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दिल्ली शराब घोटाला जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को नहीं मिली राहत, सीबीआई की गिरफ्तारी को दी थी चुनौती
#arvind_kejriwal_hearing_on_bail_supreme_court_issues_notice_to_cbi

दिल्ली शराब घोटाला केस में तिहाड़ जेल में बंद अरविंद केजरीवाल को आज भी राहत नहीं मिल पाई।केजरीवाल ने कथित आबकारी नीति घोटाले से जुड़े भ्रष्टाचार के मामले में सीबीआई की ओर से उनकी गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देते हुए जमानत अंतरिम मांगी है। सुप्रीम कोर्ट ने सीबीआई से 23 अगस्त तक जवाब मांगा है और उन्हें अंतरिम जमानत देने से इनकार कर दिया है।

सीएम केजरीवाल की ओर से वरिष्ठ वकील अभिषेक मनु सिंघवी ने सुप्रीम कोर्ट में पक्ष रखा. सिंघवी ने कहा कि प्रवर्तन निदेशालय के मामले में केजरीवाल को अंतरिम जमानत मिल चुकी है। उन्होंने कोर्ट स्वास्थ्य कारणों का हवाला देते हुए तत्काल अंतरिम जमानत की मांग की, जिस पर सुप्रीम कोर्ट ने इनकार कर दिया। जस्टिस सूर्यकांत ने कहा कि अंतरिम जमानत पर फिलहाल विचार नहीं करेंगे।

सुप्रीम कोर्ट में जस्टिस सूर्यकांत और जस्टिस उज्जवल भुयान की पीठ ने जांच एजेंसी सीबीआई द्वारा गिरफ्तारी को बरकरार रखने के दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश के खिलाफ अरविंद केजरीवाल की याचिका पर सीबीआई को नोटिस जारी किया।

बता दें कि अरविंद केजरीवाल ने सीबीआई की गिरफ्तारी को वैध ठहराने वाली दिल्ली हाईकोर्ट के आदेश को चुनौती दी है।दिल्ली उच्च न्यायालय ने सीबीआई द्वारा की गई गिरफ्तारी को वैध ठहराते हुए  5 अगस्त को मुख्यमंत्री की गियाचिका को खारिज कर दिया था। कोर्ट ने कहा था कि सीबीआई की कार्रवाई गलत नहीं है। क्योंकि मुख्यमंत्री रहते हुए आप गवाहों को प्रभावित कर सकते हैं।
मुल्क छोड़ने के बाद शेख हसीना ने तोड़ी चुप्पी, जानें क्या-क्या कहा?*
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शेख हसीना ने बांग्लादेश से भागने के बाद पहली बार सार्वजनिक रूप से बयान दिया है। हसीना का यह बयान उनके खिलाफ बांग्लादेश में हत्या का मामला दर्ज करने के बाद आया है। शेख हसीना ने सत्ता से हटने और देश छोड़ने के बाद अपने पहले बयान में बांग्लादेश में जुलाई माह के दौरान हुई हत्याओं और बर्बरता में शामिल लोगों के लिए सजा की मांग की है।उनके बयान को बेटे सजीब वाजेद जॉय ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर किया है। इस बयान में उन्होंने बांग्लादेश के निर्माता शेख मुजीबुर्रहमान की मूर्तियों के अपमान और उनके निवास स्थान पर हुई आगजनी को लेकर भी अपना दुख जाहिर किया है। *परिवार के बलिदान को किया याद* बांग्लादेश की पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना के बेटे सजीब वाजेद जॉय ने अपने एक्स अकाउंट पर अपनी मां का पहला बयान पोस्ट किया। जिसमें कहा गया है, प्रिय देशवासियों, 15 अगस्त 1975 को बांग्लादेश के राष्ट्रपति, राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर्रहमान की निर्मम हत्या कर दी गई थी। उनके प्रति गहरा सम्मान रखें। उसी समय मेरी मां बेगम फजीलतुन्नैसा, मेरे तीन भाई स्वतंत्रता सेनानी कैप्टन शेख कमाल, स्वतंत्रता सेनानी लेफ्टिनेंट शेख जमाल, कमाल और जमाल की नवविवाहित दुल्हन सुल्ताना कमाल और रोजी जमाल और मेरे 10 वर्ष के छोटे भाई शेख रसेल की बेरहमी से हत्या कर दी गई। मेरे इकलौते चाचा लकवाग्रस्त स्वतंत्रता सेनानी शेख नासिर, राष्ट्रपति के सैन्य सचिव ब्रिगेडियर जमील उद्दीन, पुलिस अधिकारी सिद्दीकुर रहमान, स्वतंत्रता सेनानी शेख फजलुल हक मोनी और उनकी गर्भवती पत्नी आरजू मोनी, कृषि मंत्री स्वतंत्रता सेनानी अब्दुर रब सरनियाबाद, उनके 10 वर्षीय बेटे आरिफ और 13 साल की बेटी बेबी, 4 साल का पोता सुकांत, स्वतंत्रता सेनानी, शहीद पत्रकार भतीजे रेंटू समेत कई अन्य की बेरहमी से हत्या कर दी गयी। मैं 15 अगस्त को शहीद हुए सभी लोगों की आत्मा की शांति के लिए प्रार्थना करती हूं और शहीदों को श्रद्धांजलि अर्पित करती हूं। *आंदोलन के नाम पर आतंकवादी हमले* हसीना ने अपने बयान में आगे कहा कि पिछली जुलाई से देश में आंदोलन के नाम पर तोड़फोड़, आगजनी और हिंसा में कई जानें जा रही हैं। आतंकवादी हमलों के परिणामस्वरूप मारे गए छात्रों, शिक्षकों, पुलिसकर्मियों, महिला पुलिस अधिकारियों, पत्रकारों, सांस्कृतिक कार्यकर्ताओं, कामकाजी लोगों, अवामी लीग और सहयोगी संगठनों के नेताओं और कार्यकर्ताओं, पैदल यात्रियों और विभिन्न संस्थानों के श्रमिकों के प्रति मैं अपनी संवेदना व्यक्त करती हूं और आत्मा की शांति की प्रार्थना करती हूं। उन लोगों के प्रति मेरी संवेदनाएं जो मेरी तरह अपने रिश्तेदारों को खोने के दर्द के साथ जी रहे हैं। मैं मांग करती हूं कि इस हत्या और बर्बरता की उचित जांच की जाए और दोषियों की पहचान कर उन्हें उचित सजा दी जाए। *बंगबंधु भवन को लेकर जताया दुख* शेख हसीना ने कहा कि प्रिय देशवासियों हम दोनों बहनों ने 15 अगस्त 1975 को धनमंडी बंगबंधु भवन में हुई नारकीय हत्या की स्मृति वाले घर को बंगाल की जनता को समर्पित किया। इसमें एक स्मारक संग्रहालय बनाया गया था। देश के आम लोगों से लेकर देश-विदेश के गणमान्य लोग इस सदन में आ चुके हैं। यह संग्रहालय आज़ादी का स्मारक है। यह आज धूल भरी है। यह स्मृति हमारे जीवित रहने का आधार थी, वह जलकर राख हो गयी है। यह बहुत दुखद है। *हसीने ने देशवासियों से की न्याय की अपील* राष्ट्रपिता बंगबंधु शेख मुजीबुर रहमान, जिनके नेतृत्व में हमने एक स्वतंत्र राष्ट्र के रूप में आत्म-सम्मान प्राप्त किया, अपनी पहचान पाई और एक स्वतंत्र देश प्राप्त किया, उनका घोर अपमान किया गया है। उन्होंने लाखों शहीदों के खून का अपमान किया। मैं देशवासियों से न्याय चाहती हूं। मैं आपसे 15 अगस्त को राष्ट्रीय शोक दिवस को उचित गरिमा और गंभीरता के साथ मनाने की अपील करती हूं। बंगबंधु भवन में पुष्प माला चढ़ाकर और प्रार्थना कर सभी आत्माओं की मुक्ति के लिए प्रार्थना करें। अल्लाह बांग्लादेश के लोगों को आशीर्वाद दे। खुदा हाफ़िज़। जय बांग्ला जय बंगबंधु।
ट्रेनी डॉक्टर के रेप-मर्डर की जांच के लिए कोलकाता पहुंची सीबीआई की टीम, सामने होंगी ये चुनौतियां

#rg_kar_medical_college_and_hospital_rape_murder_case_cbi_investigation

पश्चिम बंगाल में महिला डॉक्टर से रेप-मर्डर की निष्पक्ष जांच की मांग पर देशभर में जारी डॉक्टरों की हड़ताल के बीच कलकत्ता हाई कोर्ट ने मामला सीबीआई को सौंप दिया है। कलकत्ता हाई कोर्ट के आदेश के बाद सीबीआई की टीम कोलकाता पहुंची है। दिल्ली से सीबीआई के अफसर कोलकाता पहुंच गई है। कोलकाता पुलिस मामले से जुड़े सभी दस्तावेज सीबीआई को सौंपेगी। जिसके बाद सीबीआई की टीम फोरेंसिक टीम के साथ मौका-ए-वारदात का दौरा करेंगे।

इससे पहले केंद्रीय अन्वेषण ब्यूरो (सीबीआई) ने हत्याकांड की जांच मंगलवार को अपने हाथ में ले ली थी। एजेंसी ने कलकत्ता उच्च न्यायालय के आदेश के कुछ ही घंटों के अंदर सभी औपचारिकताएं पूरी कर लीं थीं। जांच एजेंसी में सीबीआई ने नई एफआईआर दर्ज की है। इसके मद्देनजर सीबीआई की दिल्ली से एक टीम मामले कोलकाता पहुंची। सीबीआई ने दिल्ली से एक विशेष चिकित्सा और फोरेंसिक टीम भेजी है। कोलकाता पहुंचने के बाद टीम सबसे पहले न्यू टाउन राजारहाट में बीएसएफ-दक्षिण बंगाल फ्रंटियर के अधिकारियों से मिलने पहुंची।

सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश!

हालांकि, जिस तरह के हालात पैदा हुए हैं, उस वजह से जांच के दौरान सीबीआई को केस से जुड़े सबूतों को लेकर काफी परेशानी हो सकती है।दरअसल, सीबीआई के मौके पर पहुंचने से पहले ही हैरान कर देने वाला वीडियो सामने आया है। जानकारी के मुताबिक, मेडिकल कॉलेज में जिस जगह पर डॉक्टर के साथ हैवानियत हुई है, उसी जगह के पास तोड़फोड़ की जा रही है। रेजिडेंट डॉक्टर के कमरे से सटे कमरे की मरम्मत की जा रही है और आरोप है कि सेमिनार रूम से जुड़े साक्ष्यों से जानबूझकर छेड़छाड़ की जा रही है। ऐसे में सवाल उठाया जा रहा है कि क्या सीबीआई के आने से पहले सबूतों से छेड़छाड़ की कोशिश तो नहीं हो रही है?

कोलकाता लेडी डॉक्टर से गैंगरेप की आशंका

वहीं, हत्या और रेप के इस मामले में चौंकाने वाला खुलासा हुआ है। महिला डॉक्टर की पोस्टमार्टम रिपोर्ट का हवाला देते हुए डॉ. सुबर्नो गोस्वामी ने कहा कि पीड़िता के शरीर जिस प्रकार की चोटें पाई गई हैं वह एक व्यक्ति से संभव नहीं है। गोस्वामी ने कहा कि फॉरेंसिक एक्सपर्ट ने जो सैंपल लिए हैं। उसमें मृतक लेडी डॉक्टर के प्राइवेट पार्ट काफी मात्रा में सीमेन मिला है। इसकी मात्रा करीब 151 ग्राम के करीब है। गोस्वामी ने कहा कि इतना सीमेन सिर्फ एक से अधिक व्यक्तियों के शामिल होने पर ही संभव है।

केवल पिता को शव देखने की मिली इजाजत

इस बीच, ट्रेनी डॉक्टर के परिवार और रिश्तेदार की ओर से सामने आ रही बातें कई तरह कई सवाल खड़े कर रही हैं। परिवार का कहना है कि हॉस्पिटल अथॉरिटी ने उन्हें फोन करके कहा कि उनकी बेटी ने आत्महत्या कर ली है। फिर जब वे हॉस्पिटल में शव देखने पहुंचे, उन्हें अस्पताल के बाहर तीन घंटे तक इंतजार करना पड़ा, इंडिया टुडे की रिपोर्ट के मुताबिक, एक रिश्तेदार ने बताया, ‘तीन घंटे बाद… पिता को अंदर जाने, बेटी का शव देखने की अनुमति दी..बेटी की केवल एक तस्वीर क्लिक करने की अनुमति दी गई जिसे उन्होंने बाहर आने पर हमें दिखाया… इस रिश्तेदार ने बताया कि उसके शरीर पर कोई कपड़ा नहीं था… उसके पैर 90 डिग्री अलग-अलग थे… ऐसा तब तक नहीं हो सकता जब तक कि पेल्विक गर्डल टूट न जाए.. इसका साफ मतलब है कि वह दो भागों में एकदम चीर दी गई थी… वह बताते हैं कि बेटी का चश्मा टूटा हुआ था.. ये ही शीशे उसकी आंखों में घुस गए थे.. उसे गला घोंटकर मारा गया…

विनेश फोगाट पर तीसरी बार फैसला टला,16 अगस्त को होगा ऐलान

भारत की स्टार रेसलर विनेश फोगाट की किस्मत पर फैसला एक बार फिर टल गया है. पेरिस ओलंपिक में अपने डिस्क्वालिफिकेशन के खिलाफ कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन (CAS) में अपील करने वाली विनेश फोगाट का इंतजार और बढ़ गया है.

 विनेश ने खुद को सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग करते हुए अपील की थी, जिस पर 9 अगस्त को सुनवाई भी हुई थी और उसी शाम फैसला आने की बात की गई थी लेकिन इसे फिर 10 अगस्त तक टाल दिया गया था. 10 अगस्त को भी फैसला नहीं आया और 13 अगस्त को फैसले की तारीख तय की गई थी लेकिन अब एक बार फिर CAS ने इसे 3 दिन के लिए टाल दिया है. अब ये फैसला 16 अगस्त को रात 9.30 बजे (भारतीय समयानुसार) सुनाया जाएगा.

क्या है मामला?

पिछले करीब एक हफ्ते से देश-दुनिया की मीडिया और सोशल मीडिया पर ये मुद्दा छाया हुआ है. 

इसकी शुरुआत 6 अगस्त को पेरिस ओलंपिक में हुई थी. उस दिन महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में विनेश फोगाट ने पहले ही राउंड में जापान की वर्ल्ड नंबर-1 युई सुसाकी को हराकर तहलका मचा दिया था. इसके बाद विनेश ने अपना क्वार्टर फाइनल मैच भी आसानी से जीता और शाम को क्यूबा की गुजमैन लोपेज को सेमीफाइनल में हराते हुए फाइनल में जगह बनाई थी. वो ओलंपिक के फाइनल में पहुंचने वाली भारत की पहली महिला पहलवान बन गईं थी. 

इसके साथ ही उनका मेडल भी पक्का हो गया था, जो गोल्ड भी हो सकता था और कम से कम सिल्वर मेडल तो तय ही था.

फिर अगले दिन यानी 7 अगस्त को फाइनल होना था लेकिन फाइनल से पहले नियम के मुताबिक सुबह फिर से वजन नापा जाना था. यहीं पर विनेश का वजन तय 50 किलो से 100 ग्राम ज्यादा पाया गया और UWW के नियमों के मुताबिक उन्हें अयोग्य घोषित करते हुए फाइनल से बाहर कर दिया गया. UWW के नियम इतने कठोर हैं कि सिर्फ फाइनल ही नहीं, बल्कि पूरे इवेंट से ही उन्हें बाहर करते हुए उनके सारे नतीजे भी रद्द कर दिए गए और संभावित सिल्वर मेडल भी छीन लिया गया. उन्हें 12 पहलवानों में सबसे अंत में रखा गया.

विनेश की अपील और सुनवाई

इस नियम और इस नतीजे के खिलाफ ही विनेश ने 7 अगस्त की शाम को ही CAS में अपील दाखिल की. विनेश की मांग थी कि फाइनल को रोका जाए और उन्हें उनकी जगह वापस मिले, जिसे CAS ने ये कहकर ठुकरा दिया था कि वो फाइनल को नहीं रोक सकते. इसके बाद विनेश ने अपील में संशोधन करते हुए संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की. उनकी दलील है कि सिर्फ फाइनल वाले दिन उनका वजन ज्यादा था लेकिन पहले दिन तीनों मैच उन्होंने तय वजन सीमा के अंदर खेले थे. CAS ने 9 अगस्त को 3 घंटे तक इसकी सुनवाई की, जिसमें भारतीय ओलंपिक संघ भी पक्षकार बना, जबकि इंटरनेशनल ओलंपिक कमेटी और UWW ने भी अपने पक्ष रखे. पहले इस पर सुनवाई के बाद ही फैसला आना था लेकिन फिर 10 अगस्त को फैसला आना था लेकिन इसे 13 अगस्त के लिए टाल दिया गया था.

कल 15 अगस्त को राजधानी पटना की बदली रहेगी यातायात व्यवस्था, घर से निकलने से पहले जान ले पूरा रुट

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के मौके पर पटना के एतिहासिक गांधी मैदान में राजकीय समारोह का आयोजन होगा। जिसमें सीएम नीतीश कुमार सहित कई वीवीआईपी शिरकत करेंगे। सुरक्षा के मद्देनजर स्वतंत्रता दिवस के दिन राजधानी पटना के यातायात व्यवस्था में बदलाव किया गया है। गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहन नहीं चलेंगे। सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक कई मार्ग बंद रहेंगे।

ट्रैफिक एसपी अशोक कुमार चौधरी ने बताया कि मुख्य सड़कों पर वाहनों की पार्किंग पर भी प्रतिबंधित रहेगा। व्यावसायिक वाहनों के आवागमन पर भी रोक रहेगी। इन वाहनों को परिवर्तित मार्ग से गंतव्य के लिए भेजा जाएगा। ऐसा करने वालों के खिलाफ कार्रवाई के साथ ही पुलिस उनके वाहन जब्त करेगी।

यातायात पुलिस के अधिकारी ने बताया कि गांधी मैदान में मुख्यमंत्री सुबह नौ बजे तिरंगा फहराएंगे। फ्रेजर रोड पर डाकबंगला चौराहा से जेपी गोलम्बर के रास्ते मुख्यमंत्री और उपमुख्यमंत्री सहित वीवीआईपी का कारकेड गांधी मैदान में आएगा। वीवीआईपी के आवागमन में कोई बाधा उत्पन्न ना हो और सुरक्षा को लेकर 15 अगस्त की सुबह सात बजे से समारोह की समाप्ति तक गांधी मैदान और आसपास की सड़कों पर आम वाहनों के प्रवेश पर प्रतिबंध रहेगा। वीवीआईपी और आपातकालीन वाहनों को छोड़कर किसी भी वाहन को न्यू डाकबंगला रोड से एसपी वर्मा रोड में प्रवेश नहीं दिया जाएगा।

सिटी बसें, ऑटो और व्यावसायिक वाहन वैकल्पिक मार्ग से चलेंगे। चिरैयाटाड़ दुर्गा मंदिर के ऊपर और नीचे से गोरिया टोली की तरफ और जीपीओ गोलंबर से मालवाहक का परिचालन बुद्ध मार्ग में नहीं होगा। आर ब्लॉक गोलंबर आयकर गोलंबर की और इन वाहनों के चलने पर रोक रहेगी। नेहरू पथ पर डुमरा चौकी से भट्टाचार्या चौराहा तक व पुलिस लाइन तिराहा से व्यावसायिक वाहन पूरब गांधी मैदान की ओर नहीं जएंगे। इंजीनियरिंग कॉलेज से सिटी बसें गांधी चौराहा, मछुआटोली दरियापुर तिराहा से नाला रोड-पीरमुहानी-सीडीए बिल्डिंग गोलंबर-गोरियाटोली होते हुए पटना जंक्शन जायेंगी एवं इसी मार्ग से आ सकेंगी। सिटी की ओर से आने वाले ऑटो / ई-रिक्शा मुसल्लहपुर हाट होते हुए बारी पथ में खजांची रोड तक आएंगे।

कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों पर सख्त हुआ राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग, 400 सीओ समेत 37 जिलों के इन पदाधिकारियों को शोकॉज नोटिस

डेस्क : बिहार का राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग कार्य में कोताही बरतने वाले पदाधिकारियों के खिलाफ सख्ती शुरु कर दिया है। विभाग ने योजनाओं का सही तरीके से क्रियान्वयन नहीं करने वाले सीओ समेत संबंधित पदाधिकारियों के खिलाफ कार्रवाई शुरू कर दी है। जमीन से संबंधित दस्तावेज और अभिलेख की ऑनलाइन कॉपी मुहैया कराने को लेकर डिजिटल हस्ताक्षर करने में लापरवाही बतरने वाले 400 सीओ और 37 जिलों के जिला अभिलेखागार पदाधिकारी को विभाग ने शोकॉज किया गया है। इन्हें 15 दिनों में इसका कारण बताने का निर्देश दिया गया है।

हाल ही विभागीय मंत्री डॉ. दिलीप कुमार जायसवाल की अध्यक्षता में हुई बैठक में कार्रवाई करने का निर्णय लिया गया। इसके बाद सचिव जय सिंह के स्तर से इससे संबंधित आदेश जारी किया गया है। 

गौरतलब है कि राजस्व एवं भूमि सुधार विभाग ने जमीन से संबंधित दस्तावेज या अभिलेखों की स्कैन कॉपी ऑनलाइन मुहैया कराने की योजना शुरू कर रखी है। दस्तावेजों की श्रेणी के आधार पर जिला अभिलेखागार पदाधिकारी और सीओ (अंचलाधिकारी) का डिजिटल हस्ताक्षर अनिवार्य है, तभी यह दस्तावेज वैध माना जाता है। मगर इसमें लापरवाही बरतने के मामले उजागर हुए हैं। 

विभागीय समीक्षा में यह बात सामने आई कि जमीन दस्तावेजों की ऑनलाइन कॉपी जारी करने से संबंधित अब तक 14 हजार 495 आवेदन आए हैं। इनमें 4 हजार 888 आवेदन डिजिटल हस्ताक्षर करके सीओ और संबंधित जिला अभिलेखागार पदाधिकारी ने जारी किए। मगर 9 हजार 408 मामले ऐसे हैं, जो 90 दिनों यानी 3 महीने से अधिक समय से लंबित पड़े हैं। इसके मद्देनजर सभी संबंधित पदाधिकारियों से कारण पूछा गया है। ऑनलाइन दस्तावेज जारी करने वाली इस योजना में सीओ समेत संबंधित पदाधिकारी के पास आवेदनों को रद्द करने का अधिकार नहीं होता है।

इस कारण इनके पास ये सभी आवेदन लंबित दिख रहे हैं। पदाधिकारियों को नियमानुसार, दो से तीन दिन में इन्हें जारी कर देना होता है।

स्वतंत्रता दिवस पर गांधी मैदान के आसपास सुरक्षा का होगा पुख्ता इंतजाम, 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान रहेंगे तैनात*

डेस्क : कल गुरुवार 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस को लेकर पटना जिला प्रशासन द्वारा सुरक्षा को पुख्ता इंतजाम किए गए है। स्वतंत्रता दिवस के मौके पर गांधी मैदान के आसपास 98 मजिस्ट्रेट और एक हजार जवान तैनात रहेंगे। आम जनता का प्रवेश गेट संख्या 4,5, 6 और 7 से होगा। इसस बाबत परेड का अंतिम पूर्वाभ्यास मंगलवार को किया गया। सुबह आठ बजे पूर्वाभ्यास शुरू हुआ। शहीद-ए- करगिल स्मृति स्थल पर माल्यार्पण करने के बाद आयुक्त कुमार रवि ने परेड के अंतिम पूर्वाभ्यास का निरीक्षण किया। कुल 20 टुकड़ियां भाग ले रही हैं। प्रमंडलीय आयुक्त ने कहा है कि सभी प्रतिनियुक्त दंडाधिकारी एवं पुलिस पदाधिकारी सजग और तत्पर रहेंगे। मौके पर डीएम डॉ.चंद्रशेखर सिंह, नगर आयुक्त अनिमेष कुमार पराशर और वरीय पुलिस अधीक्षक राजीव मिश्रा उपस्थित थे। पूरे गांधी मैदान को चार सेक्टर एवं सब-सेक्टर में बांटा गया है। इसमें अपर जिला दंडाधिकारी व पुलिस उपाधीक्षक को वरीय प्रभार में रखा गया है। गांधी मैदान एवं कारगिल स्मृति चौक में विधि-व्यवस्था के लिए कुल 60 विभिन्न स्थानों पर 98 दंडाधिकारियों की तैनाती की गई है। 4 सेक्टर दंडाधिकारी भी मुस्तैद रहेंगे। दंडाधिकारियों के साथ पुलिस पदाधिकारियों को भी तैनात किया गया है। महिला बल, लाठी बल एवं अन्य पुलिस बल भी ड्यूटी पर मुस्तैद रहेंगे। सभी प्रतिनियुक्त दण्डाधिकारी, पुलिस पदाधिकारी एवं पुलिस बल 15 अगस्त को सुबह 6 बजे प्रतिनियुक्ति स्थल पर पहुंच जाएंगे। तब तक मुस्तैद रहेंगे जब तक भीड़ चली न जाए। जिलाधिकारी डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने कहा कि लगभग साठ हज़ार वर्ग फीट में दर्शक दीर्घा के ऊपर शेड का निर्माण हो रहा है। इससे दर्शकों को बदलते मौसम में गर्मी तथा बरसात से राहत मिलेगी। गांधी मैदान में 13 झांकियां दिखाई जाएगी। वहीं ऊंची इमारतों के ऊपर भी जवान तैनात रहेंगे। सादे लिवास में भी रहेंगे।
“भारत के साथ रिश्ते अच्छे, लेकिन कुछ मसले हैं”, बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के नेता किन मसलों की कर रहे बात?

#bangladesh_allegation_indian_media_is_spreading_propaganda

भारत के पड़ोसी देश बांग्लादेश में हलचल मची हुई है।देश में हिंसक आंदोलन के बाद तख्तापलट हुआ। हालांकि, इसके बाद भी देश के हालात बदले नहीं है। बदली है तो सिर्फ सरकार।बांग्लादेश में एक हफ़्ते में तेज़ी से चल रहे घटनाक्रमों में शेख हसीना सत्ता से बेदल हो गईं और अंतरिम सरकार का गठन हुआ। अब चुनाव का इंतजार है। हालांकि ये तय नहीं है कि चुनाव कब होंगे, लेकिन यह तय है कि देश की दो बड़ी राजनीतिक पार्टियों में से एक खालिदा ज़िया के नेतृत्व वाली बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) इनमें अहम भूमिका निभाएगी। बीएनपी के बांग्लादेश की सत्ता में वापसी के बाद भारत के साथ रिश्तों के भविष्य को लेकर अटकलों का बाजार गर्म है।

इस बीच बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी के जनरल सचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने कहा भारत के साथ हमारे रिश्ते बहुत अच्छे हैं, लेकिन कुछ ऐसे मुद्दे हैं जिन पर कुछ मसलों को हल किया जाना जरूरी है। खालिदा जिया की पार्टी बांग्लादेश नेशनलिस्ट पार्टी (बीएनपी) के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में कहा कि भारतीय मीडिया यह प्रचारित कर रहा है कि बांग्लादेश में सांप्रदायिक अत्याचार हो रहे हैं जबकि कोई सांप्रदायिक अत्याचार नहीं हो रहे है।

मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने दुनियाभर की मीडिया पर प्रोपेगैंडा फैलाने का आरोप लगाया है। उन्होंने भारत को संबोधित करते हुए कहा कि 'राष्ट्रीय और वैश्विक स्तर पर और विशेष रूप से आपके देश की विभिन्न मीडिया द्वारा एक तरह की गलतफहमी और बहुत दुर्भाग्यपूर्ण प्रचार किया जा रहा है- मीडिया सांप्रदायिक अत्याचारों को बढ़ावा दे रहा है। 

उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में जो चल रहा है वह बिल्कुल भी सच नहीं है। यह सांप्रदायिक नहीं है, धार्मिक नहीं है। यह पूरी तरह से एक राजनीतिक मुद्दा है। उन्होंने भारत की मीडिया को आमंत्रित करते हुए कहा कि आप ढाका आएं और खुद देखें कि बांग्लादेश में क्या हुआ है।

इन मुद्दों को सुलझाना चाहते बीएनपी

बीएनपी के महासचिव मिर्जा इस्लाम आलमगीर ने एक इंटरव्यू में भारत के साथ रिश्तों के सवाल पर कहा कि 'बेशक दोनों देशों के रिश्ते मजबूत होंगे क्योंकि हम (बीएनपी) बतौर राजनीतिक पार्टी भारत को अपना दोस्त और पड़ोसी मानते हैं, लेकिन हम चाहते हैं कि दोनों देशों के बीच कुछ मुद्दों को सुलझाया जाए जिनमें जल बंटवारे का मुद्दा, सीमा पर बीएसएफ द्वारा बांग्लादेशी लोगों की हत्याएं, दोनों देशों के बीच व्यापार असंतुलन को दूर करने जैसे मुद्दे शामिल हैं। हम भारत से अच्छे रिश्ते चाहते हैं।'

हसीना सरकार पर गंभीर आरोप

बीएनपी नेता आलमगीर ने कहा कि 'पूर्व प्रधानमंत्री शेख हसीना ने इस्तीफा दे दिया है और अपनी पार्टी और लोगों को छोड़कर देश से भाग गई हैं। उन्हें लोगों के साथ रहना चाहिए था, लेकिन उन्होंने देश छोड़ दिया। जहां तक हमारी जानकारी है, वे दिल्ली में हैं। एक छात्र और नागरिक विद्रोह हुआ यह एक क्रांति थी और उससे पहले, शेख हसीना की पुलिस ने लगभग 1,000 छात्रों को मार डाला और लगभग 12,000 लोगों को गिरफ्तार किया था। लाखों लोग सड़कों पर थे और वे प्रधानमंत्री के आधिकारिक निवास की ओर बढ़ रहे थे और फिर वह अपने हेलीकॉप्टर से देश छोड़कर चली गईं। 

जल्द स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव का लक्ष्य

शेख हसीना के देश छोड़ने के बाद देश में अंतरिम सरकार बनी, जिसका नेतृत्व नोबेल पुरस्कार विजेता प्रोफेसर यूनुस कर रहे हैं। अंतरिम सरकार निश्चित रूप से स्थिति को स्थिर करेगी और शांति और व्यवस्था लाएगी, कानून व्यवस्था की स्थिति बेहतर होगी। अंतरिम सरकार का मुख्य कार्य एक स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनाव कराना है।

विनेश फोगाट को सिल्वर मेडल मिलेगा या नहीं,सबसे बड़ा फैसला आज

भारत की दिग्गज रेसलर विनेश फोगाट को पेरिस ओलंपिक 2024 में दमदार प्रदर्शन का इनाम मिलेगा या नहीं, आज इसका फैसला हो जाएगा. जिस हक के लिए विनेश पिछले 6 दिनों से लड़ रही हैं, वो हक उन्हें मिलेगा या नहीं, इसके फैसले का दिन भी अब आ ही गया है. पेरिस ओलंपिक में महिलाओं की 50 किलोग्राम कैटेगरी में तय वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाए जाने पर विनेश फोगाट को उनके फाइनल वाले दिन पूरे टूर्नामेंट से बाहर कर दिया गया था और साथ ही मेडल की रेस से भी बाहर कर दिया गया था. इसके खिलाफ विनेश ने खेल पंचाट यानी कोर्ट ऑफ आर्बिट्रेशन फॉर स्पोर्ट्स (CAS) में अपील की थी. इस पर सुनवाई भी हुई और अब कई बार फैसला टलने के बाद मंगलवार 13 अगस्त को कोर्ट अंतिम निर्णय सुनाएगा.

विनेश को 7 अगस्त को हुए फाइनल वाली सुबह डिस्क्वालिफाई कर दिया गया था, जिसके बाद उसी दिन शाम को उन्होंने CAS में अपील की थी. इसके बाद से ही विनेश समेत पूरा देश इस फैसले का इंतजार कर रहा है लेकिन हिंदी फिल्म ‘दामिनी’ में वकील सनी देओल की तरह विनेश को भी पिछले कुछ दिनों से सिर्फ ‘तारीख पर तारीख’ ही मिली है. जहां पहले इस पर फैसला ओलंपिक खत्म होने तक आना था, वहीं अब ये फैसला गेम्स के खत्म होने के 2 दिन बाद आएगा और वो दिन है 13 अगस्त.

3 घंटे की सुनवाई, 4 दिन बाद फैसला

इस मामले में शुक्रवार 9 अगस्त को ओलंपिक गेम्स के लिए पेरिस में ही बनी CAS एड-हॉक डिवीजन में सुनवाई हुई थी. करीब 3 घंटे की इस सुनवाई में विनेश के वकीलों ने अपना पक्ष रखा था. इस दौरान भारतीय ओलंपिक संघ भी एक पार्टी के रूप में शामिल था और उसने भी अपना पक्ष रखा था. वहीं इंटरनेशल ओलंपिक कमेटी और यूनाइटेड वर्ल्ड रेसलिंग के वकीलों ने भी दलीलें दी थीं. ये सुनवाई CAS की आर्बिट्रेटर डॉक्टर एनाबेल बैनेट के सामने हुई थी. पहले माना जा रहा था कि इस पर फैसला 10 अगस्त को आएगा लेकिन उस दिन CAS ने फैसले को टालते हुए दोनों पक्षों से कुछ दस्तावेजों की मांग की थी और फैसले के लिए 13 अगस्त की तारीख तय की थी.

आज यानी 13 अगस्त को ये फैसला भारतीय समयानुसार रात 9.30 बजे तक या उससे पहले ही आ जाएगा. विनेश ने इस मामले में सिल्वर मेडल दिए जाने की मांग की है. विनेश की ये मांग इस आधार पर है कि उन्होंने एक दिन पहले सेमीफाइनल समेत अपने तीनों मुकाबले 50 किलोग्राम के तय वजन सीमा के अंदर रहकर खेले थे और तीनों में निष्पक्ष जीत के साथ फाइनल में जगह बनाई थी. वो फाइनल वाले दिन ही वजन से 100 ग्राम ज्यादा पाई गईं थी और इसलिए उन्हें सिर्फ फाइनल से ही डिस्क्वालिफाई किया जाना चाहिए, न कि पूरे इवेंट से. ऐसे में उन्हें संयुक्त रूप से सिल्वर मेडल दिया जाना चाहिए. अब विनेश की ये मांग पूरी होती है या नहीं, आज इसका फैसला भी हो जाएगा.

बिहार के सभी थानों में होगा अलग अनुसंधान कॉम्प्लेक्स, बड़े थानों से होगी शुरुआत

डेस्क : पूरे देश में इंडियन जस्टिस कोड समेत तीन नए कानून के मुख्य रूप से लागू होने के बाद पुलिसिंग के प्रारूप में बड़ा बदलाव हो रहा। इसकी कवायद शुरू हो गई है। इधर बिहार के सभी थानों में अलग अनुसंधान कॉम्प्लेक्स बनाने पर पुलिस महकमा में मंथन शुरू हो गया है।

बिहार पुलिस के एडीजी मुख्यालय जितेन्द्र सिंह गंगवार ने बताया कि थानों में अनुसंधान कॉम्प्लेक्स बनाने की परिकल्पना है। फिलहाल इससे संबंधित सभी पहलुओं पर विचार-विमर्श किया जा रहा है। इसके बाद ही इस पर ठोस निर्णय लेकर जमीन पर उतारा जाएगा।

शुरुआत में बड़े थानों या जिन थानों में लंबित मुकदमों की संख्या सबसे ज्यादा है, उनसे ही इसकी शुरुआत होगी। जिन थानों के बड़े भवन हैं, वहां इसके लिए विशेष फ्लोर आवंटित किया जा सकता है। जहां छोटे भवन हैं, वहां थाना परिसर में इसके लिए अलग से एक संरचना तैयार की जा सकती है। अभी इसके अंतिम स्वरूप पर समुचित विचार-विमर्श किया जा रहा है। जल्द ही इस अवधारणा को मूर्त रूप देने की संभावना है। हाल में पुलिस महानिदेशक ने एक कार्यक्रम में इसकी रूपरेखा पर चर्चा की थी।

क्यों है इसकी जरूरत 

कांडों के अनुसंधान का स्वरूप बदलने जा रहा है। डिजिटल तरीकों को अधिक तरजीह दी जाएगी। इसके मद्देनजर डिजिटल साक्ष्य पेन ड्राइव, मेमोरी कार्ड समेत अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान को थानों में सुरक्षित रखना होगा। प्रत्येक अनुसंधान पदाधिकारी के पास लैपटॉप, मोबाइल समेत अन्य सामान भी होंगे, इन्हें रखने एवं उपयोग करने के लिए विशेष स्थान तय करना सुविधाजनक और सुरक्षित होगा। इस विशेष कॉम्प्लेक्स में ऑडियो एवं विजुअल उपकरण भी होंगे, जिनकी मदद से गवाही लेने से लेकर कोर्ट में प्रस्तुत होने तक की व्यवस्था होगी। अनुसंधान से संबंधित ऑनलाइन अन्य सभी कार्य भी यहां से हो सकेंगे।