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अपनी ही जीत की निशानी मिटा रहे बांग्लादेशी ! तोड़ डाली 1971 में पाकिस्तानी सरेंडर की मूर्तियां, भड़के कांग्रेस सांसद शशि थरूर



बांग्लादेश में राजनीतिक उथल-पुथल और सत्ता परिवर्तन के बाद देश के विभिन्न हिस्सों में हिंसा और अराजकता की घटनाएं सामने आ रही हैं। इसमें सैकड़ों लोगों की जान गई है और उपद्रवियों ने राष्ट्रीय स्मारकों को भी नुकसान पहुंचाया है। ताजा घटना में मुजीबनगर में स्थित 1971 शहीद मेमोरियल स्थल पर बनी मूर्तियों को तोड़ा गया है।

कांग्रेस सांसद शशि थरूर ने इस घटना पर गहरी चिंता व्यक्त की है। उन्होंने बांग्लादेश की अंतरिम सरकार से आग्रह किया है कि वह कानून और व्यवस्था को बहाल करने के लिए तत्काल कदम उठाए। अपने सोशल मीडिया पोस्ट में थरूर ने कहा कि 1971 के मुजीबनगर शहीद स्मारक में स्थित मूर्तियों को भारत विरोधी तत्वों द्वारा नष्ट किया जाना बेहद दुखद है। यह घटना उन अपमानजनक हमलों के बाद हुई है, जिनमें भारतीय सांस्कृतिक केंद्र, मंदिरों और हिंदू घरों को निशाना बनाया गया था।


थरूर ने बताया कि कुछ आंदोलनकारियों का उद्देश्य स्पष्ट है, और यह महत्वपूर्ण है कि बांग्लादेश की अंतरिम सरकार देश में सभी समुदायों की सुरक्षा सुनिश्चित करे। उन्होंने कहा कि भारत इस कठिन समय में बांग्लादेश के लोगों के साथ खड़ा है, लेकिन ऐसी अराजकता को बर्दाश्त नहीं किया जा सकता। उल्लेखनीय है कि मुजीबनगर कॉम्प्लेक्स में बनी मूर्तियां 1971 की जंग के बाद पाकिस्तान के आत्मसमर्पण की प्रतीक हैं। इन्ही पाकिस्तानियों को हराने के बाद भारतीय सेना ने बांग्लादेशियों को अलग देश दिलाया था, अब वही बांग्लादेशी अपनी ही जीत के प्रतीकों को तोड़ रहे हैं। इसका संकेत स्पष्ट है कि, बांग्लादेश में इस्लामी कट्टरपंथ हावी हो चुका है और अब बांग्लादेशी झुकाव पाकिस्तान की तरफ होने लगा है। आने वाले दिनों में बांग्लादेश, अगर अफगानिस्तान और सीरिया जैसे देशों की राह पर चल पड़ता है, तो हैरानी नहीं होगी। गौर करने वाली बात ये भी है कि, लगभग 50 साल पहले बांग्लादेशी इसी कट्टरपंथ के खिलाफ लड़े थे, लेकिन अब शायद उन्हें समझा दिया गया है कि, वे वही हैं, जिनके खिलाफ वो लड़े थे।       


इन मूर्तियों में पाकिस्तानी सेना के कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल आमिर अब्दुल्ला खान नियाजी को भारतीय और बांग्लादेशी सेना के अधिकारियों की उपस्थिति में आत्मसमर्पण करते हुए दिखाया गया है। यह घटना 16 दिसंबर 1971 को हुई थी, जिसे भारत में भी विजय दिवस के रूप में मनाया जाता है। इस बीच, बांग्लादेश में हिंदुओं पर लगातार हो रहे हमलों के कारण हजारों लोग भारत की ओर भागने की कोशिश कर रहे हैं। भारत-बांग्लादेश सीमा पर भारी संख्या में बीएसएफ तैनात की गई है, और लोगों को भारत में प्रवेश करने से रोका जा रहा है।
भारी बारिश के कारण बीच में ही अस्थाई रूप से रोकी गई अमरनाथ यात्रा, रास्ते की कराई जाएगी मरम्मत




भारी वर्षा के कारण अमरनाथ यात्रा अस्‍थायी रूप से निलंबित कर दी गई है. दरअसल, बारिश की वजह से यात्रा मार्ग पर मरम्मत की आवश्यकता है, इसकी वजह से सोमवार 12 अगस्त को यात्रा निलंबित की गई है. निर्माण के पश्चात् यात्रा फिर से आरम्भ कर दी जाएगी. अफसरों ने इस बात की जानकारी दी है. अमरनाथ यात्रा के बालटाल एवं पहलगाम मार्गों पर शनिवार को हुई भारी वर्षा की वजह से यात्रा मार्ग पर मरम्मत एवं रखरखाव कार्य आवश्यक हो गए हैं. इस स्थिति के मद्देनजर, सुरक्षा कारणों से बालटाल मार्ग से 12 अगस्त को कोई भी यात्रा नहीं होगी.


कश्मीर के संभागीय आयुक्त विजय कुमार बिधूड़ी ने कहा, "आज हुई भारी बारिश की वजह से श्रीअमरनाथजी यात्रा के बालटाल मार्ग पर तत्काल मरम्मत तथा रखरखाव कार्य किए जाने की जरुरत है. यात्रियों की सुरक्षा के हित में, कल बालटाल मार्ग से कोई यात्रा नहीं होगी. आगे के अपडेट वक़्त-वक़्त पर जारी किए जाएंगे." पहलगाम मार्ग पर भी आवश्यक मरम्मत एवं रखरखाव के कार्य पहले से ही चल रहे हैं. अफसरों ने यात्रियों से संयम बरतने एवं अगले निर्देशों का पालन करने की अपील की है.

बता दें कि शनिवार को भी आधार शिविर से कोई जत्था नहीं भेजा गया. अंतिम पड़ाव में चल रही यात्रा में भक्त सीधे ही बालटाल रूट के लिए पहुंच रहे हैं. शनिवार को इस बीच 1608 भक्तों ने पवित्र गुफा में दर्शन किए थे. इसके साथ यह आंकड़ा 510570 तक पहुंच चुका है.
'इन आतंकियों को देखते ही सूचित करें..', जम्मू कश्मीर में जारी किए गए आतंकवादियों के स्केच, सूचना देने वाले को 5 लाख इनाम




जम्मू-कश्मीर पुलिस ने चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं, जिन्हें आखिरी बार कठुआ जिले के मल्हार, बानी और सियोजधार के ढोक में देखा गया था। कठुआ पुलिस अधिकारियों ने ये स्केच जारी किए हैं, जो बढ़ते खतरे से निपटने के लिए सक्रिय रूप से जनता की सहायता मांग रहे हैं। पुलिस ने घोषणा की है कि कठुआ में आतंकवादियों के बारे में सूचना साझा करने वाले को 5 लाख रुपये का इनाम दिया जाएगा।


पुलिस ने बताया है कि, "कठुआ पुलिस ने चार आतंकवादियों के स्केच जारी किए हैं, जिन्हें आखिरी बार मल्हार, बानी और सोजधार के धोकों में देखा गया था। प्रत्येक आतंकवादी को कार्रवाई योग्य जानकारी के लिए 05 लाख का इनाम दिया गया था। आतंकवादियों के बारे में विश्वसनीय जानकारी देने वाले को भी उचित इनाम दिया जाएगा।" इस बीच, हाल के दिनों में, जम्मू क्षेत्र में 2024 लोकसभा चुनाव के नतीजे आने के बाद कई आतंकवादी हमले हुए हैं, क्योंकि पाकिस्तान और आतंकी NDA सरकार की वापसी से बौखलाए हुए हैं और देश में अराजकता फैलाने की कोशिश कर रहे हैं।

जम्मू के पहाड़ी इलाकों में आतंकी गतिविधियों में हाल ही में हुई बढ़ोतरी, जिसकी शुरुआत 11 अक्टूबर, 2021 को पुंछ जिले में हुई दुखद मुठभेड़ से हुई थी, ने चिंताजनक रूप से वृद्धि देखी है। इस घटना में एक जूनियर कमीशन अधिकारी सहित पांच सैन्यकर्मियों ने अपने प्राणों की आहुति दी, जिसने क्षेत्र में हिंसा के निरंतर अभियान की शुरुआत को चिह्नित किया। सूत्रों से पता चलता है कि जम्मू क्षेत्र के ऊपरी इलाकों में करीब 40 से 50 आतंकवादी सक्रिय हैं, जो छोटे-छोटे समूहों में घूम रहे हैं। ये आतंकवादी सुरक्षा बलों, उनके काफिलों और, चिंताजनक रूप से, नागरिकों और गैर-लड़ाकों पर सुनियोजित हमले कर रहे हैं।
हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर राहुल गांधी का सवाल, पूछा-सेबी चीफ ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया, निवेशकों की जिम्मेदारी किसकी
#rahul_gandhi_after_hindenburg_report
अमेरिकी शॉर्ट-सेलर हिंडनबर्ग रिसर्च की रिपोर्ट के बाद एक बार फिर से देश में सियासत तेज हो गई है। हिंडनबर्ग रिसर्च की नई रिपोर्ट आने के बाद सवालों के घेरे में आईं भारतीय प्रतिभूति एवं विनिमय बोर्ड (सेबी) को लेकर कांग्रेस सांसद राहुल ने बड़ा हमला बोला है। नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने सरकार से 3 सवाल पूछे हैं। राहुल ने एक्स पर लिखा कि सेबी प्रमुख ने इस्तीफा क्यों नहीं दिया? निवेशकों ने पैसा गंवाया तो यह किसकी जिम्मेदारी बनती है? क्या सुप्रीम कोर्ट इसका स्वत:संज्ञान लेगा?

राहुल गांधी ने रविवार को सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर अपने एक वीडियो पोस्ट पर कहा कि आरोपों से सेबी की प्रतिष्ठा धूमिल हुई है। उन्होंने कहा, “छोटे खुदरा निवेशकों की संपत्ति की सुरक्षा के लिए जिम्मेदार प्रतिभूति नियामक सेबी की प्रतिष्ठा को इसके प्रमुख के खिलाफ लगे आरोपों से गंभीर रूप से खतरा पहुंचा है।”

उन्होंने आगे कहा, “देशभर के ईमानदार निवेशकों के पास सरकार के लिए कई अहम सवाल हैं- सेबी की प्रमुख माधबी पुरी बुच ने अभी तक इस्तीफा क्यों नहीं दिया है? अगर निवेशक अपनी मेहनत की कमाई खो देते हैं, तो कौन जिम्मेदार होगा- पीएम मोदी, सेबी प्रमुख या गौतम अडानी?”

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने आगे कहा कि सामने आए नए और बहुत गंभीर आरोपों के मद्देनजर, क्या सुप्रीम कोर्ट इस मामले पर फिर से स्वतः संज्ञान लेगा? उन्होंने कहा, “अब यह पूरी तरह से साफ हो चुका है कि पीएम नरेंद्र मोदी संयुक्त संसदीय समिति यानी जेपीसी जांच से इतना क्यों डरते हैं और इससे क्या पता चल सकता है।”

बता दें कि अमेरिकी कंपनी हिंडनबर्ग रिसर्च ने शनिवार रात एक रिपोर्ट जारी की। इसमें दावा किया गया है कि सेबी चीफ माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच की अडाणी ग्रुप से जुड़ी ऑफशोर कंपनी में हिस्सेदारी है। व्हिसलब्लोअर दस्तावेजों के आधार पर हिंडनबर्ग ने दावा किया कि बुच और उनके पति की मॉरीशस की ऑफशोर कंपनी ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में हिस्सेदारी है। हिंडनबर्ग ने आरोप लगाया है कि ‘ग्लोबल डायनामिक अपॉर्च्युनिटी फंड’ में कथित तौर पर अडाणी ग्रुप के चेयरमैन गौतम अडाणी के भाई विनोद अडाणी ने अरबों डॉलर निवेश किए हैं। इस पैसे का इस्तेमाल अडाणी ग्रुप के शेयरों के दामों में तेजी लाने के लिए किया गया था।
सावन के चौथे सोमवार पर उज्जैन में बाबा महाकाल का हुआ विशेष शृंगार, दर्शन को उमड़ी भक्तों की भीड़

सावन की चौथी सोमवारी पर देशभर के शिव मंदिरों में भक्तों की भीड़ उमड़ी हुई है। मध्य प्रदेश के उज्जैन स्थित श्री महाकालेश्वर मंदिर में आज बाबा महाकाल ने आधा घंटा पहले पूजा की शुरुआत की। रात 2:30 बजे मंदिर के द्वार खोल दिए गए, तथा पूरा मंदिर परिसर बाबा महाकाल के जयकारों से गूंज उठा। भस्म आरती आमतौर पर प्रातः 3 बजे आरम्भ होती है, किन्तु आज श्रावण मास की चौथी सोमवारी के विशेष अवसर पर बाबा महाकाल ने भक्तों को दर्शन देने के लिए आधा घंटा पहले उठाया। हजारों भक्तों ने इस भस्म आरती में भाग लिया। महाकालेश्वर मंदिर के पुजारी पंडित आशीष गुरू ने बताया कि भगवान वीरभद्र से अनुमति लेकर मंदिर का चांदी का द्वार खोला गया। तत्पश्चात, भगवान का पूजन एवं अर्चन किया गया। महाकाल को पंचामृत से स्नान कराया गया, और उन पर केसर जल अर्पित किया गया। चंदन और भांग से बाबा महाकाल का विशेष शृंगार भी किया गया। सुबह के विशेष शृंगार के बाद भगवान को महानिर्वाणी अखाड़े की ओर से भस्म अर्पित की गई। आज चौथी सोमवारी पर बाबा महाकाल की सवारी नगर में निकलेगी। इस के चलते भगवान श्री महाकालेश्वर बैलगाड़ी पर नंदी पर विराजमान होंगे, जबकि पालकी में भगवान श्री चन्द्रमोलेश्वर स्वरूप में रहेंगे। हाथी पर श्री मनमहेश, नंदी पर उमा महेश, और गरूड रथ पर श्री शिव तांडव की प्रतिमा नगर भ्रमण पर निकलेगी। बाबा महाकाल की सवारी के मौके पर घासी जनजातीय समुदाय के लोग नृत्य प्रस्तुत करेंगे, तथा पालकी के आगे भजन मंडली भी प्रस्तुति देगी। मुंबई के सायन से आए अनंत प्रदीप जोशी ने श्री महाकालेश्वर भगवान को 2046.500 ग्राम वज़न का रजत मुकुट अर्पित किया। यह मुकुट श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के सहायक प्रशासक मूलचंद जूनवाल द्वारा प्राप्त किया गया। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंधन समिति के कोठारी मनीष पांचाल ने इस दान की खबर दी।
'मंदिर नहीं, मस्जिद है', बोलकर बीजामंडल में हिंदुओं को पूजा करने से रोका, नागपंचमी की पूजा के दौरान मचा हंगामा






मध्य प्रदेश के विदिशा जिला प्रशासन ने 11वीं सदी के बीजामंडल (विजय मंदिर) को खोलने से मना कर दिया है. नागपंचमी पर हिंदुओं ने पूजा-करने के लिए बीजामंडल को खोलने की मांग की थी. दरअसल, हिंदुओं के एक समूह ने कलेक्टर बुद्धेश कुमार वैद्य को ज्ञापन सौंपकर नागपंचमी के मौके पर शहर के बीचों-बीच स्थित इस स्थल को खोलने की अपील की थी.


जिलाधिकारी ने उनकी याचिका भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण यानी ASI को भेज दी. जिसने 2 अगस्त को 1951 के गजट अधिसूचना का हवाला देते हुए कहा कि बीजामंडल मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद थी. जिलाधिकारी वैद्य ने बताया कि ASI इस ढांचे का संरक्षक है, इसलिए उन्होंने फैसले लेने के लिए ज्ञापन भेजा था. ज्ञापन सौंपने वाले हिंदू समूह के नेता शुभम वर्मा ने निराशा जताते हुए कहा, हम बीते 30 सालों से नागपंचमी पर वहां (ढांचे के बाहर) पूजा करते आ रहे हैं, मगर किसी ने यह नहीं कहा कि यह मंदिर नहीं, बल्कि मस्जिद है."

शुभम वर्मा ने कलेक्टर के पत्र एवं ASI के गजट नोटिफिकेशन को दिखाते हुए कहा कि ASI द्वारा इसे मस्जिद बताए जाने से हिंदुओं की भावनाएं आहत हुई हैं. हिंदू संगठनों का दावा है कि 1682 में मुगल शासक औरंगजेब ने विजय मंदिर को मस्जिद में बदल दिया था. हालांकि, अब धार्मिक स्थल के बाहर ही नाग पंचमी पर शाम के वक़्त लगभग 50 पुलिस कर्मियों के पहरे में पूजा-अर्चना होगी. इसके लिए पुलिस प्रशासन ने इंतजामात कर लिए हैं.
कोलकाता रेप-मर्डर केस में ममता बनर्जी का अल्टीमेटम, बोलीं- पुलिस मामला नहीं सुलझा सकी तो होगी सीबीआई जांच
#cm_mamata_banerjee_on_kolkata_trainee_doctor_rape_case

बंगाल में महिला डॉक्टर की रेप के बाद हत्या का मामला अब तूल पकड़ता जा रहा है। मृत डॉक्टर को न्याय दिलाने के लिए देशभर के डॉक्टर सड़कों पर प्रदर्शन कर रहे हैं। वहीं, मामले में अब सीएम ममता बनर्जी भी एक्शन मोड में आ गई हैं। मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बंगाल पुलिस को अल्टीमेटम दिया है। उन्होंने कहा है कि अगर रविवार तक पुलिस मामले को नहीं सुलझा पाती है तो हम केस को सीबीआई को सौंप देंगे।

पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने आज आरजी कर अस्पताल की डॉक्टर के घर जाकर उसके माता-पिता और परिवार के सदस्यों से बात की। परिजनों से मिलने के बाद उन्होंने मीडिया से बात की।सीएम ममता बनर्जी ने कहा, जिस दिन यह घटना हुई मैं राज्य में नहीं थी मैं झारघाम में थी, उन्होंने कहा जब कोलकाता पुलिस कमिश्नर ने मुझे इस अपराध की जानकारी दी तो मुझे बहुत दुख हुआ, मैंने उन से कहा यह बहुत दुखद घटना है और इसके पीछे जो भी है उसको तुरंत गिरफ्तार किया जाना चाहिए।उन्होंने आगे कहा कि अगर इस केस को हम सॉल्व नहीं कर पाते हैं तो हम यह केस सीबीआई को सौंप देंगे।

सीएम ने आगे कहा, हम चाहते है कि यह मामला फास्ट ट्रेक कोर्ट में जाए, हम फांसी की सजा की भी मांग करेंगे। सीएम बनर्जी ने कहा, कुछ लोग शायद भूल गए हैं कि समाज में कैसा व्यवहार करना चाहिए, महिलाओं के खिलाफ इस तरह का अपराध करना एक जघन्य अपराध है।

बता दें कि आरजी कर मेडिकल कॉलेज-अस्पताल में जूनियर डॉक्टर के साथ दरिंदगी की घटना गुरुवार-शुक्रवार की दरमियानी रात की है। मृतक मेडिकल कॉलेज में चेस्ट मेडिसिन विभाग की स्नातकोत्तर द्वितीय वर्ष की छात्रा और प्रशिक्षु डॉक्टर थीं। गुरुवार को अपनी ड्यूटी पूरी करने के बाद रात के 12 बजे उसने अपने दोस्तों के साथ डिनर किया। इसके बाद से महिला डॉक्टर का कोई पता नहीं चला। शुक्रवार सुबह उस वक्त मेडिकल कॉलेज में हड़कंप मच गया जब चौथी मंजिल के सेमिनार हॉल से अर्ध नग्न अवस्था में डॉक्टर का शव बरामद हुआ।
बीजेपी ने हिंडनबर्ग की रिपोर्ट पर उठाए सवाल, कांग्रेस और इंडी गठबंधन को लिया आड़े हाथ, जानें रविशंकर प्रसाद क्या बोले

#bjp_raised_questions_on_hindenburg_report

हाल ही में जारी की गई हिंडनबर्ग रिपोर्ट पर भाजपा ने सवाल उठाए हैं। हिंडनबर्ग की रिपोर्ट के लेकर बीजेपी ने विपक्ष पर निशाना साधा है। बीजेपी ने हिंडनबर्ग के आरोप को निराधार बताया है। पार्टी ने कहा कि देश के खिलाफ आर्थिक साजिश रची जा रही है। हिंडनबर्ग वाले भारत विरोधी प्रोपेगेंडा चलाते हैं। शेयर मार्केट को हिलाने की कोशिश की जा रही है।

बीजेपी सांसद और पूर्व कानून मंत्री रविशंकर प्रसाद ने हिंडनबर्ग रिपोर्ट को पूरी तरह आधारहीन बताया। उन्होंने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में कहा, कांग्रेस पार्टी, इंडी गठबंधन के लोग और उन्हें प्रमोट करने वाले टूल किट के लोग भारत को आर्थिक रूप से अस्थिर करने के षड्यंत्र में जुटे हैं। रविशंकर प्रसाद ने कहा, हिंडनबर्ग की रिपोर्ट शनिवार को रिलीज हुई, रविवार को हल्ला मचा ताकि सोमवार को पूरे कैपिटल मार्केट को अस्थिर किया जा सके। उन्होंने कहा, सुप्रीम कोर्ट के क्षेत्राधिकार में अपनी जांच पूरी करने के बाद सेबी ने हिंडनबर्ग के खिलाफ जुलाई में एक नोटिस जारी किया था। अपने बचाव में जवाब देने की बजाय हिंडनबर्ग ने ये रिपोर्ट पेश की, ये पूरी तरह आधारहीन है।

बीजेपी नेता ने कहा कि हिंडनबर्ग रिपोर्ट शनिवार को जारी हुई तो रविवार को हंगामा हुआ। इसके बाद सोमवार को पूंजी बाजार अस्थिर हो गया। उन्होंने कहा कि वे पूरे शेयर बाजार को ध्वस्त करना चाहते हैं। छोटे निवेशकों के पूंजी निवेश को रोकना चाहते हैं और यह सुनिश्चित करना चाहते हैं कि भारत में कोई आर्थिक निवेश न हो। 

रविशंकर प्रसाद ने कहा भारत शेयरों के मामले में सुरक्षित, स्थिर और आशावादी बाजार है। इस बाजार की निगरानी करना सेबी की कानूनी जिम्मेदारी है। उन्होंने कहा कि जुलाई में सुप्रीम कोर्ट की निगरानी में हुई जांच के बाद जब सेबी ने हिंडनबर्ग को नोटिस जारी किया तो उसने अपना जवाब नहीं दिया। बल्कि बेबुनियाद हमला किया। 

बीजेपी नेता रविशंकर प्रसाद ने कहा कि कांग्रेस और उनके टूलकिट को देश से नफरत है। कभी राफेल की चिट्ठी, कभी हिंडनबर्ग की…आखिर कांग्रेस चाहती क्या है? उन्होंने सवाल उठाया कि आखिर हिंडनबर्ग में किसका निवेश है? एक सज्जन जॉर्ज सोरोस जो नियमित रूप से भारत के खिलाफ प्रोपेगेंडा चलाते हैं। वे उसके मुख्य निवेशक हैं।

इससे पहले सेबी की चेयरपर्सन माधबी पुरी बुच और उनके पति धवल बुच ने हिंडनबर्ग रिसर्च द्वारा उन पर लगाए गए सभी आरोपों को सिरे से खारिज किया था। उन्होंने कहा कि यह 'चरित्र हनन करने का प्रयास' है, क्योंकि सेबी ने पिछले महीने नेट एंडरसन के नेतृत्व वाली कंपनी को नियमों का उल्लंघन करने के लिए कारण बताओ नोटिस जारी किया था।

बता दें कि अमेरिका की कंपनी हिंडनबर्ग ने 10 अगस्त को एक रिपोर्ट जारी कर दावा किया था कि सेबी प्रमुख माधबी पुरी बुच और उनके पति ने मॉरीशस की उसी ऑफशोर कंपनी में निवेश किया है, जिसके माध्यम से भारत में अदाणी ग्रुप की कंपनियों में निवेश करवाकर अदाणी ने लाभ उठाया था। उसने कहा कि इसे व्यापार का गलत तरीका माना जाता है।

बांग्लादेशी से घुसपैठ की कोशिश, बंगाल-त्रिपुरा-मेघालय की सीमा से घुसने का प्रयास, बीएसएफ ने 11 को दबोचा
#bangladeshi_citizens_infiltration_indian_border_west_bengal_tripura_meghalaya

बांग्लादेश में तख्तापलट के बाद नोबेल पुरस्कार विजेता मोहम्मद यूनुस की अगुवाई में अंतरिम सरकार का शपथ ग्रहण हो चुका है। हालांकि, हालात अभी बदले नहीं है। वहां हिंसा का दौर चल रहा है। तमाम कोशिशों के बाद भी हिंसा थमने का नाम नहीं ले रही। अल्पसंख्यकों को निशाना बनाया जा रहा है। जाहिर सी बात है ऐसे हालात से लोग भादने की कोशिश कर रहे हैं और किसी सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हैं। बांग्लादेश की सीमा से लगते भारत से मुफीद कोई जगह इनके लिए हो ही नहीं सकती। यही वजह है कि भारतीय सीमाओं पर बांग्लादेशी नागरिकों की घुसपैठ बढ़ गई है। बांग्लादेशी पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा, मेघालय की सीमाओं से भारत में घुसने की कोशिश कर रहे हैं। जिसके देखते हुए भारत ने बांग्लादेश से लगी सभी सीमाओं पर चौकसी बढ़ा दी है। इसी क्रम में घुसपैठ की लगातार कोशिशों को नाकाम किया जा रहा है।

सीमा सुरक्षा बल (बीएसएफ) की ओर से रविवार को बताया गया कि पश्चिम बंगाल, त्रिपुरा और मेघालय में अंतरराष्ट्रीय सीमा के जरिए भारत में घुसपैठ की कोशिश कर रहे 11 बांग्लादेशी नागरिकों को गिरफ्तार किया गया है। उनसे पूछताछ की जा रही है। इसके बाद आगे की कानूनी कार्रवाई के लिए उन्हें राज्य पुलिस को सौंप दिया जाएगा। बयान में कहा गया कि भारत में घुसपैठ करते हुए 11 बांग्लादेशी नागरिकों को सीमा पर पकड़ा गया है। पश्चिम बंगाल और त्रिपुरा सीमा से दो-दो और मेघालय सीमा से सात को पकड़ा गया है।

इससे पहले पूर्वी कमान प्रमुख, अतिरिक्त महानिदेशक (एडीजी) रवि गांधी ने शनिवार को 4,096 किलोमीटर लंबी भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुरक्षा की समीक्षा के लिए एक ऑपरेशनल कॉन्फ्रेंस की अध्यक्षता की थी। इस कॉन्फ्रेंस में बांग्लादेश में मौजूदा अशांति और 15 अगस्त यानी स्वतंत्रता दिवस के मद्देनजर सुरक्षा की समीक्षा की गई।
रानी मुखर्जी, करण जौहर आईएफएफएम से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन को करेंगे संबोधित

अभिनेता रानी मुखर्जी और निर्देशक करण जौहर मेलबर्न के आगामी 15वें भारतीय फिल्म महोत्सव से पहले ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन को संबोधित करने के लिए तैयार हैं, आयोजकों ने सोमवार को कहा। 46 वर्षीय मुखर्जी और 52 वर्षीय जौहर, जिन्होंने फिल्मों में साथ काम किया है, उनकी पहली निर्देशित फिल्म "कुछ कुछ होता है", "कभी खुशी कभी गम..." और "कभी अलविदा ना कहना", समारोह से पहले 13 अगस्त को मुख्य भाषण देंगे।

15 से 25 अगस्त तक मेलबर्न में आयोजित होने वाले आईएफएफएम में विविध प्रकार की फिल्में प्रदर्शित की जाएंगी जो भारतीय सिनेमा की समृद्ध टेपेस्ट्री का जश्न मनाएंगी। जौहर ने कहा कि भारतीय सिनेमा की अविश्वसनीय यात्रा का जश्न मनाने के लिए "ऐतिहासिक कार्यक्रम" में बोलने के लिए आमंत्रित किए जाने पर 

 वह सम्मानित महसूस कर रहे हैं।

"यह देखना अविश्वसनीय है कि एक उद्योग के रूप में हम जो कहानियां बनाते हैं, वे कितनी दूर तक यात्रा करती हैं, और यह क्षण भारतीय सिनेमा के सांस्कृतिक प्रभाव के बढ़ते प्रभाव का एक प्रमाण है। मैं इसे आगे बढ़ाने के लिए सदन, संसद के सदस्यों का आभारी हूं। उन्होंने मुझे आमंत्रित किया और मुझे सिनेमा और कहानी कहने की समृद्ध विरासत का प्रतिनिधित्व करने के लिए आमंत्रित किया।"

महोत्सव के निदेशक मितु भौमिक लांगे ने कहा कि यह आईएफएफएम के लिए एक ऐतिहासिक वर्ष है क्योंकि यह अपना 15वां वर्ष मना रहा है। उन्होंने कहा, "ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में मुख्य वक्ता के रूप में रानी मुखर्जी और करण जौहर का होना महोत्सव के बढ़ते प्रभाव और मान्यता का प्रमाण है।"

मुख्य भाषण में प्रतिष्ठित गणमान्य व्यक्ति, ऑस्ट्रेलियाई संसद के सदस्य और विभिन्न मंत्री शामिल होंगे, जो भारतीय सिनेमा के वैश्विक प्रभाव और सांस्कृतिक महत्व पर जोर देंगे। मुखर्जी ने कहा कि उन्हें ऑस्ट्रेलियाई संसद भवन में भारतीय फिल्म बिरादरी का प्रतिनिधित्व करने पर "गर्व" है।

अभिनेता ने एक बयान में कहा, "यह हमारी बिरादरी के लिए एक मील का पत्थर है और सिनेमा के माध्यम से ऑस्ट्रेलिया और भारत के बीच बढ़ते सांस्कृतिक संबंधों के बारे में बोलना मेरे लिए सम्मान की बात होगी।"