राजस्व परिषद के अध्यक्ष के निरीक्षण में चकबंदी अधिकारी के पेशकार पर गिरी गाज
आशीष कुमार ,उत्तर प्रदेश राजस्व परिषद के अध्यक्ष रजनीश दुबे मुजफ्फरनगर पहुंचे पूर्व से प्रस्तावित मुजफ्फरनगर का ऑफिशियल दौरा करने के लिए आजादी के बाद पहली बार राजस्व परिषद के अध्यक्ष मुजफ्फरनगर पहुंचे।
यहां पहुंच कर उन्होंने कलेक्ट्रेट के सभी कार्यालय का बारीकी से निरीक्षण करते हुए चकबंदी कार्यालय के पेशकार को तृतीय मिलने के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया और बंदोबस्त अधिकारी के खिलाफ सहारनपुर मंडल कमिश्नर को जांच करने के निर्देश दिए।
इस दौरान सहारनपुर मंडल कमिश्नर और डीएम सहित जिले के आला अधिकारियों की सांसे अटकी रही। एक सप्ताह से जिला प्रशासन राजस्व परिषद उत्तर प्रदेश अध्यक्ष रजनीश दुबे के दौरे को लेकर तैयारी में जुटा हुआ था। इस दौरान परिषद अध्यक्ष डॉ रजनीश दुबे ने कलेक्ट्रेट में आई ऑफिस भीम का शुभारंभ किया तो वहीं 76.59 लाख रुपए की लागत से निर्मित सदर मालखाना के भवन का लोकार्पण फीता काटकर विधिवत रूप से किया।
लगभग तीन घंटे तक कलेक्ट्रेट के सभी विभागों में घूम-घूम कर निरीक्षण किया तो वही डेढ़ घंटे तक कलेक्ट्रेट स्थित जिला पंचायत सभागार में राजस्व से जुड़े अधिकारियों के साथ मीटिंग कर राजस्व बढ़ाने और प्राप्त करने को लेकर दिशा निर्देश दिए।
उत्तरप्रदेश राजस्व परिषद अध्यक्ष रजनीश दुबे ने कहा कि यहां की कलेक्ट्रेट डेढ़ सौ साल से पुरानी है। यहां का अभिलेखागार भी काफी पुराना हो गया है। यहां पर नया अभिलेखागार बनाया जाएगा और उसके अंदर जो परगने वार गांव के बस्तों को लेखपाल के बस्तों को और रिकॉर्ड रूम में जो वादों के बस्ती होते हैं उनको रखने का जो तरीका है उसको भी चेंज करके एक मॉडल रिकॉर्ड रूम के रूप में स्थापना की जाएगी। आज नई माल खाने का भी शुभारंभ हुआ है और वहां भी काफी पुराने आयुध रखे हुए हैं जिनका रखरखाव ठीक तरीके से आगे किया जाएगा। यहां जो कैंटीन है यहां जो अन्य जनरल टॉयलेट्स वगैरा की व्यवस्था है बगल में नगर पालिका के माध्यम से सटी हुई बस्ती में उसमें भी नया टॉयलेट कंपलेक्स बनवाया जाएगा। जहां तक राजस्व के मामलों का सवाल है। यह पश्चिम का ज़िला है। और पश्चिम के जिलों में वादों की संख्या अपेक्षाकृत कम होते हैं पूर्व की तुलना में वादों के निस्तारण की तो स्थित कुल मिलाकर न्यायालय में संतोषजनक है। लेकिन यहां पर जो चकबंदी का काम चल रहा है। वो सही नहीं पाया गया है। सोच न्यायालय में काटकर ओवरराइटिंग कर कर आदेश को बदला गया है। जिसमें SOC के जो पेशकार है उनको तत्काल प्रभाव से निलंबित किया गया है। और जो SOC है उनके खिलाफ भी मंडल युक्त सहारनपुर को जांच करने के निर्देश दिए गए हैं। बंदोबस्त अधिकारी चकबंदी के खिलाफ दिए गए हैं।
बाकी यहां पर गार्ड फाइल्स का जो रखरखाव है। वह भी बाय एन लार्ज ठीक है। केवल जो NRK क्षेत्र है वहां पर थोड़ा सा शासनादेश के रखरखाव में सुधार की आवश्यकता है। एक नया फोटोकॉपिर भी रिकॉर्ड रूम में रखवाने के निर्देश दिए गए हैं क्योंकि कभी-कभी फोटोकॉपी देने में एक-दो दिन का डिले हो जाता है। यहां जो घराेनिया बन रही है मुजफ्फरनगर में मात्र नौगांव ऐसे बचे हैं जिनमे अभी ड्रोन की फ्लाइंग हुई थी। उसमे कुछ त्रुटिया थी। जिसकी वजह से नौगांव में अभी भी घरोंनिया नहीं बन पाई है।
बाकी वसूली का जहां तक प्रश्न है कुछ बड़े बकायदारों के नाम अभी तक रजिस्टर में नहीं दिख रहे हैं। वह डीएम साहब को मैंने बताया है कि वह उसको कुछ बाकीदारों को अदलकर उनके खिलाफ कठोरता से एक वसूली का काम करेंगे। जिन्होंने भी बैंक का देय लिया है। और बैंक लोन वापस नहीं किया है या आपके पास स्टाम्प ड्यू है या बिजली का ड्यू है, मैं ऐसे लोगों से कहूंगा कि वह आपके जो बकाय हैं वह दे दे नहीं तो कठोर कार्यवाही करने के लिए हमारे एसडीएम को मजबूर होना पड़ेगा।
बाकी बहुत सारी जो किसान कल्याण योजनाएं चल रही है। मुझे जिलाधिकारी नें अभी बताया कि लगभग सभी मामलों में पैसा चला गया है। लगभग 31 मामले ऐसे हैं जिनके लिए अभी गत सप्ताह बजट मांगा गया है एक सप्ताह के अंदर-अंदर यह बजट भी वहां से उपलब्ध करा दिया जाएगा। यहां के जो अधिवक्ता है और यहां का एक जोक माहौल है वह सामान्य जिलों की तुलना में बेहतर है।
Jul 16 2024, 17:40