मिलेगा ब्याज रहित ऋण: मुख्यमंत्री साय

रायपुर-      छत्तीसगढ़ के माओवादी आतंक से प्रभावित जिलों में कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा के बेहतर अवसर दिलाने के लिए ब्याज मुक्त ऋण दिया जाएगा। मुख्यमंत्री विष्णु देव साय ने इन जिलों में अधिक से अधिक विद्यार्थियों को ’मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना’ के तहत लाभान्वित करने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने इसके लिए विशेष अभियान चलाने कहा है।

मुख्यमंत्री श्री साय ने राज्य के अन्य जिलों के कलेक्टरों को भी कमजोर आर्थिक स्थिति वाले परिवारों के बच्चों को भी तकनीकी एवं व्यावसायिक उच्च शिक्षा के लिए एक प्रतिशत के ब्याज दर पर दी जा रही ऋण सुविधा का लाभ दिलाने के निर्देश भी दिए हैं।

उप मुख्यमंत्री विजय शर्मा ने बताया कि मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के संचालन के लिए तकनीकी शिक्षा विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। इस योजना के अंतर्गत डिप्लोमा, स्नातक और स्नातकोत्तर स्तर के 35 तकनीकी एवं अन्य व्यावसायिक पाठ्यक्रमों को शामिल किया गया है। योजना में ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रूपये 4 लाख निर्धारित है।

मुख्यमंत्री उच्च शिक्षा ऋण ब्याज अनुदान योजना के तहत तकनीकी शिक्षा एवं अन्य व्यावसायिक शिक्षा पाठ्यक्रमों में प्रवेशित ऐसे छात्रों को, जिनके परिवारों की वार्षिक आय 2 लाख से कम है, उनको मोेरेटोरियम अवधि के पश्चात ऋण किश्तों के नियमित भुगतान की स्थिति में केवल एक प्रतिशत की दर से ब्याज देय होगा। शेष ब्याज की राशि का भुगतान राज्य शासन द्वारा सीधे संबंधित बैंक को किया जायेगा।

राज्य के माओवादी आतंक प्रभावित जिले बस्तर, बीजापुर, दक्षिण बस्तर दंतेवाड़ा, जशपुर, उत्तर बस्तर कांकेर, कोरिया, नारायणपुर, राजनांदगांव, सरगुजा, धमतरी, महासमुंद, गरियाबंद, बालोद, सुकमा, कोण्डागांव एवं बलरामपुर जिले के छात्रों को ब्याज मुक्त ऋण मिलेगा।

इस योजना का लाभ प्राप्त करने के लिए निर्धारित शर्ताें में छात्र को छत्तीसगढ़ का मूल निवासी होना चाहिए। छत्तीसगढ़ राज्य में स्थापित तथा सक्षम प्राधिकारी (यथा एआईसीटीई, यूजीसी) मान्यता प्राप्त पाठ्यक्रम प्रवेशित हो। अधिकतम पारिवारिक आय रूपये 2 लाख होनी चाहिए, जो कि सक्षम अधिकारी द्वारा जारी आय प्रमाण-पत्र द्वारा प्रमाणित होनी चाहिए।

योजना के अंतर्गत ब्याज अनुदान के लिए शिक्षा ऋण की अधिकतम सीमा रूपये 4 लाख है। ब्याज अनुदान का लाभ लेने के लिए नियमित रूप से ऋण किश्तों का भुगतान अनिवार्य है। ड्राप ऑउट एवं निष्कासित छात्र इस योजना के लाभार्थी नहीं बने रहेंगे किन्तु चिकित्सीय कारणों से एक वर्ष की अधिकतम सीमा तक अध्ययन में रूकावट होने की दशा में पात्रता बनी रहेगी।

इन पाठ्यक्रमों में मिलेगा लाभ

योजना के अंतर्गत बीई/बीटेक, एमई, एम टेक, डी आर्क, एग्रीकल्चर इंजीनियरिंग, एमसीए, एम.बी.ए, डीई, बी.पी.एड, एमपीएड, पी.जी.डी.सी.ए., बी.एच.एम.एस., बी.ए.एम.एस, बी.एन.वाई.एस, बी.एन.एस., बी.यू.एम.एस, वी.एफ.एस.सी., बी.टेक डेयरी, बी.एग्री, बी.डी.एस, एमडीएस, एमबीबीएस, बीव्हीएससी, बीएससी नर्सिंग बेसिक तथा पोस्ट बेसिक, बी. फार्मा, एम फार्मा, डी फार्मा, डिप्लोमा इन मॉर्डन आफिस मेनेजमेंट, डिप्लोमा इन इंटीरियर डेकोरेशन एण्ड डिजाइन, डिप्लोमा इस कास्टयूम डिजाईन एण्ड ड्रेस मेकिंग, बीएड, डीएड, एमएड, के पाठ्यक्रमों में अध्ययन के लिए योजना का लाभ लिया जा सकता है। अधिक जानकारी के लिए दूरभाष नंबर 0771-2331231 सम्पर्क तथा वेबसाइट http://www.cgdteraipur.cgstate.gov.in पर अवलोकन किया जा सकता है।

राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस: मुख्यमंत्री ने दानी स्कूल में छात्राओं को कृमि रोधी दवा खिलाकर किया शुभारंभ

रायपुर-     मुख्यमंत्री विष्णु देव साय राजधानी रायपुर के जे. आर. दानी गर्ल्स स्कूल में राष्ट्रीय कृमि मुक्ति दिवस के अवसर पर आयोजित कार्यक्रम में स्कूली छात्राओं को एलबेंडाजोल की गोली खिलाकर कार्यक्रम का शुभारंभ किया। उन्होंने इसे इस दिवस को अभियान के रूप में चलाने का आव्हान करते हुए कहा कि इससे हमारे बच्चे स्वस्थ्य रहेंगे और देश की प्रगति में अपना बहुमूल्य योगदान देंगे।

मुख्यमंत्री ने कहा कि आज उन्हें इस स्कूल में बेटियों के मध्य आकर बड़ी खुशी हो रही है। आज की बेटियां हर क्षेत्र में उम्दा प्रदर्शन कर रही हैं। यह हमारा भविष्य हैं। राष्ट्रीय कृमि दिवस का महत्व बताते हुए मुख्यमंत्री ने कहा कि कृमि संक्रमण एक आम समस्या है जो अनुमानित रूप से 1-19 वर्ष की आयु के बच्चों को प्रभावित करती है। इस संक्रमण के कारण अन्य स्वास्थ्य संबंधी समस्याएं भी होती है। अतः इस इस नेशनल डीवार्मिंग डे के अवसर पर बच्चों को अवश्य कृमि की दवा खिलाएं और इस अभियान को जिम्मेदार नागरिक और अभिभावक के तौर पर सफल बनाए।

स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल ने कार्यक्रम के दौरान कहा कि आज के बच्चे कल राष्ट्र के भविष्य है। इसलिए प्रदेश में 1 से 19 साल का कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित न रहे। उन्होंने कहा कि प्रति वर्ष की तरह इस वर्ष भी राष्ट्रीय कृमि मुक्ति अभियान चलाया जा रहा है। उन्होंने कहा कि देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के स्वस्थ्य भारत के सपने को लेकर यह अभियान प्रदेश में मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय के नेतृत्व में चलाया जा रहा है। इसमें कोई भी बच्चा दवा खाने से वंचित न रहे इसके लिए सभी प्रकार की तैयारी कर ली गई है।

कलेक्टर डॉ. गौरव सिंह ने कहा कि जिले में 9 लाख 70 हजार 687 बच्चों को दवा खिलाना तय किया गया है, हम सभी मिलकर एक अभियान चलाते हुए इसे प्राप्त करेंगे। उन्होंने कहा कि शासन द्वारा उपलब्ध कराए जा रहे निःशुल्क कृमि की दवा को 1-19 वर्ष के बच्चों को अवश्य खिलाये और कृमि संक्रमण से बचाये। कार्यक्रम में विधायक मोतीलाल साहू, पुरंदर मिश्रा, अनुज शर्मा, नगर निगम आयुक्त अविनाश मिश्रा, जिला पंचायत सीईओ विश्वदीप सहित अन्य अधिकारी मौजूद थे।

खाद्य मंत्री दयाल दास बघेल ने 2.36 करोड़ रूपए के विभिन्न विकास कार्यों का किया भूमिपूजन

रायपुर-    खाद्य, नागरिक आपूर्ति एवं उपभोक्ता संरक्षण मंत्री दयाल बघेल ने बुधवार को बेमेतरा जिले के नवागढ़ विकासखंड अंतर्गत ग्राम बदनारा में आयोजित भूमि पूजन कार्यक्रम शामिल हुए। उन्होंने इस मौके पर ग्राम बदनारा में औषधालय सहित आस-पास के उपार्जन केन्द्रों में फड़ सीमेंटीकरण के लिए 2.36 करोड़ रूपए के विकास कार्योें का भूमिपूजन किया।

मंत्री श्री बघेल ने भूमिपूजन कार्यक्रम को सम्बोधित करते हुए कहा कि मुख्यमंत्री विष्णु देव साय के नेतृत्व में हमारी सरकार किसानों को प्राथमिकता में रखकर काम कर रही हैं। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की गारण्टी को पूरा करते हुए प्रदेश के किसानों, गरीबों, महिलाओं और युवाओं के हित में बेहतर नीतिगत् फैसले लेकर प्रदेश को आगे बढ़ाने की दिशा में निरन्तर प्रयासरत है। उन्होंने कहा कि राज्य सरकार समर्थन मूल्य एवं कृषि उन्नति योजना के तहत किसानों से प्रति एकड़ 21 क्विंटल धान 3100 रूपए की भाव से खरीदने के वादे को पूरा किया है। वहीं प्रदेश के लगभग 70 लाख महिलाओं को महतारी वंदन योजना के तहत 1000 रूपए प्रति माह उनके खाते में अंतरित किए जा रहे हैं। उन्होंने कहा कि विष्णु देव साय ने मुख्यमंत्री बनते ही आवास हीन परिवारों के लिए 18 लाख प्रधानमंत्री आवास स्वीकृत करने का काम किया।

मंत्री श्री बघेल ने कहा कि जिन कार्यों का भूमिपूजन हुआ इनमें आयुर्वेदिक औषधालय बदनारा के लिए 16 लाख रूपए और सेवा सहकारी समिति बदनारा में फड़ सीमेंटीकरण के लिए 20 लाख रूपए का भूमिपूजन शामिल हैं। इसी प्रकार मंत्री श्री बघेल ने सेवा सहकारी समिति सम्बलपुर, कुवरा, पुटपुरा, गोढ़ीकला, बुंदेला, बोरतरा, झाल, रनबोड, नेवसा और मजगांव में भी बीस-बीस लाख रूपए के फड़ सीमेंटीकरण कार्य का भूमिपूजन किया।

इस अवसर पर बेमेतरा जिला पंचायत के सदस्य अंजू बघेल, वरिष्ठ सामजिक कार्यकर्ता सर्व टार्जन साहू, परश वर्मा, इन्द्रा राजपूत, मनीष जायसवाल, अजय साहू, वल्लभ ठाकुर, चंद्रपाल साहू और लालन यादव सहित बड़ी संख्या में क्षेत्रवासी उपस्थित थे।

गृह मंत्री विजय शर्मा को बाइक में घुमाने वाले ASI की सड़क हादसे में मौत, सर्चिंग पर निकला था जवान

बीजापुर- जिले में सर्चिंग अभियान के दौरान एक दर्दनाक सड़क हादसा हुआ है. बाइक से सर्चिंग ड्यूटी पर निकले डीआरजी में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक (ASI) की सड़क हादसे में मौत हो गई है, जबकि बस्तर फाइटर आरक्षक घायल हो गया है. घायल को बेहतर इलाज के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है. घटना की सूचना पर पहुंची पुलिस मर्ग कायम कर जांच में जुट गई है. बताया जा रहा है कि जब गृह मंत्री विजय शर्मा पालनार प्रवास पर आए थे तब शहीद ASI उन्हें बाइक पर बैठकर कैंप ले गया था.

ASI तेलम चमरू के साथ गृह मंत्री विजय शर्मा

जानकारी के अनुसार, देर रात दुर्घटना मिरतुर क्षेत्र के ग्राम बेचापाल के पास हुई है. जब बीजापुर डीआरजी में पदस्थ सहायक उपनिरीक्षक तेलम चमरू (39 वर्ष) और बस्तर फाइटर आरक्षक उदय कुमार पटवा सर्चिंग ड्यूटी पर बाइक से रवाना हुए थे. इसी दौरान बेचापाल गांव के आस-पास बाइक के फिसलने से दोनों जवान घायल हो गए. घटना की सूचना पर बचाव टीम मौके पर पहुंची और घायलों को अस्पताल ले जाया गया. ASI तेलम चमरू की हालत गंभीर होने के कारण उन्हें दंतेवाड़ा अस्पताल में भर्ती कराया गया, जहां इलाज के दौरान उनकी मौत हो गई. उनका पार्थिव शरीर जिला अस्पताल दंतेवाड़ा में रखा गया है, जिसे जल्द ही जिला बीजापुर पुलिस लाइन के लिए रवाना किया जाएगा. वहीं घायल आरक्षक उदय कुमार की स्थिति सामान्य बताई जा रही है और उनका इलाज मेडिकल कॉलेज डिमरापाल, जगदलपुर में किया जा रहा है.

बता दें कि बीते 16 अगस्त को डिप्टी सीएम और गृह मंत्री विजय शर्मा जब पालनार प्रवास पर आए थे. तब बाइक में ASI तेलम चमरू बैठाकर शिविर स्थल तक ले गए थे.