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4 आईएएस अफसरों का तबादला, जेपी पाठक बनाए गए बिलासपुर संभाग के आयुक्त
रायपुर-  राज्य सरकार ने IAS के प्रभार में बदलाव किया है। नीलम नामदेव एक्का को बिलासपुर कमिश्नर के पद से हटा दिया गया है। उन्होंने बिना विभाग के मंत्रालय पदस्थ किया गया है। वहीं जनक प्रसाद पाठक को बिलासपुर का नया कमिश्नर बनाया गया है। पिछले दिनों ही नीलम नामदेव एक्का को बिलासपुर कमिश्नर बनाया गया था, अब उन्हें अचानक हटा दिया गया है। वहीं  प्रसन्ना आर मौजूदा जिम्मेदारी के साथ-साथ अब आयुक्त उच्च शिक्षा का एडिश्नल चार्ज दिया गया है। जबकि राजेंद्र कटारे को मिशन संचालक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान बनाया गया है।
दूर हो जाती है उदासी, जब सास-बहू के खाते में आती है राशि, महतारी वंदन योजना से सास-बहू की आर्थिक समस्या हुई दूर

रायपुर-    कोरबा जिला मुख्यालय से लगभग 90 किलोमीटर दूर पहाड़ो से घिरा गाँव है कारीमाटी..। पोड़ी उपरोड़ा विकासखंड के अंतर्गत आने वाले इस गाँव में खपरैल वाले कच्चे मकान में एक साथ रहने वाली सास-बहू मंगली बाई और प्रमिला बाई को बहुत ही विपरीत परिस्थितियों में रहना पड़ता है। इनके छोटे से गाँव से अन्य गाँव की दूरी अधिक होने और रास्ते में घना जंगल तथा पहाड़ होने की वजह से रोजी-मजदूरी का काम भी मिल नहीं पाता था, ऐसे में कई जरूरी कार्यों के लिए पैसे और आर्थिक तंगी के बीच जीवन में भी उदासी थी। महतारी वंदन योजना प्रारंभ होने के बाद नगदी के लिए तरसते सास-बहू को अब खाते में ही हर महीने रुपये मिल जाते हैं, जिससे उन्हें उनकी जरुरतों का सामान खरीदने में कोई परेशानी नहीं आती। हर महीने मिलने वाली महतारी वंदन की राशि इनकी उदासी हटाने के साथ ही खुशियों की वजह भी बन रही है।

पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक के दूरस्थ ग्राम कारीमाटी में रहने वाली प्रमिला बाई और उनकी सास मंगली बाई ने बताया कि अन्य गाँव से उनके गाँव की दूरी अधिक होने की वजह से वे कही जा नहीं पाते। गाँव में जो थोड़ा बहुत खेत है उसमें ही खेती किसानी में सहयोग कर लेती हैं। उन्होंने बताया कि गाँव में हाजिरी मजदूरी मिलना मुश्किल है। अन्य गाँव की दूरी इतनी अधिक हैं कि वे चाहकर भी जा नहीं सकते। उन्होंने बताया कि महतारी वंदन योजना प्रारंभ होने के दौरान उन्होंने भी आवेदन जमा किया था। योजना से जुड़ने के पश्चात हर महीने उनके बैंक खाते में एक हजार की राशि आती है। इस राशि से घर में किराना सहित अन्य जरूरतों की पूर्ति आसानी से हो पाती है। मंगली बाई ने बताया कि मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय द्वारा महतारी वंदन योजना लागू किए जाने पर हम जैसी पहाड़ और वनांचल क्षेत्र में रहने वाली जरूरतमंद महिलाओं को खुशहाल जीवन का एक आधार मिल गया। ग्रामीण महिलाओं के लिए एक हजार की राशि कोई छोटी रकम नहीं होती। उन्होंने कहा कि वह अपनी बहू के साथ हर महीने बैंक जाकर पैसा निकाल लाती है और इस राशि का उपयोग घर के बहुत जरूरी कार्यों में करती है।

भूपेश बघेल की सीएम को चिट्ठी पर सियासत : भाजपा प्रवक्ता देवलाल ने कहा –

रायपुर-   पूर्व सीएम भूपेश बघेल की मुख्यमंत्री विष्णु देव साय को लिखी गई चिट्ठी पर भाजपा प्रदेश प्रवक्ता देवलाल ठाकुर ने कहा, पूर्व मुख्यमंत्री भूपेश बघेल स्वयं कई बार संविधान का उल्लंघन करते रहे हैं. लोकतंत्र का मजाक बनाते रहे हैं. कई कानूनी प्रक्रियाओं में बाधा खड़ी करते रहे हैं. ऐसे में कम से कम उन्हें संविधान, लोकतंत्र, न्याय व्यवस्था, कानून व्यवस्था पर बोलने का नैतिक अधिकार बिल्कुल नहीं है.

ठाकुर ने कहा कि किसी भी आरोपी के घर जाकर भीड़ लेकर बैठ जाना संविधान में कहां लिखा हुआ है. आरोपियों का संरक्षण करना, उनकी वकालत करना संविधान में कहां लिखा हुआ है. भूपेश बघेल सहित पूरी कांग्रेस संविधान और लोकतंत्र की बात करती है, लेकिन इस संविधान द्वारा शक्ति प्राप्त संस्थाओं का मजाक बनाती है.

भाजपा प्रवक्ता ठाकुर ने आगे कहा, भूपेश बघेल ने जिनको चिट्ठी लिखी है ऐसे मुख्यमंत्री विष्णुदेव साय को जन सेवा का लंबा अनुभव प्राप्त है. संगठन में रहने का अनुभव, मंत्री के रूप में कार्य करने का अनुभव, विधायक, सांसद आदि दायित्वों का दशकों निर्वहन करने के बाद अब उन्हें राज्य में मुखिया के रूप में कार्य करने का अनुभव प्राप्त है. वे सहज, सौम्य और शिष्ट नेता के रूप में जाने जाते हैं. उनका कद बहुत बड़ा है. उन्हें कम से कम उन लोगों से सीखने की जरूरत नहीं है, जो खुद असंवैधानिक कृत्यों में लिप्त हैं. राज्य में कानून को अपना काम करने की खुली छूट है. विष्णु के सुशासन में कानून न किसी से भेदभाव करेगा, ना किसी के दबाव में आएगा. संविधान ने जो करने को कहा है वही करेगा. भूपेश बघेल को स्वयं ही सुनिश्चित करना चाहिए कि वह कानूनी प्रक्रियाओं में बाधा उत्पन्न कर अपनी राजनीतिक रोटियां ना सेकें.

वेदांता कंपनी ने व्यावसायिक शिक्षकों को 4 महीने से नहीं दिया वेतन, समग्र शिक्षा प्रबंधक से गुहार के बावजूद नहीं निकला समाधान

रायपुर-   पिछले चार महीनों से वेदांता कंपनी ने व्यावसायिक शिक्षकों का वेतन नहीं दिया है, जिससे वे आर्थिक और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं। शिक्षकों ने समग्र शिक्षा के महाप्रबंधक से गुहार लगाई है, लेकिन वेतन रोकने का कोई प्रावधान नहीं होने के बावजूद इस समस्या का समाधान नहीं हुआ है। वेतन का भुगतान समय पर न होने के कारण शिक्षक आर्थिक और मानसिक तनाव का सामना कर रहे हैं।

शिक्षकों ने बताया कि हर साल ऐसा होता है; कभी पाँच महीने का, तो कभी छह महीने का वेतन रोका जाता है। उन्होंने आरोप लगाया कि समग्र शिक्षा के साथ हुए MOU का खुला उल्लंघन किया जा रहा है। इस पर कई बार आदेश जारी किए गए हैं, लेकिन कंपनी द्वारा इन आदेशों की अवहेलना की जा रही है इसलिए, शिक्षकों ने मांग की है कि वेदांता कंपनी को निष्कासित किया जाए और उनका लंबित वेतन शीघ्र भुगतान किया जाए। साथ ही, उन्होंने यह भी आग्रह किया कि उन्हें किसी अन्य कंपनी में समायोजित किया जाए ताकि वे अपने परिवार का भरण-पोषण अच्छे तरीके से कर सकें और व्यावसायिक शिक्षा में आ रही बाधाओं को दूर किया जा सके।

तोता एवं अन्य घरों में पाले गए पक्षी के संबंध में पूर्व में जारी निर्देश स्थगित
रायपुर-    कार्यालय प्रधान मुख्य वन संरक्षक एवं वन बल प्रमुख छत्तीसगढ़ द्वारा पूर्व में 23 अगस्त को रायपुर जिला सहित प्रदेश में कानूनन संरक्षण पाए तोतो एवं अन्य पक्षियों के धडल्ले से बिक्री के संबंध में कार्यवाही के निर्देश जारी किए गए थे। जिसमें संशोधन करते हुए अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक (संरक्षण) छत्तीसगढ़ अटल नगर, रायपुर द्वारा सभी मुख्य वन संरक्षक एवं वनमण्डालधिकारी को पत्र प्रेषित किया गया है, जिसके तहत प्रतिबंधित संरक्षण पाए गए वन पक्षियों की धड़ल्ले से हो रही बिक्री के संबंध में वन्यजीव संरक्षण अधिनियम 1972 यथा संशोधित 2022 के तहत वर्तमान में हो रही खरीदी बिक्री पर प्रतिबंध हेतु आवश्यक कार्यवाही किया जाना है। परन्तु तोतों एवं अन्य पक्षी जो घरों में पाले गए है, उनके संबंध में इस कार्यालय द्वारा 23 अगस्त के तहत जारी निर्देशों पर भारत सरकार, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन मंत्रालय नई दिल्ली एवं वन्यप्राणी प्रभाग से आवश्यक तकनीकी मार्गदर्शन लिए जाने तक कार्यवाही स्थगित रखा जाएगा।
बारनवापारा अभ्यारण्य एवं सीमावर्ती वनक्षेत्रों में विवरण कररहे बाघ एवं वन्यप्राणियों की सुरक्षा, निगरानी के संबध में चरवाहा सम्मेलन का हुआ आयोजन

रायपुर-      विगत 06 माह से जिला बलौदाबाजार-भाटापारा के अंतर्गत विचरण कर रहें बाघ के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु आज वनमंडल स्तरीय चरवाहों का एक दिवसीय सम्मेलन सह कार्यशाला बारनवापारा अभ्यारण्य में आयोजन किया गया। कार्यशाला में उपवनमंडलाधिकारी कसडोल आई.एफ.एस अक्षय दिनकर भोसले के द्वारा पावर पॉइंट प्रजेंटेशन के माध्यम से बाघ के व्यवहार एवं अन्य गतिविधियों के बारे में बारीकी से विस्तृत जानकारी साझा किया गया। उनके द्वारा बाघ विचरण क्षेत्र में की जाने वाली गतिविधियों, ट्रैकिंग के संबंध में निर्धारित स्टैंडर्ड आपरेटिंग प्रोसीजर एवं विचरण क्षेत्र में विभिन्न वन्यप्राणियों के खान-पान और व्यवहार के बारे में विस्तार से चर्चा कर जानकारी दी गई।

वनमण्डलाधिकारी बलौदाबाजार मयंक अग्रवाल के द्वारा विगत लगभग 06 माह से क्षेत्र में विचरण कर रहे बाघ के संबंध में विस्तृत जानकारी साझा किया गया। मॉनिटरिंग हेतु वनमण्डल अंतर्गत 250 ट्रैप कैमरा के मदद से बाघ विचरण की सतत् निगरानी की जा रही है। बाघ की सुरक्षा हेतु विशेष स्थानीय ग्रामीणों की मदद से बाघ निगरानी दल बनाया गया है। वनक्षेत्रों में किसी भी प्रकार से जनहानि, जनघायल, पशुहानि, फसल हानि, एवं अन्य सम्पत्ति की क्षति होने पर तत्काल सूचित करने तथा अवैध शिकार एवं वन्यप्राणियों की जानकारी प्राप्त होने पर तत्काल वन विभाग को सूचित करने हेतु कार्यशाला में उपस्थित चरवाहों तथा ग्रामीणों से अपील किया गया।

इसके साथ ही विभागीय अधिकारियों द्वारा वन्यप्राणियों के द्वारा किये गये जनहानि पर 6 लाख लाख रू., पूर्ण रूप से अपंगता होने पर 2 लाख रू., सामान्य जन घायल पर 5 लाख 91 हजार रूपये , पशु हानि होने पर अधिकतम 30 हजार रू. तथा फसल, मकान एवं अन्य क्षति होने पर मुल्यांकन अनुसार क्षतिपूर्ति राशि शासन द्वारा प्रदान की जाने की जानकारी दी गई । वनक्षेत्रों में अवैध शिकार, बिजली हुकिंग तथा अन्य अवैध गतिविधियों की जानकारी होने पर वन विभाग को प्राथमिकता से सूचित करने पर वन विभाग के द्वारा प्रदाय किये जाने वाली गोपनीय पुरूस्कार राशि से अवगत कराया गया। ग्रामीणों को वन विभाग से संबंधित किसी भी प्रकार की समस्या हो तो सुविधानुसार निकटम वनाधिकारी / जांच नाकों में सूचित करने हेतु अह्वान किया गया ताकि, त्वरित कार्यवाही कर समस्यों का निराकरण किया जा सके।

डायरिया, H1N1 प्रकरणों की वर्तमान स्थिति एवं रोकथाम एवं उपचार हेतु तैयारियों की हुई समीक्षा

रायपुर-    स्वास्थ्य मंत्री श्याम बिहारी जायसवाल के निर्देश पर संचालक स्वास्थ्य सेवाएं ऋतुराज रघुवंशी ने आज वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से प्रदेश के सभी जिलों को बीमारियों को देखते हुए सावधानी बरतने के निर्देश दिए हैं। वीडियो कांफ्रेंस में प्रदेश के समस्त मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी तथा समस्त सिविल सर्जन सह मुख्य अस्पताल अधीक्षक उपस्थित थे। बैठक में मुख्य रूप से डायरिया एवं H1N1 प्रकरणों की वर्तमान स्थिति , उनकी रोकथाम एवं उपचार के लिए की जा रही तैयारियों की स्थिति पर चर्चा एवं समीक्षा की गयी।

समीक्षा बैठक में श्री रघुवंशी ने मलेरिया, डेंगू, जापानी इन्सेफेलाइटिस, सर्पदंश के प्रकरणों की वर्तमान स्थिति और उनकी रोकथाम एवं उपचार की तैयारियों की भी समीक्षा की । इसके साथ ही राज्य में दवाइयों एवं कंस्यूमेबल्स की उपलब्धता की वर्तमान स्थिति की जिलेवार जानकारी ली गयी। इसके साथ ही मातृत्व स्वास्थ्य अंतर्गत हाई रिस्क प्रेगनेन्सी के प्रकरणों की स्थिति की भी समीक्षा की गयी। बैठक में मातृत्व मृत्यु अंकेक्षण की स्थिति, टी.बी. की वर्तमान स्थिति एवं दवाइयों की उपलब्धता की स्थिति, टीकाकरण की वर्तमान स्थिति और सिकल सेल उन्मूलन मिशन अंतर्गत स्क्रीनिंग की वर्तमान स्थिति की समीक्षा की गयी। इसके साथ ही बान्डेड चिकित्सकों के जॉइनिंग की स्थिति, स्थानांतरित चिकित्सकों के कार्यमुक्त होने की स्थिति और नाको अंतर्गत संचालित ओएसटी केन्द्रों की स्थिति की समीक्षा भी बैठक में की गयी।

गृह मंत्री विजय शर्मा ने SI भर्ती के अभ्यर्थियों से वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए की बात, बताया कब जारी होगा रिजल्ट

रायपुर-     राजधानी रायपुर में इच्छामृत्यु या नौकरी की माँग को लेकर अड़े सब इंस्पेक्टर (SI) अभ्यर्थी अंततः घर लौट गए हैं। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अभ्यर्थियों के साथ वीडियो कान्फ्रेंसिंग के जरिए बातचीत की। इस दौरान उन्होंने अभ्यर्थियों की चिंताओं और सवालों का समाधान किया और उन्हें आश्वस्त किया कि भर्ती का रिजल्ट 4 सितंबर तक जारी कर दिया जाएगा। गृहमंत्री विजय शर्मा ने अभ्यर्थियों से धैर्य बनाए रखने की अपील की और भरोसा दिलाया कि उनकी समस्याओं पर गंभीरता से ध्यान दिया जा रहा है।

बता दें कि साल 2018 में सब इंस्पेक्टर (SI) भर्ती परीक्षा शुरू हुई थी, लेकिन 6 साल बाद भी अब तक कोई भी परिणाम जारी नहीं किया गया है। तब से लेकर अब तक सैकड़ों अभ्यर्थी राजधानी के सड़कों पर धरना प्रदर्शन और कैंडल मार्च कर सरकार से जल्द से जल्द भर्ती की प्रक्रिया पूरी कर रिजल्ट जारी करने की मांग कर रहे थे, कोरोना काल के दौरान महामारी की वजह से यह आंदोलन फीका पड़ गया। इसके बाद साल 2022 में तत्कालीन कांग्रेस सरकार के दौरान जून-जुलाई 2022 में शारीरिक नापजोक, 29 जनवरी 2023 को प्रारम्भिक परीक्षा आयोजित की गई थी, वहीं 26 मई 2023 से 29 मई 2023 तक मुख्य परीक्षा चली, शारीरिक दक्षता परीक्षा 18 जुलाई 2023 से 30 जुलाई 2023 तक हुई और साक्षात्कार परीक्षा 17 अगस्त 2023 से 08 सितंबर 2023 तक आयोजित किया गया। सभी प्रक्रियाएं पूरी हो जाने के बावजूद रिज़ल्ट अभी तक जारी नहीं किया गया है, जिससे अभ्यर्थियों में निराशा बनी हुई है।

गृह मंत्री के आश्वासन के बावजूद अभ्यर्थियों का कहना है कि इससे पहले भी कई बार तारीखें दी गई थी और एक बार फिर उन्हें सिर्फ़ एक और तारीख दी गई है, अब देखने की बात यह होगी की इस बार क्या होता है।

PM आवास योजना के लिए उमड़ी भीड़: 1133 मकानों के लिए आए 4500 आवेदन

रायपुर-     प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों को नागरिकों का राजधानी शहर रायपुर में नगर पालिक निगम को जबरदस्त प्रतिसाद मिला है. नगर निगम रायपुर द्वारा प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत कचना, दलदल सिवनी, सोनडोंगरी एवं मठपुरैना में निर्मित 1133 मकानों के लिए 13 अगस्त 2024 तक आवेदन मंगाए गए. इस हेतु 4500 नागरिकों के आवेदन नगर निगम रायपुर को प्राप्त हुए।

विगत 14 अगस्त 2024 से प्रतिदिन कार्यालयीन दिवस पर सुबह 10.30 बजे से दोपहर 11.30 बजे तक 300 आवेदकों को टोकन जारी कर उक्त दिवस उनके द्वारा दिए गए ऑनलाइन दस्तावेजों का परीक्षण का कार्य प्रतिदिन किया जा रहा है। प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत निर्मित मकानों को प्राप्त करने नगर निगम मुख्यालय भवन में भीड़ उमड़ पड़ी है। आज नगर निगम आयुक्त अबिनाश मिश्रा ने निगम मुख्यालय भवन के चतुर्थ तल पर निगम सामान्य सभा सभागार में पहुंचकर प्रधानमंत्री आवास योजना के अंतर्गत टोकन के आधार पर आवेदकों के ऑनलाइन दस्तावेजों का परीक्षण किये जाने के कार्य का प्रत्यक्ष निरीक्षण किया। आयुक्त ने निर्देश दिए है कि प्रधानमंत्री आवास योजना के मकानों हेतु आवेदन करने वाले नागरिकों को किसी प्रकार की असुविधा ना हो, इस बात का ध्यान रखा जाये। उन्होंने दस्तावेजों का परीक्षण करवा रहे आवेदकों से भी चर्चा की।

EPIL भिलाई के तत्कालीन DGM और निजी कंपनी के पार्टनर के खिलाफ CBI में मामला दर्ज, करोड़ों के भ्रष्टाचार का आरोप

रायपुर-     सीबीआई ने भ्रष्टाचार के आरोप में ईपीआईएल, भिलाई के तत्कालीन डीजीएम और एक निजी कंपनी के पार्टनर समेत दो आरोपियों के खिलाफ मामला दर्ज किया है. तलाशी भी शुरू कर दी है. 84 करोड़ रुपए से ज्यादा का गलत लाभ प्राप्त कर ईपीआईएल को आर्थिक नुकसान पहुंचाने पर एफआईआर के बाद सीबीआई की छापामार कार्रवाई जारी है. CBI ने यूपी के बिजनौर और छत्तीसगढ़ के भिलाई में दोनों आरोपियों के आधिकारिक और आवासीय परिसरों में छापामार कार्रवाई की है.

सीबीआई ने प्रेस नोट जारी कर बताया कि, आरोप है कि भिलाई इस्पात संयंत्र, भिलाई, जिला दुर्ग, छत्तीसगढ़ (भारतीय इस्पात प्राधिकरण लिमिटेड के अधीन) एवं मैसर्स इंजीनियरिंग प्रोजेक्ट्स (इंडिया) लिमिटेड (ईपीआईएल) (भारत सरकार का उद्यम) ने 30 अप्रैल 2010 को भिलाई इस्पात संयंत्र में नए ओएचपी, भाग (पैकेज-61) के साथ कच्चे माल की प्राप्ति एवं हैंडलिंग सुविधाओं के विस्तार की स्थापना के लिए 5,50,82,27,000 रुपए के अनुबंध मूल्य पर एक अनुबंध किया. इसके परिणामस्वरूप ईपीआईएल (विभिन्न क्षेत्रों विशेष रूप से इस्पात एवं बिजली के क्षेत्र में परियोजनाओं के निष्पादन के लिए भारत सरकार की कंपनी) ने पीकेजी-061 के तहत सिविल निर्माण कार्यों के लिए कई एनआईटी (निविदा आमंत्रण सूचना) जारी की एवं आरोपी साझेदार की फर्म सहित कई कंपनियों/फर्मों को अलग-अलग “पीकेजी-061” के सिविल निर्माण के कार्य आवंटित किए गए.

उक्त भागीदार की निजी कंपनी ने जाली गेट मटेरियल एंट्री चालान जिसे फॉर्म सीआईएसएफ-157 के नाम से जाना जाता है एवं स्टोर इशूड स्लिप( Store Issued Slip), जाली चालान के साथ प्रस्तुत किए. यह भी आरोप है कि सीआईएसएफ फॉर्म-157 को आरोपी उप महाप्रबंधक, ईपीआईएल द्वारा सत्यापित किया गया था. कार्य आदेशों की मूल्य अनुसूची के अनुसार, सुदृढ़ीकरण स्टील (Reinforcement Steel) की आपूर्ति एवं रखने (Placing) की दर कथित रूप से 70,000 रुपए प्रति मीट्रिक टन तय की गई थी. इस प्रकार एक निजी फर्म के आरोपी साझीदार ने जाली चालान प्रस्तुत करके कथित रूप से 84,05,880 रुपए का लाभ प्राप्त किया और ईपीआईएल को इसी प्रकार हानि पहुंचाई.