/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/1628605111223814.png/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/1628605111223814.png StreetBuzz रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, जानें क्या है वजह Nawada
रामलला की मूर्ति बनाने वाले अरुण योगीराज को अमेरिका ने नहीं दिया वीजा, जानें क्या है वजह


अयोध्या में रामलला की मूर्ति बनाने वाले मुर्तिकार अरुण योगीराज और उनके परिवार को अमेरिका ने वीजा देने से इंकार कर दिया। उन्होंने एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूट ऑफ अमेरिका के एक कार्यक्रम, विश्व कन्नड़ कंनवेंशन-2024 में भाग लेने के लिए आवेदन किया था।अरुण योगीराज के मुताबिक इनवाइट मिलने के बाद ही उन्‍होंने वीजा के लिए अप्‍लाई किया था। अमेरिकी अंबेसी को संपर्क कर उन्‍होंने अपने डॉक्‍यूमेंट दिए। अब अचानक उन्‍हें इस बात की जानकारी दी गई है कि उनकी अर्जी रिजेक्‍ट कर दी गई है।

अरुण को 20 दिन की यात्रा पर अमेरिका जाना था।अरुण योगीराज को एसोसिएशन ऑफ कन्नड़ कूटस ऑफ अमेरिका (AKKA) द्वारा आयोजित विश्व कन्नड़ सम्मेलन (डब्ल्यूकेसी 2024) में हिस्सा लेने लेने के लिए बुलाया गया था। ये कार्यक्रम 30 अगस्त से 1 सितंबर, 2024 तक वर्जीनिया के ग्रेटर रिचमंड कन्वेंशन सेंटर में आयोजित होना है। सम्मेलन का उद्देश्य कन्नड़ संस्कृति और विरासत का जश्न मनाना है। क्योंकि, उन्होंने राम जन्मभूमि मंदिर में राम लला की प्रसिद्ध मूर्ति बनाई थी, इसलिए उन्हें सम्मान के तौर पर शामिल होने के लिए बुलाया गया था।

अरुण योगीराज के अनुसार उन्होंने वीजा संबंधित सभी डॉक्यूमेंट जमा किए थे, इसके वाबजूद भी उन्हें वीजा नहीं दिया गया। राम लला की मूर्ति बनाने के लिए मशहूर मूर्तिकार अरुण योगीराज के वीजा आवेदन को अस्वीकार करने के लिए यूएस ने कोई आधिकारिक कारण भी नहीं बताया है।10 अगस्त को बिना किसी कारण का हवाला दिए उनके आवेदन को कैंसल कर दिया गया था।

इस साल की शुरुआत में अयोध्या में बन रहे राम मंदिर में रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का कार्यक्रम आयोजित किया गया था। इस मंदिर में भगवान रामलला की मूर्ति स्थापित की गई है, जिसे अरुण योगीराज ने बनाया है। अरुण योगीराज की कई पीढ़ियां मूर्तियां बनाने का काम करती रही हैं, लेकिन रामलला की मूर्ति बनाकर अरुण देश-दुनिया में काफी लोकप्रिय हो गए हैं।
साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल बने टीम इंडिया के नए गेंदबाजी कोच, जानें कब से शुरू होगा कॉन्ट्रैक्ट
#morne_morkel_appointed_as_team_india_bowling_coach
दक्षिण अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मोर्ने मोर्कल को भारतीय टीम का गेंदबाजी कोच बनाया गया है। मोर्कल का करार एक सितंबर से शुरू होगा।गौतम गंभीर की मांग पर भारतीय क्रिकेट कंट्रोल बोर्ड (बीसीसीआई) ने साउथ अफ्रीका के पूर्व तेज गेंदबाज मॉर्ने मॉर्कल को टीम इंडिया का नया गेंदबाजी कोच नियुक्त किया है। बोर्ड ने पूर्व भारतीय सलामी बल्लेबाज गौतम गंभीर को टीम इंडिया का मुख्य कोच नियुक्त किया था, लेकिन सहायक स्टाफ की घोषणा नहीं की थी।अभिषेक नायर और रयान टेन डोश्टे को बतौर असिस्टेंट कोच टीम में शामिल किया गया। वहीं अब भारत को उनका नया बॉलिंग कोच भी मिल गया।

क्रिकबज के अनुसार, मोर्ने मॉर्केल के भारतीय क्रिकेट टीम के नए बॉलिंग कोच का कॉन्ट्रैक्ट 1 सितंबर से शुरू होने वाला है। इस बात की जानकारी क्रिकबज को बीसीसीआई सचिव जय शाह ने दी है। मोर्ने मोर्केल शुरू से ही भारत के बॉलिंक कोच बनने की रेस में सबसे आगे चल रहे थे। मोर्केल आईपीएल में भारतीय टीम के हेड कोच गौतम गंभीर के साथ कोचिंग स्टाफ में काम कर चुके हैं। दोनों लखनऊ सुपर जायंट्स के साथ जुड़े हुए थे।इससे पहले, गंभीर और मोर्कल कोलकाता नाइट राइडर्स (केकेआर) टीम में भी तीन सीजन तक एक दूसरे के साथ काम कर चुके हैं।

मोर्कल का भारतीय टीम के साथ गेंदबाजी कोच के रूप में पहला काम बांग्लादेश के खिलाफ होने वाली दो मैचों की टेस्ट सीरीज होगा। दोनों टीमों के बीच यह सीरीज 19 सितंबर से शुरू होगी। मोर्कल के नाम की चर्चा महीने भर से चल रही थी, लेकिन अब आधिकारिक रूप से उन्होंने म्हांब्रे की जगह ले ली है। इसके साथ ही बीसीसीआई ने विदेशी कोच नहीं बनाने के अपने चलन में करीब एक दशक बाद बदलाव किया है। पूर्व मुख्य कोच डंकन फ्लेचर के बाद पहली बार कोई विदेशी भारतीय कोचिंग टीम का हिस्सा होगा।

आपको बता दें कि इंटरनेशनल क्रिकेट में भी मोर्ने मोर्केल को कोचिंग का अनुभव है। वह पाकिस्तान क्रिकेट टीम के बॉलिंग कोच रह चुके हैं। मोर्केल के टीम इंडिया के साथ जुड़ने के बाद भारत की तेज गेंदबाजी पहले से और बेहतर नजर आ सकती है।
'आरोपियों को बचाने की कोशिश', कोलकाता रेप-हत्या मामले पर राहुल गांधी ने तोड़ी चुप्पी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने बुधवार को कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ सामूहिक बलात्कार और हत्या पर दुख और आक्रोश व्यक्त किया और कहा कि देश भर में चिकित्सा समुदाय और महिलाओं के बीच असुरक्षा बढ़ रही है। गुरुवार रात की घटना के बाद अपनी पहली प्रतिक्रिया में गांधी ने मामले से निपटने की आलोचना की और शैक्षणिक और चिकित्सा संस्थानों में सुरक्षा उपायों पर सवाल उठाया।

लोकसभा में विपक्ष के नेता ने कहा, “कोलकाता में एक जूनियर डॉक्टर के साथ बलात्कार और हत्या की जघन्य घटना से पूरा देश स्तब्ध है। जिस तरह से उनके खिलाफ क्रूर और अमानवीय कृत्य की परतें खुल रही हैं, उससे डॉक्टर समुदाय और महिलाओं में असुरक्षा का माहौल है।” उन्होंने आरोपियों को बचाने के कथित प्रयासों पर भी निशाना साधा और  कहा कि इससे "अस्पताल और स्थानीय प्रशासन पर गंभीर सवाल" खड़े होते हैं।

लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष ने आगे कहा कि इस घटना ने हमें यह सोचने पर मजबूर कर दिया है कि अगर मेडिकल कॉलेज जैसी जगह में डॉक्टर सुरक्षित नहीं हैं, तो माता-पिता अपनी बेटियों को पढ़ाई के लिए बाहर कैसे भेज सकते हैं? निर्भया कांड के बाद बने सख्त कानून भी ऐसे अपराधों को रोकने में असफल क्यों हैं, मुझे आश्चर्य हुआ।

राहुल गांधी ने महिलाओं के खिलाफ हिंसा की बढ़ती घटनाओं से निपटने के लिए राष्ट्रीय संवाद और ठोस कदम उठाने का आग्रह किया।उन्होंने कहा, "हाथरस से लेकर उन्नाव और कठुआ से लेकर कोलकाता तक महिलाओं के खिलाफ लगातार बढ़ रही घटनाओं पर हर पार्टी को, समाज के हर वर्ग को गंभीर चर्चा करनी होगी और ठोस कदम उठाने होंगे।"

बलात्कार और हत्या का मामला, जिसके कारण डॉक्टरों और मेडिकल छात्रों ने व्यापक विरोध प्रदर्शन किया, अब कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के बाद केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) द्वारा जांच की जा रही है। घटना 8 अगस्त को हुई, जिसके बाद  पूरे देश में आक्रोश का माहौल है।  डॉक्टर्स स्ट्राइक पर है और न्याय की मांग कर रहे हैं।
लड़खड़ा रही चीन की अर्थव्यवस्था में ये कैसा व्यापार, अब लाशों को बेचकर भरी जा रहीं जेबें

#thousands_corpses_sold_in_china
चीन दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश है। हालांकि की हाल के सालों में चीनी अर्थव्यवस्था में नाटकीय रूप से गिरावट आ रही है।हालात ऐसे हैं कि यह अर्थव्यवस्था के कुछ क्षेत्रों में अपस्फीति (वस्तुओं और सेवाओं की कीमतों में गिरावट) के कगार पर पहुंच सकता है।शुक्रवार को जारी स्टेट एडमिनिस्ट्रेशन ऑफ फॉरेन एक्सचेंज के आंकड़ों के अनुसार, भुगतान संतुलन में चीन की प्रत्यक्ष निवेश देनदारियां अप्रैल-जून की अवधि में लगभग 15 बिलियन डॉलर कम हो गईं। इस बीच चीन से जुड़ी एक हैरान कर देने वाली खबर आ रही है। खबर आ रही है चीन में शवों का व्यापार हो रहा है।

चीन में एक ऐसे गैंग का भंडाफोड़ हुआ है जो श्मशान से लाश चुरा कर बेचता था। इस गैंग ने 4000 से अधिक लाशों की तस्करी कर ली थी। इन लाशों की तस्करी अंगों के लिए होती थी। मामले में चीन की एजेंसियों ने 75 लोगों को आरोपित बनाया है। पुलिस को ऐसे गैंग के बारे में पता चला है जो मृत लोगों के शरीर को श्मशान और मेडिकल लैब से चुरा कर बेच देता था। यह लाशें शांक्सी ओस्टेराइड बायोमेडिकल और हेन्गपू टेक्नोलॉजी नाम की कम्पनियों को बेचीं गई।

लाशें बेचने का यह सिलसिला 2015-23 के बीच चला और इससे लाशें बेचने वाले गैंग ने कम से कम ₹75 करोड़ बनाए। यह धंधा चीन यह धंधा चीन के सात राज्यों में चल रहा था और यहाँ से लाशों की तस्करी हो रही थी। चाइना डेली ने कहा कि अनहुई, ग्वांगडोंग, जियांग्सू, जियांग्शी, जिलिन, लियाओनिंग, सिचुआन और युन्नान प्रांतों में अधिकारियों की जांच में अंतिम संस्कार पार्लरों और इसी तरह के निकायों के कर्मचारियों द्वारा उल्लंघन के कई आरोप लगाए गए हैं।

रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस मामले में 70 से ज्यादा लोगों को पहले ही हिरासत में लिया जा चुका है। आरोप है कि श्मशान घाट के कर्मचारी गिरोह के साथ मिलकर काम कर रहे थे।
कानूनी पचड़े में फंसीं सपना चौधरी, कोर्ट ने जारी किया गैर जमानती वारंट, हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी का है मामला


हरियाणवी डांसर और सिंगर सपना चौधरी हमेशा किसी न किसी वजह के चलते सुर्खियों का हिस्सा बनी रहती हैं. लेकिन इस बार सपना चौधरी कानूनी पचड़े में फंसी हैं. सिंगर की मुश्किलें बढ़ती हुई नजर आ रही हैं. सपना पर गिरफ्तारी तक की तलवार लटकती हुई नजर आ रही हैं. दरअसल दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट ने सपना चौधरी के खिलाफ एक हाई-प्रोफाइल धोखाधड़ी मामले में गैर-जमानती वारंट जारी किया है.

दरअसल सपना को कोर्ट में पेश होना था. लेकिन वो दी हुई तारीख पर नहीं पहुंची. दिल्ली की तीस हजारी कोर्ट की चीफ ज्यूडिशियल मजिस्ट्रेट रश्मि गुप्ता ने मंगलवार को सपना चौधरी के कोर्ट में पेश न होने पर गैर-जमानती वारंट जारी कर दिया. इस मामले पर कोर्ट ने नाराजगी जाहिर करते हुए कहा कि, आरोपी (सपना चौधरी) की ओर से लास्ट सुनवाई पर पेशी से छूट मांगी गई थी. सपना मंगलवार को भी पेश नहीं हुई. सपना को फोन करने के बावजूद वह कोर्ट में पेश नहीं हुईं.


अब इस मामले में कोर्ट अगली सुनवाई 25 अक्टूबर को करेगी. कोर्ट ने अपने आदेश में कहा कि अगली सुनवाई तक आरोपी के खिलाफ गैर जमानती वारंट यानी NBW जारी किया जाता है. पूरे मामले की अगर बात करें तो पवन चावला नाम के शख़्स ने दिल्ली पुलिस में शिकायत दर्ज करवाते हुए कहा था कि सपना चौधरी ने उनसे पैसों की धोखाधड़ी की थी. पवन की शिकायत पर दिल्ली पुलिस ने 2021 में FIR दर्ज की थी.


बिग बॉस में नजर आई थीं सपना चौधरी

सपना चौधरी पर आरोप है कि उन्होंने पवन से बिजनेस के बहाने पैसे लिए थे, लेकिन उन्होंने और उनके परिवार ने पैसों का इस्तेमाल किसी और काम के लिए कर लिया. इस मामले में सपना चौधरी के खिलाफ दिल्ली पुलिस की आर्थिक अपराध शाखा यानी EOW चार्जशीट दाखिल कर चुकी है. 28 मई, 2024 को कोर्ट ने IPC की धारा 420 और धारा 406 के तहत अपराध का संज्ञान लिया था. लेकिन भेजे गए समन के बावजूद भी सपना चौधरी कोर्ट में पेश नहीं हुई थी.
बांग्लादेश के हिंदुओं की रक्षा करेंगे नागा साधु, कूच करने को तैयार, बोले- हमारा जन्म सनातन की रक्षा के लिए हुआ, सरकार हमें...



बांग्लादेश में हिंदुओं की रक्षा अब हमारे नागा साधु करेंगे। हजारों की संख्या में नागा साधु बांग्लादेश कूच करने को तैयार हैं। उन्होंने इसके लिए भारत सरकार से इजाजत मांगी है। साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्य़क्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा कि बांग्लादेश में हिंदुओं पर हो रहे अत्याचार असहनीय हैं। अगर भारत सरकार अनुमति दे तो यहां के नागा संन्यासी, जिनका जन्म सनातन की रक्षा के लिए हुआ है, हिंदुओं की रक्षा के लिए बांग्लदेश मार्च करने के लिए तैयार हैं।

बता दें कि बांग्लादेश में शेख हसीना सरकार के तख्तापलट के बाद फैली हिंसा में कट्टरपंथियों ने जमकर उत्पात मचाते हुए हिंदुओं को निशाना बनाया। तख्तापलट के अंतरिम सरकार बनने के बाद भी हिंदुओं पर हमले जारी है। हिंदू घरों और मंदिरों पर लगातार हमले ने संत समाज का आक्रोशित कर दिया है। इसे लेकर विगत मंगलवार (13 अगस्त) को साधु-संतों की सर्वोच्च संस्था अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद  ने हरिद्वार में एक बैठक की। बैठक में हिंदुओं पर हो रहे हमलों को लेकर चर्चा हुई। इसके बाद परिषद ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हो रही हिंसा की निंदा करते हुए संयुक्त राष्ट्र से सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया।


संयुक्त राष्ट्र महासचिव एंटोनियो गुटेरेस को लिखे लेटर में परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा है कि बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों के खिलाफ हो रहे अपराधों के बारे में अभी पूरी दुनिया चुप है। महंत रविंद्र पुरी ने लिखा कि- हमें आशा है कि आप अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के संतों की भावनाओं को समझेंगे और बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा और उनके उत्पीड़न पर नियंत्रण के लिए आवश्यक कदम उठाएंगे। पुरी ने बांग्लादेश में हिंदुओं के खिलाफ हिंसा की लहर की निंदा करते हुए सर्वसम्मति से एक प्रस्ताव पारित करने का आग्रह किया है।

वहीं महंत रविंद्र पुरी ने यह भी कहा कि अगर भारत सरकार इजाजत देती है तो बांग्लादेश में हिंदू अल्पसंख्यकों को बचाने के लिए नागा साधु उस देश तक कूच करने के लिए तैयार हैं। बता दें कि बांग्लादेश के कट्टरपंथी मुस्लिम (Fundamentalist Muslim) ने देश के 27 जिलों में हिंदुओं का कत्लेआम किया। उनके घरों और प्रतिष्ठान को निशाना बनाया।


वहीं घरों में लूटपाट करने के बाद आग के हवाले कर दिया। वहीं कट्टरपंथियों ने 50 से ज्यादा मंदिर फूंक दिए। पूरे देश में दंगाई आतंक का तांडव नृत्य किया। बांग्लादेश डेली स्टार की रिपोर्ट के मुताबिक, सोमवार की रात देश के 27 जिलों में हिंदुओं के घरों और दुकानों पर हमले किए। दंगाइयाें ने टोली या छोटे-छोटे झुंड बनाकर हिंदू बस्तियों पर धावा बोला। हिंदुओं के घरों में घुसकर लोगों को मारपीट कर बाहर निकाला। पूरा सामान लूटने के बाद आग के हवाले कर दिया। विरोध करने वाले हिंदुओं को पीट-पीट कर मौत के घाट उतार दिया था।
और कब तक भारत में रहेगीं शेख हसीना, बांग्लादेशी नेता का प्रवास कितनी बड़ी चुनौती?
#india_face_challenges_after_bangladesh_ex_pm_sheikh_hasina
5 अगस्त को बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद पूर्व पीएम शेख हसीना भाग कर भारत आई हैं। इससे एक बात तो साफ हो गई कि इस सबसे मुश्किल वक्त में भी भारत शेख हसीना के साथ ही खड़ा रहा। अब तक किसी दूसरे देश से शेख हसीना के शरण की बात सामने नहीं है। एक तरफ तो अमेरिका ने हसीना का वीजा रद्द कर दिया है, जबकि यूनाइटेड किंगडम ने सुझाव दिया है कि वह जिस भी सुरक्षित देश में पहुंचें, वहां शरण ले लें। ऐसे में शेख हसीना का भारत में अस्थायी प्रवास शीघ्र समाप्त होने की संभावना नहीं है। माना जा रहा है कि जब तक हसीना को कहीं और शरण नहीं मिलती, तब तक वह भारत में ही रहेंगी।

शेख हसीने के भारत में अस्थायी प्रवास का दोनों देशों के बीच संबंधों पर असर पड़ना तय है। इसमें कोई शक नहीं है कि मोदी सरकार ने शेख हसीना को शरण देकर अच्छा किया, लेकिन इसके नतीजे में बांग्लादेश में भारत विरोधी भावनाएं और बढ़ सकती हैं। वहां भारत विरोधी तत्व पहले से ही सक्रिय थे। शेख हसीना उन पर लगाम लगा रही थीं, लेकिन उनके भारत आने और बांग्लादेश लौटने की संभावनाएं शून्य होने के साथ ही पश्चिम ने जिस प्रकार उनसे मुंह मोड़ा, उससे साफ है कि भारत को बांग्लादेश में अपने हित सुरक्षित करना और कठिन हो सकता है।

भारत की समस्या केवल यह नहीं है कि वह बांग्लादेश में अपने हितों की रक्षा कैसे करे, बल्कि यह भी है कि वहां के अल्पसंख्यकों और विशेष रूप से हिंदुओं को कैसे बचाए? आरक्षण विरोध के बहाने शेख हसीना को सत्ता से हटाने के आंदोलन के दौरान हिंदुओं पर छिटपुट हमले ही हो रहे थे, लेकिन तख्तापलट के बाद तो उनकी शामत ही आ गई है। बांग्लादेश का शायद ही कोई ऐसा इलाका हो, जहां से हिंदुओं के घरों, दुकानों और मंदिरों को निशाना बनाए जाने की खबरें न आ रही हों। शेख हसीना के शासन में बांग्लादेश के जो हिंदू खुद को थोड़ा-बहुत सुरक्षित महसूस करते थे, वे फिलहाल असहाय-निरुपाय दिख रहे हैं।
चिंता की बात यह है कि सेना उनकी रक्षा को उतनी तत्पर नहीं दिख रही, जितना उसे दिखना चाहिए। भारत को बांग्लादेश के हिंदुओं को बचाने के लिए कुछ करना होगा, अन्यथा उनका वैसा ही बुरा हाल होगा, जैसे अफगानिस्तान में हुआ और पाकिस्तान में हो रहा है।
जम्मू-कश्मीर के डोडा एनकाउंटर में आर्मी कैप्टन शहीद, 4 आतंकियों के मारे जाने की खबर
#army_officer_martyred_in_jammu_kashmir_doda_encounter_4_terrorists_killed डोडा के अस्सर इलाके में सुरक्षाबलों और आतंकियों के बीच मुठभेड़ की खबर है। इस मुठभेड़ में चार आतंकियों के मारे जाने की जानकारी सामने आ रही है। वहीं, भारतीय सेना के 48 राष्ट्रीय राइफल्स के एक कैप्टन बलिदान हो गए एक रक्षा अधिकारी ने बताया कि डोडा जिले में चल रहे ‘ऑपरेशन असर’ के दौरान एक्शन में भारतीय सेना के एक अधिकारी शहीद हो गए। इनकी पहचान 48 राष्ट्रीय राइफल्स के कैप्टन दीपक के रूप में की गई हैं।

सुरक्षाबलों ने शिवगढ़-अस्सर बेल्ट में छिपे आतंकवादियों के एक ग्रुप को घेर रखा है। साथ ही इलाके में तलाशी अभियान भी चलाया जा रहा है। घने जंगल होने की वजह से जवानों को कठनाई का सामना करना पड़ रहा है। जवानों को आतंकियों के कब्जे से एक एम-4 राइफल और 3 बैग मिले हैं।

ये मुठभेड़ बीते दिन पटनीटॉप से सटे जंगल अकर इलाके में शुरू हुई थी।मंगलवार को उधमपुर की तहसील रामनगर के डूडू बसंतगढ़ के पहाड़ी क्षेत्र में चार आतंकवादी देखे गए थे। देर शाम आतंकियों की मौजूदगी पर सुरक्षाबलों ने तलाशी अभियान चलाया। अपनी तरफ सुरक्षाबलों का घेरा बढ़ता देख आतंकी सियोजधार के रास्ते अस्सर होते हुए जिला डोडा की तरफ निकल गए।

इस बीच सेना को खबर मिली कि ये आतंकी अकर क्षेत्र में एक नदी के पास छिपे हैं। इसके बाद भारतीयों जवानों ने वहां धावा बोल दिया, जहां खुद को घिरा देखकर आतंकियों ने गोलियां बरसानी शुरू कर दीं। इस फायरिंग में एक आर्मी ऑफिसर घायल हो गए थे, जिन्होंने बाद में दम तोड़ दिया।

जम्मू-कश्मीर में हाल के दिनों में आतंकी गतिविधियां बढ़ी हैं। पिछले पांच दिनों में यह चौथी मुठभेड़ है। इससे पहले 11 अगस्त को किश्तवाड़ जिले के जंगलों में आतंकियों और सुरक्षाबलों के बीच फायरिंग हुई थी। इसी दिन उधमपुर में बसंतगढ़ के जंगलों में भी सेना और सुरक्षाबलों के बीच गोलीबारी हुई थी।  वहीं 10 अगस्त को अनंतनाग के कोकरनाग में आतंकियों की फायरिंग से हवलदार दीपक कुमार यादव और लांस नायक प्रवीण शर्मा शहीद हो गए थे। 3 जवान और 2 नागरिक घायल हुए थे।
दिल्ली शराब घोटाला जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, सीबीआई की गिरफ्तारी को दी थी चुनौती
#arvind_kejriwal_hearing_on_bail_supreme_court_issues_notice_to_cbi

दिल्ली शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को आज भी राहत नहीं मिल पाई।केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की ओर से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए जमानत अंतरिम मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 23 अगस्त तक जवाब मांगा है और उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कोर्ट स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल अंतरिम जमानत की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अंतरिम जमानत पर फिलहाल विचार नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयान की पीठ ने जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाली दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए  5 अगस्त को मुख्यमंत्री की गियाचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई गलत नहीं है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए आप गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
मुल्क छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या-क्या कहा?*
#hasina_issued_her_first_statement_after_leaving_bangladesh

शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज करने के बाद आया है। शेख हसीना ने सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में बांग्लादेश में जुलाई माह के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है।उनके बयान को बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इस बयान में उन्होंने बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों के अपमान और उनके निवास स्थान पर हुई आगजनी को लेकर भी अपना दुख जाहिर किया है। *परिवार के बलिदान को किया याद* बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपने एक्स अकाउंट पर अपनी मां का पहला बयान पोस्ट किया। जिसमें कहा गया है, प्रिय देशवासियों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनके प्रति गहरा सम्मान रखें। उसी समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल और मेरे 10 वर्ष के छोटे भाई शेख रसेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मेरे इकलौते चाचा लकवाग्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान, स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ और 13 साल की बेटी बेबी, 4 साल का पोता सुकांत, स्वतंत्रता सेनानी, शहीद पत्रकार भतीजे रेंटू समेत कई अन्य की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। मैं 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। *आंदोलन के नाम पर आतंकवादी हमले* हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि पिछली जुलाई से देश में आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई जानें जा रही हैं। आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप मारे गए छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, महिला पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल यात्रियों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं। उन लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो मेरी तरह अपने रिश्तेदारों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इस हत्या और बर्बरता की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए। *बंगबंधु भवन को लेकर जताया दुख* शेख हसीना ने कहा कि प्रिय देशवासियों हम दोनों बहनों ने 15 अगस्त 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नारकीय हत्या की स्मृति वाले घर को बंगाल की जनता को समर्पित किया। इसमें एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। यह संग्रहालय आज़ादी का स्मारक है। यह आज धूल भरी है। यह स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। यह बहुत दुखद है। *हसीने ने देशवासियों से की न्याय की अपील* राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, अपनी पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह बांग्लादेश के लोगों को आशीर्वाद दे। खुदा हाफ़िज़। जय बांग्ला जय बंगबंधु।