/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs1/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs4/_noavatar_user.gif/home/streetbuzz1/public_html/testnewsapp/system/../storage/avatars/thumbs5/_noavatar_user.gif StreetBuzz हेल्थ टिप्स:शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए खाएं ये सुपरफ़ूड जो आपके ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में करेंगे मदद Healthcare
हेल्थ टिप्स:शरीर में ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने के लिए खाएं ये सुपरफ़ूड जो आपके ऑक्सीजन लेवल बढ़ाने में करेंगे मदद


शरीर के लिए ऑक्सीजन कितना जरुरी है ये तो हम सभी जानते हैं, ऑक्सीजन के बिना मनुष्य का जिन्दा रहना मुश्किल है। मानव शरीर के समुचित कार्य के लिए ऑक्सीजन आवश्यक है। इसके बिना आप जीवन की कल्पना भी नहीं कर सकते हैं।

शरीर में हमेशा ऑक्सीजन का एक ऑप्टिमम लेवल जरुरी होता है। इसमें कमी आने पर शरीर को बहुत नुकसान हो सकती है और व्यक्ति की जान भी जा सकती है। मस्तिष्क ऑक्सीजन के स्तर में परिवर्तन के प्रति अत्यधिक संवेदनशील होता है। 

ऑक्सीजन संज्ञानात्मक कार्य, एकाग्रता और समग्र मस्तिष्क स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। ऑक्सीजन की कमी से संज्ञानात्मक हानि और अन्य तंत्रिका संबंधी समस्याएं हो सकती हैं। लाल रक्त कोशिकाओं द्वारा रक्तप्रवाह में ऑक्सीजन का परिवहन किया जाता है, और इसकी उपलब्धता हृदय स्वास्थ्य के लिए महत्वपूर्ण है। यह सुनिश्चित करता है कि अंगों और ऊतकों को पर्याप्त ऑक्सीजन की आपूर्ति मिले।

पत्तेदार साग

पालक, केल और अन्य पत्तेदार साग जैसे खाद्य पदार्थ एंटीऑक्सिडेंट, विटामिन और खनिजों से भरपूर होते हैं। उनमें विटामिन सी जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो प्रतिरक्षा कार्य का समर्थन करते हैं, और विटामिन के, जो रक्त के थक्के और हड्डियों के स्वास्थ्य में भूमिका निभाते हैं।

जामुन

ब्लूबेरी, स्ट्रॉबेरी और रास्पबेरी जैसे जामुन एंटीऑक्सीडेंट से भरपूर होते हैं। एंटीऑक्सिडेंट समग्र स्वास्थ्य का समर्थन करते हुए कोशिकाओं को ऑक्सीडेटिव तनाव और सूजन से बचाने में मदद करते हैं।

फैटी मछली

सैल्मन, मैकेरल और ट्राउट जैसी वसायुक्त मछलियाँ ओमेगा-3 फैटी एसिड के उत्कृष्ट स्रोत हैं। ओमेगा-3एस में सूजन-रोधी गुण होते हैं और यह हृदय संबंधी स्वास्थ्य में योगदान दे सकता है। अच्छा हृदय स्वास्थ्य रक्तप्रवाह में कुशल ऑक्सीजन परिवहन का समर्थन करता है।

दाने और बीज

बादाम, अखरोट और अलसी जैसे मेवे और बीज, विटामिन ई और मैग्नीशियम सहित विभिन्न प्रकार के पोषक तत्व प्रदान करते हैं। विटामिन ई एक एंटीऑक्सीडेंट है, जबकि मैग्नीशियम श्वसन मांसपेशियों सहित मांसपेशियों और तंत्रिका कार्यों का समर्थन करता है।

खट्टे फल

संतरे, अंगूर और नींबू जैसे खट्टे फल विटामिन सी से भरपूर होते हैं। विटामिन सी अपने प्रतिरक्षा-बढ़ाने वाले गुणों के लिए जाना जाता है और श्वसन प्रणाली के स्वास्थ्य का समर्थन करने में मदद कर सकता है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि उचित ऑक्सीजन स्तर को बनाए रखने में मुख्य रूप से समग्र जीवनशैली विकल्प शामिल हैं, जिसमें नियमित व्यायाम, उचित हाइड्रेशन और धूम्रपान से बचना या पर्यावरण प्रदूषकों के संपर्क में आना शामिल है। इसके अतिरिक्त, फलों, सब्जियों, साबुत अनाज और कम वसा वाले प्रोटीन से भरपूर आहार समग्र स्वास्थ्य और कल्याण में योगदान देता है।

हेल्थ टिप्स:अगर आप भी सिगरेट और चाय के शौकीन है तो हो जाइए सावधान इसके कॉबिनेशन से हो सकते है सेहत के कई नुकसान


हर इंसान को चाय पीना बहुत ही पसंद होता है. किसी को बेड टी पसंद होता है तो किसी को दिन में कई बार चाय पीना पसंद होता है. हर नुक्कड़-चौराहे पर आपके चाय की दुकान मिल जाएगी और वहां ढेर सारे लोग भी मिल जाएंगे जो चाय पी रहे होंगे।ज्यादा मात्रा में चाय पीना आपकी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक हो सकता है।

हमारी ऐसी कई आदतें होती हैं जो हमारे जीवन का हिस्सा बन जाती हैं। जिसका हमें खुद भी नहीं पता चल पाता है। इसी में से एक खराब आदत है, चाय के साथ सिगरेट पीना। आज बहुत से लोगों को इस आदत ने घेर लिया है। ऐसे तो सिगरेट पीना हमारी सेहत के लिए काफी नुकसानदायक होता है, लेकिन चाय के साथ सिगरेट पीना इसे बेहद जानलेवा बना देता है। यदि आप भी चाय के साथ सिगरेट आदत को आज ही बद कर दीजिए।

बढ़ता है कैंसर का खतरा 

हाल ही में जारी हुई एक रिपोर्ट में ये बात सामने आई है कि चाय के साथ सिगरेट पीने से कैंसर होने की संभावना 30% तक बढ़ जाती है। चाय में पाए जाने वाले टॉक्सिंस यदि सिगरेट के धुंए के साथ मिल जाते हैं तो वह कैंसर जैसी खरतनाक बीमारी का कारण बन जाते हैं। इसलिए आप भूलकर भी चाय के साथ सिगरेट का सेवन न करें।

बढ़ता है हार्ट अटैक का खतरा

दूध की चाय पीने से हमारे दिल की सेहत पर बुरा असर पड़ता है। कुछ रिपोर्ट की मानें तो चाय में पाया जाने वाला कैफीन हमारे शरीर में एक उत्प्रेरक की तरह काम करता है। इसलिए ज्यादा मात्रा में चाय का सेवन करने से हार्ट अटैक का खतरा बढ़ जाता है। वहीं चाय के साथ सिगरेट पीने से हार्ट अटैक और बीपी की समस्या और भी तेजी से बढ़ सकती है। जिसका कारण कैफीन और निकोटीन दो तत्वों का अक साथ मिल जाना है।

चाय और सिगरेट साथ में पीने के नुकसान 

हार्ट अटैक का खतरा

मैमोरी लॉस

फेंफड़ो(लंग्स) का कैंसर

पेट का अल्सर

गले का कैंसर

नपुंसकता और बांझपन

आहार नली का कैंसर

हाथ पैरों का अल्सर

चाय सिगरेट छोडने के उपाय

इच्छाशक्ति करें मजबूत परिवार के साथ बिताएं समय

तनाव से दूर रहें।

मादक पदार्थों पर टैक्स बढ़ाएँ

तंबाकू की ब्रिकी पर रोक लगाएं

निष्कर्ष- किसी भी खाद्य पदार्थ का अत्यधिक सेवन हमेशा ही सेहत के लिए नुसकानदायक होता है। इसलिए सभी चीजों का नियंत्रित इस्तेमाल जरूरी है। चाय और सिगरेट दोनों ही हमारी सेहत को केवल नुकसान पहुंचाती हैं। अतः हमें इनका सेवन हमेशा के लिए बंद कर देना चाहिए।

प्याज के रस के है कई फायदे बालों की जड़ों को बनाता मजबूत,घने और चमकदार बाल पाने के लिए प्याज का रस का इन 3 तरीकों से करें इस्तेमाल


दिल्ली:-प्याज़़ हमारे भोजन का एक अहम हिस्सा माना जाता है। सब्जी में जायका लाना हो या गजब का तड़का लगाना हो, बिना प्याज़़ तो बात ही नहीं बनती! लेकिन क्या आप जानते हैं कि प्याज आपके हेयर फॉल को भी कम कर सकता है। जी हां, प्याज में मौजूद एंटी-बैक्टीरियल गुण आपके बालों की जड़ों को मजबूत कर सकता है। साथ ही यह बालों को बाहरी वातावरण से सुरक्षित रखने में प्रभावी हो सकता है। 

इतना ही नहीं, प्याज में सल्फर मौजूद होता है, जिससे बालों की जड़ें मजबूत होती हैं। साथ ही इससे डैंड्रफ की समस्याओं को कम करने में मदद मिल सकती है। यह रुट्स में पोषण प्रदान करते उसे मजबूती प्रदान कर सकता है। आइए जानते हैं झड़ते बालों की परेशानी को कम करने के लिए कैसे इस्तेमाल करें प्याज का रस?

एलोवेरा जेल और प्याज का रस का हेयर मास्क

प्याज और एलोवेरा का मिश्रण आपके बालों की जड़ों को मजबूती प्रदान कर सकता है। इस हेयर मास्क को तैयार करने के लिए सबसे पहले एक चम्मच प्याज का रस लें, इसमें 1 चम्मच करीब एलोवेरा जेल मिक्स कर लें। इसके बाद इस मिश्रण को अपने बालों पर लगाएं। करीब 10 से 15 मिनट के बाद अपने बालों को धो लें। इससे आपके बालों की चमक बेहतर हो सकती है। 

प्याज और नींबू के रस का करें इस्तेमाल

नींबू और प्याज के रस का मिश्रण आपके स्कैल्प के पीएच लेवल को मेंटेन करने में प्रभावी साबित हो सकता है। इससे डैंड्रफ की परेशानी काफी हद तक कम हो सकती है। साथ ही यह स्कैल्प में जमा गंदगी को कम कर सकता है। प्याज और नींबू के रस का मिश्रण फॉलिक्स को ब्लॉक करने का कार्य करती है। 

नारियल तेल और प्याज के रस का मिश्रण

बालों का रूखापन कम करने के लिए नारियल तेल और प्याज के रसका मिश्रण बालों में लगाएं। इस मिश्रण को बालों में लगाने के लिए सबसे पहले एक चम्मच नारियल तेल लें, इसमें प्याज का रस मिक्स करके अपने बालों पर लगाएं और करीब 10 मिनट के लिए छोड़ दें। बाद में माइल्ड शैंपू की मदद से बालों को धो लें। 

प्याज का रस बालों की कई तरह की परेशानियों को कम करने में प्रभावी हो सकता है। हालांकि, ध्यान रखें कि अगर आपके बालों की परेशानी काफी ज्यादा हो रही है, तो ऐसी स्थिति में अपने एक्सपर्ट की मदद जरूर लें।

ब्यूटी टिप्स:अलसी का पानी बालों में लगाने से मिलते हैं कई जबरदस्त फायदे

अलसी, जिसे अंग्रेज़ी में फ्लैक्ससीड कहा जाता है, प्राकृतिक सुंदरता और स्वास्थ्य के लिए कई फायदों से भरी होती है। विशेषकर बालों के लिए, अलसी का पानी एक वरदान साबित हो सकता है। आइए जानते हैं अलसी का पानी बालों में लगाने से मिलने वाले जबरदस्त फायदों के बारे में।

1. बालों की वृद्धि में सहायता

अलसी का पानी बालों की वृद्धि को तेज़ करता है। इसमें मौजूद ओमेगा-3 फैटी एसिड और विटामिन ई बालों की जड़ों को मज़बूत बनाते हैं और नई बालों की कोशिकाओं के निर्माण में सहायता करते हैं।

2. डैंड्रफ से छुटकारा

अलसी के पानी का नियमित उपयोग बालों की खुश्की और डैंड्रफ को कम करता है। इसके एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण सिर की त्वचा की सूजन और खुजली को कम करने में मदद करते हैं।

3. बालों की चमक

अलसी का पानी बालों में प्राकृतिक चमक लाने में सहायक है। इसमें मौजूद प्रोटीन बालों को पोषण प्रदान करते हैं जिससे बाल मुलायम और चमकदार बनते हैं।

4. बालों का टूटना कम करना

अलसी का पानी बालों की जड़ों को मज़बूत बनाता है, जिससे बालों का टूटना कम होता है। इसमें मौजूद माइक्रोन्यूट्रिएंट्स बालों को मज़बूत और स्वस्थ बनाते हैं।

5. कंडीशनर का काम

अलसी का पानी एक प्राकृतिक कंडीशनर की तरह काम करता है। इसका नियमित उपयोग बालों को मुलायम और घना बनाता है।

अलसी का पानी बनाने की विधि

1. सामग्री:

2 बड़े चम्मच अलसी के बीज और 2 कप पानी।

2.विधि: 

एक पैन में पानी गरम करें और उसमें अलसी के बीज डालें।

पानी को उबालें और 10-15 मिनट तक पकने दें।

जब पानी गाढ़ा हो जाए, तो इसे ठंडा होने दें।

ठंडा होने पर इसे छान लें और एक साफ़ बोतल में भर लें।

उपयोग करने का तरीका

बालों को शैंपू से धोने के बाद, अलसी के पानी को बालों की जड़ों और लंबाई पर लगाएं।

इसे 20-30 मिनट तक बालों में लगा रहने दें।

इसके बाद बालों को सामान्य पानी से धो लें।

हफ्ते में 2-3 बार इसका उपयोग करें।

निष्कर्ष*

अलसी का पानी बालों के लिए एक प्राकृतिक और सस्ता उपाय है। इसके नियमित उपयोग से आप अपने बालों को स्वस्थ, मजबूत और खूबसूरत बना सकते हैं। प्राकृतिक सुंदरता को अपनाएं और अलसी के पानी के अद्भुत फायदों का आनंद लें।

स्वास्थ्य:किडनी डैमेज होने के पूर्व ना करें इन लक्षणों को इग्नोर,तुरंत लें चिकित्सको से परामर्श,आइये जानते हैं इन लक्षणों को...?


किडनी शरीर का महत्वपूर्ण अंग है । किडनी किसी कारण से शरीर में काम करना बंद कर देती है या फिर ठीक से काम नहीं कर पाती है, तो इसके कारण शरीर के अन्य अंग भी काम करना बंद कर देता है। इसलिए किडनी को हेल्दी रखने की सलाह दी जाती है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। हालांकि, दिन में नहीं बल्कि किडनी डैमेज से जुड़े कुछ लक्षण रात के समय भी महसूस होते हैं और ये लक्षण बहुत कॉमन होने के कारण कई बार इग्नोर भी हो जाते हैं। 

चिकित्सकों का मानना है कि समय महसूस होने वाले किडनी डैमेज से जुड़े लक्षणों के बारे में जानना जरूरी है।

 रात के समय किडनी डैमेज सेजुड़े लक्षण विशेष रूप से महसूस होने लगते हैं, जबकि कई बार किडनी डैमेज के कारण दिन में महसूस हो रहे लक्षणों का पता लगाना मुश्किल हो जाता है। उन्होंने आगे बताया कि यह ध्यान रखना जरूरी है कि ये संकेत किसी अन्य शारीरिक बीमारी का संकेत भी हो सकते हैं, इसलिए डॉक्टर से सही जांच कराना बहुत महत्वपूर्ण है। किडनी डैमेज से जुड़े ऐसे लक्षण जो आमतौर पर रात के समय देखे जा सकते हैं, इस प्रकार हैं:

1. रात के समय अक्सर पेशाब आना 

रात के समय बार-बार पेशाब जाने की जरूरत पड़ना, यानी रात के समय बार-बार पेशाब करने की आवश्यकता, किडनी के क्षति का संकेत हो सकता है। किडनी आपके खून से कचरा फिल्टर करने का काम करती है और तरल संतुलन को नियंत्रित करने में मदद करती है। जब वे प्रभावित होते हैं, तो वे पेशाब को सही ढंग से एकत्र करने में संघटन कर सकते हैं। 

इसके परिणामस्वरूप, आपको पेशाब करने के लिए कई बार जागने की आवश्यकता हो सकती है, जिससे आपकी नींद बिगाड़ सकती है।

2. अंगों में सूजन 

किडनी डैमेज होने पर शरीर में जरूरत से ज्यादा द्रव जमानो होने लग सकता है, जिस कारण से शरीर के कई हिस्सों में सूजन होने लगती है जैसे टांग या पैरों में सूजन आना आदि। यह सूजन दिन में अधिक दिखाई देगी, लेकिन रात को जब आप लेटते हैं तो तरल शरीर में पुनः वितरित होता है, तो यह रात को अधिक भी हो सकता है। ऐसे में जब आप उठते हैं तो आपके शरीर के कुछ अंगों में सूजन दिख सकती है।

3. पीठ या बाईं ओर दर्द होना 

किडनी निचली पीठ क्षेत्र में स्थित होती हैं, बढ़ते रिब केज के नीचे। किडनी के क्षति को पीठ या बाएं ओर क्षेत्र में दर्द के रूप में प्रकट हो सकता है, जो रात को लेटते समय अधिक बढ़ सकता है। इस दौरान हो रहे दर्द की गंभीरता से यह अंदाजा भी लगाया जा सकता है कि किडनी में डैमेज कितना हो चुका है। इस दौरान होने वाला दर्द आमतौर पर काफी तेज व चुभन जैसा होता है, जो किडनी की समस्या की गंभीरता को दर्शाता है।

 किडनी से जुड़े किसी भी लक्षण को इग्नोर नहीं करना चाहिए। किडनी डैमेज होने के पीछे कई कारक हो सकते हैं जिनमें आमतौर पर डायबिटीज, संक्रमण और अन्य कई कारक शामिल हैं। यदि आपको इनमें से कोई भी लक्षण महसूस होता है, तो जल्द से जल्द डॉक्टर से इस बारे में बात कर लेनी चाहिए।

वजन कम करने के लिए धनिया का बीज है काफी कारगर,आइए जानते है इसके सेवन से होने वाले फायदे के बारे में


धनिया एक ऐसी चीज है जिसके बिना आपकी सब्जी का स्वाद अधूरा सा रहता है. धनिया की खुशबू सब्जी में एक अलग ही मजा डालती है. धनिए को दो तरह से इस्तेमाल किया जाता है. एक हरा धनिया जो पत्तियों के रूप में इस्तेमाल होता है.

सब्जियों को गार्निश करने और चटनी वगैरह में डाला जाता है. वहीं धनिया के बीजों (Coriander Seeds) का इस्तेमाल सब्जी में मसाले के दौर पर होता है. तमाम सब्जियों में इसे पीसकर पाउडर के रूप में डाला जाता है. 

वहीं कुछ सब्जियों में धनिया के बीज को साबुत मसाले के तौर पर यूज किया जाता है. दोनों ही तरह के धनिया सेहत के लिए फायदेमंद माने जाते हैं।

लेकिन आज यहां हम आपको बताएंगे धनिया के बीज के पानी के बारे में. इस पानी में औषधीय गुण होते हैं जो शरीर की तमाम समस्याओं को समाप्त कर सकते हैं।मोटापे की समस्या होगी दूर

आजकल मोटापे की समस्या काफी बढ़ गई है. 

अगर आप अपना वजन घटाना चाहते हैं, तो धनिया का पानी आपके लिए मददगार साबित हो सकता है. धनिया के बीजों का पानी मेटाबॉलिज्म की प्रक्रिया को तेज करता है. इससे शरीर की एक्सट्रा चर्बी तेजी से घटना शुरू हो जाती है.

थायरॉयड की समस्या

आजकल थायरॉयड की समस्या भी काफी बढ़ रही है. खासकर महिलाएं इस समस्या से ज्यादा पीड़ित होती हैं. ये हार्मोनल परेशानी है, जो उनके पीरियड साइकिल को भी कई बार डिस्टर्ब कर देती है. अगर आप भी इस समस्या से जूझ रही हैं, तो धनिए के बीजों का पानी आपके लिए काम का हो सकता है. ये पानी थायरॉयड हार्मोन की कमी या अधिकता दोनों में फायदेमंद है. इसमें मौजूद पोषक तत्व थायरॉयड हार्मोन को संतुलित करने का काम करते हैं.

लिवर व किडनी की सेहत के लिए बेहतर

धनिया का पानी लिवर की सेहत के लिए भी अच्छा माना जाता है. इसके अलावा ये किडनी की समस्या से पीड़ित लोगों के लिए भी लाभकारी माना जाता है. धनिया का पानी आपके शरीर के विषैले तत्वों को बाहर निकालता है. अगर आप भी इस तरह की कोई समस्या झेल रहे हैं, तो ये पानी आपकी सेहत के लिए काफी अच्छा साबित हो सकता है.

शरीर का भारीपन दूर करता

अगर आपने गरिष्ठ भोजन किया है तो आप दिन में दो से तीन बार धनिया का पानी पीएं. इससे आपको काफी फायदा मिलेगा क्योंकि इसमें पाचन संबन्धी समस्याओं को दूर करने के गुण पाए जाते हैं. इसके अलावा ये पानी आपके शरीर को गर्मी के प्रभाव से बचाता है और इम्यून सिस्टम को दुरुस्त करता है.

कैसे तैयार करें और क्या है पीने का तरीका

धनिया का पानी तैयार करने के लिए आप एक चम्मच धनिया के बीजों को लेकर दो कप पानी में डालकर उबालें. करीब 5 मिनट तक इस पानी को उबलने दें. इसके बाद ठंडा होने दें. इसके बाद इस पानी को सुबह के समय खाली पेट पीएं.

ध्यान रहे

धनिया के बीज के पानी से उल्टी, सिरदर्द, दस्त, सूजन, चक्कर आना जैसी समस्याएं भी हो सकती हैं. इसलिए इसे पीने से पहले एक बार विशेषज्ञ की सलाह ले लें. वहीं डायबिटीज के मरीज इसे बगैर सलाह के बिल्कुल न पीएं क्योंकि ये उनके ब्लड में ग्लूकोज लेवल को कम कर सकता है.

मानसून में अगर हो गई नाक बंद और गले में खराश तो आजमाएं ये घरेलू उपाय मिलेगी राहत


देश में मानसून ने दस्तक दे दी है. ऐसे में जहां गर्मी से राहत मिली है तो वहीं कई खतरनाक बीमारियों का खतरा भी बढ़ गया है. बारिश में भीगने, ठंडा खाना खाने या एसी में सोने से कई बार गले में खराश होने की शिकायत होने लगती है. 

ऐसे में सर्दी के बाद गले में खराश होना आम बात है. ये सुनने में तो नॉर्मल लगता है, लेकिन असल में इस दौरान बहुत तकलीफ होती है. हालांक कभी-कभी चिल्लाने, खान-पान की आदतें बदलने या बहुत ज्यादा बात करने से भी गला खराब हो जाता है.

गले में खराश होने पर आवाज नहीं निकलती है इसके साथ ही गले में दर्द होता है. ऐसे में अगर आप भी इस बरसात के मौसम में गला खराब होने की समस्या से परेशान हैं तो आज हम आपके लिए लेकर आए हैं कुछ घरेलू उपाय, जिन्हें अपनाकर आपको कुछ ही देर में राहत महसूस होगी.

 नमक के पानी से करें गरारा- 

अगर बारिश के चलते आपको सर्दी की शिकायत हो रही है तो आपको गरारा राहत दिला सकता है. इसे करने से कफ ढीला हो जाता है साथ ही साथ सर्दी से राहत मिलती है. गले की खराश से छुटकारा पाने के लिए नमक के पानी से गरारे करें. इसके लिए गुनगुने पानी में थोड़ा नमक मिलाएं और फिर इस पानी से 5 मिनट तक अच्छे से गरारे करें.

 अदरक चबाएं- 

मानसून के मौसम में सर्दी लगना आम बात है. ऐसे में अगर आप भी इससे जूझ रहे हैं तो अदरक आपके काम आ सकती है. अदरक खाने से सर्दी से राहत मिलती है और गले की खराश भी कम होती है. दरअसल में अदरक में ऐसे तत्व होते हैं जो गले की खराश और सर्दी से तुरंत राहत दिलाते हैं. अगर आप अदरक नहीं खाना पा रहे हैं तो आप इसकी चाय या अदरक का दूध पी सकते हैं या फिर अदरक के छोटे-छोटे टुकड़े मुंह में रखकर चबा सकते हैं. इससे आपको कुछ ही देर में राहत मिलेगी.

 दालचीनी और शहद- 

दालचीनी और शहद दोनों ही सेहत के लिहाज से अच्छे माने जाते हैं. ऐसे में ये आपको गले की खराश और सर्दी से भी राहत दिला सकते हैं. दालचीनी में ऐसे गुण होते हैं जो गले की खराश से राहत दिलाते हैं. इसके लिए बस आपको दालचीनी पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर चाटना है. ध्यान रखें कि इसके कुछ देर तक पानी न पिएं.

 काली मिर्च- 

काली मिर्च सर्दी को भगाने में बेहद कारगर मानी जाती है. इससे गले की खराश, सर्दी और खांसी से राहत मिलती है. इसके लिए 1 चम्मच काली मिर्च पाउडर में 1 चम्मच शहद मिलाकर खाएं. ये दोनों चीजें सर्दी-खांसी से राहत दिलाएंगी. इसके साथ ही इससे बंद गला भी खुल जायेगा.

 सेब का सिरका- 

सेब का सिरका कई चीजों में अच्छा माना जाता है, लेकिन क्या आपको पता है ये आपको सर्दी जुकाम से भी राहत दिला सकता है. जी हां गले में खराश है तो सेब का सिरका भी एक प्रभावी घरेलू उपाय साबित हो सकता है. इसके लिए आपको ज्यादा कुछ नहीं करना है बल्कि 1 गिलास गुनगुना पानी लेना है और उसमें 1 चम्मच एप्पल साइडर विनेगर डालना है. इस पानी से रोज सुबह-शाम गरारे करें. इससे आपके गले की खराश में काफी राहत मिलेगी.

हेल्थ टिप्स:बरसात के मौसम में इम्यून सिस्टम को रखना है स्ट्रॉन्ग तो पीजिए ये हेल्दी ड्रिंक,बीमारियां रहेगी दूर

देश में मानसून ने पूरी तरह से दस्तक दे दी है। साथ ही लोगों को गर्मी से भी राहत मिली है। बरसात का मौसम गर्मी से राहत पहुंचाने के साथ बहुत सी मौसमी बीमारियां साथ लेकर आता है. इसलिए इम्यून सिस्टम का मजबूत होना बहुत जरूरी है. इससे पाचन तंत्र को हेल्दी रखने में मदद मिलेगी. इससे आप खुद को मौसमी बीमारियों से बचा पाएंगे. ऐसे में फिजिकल एक्टिविटी के साथ हेल्दी खानपान का भी महत्व है. इस मौसम में आप कुछ हेल्दी ड्रिंक्स भी रोजाना पी सकते हैं.

ये पौष्टिक ड्रिंक्स आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत रखते हैं. ये आपको मौसमी बीमारियों से भी बचाते हैं. इसके साथ ही ये हेल्दी ड्रिंक्स इस मौसम में आपको हाइड्रेट रखते हैं.

नींबू और अदरक टी

नींबू और अदरक की टी ले सकते हैं. नींबू में विटामिन सी अधिक होता है. ये इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. अदरक में एंटीबैक्टीरियल के साथ एंटी-इंफ्लेमेटरी गुण होते हैं. इन दोनों से बनी चाय आपको सर्दी और फ्लू से बचाती है.

हल्दी वाला दूध

हल्दी वाला दूध या फिर गोल्डन दूध कहें सेहत के लिए बहुत ही अच्छा होता है. हल्दी में करक्यूमिन होता है. ये इम्युनिटी को बढ़ाता है. ये हेल्दी वाला दूध डायजेस्ट सिस्टम के लिए भी बहुत फायदेमंद है. इससे आपकी नींद की क्वालिटी में भी सुधार होता है. आप सोने से पहले हल्दी वाला दूध ले सकते हैं.

हर्बल टी

बारिश के मौसम में हर्बल टी सेहत के लिए बहुत ही फायदेमंद साबित हो सकती है. हर्बल टी से आप रिलैक्स रहते हैं. इसमें मौजूद हर्ब्स आपको मौसमी बीमारियों से बचाते हैं. ये सेहत को कई अन्य फायदे भी पहुंचाती हैं.

ग्रीन स्मूदी

ग्रीन स्मूदी को हरे पत्तेदार सब्जियों और फलों से बनाया जाता है. इसमें आप खट्टे फलों और बेरीज का इस्तेमाल भी कर सकते हैं. इसके साथ स्मूदी को मलाईदार बनाने के लिए आप बादाम के दूध और नारियल पानी का इस्तेमाल कर सकते हैं. ग्रीन स्मूदी बहुत ही पौष्टिक होती है. ये आपको संक्रमण से बचाती है. ये स्मूदी आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाती है.

आंवला जूस

आंवले में विटामिन सी होता है. आंवले से बना जूस आपके इम्यून सिस्टम को मजबूत बनाता है. आंवले का जूस आप घर पर भी आसानी से बना सकते हैं. बारिश के मौसम में आंवला जूस आपको कई मौसमी बीमारियों से बचाता है.

गर्भावस्था में अमरूद खाने से मिलते है कई लाभ,आइए जानते है गर्भावस्था में अमरूद खाने के फायदे के बारे में...


प्रेगनेंसी एक महिला के लिए सबसे खूबसूरत पल होता है। प्रेगनेंसी में महिलाओं को अपने सेहत पर खासतौर पर ध्यान रखना चाहिए क्योंकि इसे उसे और होने वाले बच्चे दोनों पर असर पड़ता है। हर महिला को अपने साथ अपने होने वाले बच्चे का भी पूरा ध्यान रखना होता है। उनकी डायट में कई तरह के बदलाव किए जाते हैं और उन्‍हें फल, सब्जियां, सूखे मेवे और अन्‍य पौष्टिक चीज़ों को शामिल करने की सलाह दी जाती है। क्योकिं यह पौष्टिक चीज़े उनके और उनके शिशु के लिए काफी महत्वपूर्ण मानी जाती हैं। कुछ फल ऐसे हैं, जिन्हें प्रेगनेंसी में खाने के लिए मना किया जाता है।

कुछ ऐसे हैं जिन्हें ज़रूर खाने की सलाह भी दी जाती है । अगर आप प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद खाने की सोच रही हैं कि इसे खाना सुरक्षित होगा कि नहीं तो हम आपको बता दें प्रेगनेंसी में अमरूद का सेवन एकदम सुरक्षित होता है। अमरूद पोषण से भरा फल है। इसलिए प्रेगनेंट महिलाओं को इसके बहुत से स्वास्थ्य लाभ भी मिल सकते हैं। परन्तु इसको सीमित मात्रा में खाना चाहिए। 100-125 ग्राम अमरूद की मात्रा रोजाना खाना सुरक्षित माना जाता है। यहां हम आपको बताएंगे अमरूद को खाने के आश्चर्यजनक लाभ-

1. विटामिन सी का स्त्रोत-

अमरूद विटामिन सी का अच्छा स्रोत होता है। गर्भावस्था के दौरान अमरूद खाने से यह आपकी प्रतिरक्षा प्रणाली को मजबूत रखने में मदद करता है और शिशु को संक्रमण से बचाने में सहायता प्रदान करता है।

2. डायबिटीज को कंट्रोल करता है -

प्रेगनेंसी में डायबिटीज की समस्या काफी देखी जाती है। अगर आप प्रेगनेंट हैं और डायबिटीज से बचना चाहती हैं, तो आप अमरूद का सेवन कर सकती हैं । इससे टाइप 2 डायबिटीज को भी कंट्रोल करा जा सकता है।

,3. पाचन तंत्र को स्वस्थ रखता है-

अमरूद में अच्छी मात्रा में फाइबर होती है, जिससे पाचन तंत्र को स्वस्थ रखने में मदद मिलती है। यह कब्ज को दूर करता है और आपको पेट की समस्याओं से राहत देता है।

4. हाइड्रेटेड रखता है-

प्रेगनेंसी में शरीर को हाइड्रेटेड रखना बहुत जरूरी है अगर आप पानी का ज्यादा सेवन नहीं कर पा रही हैं, तो आप लिक्विड चीजों का ज्यादा से ज्यादा सेवन करें या फिर ऐसे फलों को डाइट में शामिल करें जिनमें पानी की मात्रा अधिक होती है। अमरूद में अच्छी खासी पानी की मात्रा पाई जाती है, जो हाइड्रेशन से बचाने में मददगार है।

5. ओरल हेल्थ बेहतर बनाता है-

अमरूद गले के इंफेक्शन को कम करने में मदद कर सकता है और मौखिक स्वास्थ्य को बढ़ावा देता है। इसमें मौखिक अल्सर और मसूड़ों की समस्याओं को कम करने वाले गुण होते हैं।

6. शरीर को ऊर्जा प्रदान करता है-

प्रेगनेंसी के दौरान अमरूद का सेवन ऊर्जा प्रदान करता है क्योकिं इसमें मध्यम रूप से कैलोरी होती हैं। इससे आपकी थकान और कमजोरी कम हो सकती है।

7. इम्यूनिटी को बढ़ाता है-

अमरूद में विटामिन ई, सी व बी की मात्रा भरपूर होती है। यह तीनों ही विटामिन प्रेगनेंसी के दौरान शरीर की इम्यूनिटी बढ़ाने में मदद करती हैं। अमरूद में बहुत से एंटीऑक्सीडेंट भी पाए जाते हैं जो आपको बीमारियों से बचाते हैं। इसलिए हर एक महिला को जो मां बनने वाली है उन्हें अमरूद जरूर खाना चाहिए।

8. एनीमिया होने से बचाता है-

एनीमिया आयरन की कमी के कारण होता है और यह प्रेगनेंट महिलाओं में अक्सर मिलने वाली आम समस्या है। इसलिए यदि महिलाए इस दौरान अमरूद खाती हैं तो उनको इससे पर्याप्त मात्रा में आयरन मिल सकता है। जिससे उनके शरीर में आयरन की कमी नहीं होगी।