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अभिनेता अभिषेक बच्चन ने मां जया और बहन श्वेता के साथ बाबा विश्वनाथ का किया दर्शन—पूजन
लखनऊ /वाराणसी। बॉलीवुड अभिनेता अभिषेक बच्चन, उनकी मां सपा सांसद जया बच्चन और बहन श्वेता नंदा ने गुरुवार शाम श्री काशी विश्वनाथ के दरबार में हाजिरी लगाई। श्री काशी विश्वनाथ मंदिर न्यास के सदस्य ज्योतिषाचार्य डॉ. चंद्रमौली उपाध्याय की देखरेख में बच्चन परिवार ने वैदिक मंत्रोच्चार के बीच बाबा का विधिवत दर्शन-पूजन किया। दर्शन-पूजन के बाद मंदिर के मुख्य कार्यपालक अधिकारी ने बच्चन परिवार को प्रसाद व अंगवस्त्रम भेंट किया।

मंदिर से बाहर निकलने पर युवा प्रशंसकों ने बच्चन परिवार को देख हर-हर महादेव का उद्घोष किया। बच्चन परिवार ने भी उनका हाथ जोड़कर अभिवादन किया। इसके पहले अभिषेक,जया और श्वेता वाराणसी एयरपोर्ट से कड़ी सुरक्षा के बीच होटल पहुंचे। होटल में कुछ देर विश्राम के बाद बाबा विश्वनाथ के दर्शन-पूजन के लिए निकले। बाबा विश्वनाथ के पूजन अर्चन के बाद उन्होंने श्री संकट मोचन मंदिर में भी हाजिरी लगाई।

सीएम योगी आदित्यनाथ ने श्रावस्ती में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का किया निरीक्षण
लखनऊ । बुधवार को पीलीभीत व लमीमपुर खीरी में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का दौरा करने के बाद  मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने गुरुवार को श्रावस्ती में बाढ़ प्रभावित क्षेत्रों का हेलीकाप्टर से निरीक्षण किया। इस दौरान उनके साथ जलशक्ति मंत्री स्वतंत्र देव सिंह भी मौजूद रहे। मुख्यमंत्री राहत कैम्पों में भी गए और बाढ़ पीड़ितों से मुलाकात की। उन्हें राहत पैकेट वितरित किए। इस मौके पर मुख्यमंत्री ने कहा कि इस बार जुलाई के प्रथम सप्ताह में ही बाढ़ आ गयी है। विपरीत परिस्थितियों में भी कार्य कर रहे हैं।आधी रात में पानी भरगया। 11 लोग फंस गए। उन्होंने पुलिस को फोन किया। पुलिस मौके पर पहुंची और रेस्क्यू किया। सबको बचा लिया। हमने उन पुलिसकर्मियों को पुरस्कार दिए हैं।

633 गांव के 17 लाख से अधिक आवादी बाढ़ की चपेट में

जिन महिला और पुरुष ने इसमें मदद की, उन्हें पुरस्कार राशि दी जाएगी। आपदा में यदि किसी की जान चली जाती है तो उन पीड़ित परिवारों को चार-चार लाख रुपये सहायता राशि दी जाए। आज भी चार परिवारों को जिन्होंने अपने परिवार के सदस्य खोए हैं, उन्हें चार-चार लाख रुपये के चेक प्रदान किए गए। बाढ़ की स्थिति अकेले यहीं है। 35 तहसील, 633 गांव के 17 लाख से अधिक आवादी बाढ़ की चपेट में हैं। कृषि भूमि भी बाढ़ की चपेट में आई है।

सीएम का निर्देश, बाढ़ प्रभावितों को भोजन की समस्या न हो

मुख्यमंत्री ने अधिकारियाें काे निर्देश दिए कि बाढ़ प्रभावितों को भोजन की समस्या न हो, जानवरों के लिए चारे की व्यवस्था हो। बचाव कार्य में किसी भी स्तर पर लापरवाही नहीं होनी चाहिए। युद्ध स्तर पर राहत एवं बचाव कार्य संचालित किया जाए। पूरे प्रदेश में करीब एक हजार बाढ़ चौकियां स्थापित की गई हैं।इस मौके पर विधायक सुभाष त्रिपाठी, एमएलसी पदमसेन चौधरी, विधायक रामफेरन पांडेय, जिला पंचायत अध्यक्ष दद्दन मिश्रा समेत अन्य लोग मौजूद रहे।

पीलीभीत व लखीमपुर खीरी का सीएम ने किया दौरा

बाढ़ से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया। साथ ही दोनों जिलों में लोगों के बीच पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उन्होंने भरोसा दिया कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।

राहत बचाव के सीएम ने दिया निर्देश

पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने शहर के साथ ही बीसलपुर इलाके का भी हवाई दौरा किया। पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की। पीलीभीत से वह लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की। शारदा नगर कॉलोनी पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में सरकार आपके साथ खड़ी है।
हाथरस में कंटेनर और बस की टक्कर में दो की मौत, मुख्यमंत्री ने जताया दुख

लखनऊ । उन्नाव के बाद अब हाथरस में भीषण हादसा हो गया। जनपद के सिकंदराराऊ में गुरुवार सुबह एक प्राइवेट बस खड़ी कंटेनर से जा टकराई। इस दुर्घटना में बस के चालक सहित दो लोगों की मौके पर मौत हो गई और करीब 15 लोग घायल हो गए। सूचना मिलने पर डीएम , एसपी सहित पुलिस भी वहां पहुंच गई। कुछ घायलों को अलीगढ़ तो कुछ घायलों को हाथरस के जिला अस्पताल भेजा गया। मृतकों के शवों को पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया गया है। दुर्घटना का सीएम याेगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए अधिकारियों को राहत कार्य तेजी से कराने के निर्देश दिए हैं।

एटा-अलीगढ़ मार्ग पर खड़ी कंटेनर में घुसी बस

पुलिस के अनुसार  चंडीगढ़ से उन्नाव जा रही यात्रियों से भरी बस सिकंदराराऊ कोतवाली क्षेत्र में एटा-अलीगढ़ मार्ग पर गांव टोली के पास खड़ी कंटेनर से टकरा गई। इस हादसे में बस चालक समेत दो लोगों की मौत हो गई। जबकि 14 लोग गंभीर रूप से घायल हो गए। मृतक की पहचान बस चालक काला निवासी चंडीगढ़ के रूप में हुई है। वहीं दूसरे यात्री के अभी पहचान नहीं हुई है। हादसे के बाद मौके पर अफरा तफरी मच गई। घटनास्थल पर जाम लग गया। सूचना मिलने पर पुलिस भी वहां पहुंच गई और आनन-फानन में कुछ लोगों को उपचार के लिए अलीगढ़ तो कुछ लोगों को उपचार के लिए हाथरस के सरकारी अस्पताल में भिजवाया गया। कुछ घायलों की हालत गंभीर बनी हैं।

मुख्यमंत्री ने मृतकों के प्रति जताया शोक

मौके पर पहुंचे डीएम आशीष पटेल और एसपी निपुण अग्रवाल ने जानकारी देते हुए बताया कि दुर्घटना में 14 लोग घायल हुए हैं। दो लोगों के मरने की पुष्टि हुई है। कुछ घायलों को प्राथमिक उपचार के बाद सामुदायिक स्वास्थ्य केंद्र से डिस्चार्ज कर दिया गया। जबकि गंभीर घायलों को बांग्ला अस्पताल हाथरस और कुछ घायलों को अलीगढ़ भेजा गया है।उधर हाथरस सड़क हादसे का मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने संज्ञान लेते हुए मृतकों के प्रति शोक संवेदना प्रकट किया है। वहीं घायलों का समुचित उपचार कराए जाने के निर्देश जिला प्रशासन को दिए हैं। उन्होंने पुलिस से तेजी से हादसे में हताहत हुए लोगों को राहत कार्य कराते हुए हर संभव मदद करने को कहा है।

पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन  से आनलाइन ठगी,रिपोर्ट दर्ज

लखनऊ। साइबर ठगी के मामले दिनों दिन बढ़ते जा रहे है। पुलिस साइबर ठगों पर अंकुश लगाने में अभी तक नाकाम साबित हो रही है। इसी का परिणाम है कि अब इसकी चपेत में बड़े-बड़े अधिकारी भी आना शुरू हो गए है। चूंकि साइबर अपराधी ठगी करने के लिए तमाम प्रकार की तरकीब अपना रहे है। जिससे उनके झांसे में लोग आसानी से आ रहे है। ऐसा ही कुछ उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के साथ हुआ। पूर्व मुख्य सचिव साइबर ठगी का शिकार होने के बाद गोमती नगर थाने में एफआईआर दर्ज कराई है।

एसबीआई बैंक के नाम से पूर्व मुख्य सचिव के पास आया फोन

पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन ने पुलिस को बताया कि कि एसबीआई बैंक के नाम से अज्ञात व्यक्ति का उनके पास फोन आया। अज्ञात व्यक्ति ने उन्हें क्रेडिट कार्ड का बकाया होने की बात कहकर कुछ नम्बर डायल कराया और शाम तक उनके अकाउंट से 383 डॉलर अर्थात बत्तीस हजार रुपये कट गये। पैसा कटने के बाद उन्हें महसूस हुआ की वह साइबर ठगी के शिकार हो गए है। इसके बाद तुरंत उनके द्वारा साइबर ठगी होने की शिकायत दर्ज कराई गई।

साइबर सेल की मदद से पुलिस ने शुरू की जांच

गोमती नगर थाने की पुलिस ने आलोक रंजन से तमाम जानकारी लेने के बाद साइबर सेल की मदद से ठगी मामले की जांच पड़ताल आरम्भ कर दी है। अकाउंट से कटे बत्तीस हजार रुपये के दूसरे अकाउंट में जाने की भी जानकारी जुटायी जा रही है। लखनऊ में पूर्व मुख्य सचिव आलोक रंजन के साथ हुईं ठगी की घटना के बाद समाजवादी पार्टी के प्रमुख नेताओं ने कानून व्यवस्था पर गुस्सा जाहिर किया है। उनका कहना है कि शहर में नामचीन लोगों के साथ साइबर क्राइम की घटना हो रही है तो फिर सामान्य लोग तो और भी शिकार हो रहे होंगे।
यूपी में प्राकृतिक आपदा से 21 की गई जान, सबसे ज्यादा मौते आकाशीय बिजली गिरने से
लखनऊ, 10 जुलाई (हि.स.)। उत्तर प्रदेश में बारिश और आकाशीय बिजली के कहर से कई जिले प्रभावित हुए हैं। राज्य के अलग-अलग जनपदों में चौबीस घंटे के भीतर 21 लोगों की जान जा चुकी है। आकाशीय बिजली से 18, डूबने से दो और एक की मौत सर्पदंश से हुई है।

सबसे ज्यादा मौतें प्रतापगढ़ में हुई है। यहां पर अलग-अलग थाना क्षेत्र में 10 लोगों की जान गई है। जिला प्रशासन के मुताबिक, जनपद में कंधई थाना क्षेत्र के पुरुषोत्तमपुर गांव में धान के फसल की रोपाई कर रहे किसान अर्जुन (45) उसकी पत्नी सुमन (42) और कंधई के अमहरा गांव की राम प्यारी (48), हमीरपुर नीम डबहा गांव निवासी विजय कुमार वर्मा (40), तिलहर डेरवा गांव निवासी आराधना (50), सैफू का पुरवा गांव निवासी अधिवक्ता पंकज तिवारी (38), अतौरिया गांव निवासिनी कांति (20) की आकाशीय बिजली की चपेट में आने से जान चली गई हैं। इसी तरह मनार गांव शिव पटेल (25), अशोगी गांव के गुड्डू सरोज (38) और संग्रामगढ़ नया का पुरवा गांव के राम स्वरूप (65) की भी आकाशीय बिजली गिरने से मौत हुई है।

इसके अलावा चंदौली जनपद में बारिश और आकाशीय बिजली गिरने से उसकी चपेट में आकर चौबेपुर के बभनपुरा गांव निवासी रूपलाल (52), पन्नू साहनी (32) और दो मछुआरों की मौत हुई है, जो कुंडा गांव के रहने वाले थे। वहीं 12 लोग झुलसे हुए हैं। इसके साथ वाराणसी में दो, गाजीपुर-इटावा में एक-एक लोगों की मौत आकाशीय बिजली की चपेट में आने से हुई है। गाजीपुर में नौ इटावा में एक व्यक्ति झुलस गए, जिनका इलाज अस्पताल में चल रहा है।राहत विभाग की ओर से जानकारी दी गई है कि शासन के निर्देश पर पीड़ित परिवारों को आर्थिक सहयोग के निर्देश जिलाधिकारियों को दिए गए हैं। साथ ही आपदाओं से बचाने के लिए अधिकारी एवं कर्मचारी गांव-गांव में चौपाल लगा रहे हैं।


उल्लेखनीय है कि उत्तर प्रदेश में चौबीस घंटे में 2.3 मिमी औसत वर्षा हुई है, जो सामान्य वर्षा से 8.6 मिमी के सापेक्ष 26.7 प्रतिशत है। इस प्रकार एक जून से 10 जुलाई तक 213.2 मिमी वर्षा हुई है। प्रदेश के कुल 12 जिलों के 633 गांव बाढ़ से प्रभावित हो चुके हैं।
शिक्षकों को तीन दिन के भीतर डिजिटल उपिस्थति की व्यवस्था को अपनाने की अंतिम चेतावनी


लखनऊ। शिक्षकों की डिजिटल उपस्थिति को लेकर तमाम विरोध के बावजूद शिक्षा विभाग किसी भी प्रकार की छूट देने के मूड में नहीं दिखाई दे रहा है। इसलिए बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव डॉ. एम.के. शनमुगा सुंदरम ने उत्तर प्रदेश के बेसिक शिक्षकों से डिजिटल उपिस्थति पर आने की अपील की है। प्रमुख सचिव ने अपने बयान में कहा कि हमारे शिक्षकों को बच्चों के लिए असुविधा को सहन कर लेना चाहिए। किसी नेक प्रयास के लिए आगे बढ़ने पर असुविधा हो सकती है।


शिक्षकों को बच्चों के लिए असुविधा सहन कर लेना चाहिए : प्रमुख सचिव

प्रमुख सचिव एमके शनमुगा सुंदरम ने कहा कि शिक्षकों को अपने साथ-साथ बच्चों का ध्यान रखना चाहिए। अगली पीढ़ी को तैयार कर रहें शिक्षकों को बच्चे के विकास के बारे में भी सोचना चाहिए। शिक्षकों को शुरु में असुविधा होगी, जिसे बाद में आदत के रुप में आने में देर नहीं लगेगी। वहीं बेसिक शिक्षा विभाग के प्रमुख सचिव की ओर से विभागीय अधिकारियों को सख्ती करने का आदेश भी दिया गया है। जिसमें जनपदीय अधिकारियों ने शिक्षकों को तीन दिन के भीतर डिजिटल उपिस्थति की व्यवस्था को अपनाने की अंतिम चेतावनी दी गई है। इसी क्रम में अनुशासनहीनता में कार्रवाई करते हुए बाराबंकी और उन्नाव में शिक्षकों का अनुपस्थित दिनों का वेतन रोकने का निर्देश भी दे दिया गया है।

डिजिटल अटेंडेंस को लेकर शिक्षको का विरोध जारी

प्रदेश भर में डिजिटल अटेंडेंस को लेकर चौथे दिन भी शिक्षकों का विरोध जारी रहा और उन्होंने उपस्थिति दर्ज नहीं कराई। साथ ही शिक्षकों ने संयुक्त संघर्ष मोर्चा का गठन कर 15 जुलाई को हर जिले में प्रदर्शन कर ज्ञापन देने का निर्णय लिया।इधर, बरेली में दो दिन की छुट्टी के बाद बुधवार को विद्यालय खुले। अभी भी कई स्कूलों में पानी भरा हुआ है और शिक्षक काफी दिक्कत से स्कूल पहुंच रहे हैं। यूनाइटेड टीचर्स एसोसिएशन (यूटा) के नेतृत्व में सभी संगठनों के पदाधिकारी व शिक्षकों ने सभी ब्लॉकों में मुख्यमंत्री को संबोधित ज्ञापन दिया।

विरोध करने के लिए शिक्षकों ने बनाया यह प्लान

उत्तर प्रदेशीय प्राथमिक शिक्षक संघ के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. दिनेश चंद्र शर्मा ने बताया कि संगठन 11-12 जुलाई को ब्लॉक स्तर पर शिक्षकों से वार्ता कर उनका पक्ष जानेगा। इसके बाद 15 जुलाई को आगे का निर्णय लेगा। जबकि सभी शिक्षक संगठनों के संयुक्त संघर्ष मोर्चा ने 15 जुलाई को हर जिलों में स्कूल टाइम के बाद संयुक्त रूप से एकत्र होकर मार्च कर जिला मुख्यालय जाने और डीएम के माध्यम से सीएम को ज्ञापन भेजने का निर्णय लिया है। साथ ही 29 जुलाई को लखनऊ में निशातगंज स्थित महानिदेशक कार्यालय के घेराव का भी एलान किया है।
बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़े, बाढ़ के चलते 15 लोगाें की गई जान
लखनऊ । उत्तर प्रदेश में लगातार बारिश और बांधों से पानी छोड़े जाने के चलते बाढ़ से हालत बिगड़ गए हैं। बाढ़ से सबसे ज्यादा बरेली, पीलीभीत, लखीमपुर खीरी, बदायूं, बहराइच, श्रावस्ती, अंबेडकरनगर, बाराबंकी, आयोध्या, गोंडा और बलरामपुर प्रभावित हैं। इन्हीं जिलों में बुधवार को बाढ़ के चलते 15 लोगाें की मौत हो गई। लखीमपुर खीरी में सबसे ज्यादा चार लोगों की जान गई। वहीं बहराइच में तीन, सीतापुर, पीलीभीत बदायूं और श्रावस्ती में एक-एक जबकि बरेली व बलरामपुर में दो-दो लोगों की डूबने से मौत हो गई।

अवध में बारिश थमने से भले ही बाढ़ प्रभावित श्रावस्ती व बहराइच में बुधवार को कुछ राहत मिली, लेकिन गोंडा व बलरामपुर में संकट बरकरार रहा। अयोध्या, अंबेडकरनगर व बाराबंकी के भी कुछ क्षेत्रों में बाढ़ से हालात बन गए हैं। सुबह शारदा, गिरिजा व सरयू बैराज से 3.6 लाख क्यूसेक पानी छोड़े जाने से बहराइच में सरयू नदी खतरे के निशान से 49 सेंटीमीटर ऊपर बहने लगी। यहां के करीब 24 गांवों में पानी भरा हुआ है।

अंबेडकरनगर में नदी लाल निशान 85.19 मीटर तक पहुंच गई

अंबेडकरनगर में नदी लाल निशान 85.19 मीटर तक पहुंच गई। इससे अराजी देवारा संपर्क मार्ग बह गया। बलरामपुर जिले में मंगलवार की रात लखमा गांव के पास राप्ती नदी का तटबंध कट गया। मौके पर पहुंची प्रशासनिक टीम ने छह घंटे के भीतर ही कटान को रोक लिया। इससे करीब 20 गांवों के लोगों ने राहत की सांस ली। बाराबंकी में बाढ़ से 36 गांवों में तबाही मची है। सिरौलीगौसपुर व रामनगर तहसील क्षेत्र के ग्रामीण मजबूरी में तटबंध पर शरण लिए हुए हैं। अयोध्या में सरयू लाल निशान से 27 सेमी ऊपर पहुंच गई। इससे कई गांव बाढ़ के पानी से घिर गए। गोंडा में सरयू खतरे के निशान से 58 सेमी ऊपर पहुंच गई है।

उधर, मंगलवार रात शाहजहांपुर शहर भी बाढ़ की चपेट में आ गया। यहां के 20 से अधिक मोहल्लों में नदियों का पानी घुस गया। शहर और ग्रामीण क्षेत्र के 20 हजार लोग इससे प्रभावित हुए हैं। फंसे लोगों को सुरक्षित स्थान तक पहुंचाने के लिए सेना की मदद लेना पड़ी। वहीं एनडीआरएफ ने मोर्चा संभाल लिया।

बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया

लखीमपुर खीरी में डेढ़ सौ गांव बाढ़ की चपेट में आ गए हैं। बाढ़ प्रभावित इलाकों में विद्युत आपूर्ति का संकट खड़ा हो गया है। वहीं लोग छतों पर आसरा लिए हुए हैं, वे खाने को भी तरस रहे हैं। हालांकि प्रशासन बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद का दावा कर रहा है। पीलीभीत शहर के बाद मंगलवार देर शाम को यहां के बीसलपुर कस्बे के पांच मोहल्लों और 60 गांवों में भी देवहा नदी का पानी घुस गया। हालांकि शहर में कुछ राहत रही।

शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा

शाहजहांपुर में खतरे के निशान से ऊपर बह रहीं गर्रा और खन्नौत नदियों का पानी बुधवार को शहर में घुस गया। यह शहर इन्हीं दो नदियों के बीच में बसा है। मंगलवार रात अचानक जलस्तर में वृद्धि हुई। इससे अक्षरधाम कॉलोनी में पानी घुस गया। रात में यहां के 25 परिवारों को किसी तरह से निकालकर सुरक्षित स्थान पर पहुंचाया गया। इन जगहों के लोगों को बाहर निकालने के लिए सेना की स्थानीय मद्रास रेजिमेंट की मदद लेनी पड़ी।

बिजली गिरने से 44 की मौत

वहीं, प्रदेश में बुधवार को बिजली गिरने से 44 लोगों की मौत हो गई। इसमें सबसे ज्यादा 12 लोगों की प्रयागराज मंडल में जान चली गई। इसके अलावा कानपुर और बुंदेलखंड में 6, वाराणसी मंडल में 9, मैनपुर में 5 जबकि देवरिया और सिद्धार्थनगर में एक-एक व्यक्ति की बिजली गिरने से मौत हो गई। वहीं अवध क्षेत्र में भी 10 लोगों की मौत हो गई। इनमें सुल्तानपुर में छह, अमेठी में तीन व रायबरेली में एक किसान की मौत हो गई। यहां तीन छात्राएं झुलसी भी हैं।

पीलीभीत व लखीमपुर खीरी का सीएम ने किया दौरा

बाढ़ से जूझ रहे लोगों का हाल जानने के लिए सीएम योगी ने बुधवार को पीलीभीत और लखीमपुर खीरी का हवाई दौरा किया। साथ ही दोनों जिलों में लोगों के बीच पहुंचकर राहत सामग्री बांटी। उन्होंने भरोसा दिया कि बाढ़ पीड़ितों की हरसंभव मदद की जाएगी। बर्बाद हुई फसलों का मुआवजा दिया जाएगा और जान गंवाने वालों के परिजनों को चार-चार लाख रुपये दिए जाएंगे।

राहत बचाव के सीएम ने दिया निर्देश

पीलीभीत के ट्रांस शारदा क्षेत्र के चंदिया हजारा गांव पहुंचे मुख्यमंत्री ने राहत एवं बचाव कार्य तेज करने के लिए अफसरों को निर्देश दिए। उन्होंने शहर के साथ ही बीसलपुर इलाके का भी हवाई दौरा किया। पूरनपुर के रूदपुर गांव में भी उन्होंने प्रभावितों से मुलाकात की। पीलीभीत से वह लखीमपुर खीरी पहुंचे। वहां बाढ़ क्षेत्रों का हवाई दौरा किया और स्टीमर से महदेवा गांव पहुंचकर ग्रामीणों से बात की। शारदा नगर कॉलोनी पहुंचे मुख्यमंत्री ने कहा कि आपदा में सरकार आपके साथ खड़ी है।

फिरोजाबाद में करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में एसडीएम, नायब तहसीलदार , राजस्व निरीक्षक तथा लेखपाल निलंबित
लखनऊ । जमीन हड़पने व कब्जा करने वालों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई करने के सीएम योगी के निर्देशों का असर दिखने लगा है। शासन ने फिरोजाबाद में करोड़ों की जमीन हड़पने के मामले में बुधवार को सिरसागंज के एसडीएम विवेक राजपूत, नायब तहसीलदार नवीन कुमार, राजस्व निरीक्षक मुकेश कुमार सिंह, लेखपाल अभिलाष सिंह और एसडीएम के पेशकार प्रमोद शाक्य को निलंबित कर दिया।

इन सभी पर मुकदमा दर्ज करने के साथ विजिलेंस द्वारा आय से अधिक संपत्ति अर्जित करने की जांच के भी आदेश दिए हैं। निलंबित किए गए सभी अधिकारियों पर संदिग्ध आदेश जारी करके भूमि अपने संबंधियों को दिलाने का आरोप है।

बता दें कि सिरसागंज के गांव रुधैनी के योगेंद्र ने डीएम के यहां शिकायत की थी। इसके मुताबिक उसका 75 बीघा जमीन का विवाद तहसीलदार सिरसागंज के यहां चल रहा था। 12 जून 2024 को नकल सवाल डालने पर उसे पता चला कि तहसील से दूसरे पक्ष के हक में सात जून को ही फैसला हो चुका है।


दूसरे पक्ष के लोगों के नाम फर्द में अंकित करने के साथ 12 जून को करोड़ों रुपये की 75 बीघा जमीन का आठ अलग-अलग नामों से बैनामा भी कर दिया गया। इसमें एसडीएम सिरसागंज, नायब तहसीलदार, लेखपाल, राजस्व निरीक्षक और पेशकार की मिलीभगत है। इसके बाद सीडीओ की अध्यक्षता में चार सदस्यीय जांच टीम गठित हुई थी, जिसमें आरोप सही पाए गए। जिसके बाद शासन की तरफ से कार्रवाई की गई है।
बाढ़ प्रभावित खीरी के क्षेत्र का सीएम ने किया हवाई सर्वेक्षण,  प्रभावितों को हर संभव मदद के दिए निर्देश
लखनऊ/लखीमपुर खीरी। भीषण बाढ़ और कटान से प्रभावित क्षेत्र का उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हवाई सर्वेक्षण किया। इसके बाद शारदा नगर बांध पर पहुंच कर बाढ़ प्रभावित क्षेत्र के लिए किए जा रहे कार्यों की समीक्षा की और पत्रकारों से भी रूबरू हुए।
इस दौरान उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर से बाढ़ प्रभावित खीरी जनपद का हवाई सर्वेक्षण किया है। बड़ी संख्या में लोग इससे प्रभावित हैं। काफी बड़ी भूमि बाढ़ से ग्रस्त है।

133 गांव बाढ़ की चपेट में हैं। जबकि पलिया, निघासन, धौरहरा तहसील और उनके कई ब्लॉक भी बाढ़ प्रभावित हैं। शारदा नगर डैम पर बने हेलीपैड पर मुख्यमंत्री का उड़न खटोला उतरा, जहां उन्हें गार्ड आॅफ आॅनर दिया गया। इसके बाद उन्होंने अधिकारियों से वार्ता कर बाढ़ की प्रभावित क्षेत्र के हालात और उसे लेकर की गई तैयारी के बारे में जानकारी की। शारदा नगर क्षेत्र का दौरा किया। उन्होंने कहा कि बाढ़ को लेकर शासन और प्रशासन सजग है। बाढ़ पीड़ितों को पीएम आवास योजना की तरह योजना बनाकर पुनर्स्थापित किया जाएगा। जन हानि, धन हानि और पशु हानि की स्थिति में आपदा कोष से सहायता दी जाएगी।

स्वास्थ्य विभाग मुस्तैदी से अपना काम कर रहा है। सीएचसी, पीएचसी और सरकारी समस्त अस्पतालों में सांप और जहरीले जीवों सहित कुत्ते काटने के पर्याप्त इंजेक्शन उपलब्ध हैं। उन्होंने प्रशासन को सभी आपदा पीड़ितों तक राहत किट पहुंचने के निर्देश दिए। उन्होंने कहा कि अचानक हुई बारिश से जुलाई के पहले हफ्ते में ही बाढ़ जैसे हालात बन गए हैं। सरकार द्वारा इसकी तैयारी पहले से कर ली गई थी। इसीलिए समस्त आपदा प्रबंधन कार्य तेजी से किये जा रहे हैं। नेपाल और उत्तराखंड का जिक्र करते हुए सीएम योगी ने कहा कि दोनों जगह पर हुई बारिश का पानी नदियों के माध्यम से खीरी जनपद को प्रभावित कर रहा है। शासन और प्रशासन स्तर पर समस्त तैयारी की जा रही हैं। शासन स्तर से प्रभावित आम जनमानस को हर संभव मदद दी जाएगी।

मुख्य सचिव व डीजीपी ने किए बांकेबिहारी के दर्शन,वृंदावन के रास्तों का लिया जायजा
लखनऊ /मथुरा। श्रीकृष्ण की नगरी में बुधवार दोपहर प्रदेश के मुख्य सचिव मनोज कुमार सिंह और पुलिस महानिदेशक प्रशांत कुमार ने बांके बिहारी मंदिर में ठाकुरजी की पूजा की। यहां की व्यवस्थाओं का जायजा लिया। इसके बाद वह कोसीकलां में बने आॅक्सीजन प्लांट कार्यक्रम में शामिल होने के लिए रवाना हो गए। इस दौरान वृंदावन पूरा पुलिस छावनी में तब्दील दिखाई दिया।

मुख्य सचिव ने कहा कि वृंदावन में बिहारी जी के दर्शन करने के लिए आने वाले लाखों लोगों को किसी भी प्रकार की असुविधा न हो, उसके लिए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ चिंतित हैं। वृंदावन आने वाली लाखों की भीड़ को किस तरह दर्शन कराए जा सकें, इसको लेकर बुधवार को मंथन हुआ। इस दौरान मुख्य सचिव ने कहा कि बांके बिहारी के दर्शन के लिए महत्वपूर्ण दिनों में सात से 10 लाख श्रद्धालू एक दिन में दर्शन करने आते हैं। आसपास संकरी गलियां हैं। मंदिर में प्रवेश को तीन और निकासी को दो दरवाजे हैं। मुख्यमंत्री को चिंता है कि कैसे भीड़ को नियंत्रित करके सुगम तरीके से श्रद्धालुओं को दर्शन कराए जा सके।

इसीलिए मैं और डीजीपी यहां पर आए हुंए हैं। यहां जो दर्शन करने आ रहे हैं, उनको केंद्रित करते हुए व्यवस्था चाक चौबंद हो, इसको लेकर रूपरेखा तैयार की गई है। मंडलीय और जनपद के अधिकारियों के साथ पार्किंग आदि व्यवस्थाओं को मौका मुआयना भी किया है। ट्रैफिक प्लान फेल के बारे में उन्होंने कहा कि इस पर चर्चा करेंगे लेकिन मकसद यही है कि पार्किंग के लिए नियत स्थान हो। जो स्थानीय लोगों को कम से कम परेशानी हो। मुड़िया पूर्णिमा मेला के बारे में बताया कि समुचित व्यवस्था होगी, वह काफी लंबा भी चलता है। उसकी सारी व्यवस्था सुनिश्चित की जाएगी। पुलिस महानिदेशक ने बताया कि उत्तर प्रदेश के जिन धार्मिक स्थल पर श्रद्धालु आते हैं, उसकी एक सुरक्षा स्कीम है। उस स्कीम के तहत ही व्यवस्था की जाती है।

बांके बिहारी मंदिर के बारे में अभी जो स्कीम है, उसको और कैसे बेहतर किया जा सके, इस पर मंथन किया गया है। भीड़ होने पर श्रद्धालुओं को और स्थानीय को कोई असुविधा न हो, इसके लिए सुविधा का स्तर बेहतर किया जाए। बिना कष्ट के दर्शन करा पाएं, यह देखने के लिए सभी अधिकारियों के साथ स्थलीय निरीक्षण किया है। वर्तमान में पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था जोन स्तर पर कराई जा चुकी है। नए उपकरण के साथ अधिक से अधिक तकनीक का प्रयोग हो रहा है। मुड़िया पूर्णिमा मेला के लिए पर्याप्त सुरक्षा बल समय से उपलब्ध कराया जाएगा। बैठक में जिले के तमाम वरिष्ठ ?अधिकारी और कर्मचारी मौजूद रहे। सूफियाना अंदाज में मियां साहब का किया गया इस्तकबाल।